12-03-2023, 04:18 AM
अध्याय १b
हां यह सही बात है- गोपा मौसी, मेरी नौकरानी है लेकिन वह मेरे से उम्र में बड़ी है| इसलिए मैंने सर झुका कर और मुस्कुरा कर कहा "मौसी, मुझे माफ कर दो"
गोपा मौसी को भी शायद ऐसा लगा होगा उसने कुछ ज्यादा ही बोल दिया इसलिए उन्होंने कहा, " बुरा ना मानना... मेरी भी 4 बेटियां है... मुझे लगता है तुम भी मेरी बेटी जैसी हो... इसलिए मैंने ऐसा कुछ कह दिया... जब मैं तुम्हारी उम्र की थी तब तक तो मेरी तीसरी बेटी मेरे पेट में थी... आज अगरतुम्हारा भी कोई बच्चा कच्चा होता तो शायद बात ही कुछ और होती"
अब मुझे गुस्सा आ गया मैंने कहा, " इसी बात से मुझे काफी चिढ़ है गोपा मौसी, सभी बड़े बूढ़े लोग यही कहते हैं- लड़की है इसकी जल्दी से शादी करा दो वरना बिगड़ जाएगी... एक बार शादी हो गई है, तो लोग बाग यही चिंता करते रहते हैं कि बच्चा कब होगा? अरे भई मेरी अभी उम्र ही क्या है??"
मैंने गौर किया कि उनकी आंखें नम हो गई है... मैंने उनकी नजरों की भाषा पकड़ ली मुझे उस वक्त ऊपर से नीचे तक नाप रही थी|शायद मैंने अंदाजा लगा लिया क्या सोच रही है... मेरी उम्र सिर्फ 26 साल की है लेकिन लोग कहते हैं मैं 20 से 22 से ज्यादा की नहीं दिखती हूँ| मैं करीब 5 फुट 6 इंच लंबी हूँ, मेरी आंखों की पुतलियां किसी विदेशी की तरह भूरी भूरी हैं... मेरे बाल काले रेशमी घुंघराले और करीब-करीब कमर तक लंबे है... और लोग बाग़ यह भी कहते हैं कि मेरा फिगर भी अच्छा है... और मैं ३४ सी-सी की ब्रा पहनती हूँ...
जब मैं कॉल सेंटर में काम किया करती थी तब न जाने कितने लोगों ने मुझसे पूछा था कि क्या मैं एंग्लो इंडियन हूं? क्या यहां मेरी कोई रिश्तेदार रहती है? कुछ लोगों का मानना था कि मेरी शक्ल एक बहुत ही मशहूर औरत से काफी मिलती-जुलती है अगर हम दोनों को साथ देख ले तो कोई भी यह सोचेगा कि हम लोग मां बेटी है|
गोपा मौसी ने कहा, "मैं किचन में जाती हूं… लेकिन मैं कभी कबार यह भी सोचती रहती हूँ कि तुम तो पाँक पाड़ा गाँव की लड़की हो; तो तुम थोड़ा बहुत लेचारी क्यों नहीं करती हो, कौन पूछेगा तुमसे?... यहां कौन देखने को जा रहा है? तुम इतनी सुंदर हो सारी जिंदगी तुम अपने गूद से पेशाब करती रहोगी क्या?"
अगर आप गांव की भाषा समझे हैं, तो आप जानते होंगे कि गूद का मतलब होता है लड़कियों का यौनांग….
वैसे गोपा मौसी ने जो कहा था वह सही है, मेरा मायका पाँक पाड़ा गांव है, और वहां अंग्रेजों के जमाने से एक सिलसिला चलता रहा है- जिसे कहते हैं, लेचारी- हमारे गांव और उसके आसपास के ईलाकों में ज्यादातर मर्द लोग काम के सिलसिले गाँव से दूर शहर में ही काम किया करते थे और वहीँ रहते थे और जैसे मेरे पति भी साल या छह महीने में एक आध बार घर आतें हैं ठीक वैसे ही उन लोगों का भी यह ही हाल था… इसकी बदौलत अच्छे- अच्छे घरों की लड़कियां, बहुएं या फिर औरतें अक्सर दूसरे मर्दो के साथ संबंध बना लेती थी...
इससे उनका अकेलापन भी दूर हो जाता था और फिर घर खर्च या फिर इधर- उधर की जरूरतों के लिए मुझे पैसे या फिर उनकी जरूरतें मैं पूरी हो जाती थी|
अंग्रेज तो देश को आजाद करके चले गए; लेकिन यह प्रथा आज भी प्रचलित है... और गौर करने वाली बात है भले ही यह व्यभिचार हो लेकिन इस प्रथा को चुपके चुपके हमारे समाज में स्वीकृति भी दी गई है...
मुझे भी ऐसा लग रहा था कि शायद मैं बेवजह उनके ऊपर चिल्ला उठी इसलिए मैंने भी कहा," ठीक है मैं भी नहा कर आती हूं लेकिन आज मेरे बालों में कंघी आप कर देना"
मैंने देखा की गोपा मौसी की बांछें खिल गई, वह बोली "ठीक है लड़की... नहाने के बाद मैं तेरी बालों में कंघी भीकर दूंगी… और वैसे भी मुझे चैन नहीं है मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि भगवान तुझे भी लेचारी का मौका दें... मुझे तो कभी कबार बड़ी फिक्र लगी रहती है- तू जवान है इतनी खूबसूरत है और सबसे बड़ी बात जब भगवान ने तेरे को एक गूद (यौनांग) दिया है- उससे तो सारी जिंदगी पेशाब ही करती रहेगी क्या??"
मैंने अलमारी की तरफ देखा जहां मैंने नोटों से भरा हुआ लिफाफा छुपा कर रखा था... टीवी चल रहा था, न्यूज़ चैनल पर पंडित जी फिलहाल आज के दिन का पंचांग पढ़ रहे थे... मिथुन राशि का राशिफल आने में अभी देर था| मैं सोफे पर बैठ कर अभी तक गोपा मौसी से बातें कर रही थी| सामने के सेंटर टेबल पर अखबार रखा हुआ था और उसके पहले ही पन्ने पर ब्लू मून क्लब का विज्ञापन छपा हुआ था... यह विज्ञापन करीब करीब एक चौथाई पन्ने का था का था... और उसी के अंदर ब्लू मून क्लब के ब्यूटी पार्लर... लूनर डैज़ी (Lunar Daisy) का भी जिक्र था... और नीचे छोटे अक्षरों में लिखा हुआ था कि अगर आप विशेष तरह की सर्विस चाहते हैं तो कोड नंबर BMCMFFM इस नंबर पर व्हाट्सएप (WhatsApp) करें...
और फिर मैं गोपा मौसी से बोली, "इस बारे में हम लोग बाद में बात करेंगे; मौसी जी... आप काम कर लो"
क्रमशः
हां यह सही बात है- गोपा मौसी, मेरी नौकरानी है लेकिन वह मेरे से उम्र में बड़ी है| इसलिए मैंने सर झुका कर और मुस्कुरा कर कहा "मौसी, मुझे माफ कर दो"
गोपा मौसी को भी शायद ऐसा लगा होगा उसने कुछ ज्यादा ही बोल दिया इसलिए उन्होंने कहा, " बुरा ना मानना... मेरी भी 4 बेटियां है... मुझे लगता है तुम भी मेरी बेटी जैसी हो... इसलिए मैंने ऐसा कुछ कह दिया... जब मैं तुम्हारी उम्र की थी तब तक तो मेरी तीसरी बेटी मेरे पेट में थी... आज अगरतुम्हारा भी कोई बच्चा कच्चा होता तो शायद बात ही कुछ और होती"
अब मुझे गुस्सा आ गया मैंने कहा, " इसी बात से मुझे काफी चिढ़ है गोपा मौसी, सभी बड़े बूढ़े लोग यही कहते हैं- लड़की है इसकी जल्दी से शादी करा दो वरना बिगड़ जाएगी... एक बार शादी हो गई है, तो लोग बाग यही चिंता करते रहते हैं कि बच्चा कब होगा? अरे भई मेरी अभी उम्र ही क्या है??"
मैंने गौर किया कि उनकी आंखें नम हो गई है... मैंने उनकी नजरों की भाषा पकड़ ली मुझे उस वक्त ऊपर से नीचे तक नाप रही थी|शायद मैंने अंदाजा लगा लिया क्या सोच रही है... मेरी उम्र सिर्फ 26 साल की है लेकिन लोग कहते हैं मैं 20 से 22 से ज्यादा की नहीं दिखती हूँ| मैं करीब 5 फुट 6 इंच लंबी हूँ, मेरी आंखों की पुतलियां किसी विदेशी की तरह भूरी भूरी हैं... मेरे बाल काले रेशमी घुंघराले और करीब-करीब कमर तक लंबे है... और लोग बाग़ यह भी कहते हैं कि मेरा फिगर भी अच्छा है... और मैं ३४ सी-सी की ब्रा पहनती हूँ...
जब मैं कॉल सेंटर में काम किया करती थी तब न जाने कितने लोगों ने मुझसे पूछा था कि क्या मैं एंग्लो इंडियन हूं? क्या यहां मेरी कोई रिश्तेदार रहती है? कुछ लोगों का मानना था कि मेरी शक्ल एक बहुत ही मशहूर औरत से काफी मिलती-जुलती है अगर हम दोनों को साथ देख ले तो कोई भी यह सोचेगा कि हम लोग मां बेटी है|
गोपा मौसी ने कहा, "मैं किचन में जाती हूं… लेकिन मैं कभी कबार यह भी सोचती रहती हूँ कि तुम तो पाँक पाड़ा गाँव की लड़की हो; तो तुम थोड़ा बहुत लेचारी क्यों नहीं करती हो, कौन पूछेगा तुमसे?... यहां कौन देखने को जा रहा है? तुम इतनी सुंदर हो सारी जिंदगी तुम अपने गूद से पेशाब करती रहोगी क्या?"
अगर आप गांव की भाषा समझे हैं, तो आप जानते होंगे कि गूद का मतलब होता है लड़कियों का यौनांग….
वैसे गोपा मौसी ने जो कहा था वह सही है, मेरा मायका पाँक पाड़ा गांव है, और वहां अंग्रेजों के जमाने से एक सिलसिला चलता रहा है- जिसे कहते हैं, लेचारी- हमारे गांव और उसके आसपास के ईलाकों में ज्यादातर मर्द लोग काम के सिलसिले गाँव से दूर शहर में ही काम किया करते थे और वहीँ रहते थे और जैसे मेरे पति भी साल या छह महीने में एक आध बार घर आतें हैं ठीक वैसे ही उन लोगों का भी यह ही हाल था… इसकी बदौलत अच्छे- अच्छे घरों की लड़कियां, बहुएं या फिर औरतें अक्सर दूसरे मर्दो के साथ संबंध बना लेती थी...
इससे उनका अकेलापन भी दूर हो जाता था और फिर घर खर्च या फिर इधर- उधर की जरूरतों के लिए मुझे पैसे या फिर उनकी जरूरतें मैं पूरी हो जाती थी|
अंग्रेज तो देश को आजाद करके चले गए; लेकिन यह प्रथा आज भी प्रचलित है... और गौर करने वाली बात है भले ही यह व्यभिचार हो लेकिन इस प्रथा को चुपके चुपके हमारे समाज में स्वीकृति भी दी गई है...
मुझे भी ऐसा लग रहा था कि शायद मैं बेवजह उनके ऊपर चिल्ला उठी इसलिए मैंने भी कहा," ठीक है मैं भी नहा कर आती हूं लेकिन आज मेरे बालों में कंघी आप कर देना"
मैंने देखा की गोपा मौसी की बांछें खिल गई, वह बोली "ठीक है लड़की... नहाने के बाद मैं तेरी बालों में कंघी भीकर दूंगी… और वैसे भी मुझे चैन नहीं है मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि भगवान तुझे भी लेचारी का मौका दें... मुझे तो कभी कबार बड़ी फिक्र लगी रहती है- तू जवान है इतनी खूबसूरत है और सबसे बड़ी बात जब भगवान ने तेरे को एक गूद (यौनांग) दिया है- उससे तो सारी जिंदगी पेशाब ही करती रहेगी क्या??"
मैंने अलमारी की तरफ देखा जहां मैंने नोटों से भरा हुआ लिफाफा छुपा कर रखा था... टीवी चल रहा था, न्यूज़ चैनल पर पंडित जी फिलहाल आज के दिन का पंचांग पढ़ रहे थे... मिथुन राशि का राशिफल आने में अभी देर था| मैं सोफे पर बैठ कर अभी तक गोपा मौसी से बातें कर रही थी| सामने के सेंटर टेबल पर अखबार रखा हुआ था और उसके पहले ही पन्ने पर ब्लू मून क्लब का विज्ञापन छपा हुआ था... यह विज्ञापन करीब करीब एक चौथाई पन्ने का था का था... और उसी के अंदर ब्लू मून क्लब के ब्यूटी पार्लर... लूनर डैज़ी (Lunar Daisy) का भी जिक्र था... और नीचे छोटे अक्षरों में लिखा हुआ था कि अगर आप विशेष तरह की सर्विस चाहते हैं तो कोड नंबर BMCMFFM इस नंबर पर व्हाट्सएप (WhatsApp) करें...
और फिर मैं गोपा मौसी से बोली, "इस बारे में हम लोग बाद में बात करेंगे; मौसी जी... आप काम कर लो"
क्रमशः
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