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Fantasy छोटी छोटी कहानियां
#5
चित्रा के बदन से पल्लू हटा हुआ था। उसका गोरा बदन जैसे खुली किताब को तरह मंगूलाल के सामने प्रस्तुत थी। मंगूलाल तो जैसे इस खूबसूरती में डूब गया। चित्रा के भीगे बदन को देखकर वो बिना देरी किए आगे बढ़ा और उसके ब्लाउज को उतार फेका। मंगूलाल ने अपनी आला बांध की और अपने सिर को चित्रा के सीने पर रख लिया। चित्रा को जैसे बिजली का झटका लगा। एक काले और बुड्ढे इंसान ने उसके जिस्म को अपने बाहों में भर लिया। 

     मंगूलाल अब चित्रा के सीने और स्तन को चूमने लगा। अपनी जुबान को बाहर निकाला और चाटने लगा चित्रा का स्तन। चित्रा के अंदर काम की अग्नि ने अपना रोश प्रगट किया और वो अपने दोनो हाथो से मंगूलाल के सिर को अपने स्तनों पे दबा दिया। बारिश की बढ़ती गति को मात दे रही थी दोनो की प्रेम गति।

"तुम मेरी हो चित्रा।" मंगूलाल चित्रा के होठ को चूमते हुए बोला।

"क्या आप मुझे पसंद करते है ?"

"ओह चित्रा तुम मुझे पहली नजर में भा गई थी लेकिन इस बुढ़ापे का क्या करूं। शर्म आ रही थी। तुम इतनी खूबसूरत और जवान और कहां मैं काला और बदसूरत बुड्ढा।"

"इसमें शर्म कैसी ? आप मर्द है सच्चे मर्द।" 

"सच्चा मर्द ? मतलब ?"

चित्रा ने मंगूलाल के हाथ को अपने सीने पे रखते हुए कहा "इस दिल की आवाज आपको मर्द कहती है। आपने अकेले उठकर मेरा बचाव किया। मेरे लिए उस शैतान की फौज से लड़ पड़े। बाकी सभी गांव के मर्द हाथो में चूड़ियां पहने बैठे थे। आपने जब मुझसे शादी की में तब से आपकी होना चाहती थी।"

"एक बुड्ढे आदमी की होना चाहती हो तुम ? कभी कभी लगता है को तुमसे शादी करके मैंने तुम्हारी जिंदगी खराब कर दी।" मंगूलाल हताश होकर पीछे मुड़ा।

चित्रा मंगूलाल को सीने से लगाया और कहा "एक औरत को उस मर्द की तलाश होती है जो उसका खयाल रखें और सुरक्षित रखे। आपके बुढ़ापे से मेरा कोई लेना देना नहीं। आपसे प्यार हो गया मुझे। अगर आप मुझे नही स्वीकारते तो मैं मर जाना पसंद करूंगी।"

"ऐसा मत कहो। मैं तुम्हे स्वीकारता हूं। अब बस उस शैतान को मार दूं। फिर तुम्हे हमेशा के लिए इस गांव में बसा लूंगा।"

"और दिल में ?" चित्रा ने हल्के से मजाक करते हुए पूछा।

"इस दिल में बसाउंगा लेकिन एक शर्त है।"

"कैसी शर्त ?"

"देखो मेरा पूरा परिवार तबाह हो गया। मुझे एक परिवार चाहिए। मुझे तुमसे बच्चे चाहिए। मैं चाहता हूं की तुम मुझे बाप बनने का सुख दो। मेरे बच्चो की मां बनो।"

"मुझे मंजूर है। अब अगर तुम मेरे जिस्म से लिपट जाओ तो हमारे बच्चे होंगे।"

मंगूलाल खुश होकर चूमने लगा चित्रा को बिस्तर पे लेटा दिया। धीरे धीरे करके चित्रा के जिस्म से कपड़े हटाने लगा। सोना से भी ज्यादा चमक दे रहा था चित्रा का गोरा जिस्म। मंगूलाल अपने कपड़े उतारकर उसके बगल लेता। एक काला और लटकती चमड़ी चित्रा के सामने था। चित्रा ने हल्के से मंगूलाल के सीने पे सिर रखा और बेतहाशा होठ को चूमने लगी। अपने सिर को सीने पे रखकर चित्रा बोली "वैसे मंगुजी आज प्यार की शुरुआत कहा से करेंगे आप ?"

मंगूलाल चित्रा को लेता दिया और उसके ऊपर चढ़ गया। पहले तो स्तन गले और कंधे को चूमा और फिर नीचे जाकर गोरे गोरे योनि के पास गया और बोला "आज इससे प्यार की शुरआत होगी।" इतना कहकर चित्रा के दोनो पैरो को फैलाया और योनि को चूमने लगा। चित्रा के शरीर में जैसे आग सी लग गई। चित्रा की आंखे बंद हो गई। दोनो हाथो से कसके बिस्तर को पकड़ा मांगू ने जुबान को योनि के अंदर डाला और एक हाथ से स्तन दबाया तो दूसरे हाथ से नितंब। बीच बीच में योनि को थूक से भी भरता। 

     उसके बाद मांगू ने अपना लिंग योनि में पहली बार डाला। चित्रा का दर्द से बूरा हाल हुआ। उसका आज पहला सहवास था। मांगू को बाहों में भरके चित्रा दर्द को बुला चुकी थी। मांगू लगातार चित्रा को धक्का दे रहा था और आखिर में मांगू चित्रा की योनी में झड़ गया। दोनो प्रेमी थके हुए थे और पूरी रात भर सहवास किया और सुबह की पहली किरण तक किया। अब दोनो के बीच कोई दीवार नही। मंगू और चित्रा अब एक ही बिस्तर पे सोते। मांगू हर रोज चित्रा को प्यार करता। 

       एक दिन चित्रा और मंगूलाल अपने बिस्तर पे थे कि अचानक से बहुत बड़ा धमाका हुआ। मंगूलाल जब बाहर निकाला तो देखा की शैतान की बड़ी सी फौज ने गांव को घेर लिया।

   मंगूलाल और उसके आदमियों ने तय कर ही लिया की आज शैतान को मारकर रहेंगे। मंगूलाल ने सबसे पहले अग्नि वर्षा की लेकिन शैतान की फौज उसपर हावी हुई। मंगूलाल ने गांव के पिछले हिस्से को संभालकर रखा, हल्दी ने बर्फ की वर्षा कर बाकी अपने लोगो के साथ गांव के आगे के हिस्से को संभाला, शुक्र ने तूफान लाकर तबाही मचाई। इन सब में शैतान अकेला पड़ गया। शैतान पर किसी ने हमला नही किया। उसे अंदर आने दिया। शैतान अपने कुछ आदमियों के साथ अंदर आया। उसके हवेली में आने के बाद सभी ने पूरे गांव को घेर लिया और शैतान अकेला हवेली में फस गया। सांबा जानता था आगे क्या करना है। वो सीधा शैतान के दिमाग में घुसा। शैतान के दिमाग में घुसते ही उसने शैतान की फौज पर हमला किया। 

     करीब पांच घंटे तक संघर्ष चला और आखिर में शैतान को दस बुड्ढे ने मिलकर मारा। शैतान का खेल खत्म। इस युद्ध में हवेली और सभी लोगो का घर तबाह हो गया। मंगूलाल, सांबा, शुक्र, हल्दी के अलावा सभी बुड्ढे मारे गए। उन पांच बुड्ढा का अंतिम संस्कार अच्छे से हुआ। 

     कुछ दिनों के बाद  सभी लोग गांव के इक्कठा हुए और जश्न मनाया। गांव के सरपंच ने कहा "हमारे गांव पर शैतान का कब्जा खत्म। मंगूलाल और उनकी फौज ने कर दिखाया। हम सभी आपके आभारी है। बताइए आपको क्या चाहिए।"

मंगूलाल चित्रा की और देखते हुए कहा "मुझे जो चाहिए वो मिल गया। अब मेरे दोस्तो से पूछो।"

सभी गांव वाले हल्दी की ओर देखने लगे। हल्दी ने एक ही बार में कहा "मुझे एक खूबसूरत और जवान स्त्री चाहिए। जिससे में विवाह करूं। मैं जानता हूं की मैं ८० साल का बुड्ढा हूं लेकिन मुझे सांबा और शुक्र को किसी जवान स्त्री की जरूरत है।"

चित्रा ने हल्के से मुस्कान के साथ अपने तीन जवान सहेलियों को बुलाया और तीन बुड्ढे के हवाले करते हुए पूछा "गांववालो क्या आप इस रिश्ते से खुश है।"

उन तीन जवान लड़कियों ने गांववालों से पहले ही बोल दिया "हमे मंजूर है। हमारी रक्षा की इन लोगो ने। हमे बुड्ढे ही सही लेकिन रक्षा करनेवाला पति चाहिए।"

आखिर में उन तीन बुड्ढे ने चित्रा के साखी से शादी कर ली। चारो जोड़ी खुशी से विदा हुए आई गांव से बहुत दूर अपने अलग सी दुनिया में बस गए। 

१० साल बाद

मंगूलाल और चित्रा के ७ बच्चे हुए तो हल्दी ६ बच्चो का बाप बना, शुक्र ६ और सांबा ८ बच्चो का बाप बना। 

अब यह ३५ लोगो ने एक बड़ा सा गांव बसाया और खुशी खुशी से रहने लगे।
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RE: छोटी छोटी कहानियां - by Basic - 07-03-2023, 11:42 AM



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