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Misc. Erotica ब्लू मून क्लब (BMC)
#7
अध्याय

 
यह ऑफिस रूम जहां में खड़ी थी वह काफी बड़ा कमरा थाकमरे में घुसते ही एकदम आखरी छोर पर एक बड़ा सा टेबल था जिसके पीछे एक बहुत ही महंगी लेदर की कुर्सी थीकमरे की बांई तरफ दीवार पर एक बड़ा सा शोकेस था जहां सजावट की काफी सारी वस्तुएं रखी हुई थी और वह दिखने में बहुत ही महंगी लग रही थी|

उस कमरे की दाहिनी तरफ की दीवार पर एक बड़ा सा फ्लैट स्क्रीन टीवी लगा हुआ था| जिससे  पूरी बिल्डिंग की सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखी जा सकती थी|

मुन्नी मुझे कमरे में छोड़कर बड़े ही अदब के साथ सर नीचे करके ऑफिस रूम का दरवाजा बंद करती हुई कमरे से बाहर चली गई|

मेरे सामने बैठी थी एक एंग्लो इंडियन अधेड़ उम्र की औरत- उन्होंने एक बहुत ही महंगे गहरे नीले रंग की रेशमी साड़ी पहन राखी थी, जिसमें एक मोटा चौड़ा बार्डर था और उसमें बहुत ही बारीकी का ज़री डिज़ाइन सजा हुआ था और एक मैचिंग ब्लाउज जिसमें पतली - पतली कंधे की पट्टियाँ थीं जो कि आकर्षक रूप से उनके कंधों, उसकी बाहों को और निश्चित रूप से उनके स्तनों के विभाजन (क्लीवेज) के अधिकांश हिस्से को यौन आकर्षक तरीके से दर्शा रहा था उसने अपने बालों को अपने सिर के पीछे बड़े करीने से एक जूड़े में बांध रखा था

उन्होंने भी चंद लम्हों तक हैरानी से मुझे  ऊपर से नीचे तक  देखा और  फिर वह खुद ही मुस्कुरा कर अपनी कुर्सी से उठ कर मेरे पास आकर कर उसने मेरी तरफ हाथ मिलाने के लिए अपना हाथ बढ़ाया और फिर एक बहुत ही प्यारी मुस्कान के साथ उसने उससे कहा, " हेलो माय नेम इज मैरी डिसूजा...  आई एम प्रेसिडेंट एंड सीईओ ऑफ़  ब्लू मून क्लब (हैलो मेरा नाम मैरी डिसूजा है मैं ब्लू मून क्लब की प्रेसिडेंट और सीईओ हूं)"

मैंने भी डरते डरते अपना हाथ उनकी तरफ बढ़ाया और हाथ मिलाती हुई मैं बोली, "जी मेरा नाम शीला चौधरी है... मेरा मतलब... पीयाली दास... मतलब... मैं... जी... वह..."

एक तो पहले से ही मुझे इस बात का डर लगा हुआ था कि एक तो मैंने अपना नाम गलत बताया था जाने अब क्या होने वाला था और  मैरी डिसूजा को देखने के बाद मुझे जो झटका लगा था उस समय अभी तक उबर नहीं पाई थी|

"हा हा हा हा हा, मैरी डिसूजा ठहाका मारकर हंस पड़ी, "क्या तुम इस बात से घबरा रही हो कि तुमने अपना नाम गलत बताया था? मैं समझ सकती हूंब्लू मून क्लब एक सेक्सुअली ओरिएंटेड एंटरटेनमेंट (यौन उन्मुख मनोरंजन क्लब) क्लब है...  यहां आने वाले लोग अक्सर अपनी पहचान छुपाते हैं|   यह बहुत ही आम बात है- लेकिन नियम और रिकॉर्ड के लिए हम उनका असली नाम और पता अपने पास हमेशा रखते हैं... यहां  के सदस्य पुरुष और महिला दोनों हैहमारे इस क्लब का एक ही उद्देश्य है-  हम एक दूसरे को आपस में मिलवा देते हैं ताकि उनका मेलजोल बढ़े और उनका मनोरंजन भी हो...  और हां तुमने बिल्कुल सही सोचाइन सब में कामुकता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है वैसे मैं तो सही मानो तो तुमको देखकर मैं भी बहुत ही हैरान हो गई थीआओ मेरे साथ..."

यह कहकर मैरी डिसूजा मेरे कंधे पर हाथ रखकर मुझे सीसीटीवी कैमरे वाले टीवी के बगल में लगे हुए एक बड़े से आईने के सामने ली गई और फिर  बोली, "बहुत दिनों से मेरे जान पहचान वाले कुछ लोग मुझसे पूछा करते थे कि क्या कोई मेरी बेटी भी शहर में रहती है या नहीं...  इनमें से कुछ लड़कियां तो यहां कॉल सेंटर में भी काम करती हैं... हो सकता है तुम भी उसी कॉल सेंटर में काम करती होगी... उनकी बातें सुनकर पहले तो मुझे यकीन नहीं आया लेकिन आज तुमको आमने सामने देखकर मैं भी हैरान रह गई... वैसे तो हम दोनों के बीच कोई खून का रिश्ता नहीं हैलेकिन तुम इसे कुदरत का करिश्मा ही मान लो कि तुम्हारी और  और मेरी शक्ल काफी हद तक मिलती-जुलती है... यहां तक की हमारी आंखों  की पुतलियों का रंग भी भूरा-भूरा है अगर कोई अनजान आदमी हम दोनों को साथ साथ देख लेगा तो शायद यही सोचेगा कि हम लोग मां बेटी हैं"

तब मैंने भी नजरें उठाकर आईने की तरफ देखा- हां, मैरी डिसूजा का कहना बिल्कुल सही था

यह कुदरत का करिश्मा और एक अदभुत संयोग ही था जो हम दोनों की शक्लें  इतनी मिलती-जुलती है- हालांकि परिवार वालों का यह कहना है कि मैं अपने बाप पर गई हूं... और मेरी अपनी मां से मेरी शक्ल बिल्कुल भी नहीं मिलती...  लेकिन यह आश्चर्य की बात है कि मेरी और मैरी डिसूजा की शक्ल में इतनी समानताएं हैं|

और इस बार में कोई दो राय नहीं कि अगर कोई अनजान आदमी हम दोनों को साथ साथ देख लेगा तो शायद यही सोचेगा कि हम लोग मां बेटी हैं|

अब मुझे समझ में आया  जब मैं कॉल सेंटर में काम किया करती थी तब लोग बाग क्यों यह पूछा करते थे कि क्या मैं एंग्लो इंडियन हूंक्या यहां मेरी कोई रिश्तेदार रहती हैकुछ लोगों का मानना था कि मेरी शक्ल एक बहुत ही मशहूर औरत से काफी मिलती-जुलती है

मैरी डिसूजा ने कहा, “तुम्हारे अंदर अभी तक घबराहट भरी हुई है- मैं जानती हूं कि तुमने अपनी जिंदगी में पहली बार ऐसा कदम उठाया है

इतने में एक परिचारिका एक ट्रे में बड़े-बड़े कांच के गिलास में भरी हुई शरबत लेकर ऑफिस रूम में दाखिल हुई|
मैं और मैरी डिसूजा उनके ऑफिस में लगे सोफे पर बैठकर शरबत की चुस्कियां लेने लगी और थोड़ी इधर-उधर की बातें करने लगे

बातों बातों में मैंने उन्हें यह बता दिया कि मेरा मायका पाँक पाड़ा  गांव में है  और यह सुनकर मैरी डिसूजा बहुत खुश हूं जैसा कि मैंने कहा था वहां लेचारी  प्रथा (मनोरंजन और फायदे के लिए पराए मर्दों के साथ संबंध बनाना) एक फैशन है|

अभी मैंने आधा गिलास शरबत पिया ही थाकि मुझे बहुत ही हल्का हल्का महसूस  होने लगा|

ऐसा लग रहा था कि मानो मेरी सारी घबराहट और तनाव जैसे दूर हो गए है...  अचानक मुझे एक अजीब तरह  खुशी महसूस होने लगी और मैं धीरे-धीरे मुस्कुराने और हंसने लगी... शायद उस शरबत में कुछ ऐसा था जिससे मुझे हल्का हल्का नशा सा होने लगा था|

और सबसे बड़ी बात मेरी और मैरी डिसूजा के बीच करीब 15 या 20 मिनट तक की ही बातचीत हुई होगी लेकिन मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं उनको बरसों से जानती हूंइसलिए मैं उसे काफी घुलमिल गई थी|

ब्लू मून क्लब की मालकिन मैरी डिसूजा एक बहुत ही तजुर्बेदार औरत थीवह बातें तो मुझसे कर रही थी लेकिन साथ ही वह मेरी हालत  का जायजा भी ले रही थी और शायद मन ही मन उन्होंने भाँप लिया कि अब मैं अपना अगला कदम लेने के लिए तैयार हूंइसलिए उन्होंने  मुझसे कहा, "तुमने यहां अपना नाम पीयाली दास बताया था- आज के बाद मैं तुम्हें इसी नाम से पुकारऊंगी... तुम यहां सर्विस के लिए आई हो और हमारे उसूलों के मुताबिक तुम्हें यहां अपना प्रोफाइल चुनने की आजादी है- लेकिन मैंने तुम्हारे लिए प्रोफाइल चुन लिया है और वह शायद अब तक चुका होगा इसलिए तुम मेरे साथ लॉकर रूम में चलो मैं तुमको वहां सर्विस के लिए तैयार कर दूंगी
 
मैंने दो-तीन और बड़े-बड़े घूंट लिए और बाकी का शरबत पूरा का पूरा पी  गई|

क्रमशः
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RE: ब्लू मून क्लब (BMC)4 - by naag.champa - 12-03-2023, 04:35 AM



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