02-02-2023, 09:31 AM
दोपहर का खाना खाकर काजल और दोनों माँ बेटी ने बाजार में जाकर शॉपिंग करने का प्लान बनाया. उन्होंने काजल को भी चलने के लिए कहा.
इस पर काजल बोली- मुझे तो कुछ लेना नहीं है, इसलिए आप दोनों ही चले जाओ.
मेरी वाइफ और सासू जी बाजार निकल गईं. मैं और काजल टीवी देख रहे थे. थोड़ी देर बाद काजल उठी और बाहर से सूखे कपड़े लेकर आई और मेरी तरफ मुस्कुराकर देखते हुए ऊपर चली गई.
मेरी आंख कब लग गई, पता भी नहीं चला. जब नींद खुली तो देखा कि आधे घंटे से ज्यादा हो गया, पर काजल अभी भी नीचे नहीं आई थी.
मैंने ऊपर जाकर देखने का सोचा.
मैं चुपचाप सीढ़ियों से ऊपर जाने लगा. देखा तो रूम का दरवाजा थोड़ा खुला हुआ था. मैंने सोचा काजल सो गई होगी, पर नजदीक जाकर देखा, तो वो मोबाइल में कुछ देख रही थी. दूसरा हाथ उसकी लैगीज के ऊपर था.
मैंने थोड़ी देर रुक कर देखा, तो उसकी आंखें बंद हो रही थीं, पर अभी भी वो मोबाइल में कुछ देख रही थी. रूम का दरवाज़ा थोड़ा खोल कर मैं सीधा उसके सामने खड़ा हो गया. उसकी आंखें अभी भी बंद थीं. थोड़ी देर रुक कर मैं काजल के नजदीक गया और मोबाइल में देखने लगा, तो कल रात मेरी जानू ने जो फोटो खींची थीं, वो वही देख रही थी.
मेरे मुँह से एक कातिल मुस्कान निकल गई और मैंने मोबाइल उसके हाथ से ले लिया. मोबाइल हाथ में से जाते ही उसका ध्यान भंग हुआ.
काजल एकदम से सकपका गई और वो मोबाइल वापस देने के लिए मुझसे कहने लगी. पर मैं उसको मोबाइल वापस नहीं दे रहा था. वो मुझसे मोबाइल लेने के लिए मुझ पर झपटी, उसी खींचातानी में वो मेरे ऊपर गिर गई और मेरे सामने उसका चेहरा आ गया.
मैं तो मोबाइल में उसके फोटो देखने में ही व्यस्त था. एक बार फिर उसने मोबाइल खींचने की कोशिश की, पर नाकामयाब रही.
मेरे मुँह में से निकल गया- वाह काजल, क्या मस्त फिगर है.
वो शर्मा कर भागने लगी, पर मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और वो वापस मेरे ऊपर आ गई. हम दोनों में से कोई कुछ नहीं बोल रहा था. बस एक दूसरे को देख रहे थे.
थोड़ी देर बाद मैंने अपने होंठ काजल के होंठ के ऊपर लगा दिए और उसके होंठों का रस पीने लगा.
काजल ने कोई ख़ास विरोध नहीं किया.
अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था. मैंने काजल को मेरी बांहों में भर लिया और उसके नर्म होंठों को चूसने लगा. हमें किस करते हुए दस मिनट से ज्यादा हो गया था, पर काजल अभी भी मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी.
धीरे धीरे काजल का विरोध भी काफी हद तक कम हो गया था पर अब भी वो खुद से कुछ नहीं कर रही थी. मैंने आगे बढ़ने की सोची और फिर एक हाथ उसकी एक चूची पर रख दिया. मैं धीरे धीरे उसकी चूची को उसके कपड़ों के ऊपर से ही दबाने लगा.
मुझे काजल की गर्म सांसें महसूस हो रही थीं. वो अब मेरा विरोध भी नहीं कर रही थी. थोड़ी देर बाद मैंने काजल को साइड में लिटा दिया. मैंने उसकी कुर्ती के आगे के दो बटन खोल दिए और काजल के सीने पर मेरा हाथ फिराने लगा.
मैं काजल के गले को चूम रहा था, तो कभी उसके कान को चूम रहा था. वो बार बार मना कर रही थी, पर मैं कहां रुकने वाला था. मैंने धीरे धीरे करके कुर्ती के बाकी बचे बटन भी खोल दिए. मुझे काजल की ब्रा साफ़ दिख रही थी.
काजल ने अभी वही ब्रा और पैन्टी पहनी हुई थी, जो मैंने उसके लिए अपनी जानू से उसको भेजी थी.
यह देख कर मेरा लंड भी फड़फड़ाने लगा और मेरी पैन्ट फाड़कर बाहर आने के लिए मचलने लगा. काजल की दोनों चूचियां अभी भी ब्रा के अन्दर थीं. मैंने उसकी कुर्ती का कॉलर साइड में किया और दोनों चूची को ब्रा समेत बाहर निकाल दिया.
मैं उसकी मस्त चूचियों को देख कर इतना ही बोल पाया- वाओऊऊ क्या मस्त चूचियां हैं … लगता है ऊपर वाले ने बहुत प्यार से इनको बनाया है.
इतना सुनते ही काजल की आंख शर्म से बंद हो गईं और वो फिर से बोली- प्लीज ननदोई जी, छोड़ दो मुझे. कोई देख लेगा तो बहुत बदनामी होगी हमारी.
पर मैं तो बेशर्मों की तरह काजल को देखता ही रहा.
मैंने काजल से पूछा- कैसी लगी मेरी चॉइस?
वो शर्मा कर आंख बंद करके बोली- आप बड़े बेशर्म हो.
मेरे वापस पूछने पर उसने जवाब दिया- आप अपनी मैडम से ही पूछ लेना.
मैं बेशर्म बनते हुए बोला- मेरी लाई हुई ब्रा तेरी ननद ने थोड़ी ही पहनी है कि मैं उससे पूछूँ. जिसने पहनी है, मैं तो उसी से ही पूछूंगा ना!
इस पर काजल बोली- मुझे तो कुछ लेना नहीं है, इसलिए आप दोनों ही चले जाओ.
मेरी वाइफ और सासू जी बाजार निकल गईं. मैं और काजल टीवी देख रहे थे. थोड़ी देर बाद काजल उठी और बाहर से सूखे कपड़े लेकर आई और मेरी तरफ मुस्कुराकर देखते हुए ऊपर चली गई.
मेरी आंख कब लग गई, पता भी नहीं चला. जब नींद खुली तो देखा कि आधे घंटे से ज्यादा हो गया, पर काजल अभी भी नीचे नहीं आई थी.
मैंने ऊपर जाकर देखने का सोचा.
मैं चुपचाप सीढ़ियों से ऊपर जाने लगा. देखा तो रूम का दरवाजा थोड़ा खुला हुआ था. मैंने सोचा काजल सो गई होगी, पर नजदीक जाकर देखा, तो वो मोबाइल में कुछ देख रही थी. दूसरा हाथ उसकी लैगीज के ऊपर था.
मैंने थोड़ी देर रुक कर देखा, तो उसकी आंखें बंद हो रही थीं, पर अभी भी वो मोबाइल में कुछ देख रही थी. रूम का दरवाज़ा थोड़ा खोल कर मैं सीधा उसके सामने खड़ा हो गया. उसकी आंखें अभी भी बंद थीं. थोड़ी देर रुक कर मैं काजल के नजदीक गया और मोबाइल में देखने लगा, तो कल रात मेरी जानू ने जो फोटो खींची थीं, वो वही देख रही थी.
मेरे मुँह से एक कातिल मुस्कान निकल गई और मैंने मोबाइल उसके हाथ से ले लिया. मोबाइल हाथ में से जाते ही उसका ध्यान भंग हुआ.
काजल एकदम से सकपका गई और वो मोबाइल वापस देने के लिए मुझसे कहने लगी. पर मैं उसको मोबाइल वापस नहीं दे रहा था. वो मुझसे मोबाइल लेने के लिए मुझ पर झपटी, उसी खींचातानी में वो मेरे ऊपर गिर गई और मेरे सामने उसका चेहरा आ गया.
मैं तो मोबाइल में उसके फोटो देखने में ही व्यस्त था. एक बार फिर उसने मोबाइल खींचने की कोशिश की, पर नाकामयाब रही.
मेरे मुँह में से निकल गया- वाह काजल, क्या मस्त फिगर है.
वो शर्मा कर भागने लगी, पर मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और वो वापस मेरे ऊपर आ गई. हम दोनों में से कोई कुछ नहीं बोल रहा था. बस एक दूसरे को देख रहे थे.
थोड़ी देर बाद मैंने अपने होंठ काजल के होंठ के ऊपर लगा दिए और उसके होंठों का रस पीने लगा.
काजल ने कोई ख़ास विरोध नहीं किया.
अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था. मैंने काजल को मेरी बांहों में भर लिया और उसके नर्म होंठों को चूसने लगा. हमें किस करते हुए दस मिनट से ज्यादा हो गया था, पर काजल अभी भी मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी.
धीरे धीरे काजल का विरोध भी काफी हद तक कम हो गया था पर अब भी वो खुद से कुछ नहीं कर रही थी. मैंने आगे बढ़ने की सोची और फिर एक हाथ उसकी एक चूची पर रख दिया. मैं धीरे धीरे उसकी चूची को उसके कपड़ों के ऊपर से ही दबाने लगा.
मुझे काजल की गर्म सांसें महसूस हो रही थीं. वो अब मेरा विरोध भी नहीं कर रही थी. थोड़ी देर बाद मैंने काजल को साइड में लिटा दिया. मैंने उसकी कुर्ती के आगे के दो बटन खोल दिए और काजल के सीने पर मेरा हाथ फिराने लगा.
मैं काजल के गले को चूम रहा था, तो कभी उसके कान को चूम रहा था. वो बार बार मना कर रही थी, पर मैं कहां रुकने वाला था. मैंने धीरे धीरे करके कुर्ती के बाकी बचे बटन भी खोल दिए. मुझे काजल की ब्रा साफ़ दिख रही थी.
काजल ने अभी वही ब्रा और पैन्टी पहनी हुई थी, जो मैंने उसके लिए अपनी जानू से उसको भेजी थी.
यह देख कर मेरा लंड भी फड़फड़ाने लगा और मेरी पैन्ट फाड़कर बाहर आने के लिए मचलने लगा. काजल की दोनों चूचियां अभी भी ब्रा के अन्दर थीं. मैंने उसकी कुर्ती का कॉलर साइड में किया और दोनों चूची को ब्रा समेत बाहर निकाल दिया.
मैं उसकी मस्त चूचियों को देख कर इतना ही बोल पाया- वाओऊऊ क्या मस्त चूचियां हैं … लगता है ऊपर वाले ने बहुत प्यार से इनको बनाया है.
इतना सुनते ही काजल की आंख शर्म से बंद हो गईं और वो फिर से बोली- प्लीज ननदोई जी, छोड़ दो मुझे. कोई देख लेगा तो बहुत बदनामी होगी हमारी.
पर मैं तो बेशर्मों की तरह काजल को देखता ही रहा.
मैंने काजल से पूछा- कैसी लगी मेरी चॉइस?
वो शर्मा कर आंख बंद करके बोली- आप बड़े बेशर्म हो.
मेरे वापस पूछने पर उसने जवाब दिया- आप अपनी मैडम से ही पूछ लेना.
मैं बेशर्म बनते हुए बोला- मेरी लाई हुई ब्रा तेरी ननद ने थोड़ी ही पहनी है कि मैं उससे पूछूँ. जिसने पहनी है, मैं तो उसी से ही पूछूंगा ना!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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