10-04-2023, 09:57 AM
पार्ट - 4
(सर्त के चक्कर मे अपनी बाजी ,अम्मी और बहन को संकट मे डाला )
आगे रिकॉर्डिंग में –
अप्पी मुस्कुराते हुए बोली- क्या हुआ अभिषेक जी ! मेरी चूची अच्छी है न ! मैं सुन्दर लग रही हूँ न !
अभिषेक- हाँ माँ की लौड़ी बहुत अच्छी चूची है। अब अपनी सलवार उतार ।
अप्पी मुस्कुराते हुए अपनी सलवार का नाडा खोल कर ढीला किया और फिर अपनी सलवार को फैला दिया जिससे अप्पी की सलवार सरक कर नीचे ज़मीन पर गिर गयी। अप्पी बगल में रखी मेज़ पर बैठ कर अपने एक-एक पैर उठा कर अपनी सलवार अपने पैरों से निकाल दी और सलवार को मेज़ पर रख कर फिर से खडी हो गयी। आलिशा अप्पी ने नीले रंग की पैंटी पहनी थी। पैंटी में मेरी अप्पी की फूली हुयी बुर साफ़ पता चल रही थी|
यहाँ पर अभिषेक वीडियो रोक देता है और इधर मैं देखता हूँ की पंकज और साबिर अपने लौड़े को पैंट से बाहर निकाल कर हाँथ से ऊपर-नीचे कर रहे थे। उन दोनों के लण्ड एकदम गंदे और काले थे। मैं सोचने लगा की ये कितनी बेरहमी से मेरी चाँद सी गोरी बहन को चोदेंगे। मेरा हाँथ भी मेरी पैंट के ऊपर से मेरे लौड़े पर आ गया था और मैं भी पैंट के ऊपर से ही अपने लौड़े को मसलने लगा।
ये देख कर सब हसने लगे और अभिषेक बोला- ये हुयी न बात ! क्यों साले साहब मज़ा आ रहा है ?
मैं मुस्कुराते हुए बोला- हाँ जीजा जी।
अभिषेक बोला- देख रमज़ान तेरी बहन आलिशा भी एक लड़की। जैसे तूने अभी तक दूसरी लड़कियों के मज़े लिए है वैसे ही तू आलिशा को भी अपनी बहन न मान। उसको एक मस्त रंडी समझ कर मज़े ले। तेरी बहनो को कभी न कभी और कोई न कोई जरूर चोदेगा और तुझे कुछ पता भी नहीं चलेगा। इससे अच्छा है की हम सब मिल कर जैसे चाहे, जहां चाहे, जितना चाहे तेरी बहनो और अम्मी को चोदे और उसकी जवानी का मज़ा ले और वो भी तेरे सामने। तू भी हमारे साथ मिल कर उनका मज़ा लूटना।
मैं बोला- ठीक है जैसा तुम लोगो को सही लगे। मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है पर मैं सिर्फ देखूंगा, कुछ करूँगा नहीं।
साबिर बोला- चल ठीक है पर अपनी बहनो और अम्मी को हमसे चुदते हुए देख कर अपनी मुठ तो मरेगा न।
मैं मुस्कुराते हुए बोला- हाँ यार वो तो मैं जरूर मरूंगा।
अब मुझे भी अच्छा लग रहा था और मज़ा आने लगा था। अब मुझे अपने दोस्तों से अपनी बहनो और अम्मी की चुदाई के बारे में बात करने में कोई शर्म नहीं थी। मैंने भी बे-शर्म हो कर अपना लौड़ा पैंट से बाहर निकाल लिया और हाँथ से ऊपर-नीचे करने लगा। ये देख कर सब हसने लगे और मैं भी उनके साथ हँस दिया।
अभिषेक ने मेरे कंधे पर अपना हाँथ रखा और बोला- ये हुयी न बात। ऐसे ही मज़े ले अपनी अम्मी और बहन के नंगे जिस्म का और हमें उनकी इज्जत लूटने का मज़ा लेने दे। वैसे कैसी लगी तेरी आलिशा अप्पी बिना कपड़ो के ?
मैं मुस्कुराते हुए बोला- भाई बहुत मस्त जिस्म है मेरी अप्पी का। पहले कभी मैंने ऐसे नंगा नहीं देखा है अपनी अप्पी को। अब आगे दिखाओ भाई। (ये बात मैं अपने लण्ड को मसलते हुए बोला)
अभिषेक बोला- रुक अभी पूरी नंगी दिखता हूँ तुझे।
अभिषेक ने रिकॉर्डिंग आगे शुरू की-
अभिषेक- चल अब घूम जा।
अप्पी पीछे घूम जाती है। अप्पी की कमर एकदम पतली और चिकनी थी। अप्पी की कमर देख कर मेरे होश उड़ गए। क्या मस्त चिकनी, पतली और गोरी कमर थी मेरी अप्पी की।
अभिषेक- चल अब सीधी हो जा।
अप्पी अभिषेक की तरह मुंह करके सीधी खडी हो गयी।
अभिषेक- चल अब अपनी पैंटी उतार।
अप्पी ने मुस्कुराते हुए अपने दोनों हांथो को अपनी कमर पर रखा और अपनी उंगली से पैंटी को पकड़ा और नीचे झुकते हुए अपनी पैंटी नीचे सरका दी और अपनी एक-एक टांगों से अपनी पैंटी अलग कर के पैंटी को मेज़ पर रख दिया और एकदम नंगी हो गयी।
अभिषेक- धत्त तेरी की बहन की लौड़ी। साली कामिनी रंडी कही की
अप्पी थोड़ा डरते हुए बोली- क्या हुआ ? अच्छी नहीं लग रही हूँ क्या ? क्या-क्या कमी है ?
अभिषेक- साली कुतिया तुझे अपनी झांटे साफ़ करने में कोई परेशानी है क्या या तेरी मम्मी इसे भी साफ़ करने से मना करती है ?
आलिशा अप्पी थोड़ा मुस्कुराते हुए बोली- मुझे क्या मालूम की आप लोगो को नीचे के बाल पसंद नहीं है। वरना मैं साफ़ करके आती।
अभिषेक- चल अब पता चल गया न। कल साफ़ करके आना। मुझे चिकनी बुर ज्यादा पसंद है। तेरा फिगर क्या है मादरचोद ?
अप्पी - जी कल जरुर साफ़ करके आऊगी और फिगर 30-28-30 है।
अभिषेक- सच में बड़ा कातिल फिगर है तेरा खास कर तेरी गांड। अब इधर आ मेरे पास और कैट-वाक करती हुयी आना।
अप्पी अभिषेक की तरफ कैट-वाक करती हुयी आती है। अप्पी का एक पैर दूसरे पैर के आगे पड़ता है जिससे उनकी चूत की फांके आपस में रगड़ती हुयी नज़र आती है और चूत की दोनों फांके ऐसी दिख रही थी जैसे डबल रोटी। अप्पी अब अभिषेक के एकदम पास आ जाती है।
अभिषेक आलिशा अप्पी के पैरों से कैमरा शुरू करता है, एकदम चिकनी और गोरी टाँगे, टांगो पर कोई रोयाँ नही, कोई बाल नही थे, अप्पी की टाँगे पतली और चिकनी जैसे रैंप पर चलने वाली मॉडल की होती है, वैसे ही चिकनी और गोरी टाँगे थी, फिर अभिषेक कैमरा अप्पी की बुर पर ले गया। अप्पी की बुर पर काले-काले बाल थे पर कम और छोटे थे।
अभिषेक बोलता है- तेरी झांटे कम है पर बहुत मस्त है साली मादरचोद।
अप्पी - हाँ मेरे शरीर में बाल कम है
अभिषेक कैमरा अप्पी की चूत के पास ले जाता है अभिषेक कैमरा को अप्पी की चूत के पास ले जाता है, अप्पी की चूत फूली हुयी थी। उसके बाद कैमरा अप्पी की चूची पर ले जाता है, क्या मस्त चूची थी मेरी आलिशा अप्पी की, एकदम गोल और गोरी-गोरी तानी हुयी चूची थी। चूची पर हलके भूरे रंग के छोटे-छोटे टाइट निप्पल चूची को शोभा बढ़ा रहे थे। अभिषेक अप्पी के निप्पल को अपनी उंगलियों से मसल देता है और जोर से एक थप्पड़ चूची पर मारता है जिससे अप्पी की गोरी चूची पर उँगलियों के निशान बन जाते है और अप्पी के मुहं से प्यारी की चीख निकल जाती है और अप्पी की साँसे तेजी से चलने लगती है। फिर अभिषेक कैमरा को अप्पी के चेहरे पर ले जाता है, अप्पी का चेहरा शर्म से लाल हो गया था। अप्पी के होंठ एकदम रसीले लग रहे थे, उनके नाक में सोने की रिंग उनके चेहरे को और सुन्दर बना रही थी। मेरी आलिशा अप्पी के चेहरे पर शर्म और होठों पर हल्की मुस्काम थी जिससे अप्पी एकदम हवस से भरी लग रही थी। अभिषेक ने अप्पी के बाल पकड़ के आगे किया और अप्पी को घुमा दिया और कैमरा को आलिशा अप्पी के पीठ पर ले गया। अप्पी की पीठ एकदम गोरी और चिकनी थी, पर अप्पी की पीठ पर ब्रा के निशान बने हुए थे और कमर एकदम पतली थी।
अभिषेक बोला- साली तुझे कमर से पकड़ कर लंड पर ऊपर-नीचे करने में बड़ा मज़ा आएगा।
इसके बाद उसने कैमरा को अप्पी की चूतडों पर किया। अप्पी के चुतड एकदम उठे हुए और गोर थे, अभिषेक ने बाजी के चुतड को अपने हाँथ से पकड़ कर हल्का सा दबाया और छोड़ दिया, बाजी के चुतड बहुत मुलायम थे जैसे फोम की तरह और उनमे स्प्रिंग लगी हो, अभिषेक ने मेरी अप्पी के चुतड पर एक जोर का थप्पड़ मारा जिससे अप्पी के चुतड़ पर उसकी उगलियों के निशान बन गए और चुतड़ एकदम लाल हो गए।
अभिषेक बोला- कुतिया चल अब अपनी गांड दिखा।
आलिशा अप्पी ने अपने दोनों हाथों से अपने चूतडों को फैलाते हुए थोडा आगे झुक गयी, जिससे उनकी गांड का छेद दिखने लगा। गांड का छेद एकदम लाल था उस पर कोई बाल नही थे, एकदम चिकना और साफ़ था।
अभिषेक बोला- साली छिनार गांड बहुत साफ़ रखती है।
अप्पी बोली- जी साफ़ नही रखूंगी तो खुजली नही होगी।
अभिषेक फिर से अप्पी के चूतड़ पर एक थप्पड़ मारते हुए बोला- चल अब सीधी खड़ी हो जा।
बाजी सीधी खड़ी हो कर अभिषेक की तरफ घूम जाती है और बोलती है- जी कैसा लगा आपको मेरा जिस्म ? अप्पी के चेहरे पर एक शर्म भरी मुस्कान थी।
अभिषेक बोला- साली कुतिया तू बहुत मस्त माल है। अगर तू अपना ये जिस्म बाज़ार में बेचती तो तुझे लाखों रुपये मिलते पर मैं तुझे लाख रुपये तो नही दे सकता लेकिन तेरा काम जरुर करा दूंगा। सच में मैंने पठानी लड़कियां बहुत देखी है पर तेरे जैसी नहीं देखी। चल अब मेरा हिन्दु लौड़ा चूस रंडी |
बाजी निचे बैठ गयी और अभिषेक के पैंट की चैन खोल कर उसका लंड बाहर निकाला |
अभिषेक का लंड एक दम और खड़ा था जिसे देख कर आलिशा अप्पी बोली- बाप से इतना बड़ा !
अभिषेक बोल- हाँ छिनार हम लोगो के लंड ऐसे ही होते है | (अभिषेक का लंड 8 इंच लम्बा और काफी मोटा था, हमारे ग्रुप में अभिषेक का लंड सबसे लम्बा और मोटा था)
अप्पि- आपके दूसरे दोस्तों के भी ऐसे ही है क्या ?
अभिषेक- उनके लौड़े भी तेरी चूत फाड़ने के लिए एकदम मोटे और लम्बे है | मादरचोद अभी बकवास कम कर और मेरा लौड़ा चूस |
अप्पी अभिषेक के लौड़े को पहले हाँथ से आगे-पीछे करती है और फिर लौड़े के टोपे को किस करती है और फिर मुस्कुराते हुए अभिषेक के लंड को मुंह में ले कर चूसने लगती है | अभिषेक के मुंह से आह: निकल जाती है और अभिषेक आलिशा अप्पी के सर पर अपना हाँथ फेरने लगता है | लगभग 20 मिनट लौड़ा चूसने के बाद अप्पी लंड को अपने मुंह से बहार निकालना चाहा पर अभिषेक ने अप्पी का सर पकड़ लिया और बोला – “साली छिनार लंड को मुंह से बाहर मत निकाल, मेरे लंड का पानी निकलने वाला है और सारा पानी पी जा, एक बूंद भी तेरे मुंह से बाहर नही आनी चाहिए | अगर मेरे लौंडे के पानी की एक बूंद भी तेरे मुंह से बाहर आई तो मार-मार कर तेरी खाल निकाल दूंगा और ये बोलते ही अभिषेक से अपने लंड से पिचकारी छोड़ी और अप्पी का मुंह भर दिया, मेरी अप्पी अभिषेक के लंड का सारा पानी पी गयी |
अभिषेक ने अप्पी के बाल पकड़ कर खड़ा किया और अप्पी के चेहरे पर कैमरा फोकस किया | अप्पी का चेहरा एकदम लाल हो गया था और होंठ गीले थे जिन पर अभिषेक के लंड का पानी लगा हुआ था | अप्पी अपनी गर्दन और आँखे नीचे किये खाड़ी थी | सच में मेरी अप्पी बहुत सुन्दर और मस्त माल लग रहा थी |
अभिषेक बोलो- साली तू गर्दन क्यों नीचे किये है ?
अप्पी बोली- जी मुझे शर्म आ रही है और अपने हांथो से अपना चेहरा छुपा लिया |
अभिषेक हँसते हुए बोला – चल कोई बात नही रंडी, हम तेरी सारी शर्म ख़त्म कर देंगे, चल अपना चेहरा खोल और ये बता की तूने इतना अच्छा चुसना कहाँ से सीखा |
अप्पि– जी कहीं से नही, बस जैसे मन कर रहा था वैसे चूस रही थी |
अभिषेक- बहुत अच्छा, चूसा तूने एकदम रंडी लग रही थी | तुझे रंडी बनाने मे ज्यादा मजा आएगा साली छिनाल
अप्पी मुस्कुराते हुए बोली- जी थैंक्स |
अभिषेक- छिनार अब तू अपनी सलवार-कुर्ता पहन ले वो भी बिना ब्रा-पैंटी और समीज के, मैं तेरी ब्रा-पैंटी और समीज कैंटीन में छोटू को दे दूंगा, घर जाते समय ये कपड़े छोटू से ले लेना, आज से तू कॉलेज में बिना ब्रा-पैंटी के घूमेगी, अपने दुप्पटे में पिन मत लगाना और अपने बाल खुले रखना | तुझे मैं एकदम मस्त रंडी बनाऊंगा मादरचोद |
आलिशा अप्पी मुस्कुराते हुए बोली- जी ठीक है जैसा आप बोलोंगे अब मैं वैसा ही करुँगी |
अप्पी ने अपनी सलवार-कुर्ता पहन लिया और बिना पिन के दुप्पटा डाल कर अभिषेक को मुस्कुराते हुए बाय बोल कर बाहर चली गयी |
अभिषेक ने मोबाइल में विडियो बंद कर दिया | सभी लोग विडियो देख कर बहुत गर्म हो गए थे | मेरा लंड भी खड़ा था और मैं पैंट के ऊपर से अपने लंड को सहला रहा था |
साबिर मुझसे बोला- यार रमज़ान तेरी अप्पी तो बहुत मस्त माल है, इसकी चूत फाड़ने में बहुत मज़ा आएगा |
मैं भी मुस्कुराते हुए बोला- हाँ अब ले लो मज़ा जितने मज़े लेने हो, अब तो मेरी बहन तुम लोगो की ही है |
अभिषेक मुझसे बोला- यार रमज़ान अब 3:30 बज गया है और तेरी बहन आती ही होगी, अभी हम सब मिल कर तेरी बहन को थोडा जलील करेंगे और मज़े लेंगे | आज तू यहाँ से चला जा कल से तू भी हमारे साथ अपनी बहन के मज़े ले लेना |
मैं एक हारे हुए खिलाडी की तरह वहां से उठा और सब को बाय बोल कर चल दिया | मेरे मन में आया की क्यों न छुप कर देखा जाये की ये लोग मेरी अप्पी के साथ क्या-क्या करेंगे | ये सोच कर मैं जैसे ही वहां से निकला तो देखा मेरी अप्पी अपनी सहेली फातिमा के साथ आ रही है | अप्पी के बाल अभी भी खुले हुए थे और उनके चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान थी |
अप्पी के पास पहुँच कर मैं बोला- अप्पी मैं बाइक निकालता हूँ आप जल्दी से आ जाओ |
अप्पी बोली- हाँ तुम गाड़ी निकालो मैं थोड़ी देर में आती हूँ, कैंटीन में छोटू से मुझे कुछ काम है |
मैं बोला- ठीक है अप्पी पर जल्दी आना |
इतना बोल कर मैं वहां से चला गया और आगे जा कर एक जगह पर छुप गया | आलिशा अप्पी अपनी सहेली को बाय बोल कर कैंटीन की तरफ चली गयी | मैं भी छुप कैंटीन के पीछे चला गया | सब लोग कमरे के अन्दर थे इसलिए किसी को पता नही चला की मैं अपनी अप्पी को देखने के लिए फिर से वापस आ गया हूँ | जिस कमरे में अप्पी गयी थी मैं उस कमरे की एक खिड़की से अन्दर का नज़ारा देखने लगा | जब तक मैं वहां पहुंचा तब तक वो लोग आलिशा अप्पी का दुप्पटा हटा चुके थे और अप्पी अपना कुर्ता उतार रही थी |
अप्पी का सलवार-सूट उतरते ही सब लोग आलिशा के पास आ गये | एक-एक करके कोई उनकी चूची दबा रहा था, कोई उनकी गांड दबा रहा था तो कोई अप्पी की बुर सहला रहा था |
अभिषेक कुर्सी पर बैठा ये सब देख रहा था और अपना लंड पैंट से बाहर निकाल कर सहला रहा था |
साबिर बोला- हाय: क्या मस्त गांड है, साली तेरी गांड मारने में बहुत मज़ा आएगा कुतिया |
इतना बोल कर साबिर ने अप्पी के चूतड़ पर एक जोर से थप्पड़ मारा और मेरी आलिशा अप्पी के मुंह से आह निकल गयी | अप्पी के चूतड़ पर थप्पड़ का निशान बन गया |
पंकज ने अप्पी के चूतड़ को पकड़ कर जोर से दबाया और बोला- साबिर भाई सही बोल रहे हो, सच में इस मादरचोद की बहुत मस्त और गोरी गांड है |
पंकज ने भी अप्पी की गांड पर बहुत जोर से थप्पड़ मारा और बोला- भोसड़ीवाली तेरी ये बुर और गांड किसके लिए है ?
आलिशा अप्पी के मुंह से फिर आह: निकल गयी और बोली- जी आप लोगो के लिए है |
साबिर बोला- मादरचोद कभी किसी का लंड तूने अपनी चूत या गांड में लिया है ?
अप्पि- नही, अभी कुवांरी हूँ |
अप्पी ने जैसे ही ये बोला विजय ने बेल्ट से अप्पी की गांड पर जोर से 2 बार मारा और बोला- साली छिनार तुझसे जो पूछा जाये सिर्फ उसका जवाब दे, ज्यादा बकवास न कर |
अप्पी ने सोचा भी नही था कि ये भी हो सकता है ! अप्पी ने अपने दोनों हाँथ चूतड़ पर रख कर थोडा पीछे हट गयी और रोने लगी |
ये देख कर विजय को गुस्सा आया और वो अप्पी का हाँथ पकड़ के बोला- साली बहन की लौंडी अपनी गांड मत छुपा और न ही पानी जगह से हिल कुतिया, अब तू रंडी है और रंडी की तरह काम कर |
विजय के इतना बोलते ही छोटू ने विजय के हाँथ से बेल्ट ले ली और बोला- विजय भईया आप रहने दो, मैं इस कुतिया हो ठीक करता हूँ | इतना बोल कर छोटू ने आलिशा अप्पी की गांड पर 4-5 बेल्ट मारी | अप्पी की आँखों में आंसू आ गये, वो जोर से रोने लगी और अपने हाँथ से अपने चूतड़ सहलाने लगी, अप्पी अपनी जगह से थोडा पीछे हट गयी | मेरी आलिशा अप्पी के चूतड़ पर बेल्ट के निशान बन गए |
छोटू बोला- साली छिनार चुप हो जा, रोना बंद कर, मुंह से कोई आवाज़ नही आनी चाहिए और अपनी जगह से हिलना नही बहन की लौंडी | तेरे हाँथ गांड पर नही जाने चाहिए, अपने हाँथ सीधे रखना | तुझसे जितना बोला जाये उतना की कर, नही तो और मरूँगा |
आलिशा अप्पी नही मानी और वो रोते हुए अपने चूतड़ को सहला रही थी | ये देख कर छोटू ने अप्पी की चूची पर 3-4 बेल्ट मारी, अप्पी बेल्ट से बचने के लिए अपने हाँथ अपनी चूची पर रख लिए | अप्पी ने जैसे ही अपने हाँथ अपनी चूची पर रखे, छोटू ने 8-10 बेल्ट फिर से अप्पी की गांड पर मारी | जिससे अप्पी के चूतड़ से हल्का सा खून निकलने लगा |
अप्पी बोली- नही रोउंगी-अब नही रोउंगी | (ये सब देखकर मै सोच रहा था की आखिर क्यून मैने सर्त लगाई अभिषेक से)
छोटू बोला- नही तू अब रो, जितना रोना है तू रो, मैं भी देखता हूँ कि तू कितना रोएगी |
इतना बोल कर छोटू ने अप्पी की गांड पर जोर-जोर से 4-5 बेल्ट और मारे, इस बार बेल्ट से मार खाते ही अप्पी ने रोना बंद कर दिया, वो धीरे-धीरे सुबकने लगी और अपने हाँथ अपने चूतड़ से हटा कर सीधी खाड़ी हो गयी |
छोटू बोला- साली लड़कियां बिना मार खाए कुछ समझती ही नही है और अप्पी से पूछा कि छिनार अपनी जहग से हिलेगी ?
आलिशा अप्पी कुछ नही बोली और छोटू के फिर अप्पी की गांड पर 4-5 बेल्ट मारी |
आलिशा अप्पी झट से बोल पड़ी की – “नही हिलुंगी-अब बिलकुल भी नही हिलुंगी” |
साबिर अप्पी को डांटते हुए बोला- रंडी चुप बिलकुल चुप |
अप्पी का अब सुबकना भी बंद हो गया |
साबिर बोला- साली छिनार अब अपने दोनों हाँथ ऊपर कर के अपने सर पर रख |
आलिशा अप्पी ने तुरंत अपने दोनों ऊपर कर के अपने सर रख लिए |
साबिर ने छोटू से बोला कि अगर इस रंडी के हाँथ नीचे आये तो कम से कम 10 बेल्ट इसकी चूची पर और इसकी गांड पर 20 बेल्ट से कम मत मारना |
साबिर के इतना बोलते ही छोटू ने बिना किसी बात के आलिशा अप्पी की गांड पर 4 बेल्ट लगा दी |
इस बार मेरी अप्पी के मुंह से कोई आवाज़ नही निकली और न ही वो अपनी जगह से हिली, बाजी के हाँथ भी ऊपर ही थे |
छोटू बोला- अब ठीक है, इस मादरचोद को सब समझ में आ गया है |
अभिषेक कुर्सी से उठ कर आया और एक हाँथ से अप्पी के निप्पल को दबाते हुए दूसरे हाँथ से अप्पी के गाल पर एक जोर से थप्पड़ मर कर पूछा – साली छिनार तूने कभी किसी का लौंडा चूसा है ?
अप्पी – नही, अभी तक किसी का नही चूसा |
अप्पी के इतना बोलते ही छोटू ने 6-7 बेल्ट आलिशा अप्पी की गांड पर लगा दिए और बोला- सच बोल हरामजादी, झूठ क्यों बोल रही है |
अप्पी जोर से चीखते हुए बोली – हाँ चूसा है | आज दोपहर को मैंने अभिषेक जी का लंड चूसा है |
छोटू ने फिर अप्पी के चूतड़ पर 4-5 बेल्ट मारी और बोला- चिल्ला मत बहन की लौंडी | तूने हमसे झूठ क्यों बोला ?
इतना बोल कर छोटू ने फिर अप्पी के चूतड़ पर 3-4 बेल्ट मारी |
आलिशा बाजी रोते हुए बोली – माफ़ कर दीजिये, अब कभी झूठ नही बोलूंगी, सब सच बोलूंगी |
अप्पी अपने दोनों हाँथ ऊपर किये हुए थी और उनकी आखों में आंसू थे | अप्पी कुछ कर नही सकती थी, क्युकी ये रास्ता अप्पी ने खुद ही चुना था | मैं भी कुछ नही कर सकता था और बेबस हो कर ये सब देख रहा था |
साबिर ने अप्पी की दोनों चूची को जोर से मसलते हुए पूछा– साली रंडी हम तेरे क्या है ?
आलिशा अप्पि– जी आप लोग मेरे मालिक है |
साबिर- तू हम लोगों की क्या है ?
अप्पी - जी मैं आप लोगो की रंडी, रखैल और पालतू कुतिया हूँ |
अभिषेक- शाबास मेरी आलिशा रांड, इस बात को कभी भूलना मत |
साबिर- साली कुतिया अब सही लाइन पर आई है | अब अपनी छिनार अम्मी के बारे में बता |
अप्पि- जी मेरी मम्मी का नाम रुक्सार खातून है |
अप्पी के इतना बोलते ही छोटू ने फिर अप्पी की गांड पर 2 बेल्ट मारी और बोला- साली हरामजादी ये तो हमें पता है |
साबिर – तेरी अम्मी के जिस्म के बारे में पूछ रहे है, पूरा खुल कर सब कुछ बता |
मेरी आलिशा अप्पी अब बेल्ट से मार खाने के बाद भी अपनी जगह से बिलकुल भी नही हिल रही थी, वो अच्छी तरह जान गयी थी कि यहाँ उनको बचाने वाला कोई नही है और उनका रोना बेकार है | अप्पी अपनी जगह पर ही खाड़ी थी |
अप्पी.. जी मेरी अम्मी ,., पठान है, उनका का रंग गोरा है | मेरी अम्मी की चूची 36 की है, उनकी कमर 32 की है और गांड 38 की है |
छोटू इस बार अप्पी की चूची पर 4-5 बेल्ट मरी और बोला- अपनी अम्मी के रंडीपन के बारे में बता |
अप्पि- जी मुझे अपनी अम्मी के रंडीपन के बारे में नही मालूम |
छोटू फिर से अप्पी की गांड पर 3-4 बेल्ट मरता है पर इस बार विजय ने छोटू का हाँथ पकड़ लिया और बोला- यार रहने दे, मत मार इसे, इस छिनार को अपनी मम्मी के रंडीपन के बारे में कैसे मालूम होगा |
पंकज बोला- छिनार अब अपने कपड़े पहन ले और घर जा |
अप्पी ने अपने दोनों हाँथ नीचे किये जैसे ही अपने कपड़ो की तरफ बढ़ी अभिषेक बोला- आलिशा मेरी रखैल पहले सबके पैरो पर अपना माथा टेक, जैसे नवाज़ पढ़ने से पहले माथा टेकती है और सबके पैर चूम | सब लोग हँस रहे थे |
आलिशा अप्पी सबसे पहले अभिषेक के पैरो में अपना माथा टेका और उसके पैरो को चूमा और फिर उसके बाद सबके पैरों में माथा टेका और चूमा, अप्पी की गांड और चूची पर बेल्ट की मार के काले-लाल निशान बन गये थे | अप्पी के चूतड़ देख कर तो लग रहा था ही खून निकल आएगा | उसके बाद बाजी ने पानी से अपना मुंह धुला और पहले जैसी दिखने की कोशिश करने लगी | आलिशा बाजी ने जल्दी से अपने कपड़े पहन लिए |
कपड़े पहनने के बाद अप्पी ने अभिषेक से पूछा कि क्या अब मैं जा सकती हूँ ?
अभिषेक बोला- हाँ रंडी अब तू जा सकती है पर कल से तू अन्दर ब्रा-पैंटी, समीज कुछ नही पहनेगी, सिर्फ सलवार-कुर्ता ही पहन कर आएगी, दुप्पटे में पिन नही लगाएगी और अपने बाल खुले रखेगी, कल से तू अपनी चूत के बाल भी साफ़ कर के अपनी चूत को चिकना रखेगी, जिससे तू पूरी रंडी लगेगी | कल मैं अपने इस सब दोस्तों के सामने तेरी पहली चुदाई करूँगा |
आलिशा अप्पी - जी ठीक है, आप जैसा बोलेंगे मैं कल से वैसा ही करुँगी |
इतना बोल कर अप्पी रूम से बाहर जाने लगी | इतनी मार खाने के बाद अप्पी को चलने में बहुत तकलीफ हो रही थी | मैंने सोचा की अप्पी थोडा दूर चली जाये फिर मैं यहाँ से निकलू, तब तक इन सबकी बाते सुनता हूँ |
अप्पी के रूम से बाहर जाने के बाद साबिर बोला- यार अभिषेक अपने दोस्त रमज़ान की अप्पी तो बहुत मस्त माल है | यार तू तो कल आलिशा को चोद कर मज़े लेगा पर हम लोग क्या करेंगे ?
अभिषेक- यार अपने दोस्त रमज़ान की एक और छोटी बहन है, साली अभी तो वो कच्ची कली है, तू उसे चोद कर कली से फूल बना देना |
लकी बोला- भाई आप लोगो ने रमज़ान की बहन को इतना मारा क्यों ? वो तो अपनी मर्ज़ी से चुदवाने के लिए तैयार है |
अभिषेक- यार लकी तू नहीं जानता, ये पठान सरीफ लड़कियां बिना मार खाए न कुछ सीखती है और न ही कुछ समझती नही है | अभी तो कुछ नही मारा, कल देखना मैं इसका क्या हाल करता हूँ |
लकी- भाई तो क्या रमज़ान की छोटी बहन को भी ऐसे ही मारोगे ?
अभिषेक- रमज़ान की दोनों बहन और उसकी अम्मी को भी मरना बहुत जरुरी है | तभी वो हमारी अच्छी और वफादार रखैल और पालतू कुतिया बन कर रहेगी | मैंने उसकी अम्मी को देखा है वो भी एकदम मस्त रंडी लगती है |
छोटू बोला- अभिषेक भाई रमज़ान की छोटी बहन का नाम क्या है और वो किस क्लास में पढ़ती है ?
अभिषेक- उसका नाम फरीदा है, वो अभी 11th क्लास में है |
छोटू बोला- साबिर भाई जब आप फरीदा को चोद लेना तब फरीदा को मुझे दे देना, मैं भी उसे चोदूंगा और कुवांरी माँ बनाऊंगा |
लकी बोला- भाई रमज़ान की अम्मी का क्या करोगे ?
पंकज बोला- उस कुतिया को तो हम सब मिल कर एक साथ चोदेंगे |
सब लोग जोर-जोर से हंसने लगे |
अब मैं भी जल्दी वहां से निकला और बाइक के पास जाने लगा | बाइक के पहुँच कर देखा की अप्पी पहले ही वहां पहुँच कर और मेरा इन्तेजार कर रही है | मैं भाग कर अप्पी के पास पहुँच गया |
आलिशा अप्पी मुझसे बोली- रमज़ान तू कहाँ चला गया था, मैं कब से तेरा इन्तेजार कर रही हूँ |
अप्पी मुझे ऐसे देख रही थी जैसे उनके साथ कुछ हुआ ही नही |
मैंने जल्दी से बाइक निकाली और अप्पी को बैठने के लिए बोला, आज अप्पी बाइक पर बैठने
(सर्त के चक्कर मे अपनी बाजी ,अम्मी और बहन को संकट मे डाला )
आगे रिकॉर्डिंग में –
अप्पी मुस्कुराते हुए बोली- क्या हुआ अभिषेक जी ! मेरी चूची अच्छी है न ! मैं सुन्दर लग रही हूँ न !
अभिषेक- हाँ माँ की लौड़ी बहुत अच्छी चूची है। अब अपनी सलवार उतार ।
अप्पी मुस्कुराते हुए अपनी सलवार का नाडा खोल कर ढीला किया और फिर अपनी सलवार को फैला दिया जिससे अप्पी की सलवार सरक कर नीचे ज़मीन पर गिर गयी। अप्पी बगल में रखी मेज़ पर बैठ कर अपने एक-एक पैर उठा कर अपनी सलवार अपने पैरों से निकाल दी और सलवार को मेज़ पर रख कर फिर से खडी हो गयी। आलिशा अप्पी ने नीले रंग की पैंटी पहनी थी। पैंटी में मेरी अप्पी की फूली हुयी बुर साफ़ पता चल रही थी|
यहाँ पर अभिषेक वीडियो रोक देता है और इधर मैं देखता हूँ की पंकज और साबिर अपने लौड़े को पैंट से बाहर निकाल कर हाँथ से ऊपर-नीचे कर रहे थे। उन दोनों के लण्ड एकदम गंदे और काले थे। मैं सोचने लगा की ये कितनी बेरहमी से मेरी चाँद सी गोरी बहन को चोदेंगे। मेरा हाँथ भी मेरी पैंट के ऊपर से मेरे लौड़े पर आ गया था और मैं भी पैंट के ऊपर से ही अपने लौड़े को मसलने लगा।
ये देख कर सब हसने लगे और अभिषेक बोला- ये हुयी न बात ! क्यों साले साहब मज़ा आ रहा है ?
मैं मुस्कुराते हुए बोला- हाँ जीजा जी।
अभिषेक बोला- देख रमज़ान तेरी बहन आलिशा भी एक लड़की। जैसे तूने अभी तक दूसरी लड़कियों के मज़े लिए है वैसे ही तू आलिशा को भी अपनी बहन न मान। उसको एक मस्त रंडी समझ कर मज़े ले। तेरी बहनो को कभी न कभी और कोई न कोई जरूर चोदेगा और तुझे कुछ पता भी नहीं चलेगा। इससे अच्छा है की हम सब मिल कर जैसे चाहे, जहां चाहे, जितना चाहे तेरी बहनो और अम्मी को चोदे और उसकी जवानी का मज़ा ले और वो भी तेरे सामने। तू भी हमारे साथ मिल कर उनका मज़ा लूटना।
मैं बोला- ठीक है जैसा तुम लोगो को सही लगे। मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है पर मैं सिर्फ देखूंगा, कुछ करूँगा नहीं।
साबिर बोला- चल ठीक है पर अपनी बहनो और अम्मी को हमसे चुदते हुए देख कर अपनी मुठ तो मरेगा न।
मैं मुस्कुराते हुए बोला- हाँ यार वो तो मैं जरूर मरूंगा।
अब मुझे भी अच्छा लग रहा था और मज़ा आने लगा था। अब मुझे अपने दोस्तों से अपनी बहनो और अम्मी की चुदाई के बारे में बात करने में कोई शर्म नहीं थी। मैंने भी बे-शर्म हो कर अपना लौड़ा पैंट से बाहर निकाल लिया और हाँथ से ऊपर-नीचे करने लगा। ये देख कर सब हसने लगे और मैं भी उनके साथ हँस दिया।
अभिषेक ने मेरे कंधे पर अपना हाँथ रखा और बोला- ये हुयी न बात। ऐसे ही मज़े ले अपनी अम्मी और बहन के नंगे जिस्म का और हमें उनकी इज्जत लूटने का मज़ा लेने दे। वैसे कैसी लगी तेरी आलिशा अप्पी बिना कपड़ो के ?
मैं मुस्कुराते हुए बोला- भाई बहुत मस्त जिस्म है मेरी अप्पी का। पहले कभी मैंने ऐसे नंगा नहीं देखा है अपनी अप्पी को। अब आगे दिखाओ भाई। (ये बात मैं अपने लण्ड को मसलते हुए बोला)
अभिषेक बोला- रुक अभी पूरी नंगी दिखता हूँ तुझे।
अभिषेक ने रिकॉर्डिंग आगे शुरू की-
अभिषेक- चल अब घूम जा।
अप्पी पीछे घूम जाती है। अप्पी की कमर एकदम पतली और चिकनी थी। अप्पी की कमर देख कर मेरे होश उड़ गए। क्या मस्त चिकनी, पतली और गोरी कमर थी मेरी अप्पी की।
अभिषेक- चल अब सीधी हो जा।
अप्पी अभिषेक की तरह मुंह करके सीधी खडी हो गयी।
अभिषेक- चल अब अपनी पैंटी उतार।
अप्पी ने मुस्कुराते हुए अपने दोनों हांथो को अपनी कमर पर रखा और अपनी उंगली से पैंटी को पकड़ा और नीचे झुकते हुए अपनी पैंटी नीचे सरका दी और अपनी एक-एक टांगों से अपनी पैंटी अलग कर के पैंटी को मेज़ पर रख दिया और एकदम नंगी हो गयी।
अभिषेक- धत्त तेरी की बहन की लौड़ी। साली कामिनी रंडी कही की
अप्पी थोड़ा डरते हुए बोली- क्या हुआ ? अच्छी नहीं लग रही हूँ क्या ? क्या-क्या कमी है ?
अभिषेक- साली कुतिया तुझे अपनी झांटे साफ़ करने में कोई परेशानी है क्या या तेरी मम्मी इसे भी साफ़ करने से मना करती है ?
आलिशा अप्पी थोड़ा मुस्कुराते हुए बोली- मुझे क्या मालूम की आप लोगो को नीचे के बाल पसंद नहीं है। वरना मैं साफ़ करके आती।
अभिषेक- चल अब पता चल गया न। कल साफ़ करके आना। मुझे चिकनी बुर ज्यादा पसंद है। तेरा फिगर क्या है मादरचोद ?
अप्पी - जी कल जरुर साफ़ करके आऊगी और फिगर 30-28-30 है।
अभिषेक- सच में बड़ा कातिल फिगर है तेरा खास कर तेरी गांड। अब इधर आ मेरे पास और कैट-वाक करती हुयी आना।
अप्पी अभिषेक की तरफ कैट-वाक करती हुयी आती है। अप्पी का एक पैर दूसरे पैर के आगे पड़ता है जिससे उनकी चूत की फांके आपस में रगड़ती हुयी नज़र आती है और चूत की दोनों फांके ऐसी दिख रही थी जैसे डबल रोटी। अप्पी अब अभिषेक के एकदम पास आ जाती है।
अभिषेक आलिशा अप्पी के पैरों से कैमरा शुरू करता है, एकदम चिकनी और गोरी टाँगे, टांगो पर कोई रोयाँ नही, कोई बाल नही थे, अप्पी की टाँगे पतली और चिकनी जैसे रैंप पर चलने वाली मॉडल की होती है, वैसे ही चिकनी और गोरी टाँगे थी, फिर अभिषेक कैमरा अप्पी की बुर पर ले गया। अप्पी की बुर पर काले-काले बाल थे पर कम और छोटे थे।
अभिषेक बोलता है- तेरी झांटे कम है पर बहुत मस्त है साली मादरचोद।
अप्पी - हाँ मेरे शरीर में बाल कम है
अभिषेक कैमरा अप्पी की चूत के पास ले जाता है अभिषेक कैमरा को अप्पी की चूत के पास ले जाता है, अप्पी की चूत फूली हुयी थी। उसके बाद कैमरा अप्पी की चूची पर ले जाता है, क्या मस्त चूची थी मेरी आलिशा अप्पी की, एकदम गोल और गोरी-गोरी तानी हुयी चूची थी। चूची पर हलके भूरे रंग के छोटे-छोटे टाइट निप्पल चूची को शोभा बढ़ा रहे थे। अभिषेक अप्पी के निप्पल को अपनी उंगलियों से मसल देता है और जोर से एक थप्पड़ चूची पर मारता है जिससे अप्पी की गोरी चूची पर उँगलियों के निशान बन जाते है और अप्पी के मुहं से प्यारी की चीख निकल जाती है और अप्पी की साँसे तेजी से चलने लगती है। फिर अभिषेक कैमरा को अप्पी के चेहरे पर ले जाता है, अप्पी का चेहरा शर्म से लाल हो गया था। अप्पी के होंठ एकदम रसीले लग रहे थे, उनके नाक में सोने की रिंग उनके चेहरे को और सुन्दर बना रही थी। मेरी आलिशा अप्पी के चेहरे पर शर्म और होठों पर हल्की मुस्काम थी जिससे अप्पी एकदम हवस से भरी लग रही थी। अभिषेक ने अप्पी के बाल पकड़ के आगे किया और अप्पी को घुमा दिया और कैमरा को आलिशा अप्पी के पीठ पर ले गया। अप्पी की पीठ एकदम गोरी और चिकनी थी, पर अप्पी की पीठ पर ब्रा के निशान बने हुए थे और कमर एकदम पतली थी।
अभिषेक बोला- साली तुझे कमर से पकड़ कर लंड पर ऊपर-नीचे करने में बड़ा मज़ा आएगा।
इसके बाद उसने कैमरा को अप्पी की चूतडों पर किया। अप्पी के चुतड एकदम उठे हुए और गोर थे, अभिषेक ने बाजी के चुतड को अपने हाँथ से पकड़ कर हल्का सा दबाया और छोड़ दिया, बाजी के चुतड बहुत मुलायम थे जैसे फोम की तरह और उनमे स्प्रिंग लगी हो, अभिषेक ने मेरी अप्पी के चुतड पर एक जोर का थप्पड़ मारा जिससे अप्पी के चुतड़ पर उसकी उगलियों के निशान बन गए और चुतड़ एकदम लाल हो गए।
अभिषेक बोला- कुतिया चल अब अपनी गांड दिखा।
आलिशा अप्पी ने अपने दोनों हाथों से अपने चूतडों को फैलाते हुए थोडा आगे झुक गयी, जिससे उनकी गांड का छेद दिखने लगा। गांड का छेद एकदम लाल था उस पर कोई बाल नही थे, एकदम चिकना और साफ़ था।
अभिषेक बोला- साली छिनार गांड बहुत साफ़ रखती है।
अप्पी बोली- जी साफ़ नही रखूंगी तो खुजली नही होगी।
अभिषेक फिर से अप्पी के चूतड़ पर एक थप्पड़ मारते हुए बोला- चल अब सीधी खड़ी हो जा।
बाजी सीधी खड़ी हो कर अभिषेक की तरफ घूम जाती है और बोलती है- जी कैसा लगा आपको मेरा जिस्म ? अप्पी के चेहरे पर एक शर्म भरी मुस्कान थी।
अभिषेक बोला- साली कुतिया तू बहुत मस्त माल है। अगर तू अपना ये जिस्म बाज़ार में बेचती तो तुझे लाखों रुपये मिलते पर मैं तुझे लाख रुपये तो नही दे सकता लेकिन तेरा काम जरुर करा दूंगा। सच में मैंने पठानी लड़कियां बहुत देखी है पर तेरे जैसी नहीं देखी। चल अब मेरा हिन्दु लौड़ा चूस रंडी |
बाजी निचे बैठ गयी और अभिषेक के पैंट की चैन खोल कर उसका लंड बाहर निकाला |
अभिषेक का लंड एक दम और खड़ा था जिसे देख कर आलिशा अप्पी बोली- बाप से इतना बड़ा !
अभिषेक बोल- हाँ छिनार हम लोगो के लंड ऐसे ही होते है | (अभिषेक का लंड 8 इंच लम्बा और काफी मोटा था, हमारे ग्रुप में अभिषेक का लंड सबसे लम्बा और मोटा था)
अप्पि- आपके दूसरे दोस्तों के भी ऐसे ही है क्या ?
अभिषेक- उनके लौड़े भी तेरी चूत फाड़ने के लिए एकदम मोटे और लम्बे है | मादरचोद अभी बकवास कम कर और मेरा लौड़ा चूस |
अप्पी अभिषेक के लौड़े को पहले हाँथ से आगे-पीछे करती है और फिर लौड़े के टोपे को किस करती है और फिर मुस्कुराते हुए अभिषेक के लंड को मुंह में ले कर चूसने लगती है | अभिषेक के मुंह से आह: निकल जाती है और अभिषेक आलिशा अप्पी के सर पर अपना हाँथ फेरने लगता है | लगभग 20 मिनट लौड़ा चूसने के बाद अप्पी लंड को अपने मुंह से बहार निकालना चाहा पर अभिषेक ने अप्पी का सर पकड़ लिया और बोला – “साली छिनार लंड को मुंह से बाहर मत निकाल, मेरे लंड का पानी निकलने वाला है और सारा पानी पी जा, एक बूंद भी तेरे मुंह से बाहर नही आनी चाहिए | अगर मेरे लौंडे के पानी की एक बूंद भी तेरे मुंह से बाहर आई तो मार-मार कर तेरी खाल निकाल दूंगा और ये बोलते ही अभिषेक से अपने लंड से पिचकारी छोड़ी और अप्पी का मुंह भर दिया, मेरी अप्पी अभिषेक के लंड का सारा पानी पी गयी |
अभिषेक ने अप्पी के बाल पकड़ कर खड़ा किया और अप्पी के चेहरे पर कैमरा फोकस किया | अप्पी का चेहरा एकदम लाल हो गया था और होंठ गीले थे जिन पर अभिषेक के लंड का पानी लगा हुआ था | अप्पी अपनी गर्दन और आँखे नीचे किये खाड़ी थी | सच में मेरी अप्पी बहुत सुन्दर और मस्त माल लग रहा थी |
अभिषेक बोलो- साली तू गर्दन क्यों नीचे किये है ?
अप्पी बोली- जी मुझे शर्म आ रही है और अपने हांथो से अपना चेहरा छुपा लिया |
अभिषेक हँसते हुए बोला – चल कोई बात नही रंडी, हम तेरी सारी शर्म ख़त्म कर देंगे, चल अपना चेहरा खोल और ये बता की तूने इतना अच्छा चुसना कहाँ से सीखा |
अप्पि– जी कहीं से नही, बस जैसे मन कर रहा था वैसे चूस रही थी |
अभिषेक- बहुत अच्छा, चूसा तूने एकदम रंडी लग रही थी | तुझे रंडी बनाने मे ज्यादा मजा आएगा साली छिनाल
अप्पी मुस्कुराते हुए बोली- जी थैंक्स |
अभिषेक- छिनार अब तू अपनी सलवार-कुर्ता पहन ले वो भी बिना ब्रा-पैंटी और समीज के, मैं तेरी ब्रा-पैंटी और समीज कैंटीन में छोटू को दे दूंगा, घर जाते समय ये कपड़े छोटू से ले लेना, आज से तू कॉलेज में बिना ब्रा-पैंटी के घूमेगी, अपने दुप्पटे में पिन मत लगाना और अपने बाल खुले रखना | तुझे मैं एकदम मस्त रंडी बनाऊंगा मादरचोद |
आलिशा अप्पी मुस्कुराते हुए बोली- जी ठीक है जैसा आप बोलोंगे अब मैं वैसा ही करुँगी |
अप्पी ने अपनी सलवार-कुर्ता पहन लिया और बिना पिन के दुप्पटा डाल कर अभिषेक को मुस्कुराते हुए बाय बोल कर बाहर चली गयी |
अभिषेक ने मोबाइल में विडियो बंद कर दिया | सभी लोग विडियो देख कर बहुत गर्म हो गए थे | मेरा लंड भी खड़ा था और मैं पैंट के ऊपर से अपने लंड को सहला रहा था |
साबिर मुझसे बोला- यार रमज़ान तेरी अप्पी तो बहुत मस्त माल है, इसकी चूत फाड़ने में बहुत मज़ा आएगा |
मैं भी मुस्कुराते हुए बोला- हाँ अब ले लो मज़ा जितने मज़े लेने हो, अब तो मेरी बहन तुम लोगो की ही है |
अभिषेक मुझसे बोला- यार रमज़ान अब 3:30 बज गया है और तेरी बहन आती ही होगी, अभी हम सब मिल कर तेरी बहन को थोडा जलील करेंगे और मज़े लेंगे | आज तू यहाँ से चला जा कल से तू भी हमारे साथ अपनी बहन के मज़े ले लेना |
मैं एक हारे हुए खिलाडी की तरह वहां से उठा और सब को बाय बोल कर चल दिया | मेरे मन में आया की क्यों न छुप कर देखा जाये की ये लोग मेरी अप्पी के साथ क्या-क्या करेंगे | ये सोच कर मैं जैसे ही वहां से निकला तो देखा मेरी अप्पी अपनी सहेली फातिमा के साथ आ रही है | अप्पी के बाल अभी भी खुले हुए थे और उनके चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान थी |
अप्पी के पास पहुँच कर मैं बोला- अप्पी मैं बाइक निकालता हूँ आप जल्दी से आ जाओ |
अप्पी बोली- हाँ तुम गाड़ी निकालो मैं थोड़ी देर में आती हूँ, कैंटीन में छोटू से मुझे कुछ काम है |
मैं बोला- ठीक है अप्पी पर जल्दी आना |
इतना बोल कर मैं वहां से चला गया और आगे जा कर एक जगह पर छुप गया | आलिशा अप्पी अपनी सहेली को बाय बोल कर कैंटीन की तरफ चली गयी | मैं भी छुप कैंटीन के पीछे चला गया | सब लोग कमरे के अन्दर थे इसलिए किसी को पता नही चला की मैं अपनी अप्पी को देखने के लिए फिर से वापस आ गया हूँ | जिस कमरे में अप्पी गयी थी मैं उस कमरे की एक खिड़की से अन्दर का नज़ारा देखने लगा | जब तक मैं वहां पहुंचा तब तक वो लोग आलिशा अप्पी का दुप्पटा हटा चुके थे और अप्पी अपना कुर्ता उतार रही थी |
अप्पी का सलवार-सूट उतरते ही सब लोग आलिशा के पास आ गये | एक-एक करके कोई उनकी चूची दबा रहा था, कोई उनकी गांड दबा रहा था तो कोई अप्पी की बुर सहला रहा था |
अभिषेक कुर्सी पर बैठा ये सब देख रहा था और अपना लंड पैंट से बाहर निकाल कर सहला रहा था |
साबिर बोला- हाय: क्या मस्त गांड है, साली तेरी गांड मारने में बहुत मज़ा आएगा कुतिया |
इतना बोल कर साबिर ने अप्पी के चूतड़ पर एक जोर से थप्पड़ मारा और मेरी आलिशा अप्पी के मुंह से आह निकल गयी | अप्पी के चूतड़ पर थप्पड़ का निशान बन गया |
पंकज ने अप्पी के चूतड़ को पकड़ कर जोर से दबाया और बोला- साबिर भाई सही बोल रहे हो, सच में इस मादरचोद की बहुत मस्त और गोरी गांड है |
पंकज ने भी अप्पी की गांड पर बहुत जोर से थप्पड़ मारा और बोला- भोसड़ीवाली तेरी ये बुर और गांड किसके लिए है ?
आलिशा अप्पी के मुंह से फिर आह: निकल गयी और बोली- जी आप लोगो के लिए है |
साबिर बोला- मादरचोद कभी किसी का लंड तूने अपनी चूत या गांड में लिया है ?
अप्पि- नही, अभी कुवांरी हूँ |
अप्पी ने जैसे ही ये बोला विजय ने बेल्ट से अप्पी की गांड पर जोर से 2 बार मारा और बोला- साली छिनार तुझसे जो पूछा जाये सिर्फ उसका जवाब दे, ज्यादा बकवास न कर |
अप्पी ने सोचा भी नही था कि ये भी हो सकता है ! अप्पी ने अपने दोनों हाँथ चूतड़ पर रख कर थोडा पीछे हट गयी और रोने लगी |
ये देख कर विजय को गुस्सा आया और वो अप्पी का हाँथ पकड़ के बोला- साली बहन की लौंडी अपनी गांड मत छुपा और न ही पानी जगह से हिल कुतिया, अब तू रंडी है और रंडी की तरह काम कर |
विजय के इतना बोलते ही छोटू ने विजय के हाँथ से बेल्ट ले ली और बोला- विजय भईया आप रहने दो, मैं इस कुतिया हो ठीक करता हूँ | इतना बोल कर छोटू ने आलिशा अप्पी की गांड पर 4-5 बेल्ट मारी | अप्पी की आँखों में आंसू आ गये, वो जोर से रोने लगी और अपने हाँथ से अपने चूतड़ सहलाने लगी, अप्पी अपनी जगह से थोडा पीछे हट गयी | मेरी आलिशा अप्पी के चूतड़ पर बेल्ट के निशान बन गए |
छोटू बोला- साली छिनार चुप हो जा, रोना बंद कर, मुंह से कोई आवाज़ नही आनी चाहिए और अपनी जगह से हिलना नही बहन की लौंडी | तेरे हाँथ गांड पर नही जाने चाहिए, अपने हाँथ सीधे रखना | तुझसे जितना बोला जाये उतना की कर, नही तो और मरूँगा |
आलिशा अप्पी नही मानी और वो रोते हुए अपने चूतड़ को सहला रही थी | ये देख कर छोटू ने अप्पी की चूची पर 3-4 बेल्ट मारी, अप्पी बेल्ट से बचने के लिए अपने हाँथ अपनी चूची पर रख लिए | अप्पी ने जैसे ही अपने हाँथ अपनी चूची पर रखे, छोटू ने 8-10 बेल्ट फिर से अप्पी की गांड पर मारी | जिससे अप्पी के चूतड़ से हल्का सा खून निकलने लगा |
अप्पी बोली- नही रोउंगी-अब नही रोउंगी | (ये सब देखकर मै सोच रहा था की आखिर क्यून मैने सर्त लगाई अभिषेक से)
छोटू बोला- नही तू अब रो, जितना रोना है तू रो, मैं भी देखता हूँ कि तू कितना रोएगी |
इतना बोल कर छोटू ने अप्पी की गांड पर जोर-जोर से 4-5 बेल्ट और मारे, इस बार बेल्ट से मार खाते ही अप्पी ने रोना बंद कर दिया, वो धीरे-धीरे सुबकने लगी और अपने हाँथ अपने चूतड़ से हटा कर सीधी खाड़ी हो गयी |
छोटू बोला- साली लड़कियां बिना मार खाए कुछ समझती ही नही है और अप्पी से पूछा कि छिनार अपनी जहग से हिलेगी ?
आलिशा अप्पी कुछ नही बोली और छोटू के फिर अप्पी की गांड पर 4-5 बेल्ट मारी |
आलिशा अप्पी झट से बोल पड़ी की – “नही हिलुंगी-अब बिलकुल भी नही हिलुंगी” |
साबिर अप्पी को डांटते हुए बोला- रंडी चुप बिलकुल चुप |
अप्पी का अब सुबकना भी बंद हो गया |
साबिर बोला- साली छिनार अब अपने दोनों हाँथ ऊपर कर के अपने सर पर रख |
आलिशा अप्पी ने तुरंत अपने दोनों ऊपर कर के अपने सर रख लिए |
साबिर ने छोटू से बोला कि अगर इस रंडी के हाँथ नीचे आये तो कम से कम 10 बेल्ट इसकी चूची पर और इसकी गांड पर 20 बेल्ट से कम मत मारना |
साबिर के इतना बोलते ही छोटू ने बिना किसी बात के आलिशा अप्पी की गांड पर 4 बेल्ट लगा दी |
इस बार मेरी अप्पी के मुंह से कोई आवाज़ नही निकली और न ही वो अपनी जगह से हिली, बाजी के हाँथ भी ऊपर ही थे |
छोटू बोला- अब ठीक है, इस मादरचोद को सब समझ में आ गया है |
अभिषेक कुर्सी से उठ कर आया और एक हाँथ से अप्पी के निप्पल को दबाते हुए दूसरे हाँथ से अप्पी के गाल पर एक जोर से थप्पड़ मर कर पूछा – साली छिनार तूने कभी किसी का लौंडा चूसा है ?
अप्पी – नही, अभी तक किसी का नही चूसा |
अप्पी के इतना बोलते ही छोटू ने 6-7 बेल्ट आलिशा अप्पी की गांड पर लगा दिए और बोला- सच बोल हरामजादी, झूठ क्यों बोल रही है |
अप्पी जोर से चीखते हुए बोली – हाँ चूसा है | आज दोपहर को मैंने अभिषेक जी का लंड चूसा है |
छोटू ने फिर अप्पी के चूतड़ पर 4-5 बेल्ट मारी और बोला- चिल्ला मत बहन की लौंडी | तूने हमसे झूठ क्यों बोला ?
इतना बोल कर छोटू ने फिर अप्पी के चूतड़ पर 3-4 बेल्ट मारी |
आलिशा बाजी रोते हुए बोली – माफ़ कर दीजिये, अब कभी झूठ नही बोलूंगी, सब सच बोलूंगी |
अप्पी अपने दोनों हाँथ ऊपर किये हुए थी और उनकी आखों में आंसू थे | अप्पी कुछ कर नही सकती थी, क्युकी ये रास्ता अप्पी ने खुद ही चुना था | मैं भी कुछ नही कर सकता था और बेबस हो कर ये सब देख रहा था |
साबिर ने अप्पी की दोनों चूची को जोर से मसलते हुए पूछा– साली रंडी हम तेरे क्या है ?
आलिशा अप्पि– जी आप लोग मेरे मालिक है |
साबिर- तू हम लोगों की क्या है ?
अप्पी - जी मैं आप लोगो की रंडी, रखैल और पालतू कुतिया हूँ |
अभिषेक- शाबास मेरी आलिशा रांड, इस बात को कभी भूलना मत |
साबिर- साली कुतिया अब सही लाइन पर आई है | अब अपनी छिनार अम्मी के बारे में बता |
अप्पि- जी मेरी मम्मी का नाम रुक्सार खातून है |
अप्पी के इतना बोलते ही छोटू ने फिर अप्पी की गांड पर 2 बेल्ट मारी और बोला- साली हरामजादी ये तो हमें पता है |
साबिर – तेरी अम्मी के जिस्म के बारे में पूछ रहे है, पूरा खुल कर सब कुछ बता |
मेरी आलिशा अप्पी अब बेल्ट से मार खाने के बाद भी अपनी जगह से बिलकुल भी नही हिल रही थी, वो अच्छी तरह जान गयी थी कि यहाँ उनको बचाने वाला कोई नही है और उनका रोना बेकार है | अप्पी अपनी जगह पर ही खाड़ी थी |
अप्पी.. जी मेरी अम्मी ,., पठान है, उनका का रंग गोरा है | मेरी अम्मी की चूची 36 की है, उनकी कमर 32 की है और गांड 38 की है |
छोटू इस बार अप्पी की चूची पर 4-5 बेल्ट मरी और बोला- अपनी अम्मी के रंडीपन के बारे में बता |
अप्पि- जी मुझे अपनी अम्मी के रंडीपन के बारे में नही मालूम |
छोटू फिर से अप्पी की गांड पर 3-4 बेल्ट मरता है पर इस बार विजय ने छोटू का हाँथ पकड़ लिया और बोला- यार रहने दे, मत मार इसे, इस छिनार को अपनी मम्मी के रंडीपन के बारे में कैसे मालूम होगा |
पंकज बोला- छिनार अब अपने कपड़े पहन ले और घर जा |
अप्पी ने अपने दोनों हाँथ नीचे किये जैसे ही अपने कपड़ो की तरफ बढ़ी अभिषेक बोला- आलिशा मेरी रखैल पहले सबके पैरो पर अपना माथा टेक, जैसे नवाज़ पढ़ने से पहले माथा टेकती है और सबके पैर चूम | सब लोग हँस रहे थे |
आलिशा अप्पी सबसे पहले अभिषेक के पैरो में अपना माथा टेका और उसके पैरो को चूमा और फिर उसके बाद सबके पैरों में माथा टेका और चूमा, अप्पी की गांड और चूची पर बेल्ट की मार के काले-लाल निशान बन गये थे | अप्पी के चूतड़ देख कर तो लग रहा था ही खून निकल आएगा | उसके बाद बाजी ने पानी से अपना मुंह धुला और पहले जैसी दिखने की कोशिश करने लगी | आलिशा बाजी ने जल्दी से अपने कपड़े पहन लिए |
कपड़े पहनने के बाद अप्पी ने अभिषेक से पूछा कि क्या अब मैं जा सकती हूँ ?
अभिषेक बोला- हाँ रंडी अब तू जा सकती है पर कल से तू अन्दर ब्रा-पैंटी, समीज कुछ नही पहनेगी, सिर्फ सलवार-कुर्ता ही पहन कर आएगी, दुप्पटे में पिन नही लगाएगी और अपने बाल खुले रखेगी, कल से तू अपनी चूत के बाल भी साफ़ कर के अपनी चूत को चिकना रखेगी, जिससे तू पूरी रंडी लगेगी | कल मैं अपने इस सब दोस्तों के सामने तेरी पहली चुदाई करूँगा |
आलिशा अप्पी - जी ठीक है, आप जैसा बोलेंगे मैं कल से वैसा ही करुँगी |
इतना बोल कर अप्पी रूम से बाहर जाने लगी | इतनी मार खाने के बाद अप्पी को चलने में बहुत तकलीफ हो रही थी | मैंने सोचा की अप्पी थोडा दूर चली जाये फिर मैं यहाँ से निकलू, तब तक इन सबकी बाते सुनता हूँ |
अप्पी के रूम से बाहर जाने के बाद साबिर बोला- यार अभिषेक अपने दोस्त रमज़ान की अप्पी तो बहुत मस्त माल है | यार तू तो कल आलिशा को चोद कर मज़े लेगा पर हम लोग क्या करेंगे ?
अभिषेक- यार अपने दोस्त रमज़ान की एक और छोटी बहन है, साली अभी तो वो कच्ची कली है, तू उसे चोद कर कली से फूल बना देना |
लकी बोला- भाई आप लोगो ने रमज़ान की बहन को इतना मारा क्यों ? वो तो अपनी मर्ज़ी से चुदवाने के लिए तैयार है |
अभिषेक- यार लकी तू नहीं जानता, ये पठान सरीफ लड़कियां बिना मार खाए न कुछ सीखती है और न ही कुछ समझती नही है | अभी तो कुछ नही मारा, कल देखना मैं इसका क्या हाल करता हूँ |
लकी- भाई तो क्या रमज़ान की छोटी बहन को भी ऐसे ही मारोगे ?
अभिषेक- रमज़ान की दोनों बहन और उसकी अम्मी को भी मरना बहुत जरुरी है | तभी वो हमारी अच्छी और वफादार रखैल और पालतू कुतिया बन कर रहेगी | मैंने उसकी अम्मी को देखा है वो भी एकदम मस्त रंडी लगती है |
छोटू बोला- अभिषेक भाई रमज़ान की छोटी बहन का नाम क्या है और वो किस क्लास में पढ़ती है ?
अभिषेक- उसका नाम फरीदा है, वो अभी 11th क्लास में है |
छोटू बोला- साबिर भाई जब आप फरीदा को चोद लेना तब फरीदा को मुझे दे देना, मैं भी उसे चोदूंगा और कुवांरी माँ बनाऊंगा |
लकी बोला- भाई रमज़ान की अम्मी का क्या करोगे ?
पंकज बोला- उस कुतिया को तो हम सब मिल कर एक साथ चोदेंगे |
सब लोग जोर-जोर से हंसने लगे |
अब मैं भी जल्दी वहां से निकला और बाइक के पास जाने लगा | बाइक के पहुँच कर देखा की अप्पी पहले ही वहां पहुँच कर और मेरा इन्तेजार कर रही है | मैं भाग कर अप्पी के पास पहुँच गया |
आलिशा अप्पी मुझसे बोली- रमज़ान तू कहाँ चला गया था, मैं कब से तेरा इन्तेजार कर रही हूँ |
अप्पी मुझे ऐसे देख रही थी जैसे उनके साथ कुछ हुआ ही नही |
मैंने जल्दी से बाइक निकाली और अप्पी को बैठने के लिए बोला, आज अप्पी बाइक पर बैठने
कायर पति