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Incest चचेरी बहन बबिता ने ........................
#10
मेरा लंड अभी भी सख्त था और बबिता की बुर में घुसा हुआ ठुमकियाँ मार रहा था कोई 4-5 मिनट तक बबिता ऐसे ही पड़ी गहरी सांसें लेती रही मैं उसके भारी बदन के नीचे दबा पड़ा था पर उसका भार मुझे अच्छा ही लग रहा था आखिर में मैंने उसकी नंगी पीठ को सहलाते हुए कहा बबिता अभी मेरा हुआ नही…. उसने सर उठा कर मेरी ओर देखा और मेरे होंठो को चूम कर बोली थैंक्स संजू आज जीवन मे पहली बार इतना सुख मिला मुझे आज मुझे पता चला लड़कियां इसी सुख को पाने के लिए सारे जतन कर के किसी लड़के साथ सम्बन्ध बनाती हैं मैंने कहा तुमने भी जतन कर के सब कुछ पा लिया मेरी जान वो मेरे ऊपर से उठी और मेरे बगल में ही बैठ गयी मेरे नंगे सीने और पेट पर हाथ फ़िराते हुए बोली संजू आज तुम मेरी जान भी मांग लो तो मैं मना नही करूंगी इतना आंनद दिया है तुमने मुझे मैंने मेरी जान मुझे तुम्हारी जान नही चूत चाहिए वो बोली संजू अभी और चोदोगे क्या मैंने टाइम देखा रात के 12:30 हो रहे थे मुझे लगा अब तो हर रात ही बबिता को चोदने का मौका मिलेगा और कल काम पर भी जाना है थोड़ी देर तो सोना भी चाहिए मैंने कहा बबिता काफी रात हो रही है सुबह काम पर भी जाना बस जल्दी से मेरे लौड़े की गर्मी शांत कर दे फिर सोते हैं ये सुन कर वो मेरे लंड को देखने लगी जो उसकी बुर के चिपचिपे रस से भीगा सर उठाये खड़ा था उसने लंड पर झुकते हुए अपना मुह खोला और सुपाड़े को होंठो के बीच दबा लिया और जीभ को सुपाड़े पर गोल गोल घुमाने लगी मैं आंखे बंद कर आराम से लेट गया और बबिता अपना सर हिला कर लंड को चूसने लगी वो बीच बीच मे लंड मुह से निकाल कर जीभ से उसे ऊपर से नीचे तक चाटती और फिर से मुह में ले कर चूसने लगती धीरे धीरे उसने 5 इंच तक लंड मुह में ले कर चूसना शुरू कर दिया और फिर लंड चूसते हुए उसने एक हाथ मेरे सीने पर सीने को सहलाना शुरू कर दिया और फिर अपनी उंगली से मेरे निप्पल को छेड़ने लगी मेरे गुलाबी गुलाबी निप्पल चवन्नी के साइज के थे पर उस पर बबिता की उंगली लगते ही मेरे जिस्म में एक लहर ही दौड़ गयी मुझे बहोत अच्छा महसूस हुआ तभी मेरे दिमाग मे अगर उंगली इतना मज़ा दे रही है तो बबिता इन्हें चूसे तो कितना मज़ा आएगा मैंने बबिता की बांह पकड़ कर उसे ऊपर खींचा तो उसने मेरी ओर देखा मैंने उसे इशारा किया तो वो खिसक कर ऊपर आ गयी मैंने उसके सर के पीछे हाथ डाल कर उसका सर अपने सीने पर झुकाते हुए कहा बबिता मेरे निप्पल चूसते हुए मुठ मार दे बबिता ने मुस्कुराते हुए मेरे छोटे से निप्पल पर होंठ रखे और हाथ बढ़ा कर गीले लंड को मुट्ठी में कस लिया और लंड पर तेजी से हाथ चलाते हुए निप्पल को चूसने लगी कभी वो जीभ से निप्पल को कुरेदती कभी दांतो से पकड़ती और कभी होंठो में दबा कर पीने लगती मेरे बदन में बिजली सी दौड़ने लगी मैं भी झड़ने की कगार पर था मेरे मुह से हल्की आवाज़ें निकलने लगी….. मैंने एक हाथ बबिता के सीने के नीचे घुसा कर उसकी एक चूची मुट्ठी में भर ली और चूची को मसलते हुए बोला aaahhhh बबिता रानी ऐसे ही चूस साली बड़ा अच्छा लग रहा है मेरी जान मैं झड़ने वाला हूँ मेरी जान aaahhhh और तेजी से हाथ चला बुरचोदी….. ( वैसे मैं गालियां नही देता किसी को पर आनंद के अतिरेक में मेरे मुह से गाली निकल गयी ) बबिता ने और तेजी से लंड पर हाथ चलाना शुरू कर दिया और एकदम से मेरे लंड से वीर्य के तेज धार निकली इतना फोर्स से झडा मेरा लंड की पहली धार हवा में उड़ती हुई बबिता के सर पर आ गिरी पर ये तो पहली थी अगले ही पल दूसरी धार निकली और बबिता के सर के साथ साथ कुछ बूंदे मेरे चेहरे पर भी आ गिरी उसके बाद 3-4 झटके और लगे और काफी सारा गाढ़ा गाढ़ा गर्म वीर्य मेरे पेट पर टपक गया बबिता ने सर पर कुछ टपकने का आभास होते ही निप्पल चूसना छोड़ कर मेरे लंड की ओर देखा और कुछ बूंदे उड़ती हुई उसके चेहरे पर भी आ गिरी….. पर वो लंड पर हाथ चलाती रही एक एक बूंद निचोड़ कर ही उसने अपना हाथ रोका फिर मेरी आँखों मे देख कर बोली संजू कैसा लगा मज़ा आया….. मैंने उसके गाल पर उंगली फ़िराते हुए कहा जान मुझे लगता है मुझे सेक्स का इस से ज्यादा सुख कोई भी औरत या लड़की नही दे सकती जितना तुमने दिया वो मुस्कुराने लगी मैंने कहा पर मेरा वीर्य आज बर्बाद हो गया वो सवालिया नजरो से मेरी ओर देखने लगी मैंने कहा मैंने आज तक अपना वीर्य ऐसे नही निकाला ( हांलाकि मैं सफेद झूठ बोल रहा था ) वो बोली फिर कैसे निकालते थे मैंने हमेशा किसी औरत या लड़की के अंदर उसकी चूत गांड़ या मुह में ही निकाला है मैंने लंड का रस वो बोली पहले बोलना था ना मैं भी मुह में ले लेती वैसे भी मेरा बड़ा मन करता था पोर्न में देख कर मैं भी किसी आप जैसे गोरे चिकने लंड का रस चाटती मैंने कहा वैसे अभी भी चाट सकती हो मेरे पेट पर ही पड़ा है उसने एक बार गर्दन घुमा कर मेरे बदन पर बिखरी वीर्य की बूंदों को देखा फिर झुक कर जीभ निकाल कर उन बूंदों पर फिराने लगी एक बार चाट कर वो थोड़ा रुकी मानो उस स्वाद को चेक कर रही हो और फिर लंबी सी जीभ निकाल कर लपर लपर कुतिया जैसी उन वीर्य की बूंदों को चाटने लगी पूरा पेट और सीना चाट कर साफ करने के बाद वो थोड़ा सा नीचे सरक कर लंड के सुपाड़े पर जीभ फिरा कर वहां लगी दो चार बूंदे भी चाट गयी और चटकारा सा ले कर बोली मज़ेदार है और फिर बगल में लेट कर नंगी ही मुझसे कस के लिपट गयी मेरे कान पर होंठ रगड़ती हुई बोली लव यू संजू मैंने कहा लव यू टू बबिता…. अब हमें सोना चाहिए वो बोली ठीक है फिर हमने कपड़े पहने और अपने अपने फोल्डिंग पर बिस्तर लगा कर लाइट्स ऑफ कर के सो गए…..
सुबह साढ़े सात बजे बबिता ने मुझे हिला हिला कर जगाया मैंने आँखे खोल कर देखा वो नहा कर गीले बालों में मुझ पर झुकी थी बोली उठो भैया काम पर नही जाना क्या मैंने कहा वाह दिन में भैया रात में सैय्यां और रात भर इतनी मेहनत करवाओगी तो दिन में काम कैसे करेगा कोई उसने आंखे तरेर कर रहा अम्मा बाहर हैं अभी बातें नही उठो जल्दी से फिर मैं उठ कर बाथरूम में घुस गया और जल्दी से नहा धो के आ गया कपड़े पहन कर तैयार हुआ और वही आंगन में आ कर बैठ गया बबिता नाश्ता ले आयी वो बड़े प्यार से मुझे खिला रही थी उसकी आँखों और व्यवहार में आज अलग ही प्यार झलक रहा था…. मैंने नाश्ता निपटाया चाचा भी खा पी कर तैयार थे फिर हम चल पड़े काम पर साइट पर पहुंच कर मैंने कहा चाचा आप काम शुरू करो मैं बस 10 मिनट में आया मैंने गांव में अपने दोस्त गोपाल को फ़ोन किया और उस से बात कर के उसे बताया कि यहां शहर में बहोत काम है बढ़िया काम है अच्छा पैसा मिलेगा खाने रहने का भी इंतजाम है गांव के जितने लड़के आना चाहें सबसे बात कर के शाम तक बता मुझे उसने कहा 9-10 लड़के तो पहले से तैयार हैं कि कहीं कोई काम मिले बाकी 2-4 और बात करने पर आ जाएंगे उसने कहा वो 2-3 घंटे में मुझे बताएगा और फिर मैं भी चाचा के पास आ गया, तभी मुझे लगा एक बार सक्सेना जी से बात कर लेनी चाहिए मैंने कागज के टुकड़े पर लिखा उनका नंबर डायल किया उन्होंने कॉल रिसीव करते हुए कहा कौन मैंने कहा प्रणाम सर मैं संजय मेरा नम्बर नही था आपके पास इसलिए कॉल की… वो बोले खुश रहो बेटा सुनो मेरी बात यहाँ नई साइट पर लेबर कम हैं कम से कम 50 लेबर चाहिए लेकिन यहाँ 23 लोग ही हैं जल्दी इंतजाम कर दो मैंने कहा ठीक है सर मैंने गांव बात कर ली है शायद कल लड़के आ जाएंगे वो बोले गुड फिर वो बोले तुम्हारी बाइक पहुंच गई है गैरेज में शाम को चाचा के साथ अंसारी के गैरेज चले जाना उस से बोलना सक्सेना जी वाली बाइक दे दे या मेरी बात करवाना उस से मैंने ok सर मैं अब काम मे लग जाऊं फिर उन्होंने कॉल काट दी और मैं कपड़े बदल कर काम पर लग गया दोपहर तक हमने काम किया आज भी काफी काम निपटा गया था फिर दोपहर में 2 बजे चाचा बोले संजय बेटा अब खाना खा लेते हैं मैंने कहा ठीक है फिर हमने हाथ मुह धो कर खाना खाया खाना खाते हुए मैं सोच रहा था सब कुछ एकदम सही चल रहा है पैसे भी और चोदने के लिए मस्त मेरी पसन्द की चूत भी तभी चाचा खाते हुए बोले संजय परसो रविवार है यहाँ रविवार को काम नही होता छुट्टी रहती है मैं उस दिन तेरी चाची के साथ गांव जाऊंगा मैंने कहा ठीक है चाचा मैं तो घर पर ही आराम करूँगा उस दिन अच्छा हुआ हफ्ते में एक छुट्टी है नही हालत खराब हो जाती काम कर कर के चाचा खाना खत्म कर चुके थे जेब से बीड़ी निकाल कर जलाते हुए बोले पहले वाला सुपरवाइजर रोज काम करवाता था लेकिन सक्सेना जी बढ़िया आदमी हैं ये जब से आये हैं रविवार को छुट्टी देने लगे हैं और सही भी है 6 दिन काम करने के बाद सारे लेबर एक दिन के लिए अपने घर या गांव जा पाते हैं घर परिवार वालों से मिलने वो बोले तुम भी चाहो तो गांव चले जाने एक दिन के लिए मैंने टिफ़िन झोले में रखते हुए कहा चाचा अभी 3 दिन पहले ही तो आया हूँ क्या करूँगा जा के और दिन तो आने जाने में ही निकल जायेगा यहीं घर पर पड़ा रहूंगा वो बोले जैसी तेरी मर्ज़ी फिर हम दोबारा काम मे लग गए और शाम 6 बजे चाचा बोले तू जा के लेबर का हिसाब कर दे मैं थोड़ी देर और काम निपटा लूं फिर साथ ही घर चलेंगे मैंने कहा चाचा वो सक्सेना जी से बात हुई थी कह रहे थे शाम को अंसारी के गैरेज से बाइक उठानी है चाचा बोले ठीक है साढ़े 6 तक तू फुर्सत हो जा फिर चलते हैं मैं हाथ मुह धो कर कपड़े बदल कर नीचे आया केबिन के बाहर मजदूरों की भीड़ लगी थी मैंने चाभी निकाल कर केबिन खोला और लाकर से पैसे और रजिस्टर ले कर बाहर आ गया मैनें एक एक लेबर का नाम पुकारना शुरू किया और उन्हें पैसे दे कर उनके अंगूठे के निशान लेता गया आधे घंटे में मेरा काम खत्म हुआ तभी चाचा भी आ गए बोले मेरे पैसे भी दे दे अब तो तू ही सेठ हो गया है मैंने कहा क्या चाचा मैं यो नौकर हूँ सेठ का चाचा बोले जिसके हाथ मे पैसा वही सेठ फिर वो हंसने लगे बोले बड़ी किस्मतवाला है तू आते ही एकदम से यहां तक पहुंच गया मैंने चाचा को भी पैसे दिए उनके वो बोले अपना भी ले ले मैंने अपने भी 600 निकाल कर चाचा को दे दिए वो बोले सारे क्यों दे रहा अपने पैसे अपने पास रख मैंने कहा चाचा आप ही रखो जब मुझे जरूरत होगी आपसे ले लूंगा वो खुश हो गए ये सुन कर बोले एक मेरा लौंडा है साला पैसे पाते ही निकल लेता था मुझे यहां छोड़कर मैंने कहा चाचा यहां बाबूजी और अम्मा तो हैं नही आप लोग ही उनकी जगह हो तो मेरे लिए आप ही मेरे बाबूजी और चाची अम्मा जैसी हैं यहां वो मेरी पीठ ठोंकते हुए बोले खुश रहो बेटा फिर मैंने बचे हुए पैसे और रजिस्टर अलमारी में रख कर सब लॉक किया और हम पार्किंग में आ गए चाचा ने बाइक की चाभी मुझे दी और हम चल पड़े एक खास बात ये हुई कि आज गेट पर खड़े गॉर्ड ने मुझे सलाम किया शायद उसे भी पता चल गया था कि इस साइट का काम सक्सेना जी ने मेरे जिम्मे कर दिया है मैंने उसे सर हिला कर जवाब दिया और फिर हम चल पड़े चाचा मुझे रास्ता बताते रहे और हम अंसारी के गैरेज पहुंचे वहां काफी सारे लड़के ढेर सारी बाइक की मरम्मत में लगे हुए थे और बूढ़ा दाढ़ी वाला इंसान लुंगी बनियान में कुर्सी पर बैठा सिगरेट पी रहा था चाचा ने उसके पास सलाम किया और बोले अंसारी मियां सक्सेना जी के कोई बाइक भिजवाई थी क्या सर्विस के लिए अंसारी ने उनकी सलाम का जवाब देते हुए कहा हां भिजवाई थी और उसका सारा काम हो भी गया है वो कह रहे थे किसी लड़के को भेजेंगे बाइक लेने चाचा बोले हां ये मेरा भतीजा संजय है इसी के बारे में बोला होगा उन्होंने अंसारी आवाज़ दी इरशाद जरा वो सक्सेना जी वाली पल्सर की चाभी देना और इरशाद एक चाभी ले कर आया अंसारी ने इरशाद से चाभी ले कर मुझे दी मैंने फ़ोन निकाल कर सक्सेना जी को कॉल की उन्होंने कॉल रिसीव की मैंने कहा प्रणाम सर मैं अंसारी चाचा की दुकान पर हूँ बाइक लेने आया हूँ वो बोले मेरी बात करवाओ मैंने फ़ोन अंसारी को दिया उसने उनसे बात की और फिर फ़ोन मुझे पकड़ाते हुए बोला अमा मियां मैंने तुमसे पैसे कब मांगे तो तुमने सक्सेना जी को कॉल कर दी मैंने तो चाभी तुम्हें दे दी थी मैंने कहा फिर भी ऐसे कैसे मैं ले कर चला जाता चाचा बोले अब चलो भी घर संजय मुझसे और खड़ा नही रहा जा रहा अंसारी बोला वो सामने वाली बंद दुकान के नीचे खड़ी है तुम्हारी बाइक ले जाओ मैं बाइक के पास ब्लू कलर की शानदार बाइक मैंने पहले एक बार ही पल्सर चलाई थी गांव में एक दोस्त अपने मामा के लड़के की मांग कर लाया था और मेरे बड़ी खुशामद करने के बाद उसने 10 मिनट के लिए मुझे चलाने दी थी मैंने बाइक पर बैठ कर सेल्फ लिया और इंजन जाग उठा मैंने मन ही मन खुद को शाबाशी दी……, तभी चाचा अपनी बाइक ले कर मेरे पास आये और बोले मेरे पीछे पीछे आ जा मैंने अपनी बाइक उनकी बाइक के पीछे डाल दी आधे घण्टे में हम घर पहुंच गए मैंने गेट के सामने बाइक लगा कर हॉर्न बजाय हॉर्न की आवाज़ सुनते ही बबिता ने दरवाजा खोला उसने स्काई कलर की कुर्ती और पजामी पहनी थी बाल खुले हुए थे उसके बहोत ही सेक्सी लग रही थी वो मुझे बाइक पर देखते ही पास आ कर बोली अरे वाह भैया मिल गयी बाइक मैंने कहा हां मिल गयी फिर मैंने और चाचा ने अपनी अपनी बाइक अंदर लगाई और हम अंदर आ गए मैं सीधा बाथरूम में घुस गया उर नहा कर कपड़े बदल कर बाहर आया आज सब घर पर ही थे हम ही लेट आये थे तो बबिता भी काम से आ चुकी थी और अभय भी घर पर ही था वो वही आंगन में बैठा था 3 दिन में पहली बार मेरा उसका सामना हुआ उसने मुझसे नमस्ते की आज शायद वो पिये हुए नही था फ्रेश लग रहा था वो चाचा से बोला पापा कल मैं भी काम पर चलूंगा चाचा सर हिलाते हुए बोले नही अब सक्सेना जी ने साफ मना कर दिया है मैं पहले ही 3 मौके दिलवा चुका हूं तुझे उन्हें ये सब एकदम पसन्द नही तू दो दिन जाता है फिर 4 दिन गायब रहता है वो सर झुका कर बोला पापा अब ऐसा नही होगा मैं कल से रोज काम पर जाऊंगा चाचा बोले लगता है जेब मे पीने के लिए पैसे खत्म हो गए हैं तेरे तभी काम की याद आ रही है तुझे देख भाई मैं तो अब तेरी कोई मदद नही कर सकता हां संजय चाहे तो सक्सेना से बात कर सकता है वो इसकी बात मान ले शायद, अभय मेरी ओर देख कर बोला संजय भैया आप बात करो न सक्सेना जी से तभी बबिता सब के लिए चाय ले आई और मेरे बगल में बैठ गयी मैंने चाय पीते हुए कहा देखो अभय ऐसा है मैं बात तो कर लूंगा पर तुम वादा करो आज के बाद शराब नही पियोगे दूसरी बात रोज काम पर जाओगे और तीसरी बात तुम जो भी कमाओगे वो पैसे चाचा के पास रहेंगे तुमहे जब जरूरत हो पैसों की चाचा से ही मांग लेना वो कुछ सोचता रहा फिर बोला भैया मैं शराब तो नही पीता हैं बीयर पी लेता हूँ लेकिन कोशिश करूंगा अब से वो भी ना पियूँ फिर वो थोड़ा रुक कर बोला अगर मैं केवल संडे को छुट्टी के दिन एक दो बीयर पी लूं बाकी दिन बस काम पर ध्यान दूँ…… मैंने कहा चल ठीक है पर याद रखना संडे के अलावा अगर मैंने तुझे पिये पकड़ा तो सक्सेना से पहले मैं तुझे काम से निकाल दूंगा वो बोला नही भैया ऐसी नौबत नही आएगी असल मे मेरे दो दोस्त थे सलीम और जावेद बस उन्ही के चक्कर मे रोज पीना होने लगा था लेकिन आज मेरा उनसे झगड़ा हो गया अब उनसे कोई मतलब नही रखना मुझे चाची भी वहीं आ गयी थीं सब्जी काटते हुए वो सब बातें सुन रही थीं मैंने कहा उनसे झगड़ा क्यों हुआ बता सकते हो अभय बोला कभी वो दोनो पिला देते कभी मैं फिर अक्सर वो देने पैसे ना होने का बहना कर के सारा खर्चा मुझसे ही करवाने लगे और आज शाम को मेरे पास पैसे नही थे तो मैंने उनसे कहा पिलाने को तो वो दोनो भी पैसे ना होने का बहाना कर के निकल गए पर थोड़ी देर बाद ही वो मुझे बीयर की दुकान पर पीते हुए दिखाई दिए मैंने कहा ये पीने पिलाने की दोस्ती ऐसी ही होती है जब तक तेरी जेब मे पैसे रहेंगे वो तेरे जिगरी दोस्त पैसे खत्म दोस्ती खत्म वो सर खुजाते हुए बोला हां भैया यही बात है मैंने कहा दोबारा ऐसों से कोई दोस्ती मत करना तुझे संडे को पीना है तो घर मे ला कर पी लेना कोई तुझे कुछ नही कहेगा वो बोल ठीक है भैया तभी मेरे फ़ोन की घंटी बजी मैनें फ़ोन निकाल कर देखा गोपाल का कॉल था काम के चक्कर मे मैं भूल ही गया था उस से बात करने को मैंने फ़ोन रिसीव किया वो बोला भैया नमस्ते सारा दिन गांव में घूमने के बाद 18 लड़के मिले हैं जो काम करने को तैयार हैं मैंने कहा फिर बस कल उन सब को ले कर कानपुर आ जा मैंने उसे साइट का एड्रेस समझाया और फिर फ़ोन काट कर सक्सेना जी को कॉल की उन्होंने कॉल रिसीव की मैंने कहा सर कल 18 लड़के आ रहे हैं गांव से एकदम मेहनती और काम करने वाले वो बोले बहोत बढ़िया यार तुमने मेरी मुश्किल आसान कर दी मैंने कहा सर आप जितना कर रहे हैं मेरे लिए इतना कौन करता है आज के जमाने मे वो बोले यार संजय सीधी बात है तुम मेरे लिए काम कर आदमी हो मुझे बस काम के लोगों से काम करवाना आता है अब इस जमाने मे कोई फ्री में किसी के लिए कुछ नही करता मैं तुम्हारे लिए कुछ करूँगा तभी तुम मेरे लिए कुछ करोगे……, मैंने कहा सर आपकी बात ठीक है फिलहाल कल लड़के आ जाएंगे और परसों दे काम शुरू कर देंगे पर एक रिक्वेस्ट और है वो बोले क्या मैंने कहा आज मैंने अभय को बहोत समझाया और वो अब जिम्मेवारी से कम करने को तैयार है सर कल से उसे भी ले आऊं साथ मे सक्सेना जी बोले संजय वो पहले भी कई बार ऐसा कर चुका है किशनपाल के कहने पर उसे कई बार चान्स दे चुका हूं पर वो कुत्ते की पूंछ है नही सुधरेगा मैंने कहा सर प्लीज एक बार मेरे कहने से भी एक मौका दीजिये उसे अगर उसने कोई गड़बड़ की तो इस बार आप दे पहले मैं उसे निकाल दूंगा काम से वो बोले ठीक है भाई तू इतने यकीन से कह रहा है तो दे देते हैं उसे एक मौका वैसे मैं भी चाहता हूं वो सुधर जाए काम पे ध्यान दे चलो ठीक है ले आना उसे फिर उन्होंने फोन काट दिया मैंने कहा अभय वो मान गए हैं पर ये तेरा आखिरी मौका है याद रखना वो बोला जी भैया चाचा बोले भाई संजय वाकई तेरे आते ही कमाल हो गया मेरी सारी परेशानियां ठीक होती दिख रही हैं अब चाची बोली सुनो जी आज का दिन बड़ा अच्छा है जरा दूध मंगा दो आज तो खीर बनाउंगी सब कस मुह मीठा होना चाहिए चाचा ने गर्दन हिलाते हुए जेब से 100 का नोट निकाल कर मुझे दिया और बोले संजय बेटा चौराहे से एक लीटर दूध ले आना मैंने नोट ले कर जेब मे रखस और बबिता से कहा चल तुझे नई बाइक पे घुमा दूँ चौराहे तक और मुझे दूध की दुकान भी नही मालूम बबिता फौरन चप्पलें पहन कर चल दी और हम बाहर आ गए मैंने बाइक स्टैंड से हटा कर सेल्फ लिया और बबिता ने गेट खोला मैंने बाइक बाहर निकाली और वो गेट बंद कर के आ कर चिपक कर बैठ गयी…… मैंने बाइक बढ़ा दी वो बोली संजू आज मैं बहोत खुश हूँ मैंने कहा हूँ तो मैं भी बहोत खुश वो बोली तुम क्यों खुश हो मैंने कहा इतनी सुंदर लड़की मेरी जो गयी है ये वजह काफी है खुश होने के लिए फिर मैंने कहा तुम क्यों खुश हो वो बोली एक तो अभय का बर्ताव आज काफी बदला लग रहा ऊपर से तुम जैसा स्मार्ट और खूबसूरत इंसान मेरा हो गया कल रात तुमने कितनी खुशी दी मुझे और आज अम्मा और बाबूजी भी खुश इतनी खुशी मेरे खुश होने के लिए भी काफी है मैंने कहा इस खुशी के मौके पर कुछ मीठा हो जाये वो बोली मीठे का ही इंतजाम हो रहा है खीर खिलाऊंगी ना अभी अपने हाथों से बना के तभी उसने एक दुकान के सामने बाइक रोकने को कहा मैंने बाइक रोक कर स्टैंड पर लगाते हुए कहा मुझे खीर से नही तुम्हारी चुचियो से मीठा मीठा दूध पीना है मेरी बात सुन कर उसके होठो पर प्यारी सी मुस्कान आ गयी उसके सफेद मोतियों जैसे दांत चमकने लगे वो आंखे नचा कर बोली उसके लिए रात तक इंतजार करो फिर जितनी मर्ज़ी हो पी लेना मैं मना नही करूंगी फिर वो दुकान पर चली गयी दूध लेने और उसकी मोटी गांड़ को देखता रहा……
जल्दी ही वो दूध ले कर आ गयी और फिर हम घर को चल पड़े घर पहुंच कर वो किचन में चली गयी और मैं अपना फ़ोन ले कर छत पर आ गया…..

continued…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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RE: चचेरी बहन बबिता ने ........................ - by neerathemall - 30-01-2023, 01:13 AM



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