12-03-2023, 04:30 AM
अध्याय ३a
गोपा मौसी बड़े प्यार से मेरे बालों में कंघी करके एक चोटी कसकर गई थी|
उनके जाने के बाद मैंने जल्दी-जल्दी अपने बाल खोले और मेरे बालों को सामने की ओर फ़्लिप किया और बड़े दांत वाली कंघी से अपने बालों को काढ़ा और जैसे तैसे मैंने एक पोनीटेल बनाई|
उसके बाद बाथरूम में जाकर जल्दी-जल्दी अपने बगलों पर लेडीज़ रेजर मारकर वहां के बालों को साफ किया और फिर अलमारी में से एक नई ब्रा और पेंटी का सेट निकाला और फिर अपनी लाल रंग की स्लीवलेस टीशर्ट और लो कट जींस भी निकाली...
आखिरकार मैं ब्लू मून क्लब की लूनर डैज़ी (Lunar Daisy) ब्यूटी पार्लर जाने वाली थी- वहां तो मैं सिर्फ एक चुटिया कसी हुई 'बहन जी' बनकर नहीं जा सकती थी- वहां जाने के लिए मुझे शहर की आम लड़कियों की तरह जाना था|
तैयार होने के बाद मैंने अलमारी में से नोटों के लिफाफे को निकाला और अंदाज से नोटों का एक गुच्छा उसमें से निकाल लिया और अपने पर्स में डाल लिया| हो ना हो मैंने कम से कम 30 या ₹40 हजार रुपए नोटों की गड्डी में से निकाल लिए थे|
मुझे बाहर निकलने की जल्दी थी क्योंकि मेरे अंदर एक अनजानी सी उकसाहट भड़क रही थी, लेकिन फिर भी मैंने पूरा कर चेक किया और देख लिया कि सारे खिड़की दरवाजे बंद है कि नहीं और बेवजह कोई बिजली का स्विच और तो ऑन नहीं रह गया| टेबल पर रखे खाने को मैंने एक एक करके फ्रिज में डाल दिया| और फिर बाहर निकलने से पहले मैंने आईने में अपनी शक्ल एक बार देखी और देख कर दंग रह गई|
मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं आईने में खुद को नहीं किसी और को देख रही हूं और मैंने गौर किया कि सुबह नहाते वक्त मैंने शैंपू किया था जिसकी वजह से मैं अपनी मांग में जो हल्का सा सिंदूर लगाती थी वह भी पूरी तरह धूल चुका था...
खैर कोई बात नहीं.. मैं तो ब्लू मून क्लब की लूनर डैज़ी (Lunar Daisy) ब्यूटी पार्लर जाने वाली थी- और वहां एक बहन जी बनकर जाने की कोई जरूरत नहीं है|
अपनी बिल्डिंग से निकलकर जैसे ही मैं सड़क पार करके फुटपाथ पर खड़ी हुई; न जाने कहां से एक ऑटो वाला सीधे मेरे सामने अपना ऑटो ले आकर रुका| पिछली सीट पर एक परिवार पहले से ही बैठा हुआ था एक अधेड़ उम्र का आदमी, उसकी बीवी और एक लड़की जिसकी उम्र लगभग 14 या 15 साल की होगी|
मैं बेहिचक सामने ऑटो वाले की बगल में चिपक कर बैठ गई और बोली, "बिग सिटी मॉल..."
बिग सिटी मॉल- जहां ब्लू मून क्लब है और उसका लूनर डैज़ी (Lunar Daisy) ब्यूटी पार्लर|
ऑटो वाला भी मेरी छुअन पाकर और मेरे परफ्यूम की खुशबू से बहुत ही खुश होकर एक बड़ी सी मुस्कान लेकर ऑटो लेकर चल पड़ा|
***
आज मौसम बहुत ही सुहाना था| आसमान पर बादल छाए हुए थे ठंडी ठंडी हवाएं चल रही थी| तेज बारिश आने का अंदाजा था लेकिन मैंने देखा कि फिर भी बाहर सड़क पर काफी लोग बाग और युवक युवतियां- जैसे किसी अनजानी खुशी के माहौल में डूब कर घूम रहे थे|
शहर की बीचोबीच बहुत ही रिहायशी इलाके में बना हुआ था बिग सिटी मॉल|
बिग सिटी मॉल किसी दूसरी तरफ एक बड़ी सी बहुमंजिला बिल्डिंग है- और उस बिल्डिंग के सबसे ऊपरी मंजिल पर एक बड़ा सा साइन बोर्ड लगा हुआ है- जिसमें लिखा हुआ है- ब्लू मून क्लब|
उसी बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर एक लग्जरी (luxary) रेस्तरां है- जिसका नाम है, रंग दे बसंती ढाबा (जो कि किसी पांच सितारा होटल के रेस्तरां से कम नहीं है... उसके ऊपर वाले फ्लोर पर ब्लू मून क्लब का लूनर डैज़ी (Lunar Daisy) ब्यूटी पार्लर है|
मेरा दिल बड़े जोर जोर से धड़क रहा था, लेकिन अब जब ओखली में सर दे ही दिया है तो मूसल का क्या डर?
रंग दे बसंती ढाबा के बगल से लूनर डैज़ी (Lunar Daisy) ब्यूटी पार्लर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है| मैंने जैसे ही अंदर कदम रखा तो चौकीदार ने उठकर मेरे को सलाम किया मैंने गौर किया कि वह मुझे बड़ी अजीब निगाहों से देख रहा था, ऐसा लग रहा था शायद उसने मुझे पहले भी कहीं देखा है और अब को याद करने की कोशिश कर रहा है कि कहां?
और फिर जब मैं लूनर डैज़ी (Lunar Daisy) ब्यूटी पार्लर के अंदर गई तब रिसेप्शन में बैठी हुई लड़की मुझे देख कर मानो हक्की बक्की से रह गई और वह सीधे खड़ी होकर मुझसे बोली, "गुड मॉर्निंग, मिस"
मैंने गौर किया उसके स्वर में एक अजीब तरह का आश्चर्य भरा हुआ था|
क्या मैं बहुत ही ज्यादा नर्वस हो रही थी? क्या मेरे चेहरे के हाव भाव अजीब से लग रहे थे? या फिर मेरे कपड़े या बाल बिगड़े हुए थे? पता नहीं...
मैंने उस लड़की से कहा, "जी मुझे मिस मुन्नी से मिलना है- मेरी आप सुबह मुझसे फोन पर बात हुई थी, मेरा नाम- शीला... मेरा मतलब है कि पीयाली दास है मेरी यहां बुकिंग है"
"जी हां जी हां मैं ही मुन्नी हूं...” न जाने क्यों लड़की मुझे देख कर थोड़ा घबरा सी गई थी और हकला भी रही थी| उसने जल्दी-जल्दी अपने सामने रखे कंप्यूटर के कीबोर्ड पर अपनी उंगलिया चलाई और बोली, "अब ठीक समय पर आई है आप प्लीज मुझे अपना कोई आईडी कार्ड (ID Card) दीजिए और आप सोफे पर थोड़ी देर बैठिए मैं थोड़ी देर में आपको खबर करती हूं..."
मैंने अपने पर्स में से अपना स्कूटी का टू व्हीलर ड्राइवर लाइसेंस निकाल कर उसके हाथ में थमा दिया और फिर सोफे में जाकर बैठ गई|
आज सुबह से बड़ी अजीब सी घटनाएं मेरे साथ घट रही है- इसलिए आईडी कार्ड देते वक्त मुझे यह ध्यान नहीं रहा कि उस पर मेरा असली नाम शीला चौधरी ही छपा हुआ है|
मैंने रिसेप्शन के सामने सोफे पर बैठ कर एक गहरी सांस ली ही थी- कि तभी मेरा माथा टनका- आईडी कार्ड पर तो मेरा नाम- शीला चौधरी है और यहां बुकिंग है पीयाली दास के नाम से... मर गए! अब क्या होगा?
मैंने अपनी नजरों को उठा कर रिसेप्शन पर कंप्यूटर के कीबोर्ड पर उंगलियां चलाती हुई मुन्नी की तरफ देखा और मैं समझ गई कि उसने देख लिया है की आईडी कार्ड पर और बुकिंग पर नाम अलग-अलग है|
उसने मेरी तरफ एक बार नजरों को उठाकर देखा और फिर मेरा ड्राइवर लाइसेंस लेकर रिसेप्शन के बगल में एक दरवाजे से होकर कहीं अंदर चली गई|
क्या वह लड़की सिक्योरिटी को बुलाने गई है? या फिर सिक्युरिटी को? मैं क्या करूं... यहां से उठकर भागूँ? लेकिन भागने से तो कोई फायदा नहीं होगा- क्योंकि मेरा ड्राइवर्स लाइसेंस इन लोगों के पास है... अगर इन्होंने सिक्युरिटी को खबर की, तो सिक्युरिटी सीधे मेरे घर पहुंच जाएगी...
हे भगवान अब क्या होगा? खैर देखते हैं-
क्रमशः
गोपा मौसी बड़े प्यार से मेरे बालों में कंघी करके एक चोटी कसकर गई थी|
उनके जाने के बाद मैंने जल्दी-जल्दी अपने बाल खोले और मेरे बालों को सामने की ओर फ़्लिप किया और बड़े दांत वाली कंघी से अपने बालों को काढ़ा और जैसे तैसे मैंने एक पोनीटेल बनाई|
उसके बाद बाथरूम में जाकर जल्दी-जल्दी अपने बगलों पर लेडीज़ रेजर मारकर वहां के बालों को साफ किया और फिर अलमारी में से एक नई ब्रा और पेंटी का सेट निकाला और फिर अपनी लाल रंग की स्लीवलेस टीशर्ट और लो कट जींस भी निकाली...
आखिरकार मैं ब्लू मून क्लब की लूनर डैज़ी (Lunar Daisy) ब्यूटी पार्लर जाने वाली थी- वहां तो मैं सिर्फ एक चुटिया कसी हुई 'बहन जी' बनकर नहीं जा सकती थी- वहां जाने के लिए मुझे शहर की आम लड़कियों की तरह जाना था|
तैयार होने के बाद मैंने अलमारी में से नोटों के लिफाफे को निकाला और अंदाज से नोटों का एक गुच्छा उसमें से निकाल लिया और अपने पर्स में डाल लिया| हो ना हो मैंने कम से कम 30 या ₹40 हजार रुपए नोटों की गड्डी में से निकाल लिए थे|
मुझे बाहर निकलने की जल्दी थी क्योंकि मेरे अंदर एक अनजानी सी उकसाहट भड़क रही थी, लेकिन फिर भी मैंने पूरा कर चेक किया और देख लिया कि सारे खिड़की दरवाजे बंद है कि नहीं और बेवजह कोई बिजली का स्विच और तो ऑन नहीं रह गया| टेबल पर रखे खाने को मैंने एक एक करके फ्रिज में डाल दिया| और फिर बाहर निकलने से पहले मैंने आईने में अपनी शक्ल एक बार देखी और देख कर दंग रह गई|
मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं आईने में खुद को नहीं किसी और को देख रही हूं और मैंने गौर किया कि सुबह नहाते वक्त मैंने शैंपू किया था जिसकी वजह से मैं अपनी मांग में जो हल्का सा सिंदूर लगाती थी वह भी पूरी तरह धूल चुका था...
खैर कोई बात नहीं.. मैं तो ब्लू मून क्लब की लूनर डैज़ी (Lunar Daisy) ब्यूटी पार्लर जाने वाली थी- और वहां एक बहन जी बनकर जाने की कोई जरूरत नहीं है|
अपनी बिल्डिंग से निकलकर जैसे ही मैं सड़क पार करके फुटपाथ पर खड़ी हुई; न जाने कहां से एक ऑटो वाला सीधे मेरे सामने अपना ऑटो ले आकर रुका| पिछली सीट पर एक परिवार पहले से ही बैठा हुआ था एक अधेड़ उम्र का आदमी, उसकी बीवी और एक लड़की जिसकी उम्र लगभग 14 या 15 साल की होगी|
मैं बेहिचक सामने ऑटो वाले की बगल में चिपक कर बैठ गई और बोली, "बिग सिटी मॉल..."
बिग सिटी मॉल- जहां ब्लू मून क्लब है और उसका लूनर डैज़ी (Lunar Daisy) ब्यूटी पार्लर|
ऑटो वाला भी मेरी छुअन पाकर और मेरे परफ्यूम की खुशबू से बहुत ही खुश होकर एक बड़ी सी मुस्कान लेकर ऑटो लेकर चल पड़ा|
***
आज मौसम बहुत ही सुहाना था| आसमान पर बादल छाए हुए थे ठंडी ठंडी हवाएं चल रही थी| तेज बारिश आने का अंदाजा था लेकिन मैंने देखा कि फिर भी बाहर सड़क पर काफी लोग बाग और युवक युवतियां- जैसे किसी अनजानी खुशी के माहौल में डूब कर घूम रहे थे|
शहर की बीचोबीच बहुत ही रिहायशी इलाके में बना हुआ था बिग सिटी मॉल|
बिग सिटी मॉल किसी दूसरी तरफ एक बड़ी सी बहुमंजिला बिल्डिंग है- और उस बिल्डिंग के सबसे ऊपरी मंजिल पर एक बड़ा सा साइन बोर्ड लगा हुआ है- जिसमें लिखा हुआ है- ब्लू मून क्लब|
उसी बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर एक लग्जरी (luxary) रेस्तरां है- जिसका नाम है, रंग दे बसंती ढाबा (जो कि किसी पांच सितारा होटल के रेस्तरां से कम नहीं है... उसके ऊपर वाले फ्लोर पर ब्लू मून क्लब का लूनर डैज़ी (Lunar Daisy) ब्यूटी पार्लर है|
मेरा दिल बड़े जोर जोर से धड़क रहा था, लेकिन अब जब ओखली में सर दे ही दिया है तो मूसल का क्या डर?
रंग दे बसंती ढाबा के बगल से लूनर डैज़ी (Lunar Daisy) ब्यूटी पार्लर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है| मैंने जैसे ही अंदर कदम रखा तो चौकीदार ने उठकर मेरे को सलाम किया मैंने गौर किया कि वह मुझे बड़ी अजीब निगाहों से देख रहा था, ऐसा लग रहा था शायद उसने मुझे पहले भी कहीं देखा है और अब को याद करने की कोशिश कर रहा है कि कहां?
और फिर जब मैं लूनर डैज़ी (Lunar Daisy) ब्यूटी पार्लर के अंदर गई तब रिसेप्शन में बैठी हुई लड़की मुझे देख कर मानो हक्की बक्की से रह गई और वह सीधे खड़ी होकर मुझसे बोली, "गुड मॉर्निंग, मिस"
मैंने गौर किया उसके स्वर में एक अजीब तरह का आश्चर्य भरा हुआ था|
क्या मैं बहुत ही ज्यादा नर्वस हो रही थी? क्या मेरे चेहरे के हाव भाव अजीब से लग रहे थे? या फिर मेरे कपड़े या बाल बिगड़े हुए थे? पता नहीं...
मैंने उस लड़की से कहा, "जी मुझे मिस मुन्नी से मिलना है- मेरी आप सुबह मुझसे फोन पर बात हुई थी, मेरा नाम- शीला... मेरा मतलब है कि पीयाली दास है मेरी यहां बुकिंग है"
"जी हां जी हां मैं ही मुन्नी हूं...” न जाने क्यों लड़की मुझे देख कर थोड़ा घबरा सी गई थी और हकला भी रही थी| उसने जल्दी-जल्दी अपने सामने रखे कंप्यूटर के कीबोर्ड पर अपनी उंगलिया चलाई और बोली, "अब ठीक समय पर आई है आप प्लीज मुझे अपना कोई आईडी कार्ड (ID Card) दीजिए और आप सोफे पर थोड़ी देर बैठिए मैं थोड़ी देर में आपको खबर करती हूं..."
मैंने अपने पर्स में से अपना स्कूटी का टू व्हीलर ड्राइवर लाइसेंस निकाल कर उसके हाथ में थमा दिया और फिर सोफे में जाकर बैठ गई|
आज सुबह से बड़ी अजीब सी घटनाएं मेरे साथ घट रही है- इसलिए आईडी कार्ड देते वक्त मुझे यह ध्यान नहीं रहा कि उस पर मेरा असली नाम शीला चौधरी ही छपा हुआ है|
मैंने रिसेप्शन के सामने सोफे पर बैठ कर एक गहरी सांस ली ही थी- कि तभी मेरा माथा टनका- आईडी कार्ड पर तो मेरा नाम- शीला चौधरी है और यहां बुकिंग है पीयाली दास के नाम से... मर गए! अब क्या होगा?
मैंने अपनी नजरों को उठा कर रिसेप्शन पर कंप्यूटर के कीबोर्ड पर उंगलियां चलाती हुई मुन्नी की तरफ देखा और मैं समझ गई कि उसने देख लिया है की आईडी कार्ड पर और बुकिंग पर नाम अलग-अलग है|
उसने मेरी तरफ एक बार नजरों को उठाकर देखा और फिर मेरा ड्राइवर लाइसेंस लेकर रिसेप्शन के बगल में एक दरवाजे से होकर कहीं अंदर चली गई|
क्या वह लड़की सिक्योरिटी को बुलाने गई है? या फिर सिक्युरिटी को? मैं क्या करूं... यहां से उठकर भागूँ? लेकिन भागने से तो कोई फायदा नहीं होगा- क्योंकि मेरा ड्राइवर्स लाइसेंस इन लोगों के पास है... अगर इन्होंने सिक्युरिटी को खबर की, तो सिक्युरिटी सीधे मेरे घर पहुंच जाएगी...
हे भगवान अब क्या होगा? खैर देखते हैं-
क्रमशः
*Stories-Index* New Story: উওমণ্ডলীর লৌন্ডিয়া