01-02-2023, 06:14 PM
(This post was last modified: 01-02-2023, 06:17 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
पायल की आवाज़ मेरे मुँह में जैसे घुट कर रह गयी।
उसने अपने हाथ पैरों से एक नाकाम कोशिश की मेरी गिरफ्त से बाहर आने की पर सब बेकार था।
उसकी टाइट चूत के लिए मेरे लण्ड के प्रहार बहुत ज्यादा थे शायद और अब तो लण्ड भी उसकी चूत में पूरा समा चुका था।
मुझे मन ही मन एक असीम ख़ुशी सी मिल रही थी पर अब मैं थोड़ा चिंतित था पायल की हालत को देखते हुए।
तो मैंने पायल के चेहरे को सहलाते हुए धीरे धीरे उसकी चूत में अपने लण्ड को आगे पीछे करना शुरू किया जिससे उसका दर्द थोड़ा कम हो जाए।
मुझे भी लण्ड को आगे पीछे करने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी।
पायल की चूत किसी कुंवारी लड़की जैसी टाइट ही थी और मुझे उसे चोदने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी थी।
कुछ देर बाद अब पायल की आँखें भी थोड़ी खुलने लगी थी।
वो कुछ बेहतर लग रही थी मगर उसके चेहरे पर दर्द के भाव अब भी थे।
थोड़े और समय में पायल अपने पूरे होश में थी पर उसकी आँखों में ढेरों सवाल थे जैसे वो मुझसे इस बेदर्दी का कारण पूछ रही थी।
इस सबके बावजूद पायल का बदन मेरी ठापों का पूरा जवाब दे रहा था।
मेरे हर धक्के पर उसकी चूत पलट वार कर रही थी और उसके चूचे तो मौज ले रहे थे जैसे सागर की लहरें!
सवालों के बीच ही पायल की आँखों में संतुष्टि भी दिख रही थी और पायल किसी भी पल पानी छोड़ने को थी।
मेरा लण्ड भी पायल की चूत की गर्मी से तक़रीबन चरम तक पहुंच चूका था और उसको भी एक बहाना चाहिए था कि वो पायल की चूत को हरा कर सके।
मैं पायल को बेतहाशा चूम रहा था और उसके साथ इन पलों का ऐसे आनंद ले रहा था जिसका यहाँ उल्लेख करना संभव नहीं।
मैंने पायल के दोनों हाथ पकड़े और उनको उसके सिर के ऊपर ले जाकर कस कर पकड़ लिया।
इससे मुझे ऐसी अनुभूति हो रही थी जैसे मैं उसको जबर दस्ती चोद रहा हूँ।
मेरा खून बहुत तेज़ी से दौड़ रहा था और मैंने अपनी रफ़्तार को गति देनी शुरू की।
पायल भी भरपूर आनंद लेते हुए मेरी पूरा साथ दे रही थी और मेरी रफ़्तार के जैसे ही उसकी आवाज़ें भी बढ़ती जा रही थी।
उसके मुँह से जाने क्या क्या निकल रहा था- ओह राहुल … मेरी जान … आज मेरी सारी प्यास बुझा दे … मैं जाने कब से प्यासी हूँ … अमित के बिना ये ज़िन्दगी कैसे कट रही है बस मैं जानती हूँ … और उसपर ये बेदर्द जवानी … चोद दे राहुल … ज़ोर लगा … और ज़ोर लगा … आज मेरी चूत की सारी गर्मी निकाल दे हरामी … अपने दोस्त की बहन को चोदता है … साले बहनचोद … और ज़ोर लगा कुत्ते!
मैं पायल के मुँह से ये सब सुनकर हैरान था।
मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि ये वही पायल है.
पर उसकी ऐसी बातें सुनकर मैं और ज्यादा जोश में आ गया.
इस सबका परिणाम ये हुआ कि मैं भी पायल से इसी तरह से बात करने लगा और मैंने भी पायल को पलट जवाब में ढेर सारी गालियां चिपका डाली- साली कुत्ती … तुझे कब से चोदने की सोच रहा था … तू अब जाकर हाथ आयी।
पायल- ओह राहुल और ज़ोर लगा.
राहुल- आज मैंने तुझे इतना चोदना है कि तू जब भी चुदेगी, इस चुदाई को याद करेगी।
पायल कांपती हुई- ज्यादा बातें ना चोद … आज तूने सिर्फ मुझे चोदना है और बातों को नहीं! चल अब चोद मादरचोद!
मैं समझ गया था कि पायल किसी भी समय झड़ने वाली है।
साथ ही उसकी चूत मेरे लण्ड के लिए अभ्यस्त हो चुकी थी तो मैं जानता था कि अब मेरी ठापों से उसको कोई ख़ास जोश नहीं चढ़ रहा था।
तो मैंने पायल के कंधे पर अपने दांत गड़ा दिए और काटने लगा।
पायल को दर्द हुआ तो उसने अपने हाथ छुड़ाने की कोशिश की पर मैंने उसके हाथों को कस कर पकड़े रखा।
इस सबसे पायल को जोश तो चढ़ ही रहा था पर दर्द भी हो रहा था।
लिहाजा उसने फिर से गालियां देनी शुरू की- साले कुत्ते! इतनी बेदर्दी क्यों दिखा रहा है … हराम … खोर … बहन … चोद … पर कह कुछ भी, मज़ा बहुत दे रहा है तू हरामी … तू लगा रह मेरी जान … ताबड़…तोड़ चोद मुझे!
इस सबके दौरान, पायल का पूरा जिस्म कांपने लगा था और उसकी बोली भी लड़खड़ाने लगी थी।
थोड़ा और जोश चढ़ाने को मैंने पायल के हाथों को मसलते हुए धक्के लगाने जारी रखा और पायल ने एक जोरदार चीख के साथ उसके सब्र का बाँध आख़िरकार तोड़ दिया.
और पायल की चूत का झरना ऐसे छूटा जैसे वो कभी नहीं रुकेगा.
पायल हाँफती हुई- ओह राहुल … ओह … ओह … ओह … तूने तो कमाल ही कर दिया आज। मैंने आज तक ऐसा कुछ महसूस नहीं किया।
राहुल पायल को काटते हुए- मैंने भी ऐसी जंगली जवानी नहीं चखी आज तक!
और इसके साथ ही मेरा भी लण्ड पिघल गया और मैंने गुर्राते हुए अपना सारा रस पायल की रसीली और टाइट चूत में छोड दिया.
पायल अपने पैरों को मेरी कमर पे बांधते हुए- राहुल … बस ऐसे ही … बस ऐसे ही … थोड़ी देर अंदर ही रह जान!
राहुल पायल को चूमते हुए- जैसे कहोगी वैसे ही रहेंगे जानेमन … आज का दिन तेरे नाम है.
पायल मुझे अपने अंदर समाते हुए- ओह राहुल … आई लव यू जान.
राहुल पायल के चूचों को सहलाते हुए- आई लव यू पायल जान!
पायल सांसों को इकट्ठा करते हुए- जंगली तो तू हो रहा था यार!
राहुल- तू चीज़ ही ऐसी है कि मैं खुद पर काबू नहीं रख पाया.
पायल- पर ऐसे भी कोई चोदता है क्या?
राहुल- मैं चोदता हूँ ना … पर अब तुझे किसी और की जरूरत नहीं पड़ेगी.
यूँ ही हम दोनों एक दूसरे से बातें बनाते रहे और मैं पायल के ऊपर ही लेटा रहा.
हम दोनों के रस आपस में मिलकर पायल की चूत से बाहर टपक रहे थे और मुझे इसका अहसास हो रहा था।
पायल की चूत मेरे लण्ड को जैसे उसकी हर बून्द के लिए निचोड़ रही थी।
हम करीब एक घंटे से भी ज्यादा तक काम-क्रीड़ा करते रहे थे।
पायल को इस सबकी आदत बिल्कुल नहीं थी और वो बुरी तरह थक चुकी थी।
उसकी सांसें भी बहुत तेज़ चल रही थी और उसमें हिलने तक की भी हिम्मत शेष नहीं थी।
मुझे भी बहुत टाइट चूत मिली थी और मैंने जो बेसब्रों की तरह अपना लण्ड ठोका था, उससे मेरा लण्ड छिल चूका था और मुझे भी हल्का मीठा दर्द हो रहा था।
और उस पर थकान अलग!
फिर भी पायल मुझे और मैं सेक्सी हॉट गर्ल पायल के पूरे बदन को सहला रहा था।
इसी सबके चलते ना जाने कब हम दोनों ऐसे ही एक दूजे से चिपटे हुए सो गए।
मुझमें इतनी भी हिम्मत नहीं थी कि मैं अपना लण्ड भी पायल की चूत से बहार निकाल सकता।
और पायल ने भी ऐसी कोई कोशिश नहीं की।
मैंने सोने से पहले दीवार पर लगी घड़ी की तरफ देखा था तो समय कोई 1 के आस पास हुआ था।
जब मेरी आँख खुली तो मैंने खुद को पायल के बगल में लेटा पाया पर पायल अभी तक बेसुध पड़ी सो रही थी।
सूरज बहुत ज्यादा चढ़ा नहीं था क्यूंकि खिड़कियों से आती रौशनी बहुत तेज़ नहीं थी।
मेरी नज़र पायल के सुन्दर चेहरे पर पड़ी और दूसरी घडी पर जो 5:30 का समय दिखा रही थी।
पायल गहरी नींद में सो रही थी।
मैंने इत्मीनान से पायल को जी भर के देखा और फिर उसके होंठों पर हल्के से अपनी उँगलियाँ फेरीं।
पर पायल ने कोई हरकत नहीं की।
मैंने अपने हाथ को हल्के से पायल के चूचे पर रखा और उसको सहलाने लगा।
मैं थोड़ी देर ही पायल के चूचे और निप्पल से खेला था कि पायल के चेहरे पे एक मुस्कराहट फूट पड़ी।
तब मैंने पायल के निप्पल को चूमा और अपने हाथ को उसकी चूत की तरफ बढ़ाते हुए उसके निप्पल को हल्का सा पिया।
मैंने सिर्फ पायल की चूत को छुआ ही था कि वो जैसे डर कर उठ बैठी हुई।
राहुल- कोई नहीं है पायल जान … मैं हूँ, तुम्हारा राहुल.
पायल- ओह मैं तो डर ही गयी थी। अकेले रहने की आदत सी जो हो गयी है … वैसे तुम्हें इतनी हार्ड कोर …
राहुल पायल की चूत को सहलाते हुए- हाँ … हाँ … क्या हार्ड कोर??
पायल हल्के दर्द के साथ मुस्कुराती हुई- मेरा मतलब, हार्ड कोर मेहनत के बाद भी नींद नहीं आयी क्या?
राहुल पायल की सूजी चूत को एक नज़र देखते हुए- बस तेरी इसी अदा ने तो मुझे दीवाना बना दिया है जानेमन.
पायल मेरा हाथ अपनी चूत से झटकते हुए- कोई दीवाने नहीं हुए हो तुम! तुमको सिर्फ मुझे ठोकना था और अब जब तुम वो कर चुके हो तो ये दीवानापन भी बहुत समय तक नहीं रहेगा।
राहुल उठ कर पायल की चूत का मुआयना करते हुए- मुझ जैसे तुम्हें सारी दुनिया में नहीं मिलेगा पायल जान … यारों का यार हूँ मैं!
पायल शरमाती हुई- वैसे, कितनों के यार हैं आप?
उसकी चूत सूजी पड़ी थी और थोड़ा खून भी चादर पर था जिससे मैं समझ गया कि बहुत समय के बाद हुई चुदाई के कारण पायल की चूत ने एक कुंवारी चूत जैसा आनंद दिया है।
पायल ने मुझे रोकना चाहा पर मैं कहाँ सुन रहा था।
मैंने पायल की चूत की कोमल पंखुड़ियों को अलग करके उसकी चूत में झाँका तो मैं मतवाला ही हो गया।
उसकी चूत अंदर से एकदम गुलाबी थी और अभी भी इतनी टाइट दिख रही थी कि दोबारा लण्ड डालने पर भी पायल की चीखें निकलना पक्का था।
मैंने एक पल नहीं लगाया और पायल की चूत पर एक बार फिर से अपना प्यासा मुँह रख दिया जिसको पायल ने हटाने की एक अधूरी और नाकाम कोशिश सी की।
पायल- पागल हो क्या? दिन निकल आया है। हटो और मुझे थोड़ा आराम और करने दो। पूरा बदन दुःख रहा है मेरा तो!
राहुल- ऐसी भी क्या बात है। एक राउंड तो और बनता है। इतने सालों से तड़प रहा था मैं तेरे लिए!
पायल- मुझे बहुत दर्द हो रहा है जान! अच्छा थोड़ी देर तो रुक सकते हो?
राहुल- थोड़ी देर तो शुरू होने में भी लगेगी। अब यूँ भी ना करो जैसे तुम्हें मज़ा ही नहीं आया।
पायल- मज़ा तो इतना आया कि मैं क्या बताऊँ! शायद इतना मज़ा मुझे अमित ने भी कभी नहीं दिया।
राहुल- तो मैं समझूँ कि तुम बिस्तर में ज़िन्दगी भर मेरी गुलाम रहोगी।
पायल- ऐसी ठुकाई करोगे तो कोई भी तुम्हारी गुलाम बनने को तैयार हो जायेगी जानू!
राहुल- तो एक राउंड मालिक और गुलाम की तरह हो जाए?
पायल चौंकती हुई- वो कैसे होता है?
राहुल इठलाते हुए- समय के साथ सब पता चल जाएगा बस ये समझो कि तुम्हें खूब गालियां पड़ने वाली हैं और थोड़ी मार भी!
पायल आँख मारते हुए- गालियां तो तुमने अब भी कम नहीं दी मुझे! और रही बात मार की, तो आज मेरी चूत को तो ऐसी मार पड़ी है कि मैं इस ज़िन्दगी में तो नहीं भूलने वाली।
मेरे प्यारे दोस्तो और मदमस्त भाभियों, इस भाग में सिर्फ इतना ही।
आशा करता हूँ कि आप सबने इस घटना को पढ़ते हुए अपना पानी जरूर गिरा दिया होगा और कुछ ने तो 1 से ज्यादा बार भी गिराया होगा।
उसने अपने हाथ पैरों से एक नाकाम कोशिश की मेरी गिरफ्त से बाहर आने की पर सब बेकार था।
उसकी टाइट चूत के लिए मेरे लण्ड के प्रहार बहुत ज्यादा थे शायद और अब तो लण्ड भी उसकी चूत में पूरा समा चुका था।
मुझे मन ही मन एक असीम ख़ुशी सी मिल रही थी पर अब मैं थोड़ा चिंतित था पायल की हालत को देखते हुए।
तो मैंने पायल के चेहरे को सहलाते हुए धीरे धीरे उसकी चूत में अपने लण्ड को आगे पीछे करना शुरू किया जिससे उसका दर्द थोड़ा कम हो जाए।
मुझे भी लण्ड को आगे पीछे करने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी।
पायल की चूत किसी कुंवारी लड़की जैसी टाइट ही थी और मुझे उसे चोदने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी थी।
कुछ देर बाद अब पायल की आँखें भी थोड़ी खुलने लगी थी।
वो कुछ बेहतर लग रही थी मगर उसके चेहरे पर दर्द के भाव अब भी थे।
थोड़े और समय में पायल अपने पूरे होश में थी पर उसकी आँखों में ढेरों सवाल थे जैसे वो मुझसे इस बेदर्दी का कारण पूछ रही थी।
इस सबके बावजूद पायल का बदन मेरी ठापों का पूरा जवाब दे रहा था।
मेरे हर धक्के पर उसकी चूत पलट वार कर रही थी और उसके चूचे तो मौज ले रहे थे जैसे सागर की लहरें!
सवालों के बीच ही पायल की आँखों में संतुष्टि भी दिख रही थी और पायल किसी भी पल पानी छोड़ने को थी।
मेरा लण्ड भी पायल की चूत की गर्मी से तक़रीबन चरम तक पहुंच चूका था और उसको भी एक बहाना चाहिए था कि वो पायल की चूत को हरा कर सके।
मैं पायल को बेतहाशा चूम रहा था और उसके साथ इन पलों का ऐसे आनंद ले रहा था जिसका यहाँ उल्लेख करना संभव नहीं।
मैंने पायल के दोनों हाथ पकड़े और उनको उसके सिर के ऊपर ले जाकर कस कर पकड़ लिया।
इससे मुझे ऐसी अनुभूति हो रही थी जैसे मैं उसको जबर दस्ती चोद रहा हूँ।
मेरा खून बहुत तेज़ी से दौड़ रहा था और मैंने अपनी रफ़्तार को गति देनी शुरू की।
पायल भी भरपूर आनंद लेते हुए मेरी पूरा साथ दे रही थी और मेरी रफ़्तार के जैसे ही उसकी आवाज़ें भी बढ़ती जा रही थी।
उसके मुँह से जाने क्या क्या निकल रहा था- ओह राहुल … मेरी जान … आज मेरी सारी प्यास बुझा दे … मैं जाने कब से प्यासी हूँ … अमित के बिना ये ज़िन्दगी कैसे कट रही है बस मैं जानती हूँ … और उसपर ये बेदर्द जवानी … चोद दे राहुल … ज़ोर लगा … और ज़ोर लगा … आज मेरी चूत की सारी गर्मी निकाल दे हरामी … अपने दोस्त की बहन को चोदता है … साले बहनचोद … और ज़ोर लगा कुत्ते!
मैं पायल के मुँह से ये सब सुनकर हैरान था।
मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि ये वही पायल है.
पर उसकी ऐसी बातें सुनकर मैं और ज्यादा जोश में आ गया.
इस सबका परिणाम ये हुआ कि मैं भी पायल से इसी तरह से बात करने लगा और मैंने भी पायल को पलट जवाब में ढेर सारी गालियां चिपका डाली- साली कुत्ती … तुझे कब से चोदने की सोच रहा था … तू अब जाकर हाथ आयी।
पायल- ओह राहुल और ज़ोर लगा.
राहुल- आज मैंने तुझे इतना चोदना है कि तू जब भी चुदेगी, इस चुदाई को याद करेगी।
पायल कांपती हुई- ज्यादा बातें ना चोद … आज तूने सिर्फ मुझे चोदना है और बातों को नहीं! चल अब चोद मादरचोद!
मैं समझ गया था कि पायल किसी भी समय झड़ने वाली है।
साथ ही उसकी चूत मेरे लण्ड के लिए अभ्यस्त हो चुकी थी तो मैं जानता था कि अब मेरी ठापों से उसको कोई ख़ास जोश नहीं चढ़ रहा था।
तो मैंने पायल के कंधे पर अपने दांत गड़ा दिए और काटने लगा।
पायल को दर्द हुआ तो उसने अपने हाथ छुड़ाने की कोशिश की पर मैंने उसके हाथों को कस कर पकड़े रखा।
इस सबसे पायल को जोश तो चढ़ ही रहा था पर दर्द भी हो रहा था।
लिहाजा उसने फिर से गालियां देनी शुरू की- साले कुत्ते! इतनी बेदर्दी क्यों दिखा रहा है … हराम … खोर … बहन … चोद … पर कह कुछ भी, मज़ा बहुत दे रहा है तू हरामी … तू लगा रह मेरी जान … ताबड़…तोड़ चोद मुझे!
इस सबके दौरान, पायल का पूरा जिस्म कांपने लगा था और उसकी बोली भी लड़खड़ाने लगी थी।
थोड़ा और जोश चढ़ाने को मैंने पायल के हाथों को मसलते हुए धक्के लगाने जारी रखा और पायल ने एक जोरदार चीख के साथ उसके सब्र का बाँध आख़िरकार तोड़ दिया.
और पायल की चूत का झरना ऐसे छूटा जैसे वो कभी नहीं रुकेगा.
पायल हाँफती हुई- ओह राहुल … ओह … ओह … ओह … तूने तो कमाल ही कर दिया आज। मैंने आज तक ऐसा कुछ महसूस नहीं किया।
राहुल पायल को काटते हुए- मैंने भी ऐसी जंगली जवानी नहीं चखी आज तक!
और इसके साथ ही मेरा भी लण्ड पिघल गया और मैंने गुर्राते हुए अपना सारा रस पायल की रसीली और टाइट चूत में छोड दिया.
पायल अपने पैरों को मेरी कमर पे बांधते हुए- राहुल … बस ऐसे ही … बस ऐसे ही … थोड़ी देर अंदर ही रह जान!
राहुल पायल को चूमते हुए- जैसे कहोगी वैसे ही रहेंगे जानेमन … आज का दिन तेरे नाम है.
पायल मुझे अपने अंदर समाते हुए- ओह राहुल … आई लव यू जान.
राहुल पायल के चूचों को सहलाते हुए- आई लव यू पायल जान!
पायल सांसों को इकट्ठा करते हुए- जंगली तो तू हो रहा था यार!
राहुल- तू चीज़ ही ऐसी है कि मैं खुद पर काबू नहीं रख पाया.
पायल- पर ऐसे भी कोई चोदता है क्या?
राहुल- मैं चोदता हूँ ना … पर अब तुझे किसी और की जरूरत नहीं पड़ेगी.
यूँ ही हम दोनों एक दूसरे से बातें बनाते रहे और मैं पायल के ऊपर ही लेटा रहा.
हम दोनों के रस आपस में मिलकर पायल की चूत से बाहर टपक रहे थे और मुझे इसका अहसास हो रहा था।
पायल की चूत मेरे लण्ड को जैसे उसकी हर बून्द के लिए निचोड़ रही थी।
हम करीब एक घंटे से भी ज्यादा तक काम-क्रीड़ा करते रहे थे।
पायल को इस सबकी आदत बिल्कुल नहीं थी और वो बुरी तरह थक चुकी थी।
उसकी सांसें भी बहुत तेज़ चल रही थी और उसमें हिलने तक की भी हिम्मत शेष नहीं थी।
मुझे भी बहुत टाइट चूत मिली थी और मैंने जो बेसब्रों की तरह अपना लण्ड ठोका था, उससे मेरा लण्ड छिल चूका था और मुझे भी हल्का मीठा दर्द हो रहा था।
और उस पर थकान अलग!
फिर भी पायल मुझे और मैं सेक्सी हॉट गर्ल पायल के पूरे बदन को सहला रहा था।
इसी सबके चलते ना जाने कब हम दोनों ऐसे ही एक दूजे से चिपटे हुए सो गए।
मुझमें इतनी भी हिम्मत नहीं थी कि मैं अपना लण्ड भी पायल की चूत से बहार निकाल सकता।
और पायल ने भी ऐसी कोई कोशिश नहीं की।
मैंने सोने से पहले दीवार पर लगी घड़ी की तरफ देखा था तो समय कोई 1 के आस पास हुआ था।
जब मेरी आँख खुली तो मैंने खुद को पायल के बगल में लेटा पाया पर पायल अभी तक बेसुध पड़ी सो रही थी।
सूरज बहुत ज्यादा चढ़ा नहीं था क्यूंकि खिड़कियों से आती रौशनी बहुत तेज़ नहीं थी।
मेरी नज़र पायल के सुन्दर चेहरे पर पड़ी और दूसरी घडी पर जो 5:30 का समय दिखा रही थी।
पायल गहरी नींद में सो रही थी।
मैंने इत्मीनान से पायल को जी भर के देखा और फिर उसके होंठों पर हल्के से अपनी उँगलियाँ फेरीं।
पर पायल ने कोई हरकत नहीं की।
मैंने अपने हाथ को हल्के से पायल के चूचे पर रखा और उसको सहलाने लगा।
मैं थोड़ी देर ही पायल के चूचे और निप्पल से खेला था कि पायल के चेहरे पे एक मुस्कराहट फूट पड़ी।
तब मैंने पायल के निप्पल को चूमा और अपने हाथ को उसकी चूत की तरफ बढ़ाते हुए उसके निप्पल को हल्का सा पिया।
मैंने सिर्फ पायल की चूत को छुआ ही था कि वो जैसे डर कर उठ बैठी हुई।
राहुल- कोई नहीं है पायल जान … मैं हूँ, तुम्हारा राहुल.
पायल- ओह मैं तो डर ही गयी थी। अकेले रहने की आदत सी जो हो गयी है … वैसे तुम्हें इतनी हार्ड कोर …
राहुल पायल की चूत को सहलाते हुए- हाँ … हाँ … क्या हार्ड कोर??
पायल हल्के दर्द के साथ मुस्कुराती हुई- मेरा मतलब, हार्ड कोर मेहनत के बाद भी नींद नहीं आयी क्या?
राहुल पायल की सूजी चूत को एक नज़र देखते हुए- बस तेरी इसी अदा ने तो मुझे दीवाना बना दिया है जानेमन.
पायल मेरा हाथ अपनी चूत से झटकते हुए- कोई दीवाने नहीं हुए हो तुम! तुमको सिर्फ मुझे ठोकना था और अब जब तुम वो कर चुके हो तो ये दीवानापन भी बहुत समय तक नहीं रहेगा।
राहुल उठ कर पायल की चूत का मुआयना करते हुए- मुझ जैसे तुम्हें सारी दुनिया में नहीं मिलेगा पायल जान … यारों का यार हूँ मैं!
पायल शरमाती हुई- वैसे, कितनों के यार हैं आप?
उसकी चूत सूजी पड़ी थी और थोड़ा खून भी चादर पर था जिससे मैं समझ गया कि बहुत समय के बाद हुई चुदाई के कारण पायल की चूत ने एक कुंवारी चूत जैसा आनंद दिया है।
पायल ने मुझे रोकना चाहा पर मैं कहाँ सुन रहा था।
मैंने पायल की चूत की कोमल पंखुड़ियों को अलग करके उसकी चूत में झाँका तो मैं मतवाला ही हो गया।
उसकी चूत अंदर से एकदम गुलाबी थी और अभी भी इतनी टाइट दिख रही थी कि दोबारा लण्ड डालने पर भी पायल की चीखें निकलना पक्का था।
मैंने एक पल नहीं लगाया और पायल की चूत पर एक बार फिर से अपना प्यासा मुँह रख दिया जिसको पायल ने हटाने की एक अधूरी और नाकाम कोशिश सी की।
पायल- पागल हो क्या? दिन निकल आया है। हटो और मुझे थोड़ा आराम और करने दो। पूरा बदन दुःख रहा है मेरा तो!
राहुल- ऐसी भी क्या बात है। एक राउंड तो और बनता है। इतने सालों से तड़प रहा था मैं तेरे लिए!
पायल- मुझे बहुत दर्द हो रहा है जान! अच्छा थोड़ी देर तो रुक सकते हो?
राहुल- थोड़ी देर तो शुरू होने में भी लगेगी। अब यूँ भी ना करो जैसे तुम्हें मज़ा ही नहीं आया।
पायल- मज़ा तो इतना आया कि मैं क्या बताऊँ! शायद इतना मज़ा मुझे अमित ने भी कभी नहीं दिया।
राहुल- तो मैं समझूँ कि तुम बिस्तर में ज़िन्दगी भर मेरी गुलाम रहोगी।
पायल- ऐसी ठुकाई करोगे तो कोई भी तुम्हारी गुलाम बनने को तैयार हो जायेगी जानू!
राहुल- तो एक राउंड मालिक और गुलाम की तरह हो जाए?
पायल चौंकती हुई- वो कैसे होता है?
राहुल इठलाते हुए- समय के साथ सब पता चल जाएगा बस ये समझो कि तुम्हें खूब गालियां पड़ने वाली हैं और थोड़ी मार भी!
पायल आँख मारते हुए- गालियां तो तुमने अब भी कम नहीं दी मुझे! और रही बात मार की, तो आज मेरी चूत को तो ऐसी मार पड़ी है कि मैं इस ज़िन्दगी में तो नहीं भूलने वाली।
मेरे प्यारे दोस्तो और मदमस्त भाभियों, इस भाग में सिर्फ इतना ही।
आशा करता हूँ कि आप सबने इस घटना को पढ़ते हुए अपना पानी जरूर गिरा दिया होगा और कुछ ने तो 1 से ज्यादा बार भी गिराया होगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.