18-02-2023, 07:38 AM
मैं और रूही जब चूदाई करके नीचे आए तो सारे लोग बरात में जाने के लिए बस में बैठ गए ,हम लोग लड़की वालो के यह पहुंचे और डांस करते हुए शादी में गए,
शादी में खूब एंजॉय करने लगे,
शादी में खाना भी बहुत अच्छा था ।
रूही और नेहा फोटो किचवाने में लगी हुई थी ,और मैं उनको देख रहा था ।
मुझे बाथरूम लगा तो मैं पेसाब करने गया ,वही पे नेहा की छोटी बहन (मेरे मामा की लड़की)भी थी।
मैं बाथरूम करके बाहर आया ,तब भी वो वही खड़ी थी।
मैं:प्रीति तुम यहां अभी तक क्या कर रही हो।(उसका नाम प्रीति है)
प्रीति:कुछ नही बस ऐसे ही ,तुम बताओ क्या चल रहा है तुम्हारी लाइफ में ।
मैं:बस कुछ नही टाइम पास चल रहा है,आज तो तुम बहुत सुंदर लग रही हो ।
प्रीति:अच्छा
आज शादी में प्रीति ने हरी साड़ी पहनी हुई थी।
प्रीति: अरे तुम्हे तो फुरसत ही कहा है ,कभी फोन में लगे रहते हो या कभी रूही और नेहा के पास में ही रहते हो ।
तुम्हे तो यह भी नहीं पता होगा की तुम्हारे मामा के कितनी बेटी है।
मैं:अरे ऐसा कुछ भी न है ।,बस ऐसे ही ।
प्रीति हिसकिचाते हुए,एक बात बता समर तुम रूही के साथ उपर रूम में क्या कर रहे थे ।
मैं: घबराता हुआ.....कुछ...भी तो नही ।
प्रीति:अब ज्यादा बनो मत ,मुझे तुमसे बात करनी है ,क्यों की माने सब कुछ देख लिया है ।तुम उपर छत पे आओ ।
इतना बोल के प्रीति छत पे चली गई।
मैं घबराता हुआ पीछे पीछे छत पे गया ।
प्रीति:तुम्हे सरम नही आती है अपनी सगी बहन के साथ ऐसा करते हुए।
मैं चुप रहा ।
प्रीति:अब जवाब भी दो... यू खामोश रहने से कुछ न होगा ।
लगता है मुझे भुआ फूफाजी को सब बात बतानी होगी।
मैं:नही प्रीति ऐसा मत करना कोई क्या सोचेगा मेरे बारे में ।
थोड़ी देर के लिए उपर छत पे सन्नाटा छा गया ।
प्रीति:ठीक है मैं किसी को नहीं बताउंगी ।
मैं:थैंक्स।
प्रीति:लेकिन तुम्हे मेरा एक काम करना होगा ।
मैं:क्या
प्रीति:जब से मैंने तुम्हे रूही के साथ देखा है ,मेरे अंडर पता नही क्या हो रहा है ,।
क्या तुम मुझे भी ..........
मैं:नही यार......यह गलत है ।
प्रीति:तो वो सही था क्या ,सोच लो ।
प्रीति मुझे ब्लैकमेल करने लगी ।
आखिर मुझे प्रीति की बात माननी पड़ी ।
मैं:प्रीति यह शादी का माहोल है कोई आजाएगा ।
प्रीति:कोई नही आयेगा सब शादी में बिजी है ।
उपर छत पे एक स्टोर रूम था ।
हम दोनो रूम के अंडर गए ,और एक दूसरे को किस करने लगे ,मैने प्रीति को बाहों में भरा और उसके होठों को चूमने लगा ।
होठों को चूमने के बाद मैने प्रीति की साड़ी उतार दी,प्रीति अब मेरे सामने काले पेटीकोट और हरे बिलाऊज में थी।
प्रीति ने मेरी शर्ट को पकड़ा और अपने करीब खींचा और किस करने लगी ।और किस करते हुए मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी।
मेरी शर्ट के बटन खोल दिए ,प्रीति गर्म हो चुकी थी ,उसकी आखों में सिर्फ चूदाई ही दिख रही थी ।
मैंने उसे गुमाया और उसकी गर्दन को चूमने लगा ,गर्दन चूमते हुए मैने उसके ब्लाउज के अंडर हाथ डाल दिया,उसके बूब्स काफ़ी मोटे थे ।और बूब्स को दबाने लगा।
प्रीति के मुंह से हल्की हल्की आह्ह्ह.......की आवाज आ रही थी ।और उसकी सासे भी तेज होने लग चुकी थी।
मैं अपना हाथ बिलाउज से बाहर निकाला और , बिलाउज के उपर से उसके बूब्स को जोर जोर से दबाने लगा ।
प्रीति: आआह्ह्ह्ह.........करती हुई सिसकियां भरने लगी।
बूब्स को दबाने के बाद वहा पर एक डाइनिंग टेबल भी थी ,मैने उस पर प्रीति को लेता दिया ,और उसके पेटीकोट के अंडर अपना मुंह डाला ,प्रीति ने लाल पैंटी पहनी हुई थी।
मैं पेटीकोट के अंडर मुंह डाले उसकी पैंटी को सूंघने लगा ,पैंटी में से एक मदमोहक कुशबू आ रही थी।
मैंने अपनी जीभ निकाली और प्रीति की पैंटी को चाटने लगा ।
प्रीति: आआह्ह्हह्ह.............
प्रीति ने अपनी दोनो टांगे मेरे कंधो पे रख ली ।प्रीति ने पायल भी पहनी हुई थी।
कुछ देर तक पैंटी चाटने के बाद मैने दोनो हाथो से पैंटी को पकड़ा और उपर खीचेने लगा , मैने उपर एडी तक उसी पैंटी को सरका दिया ।
मेरे सामने प्रीति की गुलाबी चूत थी ।जिसपे एक भी बाल नहीं थे ।
मैंने अपना मुंह उसकी चूत पे रखा और चूत के अंडर अपनी जीबी डाली।
प्रीति सिसकारियां भरते हुए. आआह्ह्हह्ह्ह...................
प्रीति की चूत बहुत साफ सुथरी और सेक्सी थी।
मेंने जीभ को उसकी चूत पे रखा और नीचे से उपर की और ले गया ।
प्रीति: उह्ह्ह्ह्ह..... मम्मी................. धीरे..........
लेकिन उसकी गुलाबी चूत तो नेहा से बिल्कुल अलग और स्वादिष्ट थी।
मैं उसकी चूत को चाट टा रहा और वो टेबल पकड़े अपनी चूत चटवा रही थी।
कुछ देर प्रीति की चूत चाटने के बाद मैने अपना मुंह उसके पेटीकोट से बाहर निकाला ,और उसके होठों पे अपने होठों को रख के चूसने लगा ,और मैने अपना हाथ उसके पेटीकोट के अंडर डाल के दो उंगलियां उसकी चूत में डाली।
प्रीति: आआह्ह्हह.....क्या कर रहे हो......
चूत में उंगली डाल के उंगलियों को आगे पीछे करने लगा,
प्रीति आआह्ह्हह्ह.... आआह्ह्ह्ह्ह..... आआह्ह्हह्ह्।
मैं जोर जोर से उसकी चूत में उंगली करने लगा ,और वो दर्द से तड़प रही थी।
मैंने अपना एक हाथ उसकी छाती पे रखा और बूब्स को दबाते हुए उसकी चूत में उंगली कर रहा था ।
थोड़ी देर में मेरी उंगलियां गीली हो गई ,में समझ गया की प्रीति की चूत ने पानी छोड़ दिया है।
मैंने पेटीकोट में वापस अपना मुंह डाला तो देखा की चूत से पानी जांघो तक आ गया था।
मैंने सबसे पहले उसकी जांघो का पानी चाट लिया ,और फिर उसकी चूत से पानी को चाटने लगा ।
मैंने चाट चाट के उसकी चूत को साफ़ कर दिया ।और पेटीकोट से अपना मुंह बाहर निकाला ।
मैंने प्रीति को टेबल पे बैठाया और किस करने लगा ।प्रीति भी मुझे किस में साथ दे रही थी,किस करने के बाद मैं उसके ब्लाउज को खोलने लगा, मैने उसके ब्लाउज के बटन खोल दिया ,।
प्रीति ने बिलाउज के भीतर सफेद ब्रा पहनी हुई ।
प्रीति ने अपना ब्लाउज निकाल दिया ।
और टेबल से नीचे उतर गई,और मेरी पेंट को खोलने लगी।
मैने अपनी पेंट उतार दी ,प्रीति ने चड्डी के उपर से ही मेरी लन्ड को पकड़ा और दबाने लगी ।
मेरे मुंह से आह्ह्ह्ह की आवाज आई ।
प्रीति ने अपने पैरो में फसी पैंटी को भी निकाल दिया था ।
कुछ देर तक वो मेरे लन्ड को चड्डी के उपर से ही मसले जा रही थी।
प्रीति ने मेरी चड्डी उतार दी,और लन्ड को मुंह में भर के चूसने लगी।
प्रीति लोलीपॉप की तरह मेरे लन्ड को चूसे जा रही थी,उसे लन्ड चुसवाने में मुझे बड़ा मजा आ रहा था।
लन्ड चूसने के बाद प्रीति ने अपना मुंह लन्ड से बाहर निकाला ,तो मैने उसे बाहों में भरा और किस करने लगा ।
किस करते हुए मैं प्रीति को रूम में घुमाने लगा, नीचे एक गद्दा बिछा के प्रीति को लेता दिया ।
और प्रीति के उपर आ गया ,और अपना लन्ड उसकी चूत में डालने लगा ,उसकी चूत थोड़ी छोटी थी तो लन्ड को जाने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी।
मैने जोर से एक झटका दिया और मेरा लन्ड सीधे प्रीति की चूत में गुश गया
प्रीति: आआह्ह्ह....... आह्ह्ह्हह्ह
मैने अपना होठ प्रीति के होठों पे रखा और लन्ड को आगे पीछे करके उसे चोदने लगा ।
प्रीति: आह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्हह आह्ह्ह्ह् करती हुई चूदाई का मजा ले रही थी।
मैं प्रीति को नीचे लेटा के चोद रहा था ,और प्रीति अपने दोनो हाथ बूब्स पे रखे चूदाई का मजा ले रही थी।
प्रीति को चोदते हुए मैने उसकी दोनो टांगो को हवा में चौड़ा कर दिया ,और जोर जोर से चोदने लगा ।
आह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्हह्ह आह्ह्ह्ह्ह.............
प्रीति को चोदते हुए उसकी चूत से फच... फ्च..........की आवाज आ रही थी।
कुछ देर तक प्रीति को ऐसे चोदने के बाद , मैने अपना लन्ड उसकी चूत से बाहर निकाला और ,उसे खड़ा किया ।
और उसकी ब्रा उतार दी।
और खुद नीचे लेट गया ,और प्रीति को अपने लन्ड पे बैठया।
प्रीति को लन्ड पे बैठा के प्रीति मेरे लन्ड पे उपर नीचे होने लगी ।
आह्ह्ह्... आआह्ह्ह्ह्ह करती हुई प्रीति मेरे लन्ड पे उपर नीचे हो रही थी।
प्रीति जोर जोर से मेरे लन्ड पे कूदने लगी और मदहोश होने लगी।
कुछ देर तक ऐसे ही चूदाई चलती रही ।
फिर मैने प्रीति को घोड़ी बनाया और पीछे से लन्ड उसकी चूत में डाला ।
प्रीति: आआह्ह्हह्ह्ह,
मैने प्रीति के बालो को पकड़ा और जोर जोर से चूत में झटके लगाने लगा।
आआह्ह्ह्ह....और जोर से .....
मैं प्रीति को जोर जोर से चोदने लगा...
मैं:क्यों मजा आ रहा है न
प्रीति: आह्ह्ह्हह्...जा बहुत आ रहा है .....तुम बस चोदते रहो ।
मैं उसके बालो को पकड़े चोदता रहा ।
प्रीति को घोड़ी बनाके चोदने में मुझे बहुत मजा आ रहा था ।
मैं:प्रीति......
प्रीति: आह्ह्ह्ह्ह... हा बोलो......
चोदते हुए.......तुमको चोदने में बहुत मजा आ रहा है ....
प्रीति:तो चोदते रहो न
मैने उसके दोनो कूल्हों को पकड़ा और चोदने की स्पीड थोड़ी तेज। की
प्रीति को चूदाने में बहुत मजा आ रहा था।
मैं अब झड़ने वाला था ,तो मैने लन्ड उसके मुंह से निकला और हिलाने लगा ।
प्रीति ने अपना मुंह मेरे लन्ड के आगे कर लिया ,और सारा वीर्य उसके मुंह पे जा गिरा ,।
मुझे ऐसा लगा जैसे बॉडी से जान निकल गई हो ।.....
प्रीति सारा रस पी गई ,।फिर हम दोनो अपने कपड़े पहने और नीचे आ गए।
नीचे आते हुए मैं और प्रीति खूब बाते करते आए ।
प्रीति काफी खुश दिख रही थी।
शादी में खूब एंजॉय करने लगे,
शादी में खाना भी बहुत अच्छा था ।
रूही और नेहा फोटो किचवाने में लगी हुई थी ,और मैं उनको देख रहा था ।
मुझे बाथरूम लगा तो मैं पेसाब करने गया ,वही पे नेहा की छोटी बहन (मेरे मामा की लड़की)भी थी।
मैं बाथरूम करके बाहर आया ,तब भी वो वही खड़ी थी।
मैं:प्रीति तुम यहां अभी तक क्या कर रही हो।(उसका नाम प्रीति है)
प्रीति:कुछ नही बस ऐसे ही ,तुम बताओ क्या चल रहा है तुम्हारी लाइफ में ।
मैं:बस कुछ नही टाइम पास चल रहा है,आज तो तुम बहुत सुंदर लग रही हो ।
प्रीति:अच्छा
आज शादी में प्रीति ने हरी साड़ी पहनी हुई थी।
प्रीति: अरे तुम्हे तो फुरसत ही कहा है ,कभी फोन में लगे रहते हो या कभी रूही और नेहा के पास में ही रहते हो ।
तुम्हे तो यह भी नहीं पता होगा की तुम्हारे मामा के कितनी बेटी है।
मैं:अरे ऐसा कुछ भी न है ।,बस ऐसे ही ।
प्रीति हिसकिचाते हुए,एक बात बता समर तुम रूही के साथ उपर रूम में क्या कर रहे थे ।
मैं: घबराता हुआ.....कुछ...भी तो नही ।
प्रीति:अब ज्यादा बनो मत ,मुझे तुमसे बात करनी है ,क्यों की माने सब कुछ देख लिया है ।तुम उपर छत पे आओ ।
इतना बोल के प्रीति छत पे चली गई।
मैं घबराता हुआ पीछे पीछे छत पे गया ।
प्रीति:तुम्हे सरम नही आती है अपनी सगी बहन के साथ ऐसा करते हुए।
मैं चुप रहा ।
प्रीति:अब जवाब भी दो... यू खामोश रहने से कुछ न होगा ।
लगता है मुझे भुआ फूफाजी को सब बात बतानी होगी।
मैं:नही प्रीति ऐसा मत करना कोई क्या सोचेगा मेरे बारे में ।
थोड़ी देर के लिए उपर छत पे सन्नाटा छा गया ।
प्रीति:ठीक है मैं किसी को नहीं बताउंगी ।
मैं:थैंक्स।
प्रीति:लेकिन तुम्हे मेरा एक काम करना होगा ।
मैं:क्या
प्रीति:जब से मैंने तुम्हे रूही के साथ देखा है ,मेरे अंडर पता नही क्या हो रहा है ,।
क्या तुम मुझे भी ..........
मैं:नही यार......यह गलत है ।
प्रीति:तो वो सही था क्या ,सोच लो ।
प्रीति मुझे ब्लैकमेल करने लगी ।
आखिर मुझे प्रीति की बात माननी पड़ी ।
मैं:प्रीति यह शादी का माहोल है कोई आजाएगा ।
प्रीति:कोई नही आयेगा सब शादी में बिजी है ।
उपर छत पे एक स्टोर रूम था ।
हम दोनो रूम के अंडर गए ,और एक दूसरे को किस करने लगे ,मैने प्रीति को बाहों में भरा और उसके होठों को चूमने लगा ।
होठों को चूमने के बाद मैने प्रीति की साड़ी उतार दी,प्रीति अब मेरे सामने काले पेटीकोट और हरे बिलाऊज में थी।
प्रीति ने मेरी शर्ट को पकड़ा और अपने करीब खींचा और किस करने लगी ।और किस करते हुए मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी।
मेरी शर्ट के बटन खोल दिए ,प्रीति गर्म हो चुकी थी ,उसकी आखों में सिर्फ चूदाई ही दिख रही थी ।
मैंने उसे गुमाया और उसकी गर्दन को चूमने लगा ,गर्दन चूमते हुए मैने उसके ब्लाउज के अंडर हाथ डाल दिया,उसके बूब्स काफ़ी मोटे थे ।और बूब्स को दबाने लगा।
प्रीति के मुंह से हल्की हल्की आह्ह्ह.......की आवाज आ रही थी ।और उसकी सासे भी तेज होने लग चुकी थी।
मैं अपना हाथ बिलाउज से बाहर निकाला और , बिलाउज के उपर से उसके बूब्स को जोर जोर से दबाने लगा ।
प्रीति: आआह्ह्ह्ह.........करती हुई सिसकियां भरने लगी।
बूब्स को दबाने के बाद वहा पर एक डाइनिंग टेबल भी थी ,मैने उस पर प्रीति को लेता दिया ,और उसके पेटीकोट के अंडर अपना मुंह डाला ,प्रीति ने लाल पैंटी पहनी हुई थी।
मैं पेटीकोट के अंडर मुंह डाले उसकी पैंटी को सूंघने लगा ,पैंटी में से एक मदमोहक कुशबू आ रही थी।
मैंने अपनी जीभ निकाली और प्रीति की पैंटी को चाटने लगा ।
प्रीति: आआह्ह्हह्ह.............
प्रीति ने अपनी दोनो टांगे मेरे कंधो पे रख ली ।प्रीति ने पायल भी पहनी हुई थी।
कुछ देर तक पैंटी चाटने के बाद मैने दोनो हाथो से पैंटी को पकड़ा और उपर खीचेने लगा , मैने उपर एडी तक उसी पैंटी को सरका दिया ।
मेरे सामने प्रीति की गुलाबी चूत थी ।जिसपे एक भी बाल नहीं थे ।
मैंने अपना मुंह उसकी चूत पे रखा और चूत के अंडर अपनी जीबी डाली।
प्रीति सिसकारियां भरते हुए. आआह्ह्हह्ह्ह...................
प्रीति की चूत बहुत साफ सुथरी और सेक्सी थी।
मेंने जीभ को उसकी चूत पे रखा और नीचे से उपर की और ले गया ।
प्रीति: उह्ह्ह्ह्ह..... मम्मी................. धीरे..........
लेकिन उसकी गुलाबी चूत तो नेहा से बिल्कुल अलग और स्वादिष्ट थी।
मैं उसकी चूत को चाट टा रहा और वो टेबल पकड़े अपनी चूत चटवा रही थी।
कुछ देर प्रीति की चूत चाटने के बाद मैने अपना मुंह उसके पेटीकोट से बाहर निकाला ,और उसके होठों पे अपने होठों को रख के चूसने लगा ,और मैने अपना हाथ उसके पेटीकोट के अंडर डाल के दो उंगलियां उसकी चूत में डाली।
प्रीति: आआह्ह्हह.....क्या कर रहे हो......
चूत में उंगली डाल के उंगलियों को आगे पीछे करने लगा,
प्रीति आआह्ह्हह्ह.... आआह्ह्ह्ह्ह..... आआह्ह्हह्ह्।
मैं जोर जोर से उसकी चूत में उंगली करने लगा ,और वो दर्द से तड़प रही थी।
मैंने अपना एक हाथ उसकी छाती पे रखा और बूब्स को दबाते हुए उसकी चूत में उंगली कर रहा था ।
थोड़ी देर में मेरी उंगलियां गीली हो गई ,में समझ गया की प्रीति की चूत ने पानी छोड़ दिया है।
मैंने पेटीकोट में वापस अपना मुंह डाला तो देखा की चूत से पानी जांघो तक आ गया था।
मैंने सबसे पहले उसकी जांघो का पानी चाट लिया ,और फिर उसकी चूत से पानी को चाटने लगा ।
मैंने चाट चाट के उसकी चूत को साफ़ कर दिया ।और पेटीकोट से अपना मुंह बाहर निकाला ।
मैंने प्रीति को टेबल पे बैठाया और किस करने लगा ।प्रीति भी मुझे किस में साथ दे रही थी,किस करने के बाद मैं उसके ब्लाउज को खोलने लगा, मैने उसके ब्लाउज के बटन खोल दिया ,।
प्रीति ने बिलाउज के भीतर सफेद ब्रा पहनी हुई ।
प्रीति ने अपना ब्लाउज निकाल दिया ।
और टेबल से नीचे उतर गई,और मेरी पेंट को खोलने लगी।
मैने अपनी पेंट उतार दी ,प्रीति ने चड्डी के उपर से ही मेरी लन्ड को पकड़ा और दबाने लगी ।
मेरे मुंह से आह्ह्ह्ह की आवाज आई ।
प्रीति ने अपने पैरो में फसी पैंटी को भी निकाल दिया था ।
कुछ देर तक वो मेरे लन्ड को चड्डी के उपर से ही मसले जा रही थी।
प्रीति ने मेरी चड्डी उतार दी,और लन्ड को मुंह में भर के चूसने लगी।
प्रीति लोलीपॉप की तरह मेरे लन्ड को चूसे जा रही थी,उसे लन्ड चुसवाने में मुझे बड़ा मजा आ रहा था।
लन्ड चूसने के बाद प्रीति ने अपना मुंह लन्ड से बाहर निकाला ,तो मैने उसे बाहों में भरा और किस करने लगा ।
किस करते हुए मैं प्रीति को रूम में घुमाने लगा, नीचे एक गद्दा बिछा के प्रीति को लेता दिया ।
और प्रीति के उपर आ गया ,और अपना लन्ड उसकी चूत में डालने लगा ,उसकी चूत थोड़ी छोटी थी तो लन्ड को जाने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी।
मैने जोर से एक झटका दिया और मेरा लन्ड सीधे प्रीति की चूत में गुश गया
प्रीति: आआह्ह्ह....... आह्ह्ह्हह्ह
मैने अपना होठ प्रीति के होठों पे रखा और लन्ड को आगे पीछे करके उसे चोदने लगा ।
प्रीति: आह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्हह आह्ह्ह्ह् करती हुई चूदाई का मजा ले रही थी।
मैं प्रीति को नीचे लेटा के चोद रहा था ,और प्रीति अपने दोनो हाथ बूब्स पे रखे चूदाई का मजा ले रही थी।
प्रीति को चोदते हुए मैने उसकी दोनो टांगो को हवा में चौड़ा कर दिया ,और जोर जोर से चोदने लगा ।
आह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्हह्ह आह्ह्ह्ह्ह.............
प्रीति को चोदते हुए उसकी चूत से फच... फ्च..........की आवाज आ रही थी।
कुछ देर तक प्रीति को ऐसे चोदने के बाद , मैने अपना लन्ड उसकी चूत से बाहर निकाला और ,उसे खड़ा किया ।
और उसकी ब्रा उतार दी।
और खुद नीचे लेट गया ,और प्रीति को अपने लन्ड पे बैठया।
प्रीति को लन्ड पे बैठा के प्रीति मेरे लन्ड पे उपर नीचे होने लगी ।
आह्ह्ह्... आआह्ह्ह्ह्ह करती हुई प्रीति मेरे लन्ड पे उपर नीचे हो रही थी।
प्रीति जोर जोर से मेरे लन्ड पे कूदने लगी और मदहोश होने लगी।
कुछ देर तक ऐसे ही चूदाई चलती रही ।
फिर मैने प्रीति को घोड़ी बनाया और पीछे से लन्ड उसकी चूत में डाला ।
प्रीति: आआह्ह्हह्ह्ह,
मैने प्रीति के बालो को पकड़ा और जोर जोर से चूत में झटके लगाने लगा।
आआह्ह्ह्ह....और जोर से .....
मैं प्रीति को जोर जोर से चोदने लगा...
मैं:क्यों मजा आ रहा है न
प्रीति: आह्ह्ह्हह्...जा बहुत आ रहा है .....तुम बस चोदते रहो ।
मैं उसके बालो को पकड़े चोदता रहा ।
प्रीति को घोड़ी बनाके चोदने में मुझे बहुत मजा आ रहा था ।
मैं:प्रीति......
प्रीति: आह्ह्ह्ह्ह... हा बोलो......
चोदते हुए.......तुमको चोदने में बहुत मजा आ रहा है ....
प्रीति:तो चोदते रहो न
मैने उसके दोनो कूल्हों को पकड़ा और चोदने की स्पीड थोड़ी तेज। की
प्रीति को चूदाने में बहुत मजा आ रहा था।
मैं अब झड़ने वाला था ,तो मैने लन्ड उसके मुंह से निकला और हिलाने लगा ।
प्रीति ने अपना मुंह मेरे लन्ड के आगे कर लिया ,और सारा वीर्य उसके मुंह पे जा गिरा ,।
मुझे ऐसा लगा जैसे बॉडी से जान निकल गई हो ।.....
प्रीति सारा रस पी गई ,।फिर हम दोनो अपने कपड़े पहने और नीचे आ गए।
नीचे आते हुए मैं और प्रीति खूब बाते करते आए ।
प्रीति काफी खुश दिख रही थी।