03-02-2023, 05:28 AM
पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
VOLUME II
नयी भाभी की सुहागरात
CHAPTER-2
PART 05
क्या और कैसे करना है
भाई महाराज बोलो इसीलिए मैं काका (चाचा-मेरे पापा) को यहाँ लाया हूँ । उन्हें भी ये राज बताना था और साथ ही आपने अगर ध्यान दिया हो तो श्राप के नष्ट होने की जो विधि उन्होंने बोली थी वह भी पूरी करनी होगी और इसके लिए हरसतेंद्र के वंशजो को परिवार में माँ समान स्त्रियों से सम्बन्ध बनाना होगा, तब ये शाप समाप्त हो जाएगा। अब आप दोनों वादा कीजिये की आप इस अभिशाप से मुक्ति पाने के लिए पूर्ण प्रयास करेंगे ।
तो हम दोनों ने बोला हम वादा करते हैं महाराज हम पूर्ण प्रयास करेंगे।
भाई महाराज आगे बोले अब यहाँ पर अगर गुरु महर्षि ने ये न बताया होता की कुमार को नियोग से पहले ब्रह्मचर्य का पालन करना होगा तो कुमार आपके पास किसी भी दासी या अनुभवी महिला को भेज कर आपको इस विषय का प्रशिक्षण और अनुभव प्रदान किया जा सकता था । परन्तु अब इस कार्य के लिए इन असाधारण परिस्तिथियो में असाधारण उपाय ही करना होगा और फिर आपको याद रखना है कि ये अभीशाप कैसे समाप्त होगा । इसके लिए बंशजों शब्द का इस्तेमाल किया गया है । अब इस समय हमारे परिवार में सब को प्रयास करना होगा और इस समय सबसे बड़े काका (चाचा) जी ही हैं इसलिए शुरुआत उन्हें करनी होगी ।
मैं और पिताजी उनकी ये बात सुन कर हतप्रभ थे । मैं बोला महाराज ये आप क्या कह रहे है ।
तो पापा बोले महाराज ये उचित नहीं है ।
तो भाई महाराज बोले काका क्या आप परिवार को उस पीढ़ियों पुराने शाप से मुक्ति दिलाने के लिए कर्म नहीं करेंगे । अभीआपने वादा किया है आप पूर्ण प्रयास करेंगे । एक तो इसे नीयति और हमारे पूर्वजो द्वारा तय किया गया है और दुसरे ये हमारी आज्ञा है । क्या आप अपने वादे को तोड़ देंगे और राजाज्ञा और पूर्वजो की आज्ञा की अवहेलना करेंगे?
अब पिताजी कुछ नहीं बोले।
मैं सोच रहा था इस का मतलब क्या है । अब पिताजी को क्या करना होगा? क्या अब पिताजी मुझे सेक्स का ज्ञान देंगे । मेरे लिए ये बड़ा कठिन समय था और मैं समझ रहा था कि पिताजी के लिए भी ये सब आसान नहीं होगा । हालाँकि मुझे पूरा विश्वास था पिताजी अभी भी सेक्स का भरपूर आन्नद लेते थे क्योंकि मैंने रातो में अक्सर उन्हें कमरे से आ रही तेज कराहो को सुना है और उन्हें और माँ को इशारो में बाते करते हुए देखा है । और फिर इनकी माँ के इलावा कुछ अन्य स्त्रियों के साथ भी सम्बन्ध है । जिनके बारे में आप मेरी कहानी अंतरंग हमसफर में पढ़ सकते हैं ।
मेरे और पिताजी के बीच में कभी सेक्स को ले कर कोई बातचीत नहीं हुई है । लेकिन जब मैं लिली मिली और एमी से (जिनके बारे में आप मेरी कहानी अंतरंग हमसफर में पढ़ सकते हैं) मिला था तो मुझे उनसे ज्ञात हुआ था की पिता जी की ही प्रेरणा से मुझे उनके पास सेक्स का ज्ञान अर्जित करने के लिए फूफा जी ने भेजा था पर ये बात ना तो कभी उन्होंने मुझे जताई थी और ना ही मैंने कभी उनके साथ इस बारे में कोई चर्चा की थी ।
हाँ मुझे ये आश्चर्य अवश्य था कि भाई महाराज को तो मेरे सेक्स जीवन का पूरा आभास था और उन्होंने तो मेरे पास तीन सुन्दरिया भी भेजी थी और उनकी सबसे बड़ी रानी को गुप्त रूप से गर्भदान के लिए भी उन्होंने आज्ञा दी थी और बूढ़े बाबा की पत्नियों और पुत्रियों को भी अपनाने का सुझाव उन्होंने ही मुझे दिया था परन्तु शायद किसी प्रयोजन से ये राज उन्होंने राजमाता से सांझा नहीं किया था । पर ये अवसर उनसे कुछ पूछने का नहीं था । मैंने उनकी और देखा तो वह मुस्कुरा दिए इसलिए मैं उस समय चुप रहा ।
"यहाँ, मैं आपको दिखाती हूँ आपको क्या और कैसे करना है," राजमाता ने आगे बढ़ते हुए कहा "मैं और देवर जी की कुमार को शाही सेवा के लिए प्रशिखित और तैयार करेंगे" और उन्होंने अपने हाथों को मेरे पिता के धड़ से नीचे रख दिया, और पापा के पायजामें के अंदर अपना हाथ डाला और उनकी उंगलियों में बालों के जंगल के बीच में पापा का लिंग जिसका सिर उनके पेट के खिलाफ दबा हुआ था उसे पकड़ लिया। उन्होंने दुसरे हाथ से पायजामे का नाडा खींच दिया और पायजामा और उनका अंडरवियर नीचे खींच दिया और वह पिताजी के पैरो पर गिर पड़ा और उस समय राजमाता ने पिताजी का लिंग पकड़ा हुआ था । और उन्होंने पिता जी को आगे खींचा तो पिता जी पायजामे को वहीँ छोड़ कर राजमाता की और बढ़ गए ।
उनकी उँगलियाँ आश्चर्यजनक रूप से घुंडी के आकार में पिताजी के लिंग के सिर के चारों ओर खिसक गईं थी। उन्हों की हथेली पापा के लिंग के नीचे की ओर खिसक गई और उनके अंडकोष को राजमाता ने महसूस किया; और लिंग की मोटाई नोट की और पाया कि यह पापा का लिंग लंबा और कठोर था और कहा कि शाही परिवार के पुरुषों के पास लंबे लंड हैं और यह शाही गर्भ को भोगना सुनिश्चित करेगा। पुत्र! जैसा की आपने बोला है आप इस विषय के बारे में कुछ जानते हैं । परन्तु ये शाही कर्तव्य आपको अपने पूरा ज्ञान और पूरी निष्ठा से निभाना है । इसलिए कुमार आप सब ध्यान से देखते समझते और सीखते रहिये ।
मेरे पिताजी हतप्रभ थे और राजमाता के इस व्यवहार पर चकित फर्श पर गिर पड़े अपने वस्त्रो को देख रहे थे और राजमाता की उंगलियों के स्पर्श से उनके लंड में ऐंठन आने लगी और उन्होंने महसूस किया कि राजमाता की चिकनी रेशमी उंगलियाँ उनकी मर्दानगी की रूपरेखा की जांच कर रही हैं। पिताजी का मुंह खुला हुआ था और आंखें भारी हो गयी थी। अचानक से राजमाता इस प्रकार का फूहड़ प्रदर्शन करेगी और वह भी अपने पुत्रो और देवर के सामने ये उम्मीद से बिलकुल परे थे।
राजमाता ने हांफते हुए अपनी साड़ी ढीली कर दी और साडी के कपड़े को खोल दिया। उनके ग्लोब जैसे स्तन ऊपर लटके हुए पकड़ने के लिए आमंत्रित कर रहे थे लेकिन पिताजी ने ऐसा करने की हिम्मत नहीं की।
राजमाता बोली पुत्र तो फिर से ध्यान से सुनो आप को पहले रानी को पूरा निर्वस्त्र करना है इस दौरान आप उसके स्तनों को चूसना, दुलारना, चुंबन, चाटना, चूमना, गले लगाना, छूना और महसूस करना शुरू कर देंगे और फिर जब आपके लिंग में उथ्थान आएगा जैसा इस समय इस लिंग आ रहा है और आपका लिंग बिलकुल कड़ा हो जाए तो तब आपको उसमें प्रवेश करना होगा .
"यह," राजमाता फुसफुसायी , "यह वही है. मैं चाहती हूँ कि उस समय आप अपने हतियार का उपयोग करें और प्रवेश करे ।" उनकी उंगलियां ने उनके हाथ में पापा के लिंग की गर्मी को महसूस करते हुए, पापा के मोटे हथियार के ऊपर और नीचे कूच किया। जल्द ही लिंग कड़ा हो गया . लिंग सूखा हुआ था लेकिन तभी लिंग से एक पतली बूँद प्रेकम के तरल की निकली और लंडमुंड से चिपक गयी । राजमाता ने अपना अंगूठा लंडमुंड के सिर पर घुमाया, अपने अंगूठे से रस को मेढ़े पर फैला दिया। वह अपनी मुट्ठी के साथ हस्तमैथुन का प्रदर्शन कर रही थी और उन्होंने मुझे दिखाया कि कैसे उत्सर्जन और पिचकारियां मारते हुए के बीच वापस पकड़ना है और पिचकारियां मारने के दौरान कैसे लंड को आगे पीछे करना है। कोई चोट पहुँचाए बिना नरम लेकिन खुरदरी मुठ्ठी में घुसाने के लिए लंड को तैयार करने की जरूरत थी।
"यही चुदाई का कार्य है," वह बड़बड़ायी , उन्होंने मुंह से लार लंड पर गिरा कर लंड की गीला और चिकना किया और बोली पुत्र आप ये समझो की । "मेरी मुट्ठी रानी की योनी है और मुठी के छेद पर लंड को लगा कर बोली । , उसी तरह तुम्हारा लिंग उसकी योनि के होठों के मुहाने पर होना चाहिए । आप समझे ?"उन्होंने पूछा, यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनका छात्र पाठ की यांत्रिकी को समझे। फिर मुठी ऊपर उठा कर छेद पर दुसरे हाथ की ऊँगली थोड़ी अंदर लगा कर समझाया और बोली .. ठीक ऐसे लगाना है आपको
मैं कांपते हुए, "जी राजमाता " और जैसे ही मैंने हाँ कहा उनका हाथ लंड पर चढ़ गया, और बंद मुट्ठी के सर के नीचे फिसल गयी ।
"आप भीगे होंगे, और गीलेपन और चिकनाई से आपको प्रवेश में सुविधा होगी . जब आप चूमोगे और दुल्लर करोगे तो रानी भी उत्तेजित होगी और उनकी योनि भी रस का उत्सर्जन करेगी . आप उस उस का उपयोग चिनाई के लिए कर सकते हैं । फिर उन्होंने अपनी योनि पर हाथ लगा कर जो गीलापन वो इतनी देर से महसूस कर रही थी उससे अपनी उंगलियों की भिगोया और पिताजी के लंड पर फिर कर लंड को गीला और चिकना कर दिया . वैसे ये काम आप अपने लिंग को यदि योनि से फिरा कर और छुआ कर करें तो ये बेहतर होगा . इससे रानी भी लिंग का संपर्क महसूस कर उत्तेजित होगी . हाथ में काम के लिए ये काम उतना अच्छा नहीं होगा। अगर आप अधिक उत्तेजित हों या अधिक उत्तेजना चाहते हो और तेजी से संभोग करने के इच्छुक हो तो इसके लिए आप अपना सुखा लंड भी प्रवेश कर सकते हैं । लेकिन बस अब, मैं नहीं करूँगी, क्योंकि मैं देवर जी को चोट या दर्द नहीं पहुँचाना चाहती," उसने समझाया। "वास्तव में, इन्हें निकाल देना चाहिए" उन्होंने कहा और अपनी उंगलियों पर पहनी हुए कई अंगूठियों को चतुराई से हटा दिया।
उन्होंने फिर से पापा के लंड को अपनी मुट्ठी में कसकर पकड़ लिया और तो पापा उत्तेजना से गुर्राये ।
उंगलियों में अंगूठियों के बिना और अतिरिक्त दबाव के साथ जब राजमाता ने लंड को पकड़ा तो पापा की वासना में उबाल आ रहा था . पापा की कराह सुन कर राजमाता ने लन्दमुड़ पर थोड़ी ढील दी
। "नई कुंवारी योनि टाइट होती है लेकिन योनी कभी भी उतनी टाइट नहीं होती जितनी कोई अपनी मुट्ठी बना सकता है। त्वरित स्खलन के लिए राजमाता ने लंडमुंड के छल्ले पर अपनी उगलिया फिरानी शुरू कर दी उसे इससे स्पष्ट था की वो लंडमुड के अतिरिक्त लिंग के अन्य संवेदनशील क्षेत्र को जानतो थी ." हम तीनो पुरुष उनकी यौन विशेषज्ञता पर आश्चर्यचकित थे .
उन्होंने अपना अंगूठा लंडमुड पर घुमाया और लंड की छोटे से छेद को दबाया औरमेरे पापा की आँखों में देखा कि प्रतिक्रिया सबसे अधिक कहाँ थी। अचानक पापा ने घुटने टेक दिए, और "आआआआआह!" करते हुए कंपकंपाने और गुर्राने लगे. पापा उस समय उस खुशी और आनन्द से चीखना पसंद करते , जो उन कोमल रेशमी उँगलियों से उन पर बरस रही थी; लेकिन अगर वह ऐसा करते तो सुरक्षा गार्ड की टीम पलक झपकते ही कमरे में प्रवेश कर जाती । उसलिए वो बिलकुल धीमे धीमे कराह रहे थे .
"वहां!" राजमाता ने विजयी मुस्कान के साथ कहा। "यही वह जगह है जहाँ लिंग का सबसे उत्तेजक ज़ोन है। यही वो सबसे उत्तेजक क्षेत्र है जहाँ आपको सम्भोग करते समय उसकी योनी के होठों को रगड़ने के लिए हेरफेर करना चाहिए। आइए अब आपको हम दिखाते हैं कि कैसे।"
उन्होंने अपनी चूड़ियों को अपनी कलाई से ऊपर धकेल दिया ताकि वे उलझें नहीं और ध्यान आकर्षित न करे और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि वे उस मर्दानगी के अद्भुत नमूने पर गिर सकती हैं या उसे कुरेद सकती हैं जिसे वह संभालने में आनंद ले रही थी। उनके हाथ में मिशन के लिए अति महत्वपूर्ण महत्वपूर्ण था और उन्होंने दिमाग के कोने में नोट किया कि यहां एक संपत्ति थी जिसे सावधानीपूर्वक संभालने की आवश्यकता थी ... "पुत्र ध्यान से सुनो," उन्होंने पुनः अपने छात्र को निर्देश दिया।
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"जब मेरी मुट्ठी लिंग से ऊपर और ऊपर होती है, तो आप रानी के बाहर होते हैं," उन्होंने कहा, प्रचुर मात्रा में तरल पदार्थ और चिकनाई होने से उंगली से चोट लगने की कोई संभावना नहीं है , उन्होंने मन ही मन सोचा।
"जब मैं अपनी मुट्ठी नीचे करती हूं, तो आपको लिंग को योनी में प्रवेश करने के लिए आगे की ओर जोर देना होगा । याद रखें, यह आप ही हैं जो जोर दे रहे होंगे और योनी नहीं हिलेगी ," उन्होंने स्पष्ट किया। "मैं इस विषय में इतना सुनिश्चित कैसे हो सकता हूं?" मैंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए पुछा । "क्या रानी चिकोटी, धड़कन, आक्षेप, जोर नहीं देगी और सहयोग नहीं करेगी ?"
राजमाता रुकी और बोली , नयी कुंवारी कन्या यदि प्रवेश करने का विरोध न करे तो यही उसका सहयोग है . बाद के सम्भोग के समय परस्पर सहयोग इत्यादि सब संभव है . कई अवसरों पर परस्पर नकली विरोध का आचरण करते हुए भी परस्पर सम्भोग का आननद लिया जाता है .
"अब यह," उन्हेने मुठी की म्यान जो उन्होंने बना रखी थी उसे पीछे खींचते हुए कहा, "क्या होता है जब आप उसमें डुबकी लगाते हैं। दूर जी क्या आपको अपने लिंग में दुलार और उत्तेजना महसूस होती है?"
"उन्ह!" मैंने जवाब में चुटकी ली।
"क्या आप समझ रहे हो ? मुझे जवाब दो! पुत्र आपको सब कुछ ध्यान से समझना और सीखना है और फिर करना है, आनंद में खुद को खोना नहीं है," उन्होंने जोर देकर कहा, मुझे लगा उन्होंने मुझसे असंभव की मांग की है ।
राजमाता बोली पुत्र तो फिर से ध्यान से सुनो आप को पहले रानी को पूरा निर्वस्त्र करना है इस दौरान आप उसके स्तनों को चूसना, दुलारना, चुंबन, चाटना, चूमना, गले लगाना, छूना और महसूस करना शुरू कर देंगे और फिर जब आपके लिंग में उथ्थान आएगा जैसा इस समय इस लिंग आ रहा है और आपका लिंग बिलकुल कड़ा हो जाए तो तब आपको उसमें प्रवेश करना होगा ।
"यह," राजमाता फुसफुसायी, "यह वही है। मैं चाहती हूँ कि उस समय आप अपने हतियार का उपयोग करें और प्रवेश करे।" उनकी उंगलियाँ ने उनके हाथ में पापा के लिंग की गर्मी को महसूस करते हुए, पापा के मोटे हथियार के ऊपर और नीचे कूच किया। जल्द ही लिंग कड़ा हो गया । लिंग सूखा हुआ था लेकिन तभी लिंग से एक पतली बूँद प्रेकम के तरल की निकली और लंडमुंड से चिपक गयी। राजमाता ने अपना अंगूठा लंडमुंड के सिर पर घुमाया, अपने अंगूठे से रस को मेढ़े पर फैला दिया। वह अपनी मुट्ठी के साथ हस्तमैथुन का प्रदर्शन कर रही थी और उन्होंने मुझे दिखाया कि कैसे उत्सर्जन और पिचकारियाँ मारते हुए के बीच वापस पकड़ना है और पिचकारियाँ मारने के दौरान कैसे लंड को आगे पीछे करना है। कोई चोट पहुँचाए बिना नरम लेकिन खुरदरी मुठ्ठी में घुसाने के लिए लंड को तैयार करने की जरूरत थी।
"यही चुदाई का कार्य है," वह बड़बड़ायी, उन्होंने मुंह से लार लंड पर गिरा कर लंड की गीला और चिकना किया और बोली पुत्र आप ये समझो की। "मेरी मुट्ठी रानी की योनी है और मुठी के छेद पर लंड को लगा कर बोली। , उसी तरह तुम्हारा लिंग उसकी योनि के होठों के मुहाने पर होना चाहिए। आप समझे?" उन्होंने पूछा, यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनका छात्र पाठ की यांत्रिकी को समझे। फिर मुठी ऊपर उठा कर छेद पर दुसरे हाथ की ऊँगली थोड़ी अंदर लगा कर समझाया और बोली ... ठीक ऐसे लगाना है आपको।
मैं कांपते हुए, "जी राजमाता" और जैसे ही मैंने हाँ कहा उनका हाथ लंड पर चढ़ गया और बंद मुट्ठी के सर के नीचे फिसल गयी।
"आप भीगे होंगे और गीलेपन और चिकनाई से आपको प्रवेश में सुविधा होगी । जब आप चूमोगे और दुल्लर करोगे तो रानी भी उत्तेजित होगी और उनकी योनि भी रस का उत्सर्जन करेगी । आप उस-उस का उपयोग चिनाई के लिए कर सकते हैं। फिर उन्होंने अपनी योनि पर हाथ लगा कर जो गीलापन वह इतनी देर से महसूस कर रही थी उससे अपनी उंगलियों की भिगोया और पिताजी के लंड पर फिर कर लंड को गीला और चिकना कर दिया । वैसे ये काम आप अपने लिंग को यदि योनि से फिरा कर और छुआ कर करें तो ये बेहतर होगा । इससे रानी भी लिंग का संपर्क महसूस कर उत्तेजित होगी । हाथ में काम के लिए ये काम उतना अच्छा नहीं होगा। अगर आप अधिक उत्तेजित हों या अधिक उत्तेजना चाहते हो और तेजी से संभोग करने के इच्छुक हो तो इसके लिए आप अपना सुखा लंड भी प्रवेश कर सकते हैं। लेकिन बस अब, मैं नहीं करूँगी, क्योंकि मैं देवर जी को चोट या दर्द नहीं पहुँचाना चाहती," उसने समझाया। "वास्तव में, इन्हें निकाल देना चाहिए" उन्होंने कहा और अपनी उंगलियों पर पहनी हुए कई अंगूठियों को चतुराई से हटा दिया।
उन्होंने फिर से पापा के लंड को अपनी मुट्ठी में कसकर पकड़ लिया और तो पापा उत्तेजना से गुर्राये।
उंगलियों में अंगूठियों के बिना और अतिरिक्त दबाव के साथ जब राजमाता ने लंड को पकड़ा तो पापा की वासना में उबाल आ रहा था । पापा की कराह सुन कर राजमाता ने लन्दमुड़ पर थोड़ी ढील दी
"नई कुंवारी योनि टाइट होती है लेकिन योनी कभी भी उतनी टाइट नहीं होती जितनी कोई अपनी मुट्ठी बना सकता है। त्वरित स्खलन के लिए राजमाता ने लंडमुंड के छल्ले पर अपनी उगलिया फिरानी शुरू कर दी उसे इससे स्पष्ट था कि वह लंडमुड के अतिरिक्त लिंग के अन्य संवेदनशील क्षेत्र को जानतो थी ।" हम तीनो पुरुष उनकी यौन विशेषज्ञता पर आश्चर्यचकित थे ।
उन्होंने अपना अंगूठा लंडमुड पर घुमाया और लंड की छोटे से छेद को दबाया औरमेरे पापा की आँखों में देखा कि प्रतिक्रिया सबसे अधिक कहाँ थी। अचानक पापा ने घुटने टेक दिए और "आआआआआह!" करते हुए कंपकंपाने और गुर्राने लगे। पापा उस समय उस खुशी और आनन्द से चीखना पसंद करते, जो उन कोमल रेशमी उँगलियों से उन पर बरस रही थी; लेकिन अगर वह ऐसा करते तो सुरक्षा गार्ड की टीम पलक झपकते ही कमरे में प्रवेश कर जाती। उसलिए वह बिलकुल धीमे-धीमे कराह रहे थे ।
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"वहाँ!" राजमाता ने विजयी मुस्कान के साथ कहा। "यही वह जगह है जहाँ लिंग का सबसे उत्तेजक ज़ोन है। यही वह सबसे उत्तेजक क्षेत्र है जहाँ आपको सम्भोग करते समय उसकी योनी के होठों को रगड़ने के लिए हेरफेर करना चाहिए। आइए अब आपको हम दिखाते हैं कि कैसे।"
उन्होंने अपनी चूड़ियों को अपनी कलाई से ऊपर धकेल दिया ताकि वे उलझें नहीं और ध्यान आकर्षित न करे और इससे भी महत्त्वपूर्ण बात यह है कि वे उस मर्दानगी के अद्भुत नमूने पर गिर सकती हैं या उसे कुरेद सकती हैं जिसे वह संभालने में आनंद ले रही थी। उनके हाथ में मिशन के लिए अति महत्त्वपूर्ण-महत्त्वपूर्ण था और उन्होंने दिमाग के कोने में नोट किया कि यहाँ एक संपत्ति थी जिसे सावधानीपूर्वक संभालने की आवश्यकता थी ... "पुत्र ध्यान से सुनो," उन्होंने पुनः अपने छात्र को निर्देश दिया।
"जब मेरी मुट्ठी लिंग से ऊपर और ऊपर होती है, तो आप रानी के बाहर होते हैं," उन्होंने कहा, प्रचुर मात्रा में तरल पदार्थ और चिकनाई होने से उंगली से चोट लगने की कोई संभावना नहीं है, उन्होंने मन ही मन सोचा।
"जब मैं अपनी मुट्ठी नीचे करती हूँ, तो आपको लिंग को योनी में प्रवेश करने के लिए आगे की ओर जोर देना होगा। याद रखें, यह आप ही हैं जो जोर दे रहे होंगे और योनी नहीं हिलेगी," उन्होंने स्पष्ट किया। "मैं इस विषय में इतना सुनिश्चित कैसे हो सकता हूँ?" मैंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए पुछा। "क्या रानी चिकोटी, धड़कन, आक्षेप, जोर नहीं देगी और सहयोग नहीं करेगी?"
राजमाता रुकी और बोली, नयी कुंवारी कन्या यदि प्रवेश करने का विरोध न करे तो यही उसका सहयोग है । बाद के सम्भोग के समय परस्पर सहयोग इत्यादि सब संभव है । कई अवसरों पर परस्पर नकली विरोध का आचरण करते हुए भी परस्पर सम्भोग का आननद लिया जाता है ।
"अब यह," उन्हेने मुठी की म्यान जो उन्होंने बना रखी थी उसे पीछे खींचते हुए कहा, "क्या होता है जब आप उसमें डुबकी लगाते हैं। देवर जी क्या आपको अपने लिंग में दुलार और उत्तेजना महसूस होती है?"
"उन्ह!" पापा ने जवाब में चुटकी ली।
"क्या आप समझ रहे हो? मुझे जवाब दो! पुत्र आपको सब कुछ ध्यान से समझना और सीखना है और फिर करना है, आनंद में खुद को खोना नहीं है।" उन्होंने जोर देकर कहा, मुझे लगा उन्होंने मुझसे असंभव की मांग की है।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार
VOLUME II
नयी भाभी की सुहागरात
CHAPTER-2
PART 05
क्या और कैसे करना है
भाई महाराज बोलो इसीलिए मैं काका (चाचा-मेरे पापा) को यहाँ लाया हूँ । उन्हें भी ये राज बताना था और साथ ही आपने अगर ध्यान दिया हो तो श्राप के नष्ट होने की जो विधि उन्होंने बोली थी वह भी पूरी करनी होगी और इसके लिए हरसतेंद्र के वंशजो को परिवार में माँ समान स्त्रियों से सम्बन्ध बनाना होगा, तब ये शाप समाप्त हो जाएगा। अब आप दोनों वादा कीजिये की आप इस अभिशाप से मुक्ति पाने के लिए पूर्ण प्रयास करेंगे ।
तो हम दोनों ने बोला हम वादा करते हैं महाराज हम पूर्ण प्रयास करेंगे।
भाई महाराज आगे बोले अब यहाँ पर अगर गुरु महर्षि ने ये न बताया होता की कुमार को नियोग से पहले ब्रह्मचर्य का पालन करना होगा तो कुमार आपके पास किसी भी दासी या अनुभवी महिला को भेज कर आपको इस विषय का प्रशिक्षण और अनुभव प्रदान किया जा सकता था । परन्तु अब इस कार्य के लिए इन असाधारण परिस्तिथियो में असाधारण उपाय ही करना होगा और फिर आपको याद रखना है कि ये अभीशाप कैसे समाप्त होगा । इसके लिए बंशजों शब्द का इस्तेमाल किया गया है । अब इस समय हमारे परिवार में सब को प्रयास करना होगा और इस समय सबसे बड़े काका (चाचा) जी ही हैं इसलिए शुरुआत उन्हें करनी होगी ।
मैं और पिताजी उनकी ये बात सुन कर हतप्रभ थे । मैं बोला महाराज ये आप क्या कह रहे है ।
तो पापा बोले महाराज ये उचित नहीं है ।
तो भाई महाराज बोले काका क्या आप परिवार को उस पीढ़ियों पुराने शाप से मुक्ति दिलाने के लिए कर्म नहीं करेंगे । अभीआपने वादा किया है आप पूर्ण प्रयास करेंगे । एक तो इसे नीयति और हमारे पूर्वजो द्वारा तय किया गया है और दुसरे ये हमारी आज्ञा है । क्या आप अपने वादे को तोड़ देंगे और राजाज्ञा और पूर्वजो की आज्ञा की अवहेलना करेंगे?
अब पिताजी कुछ नहीं बोले।
मैं सोच रहा था इस का मतलब क्या है । अब पिताजी को क्या करना होगा? क्या अब पिताजी मुझे सेक्स का ज्ञान देंगे । मेरे लिए ये बड़ा कठिन समय था और मैं समझ रहा था कि पिताजी के लिए भी ये सब आसान नहीं होगा । हालाँकि मुझे पूरा विश्वास था पिताजी अभी भी सेक्स का भरपूर आन्नद लेते थे क्योंकि मैंने रातो में अक्सर उन्हें कमरे से आ रही तेज कराहो को सुना है और उन्हें और माँ को इशारो में बाते करते हुए देखा है । और फिर इनकी माँ के इलावा कुछ अन्य स्त्रियों के साथ भी सम्बन्ध है । जिनके बारे में आप मेरी कहानी अंतरंग हमसफर में पढ़ सकते हैं ।
मेरे और पिताजी के बीच में कभी सेक्स को ले कर कोई बातचीत नहीं हुई है । लेकिन जब मैं लिली मिली और एमी से (जिनके बारे में आप मेरी कहानी अंतरंग हमसफर में पढ़ सकते हैं) मिला था तो मुझे उनसे ज्ञात हुआ था की पिता जी की ही प्रेरणा से मुझे उनके पास सेक्स का ज्ञान अर्जित करने के लिए फूफा जी ने भेजा था पर ये बात ना तो कभी उन्होंने मुझे जताई थी और ना ही मैंने कभी उनके साथ इस बारे में कोई चर्चा की थी ।
हाँ मुझे ये आश्चर्य अवश्य था कि भाई महाराज को तो मेरे सेक्स जीवन का पूरा आभास था और उन्होंने तो मेरे पास तीन सुन्दरिया भी भेजी थी और उनकी सबसे बड़ी रानी को गुप्त रूप से गर्भदान के लिए भी उन्होंने आज्ञा दी थी और बूढ़े बाबा की पत्नियों और पुत्रियों को भी अपनाने का सुझाव उन्होंने ही मुझे दिया था परन्तु शायद किसी प्रयोजन से ये राज उन्होंने राजमाता से सांझा नहीं किया था । पर ये अवसर उनसे कुछ पूछने का नहीं था । मैंने उनकी और देखा तो वह मुस्कुरा दिए इसलिए मैं उस समय चुप रहा ।
"यहाँ, मैं आपको दिखाती हूँ आपको क्या और कैसे करना है," राजमाता ने आगे बढ़ते हुए कहा "मैं और देवर जी की कुमार को शाही सेवा के लिए प्रशिखित और तैयार करेंगे" और उन्होंने अपने हाथों को मेरे पिता के धड़ से नीचे रख दिया, और पापा के पायजामें के अंदर अपना हाथ डाला और उनकी उंगलियों में बालों के जंगल के बीच में पापा का लिंग जिसका सिर उनके पेट के खिलाफ दबा हुआ था उसे पकड़ लिया। उन्होंने दुसरे हाथ से पायजामे का नाडा खींच दिया और पायजामा और उनका अंडरवियर नीचे खींच दिया और वह पिताजी के पैरो पर गिर पड़ा और उस समय राजमाता ने पिताजी का लिंग पकड़ा हुआ था । और उन्होंने पिता जी को आगे खींचा तो पिता जी पायजामे को वहीँ छोड़ कर राजमाता की और बढ़ गए ।
उनकी उँगलियाँ आश्चर्यजनक रूप से घुंडी के आकार में पिताजी के लिंग के सिर के चारों ओर खिसक गईं थी। उन्हों की हथेली पापा के लिंग के नीचे की ओर खिसक गई और उनके अंडकोष को राजमाता ने महसूस किया; और लिंग की मोटाई नोट की और पाया कि यह पापा का लिंग लंबा और कठोर था और कहा कि शाही परिवार के पुरुषों के पास लंबे लंड हैं और यह शाही गर्भ को भोगना सुनिश्चित करेगा। पुत्र! जैसा की आपने बोला है आप इस विषय के बारे में कुछ जानते हैं । परन्तु ये शाही कर्तव्य आपको अपने पूरा ज्ञान और पूरी निष्ठा से निभाना है । इसलिए कुमार आप सब ध्यान से देखते समझते और सीखते रहिये ।
मेरे पिताजी हतप्रभ थे और राजमाता के इस व्यवहार पर चकित फर्श पर गिर पड़े अपने वस्त्रो को देख रहे थे और राजमाता की उंगलियों के स्पर्श से उनके लंड में ऐंठन आने लगी और उन्होंने महसूस किया कि राजमाता की चिकनी रेशमी उंगलियाँ उनकी मर्दानगी की रूपरेखा की जांच कर रही हैं। पिताजी का मुंह खुला हुआ था और आंखें भारी हो गयी थी। अचानक से राजमाता इस प्रकार का फूहड़ प्रदर्शन करेगी और वह भी अपने पुत्रो और देवर के सामने ये उम्मीद से बिलकुल परे थे।
राजमाता ने हांफते हुए अपनी साड़ी ढीली कर दी और साडी के कपड़े को खोल दिया। उनके ग्लोब जैसे स्तन ऊपर लटके हुए पकड़ने के लिए आमंत्रित कर रहे थे लेकिन पिताजी ने ऐसा करने की हिम्मत नहीं की।
राजमाता बोली पुत्र तो फिर से ध्यान से सुनो आप को पहले रानी को पूरा निर्वस्त्र करना है इस दौरान आप उसके स्तनों को चूसना, दुलारना, चुंबन, चाटना, चूमना, गले लगाना, छूना और महसूस करना शुरू कर देंगे और फिर जब आपके लिंग में उथ्थान आएगा जैसा इस समय इस लिंग आ रहा है और आपका लिंग बिलकुल कड़ा हो जाए तो तब आपको उसमें प्रवेश करना होगा .
"यह," राजमाता फुसफुसायी , "यह वही है. मैं चाहती हूँ कि उस समय आप अपने हतियार का उपयोग करें और प्रवेश करे ।" उनकी उंगलियां ने उनके हाथ में पापा के लिंग की गर्मी को महसूस करते हुए, पापा के मोटे हथियार के ऊपर और नीचे कूच किया। जल्द ही लिंग कड़ा हो गया . लिंग सूखा हुआ था लेकिन तभी लिंग से एक पतली बूँद प्रेकम के तरल की निकली और लंडमुंड से चिपक गयी । राजमाता ने अपना अंगूठा लंडमुंड के सिर पर घुमाया, अपने अंगूठे से रस को मेढ़े पर फैला दिया। वह अपनी मुट्ठी के साथ हस्तमैथुन का प्रदर्शन कर रही थी और उन्होंने मुझे दिखाया कि कैसे उत्सर्जन और पिचकारियां मारते हुए के बीच वापस पकड़ना है और पिचकारियां मारने के दौरान कैसे लंड को आगे पीछे करना है। कोई चोट पहुँचाए बिना नरम लेकिन खुरदरी मुठ्ठी में घुसाने के लिए लंड को तैयार करने की जरूरत थी।
"यही चुदाई का कार्य है," वह बड़बड़ायी , उन्होंने मुंह से लार लंड पर गिरा कर लंड की गीला और चिकना किया और बोली पुत्र आप ये समझो की । "मेरी मुट्ठी रानी की योनी है और मुठी के छेद पर लंड को लगा कर बोली । , उसी तरह तुम्हारा लिंग उसकी योनि के होठों के मुहाने पर होना चाहिए । आप समझे ?"उन्होंने पूछा, यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनका छात्र पाठ की यांत्रिकी को समझे। फिर मुठी ऊपर उठा कर छेद पर दुसरे हाथ की ऊँगली थोड़ी अंदर लगा कर समझाया और बोली .. ठीक ऐसे लगाना है आपको
मैं कांपते हुए, "जी राजमाता " और जैसे ही मैंने हाँ कहा उनका हाथ लंड पर चढ़ गया, और बंद मुट्ठी के सर के नीचे फिसल गयी ।
"आप भीगे होंगे, और गीलेपन और चिकनाई से आपको प्रवेश में सुविधा होगी . जब आप चूमोगे और दुल्लर करोगे तो रानी भी उत्तेजित होगी और उनकी योनि भी रस का उत्सर्जन करेगी . आप उस उस का उपयोग चिनाई के लिए कर सकते हैं । फिर उन्होंने अपनी योनि पर हाथ लगा कर जो गीलापन वो इतनी देर से महसूस कर रही थी उससे अपनी उंगलियों की भिगोया और पिताजी के लंड पर फिर कर लंड को गीला और चिकना कर दिया . वैसे ये काम आप अपने लिंग को यदि योनि से फिरा कर और छुआ कर करें तो ये बेहतर होगा . इससे रानी भी लिंग का संपर्क महसूस कर उत्तेजित होगी . हाथ में काम के लिए ये काम उतना अच्छा नहीं होगा। अगर आप अधिक उत्तेजित हों या अधिक उत्तेजना चाहते हो और तेजी से संभोग करने के इच्छुक हो तो इसके लिए आप अपना सुखा लंड भी प्रवेश कर सकते हैं । लेकिन बस अब, मैं नहीं करूँगी, क्योंकि मैं देवर जी को चोट या दर्द नहीं पहुँचाना चाहती," उसने समझाया। "वास्तव में, इन्हें निकाल देना चाहिए" उन्होंने कहा और अपनी उंगलियों पर पहनी हुए कई अंगूठियों को चतुराई से हटा दिया।
उन्होंने फिर से पापा के लंड को अपनी मुट्ठी में कसकर पकड़ लिया और तो पापा उत्तेजना से गुर्राये ।
उंगलियों में अंगूठियों के बिना और अतिरिक्त दबाव के साथ जब राजमाता ने लंड को पकड़ा तो पापा की वासना में उबाल आ रहा था . पापा की कराह सुन कर राजमाता ने लन्दमुड़ पर थोड़ी ढील दी
। "नई कुंवारी योनि टाइट होती है लेकिन योनी कभी भी उतनी टाइट नहीं होती जितनी कोई अपनी मुट्ठी बना सकता है। त्वरित स्खलन के लिए राजमाता ने लंडमुंड के छल्ले पर अपनी उगलिया फिरानी शुरू कर दी उसे इससे स्पष्ट था की वो लंडमुड के अतिरिक्त लिंग के अन्य संवेदनशील क्षेत्र को जानतो थी ." हम तीनो पुरुष उनकी यौन विशेषज्ञता पर आश्चर्यचकित थे .
उन्होंने अपना अंगूठा लंडमुड पर घुमाया और लंड की छोटे से छेद को दबाया औरमेरे पापा की आँखों में देखा कि प्रतिक्रिया सबसे अधिक कहाँ थी। अचानक पापा ने घुटने टेक दिए, और "आआआआआह!" करते हुए कंपकंपाने और गुर्राने लगे. पापा उस समय उस खुशी और आनन्द से चीखना पसंद करते , जो उन कोमल रेशमी उँगलियों से उन पर बरस रही थी; लेकिन अगर वह ऐसा करते तो सुरक्षा गार्ड की टीम पलक झपकते ही कमरे में प्रवेश कर जाती । उसलिए वो बिलकुल धीमे धीमे कराह रहे थे .
"वहां!" राजमाता ने विजयी मुस्कान के साथ कहा। "यही वह जगह है जहाँ लिंग का सबसे उत्तेजक ज़ोन है। यही वो सबसे उत्तेजक क्षेत्र है जहाँ आपको सम्भोग करते समय उसकी योनी के होठों को रगड़ने के लिए हेरफेर करना चाहिए। आइए अब आपको हम दिखाते हैं कि कैसे।"
उन्होंने अपनी चूड़ियों को अपनी कलाई से ऊपर धकेल दिया ताकि वे उलझें नहीं और ध्यान आकर्षित न करे और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि वे उस मर्दानगी के अद्भुत नमूने पर गिर सकती हैं या उसे कुरेद सकती हैं जिसे वह संभालने में आनंद ले रही थी। उनके हाथ में मिशन के लिए अति महत्वपूर्ण महत्वपूर्ण था और उन्होंने दिमाग के कोने में नोट किया कि यहां एक संपत्ति थी जिसे सावधानीपूर्वक संभालने की आवश्यकता थी ... "पुत्र ध्यान से सुनो," उन्होंने पुनः अपने छात्र को निर्देश दिया।
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"जब मेरी मुट्ठी लिंग से ऊपर और ऊपर होती है, तो आप रानी के बाहर होते हैं," उन्होंने कहा, प्रचुर मात्रा में तरल पदार्थ और चिकनाई होने से उंगली से चोट लगने की कोई संभावना नहीं है , उन्होंने मन ही मन सोचा।
"जब मैं अपनी मुट्ठी नीचे करती हूं, तो आपको लिंग को योनी में प्रवेश करने के लिए आगे की ओर जोर देना होगा । याद रखें, यह आप ही हैं जो जोर दे रहे होंगे और योनी नहीं हिलेगी ," उन्होंने स्पष्ट किया। "मैं इस विषय में इतना सुनिश्चित कैसे हो सकता हूं?" मैंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए पुछा । "क्या रानी चिकोटी, धड़कन, आक्षेप, जोर नहीं देगी और सहयोग नहीं करेगी ?"
राजमाता रुकी और बोली , नयी कुंवारी कन्या यदि प्रवेश करने का विरोध न करे तो यही उसका सहयोग है . बाद के सम्भोग के समय परस्पर सहयोग इत्यादि सब संभव है . कई अवसरों पर परस्पर नकली विरोध का आचरण करते हुए भी परस्पर सम्भोग का आननद लिया जाता है .
"अब यह," उन्हेने मुठी की म्यान जो उन्होंने बना रखी थी उसे पीछे खींचते हुए कहा, "क्या होता है जब आप उसमें डुबकी लगाते हैं। दूर जी क्या आपको अपने लिंग में दुलार और उत्तेजना महसूस होती है?"
"उन्ह!" मैंने जवाब में चुटकी ली।
"क्या आप समझ रहे हो ? मुझे जवाब दो! पुत्र आपको सब कुछ ध्यान से समझना और सीखना है और फिर करना है, आनंद में खुद को खोना नहीं है," उन्होंने जोर देकर कहा, मुझे लगा उन्होंने मुझसे असंभव की मांग की है ।
राजमाता बोली पुत्र तो फिर से ध्यान से सुनो आप को पहले रानी को पूरा निर्वस्त्र करना है इस दौरान आप उसके स्तनों को चूसना, दुलारना, चुंबन, चाटना, चूमना, गले लगाना, छूना और महसूस करना शुरू कर देंगे और फिर जब आपके लिंग में उथ्थान आएगा जैसा इस समय इस लिंग आ रहा है और आपका लिंग बिलकुल कड़ा हो जाए तो तब आपको उसमें प्रवेश करना होगा ।
"यह," राजमाता फुसफुसायी, "यह वही है। मैं चाहती हूँ कि उस समय आप अपने हतियार का उपयोग करें और प्रवेश करे।" उनकी उंगलियाँ ने उनके हाथ में पापा के लिंग की गर्मी को महसूस करते हुए, पापा के मोटे हथियार के ऊपर और नीचे कूच किया। जल्द ही लिंग कड़ा हो गया । लिंग सूखा हुआ था लेकिन तभी लिंग से एक पतली बूँद प्रेकम के तरल की निकली और लंडमुंड से चिपक गयी। राजमाता ने अपना अंगूठा लंडमुंड के सिर पर घुमाया, अपने अंगूठे से रस को मेढ़े पर फैला दिया। वह अपनी मुट्ठी के साथ हस्तमैथुन का प्रदर्शन कर रही थी और उन्होंने मुझे दिखाया कि कैसे उत्सर्जन और पिचकारियाँ मारते हुए के बीच वापस पकड़ना है और पिचकारियाँ मारने के दौरान कैसे लंड को आगे पीछे करना है। कोई चोट पहुँचाए बिना नरम लेकिन खुरदरी मुठ्ठी में घुसाने के लिए लंड को तैयार करने की जरूरत थी।
"यही चुदाई का कार्य है," वह बड़बड़ायी, उन्होंने मुंह से लार लंड पर गिरा कर लंड की गीला और चिकना किया और बोली पुत्र आप ये समझो की। "मेरी मुट्ठी रानी की योनी है और मुठी के छेद पर लंड को लगा कर बोली। , उसी तरह तुम्हारा लिंग उसकी योनि के होठों के मुहाने पर होना चाहिए। आप समझे?" उन्होंने पूछा, यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनका छात्र पाठ की यांत्रिकी को समझे। फिर मुठी ऊपर उठा कर छेद पर दुसरे हाथ की ऊँगली थोड़ी अंदर लगा कर समझाया और बोली ... ठीक ऐसे लगाना है आपको।
मैं कांपते हुए, "जी राजमाता" और जैसे ही मैंने हाँ कहा उनका हाथ लंड पर चढ़ गया और बंद मुट्ठी के सर के नीचे फिसल गयी।
"आप भीगे होंगे और गीलेपन और चिकनाई से आपको प्रवेश में सुविधा होगी । जब आप चूमोगे और दुल्लर करोगे तो रानी भी उत्तेजित होगी और उनकी योनि भी रस का उत्सर्जन करेगी । आप उस-उस का उपयोग चिनाई के लिए कर सकते हैं। फिर उन्होंने अपनी योनि पर हाथ लगा कर जो गीलापन वह इतनी देर से महसूस कर रही थी उससे अपनी उंगलियों की भिगोया और पिताजी के लंड पर फिर कर लंड को गीला और चिकना कर दिया । वैसे ये काम आप अपने लिंग को यदि योनि से फिरा कर और छुआ कर करें तो ये बेहतर होगा । इससे रानी भी लिंग का संपर्क महसूस कर उत्तेजित होगी । हाथ में काम के लिए ये काम उतना अच्छा नहीं होगा। अगर आप अधिक उत्तेजित हों या अधिक उत्तेजना चाहते हो और तेजी से संभोग करने के इच्छुक हो तो इसके लिए आप अपना सुखा लंड भी प्रवेश कर सकते हैं। लेकिन बस अब, मैं नहीं करूँगी, क्योंकि मैं देवर जी को चोट या दर्द नहीं पहुँचाना चाहती," उसने समझाया। "वास्तव में, इन्हें निकाल देना चाहिए" उन्होंने कहा और अपनी उंगलियों पर पहनी हुए कई अंगूठियों को चतुराई से हटा दिया।
उन्होंने फिर से पापा के लंड को अपनी मुट्ठी में कसकर पकड़ लिया और तो पापा उत्तेजना से गुर्राये।
उंगलियों में अंगूठियों के बिना और अतिरिक्त दबाव के साथ जब राजमाता ने लंड को पकड़ा तो पापा की वासना में उबाल आ रहा था । पापा की कराह सुन कर राजमाता ने लन्दमुड़ पर थोड़ी ढील दी
"नई कुंवारी योनि टाइट होती है लेकिन योनी कभी भी उतनी टाइट नहीं होती जितनी कोई अपनी मुट्ठी बना सकता है। त्वरित स्खलन के लिए राजमाता ने लंडमुंड के छल्ले पर अपनी उगलिया फिरानी शुरू कर दी उसे इससे स्पष्ट था कि वह लंडमुड के अतिरिक्त लिंग के अन्य संवेदनशील क्षेत्र को जानतो थी ।" हम तीनो पुरुष उनकी यौन विशेषज्ञता पर आश्चर्यचकित थे ।
उन्होंने अपना अंगूठा लंडमुड पर घुमाया और लंड की छोटे से छेद को दबाया औरमेरे पापा की आँखों में देखा कि प्रतिक्रिया सबसे अधिक कहाँ थी। अचानक पापा ने घुटने टेक दिए और "आआआआआह!" करते हुए कंपकंपाने और गुर्राने लगे। पापा उस समय उस खुशी और आनन्द से चीखना पसंद करते, जो उन कोमल रेशमी उँगलियों से उन पर बरस रही थी; लेकिन अगर वह ऐसा करते तो सुरक्षा गार्ड की टीम पलक झपकते ही कमरे में प्रवेश कर जाती। उसलिए वह बिलकुल धीमे-धीमे कराह रहे थे ।
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उन्होंने अपनी चूड़ियों को अपनी कलाई से ऊपर धकेल दिया ताकि वे उलझें नहीं और ध्यान आकर्षित न करे और इससे भी महत्त्वपूर्ण बात यह है कि वे उस मर्दानगी के अद्भुत नमूने पर गिर सकती हैं या उसे कुरेद सकती हैं जिसे वह संभालने में आनंद ले रही थी। उनके हाथ में मिशन के लिए अति महत्त्वपूर्ण-महत्त्वपूर्ण था और उन्होंने दिमाग के कोने में नोट किया कि यहाँ एक संपत्ति थी जिसे सावधानीपूर्वक संभालने की आवश्यकता थी ... "पुत्र ध्यान से सुनो," उन्होंने पुनः अपने छात्र को निर्देश दिया।
"जब मेरी मुट्ठी लिंग से ऊपर और ऊपर होती है, तो आप रानी के बाहर होते हैं," उन्होंने कहा, प्रचुर मात्रा में तरल पदार्थ और चिकनाई होने से उंगली से चोट लगने की कोई संभावना नहीं है, उन्होंने मन ही मन सोचा।
"जब मैं अपनी मुट्ठी नीचे करती हूँ, तो आपको लिंग को योनी में प्रवेश करने के लिए आगे की ओर जोर देना होगा। याद रखें, यह आप ही हैं जो जोर दे रहे होंगे और योनी नहीं हिलेगी," उन्होंने स्पष्ट किया। "मैं इस विषय में इतना सुनिश्चित कैसे हो सकता हूँ?" मैंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए पुछा। "क्या रानी चिकोटी, धड़कन, आक्षेप, जोर नहीं देगी और सहयोग नहीं करेगी?"
राजमाता रुकी और बोली, नयी कुंवारी कन्या यदि प्रवेश करने का विरोध न करे तो यही उसका सहयोग है । बाद के सम्भोग के समय परस्पर सहयोग इत्यादि सब संभव है । कई अवसरों पर परस्पर नकली विरोध का आचरण करते हुए भी परस्पर सम्भोग का आननद लिया जाता है ।
"अब यह," उन्हेने मुठी की म्यान जो उन्होंने बना रखी थी उसे पीछे खींचते हुए कहा, "क्या होता है जब आप उसमें डुबकी लगाते हैं। देवर जी क्या आपको अपने लिंग में दुलार और उत्तेजना महसूस होती है?"
"उन्ह!" पापा ने जवाब में चुटकी ली।
"क्या आप समझ रहे हो? मुझे जवाब दो! पुत्र आपको सब कुछ ध्यान से समझना और सीखना है और फिर करना है, आनंद में खुद को खोना नहीं है।" उन्होंने जोर देकर कहा, मुझे लगा उन्होंने मुझसे असंभव की मांग की है।
कहानी जारी रहेगी
दीपक कुमार