01-02-2023, 09:26 AM
किसी तरह से मन को मार कर पति के साथ सेक्स का आधा अधूरा मजा लेती रही.
फिर मेरी उसी सहेली ने मेरे लिए ऐसा कुछ किया जिससे कि मेरी सेक्स लाइफ पूरी तरह से बदल गई और अब मैं भी सेक्स का पूरा मजा लेती हूँ.
हुआ यूं कि हम दोनों सहेलियां एक दिन घर पर ही बैठी हुई वाइन पी रही थीं.
वाइन पीते हुए ही उसने मुझसे मेरी सेक्स प्रॉब्लम के बारे में पूछा तो मैंने उससे वही बात फिर से बताई.
मेरी समस्या को सुन कर वो कुछ सोचने लगी और मैं उसके जवाब का इंतजार करने लगी.
उस वक्त मेरे घर की एक नौकरानी घर का काम कर रही थी.
उसे देखते हुए पता नहीं कैसे, उसके मन में एक ख्याल आया.
उसने मुझसे कहा- क्यों न मैं तेरे लिए एक नौकर का इंतजाम कर दूँ, जो तेरे घर का भी काम करे और साथ ही तेरी चूत का भी काम करे!
इस पर मैंने उससे कहा- मेरे घर पर पहले से ही दो नौकरानियां हैं और इसके अलावा मेरे पति किसी और को काम पर नहीं रखेंगे.
वो वाइन की ग्लास लेकर बाल्कनी से बाहर देखती हुई कुछ और सोचने लगी.
फिर मुझसे बोली- यार, तेरा बगीचा कितना गंदा रहता है, इसकी साफ सफाई क्यों नहीं करवाती?
मैंने उससे कहा-उसमें ज्यादा फूल पौधे नहीं लगे हैं और जो कचड़ा रहता है, तो महीने में बस एक बार साफ करवाते हैं.
इस पर उसने फिर से मुझे एक आइडिया दिया.
वो बोली- क्यों न तू अपने बगीचे में ढेर सारे पौधे लगवा ले और उसकी देखरेख करने के लिए मैं तेरे लिए एक मस्त आदमी का इंतजाम कर देती हूं. उसके लिए तू अपने पति को मना ले, बस इसके बाद तेरी हर समस्या का समाधान हो जाएगा. ये बात घर के अन्दर तक ही रहेगी.
मैंने भी सोचा कि ये तरीका अच्छा भी है और सेफ भी. इसके लिए मैं पति को भी आसानी से मना सकती हूं.
बस क्या था, उसी रात मैंने पति से कहा- मुझे अपने बगीचे में फूल पौधे लगवाने हैं और इसकी देखरेख करने के लिए क्या मैं किसी को काम पर रख सकती हूं?
उन्होंने बड़ी आसानी से मुझे इसकी इजाजत दे दी.
अगले दिन मैंने अपनी सहेली को घर बुलाया और उसे सब बात बताई.
मैंने उससे पूछा कि ऐसा आदमी कहां मिलेगा, जो मेरे साथ ये सब करने के लिए तैयार हो और ये सब बात अपने तक ही रखे.
इस पर उसने कहा- इसकी बिल्कुल भी चिंता मत कर. एक बंदा है मेरे पहचान का, जो ये सब काम करने के लिए तैयार हो जाएगा. फिर तुझे चोदने के लिए तो कोई भी आदमी तैयार हो जाएगा क्योंकि तू इतनी मस्त माल है. वैसे भी तेरी जैसी अमीर औरत को कोई गरीब परिवार का आदमी चोदेगा, तो अपनी जी जान लगाकर चोदेगा और तेरा अंग अंग चाटने के लिए तैयार रहेगा.
उसकी बात को मानते हुए मैंने उसे इस काम के लिए हां कह दिया.
उसके बाद एक दो दिन बाद ही हम दोनों बाजार जाकर ढेरों फूल पौधे खरीद लाए.
बस अब इंतजार था तो उस आदमी के आने का, जिससे मेरी सहेली ने बात की थी.
मैं उसे देखने के लिए बहुत उत्सुक थी.
दो दिन तक तो वो नहीं आया.
मेरी सहेली ने बोला कि अगले दिन वो उसे लेकर आ रही है.
अगले दिन मैं बेहद ही उत्सुकता से उन दोनों का इंतजार कर रही थी.
उस दिन पहली बार मेरी पूरी बॉडी में मानो चीटियां रेंग रही थीं.
दोपहर में एक बजे मेरे घर की डोरबेल बजी.
मैं उस वक्त सोफे पर बैठी टीवी देख रही थी.
मेरी नौकरानी ने जाकर दरवाजा खोला और मेरी सहेली अन्दर आई.
उसे अकेली अन्दर आते देख मेरा दिल टूट सा गया.
मैंने इशारे से ही उससे पूछा कि क्या हुआ, अकेली आई है?
उसने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे ऊपर बाल्कनी में ले गई.
बाल्कनी में जाकर उसने बगीचे की तरफ इशारा किया और मैं बगीचे में देखने लगी.
वहां एक आदमी फूलों को देख रहा था.
मुझे उसकी उम्र 45 साल के आसपास लगी.
वो बिल्कुल काले रंग का आदमी था.
पहली नजर देखते ही मुझे अज़ीब सा लगा.
मैं तुरंत बोली- ये है क्या? ये तो कितना बड़ा है मुझसे … और कितना काला है ये!
वो- बड़ा और काला हुआ, तो इससे क्या हुआ … कौन सा तुझे इससे शादी करनी है? ये ऐसा आदमी है, जो तेरी हर इच्छा को पूरी कर देगा. अगर बाद में तुझे पसन्द नहीं आया तो दूसरा कोई देख लेंगे, लेकिन एक बार तू ट्राई तो कर. अगर इसने तुझे खुश न किया तो मुझे बोलना.
मैं थोड़ी देर के लिए सोच में पड़ गई कि क्या करूँ, फिर अपने मन में सोचा कि चलो, ये इतना बोल रही है तो इसकी बात मान लेती हूँ.
इसके बाद हम दोनों ही नीचे कमरे में आ गए और उस आदमी को अन्दर बुलाया.
वो अन्दर आया, तो खड़ा हो गया.
मैंने उसे सोफे पर बैठने के लिए कहा.
मेरी नजर बस उसके फौलाद जैसे काले बदन पर ही टिकी हुई थी.
कसम से वो काफी हट्टा-कट्टा और बेहद मजबूत शरीर का था.
मेरी सहेली ने उसका नाम सुब्बाराव बताया, वो एक तमिल आदमी था.
दिखने में वो भले ही काले रंग का था लेकिन वो काफी मेंटेन मतलब साफ सुथरे शरीर का था.
उसने हाफ बांह की शर्ट और चुस्त पैंट पहन रखी थी.
उसकी हाफ बांह की शर्ट से उसकी बांहों की मसल्स गजब की दिख रही थीं, जैसे किसी पहलवान की होती हैं.
उसकी उम्र 48 साल की थी. वो शहर में अकेला ही रहता था और घरों में काम करता था.
पता नहीं क्यों, मुझे तो उससे बात करने में काफी शर्म आ रही थी.
इसलिए मेरी सहेली ने ही उससे बात की और 16 हजार रुपये महीने में वो हमारे यहां काम सब करने के लिए तैयार हो गया.
मैं उसे देखते हुए तरह तरह की बातें सोच रही थी; जैसे कि यार ये मुझसे कितना बड़ा है. ये 48 साल का है और मैं 27 की … मतलब ये मुझसे 21 साल बड़ा है.
मैं तो इसके सामने बेहद मासूम लग रही हूँ. कहां मैं 55 किलो की हूँ और ये कम से कम 90 किलो का होगा.
इसके साथ ही मैंने सुना है कि मद्रासी लोगों का लंड काफी मोटा और बड़ा होता है. अगर ये सच हुआ, तो ये मेरी हालत खराब कर देगा.
मैं उसे देखते हुए यही सब बात सोच रही थी.
हम लोगों में बात हो गई.
उसने कल से ही काम पर आने के लिए बोला और चला गया.
उसके जाने के बाद मेरी सहेली ने मुझे और ज्यादा समझाया. उसने मेरे अन्दर के डर को कम किया.
मैंने उससे पूछा- क्या तू इसको जानती है … और क्या इससे सेक्स के बारे में सब बात कर ली है?
उसने कहा कि मैंने सब बात कर ली है, तभी उसे लेकर आई हूं. इसको मैं दो साल से जानती हूँ. ये पहले मेरी एक सहेली के घर पर काम कर चुका है.
अगले दिन सुबह से ही सुब्बाराव काम पर आने लगा.
पहले ही दिन मैंने अपने पति से उसकी मुलाकात करवाई और पति ने अपने तरीके से उसकी जांच पड़ताल की.
इस बीच मेरे पति ने उससे पूछा- तुम रहते कहां हो?
उसने अपने रहने की जगह बताई.
इस पर मेरे पति ने कहा कि वो जगह तो यहां से 20 किलोमीटर दूर है? अगर तुम चाहो तो तुम हमारे घर के पीछे बने सर्वेन्ट हाउस में रह सकते हो और इसके लिए तुम्हें कोई किराया भी देने की जरूरत नहीं है. तुम यहां रहोगे, तो हमारे बगीचे के साथ साथ घर का भी और काम कर सकते हो. हमारे घर में सेफ्टी भी रहेगी.
इस बात पर उसने तुरंत ही हां कह दी.
लेकिन मेरे पति को कहां कुछ पता था कि मैंने किस काम के लिए उसे काम पर रखा था और वो अब केवल मेरी सेफ्टी करने वाला था.
दो दिन में ही वो हमारे घर में आकर रहने लगा.
धीरे धीरे समय आगे बढ़ता रहा और उसे हमारे घर पर काम करते हुए एक महीना हो गया.
इस बीच न मेरी उसे कुछ कहने की हिम्मत हो रही थी और उसने ही मुझे कुछ कहा.
फिर एक दिन मेरी सहेली घर आई और उसने मुझसे पूछा- क्या हुआ, तुम दोनों के बीच कुछ हुआ या नहीं?
जब मैंने उसे सब कुछ बताया, तो वो भी मेरे ऊपर हंसने लगी.
मैं करती भी क्या, ऐसा कुछ मैंने पहले कभी नहीं किया था इसलिए मेरे अन्दर काफी ज्यादा डर था.
फिर मेरी सहेली मुझसे बोली- एक काम कर, जिस दिन तेरे पति बाहर जाए उस दिन घर पर पार्टी करते हैं. मैं तू और सुब्बाराव. उस दिन मैं तेरे अन्दर का डर बाहर निकाल दूँगी.
मैं भी इसके लिए तैयार हो गई.
उसके ठीक एक हफ्ते बाद मेरे पति का कंपनी के काम से विदेश जाने का प्लान बना.
उन्होंने मुझे भी साथ चलने के लिए कहा, लेकिन मैंने जाने से मना कर दिया.
यह बात मैंने अपनी सहेली को बताई और उसने मुझे सब कुछ समझा दिया.
फिर मेरी उसी सहेली ने मेरे लिए ऐसा कुछ किया जिससे कि मेरी सेक्स लाइफ पूरी तरह से बदल गई और अब मैं भी सेक्स का पूरा मजा लेती हूँ.
हुआ यूं कि हम दोनों सहेलियां एक दिन घर पर ही बैठी हुई वाइन पी रही थीं.
वाइन पीते हुए ही उसने मुझसे मेरी सेक्स प्रॉब्लम के बारे में पूछा तो मैंने उससे वही बात फिर से बताई.
मेरी समस्या को सुन कर वो कुछ सोचने लगी और मैं उसके जवाब का इंतजार करने लगी.
उस वक्त मेरे घर की एक नौकरानी घर का काम कर रही थी.
उसे देखते हुए पता नहीं कैसे, उसके मन में एक ख्याल आया.
उसने मुझसे कहा- क्यों न मैं तेरे लिए एक नौकर का इंतजाम कर दूँ, जो तेरे घर का भी काम करे और साथ ही तेरी चूत का भी काम करे!
इस पर मैंने उससे कहा- मेरे घर पर पहले से ही दो नौकरानियां हैं और इसके अलावा मेरे पति किसी और को काम पर नहीं रखेंगे.
वो वाइन की ग्लास लेकर बाल्कनी से बाहर देखती हुई कुछ और सोचने लगी.
फिर मुझसे बोली- यार, तेरा बगीचा कितना गंदा रहता है, इसकी साफ सफाई क्यों नहीं करवाती?
मैंने उससे कहा-उसमें ज्यादा फूल पौधे नहीं लगे हैं और जो कचड़ा रहता है, तो महीने में बस एक बार साफ करवाते हैं.
इस पर उसने फिर से मुझे एक आइडिया दिया.
वो बोली- क्यों न तू अपने बगीचे में ढेर सारे पौधे लगवा ले और उसकी देखरेख करने के लिए मैं तेरे लिए एक मस्त आदमी का इंतजाम कर देती हूं. उसके लिए तू अपने पति को मना ले, बस इसके बाद तेरी हर समस्या का समाधान हो जाएगा. ये बात घर के अन्दर तक ही रहेगी.
मैंने भी सोचा कि ये तरीका अच्छा भी है और सेफ भी. इसके लिए मैं पति को भी आसानी से मना सकती हूं.
बस क्या था, उसी रात मैंने पति से कहा- मुझे अपने बगीचे में फूल पौधे लगवाने हैं और इसकी देखरेख करने के लिए क्या मैं किसी को काम पर रख सकती हूं?
उन्होंने बड़ी आसानी से मुझे इसकी इजाजत दे दी.
अगले दिन मैंने अपनी सहेली को घर बुलाया और उसे सब बात बताई.
मैंने उससे पूछा कि ऐसा आदमी कहां मिलेगा, जो मेरे साथ ये सब करने के लिए तैयार हो और ये सब बात अपने तक ही रखे.
इस पर उसने कहा- इसकी बिल्कुल भी चिंता मत कर. एक बंदा है मेरे पहचान का, जो ये सब काम करने के लिए तैयार हो जाएगा. फिर तुझे चोदने के लिए तो कोई भी आदमी तैयार हो जाएगा क्योंकि तू इतनी मस्त माल है. वैसे भी तेरी जैसी अमीर औरत को कोई गरीब परिवार का आदमी चोदेगा, तो अपनी जी जान लगाकर चोदेगा और तेरा अंग अंग चाटने के लिए तैयार रहेगा.
उसकी बात को मानते हुए मैंने उसे इस काम के लिए हां कह दिया.
उसके बाद एक दो दिन बाद ही हम दोनों बाजार जाकर ढेरों फूल पौधे खरीद लाए.
बस अब इंतजार था तो उस आदमी के आने का, जिससे मेरी सहेली ने बात की थी.
मैं उसे देखने के लिए बहुत उत्सुक थी.
दो दिन तक तो वो नहीं आया.
मेरी सहेली ने बोला कि अगले दिन वो उसे लेकर आ रही है.
अगले दिन मैं बेहद ही उत्सुकता से उन दोनों का इंतजार कर रही थी.
उस दिन पहली बार मेरी पूरी बॉडी में मानो चीटियां रेंग रही थीं.
दोपहर में एक बजे मेरे घर की डोरबेल बजी.
मैं उस वक्त सोफे पर बैठी टीवी देख रही थी.
मेरी नौकरानी ने जाकर दरवाजा खोला और मेरी सहेली अन्दर आई.
उसे अकेली अन्दर आते देख मेरा दिल टूट सा गया.
मैंने इशारे से ही उससे पूछा कि क्या हुआ, अकेली आई है?
उसने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे ऊपर बाल्कनी में ले गई.
बाल्कनी में जाकर उसने बगीचे की तरफ इशारा किया और मैं बगीचे में देखने लगी.
वहां एक आदमी फूलों को देख रहा था.
मुझे उसकी उम्र 45 साल के आसपास लगी.
वो बिल्कुल काले रंग का आदमी था.
पहली नजर देखते ही मुझे अज़ीब सा लगा.
मैं तुरंत बोली- ये है क्या? ये तो कितना बड़ा है मुझसे … और कितना काला है ये!
वो- बड़ा और काला हुआ, तो इससे क्या हुआ … कौन सा तुझे इससे शादी करनी है? ये ऐसा आदमी है, जो तेरी हर इच्छा को पूरी कर देगा. अगर बाद में तुझे पसन्द नहीं आया तो दूसरा कोई देख लेंगे, लेकिन एक बार तू ट्राई तो कर. अगर इसने तुझे खुश न किया तो मुझे बोलना.
मैं थोड़ी देर के लिए सोच में पड़ गई कि क्या करूँ, फिर अपने मन में सोचा कि चलो, ये इतना बोल रही है तो इसकी बात मान लेती हूँ.
इसके बाद हम दोनों ही नीचे कमरे में आ गए और उस आदमी को अन्दर बुलाया.
वो अन्दर आया, तो खड़ा हो गया.
मैंने उसे सोफे पर बैठने के लिए कहा.
मेरी नजर बस उसके फौलाद जैसे काले बदन पर ही टिकी हुई थी.
कसम से वो काफी हट्टा-कट्टा और बेहद मजबूत शरीर का था.
मेरी सहेली ने उसका नाम सुब्बाराव बताया, वो एक तमिल आदमी था.
दिखने में वो भले ही काले रंग का था लेकिन वो काफी मेंटेन मतलब साफ सुथरे शरीर का था.
उसने हाफ बांह की शर्ट और चुस्त पैंट पहन रखी थी.
उसकी हाफ बांह की शर्ट से उसकी बांहों की मसल्स गजब की दिख रही थीं, जैसे किसी पहलवान की होती हैं.
उसकी उम्र 48 साल की थी. वो शहर में अकेला ही रहता था और घरों में काम करता था.
पता नहीं क्यों, मुझे तो उससे बात करने में काफी शर्म आ रही थी.
इसलिए मेरी सहेली ने ही उससे बात की और 16 हजार रुपये महीने में वो हमारे यहां काम सब करने के लिए तैयार हो गया.
मैं उसे देखते हुए तरह तरह की बातें सोच रही थी; जैसे कि यार ये मुझसे कितना बड़ा है. ये 48 साल का है और मैं 27 की … मतलब ये मुझसे 21 साल बड़ा है.
मैं तो इसके सामने बेहद मासूम लग रही हूँ. कहां मैं 55 किलो की हूँ और ये कम से कम 90 किलो का होगा.
इसके साथ ही मैंने सुना है कि मद्रासी लोगों का लंड काफी मोटा और बड़ा होता है. अगर ये सच हुआ, तो ये मेरी हालत खराब कर देगा.
मैं उसे देखते हुए यही सब बात सोच रही थी.
हम लोगों में बात हो गई.
उसने कल से ही काम पर आने के लिए बोला और चला गया.
उसके जाने के बाद मेरी सहेली ने मुझे और ज्यादा समझाया. उसने मेरे अन्दर के डर को कम किया.
मैंने उससे पूछा- क्या तू इसको जानती है … और क्या इससे सेक्स के बारे में सब बात कर ली है?
उसने कहा कि मैंने सब बात कर ली है, तभी उसे लेकर आई हूं. इसको मैं दो साल से जानती हूँ. ये पहले मेरी एक सहेली के घर पर काम कर चुका है.
अगले दिन सुबह से ही सुब्बाराव काम पर आने लगा.
पहले ही दिन मैंने अपने पति से उसकी मुलाकात करवाई और पति ने अपने तरीके से उसकी जांच पड़ताल की.
इस बीच मेरे पति ने उससे पूछा- तुम रहते कहां हो?
उसने अपने रहने की जगह बताई.
इस पर मेरे पति ने कहा कि वो जगह तो यहां से 20 किलोमीटर दूर है? अगर तुम चाहो तो तुम हमारे घर के पीछे बने सर्वेन्ट हाउस में रह सकते हो और इसके लिए तुम्हें कोई किराया भी देने की जरूरत नहीं है. तुम यहां रहोगे, तो हमारे बगीचे के साथ साथ घर का भी और काम कर सकते हो. हमारे घर में सेफ्टी भी रहेगी.
इस बात पर उसने तुरंत ही हां कह दी.
लेकिन मेरे पति को कहां कुछ पता था कि मैंने किस काम के लिए उसे काम पर रखा था और वो अब केवल मेरी सेफ्टी करने वाला था.
दो दिन में ही वो हमारे घर में आकर रहने लगा.
धीरे धीरे समय आगे बढ़ता रहा और उसे हमारे घर पर काम करते हुए एक महीना हो गया.
इस बीच न मेरी उसे कुछ कहने की हिम्मत हो रही थी और उसने ही मुझे कुछ कहा.
फिर एक दिन मेरी सहेली घर आई और उसने मुझसे पूछा- क्या हुआ, तुम दोनों के बीच कुछ हुआ या नहीं?
जब मैंने उसे सब कुछ बताया, तो वो भी मेरे ऊपर हंसने लगी.
मैं करती भी क्या, ऐसा कुछ मैंने पहले कभी नहीं किया था इसलिए मेरे अन्दर काफी ज्यादा डर था.
फिर मेरी सहेली मुझसे बोली- एक काम कर, जिस दिन तेरे पति बाहर जाए उस दिन घर पर पार्टी करते हैं. मैं तू और सुब्बाराव. उस दिन मैं तेरे अन्दर का डर बाहर निकाल दूँगी.
मैं भी इसके लिए तैयार हो गई.
उसके ठीक एक हफ्ते बाद मेरे पति का कंपनी के काम से विदेश जाने का प्लान बना.
उन्होंने मुझे भी साथ चलने के लिए कहा, लेकिन मैंने जाने से मना कर दिया.
यह बात मैंने अपनी सहेली को बताई और उसने मुझे सब कुछ समझा दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.