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Misc. Erotica ब्लू मून क्लब (BMC)
#15
अध्याय

 
लगता है टॉम ने मेरी मनःस्थिति को भाँप लिया होगा| इसलिए उसने मेरी जिज्ञासा शांत करने के लिए मुस्कुराकर अपनी हाफ पेंट उतार दी| मैंने देखा कि उसके जननांगों के आसपास जरा भी बाल नहीं थे सब कुछ साफ सुथरा और मुंडा हुआ था| उसका लिंग मानो छलांग मार के मेरे सामने बाहर आया... जिसे देखकर मैं एकदम हैरान रह गई

टॉम का लिंग एकदम सीधा सपाट, लंबा और काफी मोटा था| उसके लिंग का सुपाड़ा बहुत ही अच्छी तरह से सुगठित था| और उसके अंडकोष विकसित और बड़े से थे... इस बात में कोई शक नहीं कि वे भरपूर मात्रा में वीर्य का उत्पादन करने में सक्षम थे| मैंने मन ही मन सोचा कि ऐसे लिंग के मैथुन के माध्यम से स्खलित वीर्य मेरी योनि को पूरी तरह से भरने के लिए पर्याप्त होगा|

मुझे उसके दो टांगों के बीच के हिस्से से उसी क्लीनर की सुगंध आ रही थी|

मुझे ध्यान नहीं कि कब मैं उल्टा लेट कर टॉम के यौनांग को निहार रही थी... कि इतने में टॉम ने मुस्कुराते हुए अपने लिंग की चमड़ी को पीछे खींच कर अपने लिंग का सुपाड़ा मेरे सामने उन्मुक्त किया और उसके चिकने चिकने गुलाबी  सिरे को सीधे मेरे मुंह के सामने लाकर कर रख दिया.... और मुझसे रहा नहीं गया मैंने अपनी मुट्ठी में उसका लिंग पकड़ा, पुरुष का लिंग काफी बड़ा था और वह  मेरी मुट्ठी के काफी बाहर भी निकला हुआ था... टॉम ने मेरे बालों को समेट कर अपनी मुट्ठी में एक पोनीटेल जैसे मेरे सर के पीछे पकड़ा तब तक मैं मन ही मन समझ गई कि वह क्या चाहता है... उसके लिंग के चिकने चिकने गुलाबी सुपाड़े अपने जीभ के सिरे से हल्के हल्के चाटने लगी... और फिर थोड़ी ही देर में मैंने उसका लिंग अपने मुंह में लेकर उसे चूसने लगी|

टॉम मेरे बालों को पकड़कर मेरे सिर को धीरे-धीरे आगे पीछे करने लगा| पर इस बात का मुझे कोई एतराज नहीं था| क्योंकि मैं जानती थी उसे मजा आ रहा है और मैं भी इस पल का लुफ्त उठा रही थी|

थोड़ी ही देर बाद मैंने महसूस किया कि टॉम के लिंग में कंपन से शुरु हो गई है... और तब तुमने अपना लिंग मेरे मुंह से निकाल लिया.. और फिर मुझे मसाज टेबल से दोबारा किसी खिलौने की गुड़िया की तरह अपनी बाहों में उठा कर  उसने मुझे कमरे पर लगे बिस्तर पर लेटा दिया| फिर उसमें गद्दे के नीचे से एक कंडोम के पैकेट निकालकर और उसका कवर फाड़ कर अपने तने हुए सुगठित लिंग पर उसे चढ़ाया और फिर वह मेरी जांघों को पकड़कर मेरी कमर को बिल्कुल बिस्तर के किनारे तक ले आया...  अब मेरी टांगे बिस्तर के नीचे लटक रही थी और मेरे पैर के तलवे जमीन को छू रहे थे और फिर वह मुस्कुराता हुआ बोला, "पीयालीअब मैं अपना लिंग तुम्हारी योनि में डालने जा रहा हूं, क्या तुम तैयार हो?"

मेरे अंदर कामवासना भड़क रही थी मुझे समझ में नहीं आ रहा था मैं क्या जवाब दूं लेकिन मैंने पाया कि मेरा शरीर और मेरा मन दोनों अलग-अलग प्रक्रियाएं कर रहे हैंआप मैंने अनजाने में ही अपनी कमर उचका दी|
 
तुमने दोबारा अपनी उंगलियों से मेरे योनि के अधरों को हल्का सा खोला और अपने खड़े लिंग को उसने मेरी योनि के अंदर मानो एक तलवार की तरह घोंप दिया... उसकी तीव्रता और दर्द के मारे मैं हल्का सा करा उठी... थोड़ी देर के लिए टॉम बिल्कुल स्थिर  सा हो गया... वह मुझे संभालने का मौका देना चाहता था|

पर अनजाने में ही मैंने उसके शरीर के निचले हिस्से को अपनी दोनों टांगों से जकड़ कर रखा था|

मैं थोड़ा छटपटा रही थी... और अपना सर इधर उधर कर रही थीक्योंकि जिंदगी में पहली बार किसी का इतना बड़ा लिंग मेरी योनि में  घुसा था... लेकिन मुझे क्या मालूम तुमने तो अभी अपना पूरा लिंग मेरे अंदर डाला ही नहीं था... और जब मैं थोड़ा सा शांत हुई तब टॉम ने धीरे-धीरे जितना हो सके  अपना लिंग उतना मेरी योनि के अंदर घुसा दिया|

[Image: TomMergesWithPiyali.jpeg]
 
मैंने मारे दर्द के अपने होठों को जोर से काटा|

"तुम बहुत ही फ्रेश और टाइट हो पीयाली" टॉम से रहा नहीं गया| और फिर उसने अपनी कमर को धीरे धीरे आगे पीछे हिलाना शुरू किया... धीरे-धीरे उसके मैथुन की गति बढ़ती गई... मेरा पूरा शरीर उसके मैथुन के धक्कों से डोलने लगा था... और मेरे सुडोल स्थास्तनों  के जोड़े में मानो जान आ गई थी वह भी धक्कों के कारणके कारण बिल्कुल उछलते गेंदों की तरह हिलने लगे|

टॉम के मैथुन के धक्कों को संभालना शुरू शुरू में मेरे लिए थोड़ा मुश्किल हो रहा था... लेकिन कुछ देर बाद मानो सब कुछ ठीक हो गया... और मुझे काफी मजा आने लगा... अब पूरी कमरे में बिल्कुल सन्नाटा छाया हुआ था... टॉम का पूरा ध्यान मेरे साथ सहवास करने में लगा हुआ था... कमरे में बस दो बदनों की घर्षण और मिथुन की वजह से थपकियों आवाज ही आ रही थी- मानो हमारी यह कामलीला देख कर स्वयं गामदेवी ताली बजा रहे हैं-

थप! थप! थप! थप! थप! थप! थप! थप! थप!

टॉम रुकने का नाम ही नहीं ले रहा थामेरे अंदर एक नहीं करीब दो  दो बार कामोत्तेजना का परम विस्फोट हुआ... लेकिन टॉम  फिर भी लगा हुआ था...

मेरे साथ सहवास करना शायद टॉम का काम था लेकिन मैं जानती थी कि वह फिलहाल इस चीज का बहुत ही आनंद उठा रहा है... आखिरकार मुझे लगा कि टॉम को भी ऑर्गेजम हो गया है|

जैसे फुल स्पीड पर चलती हुई ट्रेन धीरे-धीरे अपनी गति को कम करती हुई स्टेशन पर आकर रूकती है ठीक वैसे ही टॉम ने अपनी मैथुन की गति को रोका और फिर धीरे-धीरे अपने शिथिल पढ़ते हुए लिंग को उसने मेरी योनि के अंदर से बाहर निकाला|
 
मैंने अनजाने में ही तब भी टॉम के शरीर के निचले हिस्से को अपने पैरों से जकड़ कर रखा था... टॉम बड़े प्यार से मेरे आलिंगन से मुक्त हुआ और फिर मुस्कुराता हुआ बाथरूम में जाकर अपने लिंग से उसने कंडोम उतारी और उसको कमोड में फल्श कर दिया और शायद उसके बाद उसने अपने लिंग को अच्छी तरह से धोया|

और जब वह वापस आया तब उसकी नजरें मुझ पर पड़ी और वह आश्चर्य से बोल उठा, "ओह नो! (अरे नहीं)"

एक बहुत ही रोमांचक और संतोषजनक अनुभव के बाद मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैंने किसी ऊंचे पहाड़ की चोटी पर विजय प्राप्त कर ली है इसलिए मैं अपनी सारी शर्मा या भूल कर.. एक अजीब सी मदहोशी में डूबी हुई थी और अपने हाथ पैर फैलाकर यूं ही लेटी पड़ी हुई थी|

लेकिन टॉम के विस्मय ने मुझे हकीकत में उतारा|

मैंने पूछा, "क्या हुआ, टॉम?"

उसने जवाब दिया, "पीयालीतुम्हारा तो खून बह रहा है"

मैंने झट से सर उठा कर अपने दो टांगों के बीच के हिस्से को देखा... हां सही में मेरी योनि के अधर  खून से भीगे हुए थे और खून की 8-10 बूंदे  बिस्तर के सफेद चद्दर पर भी अपना दाग बना चुकी थी|

मुझे समझते देर नहीं लगी कि इस रक्तस्राव का कारण टॉम के तगड़े लिंग के द्वारा मेरी योनि का उल्लंघन करना ही है| मैंने अपनी योनि के अंदर इतना बड़ा लिंग पहले कभी नहीं लिया था|
 
टॉम में देर नहीं की... उसने दोबारा वह क्लीनर वाला स्प्रे निकाला और स्प्रे करने के बाद दोबारा टिशू पेपर से उसने मेरे यौनांग को अच्छी तरह साफ किया|

लेकिन इस तरह से खून निकलने की वजह से मुझे ज्यादा चिंता नहीं हुई- क्योंकि न जाने कहां मैंने पढ़ रखा था की औरतों की योनि काई से ढकी तालाब के पानी की तरह होती है... अगर कोई पत्थर मारे तो उसमें दरार आ जाती है|

और लिंग चाहे कितना ही बड़ा और मोटा क्यों ना हो हर योनि का यह धर्म है कि उसे अपने अंदर आश्रय दें|

टॉम ने एक और सिगरेट सुलगा कर मुझे थमा दी और फिर दोबारा टेबल पर रखे गिलासों मैं वाइन डालने लगा|

और फिर मुझसे बिल्कुल चिपक कर बैठ कर मेरे कंधे पर हाथ रखकरमेरी आंखों में आंखें डाल कर बड़े ही प्यार वह मेरे बालों के अंदर अपनी उंगलियां चलाने लगा|

मैं आधा गिलास वाइन पी चुकी थी| फिर तुमने मेरे से कहा, "पीयालीमैं तुम्हारे साथ दोबारा सेक्स करने जा रहा हूं... लेकिन इस बार में तुम्हारे साथ मिशनरी पोजीशन में सेक्स करूंगा... क्योंकि मेरा मानना है कि यह और ही ज्यादा अंतरंग और प्यार भरा तरीका है| मुझे उम्मीद है कि तुम बुरा नहीं मानोगी| इस बार मैं तुम्हारे ऊपर लेटऊंगा... और तुम्हें जी भर के चूमुंगा और दुलारऊंगा... मुझे उम्मीद है कि तुम बुरा नहीं  मानोगी"
 
मैं शरमा गई पर मुस्कुराकर मैंने स्वीकृति में अपना सर हिलाया|

टॉम ने मेरे होंठों को चूमते हुए कहा,"सचमुच तुम एक बहुत ही सुंदर लड़की हो, पीयाली"

क्रमशः
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RE: ब्लू मून क्लब (BMC)7 - by naag.champa - 14-03-2023, 10:08 AM



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