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अंतरंग हमसफ़र
मेरे अंतरंग हमसफ़र


आठवा अध्याय

हवेली नवनिर्माण

भाग 5

हाहाकारी चुदाई का एक उत्कृष्ट नमूना



फ्लाविआ ने अपने चुतरस की फुहार के फव्वारे में पुरस्कृत किया था और इस अमृत को देखकर  जीवा  का हृदय द्रवित हो उठा। ऐसी चुदाई देख कर पर्पल भी अपने स्तन दबा रही थी और अपनी योनि में ऊँगली चला रही थी जिससे वो भी स्खलित हो गयी थी । फ्लाविआ स्खलित होने के बाद आँखे बंद कर  कराह रही थी आह हाय ओह्ह्ह! मैं रुका और  जीवा मेरी तरफ लपकी और वह पहले ही पूरी नग्न थी और मेरे साथ चिपक गयी और  जीवा ने मुझे चूमा और मैंने अपना बड़ा सख्त लंड जीवा की योनि में घुसा दिया और उसे जोर से चोदना शुरू कर दिया जल्द ही वह खुशी और मजे में चिल्ला रही थी जब मैं जोर-जोर से उसे चोद रहा था ।

महायाजक जीवा ने अपने नितम्ब  ऊपर उठा   और अपनी टांगो को मेरी मजबूत पीठ के चारों ओर लपेट लिया और उसके पैरर मेरे नितम्बो पर आ कर उन पर दबा दे कर कर चुदाई करवाई, उसके स्तन मेरे छतियो में चिपक गए और उसकी बाहें मेरे कंधो के चारों ओर पहुँच गईं। मैंने अपना सर नीचे किया और जीवा के गर्म , नर्म और रसीले होंठों पर अपने होंठ रख दिए और दोनों एक दूसरे के होंठ चूसने लगे ..मानो खा जाएँगे ..और इसी हालत में होंठ चूस्ते , जीभ चूस्ते  मैंने  लंड को उसकी योनि में आगे पीछे करना जारी रखा  ....

मैंने अपने कूल्हों को जोर से और जोर से धक्के मारे अपने लंड की पूरी लंबाई को उस सेक्स से भरी योनी के अंदर और बाहर  करता रहा लंड पूरी ताकत से जा कर उसके गर्भशय के मुँह से टकरा रहा  t था। मेरे बड़े-बड़े अंडकोष उसकी गांड पर टकरा रहे थे और ठप्प ठप्प के आवाज आ रही थी , मेरे अंडकोष  का जोड़ा मेरे  वीर्य से भरे होने के कारण भारी हो रहे थे । हम एक दूसरे पर भूखे शेर और शेरनी की तरेह .पागलपन की हद तक एक दूसरे को प्यार कर रहे थे  ... और साथ साथ जीवा  कराह  रही थी उफफफ्फ़ जल्दी करो ना .. तेज करो ..आआआआआआआआआः



[Image: mis2.gif]
 जीवा की सूजी हुई योनि ने मेरे लंड को कस कर पकड़ लिया था, विशेष रूप से इस चुदाई सत्र में चुदाई के धक्के झेल रही थी और वह कराह रही थी।  चूचियाँ सीने पर साँसों के साथ उपर नीचे हो रही थी ....मैं बहुत उत्तेजित हो  गया था ...जीवा से बूरी तरेह चिपक  गया उसकी चूचियाँ  मेरे सीने पर चिपकी थीं और उसके होंठ मेरे होंठो से चिपके थे ... .....दोनों बिल्कुल एक दूसरे में समाए हुए  थे ....एक दूसरे को सहला रहे थे ....चूम रहे थे , चाट रहे थे ....


"हां ..हां ..मुझे खा जाओ ना..मुझे..चूस लो ना मुझे ..उफफफफफ्फ़ .....उईईई..."

जीवा सिसकारियाँ ले रही थी.....चीख रही थी ...और हमैं भी  पागलों की तरह उसे कभी चूमता..कभी चूची मुँह में भर लेता ..कभी उसकी घुंडीयों पर जीब फिराता ..और जीवा अपनी चूची मेरे मुँह में हथेलियों से जकड़ते हुए और भी अंदर कर देती ....दोनों बूरी तरेह मचल रहे थे ..एक दूसरे को अपने में समा लेने को बेताब थे ... 

फिर मैंने लंड बाहर निकाला और वो मुझे ऐसे देखने लगी की लंड बाहर क्यों निकाला ? ! मैं  अपना बड़ा  मोटा हाथ नीचे ले गया और चूत और गांड पर पूरा हाथ फेरा। और फिर उसकी चुत मसल दी .
उसकी फूली -फूली , गीली और फड़कती  हुई चूत  को अपनी मुट्ठी में भर लिया  और निचोड़ने लगा है..मानो उसका रस पूरे का पूरा निचोड़ लूँगा  ..जीवा उछल पड़ी " आआआआआआआआह .....उउउउउउउउ"  मुट्ठी में लेने से मेरी हथेली पूरी तरेह गीली हो गयी मैंने अपनी हथेलीउसके मुँह पर लगा दी और जीवा ने अपनी जीभ निकाली और मेरी हथेली को चाट लिया .  फिर मैंने अपने  एक उंगली USKI भीगी चूत में डाली और वो  अगले ही पल मैं कबूतर की तरह फड़फड़ाने लगी और मेरे साथ  चिपट गयी। मैंने उसने अपनी उंगली का अगला हिस्सा चूत में घुसा दिया। और अपने  भीगी ऊँगली फिर  जीवा को चटा दी . ऐसा ही दो तीन बार करने के साथ उसकी चुत का रस पूरा  जीवा की चटा दिया ।फिर एक बार लंड पर हाथ फेर कर लंड पर लगा सारा रस निचोड़ा और वो भी जीवा को चटा  दिया . 




[Image: kis-blond.gif]
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और फिर मैंने अपना मुँह उसके ओंठो पर  लगाया , और उसके  ओंठो को अपने  होंठों से जकड़ लिया और चूसने लगा ...मानो उसके अंदर का सारा रस , उसके लार सब कुछ अपने अंदर लेना चाह रहा हूँ . उसके मुँह में मुंह डाल कर अब मैं  किस नहीं कर रहा था बल्कि उसे  उसकी लार और चुत रस जो उसके मुँह में था घूंटें भर के पी रहा था।

अब उसकी योनि और मेरा लंड बिलकुल  सूखा  हुआ लग रहे थे मैंने उसकी तड़पती  बिलबिलाती चूत पर अपना महालंड रख और बड़े सलीके और तेज़ी से एक झटका मारा, लंड का टोपा अंदर घुस गया था, चूत अपनी पूरी हदों तक फैल गयी। जीवा ने मुट्ठियों को भींच लिया था, और मैंने  जब अपने लंड  को योनि के  अंदर सरका दिया तो योनि और लंड के रूखेपन ने  जीवा की मानो  जान ही निकल दी। मज़ा एक बार तेज़ दर्द की एक लहर में बदल गया। ओह, दर्द के तेज चिंगारी योनि से लेकर जीवा के पूरे जिस्म में फैल गयी। मैंने  एक पल भी मेरे मुँह को अलग नहीं होने दिया और जीवा के ओंठो  होठों पर कब्ज़ा कर लिया। जीवा के  मुंह से  तेज़ ‘ऊंहऔर फिर आह …’ निकली क्योंकि मैंने  अपने होठों के शिकंजे से उसके  ओंठो  को भींचा हुआ था।

अब इसी तरह वो मेरी सकी मज़बूत बांहों में लेटी रही  जीवा ने अपना जिस्म ढीला छोड़ दिया और मैं लंड उसकी चूत में आगे पीछे कर रहा था। एक बार फिर दर्द एक असीम आनंद में बदल गया था। कुछ पलों बाद जीवा बड़ी तेज़ी से झड़ने की कगार पर पहुंची लंड नाभि तक  धमाल करता हुआ  महसूस हो रहा था ।

मैंने उसके होंठों पर मुँह रख कर ज़ल इंजन के पिस्टन के तरह धक्के मारने लगा। तेज़ आवाज़ कमरे में गूंज रही थी- ठप्प फड़च, ठप्प  फड़च, ठप्प  फड़च, फड़च, फड़च… ठप्प ठप्प ठप्प  और उसकी  मेरी टांगें और ऊपर उठ गई। वो मेरे साथ  लिपट गयी और मेरी पीठ में अपने नाखून गड़ा दिए और मेरे के कान के पास मुँह लेजाकर बोलती चली गयी- हां, मास्टर , हाँ … हां मास्टर  हां हां, मास्टर हाँ, हां हां हां हां … हां हां हां और  लंड तेजी से  अंदर बाहर हो रहा था  बच्चेदानी तक और फिर चूत के मुहाने तक और फिर बच्चेदानी तक। फिर उसके टाँगे अकड़ी  उसका बदन कांपने लगा . टाँगे अकड़ी और वो कांपती हुई  स्खलित हो गयी  ! 

वो खड़ा हुआ तो लंड बाहर निकल आया  और मेरा पौने फुट से भी लम्बा  बड़ा और मोटा महालण्ड  अब जीवा के कामरस से जड़ तक गीला था और  चमक रहा था। जीवा ने  अपनी चूत पर हाथ लगा कर देखा तो पाया की  मैंने उसकी चूत को पूरी तरह चौड़ा कर दिया था, और अब चूत एक गड्ढा लग रही थी।

जीवा और मेरी सांसें बहुत तेज़ … बहुत तेज़ … रेल के इंजिन की तरह चल रही थी। मेरा ये रूप देख और जीवा की हहाहाकारी  चुदाई देख कर  पर्पल और क्सान्द्रा  पीछे हो गयी .   


"हैलो दीपक , " रेशमी शहद में लथपथ आवाज आयी जो उस लड़की  की थी जो हमारी चुदाई देख रही थीऔर वो अपने  गले की गहराई से एक सेक्सी  टोन में बोली थी ।


[Image: bj01.gif]

"हाय  -तुम मेरा नाम  कैसे जानती हो... मिस ...? "

"केप्री ।" उसने सपाट, गतिहीन गंभीरता से कहा।

कहानी जारी रहेगी
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RE: अंतरंग हमसफ़र - by aamirhydkhan1 - 18-02-2023, 02:40 AM



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