12-03-2023, 10:10 PM
अध्याय ५
ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा के ऑफिस रूम में दो दरवाजे थे एक बाहर रिसेप्शन की तरफ खुलता था और दूसरा दरवाजा अंदर कहीं जाता था|
मैरी डिसूजा ने बड़े प्यार से मेरी कमर पर अपनी बाहें डालकर मुझे दूसरे दरवाजे की तरफ ले गई| दूसरा दरवाजा एक गलियारे मैं खुलता था, जिसके दूसरे छोर पर एक लिफ्ट थी|
वैसे तो ब्लू मून क्लब जैसी बिल्डिंग में बाहर की तरफ एक बड़ी सी लिफ्ट भी होगी, लेकिन यह लिफ्ट शायद प्राइवेट थी| उसी प्राइवेट लिफ्ट में से मैं और मैरी डिसूजा बेसमेंट में पहुंचे| यह एक बड़ा सा लॉकर रूम जैसा था|
मैंने देखा कि वहां वही अधेड़ उम्र की परिचारिका जो हमारे लिए शरबत लेकर आई थी खड़ी होकर शायद हमारा ही इंतजार कर रही थी|
उन्होंने मेरा पर्स और मोबाइल फोन एक लॉकर के अंदर रखवा दिया और फिर उस लॉकर रूम के एक छोर पर एक लकड़ी का करीब साढ़े चार फुट ऊंचा लकड़ी का पार्टीशन था| वह अधेड़ उम्र की परिचारिका मुझे उसके पीछे ले गई और बोली, "आइए मिस, मैं कपड़े बदलने में आपकी मदद करती हूं"
यहां लोग बाग मुझे ‘मिस-मिस’ कहकर बुला रहे हैं मुझे ध्यान आया कि नहाते वक्त जब मैंने शैंपू किया था तो मेरा सिंदूर बिल्कुल धुल गया था और बावजूद इसके कि मैं बंगालन हूं पर मैं पारंपरिक औरतों की तरह फैशन के चलते हाथ में शांखा और पौला नहीं पहनती... शायद यह सोच रहे है- कि मैं अविवाहित हूं| चेहरे में फर्क पड़ने वाली कोई बात नहीं है... क्योंकि यहां मैं श्रीमती शीला चौधरी नहीं बल्कि मिस पीयाली दास हूं|
मैं एक बाध्य लड़की की तरह पार्टीशन के पीछे जाकरपने सैंडल उतार कर उसके सामने खड़ी हो गई|
सबसे पहले उस औरत में मेरी जींस की बेल्ट उतारी और उसके बाद उसने जींस का बटन खोल कर जी नीचे खींच कर धीरे-धीरे मेरी जींस नीचे सरका कर उसने मेरे बदन से जींस उतार ली है और उसके बाद उसने मेरी टी-शर्ट उतारी|
अब मैं उसके सामने सिर्फ ब्रा और पेंटी में खड़ी थी| इतने में उसने पेट के निचले हिस्से में हाथ रखकर उसने मुझसे कहा, "मिस आप एक बहुत ही खूबसूरत लड़की है और मुझे यकीन है कि अब तक किसी न किसी मर्द कि प्यार और दुलार का सड़का (वीर्य) आपकी योनि के अंदर स्खलित जरूर हुआ होगा... क्या आपको यकीन है कि आप फिलहाल गर्भवती नहीं है?"
मैंने कहा, "हां, मुझे पक्का यकीन है कि मैं गर्भवती नहीं हूं..."
"और मैं उम्मीद करती हूं कि आप फिलहाल मासिक से भी नहीं है"
"जी नहीं... मेरे मासिक का चक्कर तो पिछले हफ्ते ही खत्म हो गया था अब तो अगले महीने तक की छुट्टी है..."
"तो ठीक है. मिस अब मैं आपकी पेंटी और ब्रा उतार दूंगी और फिर आप यह हमारा दिया हुआ गाउन पहन लेना… और आप बुरा मत मानिएगा, आप एक लड़की हैं और यहां हमें इतना तो पूछना ही पड़ता है"
मैंने एक गहरी सी सांस ली और आंखें बंद करके अपने आप को बिल्कुल डीलर छोड़कर बिल्कुल चुपचाप खड़ी हो गई... अब तक मुझे यकीन हो गया था कि उस शरबत में कुछ ना कुछ नशीला पदार्थ जरूर मिलाया गया था- लेकिन मुझे इस बात की बिल्कुल भी फिक्र नहीं थी क्योंकि मैं हर पल का लुफ्त उठा रही थी- यह मेरे लिए बहुत ही रोमांचक और उत्तेजक कुछ पल थे|
और पहले की ही तरह उस औरत में सबसे पहले मेरी पेंटी उतरी और उसके बाद मेरे पीछे जाकर मेरे ब्रा के हुक को खोलकर उसने मेरा ब्रा भी उतार दिया|
अब मैं उस औरत के सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी|
इतने में ब्लू मून क्लब की मालकिन, मैरी डिसूजाजो कि पार्टीशन के दूसरी तरफ खड़ी थी अब वह बिल्कुल मेरे सामने आ गई|
मैंने चौक कर अपने एक हाथ से अपने स्तनों और दूसरे हाथ से अपने यौनांग को ढकने का एक असफल प्रयास किया लेकिन मैरी डिसूजा मुस्कुराती हुई बोली, "शरमाओ मत अब जब तुम ब्लू मून क्लब की सदस्य बनने वाली हो तो एक बात को खास पर याद रखना- यहां शर्म हया और संकोच को अपने मन से पूरी तरह निकाल दो- ब्लू मून क्लब एक सेक्सुअली ओरिएंटेड एंटरटेनमेंट (यौन उन्मुख मनोरंजन क्लब) क्लब है- यहां लोग बाग मनोरंजन के लिए आते हैं... और हां मैं खुद तुमको एक बार बिल्कुल नंगी देखना चाहती थी... ठीक है, अब तुम बिल्कुल सीधे घड़ी हो जाओ, पीयाली... हां, ठीक है... पेट अंदर, छाती बाहर और अपने पैरों को थोड़ा फैला दो... शर्माने की जरूरत नहीं है अपने दोनों हाथ ऊपर करो"
मैरी डिसूजा मुझे ऊपर से नीचे तक निहार रही थी और मैं उनकी निगाहों को अपने शरीर के इंच इंच पड़ता हुआ महसूस कर रही थी|
मैरी डिसूजाने मानो एक चैन की गहरी सांस छोड़ी और उसके बाद उसने मुझसे मुस्कुराते हुए कहा, "तुमने जल्दी-जल्दी तो अपने बगलो में रेजर मार लिया था और मैं देख सकती हूं एक दो जगह तुम्हें खरोचें भी आ गई है... पर तुम अपने यौनंग के आसपास के बालों के बारे में तो भूल ही गई... खैर कोई बात नहीं है मैं जद्दनबाई से बोल देती हूं वह तुम्हारे यौनंग के आसपास के बालों की सफाई कर देगी"
वह अधेड़ उम्र की परिचारिका- जद्दनबाई मनो तैयार थी| वह तुरंत कहीं से एक ट्यूब और एक लेपनी लेकर आई और बड़े ही माहिर तरीके से उसने वह किया जो उसे करना था और मिनटों में मेरा जघन क्षेत्र बिल्कुल साफ हो गया|
इतने में मैरी डिसूजा का फोन बज उठा| शायद कोई व्हाट्सएप का मैसेज या फिर एसएमएस आया होगा|
मैरी डिसूजा ने फोन देख कर मुस्कुराकर मेरी तरफ देखा और फिर जद्दनबाई से बोली, "जद्दनबाई, हमारी मेहमान को गाउन पहना कर कमरा नंबर 415 में लेकर जाओ वहां इनका प्रोफाइल इनका इंतजार कर रहा है"
***
जो गाउन उन्होंने मुझे पहनने को दिया था वह स्लीवलैस था और केवल मेरे घुटनों तक ही लंबा था और बहुत ही महीन कपड़े का बना हुआ लगभग पारदर्शी था| मुझे गोपा मौसी की बातें याद आ रही थी- अगर वह मुझे इस हालत में देख ली थी तो यह जरूर कहती कि इन कपड़ों में से भी मेरे स्तनों की चूचियां साफ उभरकर आ रही हैं|
प्राइवेट लिफ्ट से होते हुए मैं और जद्दनबाई चौथी मंजिल के गलियारे में पहुंचे| वहां वह मुझे बड़े प्यार से कमरा नंबर 415 में लेकर गई|
कमरे का दरवाजा खुला और मैंने देखा कि कमरा बड़ा और दिखने में काफी साफ सुथरा और सुव्यवस्थित सा लग रहा था| कमरे की खिड़कियों के सभी पर्दे खींचे हुए थे|
कमरे में एक अजीब तरह की मादक खुशबू भरी हुई थी और मंद रोशनी से ऐसा लग रहा था कि कमरे को सेक्स और रोमांस के लिए अच्छी तरह से तैयार किया गया है|
कमरे के अंदर एक सिंगल बेड था, ड्रेसिंग टेबल उसके सामने एक बड़ा सा आईना और एक पहिए वाला टेबल जिसमें तरह तरह कि तेल वगैरह रखे हुए थे|
इतने में अटैच बाथरूम का दरवाजा खुला और मैंने अपनी प्रोफाइल को जिंदगी में पहली बार देखा- वह करीब 6 फुट लंबा उसकी उम्र करीब 35 या 40 साल की होगी| वह सिर्फ हाफ पेंट पहने हुए था और उसमें कोई अंडर वियर नहीं पहन रखा था इसलिए उसके शिथिल यौनांग का आकार साफ झलक रहा था।
उसके बाल कंधों तक लंबे थे और उसने बड़े सलीके से अपने बालों को पीछे पोनीटेल में बाद रखा था|
उसका बदन गठीला और मजबूत लग रहा था और उसकी छाती में बिल्कुल भी बाल नहीं थे| दिखने में वह भी एंग्लो इंडियन ही लग रहा था|
वह मुस्कुराता हुआ मेरे पास आया और मेरी बाहों को अपनी बाहों में लेकर बोला, "हैलो मिस, माय नेम इज टॉम (मेरा नाम टॉम है)... मुझे यह जानकर खुशी हुई कि आप जैसी खूबसूरत लड़की को सर्विस देने का मौका मुझे मिला है", टॉम ने मेरे हाथ को चूमते हुए कहा।
टॉम की पहली छुअन और उसकी बातों से ही मानो उसने मेरा मन मोह लिया|
इतने में मैंने गौर किया कि जद्दनबाई की बांछें खिल गई थी| उसमें टॉमसे कहा, " टॉम भैया, यह लड़की हमारे यहां पहली बार आई है- और मेरी डिसूजा मैडम ने इसकी जिम्मेदारी आपको दी है- और मुझे इस बात की बड़ी खुशी है... इसकी अच्छी तरह से सेवा करिएगा"
यह कहकर अपने पीछे दरवाजा बंद करती हुई जद्दन बाई चली गई|
अब मैं और टॉम कमरे में अकेले थे और मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा था|
क्रमशः
ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा के ऑफिस रूम में दो दरवाजे थे एक बाहर रिसेप्शन की तरफ खुलता था और दूसरा दरवाजा अंदर कहीं जाता था|
मैरी डिसूजा ने बड़े प्यार से मेरी कमर पर अपनी बाहें डालकर मुझे दूसरे दरवाजे की तरफ ले गई| दूसरा दरवाजा एक गलियारे मैं खुलता था, जिसके दूसरे छोर पर एक लिफ्ट थी|
वैसे तो ब्लू मून क्लब जैसी बिल्डिंग में बाहर की तरफ एक बड़ी सी लिफ्ट भी होगी, लेकिन यह लिफ्ट शायद प्राइवेट थी| उसी प्राइवेट लिफ्ट में से मैं और मैरी डिसूजा बेसमेंट में पहुंचे| यह एक बड़ा सा लॉकर रूम जैसा था|
मैंने देखा कि वहां वही अधेड़ उम्र की परिचारिका जो हमारे लिए शरबत लेकर आई थी खड़ी होकर शायद हमारा ही इंतजार कर रही थी|
उन्होंने मेरा पर्स और मोबाइल फोन एक लॉकर के अंदर रखवा दिया और फिर उस लॉकर रूम के एक छोर पर एक लकड़ी का करीब साढ़े चार फुट ऊंचा लकड़ी का पार्टीशन था| वह अधेड़ उम्र की परिचारिका मुझे उसके पीछे ले गई और बोली, "आइए मिस, मैं कपड़े बदलने में आपकी मदद करती हूं"
यहां लोग बाग मुझे ‘मिस-मिस’ कहकर बुला रहे हैं मुझे ध्यान आया कि नहाते वक्त जब मैंने शैंपू किया था तो मेरा सिंदूर बिल्कुल धुल गया था और बावजूद इसके कि मैं बंगालन हूं पर मैं पारंपरिक औरतों की तरह फैशन के चलते हाथ में शांखा और पौला नहीं पहनती... शायद यह सोच रहे है- कि मैं अविवाहित हूं| चेहरे में फर्क पड़ने वाली कोई बात नहीं है... क्योंकि यहां मैं श्रीमती शीला चौधरी नहीं बल्कि मिस पीयाली दास हूं|
मैं एक बाध्य लड़की की तरह पार्टीशन के पीछे जाकरपने सैंडल उतार कर उसके सामने खड़ी हो गई|
सबसे पहले उस औरत में मेरी जींस की बेल्ट उतारी और उसके बाद उसने जींस का बटन खोल कर जी नीचे खींच कर धीरे-धीरे मेरी जींस नीचे सरका कर उसने मेरे बदन से जींस उतार ली है और उसके बाद उसने मेरी टी-शर्ट उतारी|
अब मैं उसके सामने सिर्फ ब्रा और पेंटी में खड़ी थी| इतने में उसने पेट के निचले हिस्से में हाथ रखकर उसने मुझसे कहा, "मिस आप एक बहुत ही खूबसूरत लड़की है और मुझे यकीन है कि अब तक किसी न किसी मर्द कि प्यार और दुलार का सड़का (वीर्य) आपकी योनि के अंदर स्खलित जरूर हुआ होगा... क्या आपको यकीन है कि आप फिलहाल गर्भवती नहीं है?"
मैंने कहा, "हां, मुझे पक्का यकीन है कि मैं गर्भवती नहीं हूं..."
"और मैं उम्मीद करती हूं कि आप फिलहाल मासिक से भी नहीं है"
"जी नहीं... मेरे मासिक का चक्कर तो पिछले हफ्ते ही खत्म हो गया था अब तो अगले महीने तक की छुट्टी है..."
"तो ठीक है. मिस अब मैं आपकी पेंटी और ब्रा उतार दूंगी और फिर आप यह हमारा दिया हुआ गाउन पहन लेना… और आप बुरा मत मानिएगा, आप एक लड़की हैं और यहां हमें इतना तो पूछना ही पड़ता है"
मैंने एक गहरी सी सांस ली और आंखें बंद करके अपने आप को बिल्कुल डीलर छोड़कर बिल्कुल चुपचाप खड़ी हो गई... अब तक मुझे यकीन हो गया था कि उस शरबत में कुछ ना कुछ नशीला पदार्थ जरूर मिलाया गया था- लेकिन मुझे इस बात की बिल्कुल भी फिक्र नहीं थी क्योंकि मैं हर पल का लुफ्त उठा रही थी- यह मेरे लिए बहुत ही रोमांचक और उत्तेजक कुछ पल थे|
और पहले की ही तरह उस औरत में सबसे पहले मेरी पेंटी उतरी और उसके बाद मेरे पीछे जाकर मेरे ब्रा के हुक को खोलकर उसने मेरा ब्रा भी उतार दिया|
अब मैं उस औरत के सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी|
इतने में ब्लू मून क्लब की मालकिन, मैरी डिसूजाजो कि पार्टीशन के दूसरी तरफ खड़ी थी अब वह बिल्कुल मेरे सामने आ गई|
मैंने चौक कर अपने एक हाथ से अपने स्तनों और दूसरे हाथ से अपने यौनांग को ढकने का एक असफल प्रयास किया लेकिन मैरी डिसूजा मुस्कुराती हुई बोली, "शरमाओ मत अब जब तुम ब्लू मून क्लब की सदस्य बनने वाली हो तो एक बात को खास पर याद रखना- यहां शर्म हया और संकोच को अपने मन से पूरी तरह निकाल दो- ब्लू मून क्लब एक सेक्सुअली ओरिएंटेड एंटरटेनमेंट (यौन उन्मुख मनोरंजन क्लब) क्लब है- यहां लोग बाग मनोरंजन के लिए आते हैं... और हां मैं खुद तुमको एक बार बिल्कुल नंगी देखना चाहती थी... ठीक है, अब तुम बिल्कुल सीधे घड़ी हो जाओ, पीयाली... हां, ठीक है... पेट अंदर, छाती बाहर और अपने पैरों को थोड़ा फैला दो... शर्माने की जरूरत नहीं है अपने दोनों हाथ ऊपर करो"
मैरी डिसूजा मुझे ऊपर से नीचे तक निहार रही थी और मैं उनकी निगाहों को अपने शरीर के इंच इंच पड़ता हुआ महसूस कर रही थी|
मैरी डिसूजाने मानो एक चैन की गहरी सांस छोड़ी और उसके बाद उसने मुझसे मुस्कुराते हुए कहा, "तुमने जल्दी-जल्दी तो अपने बगलो में रेजर मार लिया था और मैं देख सकती हूं एक दो जगह तुम्हें खरोचें भी आ गई है... पर तुम अपने यौनंग के आसपास के बालों के बारे में तो भूल ही गई... खैर कोई बात नहीं है मैं जद्दनबाई से बोल देती हूं वह तुम्हारे यौनंग के आसपास के बालों की सफाई कर देगी"
वह अधेड़ उम्र की परिचारिका- जद्दनबाई मनो तैयार थी| वह तुरंत कहीं से एक ट्यूब और एक लेपनी लेकर आई और बड़े ही माहिर तरीके से उसने वह किया जो उसे करना था और मिनटों में मेरा जघन क्षेत्र बिल्कुल साफ हो गया|
इतने में मैरी डिसूजा का फोन बज उठा| शायद कोई व्हाट्सएप का मैसेज या फिर एसएमएस आया होगा|
मैरी डिसूजा ने फोन देख कर मुस्कुराकर मेरी तरफ देखा और फिर जद्दनबाई से बोली, "जद्दनबाई, हमारी मेहमान को गाउन पहना कर कमरा नंबर 415 में लेकर जाओ वहां इनका प्रोफाइल इनका इंतजार कर रहा है"
***
जो गाउन उन्होंने मुझे पहनने को दिया था वह स्लीवलैस था और केवल मेरे घुटनों तक ही लंबा था और बहुत ही महीन कपड़े का बना हुआ लगभग पारदर्शी था| मुझे गोपा मौसी की बातें याद आ रही थी- अगर वह मुझे इस हालत में देख ली थी तो यह जरूर कहती कि इन कपड़ों में से भी मेरे स्तनों की चूचियां साफ उभरकर आ रही हैं|
प्राइवेट लिफ्ट से होते हुए मैं और जद्दनबाई चौथी मंजिल के गलियारे में पहुंचे| वहां वह मुझे बड़े प्यार से कमरा नंबर 415 में लेकर गई|
कमरे का दरवाजा खुला और मैंने देखा कि कमरा बड़ा और दिखने में काफी साफ सुथरा और सुव्यवस्थित सा लग रहा था| कमरे की खिड़कियों के सभी पर्दे खींचे हुए थे|
कमरे में एक अजीब तरह की मादक खुशबू भरी हुई थी और मंद रोशनी से ऐसा लग रहा था कि कमरे को सेक्स और रोमांस के लिए अच्छी तरह से तैयार किया गया है|
कमरे के अंदर एक सिंगल बेड था, ड्रेसिंग टेबल उसके सामने एक बड़ा सा आईना और एक पहिए वाला टेबल जिसमें तरह तरह कि तेल वगैरह रखे हुए थे|
इतने में अटैच बाथरूम का दरवाजा खुला और मैंने अपनी प्रोफाइल को जिंदगी में पहली बार देखा- वह करीब 6 फुट लंबा उसकी उम्र करीब 35 या 40 साल की होगी| वह सिर्फ हाफ पेंट पहने हुए था और उसमें कोई अंडर वियर नहीं पहन रखा था इसलिए उसके शिथिल यौनांग का आकार साफ झलक रहा था।
उसके बाल कंधों तक लंबे थे और उसने बड़े सलीके से अपने बालों को पीछे पोनीटेल में बाद रखा था|
उसका बदन गठीला और मजबूत लग रहा था और उसकी छाती में बिल्कुल भी बाल नहीं थे| दिखने में वह भी एंग्लो इंडियन ही लग रहा था|
वह मुस्कुराता हुआ मेरे पास आया और मेरी बाहों को अपनी बाहों में लेकर बोला, "हैलो मिस, माय नेम इज टॉम (मेरा नाम टॉम है)... मुझे यह जानकर खुशी हुई कि आप जैसी खूबसूरत लड़की को सर्विस देने का मौका मुझे मिला है", टॉम ने मेरे हाथ को चूमते हुए कहा।
टॉम की पहली छुअन और उसकी बातों से ही मानो उसने मेरा मन मोह लिया|
इतने में मैंने गौर किया कि जद्दनबाई की बांछें खिल गई थी| उसमें टॉमसे कहा, " टॉम भैया, यह लड़की हमारे यहां पहली बार आई है- और मेरी डिसूजा मैडम ने इसकी जिम्मेदारी आपको दी है- और मुझे इस बात की बड़ी खुशी है... इसकी अच्छी तरह से सेवा करिएगा"
यह कहकर अपने पीछे दरवाजा बंद करती हुई जद्दन बाई चली गई|
अब मैं और टॉम कमरे में अकेले थे और मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा था|
क्रमशः
*Stories-Index* New Story: উওমণ্ডলীর লৌন্ডিয়া