01-02-2023, 09:32 AM
सुब्बाराव ने तुरंत ही मेरे पेटीकोट की डोरी खींच दी, जिससे मेरा पेटीकोट मेरे पैरों में जा गिरा और अब मैं ब्रा पैंटी में उसकी बांहों में मचल रही थी.
मैं सोचने लगी कि कहीं ये मुझे यहीं तो नंगी नहीं कर देगा.
मैंने उसे ऐसा करने से रोका और बेडरूम की तरफ इशारा किया.
उसने भी मेरे इशारे को समझते हुए मुझे अपनी गोद में उठा लिया और मुझे बेडरूम में ले गया.
अन्दर मेरा आलीशान बिस्तर लगा हुआ था, जिसमें मोटे फोम का गद्दा और मखमली चादर बिछी हुई थी.
सुब्बाराव ने मुझे पलंग के पास खड़ा किया और अपने दोनों हाथ पीछे ले जाकर मेरे चूतड़ों को पकड़ते हुए अपनी तरफ खींचा.
मैं भी अपने दोनों हाथ उसके गले में डालकर उसके सीने से लग गई.
मेरे तने हुए दोनों दूध उसके मजबूत चौड़े सीने में दबे जा रहे थे.
उसने एक बार फिर से मेरे मखमली होंठों को चूमना शुरू कर दिया और मैं भी उसका पूरा साथ देती हुई अपनी जीभ निकालकर उसके मुँह में डालने लगी.
मैं इतनी उतावली हो गई थी कि अपने दूध को उसके सीने में रगड़ने लगी.
उसका लंड लोवर के अन्दर से ही पूरी तरह से तना हुआ था और मेरी जांघों के बीच घुसा जा रहा था.
मैं भी उसके लंड पर अपनी चूत को छुआ रही थी.
उसका लंड लोवर के अन्दर था इसलिए मुझे उसका सही सही अंदाजा नहीं लग रहा था लेकिन मैं इतना समझ गई थी कि उसका लंड मेरे पति से काफी मोटा था.
जल्द ही उसने मेरी ब्रा को निकाल दिया और मेरे दोनों दूध आजाद हो गए.
सुब्बाराव ने जैसे ही मेरे बड़े बड़े तने हुए मम्मों को देखा, उससे रहा नहीं गया और वो मेरे मम्मों पर टूट पड़ा.
वो बेहद उतावला होकर मेरे दोनों मम्मों को बारी बारी से चूस रहा था और उसने कई बार अपने दांत मेरे मम्मों पर गड़ा दिए थे.
वो मेरे निप्पलों को बड़ी बेदर्दी से चूस रहा था, मुझे मीठा दर्द हो रहा था और साथ ही उसके ऐसा करने से ही मेरे पूरे बदन में आग लग चुकी थी.
मैं ऐसा ही चाहती थी कि कोई मेरे जिस्म को निचोड़ ले औऱ सुब्बाराव बिल्कुल वैसा ही मेरे साथ कर रहा था.
उसके इस तरह से दूध चूसने से मेरे तन में आग लग चुकी थी. मैंने एक झटके में ही उसके लोवर के ऊपर से ही उसका लंड पकड़ लिया और उसे मसलने लगी.
मेरे ऐसा करने से सुब्बाराव और ज्यादा जोश में आ गया. उसने अपने दोनों हाथों से मेरी पीठ को कस कर जकड़ लिया और मेरे सीने को अपने मुँह में चिपका कर मेरे दोनों चूचों को बुरी तरह से चूमने लगा.
मैं भी उसके लंड को लोवर के ऊपर से ही अपनी मुट्ठी में भर ली और दबाते हुए लंड को आगे पीछे करने लगी.
जल्द ही मैंने उसके लोवर की डोरी ढीली कर दी और उसके लोवर के अन्दर हाथ डालकर उसके लंड को बाहर निकाल लिया.
जैसे ही मैंने उसके लंड को देखा, मेरे मुँह से निकल गया- ओह माय गॉड!
दोस्तो, मेरे पति का लंड साढ़े पांच इंच का है, लेकिन सुब्बाराव का लंड तो कम से कम 8 इंच लंबा था और ये काफी मोटा भी था.
इस प्रकार का लंड मैंने अभी तक केवल पोर्न फिल्मों में ही देखा था.
उसका सुपारा सामने से बिल्कुल खुला हुआ था, उसमें सामने कोई चमड़ी नहीं थी.
मैंने सोचा कि ये तो आज मेरी चूत का बैंड बजा देगा. मेरी चूत में आज तक केवल मेरे पति का ही लंड घुसा था. इस लंड के सामने उनका लंड कुछ भी नहीं था.
एक बार फिर से सुब्बाराव ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और दोनों हाथों से मेरी पीठ, कमर, चूतड़, जांघ सबको सहलाने लगा.
जल्द ही उसका लोवर जमीन पर पड़ा हुआ था और वो पूरी तरह से नंगा हो चुका था.
उसके विशाल मजबूत बदन के आगे मेरा नाजुक बदन केवल आधा ही था.
मेरी चूत उस समय तक इतना ज्यादा पानी छोड़ने लगी थी कि मेरी पैंटी सामने की तरफ से पूरी तरह से गीली हो चुकी थी.
मैं लगातार उसके लंड को अपनी हथेली में लेकर आगे पीछे करती हुई जोर जोर से सहला रही थी.
वो भी मेरे पूरे बदन को चूमता जा रहा था और अपने दोनों एक हाथ से मेरे मम्मों को बड़ी बेदर्दी से मसल रहा था.
जल्द ही उसने अपना एक हाथ मेरी चूत के नीचे से डालकर मुझे हवा में उठा लिया और मुझे बिस्तर पर लुड़का दिया.
मैं बिस्तर पर जाकर लेट गई और सुब्बाराव भी मेरे ऊपर आ गया.
उसने दोनों हाथों से मेरे मम्मों को मसलना और चूमना शुरू कर दिया और धीरे धीरे पेट और कमर को चूमते हुए मेरी पैंटी तक पहुंच गया.
उसने एक झटके में ही मेरी पैंटी को निकाल दिया और मुझे पूरी तरह से नंगी कर दिया.
उसने एक नजर मेरी चूत को देखा जो पूरी तरह से पानी में गीली हो चुकी थी.
मेरी चूत पर झांट का एक भी बाल नहीं था, मैंने आज सुबह ही चुत की सफाई की थी.
मेरी गुलाबी चूत अब और ज्यादा चमक रही थी.
वैसे भी मैं अपनी चूत पर अच्छे से साफ सफाई रखती हूं और मेरी चूत को देखकर ही कोई भी जोश से भर सकता है.
सुब्बाराव ने मेरी दोनों टांगों को एक झटके में फैला दिया जिससे मेरी चूत खुलकर उसके सामने आ गई.
सुब्बाराव मेरी चूत की तरफ झुका और अपनी जीभ बाहर निकाल कर मेरी चूत में चलाने लगा.
उस अहसास को मैं कभी भी नहीं भूल सकती क्योंकि आज पहली बार किसी मर्द ने मेरी चूत को चाटा था और मैं बस यही चाहती थी कि कोई मेरी चूत को चाट चाट कर मुझे मजा दे दे.
पोर्न फिल्में देखने के कारण ही मेरे अन्दर Xxx डर्टी पोर्न करने की भावना आई थी और आज मुझे वो सुख मिल रहा था.
बीच बीच में सुब्बाराव अपनी एक उंगली को चूत में डालता और मेरी चूत के पानी को चूत में चारों तरफ लगाकर फिर से चाटता.
कसम से उसने मेरी दिल की तमन्ना पूरी कर दी थी. जिस तरह से मैं चुदाई करना चाहती थी, वो बिल्कुल वैसा ही कर रहा था.
वो मेरी चूत को उंगलियों से फैला कर अन्दर तक अपनी जीभ डाल रहा था और मैं अपनी आंखें बंद किए हुए उस आनन्द को ले रही थी.
मेरी दोनों जांघें बुरी तरह से कांप रही थीं और मैंने दोनों हाथों से चादर को जकड़ी हुई थी.
बीच बीच में मेरे अन्दर इतनी ज्यादा उत्तेजना पैदा हो जाती कि मैं अपनी गांड को जोर जोर से उचकाने लगती.
जल्द ही मेरी कामोत्तेजना ने जवाब दे दिया और मैं सुब्बाराव के मुँह में ही झड़ गई.
सुब्बाराव ने बिना कुछ सोचे मेरी चूत से निकल रहे पानी को चाट चाट कर साफ कर दिया.
वो बस मेरी चूत चाटने में ही व्यस्त था और जल्द ही मैं फिर से गर्म हो गई.
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था और अब मुझे लंड की जरूरत थी.
मैंने अपने हाथ उसके सर पर रखा और उसे ऊपर आने का इशारा किया.
मेरे इशारे को समझते हुए वो मेरे ऊपर आ गया.
मैंने भी अपनी दोनों जांघें फैलाकर उसे अपने आगोश में भर लिया.
हम दोनों एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे और इस बीच सुब्बाराव ने अपना सुपारा मेरी चूत में रख दिया.
उसके सुपारे की गर्मी पाकर मेरे मुँह से अपने आप ही निकल गया- आह सीईईई!
हम दोनों ही एक दूसरे की आखों में देख रहे थे और उसने अपना सुपारा चूत में डालना शुरू कर दिया.
जैसे ही उसका मोटा सा सुपारा चूत के छेद को फैलाता हुआ अन्दर गया, मैं जोर से कराह उठी ‘ऊऊईईई मम्मीईई … आहह … मर गई बहुत मोटा है … आह धीमे.’
मगर वो बिल्कुल भी नहीं रुका और लंड को अन्दर पेलता चला गया.
उसका लंबा लंड मेरी चूत में बिल्कुल अन्दर तक जाकर बैठ गया. उसका इतना मोटा लंड मेरी चूत में इस तरह से घुसा हुआ था कि हवा तक जाने की जगह नहीं थी.
मुझे बेहद दर्द हो रहा था.
मैं अपने हाथ से उसे रोकने की कोशिश कर रही थी, मगर रोक नहीं रही थी.
अब उसने धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
मेरी भी चूत जबरदस्त गर्म थी, जिससे सुब्बाराव के मुँह से भी आह आह की आवाज निकल रही थी.
इधर उसके धक्के तेज हो रहे थे और मैं बुरी तरह से ‘आह आह मम्मीई ईईईईई आह आहाह … ओओह …’ कर रही थी.
जल्द ही सुब्बाराव ने अपनी पूरी रफ्तार पकड़ ली और मैं बुरी तरह से चीखने लगी ‘ऊईई मम्मीईई … आहाह आहाह ओह आहह …’
सुब्बाराव ने अपने दोनों हाथ मेरी पीठ पर ले जाकर मुझे बुरी तरह से जकड़ लिया था और अपनी पूरी ताकत से मेरी चुदाई कर रहा था.
मेरा चेहरा उसके चौड़े सीने के नीचे दबा जा रहा था और उसके इतने भारी भरकम शरीर के नीचे मैं पिसी जा रही थी.
वो इतने जोर से धक्के लगा रहा था कि उसके हर धक्के से मेरा पूरा बदन कांप जाता था.
वैसे तो मेरे पति हर बार मुझे संतुष्ट कर देते हैं लेकिन आज पहली बार मुझे इतनी बेदर्दी से कोई चोद रहा था.
उसका लंबा लंड बुरी तरह से मेरी चूत में अन्दर बाहर हो रहा था और उस मोटे लंड के घर्षण के कारण जल्द ही मैं झड़ गई.
फिर भी सुब्बाराव बिना रुके मुझे चोदे जा रहा था.
जल्द ही सुब्बाराव रुक रुक कर तेज धक्के लगाने लगा मतलब वो लंड बाहर तक निकालता और अपनी पूरी ताकत से अन्दर तक पेल देता.
उसके ऐसा करने से मैं बुरी तरह से जोर जोर से चीख रही थी.
ऐसा उसने 10 से 15 बार किया और फिर लंड को बाहर निकाल कर जोर जोर से हिलाने लगा.
मैं एकटक उसके लंड को देख रही थी और जल्द ही उसके सुपारे से तेज पिचकारी निकली और सीधा मेरे मम्मों पर आकर गिरी.
उसका वीर्य बेहद ही गर्म था.
वो लंड हिलाए जा रहा था और उसका पानी मेरे मम्मों और पेट पर गिर रहा था.
जब तक एक एक बूंद नहीं निकल गया, वो लंड हिलाता रहा.
मेरा सीना और पेट पूरी तरह से चिपचिपा गया था लेकिन मुझे जरा भी गंदा नहीं लग रहा था बल्कि मैं अपने हाथ से उसके पानी को अपने मम्मों में मलने लगी.
मुझे ऐसा करता देख सुब्बाराव अपने दोनों हाथों से अपने पानी को मेरे पूरे मम्मों और पेट में लगा कर मालिश करने लगा.
उसके बाद वो मेरे बग़ल में लेट गया और मैं उठकर बाथरूम गई और अपने आपको आईने में देखने लगी.
मेरा पूरा बदन उसके पानी लगने से चमक रहा था और जैसे जैसे उसका पानी सूख रहा था, वो और गाढ़ा होता जा रहा था.
मैंने टिश्यू पेपर लेकर अपने बदन को साफ किया और बाथरूम करने के बाद वापस बिस्तर पर आकर लेट गई.
उस वक्त तक सुब्बाराव का लंड सिकुड़ चुका था और वो उसके पेट के ऊपर पड़ा हुआ था.
मैं बस उसके लंड को देख रही थी और सुब्बाराव आंख बंद
मैं सोचने लगी कि कहीं ये मुझे यहीं तो नंगी नहीं कर देगा.
मैंने उसे ऐसा करने से रोका और बेडरूम की तरफ इशारा किया.
उसने भी मेरे इशारे को समझते हुए मुझे अपनी गोद में उठा लिया और मुझे बेडरूम में ले गया.
अन्दर मेरा आलीशान बिस्तर लगा हुआ था, जिसमें मोटे फोम का गद्दा और मखमली चादर बिछी हुई थी.
सुब्बाराव ने मुझे पलंग के पास खड़ा किया और अपने दोनों हाथ पीछे ले जाकर मेरे चूतड़ों को पकड़ते हुए अपनी तरफ खींचा.
मैं भी अपने दोनों हाथ उसके गले में डालकर उसके सीने से लग गई.
मेरे तने हुए दोनों दूध उसके मजबूत चौड़े सीने में दबे जा रहे थे.
उसने एक बार फिर से मेरे मखमली होंठों को चूमना शुरू कर दिया और मैं भी उसका पूरा साथ देती हुई अपनी जीभ निकालकर उसके मुँह में डालने लगी.
मैं इतनी उतावली हो गई थी कि अपने दूध को उसके सीने में रगड़ने लगी.
उसका लंड लोवर के अन्दर से ही पूरी तरह से तना हुआ था और मेरी जांघों के बीच घुसा जा रहा था.
मैं भी उसके लंड पर अपनी चूत को छुआ रही थी.
उसका लंड लोवर के अन्दर था इसलिए मुझे उसका सही सही अंदाजा नहीं लग रहा था लेकिन मैं इतना समझ गई थी कि उसका लंड मेरे पति से काफी मोटा था.
जल्द ही उसने मेरी ब्रा को निकाल दिया और मेरे दोनों दूध आजाद हो गए.
सुब्बाराव ने जैसे ही मेरे बड़े बड़े तने हुए मम्मों को देखा, उससे रहा नहीं गया और वो मेरे मम्मों पर टूट पड़ा.
वो बेहद उतावला होकर मेरे दोनों मम्मों को बारी बारी से चूस रहा था और उसने कई बार अपने दांत मेरे मम्मों पर गड़ा दिए थे.
वो मेरे निप्पलों को बड़ी बेदर्दी से चूस रहा था, मुझे मीठा दर्द हो रहा था और साथ ही उसके ऐसा करने से ही मेरे पूरे बदन में आग लग चुकी थी.
मैं ऐसा ही चाहती थी कि कोई मेरे जिस्म को निचोड़ ले औऱ सुब्बाराव बिल्कुल वैसा ही मेरे साथ कर रहा था.
उसके इस तरह से दूध चूसने से मेरे तन में आग लग चुकी थी. मैंने एक झटके में ही उसके लोवर के ऊपर से ही उसका लंड पकड़ लिया और उसे मसलने लगी.
मेरे ऐसा करने से सुब्बाराव और ज्यादा जोश में आ गया. उसने अपने दोनों हाथों से मेरी पीठ को कस कर जकड़ लिया और मेरे सीने को अपने मुँह में चिपका कर मेरे दोनों चूचों को बुरी तरह से चूमने लगा.
मैं भी उसके लंड को लोवर के ऊपर से ही अपनी मुट्ठी में भर ली और दबाते हुए लंड को आगे पीछे करने लगी.
जल्द ही मैंने उसके लोवर की डोरी ढीली कर दी और उसके लोवर के अन्दर हाथ डालकर उसके लंड को बाहर निकाल लिया.
जैसे ही मैंने उसके लंड को देखा, मेरे मुँह से निकल गया- ओह माय गॉड!
दोस्तो, मेरे पति का लंड साढ़े पांच इंच का है, लेकिन सुब्बाराव का लंड तो कम से कम 8 इंच लंबा था और ये काफी मोटा भी था.
इस प्रकार का लंड मैंने अभी तक केवल पोर्न फिल्मों में ही देखा था.
उसका सुपारा सामने से बिल्कुल खुला हुआ था, उसमें सामने कोई चमड़ी नहीं थी.
मैंने सोचा कि ये तो आज मेरी चूत का बैंड बजा देगा. मेरी चूत में आज तक केवल मेरे पति का ही लंड घुसा था. इस लंड के सामने उनका लंड कुछ भी नहीं था.
एक बार फिर से सुब्बाराव ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और दोनों हाथों से मेरी पीठ, कमर, चूतड़, जांघ सबको सहलाने लगा.
जल्द ही उसका लोवर जमीन पर पड़ा हुआ था और वो पूरी तरह से नंगा हो चुका था.
उसके विशाल मजबूत बदन के आगे मेरा नाजुक बदन केवल आधा ही था.
मेरी चूत उस समय तक इतना ज्यादा पानी छोड़ने लगी थी कि मेरी पैंटी सामने की तरफ से पूरी तरह से गीली हो चुकी थी.
मैं लगातार उसके लंड को अपनी हथेली में लेकर आगे पीछे करती हुई जोर जोर से सहला रही थी.
वो भी मेरे पूरे बदन को चूमता जा रहा था और अपने दोनों एक हाथ से मेरे मम्मों को बड़ी बेदर्दी से मसल रहा था.
जल्द ही उसने अपना एक हाथ मेरी चूत के नीचे से डालकर मुझे हवा में उठा लिया और मुझे बिस्तर पर लुड़का दिया.
मैं बिस्तर पर जाकर लेट गई और सुब्बाराव भी मेरे ऊपर आ गया.
उसने दोनों हाथों से मेरे मम्मों को मसलना और चूमना शुरू कर दिया और धीरे धीरे पेट और कमर को चूमते हुए मेरी पैंटी तक पहुंच गया.
उसने एक झटके में ही मेरी पैंटी को निकाल दिया और मुझे पूरी तरह से नंगी कर दिया.
उसने एक नजर मेरी चूत को देखा जो पूरी तरह से पानी में गीली हो चुकी थी.
मेरी चूत पर झांट का एक भी बाल नहीं था, मैंने आज सुबह ही चुत की सफाई की थी.
मेरी गुलाबी चूत अब और ज्यादा चमक रही थी.
वैसे भी मैं अपनी चूत पर अच्छे से साफ सफाई रखती हूं और मेरी चूत को देखकर ही कोई भी जोश से भर सकता है.
सुब्बाराव ने मेरी दोनों टांगों को एक झटके में फैला दिया जिससे मेरी चूत खुलकर उसके सामने आ गई.
सुब्बाराव मेरी चूत की तरफ झुका और अपनी जीभ बाहर निकाल कर मेरी चूत में चलाने लगा.
उस अहसास को मैं कभी भी नहीं भूल सकती क्योंकि आज पहली बार किसी मर्द ने मेरी चूत को चाटा था और मैं बस यही चाहती थी कि कोई मेरी चूत को चाट चाट कर मुझे मजा दे दे.
पोर्न फिल्में देखने के कारण ही मेरे अन्दर Xxx डर्टी पोर्न करने की भावना आई थी और आज मुझे वो सुख मिल रहा था.
बीच बीच में सुब्बाराव अपनी एक उंगली को चूत में डालता और मेरी चूत के पानी को चूत में चारों तरफ लगाकर फिर से चाटता.
कसम से उसने मेरी दिल की तमन्ना पूरी कर दी थी. जिस तरह से मैं चुदाई करना चाहती थी, वो बिल्कुल वैसा ही कर रहा था.
वो मेरी चूत को उंगलियों से फैला कर अन्दर तक अपनी जीभ डाल रहा था और मैं अपनी आंखें बंद किए हुए उस आनन्द को ले रही थी.
मेरी दोनों जांघें बुरी तरह से कांप रही थीं और मैंने दोनों हाथों से चादर को जकड़ी हुई थी.
बीच बीच में मेरे अन्दर इतनी ज्यादा उत्तेजना पैदा हो जाती कि मैं अपनी गांड को जोर जोर से उचकाने लगती.
जल्द ही मेरी कामोत्तेजना ने जवाब दे दिया और मैं सुब्बाराव के मुँह में ही झड़ गई.
सुब्बाराव ने बिना कुछ सोचे मेरी चूत से निकल रहे पानी को चाट चाट कर साफ कर दिया.
वो बस मेरी चूत चाटने में ही व्यस्त था और जल्द ही मैं फिर से गर्म हो गई.
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था और अब मुझे लंड की जरूरत थी.
मैंने अपने हाथ उसके सर पर रखा और उसे ऊपर आने का इशारा किया.
मेरे इशारे को समझते हुए वो मेरे ऊपर आ गया.
मैंने भी अपनी दोनों जांघें फैलाकर उसे अपने आगोश में भर लिया.
हम दोनों एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे और इस बीच सुब्बाराव ने अपना सुपारा मेरी चूत में रख दिया.
उसके सुपारे की गर्मी पाकर मेरे मुँह से अपने आप ही निकल गया- आह सीईईई!
हम दोनों ही एक दूसरे की आखों में देख रहे थे और उसने अपना सुपारा चूत में डालना शुरू कर दिया.
जैसे ही उसका मोटा सा सुपारा चूत के छेद को फैलाता हुआ अन्दर गया, मैं जोर से कराह उठी ‘ऊऊईईई मम्मीईई … आहह … मर गई बहुत मोटा है … आह धीमे.’
मगर वो बिल्कुल भी नहीं रुका और लंड को अन्दर पेलता चला गया.
उसका लंबा लंड मेरी चूत में बिल्कुल अन्दर तक जाकर बैठ गया. उसका इतना मोटा लंड मेरी चूत में इस तरह से घुसा हुआ था कि हवा तक जाने की जगह नहीं थी.
मुझे बेहद दर्द हो रहा था.
मैं अपने हाथ से उसे रोकने की कोशिश कर रही थी, मगर रोक नहीं रही थी.
अब उसने धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
मेरी भी चूत जबरदस्त गर्म थी, जिससे सुब्बाराव के मुँह से भी आह आह की आवाज निकल रही थी.
इधर उसके धक्के तेज हो रहे थे और मैं बुरी तरह से ‘आह आह मम्मीई ईईईईई आह आहाह … ओओह …’ कर रही थी.
जल्द ही सुब्बाराव ने अपनी पूरी रफ्तार पकड़ ली और मैं बुरी तरह से चीखने लगी ‘ऊईई मम्मीईई … आहाह आहाह ओह आहह …’
सुब्बाराव ने अपने दोनों हाथ मेरी पीठ पर ले जाकर मुझे बुरी तरह से जकड़ लिया था और अपनी पूरी ताकत से मेरी चुदाई कर रहा था.
मेरा चेहरा उसके चौड़े सीने के नीचे दबा जा रहा था और उसके इतने भारी भरकम शरीर के नीचे मैं पिसी जा रही थी.
वो इतने जोर से धक्के लगा रहा था कि उसके हर धक्के से मेरा पूरा बदन कांप जाता था.
वैसे तो मेरे पति हर बार मुझे संतुष्ट कर देते हैं लेकिन आज पहली बार मुझे इतनी बेदर्दी से कोई चोद रहा था.
उसका लंबा लंड बुरी तरह से मेरी चूत में अन्दर बाहर हो रहा था और उस मोटे लंड के घर्षण के कारण जल्द ही मैं झड़ गई.
फिर भी सुब्बाराव बिना रुके मुझे चोदे जा रहा था.
जल्द ही सुब्बाराव रुक रुक कर तेज धक्के लगाने लगा मतलब वो लंड बाहर तक निकालता और अपनी पूरी ताकत से अन्दर तक पेल देता.
उसके ऐसा करने से मैं बुरी तरह से जोर जोर से चीख रही थी.
ऐसा उसने 10 से 15 बार किया और फिर लंड को बाहर निकाल कर जोर जोर से हिलाने लगा.
मैं एकटक उसके लंड को देख रही थी और जल्द ही उसके सुपारे से तेज पिचकारी निकली और सीधा मेरे मम्मों पर आकर गिरी.
उसका वीर्य बेहद ही गर्म था.
वो लंड हिलाए जा रहा था और उसका पानी मेरे मम्मों और पेट पर गिर रहा था.
जब तक एक एक बूंद नहीं निकल गया, वो लंड हिलाता रहा.
मेरा सीना और पेट पूरी तरह से चिपचिपा गया था लेकिन मुझे जरा भी गंदा नहीं लग रहा था बल्कि मैं अपने हाथ से उसके पानी को अपने मम्मों में मलने लगी.
मुझे ऐसा करता देख सुब्बाराव अपने दोनों हाथों से अपने पानी को मेरे पूरे मम्मों और पेट में लगा कर मालिश करने लगा.
उसके बाद वो मेरे बग़ल में लेट गया और मैं उठकर बाथरूम गई और अपने आपको आईने में देखने लगी.
मेरा पूरा बदन उसके पानी लगने से चमक रहा था और जैसे जैसे उसका पानी सूख रहा था, वो और गाढ़ा होता जा रहा था.
मैंने टिश्यू पेपर लेकर अपने बदन को साफ किया और बाथरूम करने के बाद वापस बिस्तर पर आकर लेट गई.
उस वक्त तक सुब्बाराव का लंड सिकुड़ चुका था और वो उसके पेट के ऊपर पड़ा हुआ था.
मैं बस उसके लंड को देख रही थी और सुब्बाराव आंख बंद
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.