02-02-2023, 09:23 AM
यह बात उन दिनों की है, जब मेरी शादी हुई थी. उस वक़्त तो सब नार्मल चल रहा था. हम दोनों पति-पत्नी बहुत खुश थे. मजे की बात तो ये थी कि शादी के सिर्फ एक महीने बाद ही मैं बड़ोदा शिफ्ट हो गया और वहां पर सिर्फ हम दोनों अकेले रहेते थे. उस वक्त हम दोनों एक बार भी चुदाई का मौका नहीं छोड़ते थे. हम दोनों ने घर का एक भी कोना ऐसा नहीं छोड़ा था, जहां पर हमने चुदाई न की हो.
उस समय मेरी जानू हमेशा साड़ी पहनती थी. जब भी मौका मिलता था, मैं उसकी साड़ी उठा कर उसकी पैन्टी नीचे कर देता था और नीचे बैठ कर कभी चूत चूमता, तो कभी उंगली से चूत के दाने को मसल देता था, तो कभी मेरे लंड से चूत के ऊपर रगड़ता था या तो मेरी जानू की कोरी चूत के अन्दर लंड डाल देता था.
ऐसे ही समय गुजरने लगा. ये मस्ती पत्नी के साथ हो रही थी. उसके साथ के मजे तो मैं कभी भी लिख सकता हूँ, लेकिन आज मैं आपके सामने मेरी साले की पत्नी यानि की मेरी सहलज के साथ हुई रसीली घटना बताने जा रहा हूँ.
यह बात उसी समय की ही है. हमारी शादी के सिर्फ चार महीने बाद ही मेरे साले की शादी हो गई. उसकी पत्नी का नाम काजल था. मेरी सहलज देखने में ठीक ठाक थी, पर उसका फिगर बहुत ही मस्त था. वो एक तराशे हुई बदन की मालकिन थी. काजल की फिगर में उसके 34डी के तने हुए चूचे, बलखाती 32 की कमर और थिरकती हुई 34 साइज़ की गांड. कोई भी काजल को एक बार देख लेता, तो उसे बिना छुए छोड़ने का मन नहीं होता. शायद उसकी कमनीय काया को लेकर आपके लंड ने भी समझ लिया होगा कि वो सांवली सुन्दरी कितनी गर्म माल होगी.
यह कहानी लिखते वक़्त मेरा भी लंड खड़ा हो गया. मेरा मन कर रहा था कि काश वो इस वक्त भी मेरे लंड पर कूद रही होती.
मेरा ससुराल अहमदाबाद में था, तो महीने में एकाध बार तो आना जाना होता ही था. धीरे धीरे लाइफ मस्ती से कटने लगी. बीच बीच में मैं अहमदाबाद भी घूम कर आता था. मैं हमेशा मेरी वाइफ के लिए मेरी पसंद के सेक्सी ब्रा और पैन्टी लाकर देता था और वो भी ऑनलाइन मंगवाता था.
एक बार हुआ ऐसा कि मैंने जो साइज की ब्रा और पैंटी मंगाई थी, वो गलत साइज की वजह से मेरी वाइफ को फिट नहीं हुई. ये वापस की जा सकती थी, लेकिन न जाने क्यों, मैं नहीं चाहता था कि मैं इसे वापस दूँ.
मैंने मेरी वाइफ को आईडिया दिया कि एक काम करो, तुम ये सैट अपनी भाभी को दे दो, शायद इसकी फिटिंग तुम्हारी भाभी की साइज की हो.
पहले तो वो मुझे घूरने लगी, फिर थोड़ी देर बाद बोली- ठीक सोचा तुमने. मैं भी तो देखूँ, मेरे पति की चॉइस को कितने स्टार मिलते हैं.
तब तक मेरे मन में ऐसा कुछ नहीं था, पर अब मुझे अपनी सलहज काजल का पूरा जिस्म मेरे आंखों के सामने आ गया, जिसमें मेरे लाए ब्रा और पैन्टी पहन कर वो मेरे सामने खड़ी थी. मैं बंद आंखों से उसे देख रहा था और वो शर्मा कर अपनी आंखें बंद करके मेरे सामने खड़ी थी.
मेरी ध्यान तब टूटा, जब मेरी वाइफ ने मेरे लंड को हाथ में लेकर जोर से दबाया और मेरे मुँह में से चीख निकल गई. उस रात को मैंने मेरी वाइफ की अच्छी ठुकाई की. वो भी चुदाई से बहुत खुश थी और गांड उठा कर मेरे झटकों का जवाब दे रही थी.
आज वो कुछ ज्यादा ही गर्म थी इसलिए करीब पांच मिनट में ही वो झड़ गई. पर मेरा अभी हुआ नहीं था.
वो बोली- जानू मेरे मुँह में डाल दो.
उस समय मेरी जानू हमेशा साड़ी पहनती थी. जब भी मौका मिलता था, मैं उसकी साड़ी उठा कर उसकी पैन्टी नीचे कर देता था और नीचे बैठ कर कभी चूत चूमता, तो कभी उंगली से चूत के दाने को मसल देता था, तो कभी मेरे लंड से चूत के ऊपर रगड़ता था या तो मेरी जानू की कोरी चूत के अन्दर लंड डाल देता था.
ऐसे ही समय गुजरने लगा. ये मस्ती पत्नी के साथ हो रही थी. उसके साथ के मजे तो मैं कभी भी लिख सकता हूँ, लेकिन आज मैं आपके सामने मेरी साले की पत्नी यानि की मेरी सहलज के साथ हुई रसीली घटना बताने जा रहा हूँ.
यह बात उसी समय की ही है. हमारी शादी के सिर्फ चार महीने बाद ही मेरे साले की शादी हो गई. उसकी पत्नी का नाम काजल था. मेरी सहलज देखने में ठीक ठाक थी, पर उसका फिगर बहुत ही मस्त था. वो एक तराशे हुई बदन की मालकिन थी. काजल की फिगर में उसके 34डी के तने हुए चूचे, बलखाती 32 की कमर और थिरकती हुई 34 साइज़ की गांड. कोई भी काजल को एक बार देख लेता, तो उसे बिना छुए छोड़ने का मन नहीं होता. शायद उसकी कमनीय काया को लेकर आपके लंड ने भी समझ लिया होगा कि वो सांवली सुन्दरी कितनी गर्म माल होगी.
यह कहानी लिखते वक़्त मेरा भी लंड खड़ा हो गया. मेरा मन कर रहा था कि काश वो इस वक्त भी मेरे लंड पर कूद रही होती.
मेरा ससुराल अहमदाबाद में था, तो महीने में एकाध बार तो आना जाना होता ही था. धीरे धीरे लाइफ मस्ती से कटने लगी. बीच बीच में मैं अहमदाबाद भी घूम कर आता था. मैं हमेशा मेरी वाइफ के लिए मेरी पसंद के सेक्सी ब्रा और पैन्टी लाकर देता था और वो भी ऑनलाइन मंगवाता था.
एक बार हुआ ऐसा कि मैंने जो साइज की ब्रा और पैंटी मंगाई थी, वो गलत साइज की वजह से मेरी वाइफ को फिट नहीं हुई. ये वापस की जा सकती थी, लेकिन न जाने क्यों, मैं नहीं चाहता था कि मैं इसे वापस दूँ.
मैंने मेरी वाइफ को आईडिया दिया कि एक काम करो, तुम ये सैट अपनी भाभी को दे दो, शायद इसकी फिटिंग तुम्हारी भाभी की साइज की हो.
पहले तो वो मुझे घूरने लगी, फिर थोड़ी देर बाद बोली- ठीक सोचा तुमने. मैं भी तो देखूँ, मेरे पति की चॉइस को कितने स्टार मिलते हैं.
तब तक मेरे मन में ऐसा कुछ नहीं था, पर अब मुझे अपनी सलहज काजल का पूरा जिस्म मेरे आंखों के सामने आ गया, जिसमें मेरे लाए ब्रा और पैन्टी पहन कर वो मेरे सामने खड़ी थी. मैं बंद आंखों से उसे देख रहा था और वो शर्मा कर अपनी आंखें बंद करके मेरे सामने खड़ी थी.
मेरी ध्यान तब टूटा, जब मेरी वाइफ ने मेरे लंड को हाथ में लेकर जोर से दबाया और मेरे मुँह में से चीख निकल गई. उस रात को मैंने मेरी वाइफ की अच्छी ठुकाई की. वो भी चुदाई से बहुत खुश थी और गांड उठा कर मेरे झटकों का जवाब दे रही थी.
आज वो कुछ ज्यादा ही गर्म थी इसलिए करीब पांच मिनट में ही वो झड़ गई. पर मेरा अभी हुआ नहीं था.
वो बोली- जानू मेरे मुँह में डाल दो.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
