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Incest दिन में सुहागरात-
#12
उस रात फिर हम दोनों लोग बिना कपड़ों के ही एक दूसरे से लिपट कर सो गए. सुबह उसकी बेटी के रोने की आवाज सुनकर हमारी आंख खुली. वो जल्दी से शॉल लपेट कर वाशरूम में गयी और कपड़े पहन कर आयी.

मैंने भी कम्बल के अंदर ही कपड़े पहने और फिर उसने अपनी बेटी को दूध पिलाया और हम लोग बारी बारी से वाशरूम जा कर रेडी हुए. ब्रेकफास्ट हॉटेल में ही करने के बाद हम नैनीताल घूमने निकले। हमने एक कैब हायर की और फिर पूरे दिन हम सभी टूरिस्ट प्लेसेस पर घूमे.

दिन भर साथ में खूब मस्ती की. हमने साथ में शॉपिंग की, उसके और उसकी बेटी के लिए मैंने कपड़े खरीदे. सारा दिन मस्ती करने के बाद हम दोनों रात में 8 बजे होटल वापस पहुँचे. होटल में पहुँच कर हमने जल्दी से चेंज किया और अपने अपने घर पर बात की.

उसने अपनी बेटी को दूध पिला कर सुला दिया. दिन में घूमते हुए हमने हर जगह कुछ न कुछ हल्का-फुल्का खा लिया था. पेट भरा हुआ था इसलिए रात का खाना खाने का मन नहीं कर रहा था. हम दोनों बेड पर बैठे हुए थे.

फिर वो मेरी गोद में आकर बैठ गयी. मेरे सीने के दोनों ओर उसने मुझे अपनी बांहों से घेर लिया. मैंने उसके बालों को सहलाते हुए उसको कई चुम्बन दिये.

उसके बाद हम दोनों पिछली रात के बारे में बातें करने लगे.
वो बोली- कल तो यार सच में तुमने पागल ही कर दिया था. पहली बार मैंने इतना एन्जॉय किया वरना मेरे पति तो चार झटके लगा कर मुँह ढक कर सो जाते थे. मतलब इसके आगे भी कुछ होता है ये तो मुझे तुम्हारे साथ ही करने के बाद पता चला. अब तो पिछले एक साल से तो चार झटके भी कभी महीने में एक या दो बार ही नसीब होते थे.

मैं उसकी इस बात पर ठहाके से हंस पड़ा और फिर हम दोनों ही हंस पड़े.
मैंने उसे छेड़ते हुए कहा- और कल तो एक मिनट के लिए भी तुम्हारी आवाजें बन्द नहीं हुईं.

इस पर वो बोली- हाँ यार, सच में … कल मैं बहुत चीखी, क्या करती, कंट्रोल ही नहीं हो रहा था. लग रहा था जैसे पूरे शरीर में अंदर बिजली का करंट दौड़ रहा हो. अंदर बहुत तेज झनझनाहट हो रही थी. तुम न मिलते तो मैं सच में जान ही न पाती कि सेक्स इतना मज़ेदार होता है?
अभी तक तो ये एक सजा के जैसा लगता था क्योंकि हर बार में मैं बस या तो दर्द से कराहती थी, या फिर उसके झड़ने के बाद प्यास से सारी रात छटपटाती थी लेकिन संतुष्ट कभी नहीं होती थी. तुमने ही सच में मुझे फोरप्ले और ऑर्गेज़्म का मतलब समझाया है.

मुझे उसकी बात सुन कर थोड़ा अजीब लगा. मैंने उससे पूछा- तो क्या वो कभी तुम्हारे साथ फोरप्ले भी नहीं करते?
वो बोली- कुछ नहीं करते वो, बस सीधा कपड़े निकाले और बस डाल दिया. उसी दो चार मिनट के बीच में ही एक-दो किस कर लिए या सीने को मसल दिया बस! चार झटके मार कर अपना माल खाली किया और मुंह घुमा कर सो गए.

‘खैर जाने दो उसे, कल तुमने यार वो पानी वाला एक्सपेरिमेंट बड़ा मस्त किया. सच्ची यार मज़ा आ गया. इसीलिये मेरी बहन इतना मरती है तुम पर।’

मैंने कहा- लेकिन आपकी बहन आपके जितना मज़ा नहीं देती.
इस पर वो चौंकते हुए बोली- ऐसा क्यों?
मैंने बताया- आपकी बहन शर्माती बहुत ज्यादा है और मुंह में तो मेरा (लंड) कभी नहीं लेती। अब तो बहुत मुश्किल से उसे मैं लाइन पर लाया हूँ, वरना शुरू में तो उसका बिल्कुल मन ही नहीं करता था.

इस पर वो बहुत तेज हँसी और बोली- पागल है वो एक नम्बर की. चूसने में तो सच में कितना मज़ा आता है. हाँ मगर, पहली बार जब तुमने मुँह में डाला था तो मुझे भी बहुत अजीब लगा था लेकिन बाद में बहुत मज़ा आने लगा. मिलने दो इस बार उसको, तब उसे अच्छी तरह समझाऊंगी कि ऐसे किसी मर्द के साथ कैसे पेश आते हैं.

इस पर हम दोनों खूब हँसे.
वो मेरे लण्ड को सहलाते हुए बोली- आज का क्या प्लान है, आज क्या नया करोगे डार्लिंग?

उसके इस अंदाज से मेरे पूरे शरीर में करंट दौड़ गया. मैंने उसके गालों को चूमते हुए उसके सुर्ख लाल होठों को अपने होठों में दबा लिया. उसकी कमर को अच्छे से सहलाते हुए उसके होंठों को अच्छे से चूसा.

थोड़ी देर लिपलॉक करने के बाद मैंने उसके गालों पर धीरे से काटते हुए उससे कहा- आओ मेरी जान … आज फिर कुछ नया ट्राई करते हैं.
यह कहते हुए मैंने अपनी जैकेट की पॉकेट से वोडका की बोतल निकाली और पास में रखे गिलास उठाये.

बोतल देख कर वो चौंकते हुए बोली- ये क्या है?
मैंने मुस्कुराते हुए कहा- कुछ नहीं, सॉफ्ट ड्रिंक है.
वो बोली- कौन सी सॉफ्ट ड्रिंक? सीधे सीधे बताओ क्या है ये?

मैंने उसे बताया कि ये वोडका है.
उसने मेरे हाथ से बोतल छीन ली और ध्यान से देख कर एक दम से चौंकते हुए बोली- शराब!!
मैंने मुस्कुराते हुए हाँ में सिर हिलाया.

वो एक दम से बोली- हाय दैया! मुझे शराब पिलाओगे? मतलब कितना और बिगाड़ोगे मुझे?
मैंने उसे बांहों में जकड़ लिया और उसे छेड़ते हुए कहा- मज़ा तो बिगड़ने में ही है मेरी जान … और फिर तुम ही तो कह रही थी कुछ नया करने के लिए!

इस पर वो थोड़ा झुंझलाते हुए बोली- नहीं ये नहीं, नये का मतलब ये नहीं था कि तुम शराब पिला दोगे! मैं शराब नहीं पी सकती.
मैंने उसे प्यार से मनाते हुए कहा- अरे मेरी जान, ये कोई वैसी शराब नहीं है, ये बिल्कुल कोल्ड ड्रिंक जैसी है. इसमें कोई प्रॉब्लम नहीं है, ट्राई करके देखो, बहुत मज़ा आएगा.

वो फिर भी मना करती रही. मगर मैंने उसके गालों पर मीठी मीठी किस देते हुए, उसकी चूचियों को हल्के हल्के दबाते हुए उसे ड्रिंक करने के लिए मना ही लिया.

फिर मैंने एक गिलास में वोडका निकाल कर उसे चूमते हुए गिलास उसके होंठों से लगाया. उसने पहले होंठ नहीं खोले. मैंने धीरे से उसके गालों को चूमते हुए उसके स्तनों को धीरे से एक साथ में जैसे ही मसला वैसे ही उसने अपने होंठों को खोल दिया.

मैंने तुरन्त उसके होंठों में गिलास अंदर करके उसे एक सिप करवा दी. पहली सिप में वो थोड़ी असहज हो गयी. उसको दारू का स्वाद अच्छा नहीं लगा. इतने में ही मैंने एक सिप और करवा दी.

उसके बाद उसे चूमते हुए बाकी बची हुई पैग मैंने पी ली।
मैंने उससे पूछा- कैसा लगा?
इस पर वो धीरे से मुस्कराई. हम एक दूसरे को चूमने लगे. धीरे धीरे उस पर खुमारी चढ़ने लगी। मैंने उसके स्तनों को धीरे से मसलते हुए उसकी गर्दन पर काटा और धीरे धीरे उसके ब्लाउज के हुक खोल कर उसका ब्लाउज उतार दिया.

अब उसकी सांसें गर्म होने लगी थीं. मैंने धीरे से उसकी साड़ी ऊपर करके उसकी टाँगें सहलाते हुए उसकी गोरी गोरी जांघों पर हाथ फेरते हुए उसकी साड़ी निकाल दी. धीरे से उसके पेटीकोट का नाड़ा खोल कर उसे भी निकाल दिया.

मेरी साली अब सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। उसने मुझे चूमते हुए मेरे सारे कपड़े एक एक करके निकाल दिए और मुझसे लिपट गई. मैंने उसकी पीठ सहलाते हुए उसकी ब्रा के हुक खोल दिये.

धीरे से उसकी ब्रा को उतार कर अलग रख दिया. अब मेरे हाथ उसकी पैंटी की ओर चले तो उसके हाथ मेरी कमर पर मेरे अंडरवियर की ओर बढ़े. मैंने उसकी पैंटी खींची और तभी उसने मेरे अंडरवियर को भी खींच दिया.

हम दोनों नीचे से भी नंगे हो गये. मैंने उसे अपनी गोद में बिठा लिया. गोद में बिठा कर मैंने अपने दोनों हाथों से उसके स्तनों को मसलते हुए उसके गुलाबी गालों को किस किया. वो एकदम गर्म हो चुकी थी।

मैंने फिर से गिलास में पैग बना कर फिर से उसके होंठों से लगाया. उसने थोड़ी पीने के बाद अपने हाथों से मुझे पिलाई. इस तरह हम दोनों ने पूरी बोतल एक साथ खाली कर दी।

अब दोनों पर शराब की खुमारी अच्छे से चढ़ गई। मैंने उसके गालों को चूमते हुए और उसके स्तनों को मसलते हुए एक हाथ से उसकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया. धीरे से मैंने मेरी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी.

मेरी उंगली अंदर जाते ही वो जोर से चीखी- आह … ओह्ह!
मैं धीरे धीरे अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगा. वो बेचैन होकर और भी तेज तेज सिसकारियां लेने लगी.
फिर एक दम नशीली आवाज में बोली- ओह्ह … आह … तुमने आज मुझे शराबी बना दिया. एकदम से पूरी तरह बिगाड़ दिया मुझे.

मैं उसके गाल काटते हुए बोला- बिगड़ जाओ मेरी जान … बिगड़ने में ही तो मजा है.
फिर उसने अपने हाथ से मेरी उंगली अपनी चूत से बाहर निकाल कर मुझे धक्का मार कर नीचे लिटा दिया. फिर अपने हाथ में मेरा लण्ड पकड़ कर जोर से सहलाने लगी. मेरी भी सिसकारी निकलने लगी.

अगले ही पल मेरी चुदासी हो चुकी साली ने मेरे लंड को मुंह में भर लिया. वो मेरे लंड को जोर जोर से चूसने लगी. थोड़ी देर चूसने के बाद वो मेरे ऊपर आ गयी. मेरे सीने पर काटते हुए मुझसे लिपट गयी.

मैं अपने हाथों से उसके चूतड़ों को मसलने लगा. थोड़ी देर मुझसे लिपटे रहने के बाद वो मेरे सीने को चूमने लगी. मेरे पूरे शरीर में आग लग गयी. मैंने उसे करवट लेकर अपने नीचे कर लिया. अपने शरीर को उसके शरीर से रगड़ते हुए एक एक करके उसके स्तनों को चूसने लगा.

वो अब जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी और नशीली आवाज में एक दम देहाती अंदाज में बोली- हाय दैया… आग लगाय दई.
मैंने उसके गाल चूमते हुए पूछा- कहाँ लगी है आग?
वो मेरे चूतड़ों पर नाखूनों से नोंचते हुए बोली- ऊंहह … दैया रे दैया … मेरी चूत में लगी है आग। मेरी चूत की आग मुझे पागल कर देगी.

अब वो पूरी तरह दारू और हवस के नशे में थी. उसकी बातों से मेरा नशा दोगुना हो गया था। मैंने उसके स्तनों को चूसने के बाद उसकी नाभि को चाटते हुए उसकी चूत पर किस किये और उसकी टाँगें चौड़ी करके उसकी चूत के होंठों में अपनी जीभ डाल दी.

वो एकदम चिहुँक कर बोली- उईई दैया … चाट ले मेरी चूत … आह्ह … चाटे ले इसको … ऊईई अम्मा … आह्ह मेरी चूत।
उसके इस पागलपन को देख कर मैं भी उसकी चूत में मजा देते हुए उसकी चूत को अच्छे से चाटने लगा. वो अपने हाथों से मेरे सिर को सहलाने लगी.

उसके बाद उसने अपने हाथों से मेरा मुँह अलग कर मुझे ऊपर आने को कहा. मैं उसके ऊपर आ गया और उसे चूमने लगा.
वो नशे में बोली- जल्दी करो, तड़पाओ मत।

मैंने पूछा- क्या करूं?
वो पहली बार एकदम बिंदास अंदाज में बोली- चोद दो मुझे … स्स्स .. आआहह … मेरी चूत में अपना लिंग दे दो … मेरी चूत को चोद चोद कर फाड़ दो.

उसके इस बेहद कामुक डायलॉग से मेरे तन बदन में आग लग गई. मैंने जल्दी से उसे कॉन्डोम पकड़ाया. उसने मेरे लण्ड को चूमते हुए मुझे पहनाया और जोर से सिसकारते हुए बोली- डालो जल्दी … जल्दी घुसाओ मेरी चूत में इसे।

मैंने जल्दी से एक झटके में अपना लण्ड उसकी रसीली चूत में डाल दिया. वो एकदम चीख कर बोली- आह … हाय दैया. आह्ह मजा आ गया.
मैंने अपना एक हाथ उसकी गर्दन के नीचे और दूसरा उसकी पीठ के नीचे लगा कर उसे बांहों में फंसा लिया.

उसके गुलाबी गालों को चूमते हुए उसकी मखमली चूत में धीरे धीरे मैं अपने लंड के धक्के लगाने लगा. मैं चूत में लंड जाने का आनंद लेते हुए मस्त झटके लगा रहा था.

वो भी मेरे गालों को चूमते हुए मेरी पीठ को अपने दोनों हाथों से सहला रही थी. साथ ही अपने चूतड़ उछाल उछाल कर बराबर मेरा साथ दे रही थी। अब उस पर शराब का नशा बुरी तरह चढ़ चुका था. एक तो शराब का नशा और दूसरा सेक्स का नशा. दोनों ही अपने चरम पर थे.

उसे अपने तन बदन का बिल्कुल होश नहीं था. वो बराबर जोर जोर से सिसकारियां ले रही थी और बराबर कुछ न कुछ बड़बड़ा रही थी. आज पहली बार मैंने उसका ये रूप देखा था. उसके बिंदास अंदाज से मुझे भी बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था.

मेरी चुदासी तड़पती साली के मुंह से निकली एक एक सिसकारी और एक एक शब्द मेरे अंदर मानो चिंगारी भड़का रहे थे। उसने मुझसे पोज चेंज करने को कहा तो मैंने उसे अपनी गोद में बैठा लिया.

गोद में आते ही वो एक दम से मेरी पीठ नोंचते हुए चीखी- आह … आह … हाय दैया … स्स्स … चोद दो मुझे … फाड़ दो मेरी … आह्ह फाड़ दो।
ये कहते हुए उसने मेरे होंठों में अपने होंठ फंसा लिये. अब मैं उसके होंठों को चूसते हुए और उसकी कमर को सहलाते हुए उसकी चूत में लम्बे लम्बे झटके लगा रहा था।

थोड़ी देर ऐसे ही करने के बाद मैंने उसे पोजीशन बदलने के लिए कहा. मैंने उसे घोड़ी बनने के लिए कहा. वो मुस्कराई और घोड़ी वाली पोजीशन में आ गयी. मैंने उसकी कमर में हाथ फंसा कर पीछे से धीरे धीरे उसकी चूत में झटके देने शुरू किए.

वो एकदम मचल गयी. एकदम से बोली- आह … आज तो तुमने मुझे कुतिया बना दिया … आह … हाय दैया … कुतिया हूँ मैं तुम्हारी … मुझे अपनी कुतिया बना कर चोदो … चोद डालो मुझे। चोद चोद कर मेरा रस निचोड़ दो.

मैं उसे कुत्ते की तरह तेज तेज कमर चलाते हुए चोदने लगा. वो बदहवास सी होने लगी.

थोड़ी देर के बाद उसने मुझे ऊपर आने के लिए कहा। मैं नीचे लेटा गया और वो मेरे लंड के ऊपर बैठ कर झटके लगाने लगी और मुस्करा कर बोली- मुझे इस पोज में बहुत मजा आता है क्योंकि ऐसा लगता है जैसे मैं तुम्हें चोद रही हूं.

उसकी इस बात पर हम दोनों एक साथ हँसे मगर एक चुदास भी बढ़ गयी. औरत का इस तरह से मर्द को चोदने की बात कहना अपने आप में ही बहुत कामुक लगता है.

फिर उसने अपने दोनों हाथ मेरे सीने पर टिका दिये और मैं अपने दोनों हाथों में उसके स्तनों को लेकर मसलने लगा और वो चुदती रही. थोड़ी देर बाद वो मेरे ऊपर झुक कर मेरे सीने से लिपट गयी. फिर मैंने एक नई पोजीशन ट्राई करने के लिए कहा.

मैं उसे गोद में लेकर खड़ा हो गया और मैंने अपने दोनों हाथ उसकी जांघों के नीचे फंसा कर उसे ट्री पोजीशन में चोदना शुरू किया. अब तो वो बुरी तरह चीख कर बोली- ओह्ह… आज तो तुमने मेरी चूत का चिथड़ा बना दिया.

थोड़ी देर ऐसे ही चुदने के बाद वो बोली- जल्दी से बिस्तर में लेटो, वरना मर जाऊंगी मैं! हाय दैया स्स्स … आह्ह जल्दी करो।
फिर मैंने उसे बिस्तर में लिटा कर शुरूआत वाली पोजीशन में ही चोदना दोबारा से शुरू किया.

हम दोनों में से कोई भी झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था. दोनों लोग जम कर मजा ले रहे थे. हम दोनों के जिस्म पसीने में लथपथ हो चुके थे. मैंने झटकों की रफ्तार बढ़ा दी. मैं अब लम्बे लम्बे धक्के देने लगा. मेरा लंड उसकी चूत में पूरी गरहाई तक टकराने लगा.

वो मजे से अपने टाँगें मेरी कमर में लपेट कर सिसकारियां लेती रही. फिर मैंने उसे गालियाँ बकने को कहा.
वो बोली- नहीं, मैं तुम्हें गालियां नहीं बक सकती.

मैंने पूछा- क्यों?
वो बोली- क्योंकि तुम बहुत स्वीट हो.
मैंने कहा- नहीं, प्लीज़ मुझे गालियां दो, मुझे बहुत मजा आएगा.

इस पर वो थोड़ी देर मनाने के बाद एकदम से बोली- बहनचोद।
अचानक उसके मुंह से निकली इस गाली पर हम दोनों खिलखिला कर हँस पड़े. उसके मुँह से गाली सुनकर तो मेरा नशा और बढ़ गया.

फिर मैंने उसे और गाली देने को कहा.
अब तो वो एकदम बिंदास हो कर बोली- भोसड़ी के … चोद मुझे … मादरचोद … चोद डाल … आह … आह … चोद दे मुझे बहनचोद।

उसके मुँह से गालियाँ सुनकर मैंने और तेज झटके लगाने शुरू कर दिए. अब वो मुझसे गालियां देने को बोली.
मैं बोला- साली रण्डी … साली बहनचोद … मेरी कुतिया.

मेरे मुंह से गालियां सुनकर वो जोर से हँसी और मेरा साथ देते हुए बोली- और बुलाओ … मुझे ऐसे ही और बुलाओ … बहुत मजा आ रहा है. मैं रण्डी हूँ तुम्हारी।

हम दोनों अब क्लाइमेक्स पर पहुँचने ही वाले थे.
मैं बोला- साली रण्डी, मैं तेरी मां चोद दूँगा.
इस गाली पर वो मेरे सीने पर जोर से नोंचते हुए बोली- बहुत गंदे हो तुम … हम दोनों बहनों को चोद कर मन नहीं भरा जो मेरी माँ भी चोदोगे?

इस पर हम दोनों जोर से हँसे.
मैंने मन ही मन में सोचा- तुम्हारी माँ तो में पहले ही चोद चुका हूँ.
इसके बाद मैंने एक और जोरदार झटका लगाया.

वो एकदम चीखी- हाय दैया रे …
फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए।

हम दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कराये और एक दूसरे को किस करके हम नंगे बदन लिपट कर सो गए।

इस तरह से उस रात मैंने अपनी साली को दारू पिला कर चोदा. दोनों को ही इस नशे में चुदाई करने में बहुत मजा आया. अब मेरी साली मेरे साथ चुदाई करने में भी खुलने लगी थी. धीरे धीरे वो एक चुदक्कड़ औरत बनने की ओर कदम बढ़ा रही थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: दिन में सुहागरात- - by neerathemall - 03-02-2023, 08:40 AM



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