10-04-2023, 10:18 AM
पार्ट 5
(सर्त के चक्कर मे बाजी ,अम्मी और बहन की चुदाई)
मैंने जल्दी से बाइक निकाली और अप्पी को बैठने के लिए बोला, आज अप्पी बाइक पर बैठने में झिझक रही थी, मुझे मालूम था कि उनके चूतड़ में बहुत दर्द हो रहा है |
मैं अप्पी से बोला- जल्दी बैठिये न, क्या हुआ ?
अप्पी बाइक पर बैठ गयी | अब उनके चूतड़ में और भी ज्यादा दर्द होने लगा | मैंने बाइक स्टार्ट की और घर की तरफ चल दिया | आज मेरे मन में बहुत सारे सवाल उठ रहे थे पर उन सवालो के जवाब मेरे पास नही थे | मैं बहुत शांत था और बाइक भी धीरे-धीरे चला रहा था, ये सोच कर की कही अप्पी को कोई झटका न लगे और उनके चूतड़ में ज्यादा दर्द न हो | अप्पी से कोई बात भी नही कर रहा था |
अप्पी मुझसे बोली- क्या बात है रमज़ान ? आज बहुत शांत हो, कोई बात है क्या ?
मैं बोला- नही अप्पी, कोई बात नही है, आज मैं बहुत थक गया हूँ |
अप्पी बोली- मैंने तुमसे गाड़ी निकालने के लिए बोला था, तुम कहाँ चले गये थे ? मैं कब से तुम्हारा इन्तेजार कर रही थी |
मैं बोला- अभी 2 मिनट पहले ही तो गया था, आप ही नही आई तो मैं पेशाब करने चला गया था |
अप्पी बोली- कहाँ गया था पेशाब करने ?
बिना कुछ सोचे मेरे मुंह से से निकल गया कि कैंटीन के पीछे | फिर मैंने सोचा कि ये मैंने क्या बोल दिया | मैंने तुरंत अपना जवाब बदला और बोला कि अरे स्टैंड के पीछे गया था |
अप्पी चौक गयी और बोली- तुम तो कैंटीन की तरफ से आ रहे थे | तुम मुझसे कुछ छुपा रहे हो |
मैं बोला- हाँ वो आपको आने में बहुत टाइम लग गया तो मैं आपको देखने और बुलाने गया था कि आप कहाँ रह गयी |
इतना सुनते ही अप्पी और भी ज्यादा चौक और बोली तो क्या तुमने वहां कुछ देखा ?
मैंने बाइक सड़क के किनारे रोक दी और पीछे मुड कर अप्पी की तरफ देख कर बोला- हाँ अप्पी मैंने सब देख लिया |
इतना सुनते ही अप्पी ने अपनी गर्दन नीचे झुका ली और उनकी आँखों में आंसू आ गए, वो रोने लगी |
मैंने अप्पी से सिर्फ इतना पूछा कि क्या ज्यादा दर्द हो रहा है ?
अप्पी कुछ बोली नही सिर्फ रोते हुए हाँ में सर हिला दिया |
मैं बोला- चल कर किसी मेडिकल स्टोर से दवाई ले लेते है, आपको आराम मिल जाएगी |
मुझे अब तक इस बात का अहसास तो हो गया था कि मेरी आलिशा अप्पी ने जो किया है वो अपनी मर्ज़ी से नही किया, उनकी कोई न कोई मज़बूरी जरुर होगी, नही तो मेरी सरीफ बाजी अभिषेक से पास नही जाती |
इतना बोल कर मैंने बाइक स्टार्ट की और एक मेडिकल स्टोर के सामने रुक गया |
मैं अप्पी से बोला- आप यही रुको, मैं दवाई ले कर आता हूँ |
मैं मेडिकल स्टोर पर गया और कुछ दवाई खाने वाली और एक क्रीम की ट्यूब लगाने वाली ले आया | मैंने एक पानी की बोलत खरीदी और अप्पी वो वही दवाई खिला दी | मैंने सोचा की अप्पी को आइसक्रीम बहुत पसंद है, अप्पी को आइसक्रीम खिला देता हूँ, उनको कुछ अच्छा लगेगा | मैं अप्पी के लिए उनकी पसंद की आइसक्रीम ले आया और अप्पी को दे दी | उसके बाद हम घर आ गये |
घर में बहार से ताला बंद था | अम्मी और फरीदा अभी कॉलेज से वापस नही आई थी | मैंने बाजी से घर की चाभी ली और ताला खोल कर अन्दर आ गये | अप्पी मेरे पीछे-पीछे आ रही थी | जैसे ही हम रूम में अन्दर आये आलिशा अप्पी मुझसे बोली कि रमज़ान मैं तुमसे कुछ बात करना चाहती हूँ |
मैं बोला- अप्पी पहले आप हाँथ-मुंह धुल लो और क्रीम लगा लो फिर बाद में बात करेंगे |
अप्पी बोली- मैं तुम्हे बताना चाहती हूँ कि मैंने ऐसा क्यों किया |
मैं भी जानना चाहता था कि मेरी अप्पी ने ऐसा क्यों किया लेकिन मैं बोला कि रात में खाना खाने के बाद हम इस बारे में बात करेंगे |
अप्पी रोते हुए हाँथ जोड़ कर मुझसे बोली- तुम्हे ये जानना बहुत जरुरी है कि मैंने ऐसा क्यों किया, मेरी बात सुन लो, ये तुम्हारे लिए भी ये बहुत जरुरी है | अम्मी और फरीदा के आने में अभी बहुत टाइम है |
मैं समझ गया था कि कोई न कोई बात जरुर है इसलिए अप्पी इतना जिद कर रही है |
मैं बोला- ठीक है अप्पी लेकिन पहले आप हाँथ-मुंह धो लो और क्रीम लगा लो, तब तक मैं आपके लिए शरबत बना के लता हूँ |
बाजी बोली- ठीक है |
आलिशा बाजी बाथरूम में चली गयी और मैं किचेन में चला गया | मैंने बाजी के लिए शरबत बनाया और अप्पी के रूम में आ गया | मैंने देखा कि अप्पी सिर्फ समीज पहने खाड़ी है, अप्पी ने कुछ और नही पहना था, अप्पी की समीज सिर्फ उनकी कमर के थोडा ऊपर तक ही थी, वो कमर के नीचे पूरी नंगी थी | उनके हाँथ में दवाई थी जो अभी तक उन्होंने अपने चूतड़ में नही लगायी थी | शायद उनके चूतड़ में दर्द ज्यादा हो रहा था इसलिए दवाई नही लगा पा रही थी | उनकी आँखों में आंसू थे |
अप्पी मुझे देख कर बोली- रमज़ान अब तुमसे क्या शर्माना, तुमने तो मुझे पूरा नंगा देखा ही है |
मैं बोला- अप्पी अभी तक अपने दवाई नही लगायी |
अप्पी बोली- रमज़ान मेरे पीछे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है, दवाई लगाने की मेरी हिम्मत नही हो रही |
मैं बोला- अप्पी अगर आपको प्रोब्लम न हो तो मैं आपके दवाई लगा दूँ |
अप्पी बोली- हाँ ठीक है, तुम ही दवाई लगा दो | मुझे कोई प्रोब्लम नही है |
इतना बोल कर अप्पी ने दवाई मुझे दी और अपने बिस्तर पर उल्टा हो कर पेट के बल लेट गयी | मैंने शरबत मेज़ पर रख दिया और अप्पी के बगल में बैठ गया | मैंने देखा कि मेरी आलिशा अप्पी के गोरे चूतड़ एकदम लाल-काले हो गये थे, उनके चूतड़ में काफी सूजन भी आ गयी थी | बेल्ट की मार के निशान भी बने थे | मैं क्रीम को अपनी उंगली में ले कर अप्पी के चूतड़ पर लगाने लगा |
अप्पी बोली- रमज़ान मैं तुम्हे कुछ बताना चाहती हूँ |
मैं बोला- हाँ अप्पी बताओ |
अप्पी बोली- आज मैं अभिषेक के पास अपने नंबर बढवाने नही गयी थी | मैं किसी दूसरे जरुरी काम से गयी थी | मैं तुम्हे ये नही बताना चाहती थी पर अब तुमसे ये सब छुपाने का कोई फायदा नही है |
मैं बोला- ऐसा क्या जरुरी काम है जो आपको अभिषेक के पास जाना पड़ा ?
अप्पी बोली- अम्मी जिस कॉलेज में पढ़ाती है उस कॉलेज के प्रिंसिपल राजू श्रीवास्तव ने एक दिन अम्मी को कोई नशा दे कर उनकी नंगी फोटो खिंची और विडियो भी बना लिया | अब वो अम्मी को ब्लैक-मेल करता है और अम्मी के साथ सेक्स भी करता है | उसने अम्मी को कुछ महीने से सैलरी भी नही दी है, उल्टा वो अम्मी से पैसे मांगता है | अब वो हमारी अम्मी को अपने दोस्तों का बिस्तर गरम करने के लिए बोल रहा है और साथ में मुझे और फरीदा को मांग रहा है | वो अम्मी को बहुत मारता भी है | फरीदा जब कॉलेज से वापस आती है तो एक लड़का उसे बहुत छेड़ता है, वो लड़का कभी कभी फरीदा के सीने पर भी हाँथ लगा देता है, एक दिन तो उस लड़के ने फरीदा की स्कर्ट के अन्दर हाँथ डाल कर फरीदा की पैंटी भी खींच ली थी | उस दिन फरीदा घर आ कर बहुत रोयी थी | ये सब हमने तुम्हे नही बताया | मैं सिर्फ तुम्हारे दोस्तों की वजह से अभी तक बची हूँ | तुम्हारे दोस्तों से डर कर कोई मुझे कुछ नही बोलता है | मैंने अभिषेक के बारे में अपनी सहेलियों से काफी कुछ सुना है | इसलिए मैं अभिषेक के पास अपने नंबर बढवाने के बहाने गयी थी | अगर मैं उसके पापा तक पहुँच गयी तो मैं अम्मी को उस प्रिंसिपल के चंगुल से छुड़वा लुंगी और फरीदा को भी उस लड़के से बचा लेती | मैंने ये बात अम्मी और फरीदा को पहले ही बता दी थी, सिर्फ तुम्हे नही बताई लेकिन अब तुम्हे भी सब बता दिया है | अभिषेक से मिल कर एक बात साफ़ है कि हम तीनो को उसकी गुलाम होना पड़ेगा, उसकी रखैल बन कर रहना पड़ेगा | इसी में हम सब की भलाई है | मुझे पता है कि अभिषेक कभी किसी लड़की को ब्लैक-मेल या उसके साथ कोई जबरदस्ती नही करता | मुझे मालूम था कि अभिषेक आज मेरा एग्जाम ले रहा है, ये बात मेरी एक सहेली ने मुझे पहले ही बता दी थी |
ये सब सुन कर मेरी आँखों में आंसू आ गये और मैं रोने लगा, मैं कुछ बोल नही पाया |
इतनी देर में ही डोर-बेल बजी | मैं और अप्पी दोनों समझ गये कि अम्मी और फरीदा आ गयी है |
मैं बोला- अप्पी आप अपने कपड़े पहन लो, मैं दरवाज़ा खोलता हूँ |
अप्पी बोली- अरे कपड़े पहनने की जरुरत नही है, अम्मी और फरीदा को सब पता चल ही जायेगा | मुझे बहुत दर्द हो रहा है | मुझे लेता रहने दो, तुम जा कर दरवाज़ा खोल दो
(सर्त के चक्कर मे बाजी ,अम्मी और बहन की चुदाई)
मैंने जल्दी से बाइक निकाली और अप्पी को बैठने के लिए बोला, आज अप्पी बाइक पर बैठने में झिझक रही थी, मुझे मालूम था कि उनके चूतड़ में बहुत दर्द हो रहा है |
मैं अप्पी से बोला- जल्दी बैठिये न, क्या हुआ ?
अप्पी बाइक पर बैठ गयी | अब उनके चूतड़ में और भी ज्यादा दर्द होने लगा | मैंने बाइक स्टार्ट की और घर की तरफ चल दिया | आज मेरे मन में बहुत सारे सवाल उठ रहे थे पर उन सवालो के जवाब मेरे पास नही थे | मैं बहुत शांत था और बाइक भी धीरे-धीरे चला रहा था, ये सोच कर की कही अप्पी को कोई झटका न लगे और उनके चूतड़ में ज्यादा दर्द न हो | अप्पी से कोई बात भी नही कर रहा था |
अप्पी मुझसे बोली- क्या बात है रमज़ान ? आज बहुत शांत हो, कोई बात है क्या ?
मैं बोला- नही अप्पी, कोई बात नही है, आज मैं बहुत थक गया हूँ |
अप्पी बोली- मैंने तुमसे गाड़ी निकालने के लिए बोला था, तुम कहाँ चले गये थे ? मैं कब से तुम्हारा इन्तेजार कर रही थी |
मैं बोला- अभी 2 मिनट पहले ही तो गया था, आप ही नही आई तो मैं पेशाब करने चला गया था |
अप्पी बोली- कहाँ गया था पेशाब करने ?
बिना कुछ सोचे मेरे मुंह से से निकल गया कि कैंटीन के पीछे | फिर मैंने सोचा कि ये मैंने क्या बोल दिया | मैंने तुरंत अपना जवाब बदला और बोला कि अरे स्टैंड के पीछे गया था |
अप्पी चौक गयी और बोली- तुम तो कैंटीन की तरफ से आ रहे थे | तुम मुझसे कुछ छुपा रहे हो |
मैं बोला- हाँ वो आपको आने में बहुत टाइम लग गया तो मैं आपको देखने और बुलाने गया था कि आप कहाँ रह गयी |
इतना सुनते ही अप्पी और भी ज्यादा चौक और बोली तो क्या तुमने वहां कुछ देखा ?
मैंने बाइक सड़क के किनारे रोक दी और पीछे मुड कर अप्पी की तरफ देख कर बोला- हाँ अप्पी मैंने सब देख लिया |
इतना सुनते ही अप्पी ने अपनी गर्दन नीचे झुका ली और उनकी आँखों में आंसू आ गए, वो रोने लगी |
मैंने अप्पी से सिर्फ इतना पूछा कि क्या ज्यादा दर्द हो रहा है ?
अप्पी कुछ बोली नही सिर्फ रोते हुए हाँ में सर हिला दिया |
मैं बोला- चल कर किसी मेडिकल स्टोर से दवाई ले लेते है, आपको आराम मिल जाएगी |
मुझे अब तक इस बात का अहसास तो हो गया था कि मेरी आलिशा अप्पी ने जो किया है वो अपनी मर्ज़ी से नही किया, उनकी कोई न कोई मज़बूरी जरुर होगी, नही तो मेरी सरीफ बाजी अभिषेक से पास नही जाती |
इतना बोल कर मैंने बाइक स्टार्ट की और एक मेडिकल स्टोर के सामने रुक गया |
मैं अप्पी से बोला- आप यही रुको, मैं दवाई ले कर आता हूँ |
मैं मेडिकल स्टोर पर गया और कुछ दवाई खाने वाली और एक क्रीम की ट्यूब लगाने वाली ले आया | मैंने एक पानी की बोलत खरीदी और अप्पी वो वही दवाई खिला दी | मैंने सोचा की अप्पी को आइसक्रीम बहुत पसंद है, अप्पी को आइसक्रीम खिला देता हूँ, उनको कुछ अच्छा लगेगा | मैं अप्पी के लिए उनकी पसंद की आइसक्रीम ले आया और अप्पी को दे दी | उसके बाद हम घर आ गये |
घर में बहार से ताला बंद था | अम्मी और फरीदा अभी कॉलेज से वापस नही आई थी | मैंने बाजी से घर की चाभी ली और ताला खोल कर अन्दर आ गये | अप्पी मेरे पीछे-पीछे आ रही थी | जैसे ही हम रूम में अन्दर आये आलिशा अप्पी मुझसे बोली कि रमज़ान मैं तुमसे कुछ बात करना चाहती हूँ |
मैं बोला- अप्पी पहले आप हाँथ-मुंह धुल लो और क्रीम लगा लो फिर बाद में बात करेंगे |
अप्पी बोली- मैं तुम्हे बताना चाहती हूँ कि मैंने ऐसा क्यों किया |
मैं भी जानना चाहता था कि मेरी अप्पी ने ऐसा क्यों किया लेकिन मैं बोला कि रात में खाना खाने के बाद हम इस बारे में बात करेंगे |
अप्पी रोते हुए हाँथ जोड़ कर मुझसे बोली- तुम्हे ये जानना बहुत जरुरी है कि मैंने ऐसा क्यों किया, मेरी बात सुन लो, ये तुम्हारे लिए भी ये बहुत जरुरी है | अम्मी और फरीदा के आने में अभी बहुत टाइम है |
मैं समझ गया था कि कोई न कोई बात जरुर है इसलिए अप्पी इतना जिद कर रही है |
मैं बोला- ठीक है अप्पी लेकिन पहले आप हाँथ-मुंह धो लो और क्रीम लगा लो, तब तक मैं आपके लिए शरबत बना के लता हूँ |
बाजी बोली- ठीक है |
आलिशा बाजी बाथरूम में चली गयी और मैं किचेन में चला गया | मैंने बाजी के लिए शरबत बनाया और अप्पी के रूम में आ गया | मैंने देखा कि अप्पी सिर्फ समीज पहने खाड़ी है, अप्पी ने कुछ और नही पहना था, अप्पी की समीज सिर्फ उनकी कमर के थोडा ऊपर तक ही थी, वो कमर के नीचे पूरी नंगी थी | उनके हाँथ में दवाई थी जो अभी तक उन्होंने अपने चूतड़ में नही लगायी थी | शायद उनके चूतड़ में दर्द ज्यादा हो रहा था इसलिए दवाई नही लगा पा रही थी | उनकी आँखों में आंसू थे |
अप्पी मुझे देख कर बोली- रमज़ान अब तुमसे क्या शर्माना, तुमने तो मुझे पूरा नंगा देखा ही है |
मैं बोला- अप्पी अभी तक अपने दवाई नही लगायी |
अप्पी बोली- रमज़ान मेरे पीछे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है, दवाई लगाने की मेरी हिम्मत नही हो रही |
मैं बोला- अप्पी अगर आपको प्रोब्लम न हो तो मैं आपके दवाई लगा दूँ |
अप्पी बोली- हाँ ठीक है, तुम ही दवाई लगा दो | मुझे कोई प्रोब्लम नही है |
इतना बोल कर अप्पी ने दवाई मुझे दी और अपने बिस्तर पर उल्टा हो कर पेट के बल लेट गयी | मैंने शरबत मेज़ पर रख दिया और अप्पी के बगल में बैठ गया | मैंने देखा कि मेरी आलिशा अप्पी के गोरे चूतड़ एकदम लाल-काले हो गये थे, उनके चूतड़ में काफी सूजन भी आ गयी थी | बेल्ट की मार के निशान भी बने थे | मैं क्रीम को अपनी उंगली में ले कर अप्पी के चूतड़ पर लगाने लगा |
अप्पी बोली- रमज़ान मैं तुम्हे कुछ बताना चाहती हूँ |
मैं बोला- हाँ अप्पी बताओ |
अप्पी बोली- आज मैं अभिषेक के पास अपने नंबर बढवाने नही गयी थी | मैं किसी दूसरे जरुरी काम से गयी थी | मैं तुम्हे ये नही बताना चाहती थी पर अब तुमसे ये सब छुपाने का कोई फायदा नही है |
मैं बोला- ऐसा क्या जरुरी काम है जो आपको अभिषेक के पास जाना पड़ा ?
अप्पी बोली- अम्मी जिस कॉलेज में पढ़ाती है उस कॉलेज के प्रिंसिपल राजू श्रीवास्तव ने एक दिन अम्मी को कोई नशा दे कर उनकी नंगी फोटो खिंची और विडियो भी बना लिया | अब वो अम्मी को ब्लैक-मेल करता है और अम्मी के साथ सेक्स भी करता है | उसने अम्मी को कुछ महीने से सैलरी भी नही दी है, उल्टा वो अम्मी से पैसे मांगता है | अब वो हमारी अम्मी को अपने दोस्तों का बिस्तर गरम करने के लिए बोल रहा है और साथ में मुझे और फरीदा को मांग रहा है | वो अम्मी को बहुत मारता भी है | फरीदा जब कॉलेज से वापस आती है तो एक लड़का उसे बहुत छेड़ता है, वो लड़का कभी कभी फरीदा के सीने पर भी हाँथ लगा देता है, एक दिन तो उस लड़के ने फरीदा की स्कर्ट के अन्दर हाँथ डाल कर फरीदा की पैंटी भी खींच ली थी | उस दिन फरीदा घर आ कर बहुत रोयी थी | ये सब हमने तुम्हे नही बताया | मैं सिर्फ तुम्हारे दोस्तों की वजह से अभी तक बची हूँ | तुम्हारे दोस्तों से डर कर कोई मुझे कुछ नही बोलता है | मैंने अभिषेक के बारे में अपनी सहेलियों से काफी कुछ सुना है | इसलिए मैं अभिषेक के पास अपने नंबर बढवाने के बहाने गयी थी | अगर मैं उसके पापा तक पहुँच गयी तो मैं अम्मी को उस प्रिंसिपल के चंगुल से छुड़वा लुंगी और फरीदा को भी उस लड़के से बचा लेती | मैंने ये बात अम्मी और फरीदा को पहले ही बता दी थी, सिर्फ तुम्हे नही बताई लेकिन अब तुम्हे भी सब बता दिया है | अभिषेक से मिल कर एक बात साफ़ है कि हम तीनो को उसकी गुलाम होना पड़ेगा, उसकी रखैल बन कर रहना पड़ेगा | इसी में हम सब की भलाई है | मुझे पता है कि अभिषेक कभी किसी लड़की को ब्लैक-मेल या उसके साथ कोई जबरदस्ती नही करता | मुझे मालूम था कि अभिषेक आज मेरा एग्जाम ले रहा है, ये बात मेरी एक सहेली ने मुझे पहले ही बता दी थी |
ये सब सुन कर मेरी आँखों में आंसू आ गये और मैं रोने लगा, मैं कुछ बोल नही पाया |
इतनी देर में ही डोर-बेल बजी | मैं और अप्पी दोनों समझ गये कि अम्मी और फरीदा आ गयी है |
मैं बोला- अप्पी आप अपने कपड़े पहन लो, मैं दरवाज़ा खोलता हूँ |
अप्पी बोली- अरे कपड़े पहनने की जरुरत नही है, अम्मी और फरीदा को सब पता चल ही जायेगा | मुझे बहुत दर्द हो रहा है | मुझे लेता रहने दो, तुम जा कर दरवाज़ा खोल दो
कायर पति