14-03-2023, 12:56 PM
मेरे अंतरंग हमसफ़र
नौवा अध्याय
डॉक्टरी की पढ़ाई
भाग 8
गैरेज
"मास्टर," मोनिका ने कहा, " गैरेज घर के पीछे की तरफ है । उधर लिफ्ट जाती है आप ड्राइववे का पालन करें और अपने नए वाहनों के अलावा वहां आप इनकी गाड़ी पार्क करवा दे ।"
"नए वाहन?" मैंने पूछ लिया।
उसने हाँ में सर हिलाया। "एक सिल्वर लिमोज़ीन और एक गोल्डन रूल्स रॉयस। यहाँ आपके पिताजी के जाने के बाद से वर्षो से किसी ने गाड़ी नहीं चलाई है और आप जानते हैं प्रदुषण के नियम और फिर उस कई पुराने वाहनों से छुटकारा पा लिया गया ।"
"ओह," मैंने कहा। "एक रोल्स रॉयस ।"
"और आप अपनी पसंद के हिसाब से अपने लिए एक लेम्बोर्गिनी या अन्य कोई भी कार जो आपको पसंद हो उसे आप खरीद सकते हैं " उसके साथ ही मोनिका ने मुझे मेरे पिताजी और साथ में राजकुमार ब्रॉडी के पिताजी का इस आशय का सन्देश पत्र पकड़ा दिया ।
"ज़रूर," मैंने कहा और मैं और पर्पल मोनिका के पीछे चले गए वो हमे कोने से घुमा कर लिफ्ट के पास ले गयी और उसने कहा आप भूतल पर चले जाए और फिर हम गाडी को गैरेज पर ले गए और उसने मुझे गैरेज का दरवाजा खोलने का पासकोड बताया .
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हमने गैरेज के दरवाजे का पासकोड डाला और दरवाजा स्वता खुल गया गैरेज एक दर्जन वाहनों के लिए जगह थी। और, हाँ, वहाँ एक लिमोज़ीन और एक रूल्स रॉयस थी जो की बिलकुल नई लग रही थी और बिखेरी रही थी। मैं, जीवा और पर्पल हैरत में थे ।
मैंने गैरेज के पिछले दरवाजे से घर में प्रवेश किया और लिफ्ट तक रास्ता ढूंढ लिया जहां हम तीनों सामान लादकर लिफ्ट से वापिस आये । जल्द ही, हमने सभी का सामान कमरों में पहुंचा दिया। मुझे आखिरी बेडरूम, मास्टर बेडरूम दिया गया था। केपरी मेरे बगल वाले कमरे में थी और क्सान्द्रा का सामान उससे अगले कक्ष में ले गया। सभी कमरे बड़े अच्छे और सुसज्जित थे । प्रत्येक कमरे में मैदान के पीछे की ओर देखने वाली खिड़कियाँ थीं। जीवा और पर्पल सम्मान नहीं लायी थी क्योंकि वो ववपिस मंदिर लौट जाना चाहती थी .
अब पर्पल और जीवा मेरे साथ आ कर बैठक में बैठ गयी और पर्पल की ड्रेस के अंदर उनके गोरे गोरे स्तनों के हाहाकारी उभार देखकर मुझ से रहा नहीं गया.. मैंने अपना एक हाथ पर्पल और दूसरा हाथ जीवा को एक चूची पर रख दिया और उनकी चोली के ऊपर से और फिर हल्के से दबा दिया... और उनका हालचाल पुछा ?
अपनी बाहों का हार पर्पल ने मेरे गले में डाल दिया था.. उसका चेहरा मेरे सामने और कुछ ही इंच की दूरी पर था उसके गुलाबी रसीले होंठ देखकर मैं कामुक हो रहा था मैंने फट से पर्पल के होठों पर अपने होंठ चिपका दिय.और मेरे गरम होंठ पर्पल के लाल सुर्ख होंठ से चिपक गए थे.. और हम एक दुसरे में पिघलने लगे थे ..
मैंने वह सोडा पिया जो मोनिका मेरे लिए लाई थी। बीच-बीच में मोनिका वह हमारे आसपास मंडराती रही, यह सुनिश्चित करते हुए कि हम सबका ख्याल रखा जाए। एक ड्रिंक कम हो जाती थी, वह दूसरी ले आती थी। जैसे ही हमने नवीनतम फिल्म देखी, उसने हमें खाने के लिए पॉपकॉर्न दिया।
तभी जीवा मेरे को दूसरी तरफ से चूमने लगी और मैंने पर्पल के साथ चुंबन तोड़ कर जीवा के ओंठो और गालो को को चूमा और इससे पहले की हम आगे बढ़ पाते मोनिका क्सान्द्रा और केप्री जलपान और नाश्ता ले आयी . हमने सबने नाश्ता किया और फिर मोनिका क्सान्द्रा पर्पल और केप्री को साथ ले कर भोजन बनने चली गयी .
मै जीवा को गौर से देखने लगा और पाया की उसके शरीर के प्रत्येक अंग प्रत्यंग को चतुराई से तैयार किए गए थे और हमारे पहले मिलन के बाद उसके बदन में कुछ और निखार आ गया था उसकी शरीर के वक्रो का उद्देश्य केवल मुझे प्यार और विस्मय को प्रेरित करना था। उसके नर्म दिखने वाली चिकनी जांघें, पेट की स्मूथ सतहें, मोटे गोल और सुडोल अनार के अकार के स्तन, पतली गर्दन, लम्बी सुंदर नाक और गालों के साथ जटिल रूप से विस्तृत चेहरा और सुनहरे लम्बे लहराते बाल। ऐसा लग रहा थी की मानो प्रेम की देवी स्वयं यहाँ प्रत्यक्ष मेरे सामने आ गयी थी। जैसे ही मैंने जीना की दिदीप्तिवान बड़ी और सुंदर आँखों में देखा, उसे लगा कि तेज रौशनी देवी की आँखों से मेरी आत्मा प्रकाशवान हो रही है। वह भी मुझे देख रही थी और उसका ध्यान मेरी पेण्ट में बने तम्बू पर गया और वह अचंभित हो गयी,और फिर मुझे अपने गले लगा लिया ।
उनके जाने के बाद मैने खींचकर जीवा को ठीक अपने खड़े लंड के ऊपर अपनी गोद में बिठा लिया .. मैंने अपनी दोनों टांगे फैलाकर जीवा को अपनी गोद में बैठने की जगह दी.. अब जीवा की दोनों बाहें मेरे गले में थी...और हम चुंबन करने लगे और अब पुजारिन जीवा को कोई होश नहीं था...
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जीवा के होठों को अपने होंठों के बीच लेकर मैं उन्हें बुरी तरह से चूसने लगा ... वो भी मेरा भरपूर साथ दे रही थी. हम इस तरह से उलझे हुए थे मानो दो यौद्धा आपस में जंगली तरीके से युद्ध कर रहे हो . जीवा के होंठों को चूमते हुए मैंने एक हाथ से जीवा की एक चूची को दबाना जारी रखा...नीचे मेरा लंड उसकी योनि पर प्रहार कर रहा था और मेरे लंड के, मेरे हाथ का चूचियों पर औअर मेरे ओंठो का उसके ओंठो पर प्रहार से जीवा तड़पने लगी थी.. मचलने लगी थी.. उसकी कामवासना की अग्नि भड़क गई थी और मैं उसे चुम कर सहला कर , उसकी चूचियों को दबा कर मसल कर उसकी कामवासना की आग को हवा दे रहा था ..
मैंने उसे लिप किस कियाl मैं उसे लिप किस करता रहाl मैंने उसके लिप्स पर काटा, तो उसने मेरे लिप्स को काट कर जवाब दियाl तो मैंने अपने ओंठ उसके ओंठो से जोड़ कर उसे लिप किश करने लगा और मेरे हाथ उसके बूब्स के साथ खेलने लगेl एक हाथ उसके निप्पल मसलने लगाl फिर मैंने उसकी चूची सहलानी और दबानी शुरू कर दीl वह सिसकारियाँ ले मजे लेने लगीl
मैंने फिर जीवा की चूची के ऊपर से अपना हाथ हटा लिया उसकी दूसरी चूची को मसलने लगा और दुसरे हाथ को उसके पेट पर रख कर सहलाने लगा .. मैंने जीवा की ड्रेस के नादर हाथ दाल कर उसकी नाभि के अंदर अपनी एक उंगली घुसा कर जीवा के होठों को अपने होठों की कैद से आजाद कर दिया और उनकी गर्दन को चूमने लगा .. साथ ही साथ उसकी नाभि के अंदर उंगली से हमला बोल दिया. .
मैंने उसे सोफे के ऊपर पटक दिया और उसके ऊपर सवार हो गया और जीवा को फिर से चूमने लगा .. चूमते चूमते हुए मैं नीचे आने लगे.. मैं अब जीवा के स्तन चूसना चाहता था और फिर उसकी नाभि परतु उसके कपड़ो के कारण ऐसा नहीं कर सकता था ..
मेरी आँखे के सामने गोल सुदृढ़ सुडौल स्तन, गोरा मख़मली बदन, पतली बल खाती कमर, सपाट पेट, सुन्दर नैन नक्श, बड़ी-बड़ी हिरणी जैसी चंचल आँखे, गुलाबी होंठ, सुनहरे लम्बे बाल, नरम चूतड़ तीखी नुकीली नाक, बड़े गोल चिकने नितम्ब, लंबी सुगढ़ टाँगे और सुन्दर हाथ, सब कुछ बेहद सुन्दरl पूरा शरीर सांचे में ढला हुआ, गोल बड़े-बड़े स्तनl मैं उन्हें एक बार फिर से दबाने लगा, तो कभी उसके कपड़ो के ऊपर से ही चूमने लगा, फिर कपड़ो के ऊपर से उसके निप्पल तलाश कर उन्हें मुँह में ले कर चूसने लगाl तो वह ओह! आह! करने लगीl
जीवा के के उठे हुए सुडौल स्तनों को देखकर अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था... एक बार फिर मैंने अपनी दोनों मजबूत हाथों में जीवा की दोनों चूचियां दबोच ...और मसलने लगा जिवा की सिसकारियां निकलने लगी.. दबाने के साथ-साथ मैंने जीवा की पोषक के ऊपरी डोरिया बटन खोलने के बाद जीवा के कांधे पर से ड्रेस के दोनों भागों को अलग किया और फिर मैंने जीव के कंधो को नग्न किया औअर उसके नग्न कधो को चूमा और ड्रेस और नीचे सरका कर जेवा के स्तनों के बीच की क्लीवेज पर चुंबन की बरसात कर दी..
जीवा : अहाहहह्हह्ह्ह्ह... मास्टर ..
मैं अब उसके स्तनों को नग्न किया हाथ से सहलाया और उसके गोल बड़े-बड़े स्तन को मैं दबाने लगा, तो कभी चूमने लगा, फिर उसके निपल्स को मुँह में ले कर चूसने लगाl उसे इस हालात में देख कर मैं सब भूल कर उसे जोर से काटने लगा तो वह ओह! आह! करने लगीलफर मैंने जीवा की नाभि के अंदर अपनी जीभ डाल कर जीभ से उसकी नाभि में घमासान युद्ध करने लगा ..
मैंने एक हाथ से जीवा की पोशाक का निचला भाग जो की एक शर्ट की तरह था उसके घुटने के ऊपर तक उठा दिया और अपना हाथ अंदर डाल कर उसकी पेंटी को छूने लगा .. हाथ लगाते ही मैंने महसूस किया जीवा तो पहले से ही गर्म और गीली हो चुकी थी..
मैंने जीवा के दोनों पर्वतों के ऊपरी हिस्से को चूमना जारी रखा..
जारी रहेगी।
नौवा अध्याय
डॉक्टरी की पढ़ाई
भाग 8
गैरेज
"मास्टर," मोनिका ने कहा, " गैरेज घर के पीछे की तरफ है । उधर लिफ्ट जाती है आप ड्राइववे का पालन करें और अपने नए वाहनों के अलावा वहां आप इनकी गाड़ी पार्क करवा दे ।"
"नए वाहन?" मैंने पूछ लिया।
उसने हाँ में सर हिलाया। "एक सिल्वर लिमोज़ीन और एक गोल्डन रूल्स रॉयस। यहाँ आपके पिताजी के जाने के बाद से वर्षो से किसी ने गाड़ी नहीं चलाई है और आप जानते हैं प्रदुषण के नियम और फिर उस कई पुराने वाहनों से छुटकारा पा लिया गया ।"
"ओह," मैंने कहा। "एक रोल्स रॉयस ।"
"और आप अपनी पसंद के हिसाब से अपने लिए एक लेम्बोर्गिनी या अन्य कोई भी कार जो आपको पसंद हो उसे आप खरीद सकते हैं " उसके साथ ही मोनिका ने मुझे मेरे पिताजी और साथ में राजकुमार ब्रॉडी के पिताजी का इस आशय का सन्देश पत्र पकड़ा दिया ।
"ज़रूर," मैंने कहा और मैं और पर्पल मोनिका के पीछे चले गए वो हमे कोने से घुमा कर लिफ्ट के पास ले गयी और उसने कहा आप भूतल पर चले जाए और फिर हम गाडी को गैरेज पर ले गए और उसने मुझे गैरेज का दरवाजा खोलने का पासकोड बताया .
image hosting
हमने गैरेज के दरवाजे का पासकोड डाला और दरवाजा स्वता खुल गया गैरेज एक दर्जन वाहनों के लिए जगह थी। और, हाँ, वहाँ एक लिमोज़ीन और एक रूल्स रॉयस थी जो की बिलकुल नई लग रही थी और बिखेरी रही थी। मैं, जीवा और पर्पल हैरत में थे ।
मैंने गैरेज के पिछले दरवाजे से घर में प्रवेश किया और लिफ्ट तक रास्ता ढूंढ लिया जहां हम तीनों सामान लादकर लिफ्ट से वापिस आये । जल्द ही, हमने सभी का सामान कमरों में पहुंचा दिया। मुझे आखिरी बेडरूम, मास्टर बेडरूम दिया गया था। केपरी मेरे बगल वाले कमरे में थी और क्सान्द्रा का सामान उससे अगले कक्ष में ले गया। सभी कमरे बड़े अच्छे और सुसज्जित थे । प्रत्येक कमरे में मैदान के पीछे की ओर देखने वाली खिड़कियाँ थीं। जीवा और पर्पल सम्मान नहीं लायी थी क्योंकि वो ववपिस मंदिर लौट जाना चाहती थी .
अब पर्पल और जीवा मेरे साथ आ कर बैठक में बैठ गयी और पर्पल की ड्रेस के अंदर उनके गोरे गोरे स्तनों के हाहाकारी उभार देखकर मुझ से रहा नहीं गया.. मैंने अपना एक हाथ पर्पल और दूसरा हाथ जीवा को एक चूची पर रख दिया और उनकी चोली के ऊपर से और फिर हल्के से दबा दिया... और उनका हालचाल पुछा ?
अपनी बाहों का हार पर्पल ने मेरे गले में डाल दिया था.. उसका चेहरा मेरे सामने और कुछ ही इंच की दूरी पर था उसके गुलाबी रसीले होंठ देखकर मैं कामुक हो रहा था मैंने फट से पर्पल के होठों पर अपने होंठ चिपका दिय.और मेरे गरम होंठ पर्पल के लाल सुर्ख होंठ से चिपक गए थे.. और हम एक दुसरे में पिघलने लगे थे ..
मैंने वह सोडा पिया जो मोनिका मेरे लिए लाई थी। बीच-बीच में मोनिका वह हमारे आसपास मंडराती रही, यह सुनिश्चित करते हुए कि हम सबका ख्याल रखा जाए। एक ड्रिंक कम हो जाती थी, वह दूसरी ले आती थी। जैसे ही हमने नवीनतम फिल्म देखी, उसने हमें खाने के लिए पॉपकॉर्न दिया।
तभी जीवा मेरे को दूसरी तरफ से चूमने लगी और मैंने पर्पल के साथ चुंबन तोड़ कर जीवा के ओंठो और गालो को को चूमा और इससे पहले की हम आगे बढ़ पाते मोनिका क्सान्द्रा और केप्री जलपान और नाश्ता ले आयी . हमने सबने नाश्ता किया और फिर मोनिका क्सान्द्रा पर्पल और केप्री को साथ ले कर भोजन बनने चली गयी .
मै जीवा को गौर से देखने लगा और पाया की उसके शरीर के प्रत्येक अंग प्रत्यंग को चतुराई से तैयार किए गए थे और हमारे पहले मिलन के बाद उसके बदन में कुछ और निखार आ गया था उसकी शरीर के वक्रो का उद्देश्य केवल मुझे प्यार और विस्मय को प्रेरित करना था। उसके नर्म दिखने वाली चिकनी जांघें, पेट की स्मूथ सतहें, मोटे गोल और सुडोल अनार के अकार के स्तन, पतली गर्दन, लम्बी सुंदर नाक और गालों के साथ जटिल रूप से विस्तृत चेहरा और सुनहरे लम्बे लहराते बाल। ऐसा लग रहा थी की मानो प्रेम की देवी स्वयं यहाँ प्रत्यक्ष मेरे सामने आ गयी थी। जैसे ही मैंने जीना की दिदीप्तिवान बड़ी और सुंदर आँखों में देखा, उसे लगा कि तेज रौशनी देवी की आँखों से मेरी आत्मा प्रकाशवान हो रही है। वह भी मुझे देख रही थी और उसका ध्यान मेरी पेण्ट में बने तम्बू पर गया और वह अचंभित हो गयी,और फिर मुझे अपने गले लगा लिया ।
उनके जाने के बाद मैने खींचकर जीवा को ठीक अपने खड़े लंड के ऊपर अपनी गोद में बिठा लिया .. मैंने अपनी दोनों टांगे फैलाकर जीवा को अपनी गोद में बैठने की जगह दी.. अब जीवा की दोनों बाहें मेरे गले में थी...और हम चुंबन करने लगे और अब पुजारिन जीवा को कोई होश नहीं था...
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जीवा के होठों को अपने होंठों के बीच लेकर मैं उन्हें बुरी तरह से चूसने लगा ... वो भी मेरा भरपूर साथ दे रही थी. हम इस तरह से उलझे हुए थे मानो दो यौद्धा आपस में जंगली तरीके से युद्ध कर रहे हो . जीवा के होंठों को चूमते हुए मैंने एक हाथ से जीवा की एक चूची को दबाना जारी रखा...नीचे मेरा लंड उसकी योनि पर प्रहार कर रहा था और मेरे लंड के, मेरे हाथ का चूचियों पर औअर मेरे ओंठो का उसके ओंठो पर प्रहार से जीवा तड़पने लगी थी.. मचलने लगी थी.. उसकी कामवासना की अग्नि भड़क गई थी और मैं उसे चुम कर सहला कर , उसकी चूचियों को दबा कर मसल कर उसकी कामवासना की आग को हवा दे रहा था ..
मैंने उसे लिप किस कियाl मैं उसे लिप किस करता रहाl मैंने उसके लिप्स पर काटा, तो उसने मेरे लिप्स को काट कर जवाब दियाl तो मैंने अपने ओंठ उसके ओंठो से जोड़ कर उसे लिप किश करने लगा और मेरे हाथ उसके बूब्स के साथ खेलने लगेl एक हाथ उसके निप्पल मसलने लगाl फिर मैंने उसकी चूची सहलानी और दबानी शुरू कर दीl वह सिसकारियाँ ले मजे लेने लगीl
मैंने फिर जीवा की चूची के ऊपर से अपना हाथ हटा लिया उसकी दूसरी चूची को मसलने लगा और दुसरे हाथ को उसके पेट पर रख कर सहलाने लगा .. मैंने जीवा की ड्रेस के नादर हाथ दाल कर उसकी नाभि के अंदर अपनी एक उंगली घुसा कर जीवा के होठों को अपने होठों की कैद से आजाद कर दिया और उनकी गर्दन को चूमने लगा .. साथ ही साथ उसकी नाभि के अंदर उंगली से हमला बोल दिया. .
मैंने उसे सोफे के ऊपर पटक दिया और उसके ऊपर सवार हो गया और जीवा को फिर से चूमने लगा .. चूमते चूमते हुए मैं नीचे आने लगे.. मैं अब जीवा के स्तन चूसना चाहता था और फिर उसकी नाभि परतु उसके कपड़ो के कारण ऐसा नहीं कर सकता था ..
मेरी आँखे के सामने गोल सुदृढ़ सुडौल स्तन, गोरा मख़मली बदन, पतली बल खाती कमर, सपाट पेट, सुन्दर नैन नक्श, बड़ी-बड़ी हिरणी जैसी चंचल आँखे, गुलाबी होंठ, सुनहरे लम्बे बाल, नरम चूतड़ तीखी नुकीली नाक, बड़े गोल चिकने नितम्ब, लंबी सुगढ़ टाँगे और सुन्दर हाथ, सब कुछ बेहद सुन्दरl पूरा शरीर सांचे में ढला हुआ, गोल बड़े-बड़े स्तनl मैं उन्हें एक बार फिर से दबाने लगा, तो कभी उसके कपड़ो के ऊपर से ही चूमने लगा, फिर कपड़ो के ऊपर से उसके निप्पल तलाश कर उन्हें मुँह में ले कर चूसने लगाl तो वह ओह! आह! करने लगीl
जीवा के के उठे हुए सुडौल स्तनों को देखकर अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था... एक बार फिर मैंने अपनी दोनों मजबूत हाथों में जीवा की दोनों चूचियां दबोच ...और मसलने लगा जिवा की सिसकारियां निकलने लगी.. दबाने के साथ-साथ मैंने जीवा की पोषक के ऊपरी डोरिया बटन खोलने के बाद जीवा के कांधे पर से ड्रेस के दोनों भागों को अलग किया और फिर मैंने जीव के कंधो को नग्न किया औअर उसके नग्न कधो को चूमा और ड्रेस और नीचे सरका कर जेवा के स्तनों के बीच की क्लीवेज पर चुंबन की बरसात कर दी..
जीवा : अहाहहह्हह्ह्ह्ह... मास्टर ..
मैं अब उसके स्तनों को नग्न किया हाथ से सहलाया और उसके गोल बड़े-बड़े स्तन को मैं दबाने लगा, तो कभी चूमने लगा, फिर उसके निपल्स को मुँह में ले कर चूसने लगाl उसे इस हालात में देख कर मैं सब भूल कर उसे जोर से काटने लगा तो वह ओह! आह! करने लगीलफर मैंने जीवा की नाभि के अंदर अपनी जीभ डाल कर जीभ से उसकी नाभि में घमासान युद्ध करने लगा ..
मैंने एक हाथ से जीवा की पोशाक का निचला भाग जो की एक शर्ट की तरह था उसके घुटने के ऊपर तक उठा दिया और अपना हाथ अंदर डाल कर उसकी पेंटी को छूने लगा .. हाथ लगाते ही मैंने महसूस किया जीवा तो पहले से ही गर्म और गीली हो चुकी थी..
मैंने जीवा के दोनों पर्वतों के ऊपरी हिस्से को चूमना जारी रखा..
जारी रहेगी।