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Adultery मेरी बीवी का इम्तेहान
#18
UPDATED 2

अगली सुबह कविता सो कर उठती है और अजय को किस करते हुए वाशरूम चली जाती है कुछ देर बाद अजय भी उठता है और फ्रेश हो हर नाश्ते के लिए चला जाता है ,

अजय - कविता, मैं ऑफिस के लिए लेट हो रहा हूँ , बेबी प्लीज नाश्ता लगा दो.

कविता नाश्ते की प्लेट लेट हुए

कविता - हां जनाब ही नौकरी करते है हमें तो जैसे जाना ही नहीं है ऑफिस.

अजय - यार आज एक मीटिंग है तो मुझे आज जल्दी जाना है

कविता - सुनो आज मैं ऑफिस से लेट हो जाउंगी आज वो नीरज का बर्थडे है तो उसने पार्टी के लिए बुलाया है

नीरज, कविता के साथ ही उसी के ऑफिस मई काम करता था ,वो कविता से २ साल सीनियर था उसकी उम्र २८ थी और वो एक गठीले बदन का नवयुवक था . कविता के साथ उसकी अच्छी पटती थी और वो ऑफिस के दोस्त थे .वो कविता से काफी फ़्लर्ट भी करता था और इस बात का अजय को भ्भी पता था कविता ,अजय को सब बाते बताया करती थी और अजय भी कविता को नीरज के नाम से चिढ़ाया करता था .

अजय- अच्छा तो आज मैडम डेट पर जा रही है और हंसता है

कविता - तुम भी न , मैं कौन सा अकेली जा रही हूँ , वहाँ ऑफिस के सारे लोग होंगे

अजय - तो अकेली चली जाओ

कविता - अच्छा जी और अगर कही उसने तुम्हारी इस प्यारी सी बीवी को दबोच लिया तो और खिलखिला देती है

अजय - तो तुम भी दबोच लेना उसका

डबल मीनिंग बात करता है जिसे कविता समझ जाती है

कविता - छी तुम्हे तो हमेशा एक ही बात रहती है

अजय - तुम्हे भी पता है वो तुम्हारे बारे मे क्या सोचता है

कविता - ऐसा कुछ भी नहीं है बस हम अच्छे दोस्त है

अजय - अरे तुम भोली हो तुम्हे कुछ नहीं पता वो लटटू है

तुम पर वो तो ऑफिस की बात है वरना कब का दबोच लेता तुम्हे

कविता - नहीं ये तुम्हारी गलत फहमी है वो ऐसा नहीं है

अजय - तो फिर लगी शर्त मैं प्रूव कर दूंगा

कविता भी जोश मे आ जाती है

कविता - ठीक है लगी शर्त , पर तुम प्रूव कैसे करोगे

अजय - अपने मन मे कुछ सोच कर बोलता है , पर तुम्हे मेरी बात माननी पड़ेगी

कविता - कौन सी बात

अजय - तुम नीरज से प्राइवेट पार्टी माँगो जहा तुम और वो हो

कविता सोचती है ये कौन सी बड़ी बात है ,

कविता - ओके ये तो हो जायेगा , वो मना भी नहीं करेगा

अजय - पहले तुम यही करो और फिर बताना मुझे आगे बाद मे बताऊंगा . अभी तो ऑफिस जाना है

कविता - ओके ठीक है मैं भी निकल ही रही हु
शाम को मिलते है

और अजय ,कविता को किस करते हुए ऑफिस निकल जाता है .

कविता ऑफिस पहुँचती है और उसे ऑफिस के गेट पर ही ऑफिस का पियोंन राजू मिलता है . आज कविता ने जींस और एक डीप नैक टॉप पहना था जिसमे उसका क्लीवेज दिख रहा था.
राजू , कविता के क्लीवेज की ओर देखता हुआ दाँत फाड़ता है , जिसे कविता समझ जाती है और वो उसे इग्नोर करके आगे बढ़ जाती है .

अंदर जाते ही कविता का सामना नीरज से होता है और वो बहुत ही खुश हो कर नीरज को जन्मदिन की बधाई देती है

नीरज - थैंक यू कविता और मेरा गिफ्ट कहा है ?

कविता थोड़ा झेंपती है और थोड़ा सोच कर ,

कविता - वो तो जब मिलेगा जब तुम मुझे ग्रांड पार्टी दोगे

नीरज - तो दे तो रहा आज पार्टी

कविता - अरे यार तुम तो बहुत बुरे हो वो ग्रांड पार्टी नहीं है वो तो तुम्हे मुझे स्पेशल देनी पड़ेगी

नीरज - अरे बाबा तुम जब बोलो तब ले लेना अपनी ग्रांड पार्टी.

कविता - खुश होते हुए अच्छा फिर मैं तुम्हे बताउंगी कब देनी है

नीरज - ओके बाबा

नीरज अचानक से अपनी बाहें खोलता है कविता की तरफ

नीरज - और मेरी बर्थडे की हग

कविता हॅसते हुए उसकी बाहों मे जाती है और नीरज ,कविता को जोर से जकड़ते हुए उसके बूब्स को अपने सीने मे दबाता है , और उसका टाइट लंड अपनी जांघ पर महसूस होता है और उसे अजय की बात याद आने लगती है ,
कविता एक लम्बी हग के बाद नीरज से अलग होती है और उसे एक तिरछी नजर से देखती है

नीरज - क्या हुआ तुम्हे ?

कविता - आज कल तुम कुछ ज्यादा ही बिगड़ रहे हो वो उसके पैंट मे बने तम्बू को देखती हुई कहती है

नीरज ये सुन कर सकपका जाता है

नीरज - अरे मैं कैसे बिगड़ रहा हूँ

कविता - बताती हू तुम्हे तो बाद मे और ये कहती हुई वो ऑफिस मे अपने केबिन मे चली जाती है

थोड़ी देर बार ऑफिस का काम करने के बाद वो अजय को फ़ोन करती है और बहुत ही खुशी मे बताती है की तुम्हारा टास्क कम्पलीट हो चुका है नीरज ने प्राइवेट पार्टी के लिए बोल दिया है

कविता - अब बताओ क्या करना है वो रेडी है पार्टी देने को बताओ कब लू .
नीरज उसे कल के लिए बोल Dena बाकि तुम्हे शाम को घर पर बताऊंगा

कविता - ओके बेबी और फ़ोन काट देती है .

अब शाम को ऑफिस के सब लोग एक पार्टी हॉल मे जाते है जो नीरज ने बुक किया था
नीरज के सामने केक आता है और वो उसे काटता है और सबसे पहले केक कविता को खिलता है
कविता भी जब उसे केक खिलाती है तो वो कविता की उंगलियों को चाटते हुए केक खाता है ,जो कविता को बहुत अजीब लगता है पर वो तब उसे इग्नोर कर देती है

अब सब लोग खाना कहते है और ड्रिंकस एन्जॉय कर रहे थे
कविता भी अपनी ड्रिंक ले कर नीरज के साथ खड़ी थी और दोनों हल्के नशे मे थे अचानक से नीरज कहता है

नीरज - और अजय कैसा है ?

कविता - अजय की और देखते हुए वो अच्छा है क्यू पूछ रहे हो ?

नीरज - अरे मिला नहीं उस से बहुत दिन से इसलिए पूछा

कविता - ओह्ह अच्छा

नीरज - वैसे अजय बहुत ही किस्मत वाला है

कविता - वो कैसे

नीरज - अरे उसे इतनी हसीन बीवी जो मिली है

कविता शर्माती है

कविता - अच्छा जी मैं हसींन हू

नीरज - और क्या मैं तो तुम्हारे जैसे ही बीवी चाहता हू

वो ये बात कविता के बूब्स को घूरते हुए कहता है
कविता ये देख कर थोड़ा खुश और शरमाते हुए कहती है

कविता - मिल जाएगी तुम्हे भी मेरे ही जैसी

तभी फोटोग्राफर वहाँ आता है और फोटो खींचने लगता है नीरज, कविता के पास आ कर उसकी कमर को कस कर पकड़ कर पोज़ देने लगता है जो कविता को अजीब लगता है और उसे बार बार अजय की बात याद आती है की अगर वो तुम अकेले में मिला तो तुम्हे दबोच लेगा और ये सोच कर ही कविता के पूरे बदन मे सिरहन दौड़ने लगती है .

ख़ैर थोड़ी देर बाद पार्टी ख़तम होती है और कविता घर वापस आ जाती है .





दोस्तों आप सबके सुझाव मिले मैं उन सब पर गौर देते हुए ही कहानी को पूरा करूँगा ...मैं इस कहानी को थोड़ा बड़ा करना चाहता हूँ ... आप सबका support ही मुझे आगे बढ़ाएगा .
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RE: मेरी बीवी का इम्तेहान - by Ananya.Vishal - 11-03-2023, 07:38 PM



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