05-03-2023, 06:00 PM
(This post was last modified: 14-03-2023, 12:57 PM by aamirhydkhan1. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
VOLUME II
नयी भाभी की सुहागरात
CHAPTER-2
PART 09
नयी रानी की सुहागरात
जूही ने चंदन मिश्रित फूले के इत्र वाले जल से स्नान करने के बाद बड़ी सज-धज के साथ बहुत सारे राजसी गहने पहने हुए थे। जिनमे शामिल थे हाथों में माणिक जड़ी चूड़ियाँ, भुजाओं में बाजूबंद और कंठ में सुवर्ण का हार, मंगल सूत्र, मोतियों और मणियों से झडा हुआ गले का हार, चूड़ियाँ, कान के झुमके नाक में बड़ी नथ और अंगूठी, पायल और पैर की अंगुली के छल्ले। चमेली के ताजे फूलों की एक अच्छी मात्रा उसके सिर पर एक बड़े बंडल में चली गई। मुझे इसकी महक बहुत पसंद थी मेकअप के बाद उसके माथे पर लाल सिंदूर लगाया हुआ था। उसके मालाएँ एवं आभूषण बहुमूल्य थे जिनसे उसकी अंगकांति बहुत सुंदर हो गयी थी।
इसके अतिरिक्त मोतियों और रत्नो से जड़ी हुई स्वर्ण की रत्नावली, उसके सिर के बालों पर आगे से पीछे तथा ललाट पर सामने से बालों को कसे हुई थी। ऐसी रत्नावली को अजंता के भित्तिचित्रों में-में ही देखा जा सकता है। सोने की लड़ी मांग के बीच में तथा दूसरी ललाट के बीच से दोनों तरफ थी। इसी से मांग-टीका लटक रहा था। बालों के मध्य में कमलपुष्प की तरह चूड़ामणि सजी हुई थी और वेणी के छोर से शंक्वाकार सेलड़ी आभूषण लटका हुआ था जिसमें छोटी घंटियाँ लटक रही थी।
स्तनों पर सुशोभित थी मुक्ताकलाप एक लड़ी की मोतियों की माला और फिर उसने कमर में नाभि के नीचे बहुत ही सुंदर कमरबंद, करधनी की चेन भी पहनी हुई थी। मैंने उसके माथे पर पसीने की माला देखी जिससे स्पष्ट था कि वह आगे क्या होने वाला है ये सोच कर थोड़ी घबराई हुई थी।
मैंने सफेद रेशमी धोती और सफेद शर्ट पहन रखी थी। मैं उसे देख कर मुस्कुराया तो वह वापस मुस्कुराई उसने दूध का गिलास मुझे पीने के लिए सौंप दिया और जैसे कि परम्परा है, मैंने आधा पी लिया और दूसरा आधा दिया जो उसने जल्द ही समाप्त कर दिया। मुझे पीने के लिए कुछ चाहिए था क्योंकि तब तक मेरा गला सूख चुका था।
मेरे होठों ने धीरे-धीरे उसके गालों पर गीले चुंबन करते हुए उसकी ठुड्डी तक और फिर उसकी गर्दन को कुछ समय के लिए चाटा, इस आयोजन के लिए की गई विशेष तैयारी के कारण उसमे सेआ रही मीठी सुगंध का आनंद लिया।
मेरे हाथ अब रानी जूही के मोमो पर जा चुके थे। मैंने उसके गोल-गोल बूब्स को पहले सहलाया फिर चोली के ऊपर से ही दबाया। मैंने महसूस किया उसके अनछुए बूब्स बहुत नरम मुलायम गोल और सुडोल थे। मेरे हाथ को उसके निप्पल कड़क मह्सूस हुए और लगा कबूतर आज़ाद होना चाहते हैं। मेरे हाथ उसके कपड़ों को हटाए बिना, उसकी चोली के ऊपर से उसके स्तनों की मालिश करने में व्यस्त थे। वह बस आँखें कसकर बंद करके बस मेरे स्पर्श और दबाव का आनंद ले रही थीं। मैंने चोली के ऊपर से ही उसके बूब्स को चूमा और निप्पल्स को चूसा।
जब मैंने उसे कपड़े उतारना शुरू किया, तो वह उत्तेजना से कांप रही थी और उत्सुक थी क्योंकि यह पहली बार था जब वह अपने शरीर को किसी पुरुष के सामने उजागर करने जा रही थी। यहाँ तक कि उसकी माँ और उसकी अनुचर सहायिका ने भी उसे केवल कपड़ों में ही देखा था, जब भी उसने नहाते समय बाल शैम्पू करने के लिए मदद के लिए अनुरोध किया था तो वह अपने शरीर को तौलिये में छिपा लेती थी, या कम से कम उसने ब्रा और पैंटी पहनी होती थी और अब वह पुरुष के सामने नग्न होने वाली थी!
मैं फिर जूही की लाल साडी को उतारने लगा मैंने उसके कंधों से साड़ी का पल्लू उतार दिया और उसे नीचे गिरने दिया उसकी साडी का पल्लू नीचे गिरा हुआ था और साथ ही साडी का दूसरा हिस्सा जो घाघरे में घुसा हुआ था होता है, मैंने उसे भी खींच कर साडी को पूरा उतार दिया । अब वह मेरे सामने घाघरे और चोली में थी और क्या क़यामत का नज़ारा था। लंड संसानने लगा।
जूही अब घाघरे और चोली में मेरे सामने थी। उसकी चोली जिसमे उनके स्तन पूरी तरह फिट थे और बाहर आने को आतुर थे। उसकी चोली स्लीव लेस थी मैंने उसकी चोली के ऊपर की डोरी खोल दी और उसके कंधो और बाँहों पर किस करने लगा। मैंने धीरे से सीटी बजाई और उसे एक बार फिर गले से लगा लिया और फिर मैं उसका ब्लाउज खोलने लगा। उसने देखा कि कैसे मेरी आंखों ने ब्लाउज को खोलने के लिए कंधों से कमर पर फिसलते हाथों का पीछा किया। उसके स्तनों ने मुक्त होने की कोशिश करते हुए उसकी चोली के खिलाफ धक्का दिया।
हम वापस बिस्तर पर लेट गए। मैंने चोली को डोरियों को खींचा और चोली को ढीला किया और चोली बिस्तर पर गिर गई और उसकी चूचियों को कैद से आजाद कर दिया। उसके छोटे निप्पल फूले हुए थे और उठे हुए थे। मेरे हाथ उसके-उसके स्तनों को सहलाने के लिए सरक गए। मैंने उन्हें धीरे से दबाया। जूही धीमे से कराहते हुए तेज सांस लेने लगी। उसकी साँसे अनियमित होकर तेज़ चलने लगीं तो उसकी गोल चूचियाँ उसकी छाती पर ऊपर-नीचे ऊपर-नीचे होने लगीं।
जूही शर्मा कर स्तनों को बाहों से छुपाने लगी और मुझसे लिपट गयी। मैंने धीरे से पहले उसको अलग किया। फिर उसके हाथो को लग किया और स्तनों को हथेलियों में भरा और उन्हें किस करने लगा। मैंने स्तनों को सहलाना शुरू कर दिया। हम दोनों की साँसे तेज-तेज चलने लगी।
मैं उसके निप्पल के साथ खेला। मैंने उसके स्तनों को देखा और मैंने जो देखा वह मुझे अच्छा लगा। मैंने अपने मुँह में एक निप्पल लिया और चूसने लगा। वह अच्छा महसूस कर रही थी और कराह रही थी! मैं आगे झुक गया और उसे होठों पर चूमा और फिर से उसके स्तनों पर वापस चूमने लगा। मैंने उसके बाएँ निप्पल को धीरे से चूमा और उसके ऊपर अपने होंठ फैला दिए। मैंने धीरे से उसे चूसा, जबकि मेरे बाएँ अंगूठे ने उसके दाहिने निप्पल को घेर लिया और मैंने दोनों को मजबूती से दबाया। उसने अपना सिर पीछे फेंक दिया और कराह उठी। उसकी उँगलियाँ मेरे बालों में और मेरे कंधों पर चली गईं।
मैंने उसकी गले के आभूषण उतारकर एक तरफ रख दिए। बाकी चीजें मुझे यकीन था कि कोई बाधा नहीं बनने वाली थी। जहाँ-जहाँ के गहने उतरे मैंने वहाँ किस किया। बिच-बिच में मैं उसकी मदहोश आँखों में देखता था तो वह मुस्करा देती थी उसका हाथ मेरी पीठ पर था।
मैंने अपना कुत्ता उतार दिया और जूही को अपनी छाती से लगा लिया और अपनी बाँहों में जकड लिया। उसके नरम मुलायम बूब्स का मेरी छाती से दबने लगे मैं अपने आनंद को बयाँ नहीं कर सकता, मैंने जूही का मुँह चूमा और लिप किस करि। फिर मैं उनके निप्पल के साथ खेलने लगा। मैं उसके स्तनों को देखे जा रहे था और उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। मैंने एक निप्पल अपने मुह में रखा और उसे चूसने लगा। बता नहीं सकता की उस पल क्या अनुभूति हुयी। फिर मैंने उसके दुसरे निप्पल को किस किया और उसे भी चूसना शुरू कर दिया। उसने अपना सर उत्तेजना और आनंद के मारे पीछे की और कर लिया थी। मैंने चूचियों को दांतो से कुतरा तो जूही कराह उठी।
मै उनकी चुचियों को मसलने लगा और वह मादक आवाजें निकालने लगी, आह! उह! आह! की आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थी, फिर मैंने उनके मोमो को चूसना शुरू कर दिया उनके मोमो कड़क हो गए थे।
मैं बार-बार बाएँ और दायें निप्पल को चूसना जारी करे रहा चूसने और जोर से दबाने से दोनों बूब्स एक दम लाल हो गए. फिर मैंने उनके निप्पल्स को पकड़ लिया और मसलने लगा दोनों बूब्स एक दम नरम मुलायम गोल सुडोल थे। जूही के पिंक गुलाबी चुचुक (निप्पल) उत्तेजना से खड़े हो चुके थे। मेरे हाथों ने उनके स्तनों को अपनी हथेलियों में भरा और उन्हें किस करने लगा। मैंने स्तनों को सहलाना शुरू कर दिया। हम दोनों की साँसे तेज-तेज चलने लगी।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार
VOLUME II
नयी भाभी की सुहागरात
CHAPTER-2
PART 09
नयी रानी की सुहागरात
जूही ने चंदन मिश्रित फूले के इत्र वाले जल से स्नान करने के बाद बड़ी सज-धज के साथ बहुत सारे राजसी गहने पहने हुए थे। जिनमे शामिल थे हाथों में माणिक जड़ी चूड़ियाँ, भुजाओं में बाजूबंद और कंठ में सुवर्ण का हार, मंगल सूत्र, मोतियों और मणियों से झडा हुआ गले का हार, चूड़ियाँ, कान के झुमके नाक में बड़ी नथ और अंगूठी, पायल और पैर की अंगुली के छल्ले। चमेली के ताजे फूलों की एक अच्छी मात्रा उसके सिर पर एक बड़े बंडल में चली गई। मुझे इसकी महक बहुत पसंद थी मेकअप के बाद उसके माथे पर लाल सिंदूर लगाया हुआ था। उसके मालाएँ एवं आभूषण बहुमूल्य थे जिनसे उसकी अंगकांति बहुत सुंदर हो गयी थी।
इसके अतिरिक्त मोतियों और रत्नो से जड़ी हुई स्वर्ण की रत्नावली, उसके सिर के बालों पर आगे से पीछे तथा ललाट पर सामने से बालों को कसे हुई थी। ऐसी रत्नावली को अजंता के भित्तिचित्रों में-में ही देखा जा सकता है। सोने की लड़ी मांग के बीच में तथा दूसरी ललाट के बीच से दोनों तरफ थी। इसी से मांग-टीका लटक रहा था। बालों के मध्य में कमलपुष्प की तरह चूड़ामणि सजी हुई थी और वेणी के छोर से शंक्वाकार सेलड़ी आभूषण लटका हुआ था जिसमें छोटी घंटियाँ लटक रही थी।
स्तनों पर सुशोभित थी मुक्ताकलाप एक लड़ी की मोतियों की माला और फिर उसने कमर में नाभि के नीचे बहुत ही सुंदर कमरबंद, करधनी की चेन भी पहनी हुई थी। मैंने उसके माथे पर पसीने की माला देखी जिससे स्पष्ट था कि वह आगे क्या होने वाला है ये सोच कर थोड़ी घबराई हुई थी।
मैंने सफेद रेशमी धोती और सफेद शर्ट पहन रखी थी। मैं उसे देख कर मुस्कुराया तो वह वापस मुस्कुराई उसने दूध का गिलास मुझे पीने के लिए सौंप दिया और जैसे कि परम्परा है, मैंने आधा पी लिया और दूसरा आधा दिया जो उसने जल्द ही समाप्त कर दिया। मुझे पीने के लिए कुछ चाहिए था क्योंकि तब तक मेरा गला सूख चुका था।
मेरे होठों ने धीरे-धीरे उसके गालों पर गीले चुंबन करते हुए उसकी ठुड्डी तक और फिर उसकी गर्दन को कुछ समय के लिए चाटा, इस आयोजन के लिए की गई विशेष तैयारी के कारण उसमे सेआ रही मीठी सुगंध का आनंद लिया।
मेरे हाथ अब रानी जूही के मोमो पर जा चुके थे। मैंने उसके गोल-गोल बूब्स को पहले सहलाया फिर चोली के ऊपर से ही दबाया। मैंने महसूस किया उसके अनछुए बूब्स बहुत नरम मुलायम गोल और सुडोल थे। मेरे हाथ को उसके निप्पल कड़क मह्सूस हुए और लगा कबूतर आज़ाद होना चाहते हैं। मेरे हाथ उसके कपड़ों को हटाए बिना, उसकी चोली के ऊपर से उसके स्तनों की मालिश करने में व्यस्त थे। वह बस आँखें कसकर बंद करके बस मेरे स्पर्श और दबाव का आनंद ले रही थीं। मैंने चोली के ऊपर से ही उसके बूब्स को चूमा और निप्पल्स को चूसा।
जब मैंने उसे कपड़े उतारना शुरू किया, तो वह उत्तेजना से कांप रही थी और उत्सुक थी क्योंकि यह पहली बार था जब वह अपने शरीर को किसी पुरुष के सामने उजागर करने जा रही थी। यहाँ तक कि उसकी माँ और उसकी अनुचर सहायिका ने भी उसे केवल कपड़ों में ही देखा था, जब भी उसने नहाते समय बाल शैम्पू करने के लिए मदद के लिए अनुरोध किया था तो वह अपने शरीर को तौलिये में छिपा लेती थी, या कम से कम उसने ब्रा और पैंटी पहनी होती थी और अब वह पुरुष के सामने नग्न होने वाली थी!
मैं फिर जूही की लाल साडी को उतारने लगा मैंने उसके कंधों से साड़ी का पल्लू उतार दिया और उसे नीचे गिरने दिया उसकी साडी का पल्लू नीचे गिरा हुआ था और साथ ही साडी का दूसरा हिस्सा जो घाघरे में घुसा हुआ था होता है, मैंने उसे भी खींच कर साडी को पूरा उतार दिया । अब वह मेरे सामने घाघरे और चोली में थी और क्या क़यामत का नज़ारा था। लंड संसानने लगा।
जूही अब घाघरे और चोली में मेरे सामने थी। उसकी चोली जिसमे उनके स्तन पूरी तरह फिट थे और बाहर आने को आतुर थे। उसकी चोली स्लीव लेस थी मैंने उसकी चोली के ऊपर की डोरी खोल दी और उसके कंधो और बाँहों पर किस करने लगा। मैंने धीरे से सीटी बजाई और उसे एक बार फिर गले से लगा लिया और फिर मैं उसका ब्लाउज खोलने लगा। उसने देखा कि कैसे मेरी आंखों ने ब्लाउज को खोलने के लिए कंधों से कमर पर फिसलते हाथों का पीछा किया। उसके स्तनों ने मुक्त होने की कोशिश करते हुए उसकी चोली के खिलाफ धक्का दिया।
हम वापस बिस्तर पर लेट गए। मैंने चोली को डोरियों को खींचा और चोली को ढीला किया और चोली बिस्तर पर गिर गई और उसकी चूचियों को कैद से आजाद कर दिया। उसके छोटे निप्पल फूले हुए थे और उठे हुए थे। मेरे हाथ उसके-उसके स्तनों को सहलाने के लिए सरक गए। मैंने उन्हें धीरे से दबाया। जूही धीमे से कराहते हुए तेज सांस लेने लगी। उसकी साँसे अनियमित होकर तेज़ चलने लगीं तो उसकी गोल चूचियाँ उसकी छाती पर ऊपर-नीचे ऊपर-नीचे होने लगीं।
जूही शर्मा कर स्तनों को बाहों से छुपाने लगी और मुझसे लिपट गयी। मैंने धीरे से पहले उसको अलग किया। फिर उसके हाथो को लग किया और स्तनों को हथेलियों में भरा और उन्हें किस करने लगा। मैंने स्तनों को सहलाना शुरू कर दिया। हम दोनों की साँसे तेज-तेज चलने लगी।
मैं उसके निप्पल के साथ खेला। मैंने उसके स्तनों को देखा और मैंने जो देखा वह मुझे अच्छा लगा। मैंने अपने मुँह में एक निप्पल लिया और चूसने लगा। वह अच्छा महसूस कर रही थी और कराह रही थी! मैं आगे झुक गया और उसे होठों पर चूमा और फिर से उसके स्तनों पर वापस चूमने लगा। मैंने उसके बाएँ निप्पल को धीरे से चूमा और उसके ऊपर अपने होंठ फैला दिए। मैंने धीरे से उसे चूसा, जबकि मेरे बाएँ अंगूठे ने उसके दाहिने निप्पल को घेर लिया और मैंने दोनों को मजबूती से दबाया। उसने अपना सिर पीछे फेंक दिया और कराह उठी। उसकी उँगलियाँ मेरे बालों में और मेरे कंधों पर चली गईं।
मैंने उसकी गले के आभूषण उतारकर एक तरफ रख दिए। बाकी चीजें मुझे यकीन था कि कोई बाधा नहीं बनने वाली थी। जहाँ-जहाँ के गहने उतरे मैंने वहाँ किस किया। बिच-बिच में मैं उसकी मदहोश आँखों में देखता था तो वह मुस्करा देती थी उसका हाथ मेरी पीठ पर था।
मैंने अपना कुत्ता उतार दिया और जूही को अपनी छाती से लगा लिया और अपनी बाँहों में जकड लिया। उसके नरम मुलायम बूब्स का मेरी छाती से दबने लगे मैं अपने आनंद को बयाँ नहीं कर सकता, मैंने जूही का मुँह चूमा और लिप किस करि। फिर मैं उनके निप्पल के साथ खेलने लगा। मैं उसके स्तनों को देखे जा रहे था और उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। मैंने एक निप्पल अपने मुह में रखा और उसे चूसने लगा। बता नहीं सकता की उस पल क्या अनुभूति हुयी। फिर मैंने उसके दुसरे निप्पल को किस किया और उसे भी चूसना शुरू कर दिया। उसने अपना सर उत्तेजना और आनंद के मारे पीछे की और कर लिया थी। मैंने चूचियों को दांतो से कुतरा तो जूही कराह उठी।
मै उनकी चुचियों को मसलने लगा और वह मादक आवाजें निकालने लगी, आह! उह! आह! की आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थी, फिर मैंने उनके मोमो को चूसना शुरू कर दिया उनके मोमो कड़क हो गए थे।
मैं बार-बार बाएँ और दायें निप्पल को चूसना जारी करे रहा चूसने और जोर से दबाने से दोनों बूब्स एक दम लाल हो गए. फिर मैंने उनके निप्पल्स को पकड़ लिया और मसलने लगा दोनों बूब्स एक दम नरम मुलायम गोल सुडोल थे। जूही के पिंक गुलाबी चुचुक (निप्पल) उत्तेजना से खड़े हो चुके थे। मेरे हाथों ने उनके स्तनों को अपनी हथेलियों में भरा और उन्हें किस करने लगा। मैंने स्तनों को सहलाना शुरू कर दिया। हम दोनों की साँसे तेज-तेज चलने लगी।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार