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जिस्मानी रिश्तों की चाह परिवार में विभिन्न स्तरों पर व परिस्थितियों में
#8
Quote:
आपी की आँखें बंद थीं.. लेकिन वो मेरी नजरों की हिद्दत को अपने चेहरे पर महसूस कर रही थीं।

उन्होंने एक लम्हें को आँख खोल कर मेरी आँखों में देखा और फिर से अपनी आँखों को भींचते हुए शर्मा कर बोलीं- सगीर क्या है.. ऐसे मत देखो ना..आआ.. वरना मैं छोड़ दूँगी.. इसको.. इसको..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: जिस्मानी रिश्तों की चाह परिवार में विभिन्न स्तरों पर व परिस्थितियों में - by neerathemall - 04-02-2023, 07:36 PM
Meri didi ka birthday gift - by neerathemall - 10-11-2023, 11:10 AM
RE: दीदी - by neerathemall - 11-11-2023, 05:26 PM



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