09-04-2023, 03:52 AM
पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
VOLUME II
नयी भाभी की सुहागरात
CHAPTER-2
PART 15
रानी गर्भवती हुई है या नहीं?
महाराज ने डॉक्टर और रोजी को बुलवाया ताकि वह जांच करे की रानी गर्भवती हुई है या नहीं?
सबसे पहले रोजी राजमाता के कक्ष में उपस्थित हुई और फिर पूरी बात सुनकर रानी जूही की जांच की और बताया की सहवास के दौरान कौमार्य की झिल्ली क्षत विक्षत हो गयी है और योनि मार्ग खुल गया है, लिंग के प्रहारों से गर्भशय के द्वार पर और योनि में वीर्य के बहुत सारे अंश मौजूद है । लेकिन अभी ये पुष्टि नहीं की जा सकती की रानी जूही गर्भवती हो गयी हैं व नहीं । ये बात चीत अभी हो ही रही थी की लेडी डॉक्टर भी आ गयी?
डॉक्टर साहिबा ने भी जूही रानी की जांच की और फिर यही सब दोहराया की अभी इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती की रानी गर्भवती हो गयी है ।
तो राजमाता ने पुछा की इसकी पुष्टि कब होगी तो डॉक्टर बोली इसके लिए थोड़ा इन्तजार करना होगा और कुछ टेस्ट और करवाने होंगे
अधिकांश गर्भावस्था परीक्षण आपके मासिक धर्म के समय पर न होने पर पहले दिन ही किए जा सकते हैं। यदि ये सुनिश्चित नहीं हैं कि रानी साहिबा का मासिक धर्म कब हो रही है-या यदि उनकी अवधि अनियमित है-तो असुरक्षित यौन सम्बंध स्थापित होने के कम से कम 10 दिन बाद परीक्षण कर कुछ निश्चित तौर पर कहा जा सकता हैं।
![[Image: rani05.jpg]](https://i.ibb.co/Hgzpqhg/rani05.jpg)
कुछ अतिरिक्त संवेदनशील गर्भावस्था परीक्षण हैं जो रानी साहिबा के पीरियड्स ना होने से पहले किए जा सकते हैं। इनमें से कुछ गर्भधारण के आठ दिन बाद ही पूरे किए जा सकते हैं। जिसके लिए योनि क्षेत्र और खून के टेस्ट करने होंगे और फिर उन्होंने रोजी की कुछ नमूने एकत्रित कर टेस्ट करवाने का निर्देश दिया
फिर डॉक्टर बोली राजमाता लेकिन यह एक अल्पज्ञात तथ्य है कि सेक्स करने के तुरंत बाद गर्भाधान हो जाए ये जरूरी नहीं है।
वास्तव में, शुक्राणु को एक अंडे को निषेचित करने में पांच दिन तक का समय लग सकता है। उसके बाद भी, अंडे को गर्भाशय तक जाने में कई दिन लगते हैं, जहाँ वह खुद को गर्भाशय में स्थापित कर लेता है। इस कारण अधिकतर मामलो में सेक्स से लेकर प्रेग्नेंसी तक में दो से तीन हफ्ते का समय लग सकता है।
फिर गंभीरता के साथ बोली राजमाता अभी आप अति उत्सुक हैं । महराज का विवाह कुछ दिन पहले ही संपन्न हुआ है । अभी इन्हे थोड़ा समय और अवसर दीजिये ताकि रानी साहिबा आपको खुश खबरि सुना सके । राजमाता वैसे तो मैंने नमूने लेने का निर्देश दे दिया है और कौन से टेस्ट करवाने हैं ये भी लिख दिया है । परन्तु अभी राजमाता आपको थोड़ा इन्तजार और करना होगा, तथा इस बीच महाराज और महारानी को प्रयास जारी रखना होगा क्योंकि महारानी अभी अपने उर्वर काल में हैं । (लेडी डॉक्टर को नहीं मालूम था कि महाराज संतानोत्पाती करने में अक्षम हैं।)
जब डॉक्टर ने ये बात कही तो रानी जूही ने भी यही बात सुन ली थी और फिर डॉक्टर चली गयी। राजमाता और महाराज चुप चाप गंभीर मुद्रा में बैठे हुए सोच रहे थे की अब आगे क्या किया जाये तो जूही रानी उनके पास आयी और बोली राजमाता आप मुझे आज्ञा दे ।
राजमाता अब सोच में थी फिर भी उनहोने जुही को बुला कर अपने पास बिठाया सर पर हाथ फेरा माथा चूमा और बोली पुत्री तुम प्रस्थान करो । स्नान इत्यादि नित्य कर्म कर के शृंगार कर लो।
तो जूही रानी बोली महाराज आप और रानी माँ मुझे आज्ञा दे और अपने कक्ष में चली गयी ।
राजमाता ने फिर महाराज को बोला आप, जूही और कुमार दो दिन के लिए गुरु देव से आशीर्वाद लेने के लिए उनके आश्रम चले जाओ ।
मैं अपने कमरे में आ गया और स्नान किया थोड़ा बहुत नाश्ता किया और फिर विश्राम करने चला गया ।
मैं अद्भुत असौंदर्य की मलिका रानी जूही के सुंदर स्तनों, उसकी चूसने योग्य योनी, कोमल अंगो वक्रों के बारे में सोचकर अपने बिस्तर पर उछल पड़ा। रानी के बारे में सोच कर मेरा लिंग बिलकुल कठोर था और अब मैं हस्तमैथुन नहीं करना चाहता था। उसका क्या मतलब था जब उसने कहा कि वह मेरे पास आएगी? क्या वह आज रात? अगर हाँ, तो मैं हस्तमैथुन करके मौका गंवाना नहीं चाहता था। यह सब सोचते-सोचते मैं सो गया।
फिर जूही रानी ने एक लबादा ओढ़ा और चुपके से गुप्त मार्ग से मेरे कक्ष में आ गयी उसने लबादा उतारा और मेरे साथ लिपट गयी,
अपनी संपत्ति को महामहिम के छोटे हाथ में बंदी बनने पर मैं जाग गया। वह मेरे कान में फुसफुसायी। "अगर हम इस पर ध्यान देने जा रहे हैं," जूही ने विशाल लंड को प्यार करते हुए कहा, "यह मेरे कक्ष में होना चाहिए। मैं नहीं चाहती कि राजमाता मुझे गायब पाकर चिंतित हो और शोर मचा दे।"
विरोध करने में असमर्थ और विरोध करने के लिए अनिच्छुक मैंने उठने के लिए उनका हाथ दूर हटाने का प्रयास किया लेकिन रानी जूही ने मेरी धोती को एक तरफ खींच लिया और मेरे लंड को अपने मुंह से ढक लिया।
"रानी साहिबा! मैंने विरोध किया," यह क्या है? आप यह कैसे कर सकती हैं? "
"जूही," उसने उत्तर दिया, "रानी नहीं। जूही कहिये आप को जो चाहिए वह आपको केवल और केवल जूही ही प्रदान कर सकती है।"
उसका मुँह वापस काम करने के लिए लंड को फिर अंदर ले गया। उसने लंड को लार से ढँक दिया और मेरे लंड को अपने होठों से चोद दिया। मैंने रानी जूही को बेलगाम वासना में देखा क्योंकि रानी के बाल गिर गए थे और मैंने उसके फूले हुए गालों को अपने लंड में चूसते हुए देखा।
उसने धीरे-धीरे खुद को ऊपर खींच लिया और मेरे स्खलन पूर्व दर्व्य (प्रिकम) की लंबी धारियाँ उसके होठों से मेरे लंड तक थी। उसने जोर-जोर से सुपड सुपद की आवाजें निकालीं और मेरा लंड अपनी मुट्ठी में पकड़ लिया। फिर वह चल पड़ी और मुझे अपने पीछे-पीछे चलने के लिए मजबूर कर दिया थी।
रानी इस समय एक कामुक वैश्या की तरह व्यवहार कर रही थी।
लेकिन तभी रोजी मेरे कक्ष में आ गयी और उसने रानी जूही के मेरे साथ नग्न हालत में देखा रोजी के सामने थोड़ा जूही रानी थोड़ा झिझक रही है, रोजी ने उसकी झिझक दूर करने के लिए मेरे होटों पर एक चुम्मी कर दी, फिर उसने मेरी शर्ट उतार दी और मेरी धोती खोलने लगी और फिर उसने धोती को भी उतार कर एक साइड में रख दिया और अंडरवियर को भी उतार दिया।
![[Image: bbc.jpg]](https://i.ibb.co/yVnCtfc/bbc.jpg)
मेरे खड़े लंड को जूही हैरानी से देख रही थी।
फिर रोजी ने मेरे लंड के साथ खेलना शुरू कर दिया और मैं भी उसके स्तनों को ब्लाउज के बाहर से चूमने लगा।
रोजी मेरे लंड के साथ खेल रही थी और वह मुझको धीरे से जूही के पास ले गई और जूही का हाथ उसने मेरे लिंग पर रख दिया।
जूही पहले तो शरमाई और फिर उसने मेरे लंड को हाथ में पकड़ लिया और उसकी सख्ती से काफी खुश लगी।
तभी रोजी ने जूही का ब्लाउज उतारना शुरू कर दिया और उसकी ब्रा के हुक खोल दिए।
जूही के उन्नत उरोज उछाल कर मेरे हाथ में आ गए और मैं उन सफ़ेद-सफ़ेद स्तनों को चूसने लगा।
रोजी जूही की साड़ी उतारने में लगी हुई थी और फिर उसने उसका पेटीकोट भी उतार दिया। उसकी चूत सफाचट थी।
मेरा एक हाथ अब जूही के चूतड़ों को हल्के-हल्के मसल रहा था और उन रेशमी गोल-गोल गुब्बारों को बड़े ही प्रेम से सहला रहा था।
जूही भी अपनी शर्म के ऊपर उठ चुकी थी और मेरे सख्त लंड के साथ खेल रही थी।
मैंने भी अब उसके रस भरे होटों पर अपने होटों को रख दिया और उसके होटों को चूसने लगा और अपनी जीभ को भी उसके मुंह में डाल कर गोल-गोल घुमाने लगा।
रोजी ने भी अपनी साड़ी उतार दी और पूरी नंगी होकर हमको मदद कर रही थी।
मैंने अब जूही की चूत में हाथ डाला तो वह बेहद गीली हो चुकी थी।
रोजी जूही को धीरे से बेड पर ले गई और मुझको भी इशारा किया और मैं भी झट वहाँ पहुँच गया और उसकी संगमरमर जैसी जांघों के बीच में बैठ गया और अपने लौड़े को उसकी चूत के मुंह पर रख दिया।
फिर मैंने झुक कर उसके लबों पर एक गरम चुम्मी की और फिर लंड को हल्का धक्का दिया और लंड काफी सारा अंदर चला गया। एक और धक्का और लंड पूरा का पूरा अंदर था।
रोजी जूही के साथ पूरा न्याय कर रही थी और उनको खूब चूस रही थी, जूही की आँखें बंद थी और वह चुदाई का पूरा आनन्द ले रही थी।
हल्के धक्कों के बाद मैंने अब तेज़ी दिखानी शुरू कर दी और थोड़े ही तेज़ धक्कों के बाद जूही छूटने लगी और वह ज़ोर-ज़ोर से हाय-हाय करने लगी और उसने मुझको कस कर अपनी बाहों में बाँध लिया।
![[Image: df02.jpg]](https://i.ibb.co/C0ytC0p/df02.jpg)
मैंने अपने लंड के हमले जारी रखे, कभी तेज़ और कभी आहिस्ता, कभी लंड को पूरा निकाल कर फिर पूरा डालना जारी रखा।
कुछ मिनटों में जूही फिर झड़ने की कगार पर पहुँच चुकी थी और इस बार उसने बहुत ही ज़ोर का स्खलन किया और चूत में से बहुत-सा रस भी बहा।
रोजी ने इशारा किया और मैं उसकी चूत के ऊपर से उतर गया, मेरा लंड से जूही का रस टपक रहा था।
मैं जूही के साथ लेट गया और उसके सिल्की स्तनों के साथ खेलने लगा, उसका भी एक हाथ मेरे खड़े लौड़े के साथ खेल रहा था।
मेरे दूसरी तरफ तो रोजी लेटी थी और वह मेरे अंडकोष के साथ खेल रही थी।
तभी जूही उठी और मेरे ऊपर आकर बैठ गई और मेरे लंड को अपनी चूत में खुद ही डाल दिया और ज़ोर-ज़ोर से ऊपर नीचे होने लगी।
मैं उसके मम्मों के चूचुकों को अपने मुंह में डाल कर चूसने लगा।
थोड़ी देर में ही जूही फिर झड़ गई।
मैंने अब अपनी चुदाई का स्टाइल और स्पीड सिर्फ अपना छुटाने के लिए शुरू की, उस घोड़ी बनी हुई संगमरमर की मूर्ति जूही को ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा।
अब मुझको जूही के छुटाने की फ़िक्र नहीं थी बस अपना वीर्य उस की चूत की आखिरी गहराई तक पहुँचाने की कोशिश थी।
कोई 10 मिन्ट तेज़ धक्के मारने के बाद मुझको लगा कि मेरा वीर्य के छूटने के कगार पर पहुँच रहा है तो मैंने जूही के मोटे चूतड़ों को अपने हाथों में उठा लिया और फिर ज़ोर-ज़ोर से 4-5 धक्के मारे और अपने फव्वारे को छोड़ दिया।
ऐसा करते वक्त मेरा लौड़ा चूत की आखिरी गहराई में मैंने गाड़ दिया और जूही की फुदकती गांड को कस कर अपने हाथ में पकड़ कर रखा जब तक मेरा पूरा वीर्य नहीं छूट गया।
रोजी के इशारे से मैंने जूही की गांड को ऊपर ही उठाये रखा जब तक रोजी ने इशारा नहीं किया और मेरा लंड भी उसकी चूत में पड़ा रहने दिया और उसके ऊपर ही गिर गया ।
उधर राजमाता भी रात भर सो नहीं पायी थी इस लिए आराम करने चली गयी । बिस्तर पर लेती हुई राजमाता सोच रही थी की कल की रात एक अजीब-सा पागलपण लिए हुई रात थी। उन्होंने अपने दिवंगत पति के युवा भतीजे राजकुमार द्वारा अपने बेटे की पत्नी के संसेचन की देखरेख में रात बिताई थी। यह योजना के अनुसार यथोचित रूप से चला गया था लेकिन युवा बालक और रानी दोनों वासना में बह गए थे और ये कोई आश्चर्य की बात नहि थी क्योंकि दोनों युवा है, रानी बहुत सुंदर है और भतीजा भी स्मार्ट है और लम्बे और विशाल लंड का मालिक है।
राजमाता हम दोनों की भावनाओं की कद्र करती थीं, लेकिन उन्होंने हमे सख्त हिदायत दी थी की पूरी प्रक्रिया कैसे करनी है। एक मायने में, हम दोनों ने आंशिक रूप से उनकी अवज्ञा की थी, भले ही वह क्षण की गर्मी ही क्यों न हुआ हो लेकिन अवज्ञा तो हुई थी। वह मुझे रानी के शाही स्तनों से छेड़छाड़ करने से रोकने के लिए कुछ नहीं कर सकती थी। वह रानी को मेरे नितम्बो पर अपनी एड़ी कसने और रगड़ने से रोकने के लिए कुछ नहीं कर सकती थी क्योंकि उस समय हम दोनों सहवास कर रहे थे और वह खुद भी ये उत्तेजक दृश्य देख बेहद उत्तेजित हो गयी थी।
"ठीक है अभी तक तो सब कुछ ठीक ही हुआ है लेकिन क्या मुझे उसकी योनी को बहने से रोक रोकना चाहिए था या मझे रानी के साथ चुदाई करते हुए अतिरिक्त कठोर होने से रोकना चाहिए था!" उसने मन ही मन सोचा। ऐसी स्थितियों में हस्तक्षेप की सीमाएँ हैं। फिर भी, चीजें काफी अच्छी तरह से हो गईं थी। भतीजे और उनकी पुत्रवधु ने अपने लिए निर्धारित कर्म कर दिया था और जब उसने हमें रुकने और अलग होने का आदेश दिया था, तब हमने खुद को वापस खींच अलग कर लिया था।
![[Image: m52-1.webp]](https://i.ibb.co/brBDr9K/m52-1.webp)
वासना कम होने के बाद, मैंने और रानी दोनों ने विवेक के साथ व्यव्हार किया था और उनके देशों का पालन किया था। और फिर उन्होंने मुझे रानी के साथ अधिक देर तक रहने का समय नहीं दिया था ताकि बाद में कोई अन्य समस्या उतपन्न न हो।
लेकिन मेरे पसीने से तर शरीर और चुदाई के बाद भी विशाल और कठोर लिंग की छवियाँ उनके दिमाग में बस गईं थी। सम्भोग के दौरान रानी जूही की जंगली प्रतिक्रिया ने उन्हें ईर्ष्यालु बना दिया था; रानी माँ ने कल्पना की कि उसकी बहू को अपने अंदर हमले का वह व्यापक हथियार कैसा लगा होगा कि वह आनंद के इतने प्रचंड प्रदर्शन के साथ व्यवहार करे। उनके दिमाग में ये सभी चित्र चल रहे थे और वह उनकी विवेचना कर रही थी और राजमाता का हाथ को नीचे गया और अपनी योनि की सिलवटों को उन्होंने निश्चित रूप से स्वता संभोग के लिए सहलाया और वासना उनके थके हुए शरीर पर हावी हो गयी थी।
जूही की चुदाई के दृश्य का समरण करते हुए राजमाता ने अपना दाहिना हाथ अपने स्तन पर रखकर स्तन को धीरे-धीरे दबाने लगी और अपनी एक उँगली से चुचक को हल्के-हल्के कुरेदने और सहलाने लगी । चुचक सहलाने से वह उत्तेजित हो गयी और अपना एक हाथ घाघरे के अंदर डाल कर अपनी योनि को सहलाने लगी । कई दिनों बाद आज वह अपने बदन से खेल रही थी। राजकुमार किस तरह से रानी जूही की धुआँधार चुदाई कर रहा था यही सोचते-सोचते रानी माँ का हाथ अपनी योनि पर चला जाता है और वह अपनी योनि को रगड़ते हुए हस्तमैथुन करने लगती है।
एक हाथ से वह अपने स्तन का मर्दन कर रही थी और दूसरे हाथ से योनि को तेजी से रगड़ रही थी। योनि रगड़ते-रगड़ते रानी माँ को मेरे लिंग की याद आयी और वह बड़बड़ाई है कितना बड़ा और विशाल लिंग है कुमार का ऐस लंड तो महाराज का भी नहीं था और जब ऐसा लिंग योनि के अंदर हलचल मचा देता है तो कितना आन्नद आएगा वह ये कल्पना करने लगी और इन खयालों से उसकी बुर एकदम गीली हो गई और योनि रस छोड़ने लगी। अब उसका योनि मार्ग एकदम चिकना हो गया और उसकी एक उँगली अंदर चली गई जिससे उसकी आह निकल गई. अब वह अपनी उँगली अंदर बाहर करने लगती है और साथ ही अपने चुचुको को भी मसलते हुए मदहोस होने लगी । अपनी बुर रगड़ते-रगड़ते वह मन में बुद्बुदाने लगती है कि हाँ मुझे भी ऐसे ही लंड का आनद लेना है उसे अपने हाथ में लेकर प्यार करना है। यह सोचते हुए राजमाता अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँच जाती है और उसकी योनि पानी छोड़ गयी और रानी माँ निढाल हो कर बिस्तर पर गिर गयी
रानी माँ अभी जाग रही थी और उनकी प्रमुख दासी नीला आयी और उनकी टाँगें दबाने लगी । तो रानी माँ बोली नीला वहाँ से तेल की बोतल उठा ला और मेरे पैरो पर लगा के मालिश कर दे
नीला तेल उठा कर ले आयो और जब तेल लगा के मालिश कर रही थी तो उन्हो ने बोला के थोड़ा और ऊपेर तक कर और फिर इसी तरह से थोड़ा और ऊपेर थोड़ा औरऊपेर करते-करते मुझे महसूस हुआ के नीला के हाथ उनकी चूत तक चले गये है और फिर नीला के हाथ उनकी चूत तक चले गए और उसने रानी माँ की छूट को गीली पाया और फिर एक दम से रानी माँ ने नीला के हाथो को अपनी चूत से लगाए-लगाए ज़ोर से अपनी जाँघो से नीला के हाथो को दबा लिया और उनके मूह से बोहोत ज़ोर सेसस्स्स्स्स् स्सकी आवाज़ आईई और नीला को उनकी चूत में से रस्स की स्मेल आई और उनकी चूत का रस्स नीला की उंगलिओ पर लग गया
नीला ने कपडा उठा कर अच्छे से राजा माता की योनि को पोछने लगती है जिससे योनि की मादक गंध उसके नाक तक पहुँच जाती है। नीला राजमाता की अनुचर दासी और बाल सखी थी सो उसने पुछा कि रानी आपकी योनि से जबरदस्त गंध आ रही है। किसकी याद में सुबह-सुबह योनि रगड़ा है ।
बदमाश। तू बहुत शैतान है सब मेरे मुँह से सुन्ना चाहती है तुझे मालूम तो है कि कल रात जूही की सुहाग रात थी कुमार के साथ बस उन्ही को सम्भोग करते हुए देखकर और सोचकर अपनी बुर रगड़ी है और अपनी चुचियों को मसला है। आज उनकी चुदाई और नंगे बदन को देखकर महाराज की याद आ गई की कैसे मुझे वह रगड़-रगड़ के रोज चोदा करते थे और फिर मैं गरम हो गई और बुर मतलब योनि में उँगली करना पड़ा।
चल अब जा और मुझे आराम करने दे और फिर नीला चली गयी और रानी माँ लेट गयी ।
![[Image: PERSIA4.webp]](https://i.ibb.co/HN9QKnp/PERSIA4.webp)
a poem about life that rhymes
वहाँ आ आकर रानी जूही ने पहले स्नान किया और फिर शृंगार किया । और थोड़ा हल्का नाश्ता किया और अब बोली अब हम कुछ देर विश्राम करेंगे । और अपना कक्ष बंद कर लिया ।
कक्ष बंद करते ही जूही की बालसखी और अनुचर नैना जूही के पास आयी और उसके चेहरे के चाओ और देखा जूही की तरफ देखा तो सम्भोग से मिले आनंद और योनि की प्यास बुझाने की वजह से जूही का चेहरा एक अलग ही मस्ती के कारण से चमक रहा था । नैना ने जूही की चोली को उतार दिया जिससे उसके बड़े स्तन कैद से बाहर निकल आये । और नैना बोली कुमार ने तोआपके स्तनों पर कई जगह बहुत बेदर्दी से काटा है और चूसा है जिससे निशान और नील पड़ गए है । राजकुमारी आपको कितना दर्द हुआ होगा, तनिक देखिये तो सही और फिर जूही आदमकद आईने के सामने खड़ी होकर खुद अपने को ही निहारने लगी । उसके कंधो, स्तनों और गर्दन पर नील पड़ गए थे । और उनके गुलाबी चूचक भी फूल कर लाल फिर भूरे हो गए थे, । नैना ने अपना दाहिना हाथ उठाकर जूही के स्तन पर रखकर हौले से दबाया और जूही की दर्द भरी आह निकल गयी । फिर नैना ने घाघरे का नाडा खोल दिया। नाडा खोलते ही घाघरा सरसराते हुए उसके पैरों में गिर गया जिससे जूही पुरी नंगी हो गयी । अपने आप को शीशे में पुरी नंगी देखकर जूही फिर शर्मा गयी । उसकी योनि पर झांटे साफ़ की हुई थी और योनि सूज कर डबल रोटी बन गयी थी और जैसे ही नैना ने जूही की योनि को छुआ वह तड़प कर कराहने लगी ।
और देखो तो... कितनी निर्दयता से कोमल और कुंवारी राजकुमारी को भोगा है । कोई ऐसे भी चुदाई करता है क्या? "। नैना ने जूही कि कमर के नीचे नज़र दौड़ाते हुये कहा, हाय राजकुमारी के कोमल शरीर पर कैसे नील पड़ गए हैं फिर प्यार से चुत को ऊपर से ही को सहलाया और आगे बोली।" ये पुरुष भी ना।
निचले हिस्से पर अपना हाथ चलाते हुए अपने हाथ योनि पर ले गया मेरे हाथों को उनकी चुत गीली-गीली लगने लगी थी मैंने कांपते हुए मांस को अलग कर दिया; फिर, मैंने धीरे से उसके निचले होंठों को विभाजित किया और एक तेजतर्रार तर्जनी के भीतर डाला।
योनि पर स्पर्श पर रानी जूही अकुला गयी और कराह उठी,। फिर नैना ने जूही को बिठा दिया और उसकी टांगो खोल दी और फिर जैसे ही उसकी उंगली उसके फांक में ऊपर की ओर उठी, अंतत: जब ऊँगली ने उसकी योनि के फटे हुए हिस्से की छुआ, जूही ने दर्द भरी एक छोटी-सी चीख दी और उसने दोनों उंगलियों का प्रयोग कर योनि के द्वार को खोला और बोली जो योनि बड़ी मुश्किल से खुलती थी उसे चौद छोड़ कर अब इतनी चौड़ी कर दी है कि अब छेद दिखाई दे रहा है । संसर्ग कि में ऐसी भी क्या अधीरता कि इतनी सुंदर योनि को क्षतविक्षत ही कर डाला? देखो राजकुमारी आपकी योनि कैसे सूज गयी है ।
फिर नैना बोली सच बताओ रानी राजकुमार ने आपको कितनी बार भोगा । सोने दिया या नहीं और आपकी कैसा लगा?
जूही शर्माते हुए गिनने लगी और बोली पांच बार नहीं छे बार । और फिर दो घंटे सोये और जूही बोली कुमार पहले ने जब शुरू किया तो मजा आया। फिर जब उसने अपना लंड प्रवेश किया तो लगा मुझे बीच से चीर दिया गया है और बहुत दर्द हुआ। फिर आनंद आया। कुमार ने मुझे बहुत बेदर्दी से बार-बार चौदा। मुझे बहुत आनद आया और इसे मैं कभी भी नहीं भूल सकती। मैं इसकी याद में शेष जीवन बिता सकती हूँ।
फिर नैना बोली हम्म्म इतनी सुंदर योनि को सिर्फ पांच छे बार ही चौदा, मैं पुरुष होती तो रात भर चोदती रहती ।अच्छा बाताओ लिंग कैसा था?
जूही बोली उनका लिंग बहुत विशाल, बड़ा और कड़ा है और स्पंदन करता है और मैं लिंग को अपने गर्भ में महसूस करती थी। जब लिंग स्पंदन करता है तो ऐसा लगता था जैसे लाखों हाथ उसकी योनि की दीवारों पर एक लाख ड्रम की ताल से धड़क रहे थे। ड्रम की सतह, खाल फैली हुई, कंपन कर रही थी और हाथों से गूंज रही थी कि उन पर पिटाई कर रहे थे। ये अध्भुत था ।
नैना जूही की चूत पर हाथ फेरने लगी उन्हें जैसे करंट-सा लगा और उन्होंने नैना को कस कर पकड़ लिया और उस से लिपट गयी, उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था। चुदाई के पालो के आननद को समरण करने से जूही की चूत गीली होने लगी, नैना ने उनकी चुत को चूमा उनकी खुशबू ने नैना को मदहोश कर दिया और वह जूही की चूत को चाटने लगी, उसकी चूत के रस में क्या गज़ब का स्वाद था।
नैना बोली क्या आपको अच्छा लग रहा है ?आराम मिल रहा है? तो जूही बोली हम्म्म!
![[Image: 2G.jpg]](https://i.ibb.co/MhYgkpD/2G.jpg)
फिर उसकी चूत पर मुँह रखते ही जूही जोर से चिल्ला उठी आआहह, ओमम्म्मममम, चाटो ना जोर से, सस्स्सस्स हहा और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। वह सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वह अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी और फिर वह झड़ गयी।
अब नैना बोली मैं थोड़ी सिकाई कर देती हूँ आप अब आराम कर लो ।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार
VOLUME II
नयी भाभी की सुहागरात
CHAPTER-2
PART 15
रानी गर्भवती हुई है या नहीं?
महाराज ने डॉक्टर और रोजी को बुलवाया ताकि वह जांच करे की रानी गर्भवती हुई है या नहीं?
सबसे पहले रोजी राजमाता के कक्ष में उपस्थित हुई और फिर पूरी बात सुनकर रानी जूही की जांच की और बताया की सहवास के दौरान कौमार्य की झिल्ली क्षत विक्षत हो गयी है और योनि मार्ग खुल गया है, लिंग के प्रहारों से गर्भशय के द्वार पर और योनि में वीर्य के बहुत सारे अंश मौजूद है । लेकिन अभी ये पुष्टि नहीं की जा सकती की रानी जूही गर्भवती हो गयी हैं व नहीं । ये बात चीत अभी हो ही रही थी की लेडी डॉक्टर भी आ गयी?
डॉक्टर साहिबा ने भी जूही रानी की जांच की और फिर यही सब दोहराया की अभी इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती की रानी गर्भवती हो गयी है ।
तो राजमाता ने पुछा की इसकी पुष्टि कब होगी तो डॉक्टर बोली इसके लिए थोड़ा इन्तजार करना होगा और कुछ टेस्ट और करवाने होंगे
अधिकांश गर्भावस्था परीक्षण आपके मासिक धर्म के समय पर न होने पर पहले दिन ही किए जा सकते हैं। यदि ये सुनिश्चित नहीं हैं कि रानी साहिबा का मासिक धर्म कब हो रही है-या यदि उनकी अवधि अनियमित है-तो असुरक्षित यौन सम्बंध स्थापित होने के कम से कम 10 दिन बाद परीक्षण कर कुछ निश्चित तौर पर कहा जा सकता हैं।
![[Image: rani05.jpg]](https://i.ibb.co/Hgzpqhg/rani05.jpg)
कुछ अतिरिक्त संवेदनशील गर्भावस्था परीक्षण हैं जो रानी साहिबा के पीरियड्स ना होने से पहले किए जा सकते हैं। इनमें से कुछ गर्भधारण के आठ दिन बाद ही पूरे किए जा सकते हैं। जिसके लिए योनि क्षेत्र और खून के टेस्ट करने होंगे और फिर उन्होंने रोजी की कुछ नमूने एकत्रित कर टेस्ट करवाने का निर्देश दिया
फिर डॉक्टर बोली राजमाता लेकिन यह एक अल्पज्ञात तथ्य है कि सेक्स करने के तुरंत बाद गर्भाधान हो जाए ये जरूरी नहीं है।
वास्तव में, शुक्राणु को एक अंडे को निषेचित करने में पांच दिन तक का समय लग सकता है। उसके बाद भी, अंडे को गर्भाशय तक जाने में कई दिन लगते हैं, जहाँ वह खुद को गर्भाशय में स्थापित कर लेता है। इस कारण अधिकतर मामलो में सेक्स से लेकर प्रेग्नेंसी तक में दो से तीन हफ्ते का समय लग सकता है।
फिर गंभीरता के साथ बोली राजमाता अभी आप अति उत्सुक हैं । महराज का विवाह कुछ दिन पहले ही संपन्न हुआ है । अभी इन्हे थोड़ा समय और अवसर दीजिये ताकि रानी साहिबा आपको खुश खबरि सुना सके । राजमाता वैसे तो मैंने नमूने लेने का निर्देश दे दिया है और कौन से टेस्ट करवाने हैं ये भी लिख दिया है । परन्तु अभी राजमाता आपको थोड़ा इन्तजार और करना होगा, तथा इस बीच महाराज और महारानी को प्रयास जारी रखना होगा क्योंकि महारानी अभी अपने उर्वर काल में हैं । (लेडी डॉक्टर को नहीं मालूम था कि महाराज संतानोत्पाती करने में अक्षम हैं।)
जब डॉक्टर ने ये बात कही तो रानी जूही ने भी यही बात सुन ली थी और फिर डॉक्टर चली गयी। राजमाता और महाराज चुप चाप गंभीर मुद्रा में बैठे हुए सोच रहे थे की अब आगे क्या किया जाये तो जूही रानी उनके पास आयी और बोली राजमाता आप मुझे आज्ञा दे ।
राजमाता अब सोच में थी फिर भी उनहोने जुही को बुला कर अपने पास बिठाया सर पर हाथ फेरा माथा चूमा और बोली पुत्री तुम प्रस्थान करो । स्नान इत्यादि नित्य कर्म कर के शृंगार कर लो।
तो जूही रानी बोली महाराज आप और रानी माँ मुझे आज्ञा दे और अपने कक्ष में चली गयी ।
राजमाता ने फिर महाराज को बोला आप, जूही और कुमार दो दिन के लिए गुरु देव से आशीर्वाद लेने के लिए उनके आश्रम चले जाओ ।
मैं अपने कमरे में आ गया और स्नान किया थोड़ा बहुत नाश्ता किया और फिर विश्राम करने चला गया ।
मैं अद्भुत असौंदर्य की मलिका रानी जूही के सुंदर स्तनों, उसकी चूसने योग्य योनी, कोमल अंगो वक्रों के बारे में सोचकर अपने बिस्तर पर उछल पड़ा। रानी के बारे में सोच कर मेरा लिंग बिलकुल कठोर था और अब मैं हस्तमैथुन नहीं करना चाहता था। उसका क्या मतलब था जब उसने कहा कि वह मेरे पास आएगी? क्या वह आज रात? अगर हाँ, तो मैं हस्तमैथुन करके मौका गंवाना नहीं चाहता था। यह सब सोचते-सोचते मैं सो गया।
फिर जूही रानी ने एक लबादा ओढ़ा और चुपके से गुप्त मार्ग से मेरे कक्ष में आ गयी उसने लबादा उतारा और मेरे साथ लिपट गयी,
अपनी संपत्ति को महामहिम के छोटे हाथ में बंदी बनने पर मैं जाग गया। वह मेरे कान में फुसफुसायी। "अगर हम इस पर ध्यान देने जा रहे हैं," जूही ने विशाल लंड को प्यार करते हुए कहा, "यह मेरे कक्ष में होना चाहिए। मैं नहीं चाहती कि राजमाता मुझे गायब पाकर चिंतित हो और शोर मचा दे।"
विरोध करने में असमर्थ और विरोध करने के लिए अनिच्छुक मैंने उठने के लिए उनका हाथ दूर हटाने का प्रयास किया लेकिन रानी जूही ने मेरी धोती को एक तरफ खींच लिया और मेरे लंड को अपने मुंह से ढक लिया।
"रानी साहिबा! मैंने विरोध किया," यह क्या है? आप यह कैसे कर सकती हैं? "
"जूही," उसने उत्तर दिया, "रानी नहीं। जूही कहिये आप को जो चाहिए वह आपको केवल और केवल जूही ही प्रदान कर सकती है।"
उसका मुँह वापस काम करने के लिए लंड को फिर अंदर ले गया। उसने लंड को लार से ढँक दिया और मेरे लंड को अपने होठों से चोद दिया। मैंने रानी जूही को बेलगाम वासना में देखा क्योंकि रानी के बाल गिर गए थे और मैंने उसके फूले हुए गालों को अपने लंड में चूसते हुए देखा।
उसने धीरे-धीरे खुद को ऊपर खींच लिया और मेरे स्खलन पूर्व दर्व्य (प्रिकम) की लंबी धारियाँ उसके होठों से मेरे लंड तक थी। उसने जोर-जोर से सुपड सुपद की आवाजें निकालीं और मेरा लंड अपनी मुट्ठी में पकड़ लिया। फिर वह चल पड़ी और मुझे अपने पीछे-पीछे चलने के लिए मजबूर कर दिया थी।
रानी इस समय एक कामुक वैश्या की तरह व्यवहार कर रही थी।
लेकिन तभी रोजी मेरे कक्ष में आ गयी और उसने रानी जूही के मेरे साथ नग्न हालत में देखा रोजी के सामने थोड़ा जूही रानी थोड़ा झिझक रही है, रोजी ने उसकी झिझक दूर करने के लिए मेरे होटों पर एक चुम्मी कर दी, फिर उसने मेरी शर्ट उतार दी और मेरी धोती खोलने लगी और फिर उसने धोती को भी उतार कर एक साइड में रख दिया और अंडरवियर को भी उतार दिया।
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मेरे खड़े लंड को जूही हैरानी से देख रही थी।
फिर रोजी ने मेरे लंड के साथ खेलना शुरू कर दिया और मैं भी उसके स्तनों को ब्लाउज के बाहर से चूमने लगा।
रोजी मेरे लंड के साथ खेल रही थी और वह मुझको धीरे से जूही के पास ले गई और जूही का हाथ उसने मेरे लिंग पर रख दिया।
जूही पहले तो शरमाई और फिर उसने मेरे लंड को हाथ में पकड़ लिया और उसकी सख्ती से काफी खुश लगी।
तभी रोजी ने जूही का ब्लाउज उतारना शुरू कर दिया और उसकी ब्रा के हुक खोल दिए।
जूही के उन्नत उरोज उछाल कर मेरे हाथ में आ गए और मैं उन सफ़ेद-सफ़ेद स्तनों को चूसने लगा।
रोजी जूही की साड़ी उतारने में लगी हुई थी और फिर उसने उसका पेटीकोट भी उतार दिया। उसकी चूत सफाचट थी।
मेरा एक हाथ अब जूही के चूतड़ों को हल्के-हल्के मसल रहा था और उन रेशमी गोल-गोल गुब्बारों को बड़े ही प्रेम से सहला रहा था।
जूही भी अपनी शर्म के ऊपर उठ चुकी थी और मेरे सख्त लंड के साथ खेल रही थी।
मैंने भी अब उसके रस भरे होटों पर अपने होटों को रख दिया और उसके होटों को चूसने लगा और अपनी जीभ को भी उसके मुंह में डाल कर गोल-गोल घुमाने लगा।
रोजी ने भी अपनी साड़ी उतार दी और पूरी नंगी होकर हमको मदद कर रही थी।
मैंने अब जूही की चूत में हाथ डाला तो वह बेहद गीली हो चुकी थी।
रोजी जूही को धीरे से बेड पर ले गई और मुझको भी इशारा किया और मैं भी झट वहाँ पहुँच गया और उसकी संगमरमर जैसी जांघों के बीच में बैठ गया और अपने लौड़े को उसकी चूत के मुंह पर रख दिया।
फिर मैंने झुक कर उसके लबों पर एक गरम चुम्मी की और फिर लंड को हल्का धक्का दिया और लंड काफी सारा अंदर चला गया। एक और धक्का और लंड पूरा का पूरा अंदर था।
रोजी जूही के साथ पूरा न्याय कर रही थी और उनको खूब चूस रही थी, जूही की आँखें बंद थी और वह चुदाई का पूरा आनन्द ले रही थी।
हल्के धक्कों के बाद मैंने अब तेज़ी दिखानी शुरू कर दी और थोड़े ही तेज़ धक्कों के बाद जूही छूटने लगी और वह ज़ोर-ज़ोर से हाय-हाय करने लगी और उसने मुझको कस कर अपनी बाहों में बाँध लिया।
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मैंने अपने लंड के हमले जारी रखे, कभी तेज़ और कभी आहिस्ता, कभी लंड को पूरा निकाल कर फिर पूरा डालना जारी रखा।
कुछ मिनटों में जूही फिर झड़ने की कगार पर पहुँच चुकी थी और इस बार उसने बहुत ही ज़ोर का स्खलन किया और चूत में से बहुत-सा रस भी बहा।
रोजी ने इशारा किया और मैं उसकी चूत के ऊपर से उतर गया, मेरा लंड से जूही का रस टपक रहा था।
मैं जूही के साथ लेट गया और उसके सिल्की स्तनों के साथ खेलने लगा, उसका भी एक हाथ मेरे खड़े लौड़े के साथ खेल रहा था।
मेरे दूसरी तरफ तो रोजी लेटी थी और वह मेरे अंडकोष के साथ खेल रही थी।
तभी जूही उठी और मेरे ऊपर आकर बैठ गई और मेरे लंड को अपनी चूत में खुद ही डाल दिया और ज़ोर-ज़ोर से ऊपर नीचे होने लगी।
मैं उसके मम्मों के चूचुकों को अपने मुंह में डाल कर चूसने लगा।
थोड़ी देर में ही जूही फिर झड़ गई।
मैंने अब अपनी चुदाई का स्टाइल और स्पीड सिर्फ अपना छुटाने के लिए शुरू की, उस घोड़ी बनी हुई संगमरमर की मूर्ति जूही को ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा।
अब मुझको जूही के छुटाने की फ़िक्र नहीं थी बस अपना वीर्य उस की चूत की आखिरी गहराई तक पहुँचाने की कोशिश थी।
कोई 10 मिन्ट तेज़ धक्के मारने के बाद मुझको लगा कि मेरा वीर्य के छूटने के कगार पर पहुँच रहा है तो मैंने जूही के मोटे चूतड़ों को अपने हाथों में उठा लिया और फिर ज़ोर-ज़ोर से 4-5 धक्के मारे और अपने फव्वारे को छोड़ दिया।
ऐसा करते वक्त मेरा लौड़ा चूत की आखिरी गहराई में मैंने गाड़ दिया और जूही की फुदकती गांड को कस कर अपने हाथ में पकड़ कर रखा जब तक मेरा पूरा वीर्य नहीं छूट गया।
रोजी के इशारे से मैंने जूही की गांड को ऊपर ही उठाये रखा जब तक रोजी ने इशारा नहीं किया और मेरा लंड भी उसकी चूत में पड़ा रहने दिया और उसके ऊपर ही गिर गया ।
उधर राजमाता भी रात भर सो नहीं पायी थी इस लिए आराम करने चली गयी । बिस्तर पर लेती हुई राजमाता सोच रही थी की कल की रात एक अजीब-सा पागलपण लिए हुई रात थी। उन्होंने अपने दिवंगत पति के युवा भतीजे राजकुमार द्वारा अपने बेटे की पत्नी के संसेचन की देखरेख में रात बिताई थी। यह योजना के अनुसार यथोचित रूप से चला गया था लेकिन युवा बालक और रानी दोनों वासना में बह गए थे और ये कोई आश्चर्य की बात नहि थी क्योंकि दोनों युवा है, रानी बहुत सुंदर है और भतीजा भी स्मार्ट है और लम्बे और विशाल लंड का मालिक है।
राजमाता हम दोनों की भावनाओं की कद्र करती थीं, लेकिन उन्होंने हमे सख्त हिदायत दी थी की पूरी प्रक्रिया कैसे करनी है। एक मायने में, हम दोनों ने आंशिक रूप से उनकी अवज्ञा की थी, भले ही वह क्षण की गर्मी ही क्यों न हुआ हो लेकिन अवज्ञा तो हुई थी। वह मुझे रानी के शाही स्तनों से छेड़छाड़ करने से रोकने के लिए कुछ नहीं कर सकती थी। वह रानी को मेरे नितम्बो पर अपनी एड़ी कसने और रगड़ने से रोकने के लिए कुछ नहीं कर सकती थी क्योंकि उस समय हम दोनों सहवास कर रहे थे और वह खुद भी ये उत्तेजक दृश्य देख बेहद उत्तेजित हो गयी थी।
"ठीक है अभी तक तो सब कुछ ठीक ही हुआ है लेकिन क्या मुझे उसकी योनी को बहने से रोक रोकना चाहिए था या मझे रानी के साथ चुदाई करते हुए अतिरिक्त कठोर होने से रोकना चाहिए था!" उसने मन ही मन सोचा। ऐसी स्थितियों में हस्तक्षेप की सीमाएँ हैं। फिर भी, चीजें काफी अच्छी तरह से हो गईं थी। भतीजे और उनकी पुत्रवधु ने अपने लिए निर्धारित कर्म कर दिया था और जब उसने हमें रुकने और अलग होने का आदेश दिया था, तब हमने खुद को वापस खींच अलग कर लिया था।
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वासना कम होने के बाद, मैंने और रानी दोनों ने विवेक के साथ व्यव्हार किया था और उनके देशों का पालन किया था। और फिर उन्होंने मुझे रानी के साथ अधिक देर तक रहने का समय नहीं दिया था ताकि बाद में कोई अन्य समस्या उतपन्न न हो।
लेकिन मेरे पसीने से तर शरीर और चुदाई के बाद भी विशाल और कठोर लिंग की छवियाँ उनके दिमाग में बस गईं थी। सम्भोग के दौरान रानी जूही की जंगली प्रतिक्रिया ने उन्हें ईर्ष्यालु बना दिया था; रानी माँ ने कल्पना की कि उसकी बहू को अपने अंदर हमले का वह व्यापक हथियार कैसा लगा होगा कि वह आनंद के इतने प्रचंड प्रदर्शन के साथ व्यवहार करे। उनके दिमाग में ये सभी चित्र चल रहे थे और वह उनकी विवेचना कर रही थी और राजमाता का हाथ को नीचे गया और अपनी योनि की सिलवटों को उन्होंने निश्चित रूप से स्वता संभोग के लिए सहलाया और वासना उनके थके हुए शरीर पर हावी हो गयी थी।
जूही की चुदाई के दृश्य का समरण करते हुए राजमाता ने अपना दाहिना हाथ अपने स्तन पर रखकर स्तन को धीरे-धीरे दबाने लगी और अपनी एक उँगली से चुचक को हल्के-हल्के कुरेदने और सहलाने लगी । चुचक सहलाने से वह उत्तेजित हो गयी और अपना एक हाथ घाघरे के अंदर डाल कर अपनी योनि को सहलाने लगी । कई दिनों बाद आज वह अपने बदन से खेल रही थी। राजकुमार किस तरह से रानी जूही की धुआँधार चुदाई कर रहा था यही सोचते-सोचते रानी माँ का हाथ अपनी योनि पर चला जाता है और वह अपनी योनि को रगड़ते हुए हस्तमैथुन करने लगती है।
एक हाथ से वह अपने स्तन का मर्दन कर रही थी और दूसरे हाथ से योनि को तेजी से रगड़ रही थी। योनि रगड़ते-रगड़ते रानी माँ को मेरे लिंग की याद आयी और वह बड़बड़ाई है कितना बड़ा और विशाल लिंग है कुमार का ऐस लंड तो महाराज का भी नहीं था और जब ऐसा लिंग योनि के अंदर हलचल मचा देता है तो कितना आन्नद आएगा वह ये कल्पना करने लगी और इन खयालों से उसकी बुर एकदम गीली हो गई और योनि रस छोड़ने लगी। अब उसका योनि मार्ग एकदम चिकना हो गया और उसकी एक उँगली अंदर चली गई जिससे उसकी आह निकल गई. अब वह अपनी उँगली अंदर बाहर करने लगती है और साथ ही अपने चुचुको को भी मसलते हुए मदहोस होने लगी । अपनी बुर रगड़ते-रगड़ते वह मन में बुद्बुदाने लगती है कि हाँ मुझे भी ऐसे ही लंड का आनद लेना है उसे अपने हाथ में लेकर प्यार करना है। यह सोचते हुए राजमाता अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँच जाती है और उसकी योनि पानी छोड़ गयी और रानी माँ निढाल हो कर बिस्तर पर गिर गयी
रानी माँ अभी जाग रही थी और उनकी प्रमुख दासी नीला आयी और उनकी टाँगें दबाने लगी । तो रानी माँ बोली नीला वहाँ से तेल की बोतल उठा ला और मेरे पैरो पर लगा के मालिश कर दे
नीला तेल उठा कर ले आयो और जब तेल लगा के मालिश कर रही थी तो उन्हो ने बोला के थोड़ा और ऊपेर तक कर और फिर इसी तरह से थोड़ा और ऊपेर थोड़ा औरऊपेर करते-करते मुझे महसूस हुआ के नीला के हाथ उनकी चूत तक चले गये है और फिर नीला के हाथ उनकी चूत तक चले गए और उसने रानी माँ की छूट को गीली पाया और फिर एक दम से रानी माँ ने नीला के हाथो को अपनी चूत से लगाए-लगाए ज़ोर से अपनी जाँघो से नीला के हाथो को दबा लिया और उनके मूह से बोहोत ज़ोर सेसस्स्स्स्स् स्सकी आवाज़ आईई और नीला को उनकी चूत में से रस्स की स्मेल आई और उनकी चूत का रस्स नीला की उंगलिओ पर लग गया
नीला ने कपडा उठा कर अच्छे से राजा माता की योनि को पोछने लगती है जिससे योनि की मादक गंध उसके नाक तक पहुँच जाती है। नीला राजमाता की अनुचर दासी और बाल सखी थी सो उसने पुछा कि रानी आपकी योनि से जबरदस्त गंध आ रही है। किसकी याद में सुबह-सुबह योनि रगड़ा है ।
बदमाश। तू बहुत शैतान है सब मेरे मुँह से सुन्ना चाहती है तुझे मालूम तो है कि कल रात जूही की सुहाग रात थी कुमार के साथ बस उन्ही को सम्भोग करते हुए देखकर और सोचकर अपनी बुर रगड़ी है और अपनी चुचियों को मसला है। आज उनकी चुदाई और नंगे बदन को देखकर महाराज की याद आ गई की कैसे मुझे वह रगड़-रगड़ के रोज चोदा करते थे और फिर मैं गरम हो गई और बुर मतलब योनि में उँगली करना पड़ा।
चल अब जा और मुझे आराम करने दे और फिर नीला चली गयी और रानी माँ लेट गयी ।
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a poem about life that rhymes
वहाँ आ आकर रानी जूही ने पहले स्नान किया और फिर शृंगार किया । और थोड़ा हल्का नाश्ता किया और अब बोली अब हम कुछ देर विश्राम करेंगे । और अपना कक्ष बंद कर लिया ।
कक्ष बंद करते ही जूही की बालसखी और अनुचर नैना जूही के पास आयी और उसके चेहरे के चाओ और देखा जूही की तरफ देखा तो सम्भोग से मिले आनंद और योनि की प्यास बुझाने की वजह से जूही का चेहरा एक अलग ही मस्ती के कारण से चमक रहा था । नैना ने जूही की चोली को उतार दिया जिससे उसके बड़े स्तन कैद से बाहर निकल आये । और नैना बोली कुमार ने तोआपके स्तनों पर कई जगह बहुत बेदर्दी से काटा है और चूसा है जिससे निशान और नील पड़ गए है । राजकुमारी आपको कितना दर्द हुआ होगा, तनिक देखिये तो सही और फिर जूही आदमकद आईने के सामने खड़ी होकर खुद अपने को ही निहारने लगी । उसके कंधो, स्तनों और गर्दन पर नील पड़ गए थे । और उनके गुलाबी चूचक भी फूल कर लाल फिर भूरे हो गए थे, । नैना ने अपना दाहिना हाथ उठाकर जूही के स्तन पर रखकर हौले से दबाया और जूही की दर्द भरी आह निकल गयी । फिर नैना ने घाघरे का नाडा खोल दिया। नाडा खोलते ही घाघरा सरसराते हुए उसके पैरों में गिर गया जिससे जूही पुरी नंगी हो गयी । अपने आप को शीशे में पुरी नंगी देखकर जूही फिर शर्मा गयी । उसकी योनि पर झांटे साफ़ की हुई थी और योनि सूज कर डबल रोटी बन गयी थी और जैसे ही नैना ने जूही की योनि को छुआ वह तड़प कर कराहने लगी ।
और देखो तो... कितनी निर्दयता से कोमल और कुंवारी राजकुमारी को भोगा है । कोई ऐसे भी चुदाई करता है क्या? "। नैना ने जूही कि कमर के नीचे नज़र दौड़ाते हुये कहा, हाय राजकुमारी के कोमल शरीर पर कैसे नील पड़ गए हैं फिर प्यार से चुत को ऊपर से ही को सहलाया और आगे बोली।" ये पुरुष भी ना।
निचले हिस्से पर अपना हाथ चलाते हुए अपने हाथ योनि पर ले गया मेरे हाथों को उनकी चुत गीली-गीली लगने लगी थी मैंने कांपते हुए मांस को अलग कर दिया; फिर, मैंने धीरे से उसके निचले होंठों को विभाजित किया और एक तेजतर्रार तर्जनी के भीतर डाला।
योनि पर स्पर्श पर रानी जूही अकुला गयी और कराह उठी,। फिर नैना ने जूही को बिठा दिया और उसकी टांगो खोल दी और फिर जैसे ही उसकी उंगली उसके फांक में ऊपर की ओर उठी, अंतत: जब ऊँगली ने उसकी योनि के फटे हुए हिस्से की छुआ, जूही ने दर्द भरी एक छोटी-सी चीख दी और उसने दोनों उंगलियों का प्रयोग कर योनि के द्वार को खोला और बोली जो योनि बड़ी मुश्किल से खुलती थी उसे चौद छोड़ कर अब इतनी चौड़ी कर दी है कि अब छेद दिखाई दे रहा है । संसर्ग कि में ऐसी भी क्या अधीरता कि इतनी सुंदर योनि को क्षतविक्षत ही कर डाला? देखो राजकुमारी आपकी योनि कैसे सूज गयी है ।
फिर नैना बोली सच बताओ रानी राजकुमार ने आपको कितनी बार भोगा । सोने दिया या नहीं और आपकी कैसा लगा?
जूही शर्माते हुए गिनने लगी और बोली पांच बार नहीं छे बार । और फिर दो घंटे सोये और जूही बोली कुमार पहले ने जब शुरू किया तो मजा आया। फिर जब उसने अपना लंड प्रवेश किया तो लगा मुझे बीच से चीर दिया गया है और बहुत दर्द हुआ। फिर आनंद आया। कुमार ने मुझे बहुत बेदर्दी से बार-बार चौदा। मुझे बहुत आनद आया और इसे मैं कभी भी नहीं भूल सकती। मैं इसकी याद में शेष जीवन बिता सकती हूँ।
फिर नैना बोली हम्म्म इतनी सुंदर योनि को सिर्फ पांच छे बार ही चौदा, मैं पुरुष होती तो रात भर चोदती रहती ।अच्छा बाताओ लिंग कैसा था?
जूही बोली उनका लिंग बहुत विशाल, बड़ा और कड़ा है और स्पंदन करता है और मैं लिंग को अपने गर्भ में महसूस करती थी। जब लिंग स्पंदन करता है तो ऐसा लगता था जैसे लाखों हाथ उसकी योनि की दीवारों पर एक लाख ड्रम की ताल से धड़क रहे थे। ड्रम की सतह, खाल फैली हुई, कंपन कर रही थी और हाथों से गूंज रही थी कि उन पर पिटाई कर रहे थे। ये अध्भुत था ।
नैना जूही की चूत पर हाथ फेरने लगी उन्हें जैसे करंट-सा लगा और उन्होंने नैना को कस कर पकड़ लिया और उस से लिपट गयी, उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था। चुदाई के पालो के आननद को समरण करने से जूही की चूत गीली होने लगी, नैना ने उनकी चुत को चूमा उनकी खुशबू ने नैना को मदहोश कर दिया और वह जूही की चूत को चाटने लगी, उसकी चूत के रस में क्या गज़ब का स्वाद था।
नैना बोली क्या आपको अच्छा लग रहा है ?आराम मिल रहा है? तो जूही बोली हम्म्म!
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फिर उसकी चूत पर मुँह रखते ही जूही जोर से चिल्ला उठी आआहह, ओमम्म्मममम, चाटो ना जोर से, सस्स्सस्स हहा और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। वह सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वह अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी और फिर वह झड़ गयी।
अब नैना बोली मैं थोड़ी सिकाई कर देती हूँ आप अब आराम कर लो ।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार
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