17-03-2023, 11:59 AM
अध्याय १३
उस आदमी ने सफेद रंग की टीशर्ट और नीले रंग की फेडेड जींस पहन रखी थी और जींस में एक चौड़ी सी महंगी लेदर की बेल्ट लगी हुई थी... और उसके कंधे तक लंबे बाल खुले हुए थे- यह आदमी और कोई नहीं- टॉम था|
मैं ना जाने किन ख्यालों में खोई हुई बस उससे देख ही रही थी इतने में कब वह मेरे पास आ गया मुझे ध्यान ही नहीं|
"क्या सोच रही हो, पीयाली?"
"टॉम?"
"हां, मैं तुम्हारा ही इंतजार कर रहा था"
मैंने मुस्कुरा कर उससे पूछा, "बड़ी अच्छी बात है, पर क्यों?"
"मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूं- मैं चाहता हूं कि तुम मेरी दोस्त बनो"
मेरा दिल खुशी से नाच उठा, पर अनजाने में मेरे मुंह से निकला, "लेकिन टॉम?"
टॉम हंस पड़ा, "जैसा कि मैंने कहा था- मैं ब्लूमून क्लब का कोई कर्मचारी नहीं बल्कि एक मेंबर हूं- और वैसे मेरा लेदर का इंपोर्ट एक्सपोर्ट का बिजनेस है"
हालांकि टॉम मुझसे उम्र में काफी बड़ा था लेकिन उस जैसा रूपवान और गठीला बदन वाला आदमी आज मेरा दोस्त बनना चाहता है; इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है- इसलिए मानो कि मैंने के अंदर लड्डू से फूटने लगे... मेरी भावनाएं बिल्कुल वैसी ही थी जैसे किसी जवानी की दहलीज पर खड़ी हुई इसी किशोरी पर किसी ने दिलचस्पी जाहिर की हो | लेकिन मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या कहूं और इससे पहले कि मैं कुछ बोल पाती टॉम ने रंग-बिरंगे कागज में लिपटी हुई एक वर्गाकार बक्सा मुझे थमाया|
उसके ऊपर उसका कार्ड भी चिपका हुआ था|
"यह क्या है, टॉम?"
"मेरी तरफ से एक गिफ्ट, मुझे उम्मीद है तुम्हें पसंद जरूर आएगा... अब बहुत देर हो चुकी है, पीयाली और मौसम का भी कुछ भरोसा नहीं... तुम तो अपने साथ छतरी भी नहीं लाई... अब जल्दी से घर जाओ... वैसे मेरे पास मेरी कार है लेकिन फिलहाल मैं तुम्हें घर छोड़ने नहीं जाऊंगा... क्योंकि मुझे नहीं पता तुम कहां रहती हो और वहां के लोगों की मानसिकता क्या है... अगर किसी ने हम दोनों को साथ साथ गाड़ी में देख लिया तो न जाने तरह-तरह की बातें करने लगेगा; इसलिए मैं काम करता हूं... मैं तुम्हारे लिए एक रेडियो टैक्सी बुक करके देता हूं| तुम कुछ देर रुको"
यह कहकर टॉम ने अपना मोबाइल निकाला और उसके अंदर लगे हुए ऐप को खोल कर उसने फोन मुझे थमा दिया... मोबाइल ऐप के अंदर मैंने अपने घर का पता ठिकाना भरा और बुकिंग का बटन दबाया... और फोन वापस टॉम को थमा दिया|
बिग सिटी मॉल के बाहर ही हम दोनों साथ-साथ बिल्कुल चुपचाप खड़े रहे क्योंकि मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं टॉम से क्या बात करूं... और यह खामोशी मेरे अंदर एक अजीब तरह का अचरज पैदा कर रही थी| मेरा मन तो कर रहा था कि मैं टॉम से ढेर सारी बातें करूं... पर मैं बोलूं तो क्या बोलूं मुझे कुछ सूझ ही नहीं रहा था| इसलिए मैं चुपचाप खड़ी रही|
थोड़ी ही देर बाद एक रेडियो टैक्सी हमारे सामने आकर रुकी| टॉम ने आगे बढ़कर टैक्सी का दरवाजा खोला और मैं उसमें बैठकर दरवाजा बंद करके टॉम को बाय-बाय करी|
टॉम भी अपने रास्ते चला गया| अभी टैक्सी वाला थोड़ी दूर तक ही गया होगा कि मुझे रास्ते में एक वाइन शॉप दिखा हैरानी की बात यह है कि वहां जवान और कॉलेज की उम्र के लड़के लड़कियां शराब खरीद रहे थे... मैंने भी हिम्मत करके टैक्सी वाले को थोड़ी देर रुकने के लिए कहा और टैक्सी से उतर कर मैंने थोड़ी और हिम्मत जुटाकर दुकान से चार बियर के कैन और एक बकार्डी वाइट रम की बोतल खरीदी|
यह मेरे कॉलेज के जमाने का ब्रांड था| पर शादी के बाद मेरा पीना पाना बिल्कुल बंद हो गया था| वैसे जब कभी कबार में कॉल सेंटर द्वारा आयोजित की हुई पार्टी में जाती थी थोड़ा बहुत पी लेती थी... लेकिन आज का दिन कुछ खास था... इसलिए आज रात को थोड़ा पीना और अकेले ही अकेले थोड़ा बहुत जश्न बनाना जरूरी हो गया था|
शराब की दुकान के काउंटर का लड़का भी अपने आप को रोक नहीं पा रहा था वैसे तो सुबह से लेकर शाम तक उसने बहुत सी लड़कियों को देखा होगा लेकिन मैं जानती थी कि आज मैं बहुत ही सुंदर और आकर्षक लग रही थी इसलिए शायद वह अपने आप को रोक नहीं पा रहा था और मुझे घूरे जा रहा था|
उसने मेरी खरीदी चीजों को एक मजबूत से प्लास्टिक के बैग में डाला और मैंने नकद पैसे देकर बिल का भुगतान किया|
वापस टैक्सी में बैठकर मैंने अपना पुराना फोन ऑन किया तो देखा उसमें छह मिस्ड कॉल दिख रहे थे| इनमें से पांच गोपा मौसी ने किए थे और एक मेरे पति देव का था|
पता नहीं क्यों अपने पति जय का मिस्ड कॉल देखते ही मेरा माथा गर्म हो गया; पर मैं क्या करूं सबसे पहले मैंने जय को ही वापस कॉल लगाने की कोशिश की लेकिन पता चला कि उसका मोबाइल सेवा क्षेत्र से बाहर है| ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है- ऐसा होना वाजिब भी है, क्योंकि वह मर्चेंट नेवी में काम करता है और इस वक्त शायद उसका जहाज दूर गहरे समंदर मैं कहीं बहाल था|
मैंने मन ही मन सोचा अगर बाद में जब मेरी उससे बात होगी तब मैं कह दूंगी कि मोबाइल का चार्ज खत्म हो गया था शायद इसलिए मोबाइल ऑफ हो गया होगा|
और गोपा मौसी को भी मैं यही बात कहूंगी|
***
घर में घुसने के साथ ही जैसे मेरी जिंदगी के अकेलेपन ने मुझे धर दबोचा| ना जाने क्यों मुझे अजीब सी एक घुटन सी महसूस होने लगी... मैंने घर घर की सारी खिड़कियां खोल दी और बत्तियां जला दी... बाहर से ठंडी हवाओं के झोंके अंदर आने लगे पर पूरा घर जैसे खाली खाली बर्तन सा लगने लगा था इसलिए मैंने घर की सारी बत्तियां फिर से बुझा दी पर खिड़कियां खुली रहने दी... मेरे तन और मन में एक अजीब से बोझ और बंधन का एहसास होने लगा था... इसलिए मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और कुछ देर तक पागलों की तरह बिल्कुल नंगी होकर पूरे घर भर में चहलकदमी करती रही|
उसके बाद मैंने बाथरूम में जाकर अपना चेहरा धोया और नजर उठा कर बाथरूम बल्ब की रोशनी में आईने के अंदर अपनी शक्ल देखी... आईने में मुझे अपने ही प्रतिबिंब को पहचानने में मुश्किल हो रही थी... क्योंकि आईने में मुझे- मैं- जय चौधरी की पत्नी, शीला चौधरी नहीं बल्कि ब्लू मून क्लब की पीयाली दास दिख रही थी...
और आईने में दिखने वाली पीयाली दास वाकई में बहुत खूबसूरत दिख रही थी... मेरे स्वाभाविक ग्रुप से सीधे- सपाट यानी कि स्ट्रेट- बाल अब लहरों और कर्लिंग स्टाइल में किए गए थे| बालों की एक धारा मेरे चेहरे की एक तरफ से होती हुई मेरे स्तनों के ऊपर जा टिकी थी... मेरी सांसे लंबी और गहरी चल रही थी जैसे किसी नदी में ज्वार और भाटा आ-जा रहा हो जिसकी वजह से मेरे सुडौल स्तन ऊपर नीचे हो रहे थे|
हां, आईने में दिखने वाली पीयाली दास और कोई नहीं मैं ही हूं- जिसे टॉम ने बिल्कुल नंगी देखा था... और उसने मेरे साथ शारीरिक संबंध भी बनाए थे और उसके वीर्य स्खलन के बाद मेरे अंदर की एक बहुत दिनों से दबी हुई एक भड़कती हुई गरमाहट को अब जाकर शांति मिली थी...
और मैंने महसूस किया कि मेरे शरीर के अंग प्रत्यंग जैसे हाथ पैर और खासकर यौनांग में हल्का हल्का मीठा-मीठा दर्द सा महसूस हो रहा था|
फिलहाल गिलास में व्हाइट रम डालने के लिए टॉम यहां मौजूद नहीं था| इसलिए मैंने खुद ही किचन में जाकर अपनी मदद की और बेडरूम का सिर्फ नाइट लैंप जलाकर मैंने टॉम का दिया हुआ गिफ्ट खोला|
गिफ्ट का बक्सा खोलते ही मैं बिल्कुल हैरान रह गई- क्योंकि टॉम ने मुझे एकदम लेटेस्ट मॉडल का मोबाइल फोन खरीद कर दिया था जो कि कुछ ही दिनों पहले लांच हुआ था और यह बहुत ही महंगा था|
मैंने अखबारों में इसका विज्ञापन जरूर देखा था पर मैंने इसे खरीदने का ख्याल यह सोच कर टाल दिया था कि इतना महंगा फोन खरीदना एक फिजूलखर्ची होगी...
फोन देख कर मैं मारे खुशी के रो पड़ी|
***
मैं अब तक व्हाइट रम के डेढ़ पेग पी चुकी थी और उससे पहले मैंने अपने बेड पर लगे हेड पोस्ट ड्रावर मे रखी हुई वह वाली गोली खा ली थी जिसे गोपा मौसी पेट सफाई की दवा कहा करती थी यानी कि गर्भनिरोधक... पिछली बार जब मेरे पति घर आए थे तब मैं अपने लिए यह गोलियां काफी मात्रा में चुपके चुपके लेकर आई थी... और जाहिर सी बात है उनमें से कुछ गोलियां बच गई थी|
अब मैंने अपने पुराने फोन से सिम और मेमोरी कार्ड निकाल कर टॉम के दिए हुए नए मोबाइल में लगाया और सबसे पहले ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा और टॉम का नंबर सेव किया|
उसके बाद गूगल अकाउंट की बदौलत मैं अपने फोन के सारे कॉन्टैक्ट्स डाउनलोड करने लगी| और फोन में पहले से ही इंस्टॉल किए हुए एप्स को खंगालने लगी|
इतने में मेरे नए फोन में व्हाट्सएप के 2 मैसेज आए|
एक मैसेज टॉमस फर्नांडिस यानी टॉम का था और दूसरा मैरी डिसूजा ने भेजा था|
दोनों मैसेजेस जैसे ही थे, दोनों यह जानना चाहते थे कि मैं घर सही सलामत पहुंची कि नहीं...
मैंने व्हाइट रम की गिलास उठाई और उसमें से एक चुस्की ली और फिर मैं यह सोचने लगी कि पहले मैं कैसे फोन करूं? टॉम को या फिर मैरी डिसूजा को?
और फोन करने के बाद मैं बोलूं तो क्या बोलूं? उन दोनों ने ही मेरे सामने ऐसे प्रस्ताव रखे थे जो कि बहुत ही लुभावने थे...
इतने में जोर से बादल गरजे, जबरदस्त बिजली चमकी और मूसलाधार बारिश शुरू हो गई…
क्रमशः
उस आदमी ने सफेद रंग की टीशर्ट और नीले रंग की फेडेड जींस पहन रखी थी और जींस में एक चौड़ी सी महंगी लेदर की बेल्ट लगी हुई थी... और उसके कंधे तक लंबे बाल खुले हुए थे- यह आदमी और कोई नहीं- टॉम था|
मैं ना जाने किन ख्यालों में खोई हुई बस उससे देख ही रही थी इतने में कब वह मेरे पास आ गया मुझे ध्यान ही नहीं|
"क्या सोच रही हो, पीयाली?"
"टॉम?"
"हां, मैं तुम्हारा ही इंतजार कर रहा था"
मैंने मुस्कुरा कर उससे पूछा, "बड़ी अच्छी बात है, पर क्यों?"
"मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूं- मैं चाहता हूं कि तुम मेरी दोस्त बनो"
मेरा दिल खुशी से नाच उठा, पर अनजाने में मेरे मुंह से निकला, "लेकिन टॉम?"
टॉम हंस पड़ा, "जैसा कि मैंने कहा था- मैं ब्लूमून क्लब का कोई कर्मचारी नहीं बल्कि एक मेंबर हूं- और वैसे मेरा लेदर का इंपोर्ट एक्सपोर्ट का बिजनेस है"
हालांकि टॉम मुझसे उम्र में काफी बड़ा था लेकिन उस जैसा रूपवान और गठीला बदन वाला आदमी आज मेरा दोस्त बनना चाहता है; इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है- इसलिए मानो कि मैंने के अंदर लड्डू से फूटने लगे... मेरी भावनाएं बिल्कुल वैसी ही थी जैसे किसी जवानी की दहलीज पर खड़ी हुई इसी किशोरी पर किसी ने दिलचस्पी जाहिर की हो | लेकिन मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या कहूं और इससे पहले कि मैं कुछ बोल पाती टॉम ने रंग-बिरंगे कागज में लिपटी हुई एक वर्गाकार बक्सा मुझे थमाया|
उसके ऊपर उसका कार्ड भी चिपका हुआ था|
"यह क्या है, टॉम?"
"मेरी तरफ से एक गिफ्ट, मुझे उम्मीद है तुम्हें पसंद जरूर आएगा... अब बहुत देर हो चुकी है, पीयाली और मौसम का भी कुछ भरोसा नहीं... तुम तो अपने साथ छतरी भी नहीं लाई... अब जल्दी से घर जाओ... वैसे मेरे पास मेरी कार है लेकिन फिलहाल मैं तुम्हें घर छोड़ने नहीं जाऊंगा... क्योंकि मुझे नहीं पता तुम कहां रहती हो और वहां के लोगों की मानसिकता क्या है... अगर किसी ने हम दोनों को साथ साथ गाड़ी में देख लिया तो न जाने तरह-तरह की बातें करने लगेगा; इसलिए मैं काम करता हूं... मैं तुम्हारे लिए एक रेडियो टैक्सी बुक करके देता हूं| तुम कुछ देर रुको"
यह कहकर टॉम ने अपना मोबाइल निकाला और उसके अंदर लगे हुए ऐप को खोल कर उसने फोन मुझे थमा दिया... मोबाइल ऐप के अंदर मैंने अपने घर का पता ठिकाना भरा और बुकिंग का बटन दबाया... और फोन वापस टॉम को थमा दिया|
बिग सिटी मॉल के बाहर ही हम दोनों साथ-साथ बिल्कुल चुपचाप खड़े रहे क्योंकि मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं टॉम से क्या बात करूं... और यह खामोशी मेरे अंदर एक अजीब तरह का अचरज पैदा कर रही थी| मेरा मन तो कर रहा था कि मैं टॉम से ढेर सारी बातें करूं... पर मैं बोलूं तो क्या बोलूं मुझे कुछ सूझ ही नहीं रहा था| इसलिए मैं चुपचाप खड़ी रही|
थोड़ी ही देर बाद एक रेडियो टैक्सी हमारे सामने आकर रुकी| टॉम ने आगे बढ़कर टैक्सी का दरवाजा खोला और मैं उसमें बैठकर दरवाजा बंद करके टॉम को बाय-बाय करी|
टॉम भी अपने रास्ते चला गया| अभी टैक्सी वाला थोड़ी दूर तक ही गया होगा कि मुझे रास्ते में एक वाइन शॉप दिखा हैरानी की बात यह है कि वहां जवान और कॉलेज की उम्र के लड़के लड़कियां शराब खरीद रहे थे... मैंने भी हिम्मत करके टैक्सी वाले को थोड़ी देर रुकने के लिए कहा और टैक्सी से उतर कर मैंने थोड़ी और हिम्मत जुटाकर दुकान से चार बियर के कैन और एक बकार्डी वाइट रम की बोतल खरीदी|
यह मेरे कॉलेज के जमाने का ब्रांड था| पर शादी के बाद मेरा पीना पाना बिल्कुल बंद हो गया था| वैसे जब कभी कबार में कॉल सेंटर द्वारा आयोजित की हुई पार्टी में जाती थी थोड़ा बहुत पी लेती थी... लेकिन आज का दिन कुछ खास था... इसलिए आज रात को थोड़ा पीना और अकेले ही अकेले थोड़ा बहुत जश्न बनाना जरूरी हो गया था|
शराब की दुकान के काउंटर का लड़का भी अपने आप को रोक नहीं पा रहा था वैसे तो सुबह से लेकर शाम तक उसने बहुत सी लड़कियों को देखा होगा लेकिन मैं जानती थी कि आज मैं बहुत ही सुंदर और आकर्षक लग रही थी इसलिए शायद वह अपने आप को रोक नहीं पा रहा था और मुझे घूरे जा रहा था|
उसने मेरी खरीदी चीजों को एक मजबूत से प्लास्टिक के बैग में डाला और मैंने नकद पैसे देकर बिल का भुगतान किया|
वापस टैक्सी में बैठकर मैंने अपना पुराना फोन ऑन किया तो देखा उसमें छह मिस्ड कॉल दिख रहे थे| इनमें से पांच गोपा मौसी ने किए थे और एक मेरे पति देव का था|
पता नहीं क्यों अपने पति जय का मिस्ड कॉल देखते ही मेरा माथा गर्म हो गया; पर मैं क्या करूं सबसे पहले मैंने जय को ही वापस कॉल लगाने की कोशिश की लेकिन पता चला कि उसका मोबाइल सेवा क्षेत्र से बाहर है| ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है- ऐसा होना वाजिब भी है, क्योंकि वह मर्चेंट नेवी में काम करता है और इस वक्त शायद उसका जहाज दूर गहरे समंदर मैं कहीं बहाल था|
मैंने मन ही मन सोचा अगर बाद में जब मेरी उससे बात होगी तब मैं कह दूंगी कि मोबाइल का चार्ज खत्म हो गया था शायद इसलिए मोबाइल ऑफ हो गया होगा|
और गोपा मौसी को भी मैं यही बात कहूंगी|
***
घर में घुसने के साथ ही जैसे मेरी जिंदगी के अकेलेपन ने मुझे धर दबोचा| ना जाने क्यों मुझे अजीब सी एक घुटन सी महसूस होने लगी... मैंने घर घर की सारी खिड़कियां खोल दी और बत्तियां जला दी... बाहर से ठंडी हवाओं के झोंके अंदर आने लगे पर पूरा घर जैसे खाली खाली बर्तन सा लगने लगा था इसलिए मैंने घर की सारी बत्तियां फिर से बुझा दी पर खिड़कियां खुली रहने दी... मेरे तन और मन में एक अजीब से बोझ और बंधन का एहसास होने लगा था... इसलिए मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और कुछ देर तक पागलों की तरह बिल्कुल नंगी होकर पूरे घर भर में चहलकदमी करती रही|
उसके बाद मैंने बाथरूम में जाकर अपना चेहरा धोया और नजर उठा कर बाथरूम बल्ब की रोशनी में आईने के अंदर अपनी शक्ल देखी... आईने में मुझे अपने ही प्रतिबिंब को पहचानने में मुश्किल हो रही थी... क्योंकि आईने में मुझे- मैं- जय चौधरी की पत्नी, शीला चौधरी नहीं बल्कि ब्लू मून क्लब की पीयाली दास दिख रही थी...
और आईने में दिखने वाली पीयाली दास वाकई में बहुत खूबसूरत दिख रही थी... मेरे स्वाभाविक ग्रुप से सीधे- सपाट यानी कि स्ट्रेट- बाल अब लहरों और कर्लिंग स्टाइल में किए गए थे| बालों की एक धारा मेरे चेहरे की एक तरफ से होती हुई मेरे स्तनों के ऊपर जा टिकी थी... मेरी सांसे लंबी और गहरी चल रही थी जैसे किसी नदी में ज्वार और भाटा आ-जा रहा हो जिसकी वजह से मेरे सुडौल स्तन ऊपर नीचे हो रहे थे|
हां, आईने में दिखने वाली पीयाली दास और कोई नहीं मैं ही हूं- जिसे टॉम ने बिल्कुल नंगी देखा था... और उसने मेरे साथ शारीरिक संबंध भी बनाए थे और उसके वीर्य स्खलन के बाद मेरे अंदर की एक बहुत दिनों से दबी हुई एक भड़कती हुई गरमाहट को अब जाकर शांति मिली थी...
और मैंने महसूस किया कि मेरे शरीर के अंग प्रत्यंग जैसे हाथ पैर और खासकर यौनांग में हल्का हल्का मीठा-मीठा दर्द सा महसूस हो रहा था|
फिलहाल गिलास में व्हाइट रम डालने के लिए टॉम यहां मौजूद नहीं था| इसलिए मैंने खुद ही किचन में जाकर अपनी मदद की और बेडरूम का सिर्फ नाइट लैंप जलाकर मैंने टॉम का दिया हुआ गिफ्ट खोला|
गिफ्ट का बक्सा खोलते ही मैं बिल्कुल हैरान रह गई- क्योंकि टॉम ने मुझे एकदम लेटेस्ट मॉडल का मोबाइल फोन खरीद कर दिया था जो कि कुछ ही दिनों पहले लांच हुआ था और यह बहुत ही महंगा था|
मैंने अखबारों में इसका विज्ञापन जरूर देखा था पर मैंने इसे खरीदने का ख्याल यह सोच कर टाल दिया था कि इतना महंगा फोन खरीदना एक फिजूलखर्ची होगी...
फोन देख कर मैं मारे खुशी के रो पड़ी|
***
मैं अब तक व्हाइट रम के डेढ़ पेग पी चुकी थी और उससे पहले मैंने अपने बेड पर लगे हेड पोस्ट ड्रावर मे रखी हुई वह वाली गोली खा ली थी जिसे गोपा मौसी पेट सफाई की दवा कहा करती थी यानी कि गर्भनिरोधक... पिछली बार जब मेरे पति घर आए थे तब मैं अपने लिए यह गोलियां काफी मात्रा में चुपके चुपके लेकर आई थी... और जाहिर सी बात है उनमें से कुछ गोलियां बच गई थी|
अब मैंने अपने पुराने फोन से सिम और मेमोरी कार्ड निकाल कर टॉम के दिए हुए नए मोबाइल में लगाया और सबसे पहले ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा और टॉम का नंबर सेव किया|
उसके बाद गूगल अकाउंट की बदौलत मैं अपने फोन के सारे कॉन्टैक्ट्स डाउनलोड करने लगी| और फोन में पहले से ही इंस्टॉल किए हुए एप्स को खंगालने लगी|
इतने में मेरे नए फोन में व्हाट्सएप के 2 मैसेज आए|
एक मैसेज टॉमस फर्नांडिस यानी टॉम का था और दूसरा मैरी डिसूजा ने भेजा था|
दोनों मैसेजेस जैसे ही थे, दोनों यह जानना चाहते थे कि मैं घर सही सलामत पहुंची कि नहीं...
मैंने व्हाइट रम की गिलास उठाई और उसमें से एक चुस्की ली और फिर मैं यह सोचने लगी कि पहले मैं कैसे फोन करूं? टॉम को या फिर मैरी डिसूजा को?
और फोन करने के बाद मैं बोलूं तो क्या बोलूं? उन दोनों ने ही मेरे सामने ऐसे प्रस्ताव रखे थे जो कि बहुत ही लुभावने थे...
इतने में जोर से बादल गरजे, जबरदस्त बिजली चमकी और मूसलाधार बारिश शुरू हो गई…
क्रमशः
*Stories-Index* New Story: উওমণ্ডলীর লৌন্ডিয়া