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पहली चुदाई का सुख मौसेरी काजल भाभी ने दिया
#3
भाभी के चूचे काफी नर्म, गोल और किनारों पर सख्त थे, जिसकी वजह से अगर वो ब्रा न पहनें … तब भी उनके स्तनों में उभार रहता था.
अब मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनकी नाइटी खोलने लगा.
उन्होंने भी मेरी टी-शर्ट उतार फैंकी.

उनकी नाइटी उतारने के बाद का नज़ारा होश उड़ाने वाला था.
काले रंग की ब्रा और पैंटी के अलावा उनका पूरा जिस्म मेरे सामने नंगा था.

यह सब कुछ देख कर मेरा लंड टाइट होकर लोअर के अन्दर तंबू सा बन गया.

मैंने झट से अपना लोअर उतारा और चड्डी में आ गया.
मैं भाभी के ऊपर टूट पड़ा.

पहले मैंने भाभी के चूचे मसले और दबा कर चूसे.
फिर मैंने भाभी की ब्रा उतार दी और उनके दोनों खरबूज आजाद कर दिए.

उनके निप्पल और उसके पास का काला भाग देख कर मैं ललचा गया और मैंने दोनों बूब्स को दस मिनट तक खूब दबा कर चूसा.
कमरे में पंखा चलने पर भी हम पसीने से तर थे और मैं भाभी के शरीर का पसीना भी चाट रहा था.

फिर मैंने अपनी लम्बी जीभ दोनों बूब्स के बीच डाली और दोनों बूब्स दबा कर जीभ आगे पीछे करने लगा जिससे भाभी जल बिन मछली की तरह तड़पने लगी थीं.

उसके बाद मैं धीरे धीरे अपनी जीभ उनकी छाती से पेट पर ले आया और उनकी नाभि में जीभ डालकर चाटने लगा.

भाभी पागल होने लगीं और अपने बूब्स दबाते हुए होंठ काटने लगीं.
अब मैं धीरे धीरे उनकी पैंटी तक पहुंच गया और मैंने उसे सूँघा, उसमें से मादक खुशबू आ रही थी.
भाभी की पूरी पैंटी भीगी हुई थी.

कुछ देर बाद भाभी से रहा नहीं गया और उन्होंने मुझसे कहा- अक्की अब और मत तड़पा, जल्दी से चोद दे मुझे, बुझा दे मेरी टपकती चूत की प्यास!
उनके मुँह से इतना कामुक सुनकर मैं थोड़ा आश्चर्य में आ गया और उत्तेजित भी हो गया.

मैंने अपने मुँह से भाभी की पैंटी की खींच कर निकाल दी और उनकी जाघें चाटने लगा.
फिर धीरे धीरे भाभी पुसी की तरफ बढ़ने लगा.

जैसे ही मैंने उनकी चूत पर अपना मुँह रखा, भाभी ने मेरा मुँह हटा दिया और बोलीं- ये क्या कर रहे हो, अब इसे भी चाटोगे क्या?

मैंने बोला- हां, आप आराम से लेटो और चूत चटाई के मज़े लो.
भाभी बोलीं- पर तेरे भैया तो सीधा चढ़ जाते हैं. उन्होंने ये सब कभी नहीं किया.

मैंने बोला- भाभी, एक बार करवा के देखो मज़ा न आए, तो कभी नहीं करूंगा.

फिर मैं अपना मुँह उनके चूत पर ले जाकर चुत को पूरी शिद्दत से चाटने लगा.
भाभी तड़प कर ‘आह उई इस्स …’ जैसी आवाज़ें निकालने लगीं.

अभी मैंने थोड़ी देर ही चाटा था कि भाभी ने मेरे बाल पकड़े और मेरा सिर अपनी चूत पर दबाने लगीं.
उन्होंने अपनी दोनों जांघों से मेरा सिर कस लिया.

मैं भाभी पुसी चाटने में लगा रहा और थोड़ी ही देर में भाभी ‘ऊंह अक्की ऊम्म्म … मर गई … आंह …’ बोलती हुई मेरे मुँह पर झड़ गईं.

मैंने उनकी चूत का पानी चाटा और मस्त हो गया.
अब भाभी भी मुझे मादक नजरों से देख रही थीं.

वो बोलीं- साले, तू तो कह रहा था कि तेरी कोई सैटिंग नहीं है. फिर ये सब किधर से सीखा.
मैंने हंस कर कहा- ब्लू फिल्म से सब सीख गया हूँ भाभी.

फिर मैंने उन्हें कुतिया बनने को बोला और उन्होंने वैसा ही किया.

यहां मैं सभी को बता देना चाहता हूँ कि मुझे औरतों की गांड सूंघना और चाटना बहुत पसंद है.

जैसे ही भाभी कुतिया बनी, मैंने उनकी गांड का छिद्र सूँघा, उसमें से इतनी मदहोश करने वाली महक आ रही थी कि मैं एक मिनट तक महक लेता रहा.
फिर मैंने उनकी गांड चाटना शुरू कर दिया.

भाभी की हालत बिगड़ती जा रही थी.

बिना चोदे ही मेरे एक के बाद एक प्रहार से वो पागल हो रही थीं और कामुक आवाजें निकाल रही थीं- आह अक्की … आह ऊम्म्म यस आह आह … ऐसे ही चाटो … मज़े से चाटो खा जाओ मेरी गांड को … उम्म आह लगे रहो अक्की उफ्फ!

यह कहते हुए भाभी अपनी गांड मेरे मुँह पर रगड़ रही थीं.

कुछ देर के बाद भाभी ने मेरी चड्डी निकाल फैंकी और मेरा लंड हाथ में लेकर हिलाने लगीं.

दोस्तो, आप अपने हाथों से कितनी भी मुट्ठ मार लें, किन्तु किसी औरत के हाथ की बात ही कुछ औऱ है.
भाभी के मेरे लंड को पकड़ते ही मेरा 6 इंच का गेहुंआ लंड फूल कर झटके मारने लगा.

मैं भाभी से बोला- भाभी अब मेरे इस कुंवारे लंड का भोग लगाओ, अपने मुँह से इसे चूस लो.
भाभी बोलीं- मैंने आज तक किसी का लंड मुँह में नहीं लिया, लेकिन तूने मुझे अपना इतना दीवाना बना दिया है कि आज से मैं तेरी गुलाम हूँ. अब तू जब जिस चीज़ के लिए कहेगा, मैं करूंगी मेरे जानू.

उन्होंने मेरा लंड मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
मैं उन्हें बताता गया और वो उसी तरह से चूसने लगतीं.
कुछ ही देर की लंड चुसाई से मेरे झड़ने का वक़्त करीब आ गया.

मैंने भाभी से पूछा कि क्या मैं आपके मुँह में अपना वीर्य झाड़ दूँ.
उन्होंने आंख मारते हुए हां का इशारा किया और मैं 4-5 झटके मार कर लंड को उनके गले में फंसा दिया.

मैंने अपने लंड का पूरा माल उनके गले और मुँह में झाड़ दिया.
वो भी मेरा पूरा माल बिना उफ़ के पी गयीं.

अब हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए और 5 मिनट तक एक दूसरे को दोबारा गर्म करने लगे.

अब मैंने भाभी को छेड़ने के लिए लंड को उनकी चूत पर घुमाया पर अन्दर नहीं डाला.
भाभी समझ गईं और बोलीं- अक्की, बहुत दिन से नहीं चुदी हूँ और तू मुझे इतनी देर से तड़पा रहा है. अब बस कर … जल्दी से पहले एक बार चोद दे मुझे!

मैंने भी देर न करते हुए भाभी की दोनों टांगें अपने कंधों पर रख लीं और चूत के छेद में लंड डालने लगा.
लंड का टोपा चूत के अन्दर गया तो ऐसा लगा, जैसे मैंने किसी आग की भट्टी में लंड डाल दिया हो.

उनकी चूत काफी महीनों से न चुदी होने के कारण टाइट थी, इसलिए चुदाई का आनन्द ही कुछ और था.
लेकिन मेरा ये पहली बार होने के कारण मैं 30-35 धक्कों में ही झड़ गया.

भाभी इस बात को जानती थीं तो उन्होंने मेरे लंड को चूस चूस कर फिर से खड़ा कर दिया.

एक बार फिर से मैंने भाभी की चूत में लंड डाला.
इस बार लंड सीधा अन्दर चला गया और मैंने धीरे धीरे चुदाई का खेल शुरू कर दिया.

फिर मैं अपनी स्पीड बढ़ाता गया.
भाभी को भी चुदने में मज़ा आने लगा और वो गांड उछाल उछाल कर मुझसे चुदने लगीं. भाभी ‘उफ्फ यस आह आह आह उम्म अक्की या आह …’ करती हुई चुद रही थीं.

पूरे कमरे में फच्च फच्च फच्च की आवाज़ आ रही थी.
भाभी को इस चरम सुख ने इतना मदहोश कर दिया था कि वो मेरे लंड से चुदते चुदते एक बार झड़ गईं.

इससे भाभी की चुत रसीली हो गई थी और मेरा लंड सटासट चलने लगा था.
पन्द्रह मिनट की चुदाई के बाद मैंने भाभी को कुतिया बनने को कहा.

उनके कुतिया बनने पर मैंने उनकी गांड पर थप्पड़ बजाते हुए पीछे से उनकी चूत में लंड पेला और धक्के लगाने चालू कर दिए.
भाभी हर झटके के साथ मस्ती से चिल्ला रही थीं- उफ्फ हां ऐसे ही चोदो अक्की … मजा आ रहा है.

उनकी इन आवाजों से मेरा जोश और बढ़ता गया.
मैं भी स्पीड बढ़ाता गया.

मेरे धक्कों के गांड पर लगने से पूरे कमरे में चट्ट चट्ट की आवाज़ आने लगी.

अचानक मुझे मस्ती सूझी.
मैंने उनकी गांड के छेद पर थूक टपकाया और चुत चोदते-चोदते उनकी गांड में अपना अंगूठा डालने लगा.

ये अचानक आए मज़े से भाभी की ‘औईई …’ निकल गयी और उन्हें बेहद मज़ा आने लगा.

वो मदहोशी में सराबोर होकर चिल्लाने लगीं- आंह अक्की तेरे नामर्द भैया से कुछ नहीं होता … बस वो लंड डाल कर हिलाकर सो जाता है और एक तू है जो बिना मुझे चोदे एक बार और चोदने पर अब तक दूसरी बार झड़वाने जा रहा है. आह आह अह अक्की ऐसे ही आह हां मेरा निकलने वाला है यआ आह.

ये सब कहती हुई भाभी ज़ोर से आह निकाल कर मेरे लंड पर झड़ गईं.

उनके इस तरह झड़ने से मेरा लंड और आसानी से फिसलने लगा.
मैंने अपना लंड निकाल कर भाभी के मुँह में डाल दिया और भाभी अपना चूत रस चाट गईं.
फिर मैंने उनकी चूत में लंड डालकर बिना रुके कम से कम 20 धक्के और मारे.

अब मेरा वीर्य निकलने को हुआ तो मैंने भाभी से पूछा कि कहां निकालू?
उन्होंने कहा- मुझे तेरा बीज चाहिए, मैं मां बनना चाहती हूँ प्लीज अपना माल मेरी चूत में ही झाड़ना.

मैंने वैसे ही किया और स्पीड बढ़ाते हुए उनकी चूत को अपने माल से भर दिया.
लंड झाड़ कर मैं निढाल हो गया और उन पर ही गिर पड़ा.
हम दोनों ने कुछ पल रुक कर अपनी सांसें बटोरीं.

फिर मैंने भाभी का चेहरा देखा, उनकी आंखों का काजल फैल गया था और उनकी आंखों में आंसू थे.
इससे पहले मैं कुछ बोलता, उन्होंने मुझे गले से लगा लिया और मेरे माथे को चूमा.

भाभी बोलीं- अक्की तू मेरी ज़िंदगी में पहले क्यों नहीं आया, तू छोटा है पर बहुत समझदार है. तूने आज अनजाने में ही सही लेकिन मुझे औरत होने का सुख दिया. थैंक्यू सो मच एंड आई लव यू.

मुझे भी बहुत खुशी हुई और मैंने भी उनको आई लव यू टू बोला, उनको एक स्मूच दी.

उस रात हमने एक और बार चुदाई की और सुबह तक नंगे एक दूसरे की बांहों में सोते रहे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: पहली चुदाई का सुख मौसेरी काजल भाभी ने दिया - by neerathemall - 01-02-2023, 07:21 PM



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