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पहली चुदाई का सुख मौसेरी काजल भाभी ने दिया
#2
मेरे मौसी के 4 बेटे हैं. उन सबकी शादी हो चुकी है.
मौसी के दूसरे लड़के सरस और उनकी बीवी काजल को छोड़ कर, बाकी सभी भाई अपने परिवार के साथ कानपुर शहर में रहते हैं.

अब मैं आपको मेरी भाभी काजल के बारे में बता दूं.
काजल भाभी सांवले रंग की सुडौल शरीर वाली अप्सरा हैं.

वह कर्मठ होने की वजह से काफी सेक्सी और भरे हुए बदन की मालकिन हैं.
उनका जिस्म 38-34-42 का एक चलता फिरता बम है.
उनके शरीर की खुशबू, उनकी नशीली आंखें, उनके रसीले होंठ, उनके गोल सुडौल चूचे, उनकी मटकती हुई विशाल गांड पर तो कई लोग लट्टू हैं.

बात उन दिनों की है जब मैं बारहवीं की परीक्षा के बाद अपनी मौसी के पास घूमने गांव आया था.
तब मेरी उम्र 19 वर्ष थी.

मौसी, भैया और भाभी मेरे आने पर काफी खुश थे.
घर पर मेरी खूब खातिरदारी हुई.

पहले मुझे अपनी भाभी को लेकर मन में कोई गलत ख्याल नहीं थे परन्तु एक दिन कुछ ऐसा हुआ जिसके बाद से सब बदलने लगा.

मौसी के घर में 3 कमरे हैं. जिसमें एक मौसी का कमरा है, एक भैया-भाभी का कमरा है और एक कमरे में मैं रहता था.

गर्मी का समय था तो मैं सुबह जल्दी नहाकर आराम से कूलर की हवा में लेटा फ़ोन पर गेम्स खेल रहा था.
भैया काम पर निकल गए थे और मौसी पड़ोस में गयी थीं.
उस समय घर पर केवल मैं और भाभी थे.

भाभी किचन में खाना बना रही थीं.
तभी मुझे किचन से किसी के दर्द से कराहने की आवाज़ आयी.
मैं भाग कर गया तो मैंने देखा भाभी की उंगली से खून बह रहा है.

मैंने तुरंत भाभी को मलहम लगाई और बैठने को कहा.
फिर मैंने उनसे पूछा कि ये कैसे हुआ?

उन्होंने बताया कि किचन में गर्मी होने की वजह से उन्हें बेहोशी सी आयी और अनजाने में उंगली कट गई.

मैंने उन्हें पानी पिलाया और वहीं उनके साथ बैठ गया.
तभी लाइट चली गयी और गर्मी और बढ़ने लगी.

दिन का समय था और गर्मी ज़ोरों पर थी.

उसी पल मैंने एक मनोरम दृश्य देखा.
भाभी अपनी साड़ी के पल्लू से खुद पर हवा कर रही थीं और उनके शरीर का पसीना उनके माथे से होकर उनके चूचों की घाटी में जा रहा था.
ये सब होता देख कर मैं उत्तेजित हो रहा था.

उस पल में भाभी मुझे कितनी सेक्सी लग रही थीं … क्या बताऊं. उनके शरीर का अंग अंग पसीने से चमक रहा था.

उनकी कमर और वक्ष के हिस्से में वो पसीने की बूंदें कमाल लग रही थीं.

उसी पल से मैं भाभी की जवानी पर फिदा हो गया.
फिर जैसे ही लाइट आई, मैंने टॉयलेट जाकर पहली बार उनके नाम की मुठ मारी.

उस दिन के बाद से मैं भाभी को पटाने और चोदने के तरीके खोजने लगा परन्तु मुझे क्या पता था कि वो पल मेरी किस्मत में बिना कुछ किए ही मुझे स्वयं प्राप्त हो जाएगा.

इस घटना के कुछ दिन बाद एक दोपहर में अपने रूम में लेटा ब्लूफिल्म देख रहा था और चादर के अन्दर से अपने लंड को हिला रहा था.

मैंने कानों में हैडफ़ोन लगाया हुआ था और आवाज़ फुल पर थी.
मुझे पता नहीं चला कि भाभी मुझे खाना खाने के लिए बुला रही हैं.

मेरे उत्तर न देने पर वो मेरे कमरे की ओर आ गईं और उन्होंने मुझे लंड हिलाते हुए देख लिया.

वो वहीं खड़ी चुपचाप देखने लगीं और यहां मैं अपनी धुन में मस्त आंखें बंद करके मुट्ठी मार रहा था.

मैंने जैसे ही अपनी आंखें खोलीं तो भाभी को वहां खड़ा देखा.
मेरी सिट्टी-पिट्टी गुम हो गयी.

मैं चौंक कर एकदम से बेड से खड़ा हो गया और उन्हें देख कर डरा हुआ सा भूत बन कर खड़ा था.

मेरा लंड मेरे पैंट में खड़ा तम्बू सा लग रहा था जिसे भाभी ने देख लिया था.

कुछ सेकंड तक किसी ने कुछ नहीं बोला, फिर चुप्पी तोड़ते हुए भाभी बोलीं- अक्की (मेरे घर का नाम) अगर ज्यादा जवानी का जोश चढ़ गया हो, तो तेरी मां को बोलकर तेरी शादी करा दूँ? ये क्या कर रहा था तू … रुक तेरे भैया और मौसी को अभी तेरी करतूत बताती हूँ.

ऐसा बोलकर वो जाने लगीं.
तभी मैं उनके सामने आ गया और हाथ जोड़ कर सॉरी कहने लगा.

मैंने उनसे कहा- भाभी, प्लीज मुझे माफ़ कर दो प्लीज … मैं क्या करूं मेरी ज़िंदगी में कोई लड़की नहीं है … और ना ही मैंने कभी कुछ किया है, तो अपने अन्दर की इस आग को शांत करने का यही एक जरिया था. मैं मानता हूँ कि मुझसे गलती हुई है, प्लीज मुझे छोटा समझ कर माफ कर दो. आप जो बोलेंगी, मैं वो करूंगा. बस ये बात हम दोनों तक ही रहने दो प्लीज.
इतना कह कर मैं रोनी सी शक्ल बना कर बैठ गया.

भाभी वहां से जाने लगीं और जैसे ही दरवाज़े के पास पहुंची, उनकी हंसी छूट गयी और वो ठहाके मार कर हंसने लगीं.
अब भाभी बोलीं- क्यों निकल गयी सारी हवा …. देख कितना डराया तुझे. मुझे पता है तुम्हारी उम्र के लड़के ये सब करते हैं, पर तुझे आज ये करते देख मैं दंग रह गयी क्योंकि तू कॉफ़ी भोला टाइप का है इसलिए. चल, अब मूड मत सड़ा और चलकर खाना खा ले.

मुझे थोड़ी राहत मिली.
पर अभी भी मुझे डर ये लग रहा था कि कहीं भाभी ये सारी बातें किसी और को न बोल दें वरना बेइज़्ज़ती हो जाएगी.

पर ऐसा कुछ नहीं हुआ बल्कि उस दिन के बाद से भाभी और मैं अच्छे दोस्तों की तरह काफी खुलकर बातें करने लगे.
फिर धीरे धीरे हम करीब आने लगे.

सब अच्छा चल रहा था लेकिन भाभी मुझे काफी बार थोड़ी उदास दिखती थीं और मेरे पूछने पर हंस कर बात टाल देती थीं.

एक दिन भैया भाभी में जबरदस्त लड़ाई हुई और भैया घर से गुस्से में निकल गए.
मौसी उस वक़्त कानपुर गयी हुई थीं और मैं और भाभी घर पर अकेले रह गए थे.

मैं भाभी के पास गया तो देखा कि भाभी रो रही थीं.
तो मैं उनके पास गया और उन्हें चुप कराने लगा.
भाभी मेरे सीने से लग कर रोने लगीं.

मेरे बहुत पूछने पर उन्होंने बताया कि भैया को शराब की बहुत गन्दी लत है और कल मुझे यह पता चला कि भैया का गांव की किसी और औरत से चक्कर है.

यह सुन मुझे बहुत गुस्सा आया और मैं अनजाने में ये कह गया- भाभी अगर आप उनकी जगह मेरी पत्नी होतीं, तो मैं आपको पलकों पर बिठा कर रखता और रात दिन जो करना होता, वो आपके साथ ही करता.

ये सब सुन कर भाभी थोड़ा शांत हुईं और मुझसे अलग होकर कहने लगीं- अगर हमारा बच्चा होता, तो ये ऐसे इधर उधर मुँह नहीं मारते … पर इनकी शराब की वजह से मेरी कोख कभी हरी नहीं हो सकती.
यह कहकर वे वहां से चली गयीं और खाना बनाने लगीं.

शाम को भैया आए और सीधे कमरे में चले गए.
उधर से वो एक बैग लेकर बाहर आए और भाभी से सुबह के लिए माफी मांग कर कहने लगे- मुझे कंपनी के काम से 3 दिन के लिए जयपुर जाना है.
यह कहकर वो अपना बैग लेकर निकल गए.

अब घर पर सिर्फ मैं और भाभी थे.

हम दोनों ने रात का खाना खाया और साथ बैठ कर टीवी देखने लगे.
भाभी मेरी गोद में सर रखी हुई लेटी थीं.

तभी टीवी में चल रही मूवी में सुहागरात का सीन चलने लगा और मेरे अन्दर उत्तेजना होने लगी.
साथ ही भाभी के लेटे होने की वजह से उनके दोनों चूचे आधे दिख रहे थे, जिन्हें देख मेरे लंड में तनाव आने लगा.

भाभी के कानों में मेरे लंड का कड़ापन लगने के कारण उन्हें भी आभास हो गया लेकिन उन्होंने हटने की या कुछ कहने की जरा भी कोशिश नहीं की.
बल्कि भाभी ने मेरे पूरे लंड पर अपना सर रख लिया और मेरे लंड की गर्मी महसूस करने लगीं.

यहां इस सबसे मेरी हालत खराब हो रही थी.

कुछ देर ऐसे ही लेटने के बाद भाभी उठ कर कमरे में जाने लगीं और मुझसे बोलीं- अक्की मुझे अकेले सोने में डर लगता है, तो तुम आज रात मेरे कमरे में ही सो जाना.
उन्होंने बस इतना कहा ही था कि बिजली चली गयी.
तो मुझे भी उनके साथ सोने के लिए जाना पड़ा.

रात में ठंडी हवा चल रही थी जो खिड़की से बेडरूम में आ रही थी. इस कारण कमरे में ज्यादा गर्मी नहीं थी.
कुछ देर बाद मैं भाभी के बगल में लेट गया था.

भाभी ने तब तक अपने कपड़े बदल लिए थे और एक बहुत ही सेक्सी नाइटी पहन ली थी.

भाभी मेरी तरफ अपनी गांड करके लेटी हुई थीं.
मैं भाभी के सोने का इंतज़ार करने लगा.

करीब दो घंटा बाद मैंने ये देखने के लिए भाभी के पैरों पर अपना पैर रखा कि वह सो गयी हैं या नहीं.

मेरे पैर रखने से उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई, तब मैंने अपना एक हाथ सीधा उनके चूचों पर रख दिया.
इस पर भी उनकी तरफ से कोई हलचल नहीं हुई.

अब मेरी हिम्मत बढ़ी तो मैंने उनके चूचों पर धीरे धीरे हाथ फेरना शुरू कर दिया.
तभी अचानक से भाभी ने मेरी ओर मुड़ कर देखा और मुझे एक जोरदार तमाचा लगा दिया.

मैं सहम गया और दूसरी तरफ करवट लेने लगा कि तभी भाभी मेरे ऊपर चढ़ गईं और उन्होंने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए.
मुझे कुछ समझ में नहीं आया कि ये क्या हुआ और इतना सोचने में ही भाभी की जीभ मेरे मुँह के अन्दर आ गई थी.

अभी मैं अपने मुँह में जीभ का अहसास कर ही रहा था था कि भाभी का हाथ मेरे लौड़े पर आ गया था.
अब इतना सब कुछ होने के चलते मैं भी मदहोश होने लगा और भाभी को बेतहाशा चूमने लगा.

हमारी सांसें बहुत तेज़ चल रही थीं. तभी अचानक बिजली आ गई और हमारी नज़रें मिल गईं.
मैंने भाभी की खूबसूरती को देखा तो उन्होंने लाज से अपनी आंखें बन्द कर लीं.

मैं भाभी के कान की तरफ गया और उनके कानों में कहा- भाभी आई लव यू … न जाने कबसे आपके साथ प्यार करने का मन था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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RE: पहली चुदाई का सुख मौसेरी काजल भाभी ने दिया - by neerathemall - 01-02-2023, 07:18 PM



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