15-03-2023, 08:41 AM
अध्याय ८
टॉम ने दोबारा वाइन गिलासों में थोड़ी-थोड़ी वाइन डाली और मैं भी उठकर वाइन की चुस्कियां लेने लगी| इतने में दो दो बार संभोग करने के बाद मैं भी थोड़ा बहुत थक गई थी और मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि मेरी योनि के अधर शायद थोड़े से खुले हुए से लग रहे थे; अब यह कहना मुश्किल है कि क्या यह टॉम के साथ जोरदार संभोग का नतीजा है या फिर मेरा यौनांग टॉम को फिर से सहवास के लिए आमंत्रित कर रहा है|
जब तक मैं वाइन पी रही थी टॉम मुझे बड़े ही प्यार से देख रहा था- न जाने उसके दिमाग में क्या चल रहा था? जैसे ही मैंने वाइन का गिलास खत्म किया टॉम ने मुझे चूमा और फिर कमरे में लगे अटैच बाथरूम के अंदर चला गया और वहां मुझे नल से पानी भरने की आवाज सुनाई दी|
मैंने पूछा, " तुम क्या कर रहे हो, टॉम?"
टॉम ने बाथरूम के अंदर से ही आवाज लगाई, "कम ऑन पीयाली- आकर कर खुद ही देख लो..."
मैं बिस्तर पर बिल्कुल नंगी पड़ी हुई थी यहां तक की टॉम के साथ वाइन पीते वक्त भी मैंने अपने बदन पर कपड़े का एक भी कतरा चढ़ाने की जरूरत नहीं है समझी थी| इसलिए मैं वैसे ही बाथरूम के अंदर गई और मैंने देखा कि बाथरूम काफी बड़ा था और उसमें एक बाथटब में टॉम पानी भर रहा था और कोई लिक्विड साबुन पानी में मिलाकर खंगाल रहा था|
आज तक ना तो मेरे पिता के घर के बाथरूम में कोई बाथटब था और फिलहाल मैं और मेरे पति जिस फ्लैट में रहते हैं, वहां के बाथरूम में भी कोई बाथटब नहीं है| लेकिन बचपन से ही फिल्में देखने के बाद मुझे बाथरूम में बाथटब में डूब कर नहाने की इच्छा हुआ करती थी- और आज मेरी यह तमन्ना पूरी होने वाली थी|
मुझे मालूम था कि टॉम मुझे नहलाने वाला है इसलिए जैसे ही पानी भर गया- मैं खुद ब खुद बाथरूम में जाकर टांगे फैलाकर बैठ गई|
टॉम ने दोबारा मुझे प्यार से देखा और फिर मुस्कुराया|
" तो क्या तुम मुझे अभी नहलाने वाले हो, टॉम?"
"पैकेज के अनुसार- तुमको नहलाना सर्विस में शामिल है, पीयाली"
मैंने जी भर के टॉम को ऊपर से नीचे एक बार देखा| पहली बार उसे देखकर ही मुझे एहसास हो गया था कि उम्र मेंटॉम मुझसे कम से कम 10 या 15 साल बड़ा होगा... लेकिन इस वक्त वह पराया मर्द था... और मेरे सामने बिल्कुल नंगा खड़ा था... और मैं भी उसके सामने एक पराई औरत... शर्मों - हया और परदे के बिना बिल्कुल नंगी पानी से भरे बाथटब में अध -लेटी हुई थी...
कुछ देर के लिए बाथरूम के अंदर बिल्कुल सन्नाटा सा छा गया...
शायद यह वाइन का असर था या फिर मेरे दिमाग का फितूर- पता नहीं लेकिन मैंने टॉम से कहा, "मुझसे तुम्हारी हालत देखी नहीं जा रही, टॉम"
इस बात पर टॉम थोड़ा हैरान सा हुआ, उसने कहा, "मैंने तुम्हारा मतलब नहीं समझा, पीयाली"
"जरा मेरे पास आओ"
टॉम भी बाथटब में आ गया|
और इससे पहले कि वह कुछ समझ पाता मैंने खप से अपनी मुट्ठी में उसके शिथिल पढ़े हुए लिंग को पकड़ लिया और फिर मैं उसे आंखें मूंद कर जी भर कर चूसने लगी... अपने हाथों से पकड़ कर आज से पहले मैंने कभी भी किसी भी पुरुष के अंग को इस तरह से नहीं चूसा था... लेकिन आज मुझे इस बात का तजुर्बा भी हो गया था इसलिए मन ही मन मुझे ऐसा लग रहा था कि जब हाथ में मौका है तो उसे गवाना नहीं चाहिए|
टॉम ने एक लंबी सी मस्ती भरी सांस ली... मैंने अपनी नजरों को उठा कर उसके चेहरे की तरफ देखा और फिर मैं बोली, "तुम तो मुझे नहला कर मेरे बदन को छू कर मजे लेने वाले हो पर मेरा क्या होगा, टॉम?"
"मैं समझा नहीं, पीयाली- जब मैं तुम्हें नहलाऊंगा- तो क्या तुम्हें अच्छा नहीं लगेगा? क्या तुम्हें मजा नहीं आएगा?"
"मजा तो आएगा तो आएगा, टॉम... पर मैं दोबारा प्यार मस्ती और वासना के समुंदरों में दोबारा से गोते खाना चाहती हूं"
टॉम को उम्मीद नहीं थी कि मैं उससे कुछ ऐसा कहने वाली हूं; इसलिए उसे हैरानी तो हुई लेकिन मैंने गौर किया कि जैसे टॉम की आंखों में दोबारा से जैसे एक आदिम यौन भूख का रंग भरने लगा है|
फिर टॉम थोड़ा मुस्कुराया और फिर बोला, " वैसे तो अतिरिक्त शॉट (सहवास) के लिए हमारे यहां एक्स्ट्रा चार्जेस लगते हैं... और फिर वैसे भी पानी के अंदर अगर कंडोम भीग गया तो फट सकता है"
मैंने मन ही मन सोचा, अब तक ब्लू मून क्लब में मैंने कोई भी पैसा नहीं दिया था और मेरे पर्स में करीब करीब चालीस हजार रुपए पड़े हुए थे|
मैंने भी शरारत से मुस्कुराते हुए कहा, "तो ठीक है... तुम्हें कुछ करने की जरूरत नहीं है मुझे जो करना है वह मैं तुम्हारे साथ कर लूंगी..."
"लेकिन, पीयाली?"
"हा हा हा... चिंता मत करो टॉम... अबकी बार तुम्हें कुछ करने की जरूरत नहीं है; इस बार जो करना है वह मैं करूंगी... तुम तो दो-दो बार मेरे ऊपर चढ़कर मुझे चोद चुके हो... अब मेरी बारी है... मैं भी तो देखूं कि मैं क्या कर सकती हूं..."
मेरे अंदर वाइन का नशा चढ़ चुका था लेकिन फिलहाल मेरे अंदर वासना का भूत सवार था|
"लेकिन पीयाली, कंडोम...?"
"मैं बहुत दिनों से बहुत प्यासी हूं टॉम... जरा मैं भी तो देखूं आज जब मौका लगा है तो मैं अपनी प्यास किस हद तक मिटा सकती हूं" इतना कहकर मेट्रोम के लिंग को आइसक्रीम की तरह चूसने लगी- टॉम को मेरी इस हरकत की है शायद जरा भी उम्मीद नहीं थी- लेकिन मैं जानती थी कि उसे अच्छा लग रहा है| मैंने सुना है कि मर्दों को बिना कंडोम के सेक्स करना अच्छा लगता है... क्योंकि इनके लिए यह एक अधिक सुखद एहसास होता है... खैर, उन्हें कैसा लगता होगा यह तो मैं नहीं जानती... मैं तो एक औरत हूं... पानी से भरे बाथटब के अंदर होने के बावजूद मेरे पूरे बदन में वासना की आग लगी हुई थी|
शायद टॉम के मन के अंदर कोई पिंजरे में बंद जानवर शायद आजाद हो चुका था| टॉम ने आव देखा ना ताव, उसने मेरे बालों को पकड़कर मुझे सीधा खड़ा कर दिया मैंने देखा कि अब तक उसका लिंग एक लोहे के सरिए की तरह खड़ा और सख्त हो चुका है... मेरी सांसे भी लंबी गहरी होती जा रही थी जिसकी वजह से मेरे सुडौल स्तनों का जोड़ा मेरी सांसों के साथ ऊपर नीचे हो रहा था|
टॉम ने बाथटब के ऊपर लगे हुए शावर को चलाया और फिर मुझे पूरा का पूरा भिगो दिया| मेरे बदन में पानी में पढ़ते ही है मेरा पूरा बदन कांप उठा- मुझे ऐसा लग रहा था जैसे गर्म तवे पर किसी ने पानी के छींटे मार दिए हो|
शायद मेरे पूरे बदन से कामोत्तेजना की ऊष्मा निकल रही थी... मेरी उफनती जवानी की यह गर्मी शायद टॉम फालतू में गवाना नहीं चाहता था इसलिए- इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाती वह मेरे पूरे बदन को अपनी जीभ से किसी जानवर की तरह चाटने लगा... मेरे होंठ ... स्तन ... निपल्स ... कांख.. कंधा... टॉम योनि और योनि और गुदा के बीच के बीच के हिस्से पर विशेष ध्यान दे रहा था और उसके बाद उसने मेरे गीले बालों को इकट्ठा करके सर के ऊपर एक जुड़े में बांध दीया| मेरे पूरे बदन में साबुन लगाने लगा...
मुझे मालूम था कि टॉम मेरे साथ जो भी कर रहा है- उसे उसका भरपूर मजा मिल रहा है|
मुझसे भी रहा नहीं गया... मैं भी तुमको जी भर के चूमने और चाटने लगी... और मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था... किसी अनजाने आदमी की छुअन और उसकी त्वचा के स्वाद की बात ही कुछ और है...
***
हमने एक-दूसरे को नहला दिया|
लेकिन टॉम ने मेरा बदन नहीं पोछा| उसने दोनों हाथों से मेरे स्तनों को पकड़ा और फिर मुझे दीवार की तरफ धकेल दिया... बाथरूम की ठंडी दीवार को छूते ही होते ही मेरे पूरे बदन में बिजली की एक लहर फिर से दौड़ रही है... और मुझे बाहर बादलों की गड़गड़ाहट सुनाई दी... टॉम ने बिलकुल वक्त जाहिर नहीं किया उसने अपने लोहे के सरिए जैसे खड़े और सख्त लिंग को मेरी कोमल योनी में दोबारा से घोंप दिया...
इस बार भी मुझे दर्द हुआ--- वही प्यार भरा मीठा सा दर्द, लेकिन इस बार इसकी तीव्रता थोड़ी ज्यादा थी--- मेरे मुंह से दोबारा हल्की सी चीख निकली "आ... आ... आ... आह - आई"
तुमने उसी हालत में मुझे मेरी जांघों को पकड़कर लगभग मुझे गोद में ही उठा लिया... और फिर घूम कर बात करके बाथटब के किनारे बैठ गया... हमारे यौनांग आपस में संलग्न थे... मेरी दोनों टांगे फैली हुई थी और उसके बीच टॉम की जांघें और मैं उसके ऊपर बैठी हुई थी... टॉम ने मेरे चेहरे से मेरी उलझी उलझी लटों को हटाया और फिर एक अजीब सी नजर से मेरी तरफ देखने लगा... मैंने उससे कहा था कि 'मैं भी तो देखूं,,, आज जब मौका लगा है तो मैं अपनी प्यास किस हद तक मिटा सकती हूं...'
मैंने अपने पैरों के तलवों पर जोर डालकर थोड़ा सा ऊपर उठने की कोशिश की और फिर दोबारा बैठ गई... और फिर मन ही मन मैंने सोचा… हां ऐसा मैंने पहले कभी नहीं किया था लेकिन मैं यह कर सकती हूं... मैंने दोबारा वैसे ही किया... मैंने अपनी कमर को थोड़ा सा वैसे ही उचकाया और फिर बैठ गई... ऐसा तीन चार बार करने के बाद जैसे मुझे ताल में ताल मिल गया... मैं टॉम की गोद में वासना की मस्ती में ऊपर नीचे फुदकने लगी... मेरे स्तनों का जोड़ा भी मानो जीवित हो उठा था... वह भी नाच रहे थे और टॉम की छाती से रगड़ खा रहे थे...
अनजाने में ही हम दोनों के मुंह से ""उउउह...आआह" की आवाजें निकलने लगी|
और बाथटब के पानी में मानो कामदेव भी मारे खुशी के उछल रहे थे...
छपाक! छपाक! छपाक! छपाक! छपाक! छपाक! छपाक!
अंततः मैंने अपने शरीर मन और अंतरात्मा के अंदर दोबारा से कामोत्तेजना का विस्फोट महसूस किया... और इससे पहले कि मैं टॉम के ऊपर निढाल होकर लुढ़क गई मैंने महसूस किया कि मेरी योनि के अंदर टॉम के गरम गरम वीर्य की बाढ़ आ गई है...
हां, मेरा अंदाजा बिल्कुल सही था| जब मैंने पहली बार टॉम को नंगा देखा था तो मैंने गौर किया था कि उसकी यौनांग जैसे कि लिंग और अंडकोष काफी विकसित और बड़े थे... इसलिए जाहिर सी बात है कि टॉम के वीर्य की मात्रा मेरे अनुमान से काफी ज्यादा थी...
मैं टॉम के ऊपर निढाल होकर पड़ी हुई सुस्ता रही थी और तुमने भी मुझे बड़े प्यार से अपने सीने से लगा रखा था| उसका लिंग मेरे अंदर धीरे-धीरे शिथिल सा पढ़ रहा था लेकिन उसने उसे निकालने की कोई जल्दी नहीं की|
वह हर पल का आनंद लेना चाहता था...
यह तो मुझे भी अच्छा लग रहा था लेकिन अचानक कमरे का डोर बेल बजा; शायद बाहर कोई आया हुआ था|
टॉम को ना चाहते हुए भी मेरे बदन से अलग होना पड़ा...
क्रमशः
टॉम ने दोबारा वाइन गिलासों में थोड़ी-थोड़ी वाइन डाली और मैं भी उठकर वाइन की चुस्कियां लेने लगी| इतने में दो दो बार संभोग करने के बाद मैं भी थोड़ा बहुत थक गई थी और मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि मेरी योनि के अधर शायद थोड़े से खुले हुए से लग रहे थे; अब यह कहना मुश्किल है कि क्या यह टॉम के साथ जोरदार संभोग का नतीजा है या फिर मेरा यौनांग टॉम को फिर से सहवास के लिए आमंत्रित कर रहा है|
जब तक मैं वाइन पी रही थी टॉम मुझे बड़े ही प्यार से देख रहा था- न जाने उसके दिमाग में क्या चल रहा था? जैसे ही मैंने वाइन का गिलास खत्म किया टॉम ने मुझे चूमा और फिर कमरे में लगे अटैच बाथरूम के अंदर चला गया और वहां मुझे नल से पानी भरने की आवाज सुनाई दी|
मैंने पूछा, " तुम क्या कर रहे हो, टॉम?"
टॉम ने बाथरूम के अंदर से ही आवाज लगाई, "कम ऑन पीयाली- आकर कर खुद ही देख लो..."
मैं बिस्तर पर बिल्कुल नंगी पड़ी हुई थी यहां तक की टॉम के साथ वाइन पीते वक्त भी मैंने अपने बदन पर कपड़े का एक भी कतरा चढ़ाने की जरूरत नहीं है समझी थी| इसलिए मैं वैसे ही बाथरूम के अंदर गई और मैंने देखा कि बाथरूम काफी बड़ा था और उसमें एक बाथटब में टॉम पानी भर रहा था और कोई लिक्विड साबुन पानी में मिलाकर खंगाल रहा था|
आज तक ना तो मेरे पिता के घर के बाथरूम में कोई बाथटब था और फिलहाल मैं और मेरे पति जिस फ्लैट में रहते हैं, वहां के बाथरूम में भी कोई बाथटब नहीं है| लेकिन बचपन से ही फिल्में देखने के बाद मुझे बाथरूम में बाथटब में डूब कर नहाने की इच्छा हुआ करती थी- और आज मेरी यह तमन्ना पूरी होने वाली थी|
मुझे मालूम था कि टॉम मुझे नहलाने वाला है इसलिए जैसे ही पानी भर गया- मैं खुद ब खुद बाथरूम में जाकर टांगे फैलाकर बैठ गई|
टॉम ने दोबारा मुझे प्यार से देखा और फिर मुस्कुराया|
" तो क्या तुम मुझे अभी नहलाने वाले हो, टॉम?"
"पैकेज के अनुसार- तुमको नहलाना सर्विस में शामिल है, पीयाली"
मैंने जी भर के टॉम को ऊपर से नीचे एक बार देखा| पहली बार उसे देखकर ही मुझे एहसास हो गया था कि उम्र मेंटॉम मुझसे कम से कम 10 या 15 साल बड़ा होगा... लेकिन इस वक्त वह पराया मर्द था... और मेरे सामने बिल्कुल नंगा खड़ा था... और मैं भी उसके सामने एक पराई औरत... शर्मों - हया और परदे के बिना बिल्कुल नंगी पानी से भरे बाथटब में अध -लेटी हुई थी...
कुछ देर के लिए बाथरूम के अंदर बिल्कुल सन्नाटा सा छा गया...
शायद यह वाइन का असर था या फिर मेरे दिमाग का फितूर- पता नहीं लेकिन मैंने टॉम से कहा, "मुझसे तुम्हारी हालत देखी नहीं जा रही, टॉम"
इस बात पर टॉम थोड़ा हैरान सा हुआ, उसने कहा, "मैंने तुम्हारा मतलब नहीं समझा, पीयाली"
"जरा मेरे पास आओ"
टॉम भी बाथटब में आ गया|
और इससे पहले कि वह कुछ समझ पाता मैंने खप से अपनी मुट्ठी में उसके शिथिल पढ़े हुए लिंग को पकड़ लिया और फिर मैं उसे आंखें मूंद कर जी भर कर चूसने लगी... अपने हाथों से पकड़ कर आज से पहले मैंने कभी भी किसी भी पुरुष के अंग को इस तरह से नहीं चूसा था... लेकिन आज मुझे इस बात का तजुर्बा भी हो गया था इसलिए मन ही मन मुझे ऐसा लग रहा था कि जब हाथ में मौका है तो उसे गवाना नहीं चाहिए|
टॉम ने एक लंबी सी मस्ती भरी सांस ली... मैंने अपनी नजरों को उठा कर उसके चेहरे की तरफ देखा और फिर मैं बोली, "तुम तो मुझे नहला कर मेरे बदन को छू कर मजे लेने वाले हो पर मेरा क्या होगा, टॉम?"
"मैं समझा नहीं, पीयाली- जब मैं तुम्हें नहलाऊंगा- तो क्या तुम्हें अच्छा नहीं लगेगा? क्या तुम्हें मजा नहीं आएगा?"
"मजा तो आएगा तो आएगा, टॉम... पर मैं दोबारा प्यार मस्ती और वासना के समुंदरों में दोबारा से गोते खाना चाहती हूं"
टॉम को उम्मीद नहीं थी कि मैं उससे कुछ ऐसा कहने वाली हूं; इसलिए उसे हैरानी तो हुई लेकिन मैंने गौर किया कि जैसे टॉम की आंखों में दोबारा से जैसे एक आदिम यौन भूख का रंग भरने लगा है|
फिर टॉम थोड़ा मुस्कुराया और फिर बोला, " वैसे तो अतिरिक्त शॉट (सहवास) के लिए हमारे यहां एक्स्ट्रा चार्जेस लगते हैं... और फिर वैसे भी पानी के अंदर अगर कंडोम भीग गया तो फट सकता है"
मैंने मन ही मन सोचा, अब तक ब्लू मून क्लब में मैंने कोई भी पैसा नहीं दिया था और मेरे पर्स में करीब करीब चालीस हजार रुपए पड़े हुए थे|
मैंने भी शरारत से मुस्कुराते हुए कहा, "तो ठीक है... तुम्हें कुछ करने की जरूरत नहीं है मुझे जो करना है वह मैं तुम्हारे साथ कर लूंगी..."
"लेकिन, पीयाली?"
"हा हा हा... चिंता मत करो टॉम... अबकी बार तुम्हें कुछ करने की जरूरत नहीं है; इस बार जो करना है वह मैं करूंगी... तुम तो दो-दो बार मेरे ऊपर चढ़कर मुझे चोद चुके हो... अब मेरी बारी है... मैं भी तो देखूं कि मैं क्या कर सकती हूं..."
मेरे अंदर वाइन का नशा चढ़ चुका था लेकिन फिलहाल मेरे अंदर वासना का भूत सवार था|
"लेकिन पीयाली, कंडोम...?"
"मैं बहुत दिनों से बहुत प्यासी हूं टॉम... जरा मैं भी तो देखूं आज जब मौका लगा है तो मैं अपनी प्यास किस हद तक मिटा सकती हूं" इतना कहकर मेट्रोम के लिंग को आइसक्रीम की तरह चूसने लगी- टॉम को मेरी इस हरकत की है शायद जरा भी उम्मीद नहीं थी- लेकिन मैं जानती थी कि उसे अच्छा लग रहा है| मैंने सुना है कि मर्दों को बिना कंडोम के सेक्स करना अच्छा लगता है... क्योंकि इनके लिए यह एक अधिक सुखद एहसास होता है... खैर, उन्हें कैसा लगता होगा यह तो मैं नहीं जानती... मैं तो एक औरत हूं... पानी से भरे बाथटब के अंदर होने के बावजूद मेरे पूरे बदन में वासना की आग लगी हुई थी|
शायद टॉम के मन के अंदर कोई पिंजरे में बंद जानवर शायद आजाद हो चुका था| टॉम ने आव देखा ना ताव, उसने मेरे बालों को पकड़कर मुझे सीधा खड़ा कर दिया मैंने देखा कि अब तक उसका लिंग एक लोहे के सरिए की तरह खड़ा और सख्त हो चुका है... मेरी सांसे भी लंबी गहरी होती जा रही थी जिसकी वजह से मेरे सुडौल स्तनों का जोड़ा मेरी सांसों के साथ ऊपर नीचे हो रहा था|
टॉम ने बाथटब के ऊपर लगे हुए शावर को चलाया और फिर मुझे पूरा का पूरा भिगो दिया| मेरे बदन में पानी में पढ़ते ही है मेरा पूरा बदन कांप उठा- मुझे ऐसा लग रहा था जैसे गर्म तवे पर किसी ने पानी के छींटे मार दिए हो|
शायद मेरे पूरे बदन से कामोत्तेजना की ऊष्मा निकल रही थी... मेरी उफनती जवानी की यह गर्मी शायद टॉम फालतू में गवाना नहीं चाहता था इसलिए- इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाती वह मेरे पूरे बदन को अपनी जीभ से किसी जानवर की तरह चाटने लगा... मेरे होंठ ... स्तन ... निपल्स ... कांख.. कंधा... टॉम योनि और योनि और गुदा के बीच के बीच के हिस्से पर विशेष ध्यान दे रहा था और उसके बाद उसने मेरे गीले बालों को इकट्ठा करके सर के ऊपर एक जुड़े में बांध दीया| मेरे पूरे बदन में साबुन लगाने लगा...
मुझे मालूम था कि टॉम मेरे साथ जो भी कर रहा है- उसे उसका भरपूर मजा मिल रहा है|
मुझसे भी रहा नहीं गया... मैं भी तुमको जी भर के चूमने और चाटने लगी... और मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था... किसी अनजाने आदमी की छुअन और उसकी त्वचा के स्वाद की बात ही कुछ और है...
***
हमने एक-दूसरे को नहला दिया|
लेकिन टॉम ने मेरा बदन नहीं पोछा| उसने दोनों हाथों से मेरे स्तनों को पकड़ा और फिर मुझे दीवार की तरफ धकेल दिया... बाथरूम की ठंडी दीवार को छूते ही होते ही मेरे पूरे बदन में बिजली की एक लहर फिर से दौड़ रही है... और मुझे बाहर बादलों की गड़गड़ाहट सुनाई दी... टॉम ने बिलकुल वक्त जाहिर नहीं किया उसने अपने लोहे के सरिए जैसे खड़े और सख्त लिंग को मेरी कोमल योनी में दोबारा से घोंप दिया...
इस बार भी मुझे दर्द हुआ--- वही प्यार भरा मीठा सा दर्द, लेकिन इस बार इसकी तीव्रता थोड़ी ज्यादा थी--- मेरे मुंह से दोबारा हल्की सी चीख निकली "आ... आ... आ... आह - आई"
तुमने उसी हालत में मुझे मेरी जांघों को पकड़कर लगभग मुझे गोद में ही उठा लिया... और फिर घूम कर बात करके बाथटब के किनारे बैठ गया... हमारे यौनांग आपस में संलग्न थे... मेरी दोनों टांगे फैली हुई थी और उसके बीच टॉम की जांघें और मैं उसके ऊपर बैठी हुई थी... टॉम ने मेरे चेहरे से मेरी उलझी उलझी लटों को हटाया और फिर एक अजीब सी नजर से मेरी तरफ देखने लगा... मैंने उससे कहा था कि 'मैं भी तो देखूं,,, आज जब मौका लगा है तो मैं अपनी प्यास किस हद तक मिटा सकती हूं...'
मैंने अपने पैरों के तलवों पर जोर डालकर थोड़ा सा ऊपर उठने की कोशिश की और फिर दोबारा बैठ गई... और फिर मन ही मन मैंने सोचा… हां ऐसा मैंने पहले कभी नहीं किया था लेकिन मैं यह कर सकती हूं... मैंने दोबारा वैसे ही किया... मैंने अपनी कमर को थोड़ा सा वैसे ही उचकाया और फिर बैठ गई... ऐसा तीन चार बार करने के बाद जैसे मुझे ताल में ताल मिल गया... मैं टॉम की गोद में वासना की मस्ती में ऊपर नीचे फुदकने लगी... मेरे स्तनों का जोड़ा भी मानो जीवित हो उठा था... वह भी नाच रहे थे और टॉम की छाती से रगड़ खा रहे थे...
अनजाने में ही हम दोनों के मुंह से ""उउउह...आआह" की आवाजें निकलने लगी|
और बाथटब के पानी में मानो कामदेव भी मारे खुशी के उछल रहे थे...
छपाक! छपाक! छपाक! छपाक! छपाक! छपाक! छपाक!
अंततः मैंने अपने शरीर मन और अंतरात्मा के अंदर दोबारा से कामोत्तेजना का विस्फोट महसूस किया... और इससे पहले कि मैं टॉम के ऊपर निढाल होकर लुढ़क गई मैंने महसूस किया कि मेरी योनि के अंदर टॉम के गरम गरम वीर्य की बाढ़ आ गई है...
हां, मेरा अंदाजा बिल्कुल सही था| जब मैंने पहली बार टॉम को नंगा देखा था तो मैंने गौर किया था कि उसकी यौनांग जैसे कि लिंग और अंडकोष काफी विकसित और बड़े थे... इसलिए जाहिर सी बात है कि टॉम के वीर्य की मात्रा मेरे अनुमान से काफी ज्यादा थी...
मैं टॉम के ऊपर निढाल होकर पड़ी हुई सुस्ता रही थी और तुमने भी मुझे बड़े प्यार से अपने सीने से लगा रखा था| उसका लिंग मेरे अंदर धीरे-धीरे शिथिल सा पढ़ रहा था लेकिन उसने उसे निकालने की कोई जल्दी नहीं की|
वह हर पल का आनंद लेना चाहता था...
यह तो मुझे भी अच्छा लग रहा था लेकिन अचानक कमरे का डोर बेल बजा; शायद बाहर कोई आया हुआ था|
टॉम को ना चाहते हुए भी मेरे बदन से अलग होना पड़ा...
क्रमशः
*Stories-Index* New Story: উওমণ্ডলীর লৌন্ডিয়া