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Incest चचेरी बहन बबिता ने ........................
#6
होते हुए कहा ठीक है…..
फिर हम घर आ गए और मैं दिन भर की थकान की वजह से जमीन पर बिछे बिस्तर पर लेट गया और थोड़ी देर में ही सो गया मुझे सोए थोड़ी ही देर हुई थी कि मैं सपना देखने लगा मैं उसी कमरे में लेटा हुआ हूँ बबिता कमरे में आई और मेरे पास आ कर बैठ गयी फिर उसने मेरे लंड पर हाथ रख दिया और हाथ फिरा कर मेरे लंड का जायजा लेने लगी और उसे सहलाते हुए दूसरे हाथ से अपनी पजामी के ऊपर से अपनी बुर मसलने लगी मेरा लंड एकदम सख्त हो गया था कि तभी उसने मेरे लोअर में हाथ घुसा कर लंड बाहर निकाल लिया उसे तेजी से दबा दबा कर सहलाने लगी और फिर झुक कर उसने मेरे सुपाड़ी को चूम लिया उफ्फ बड़ा मज़ेदार सपना था पर तभी अचानक मेरी नींद खुल गयी पर मेरा लंड सच में खड़ा था पत्थर जैसा सख्त मुझे पेशाब लगा था मैंने तकिए के नीचे से अपना फ़ोन निकालने की कोशिश की पर तभी मेरी नजर बबिता के फोल्डिंग पर पड़ी कमरे में पंखा चल रहा था बबिता ने चादर ओढ़ रखी थी मुह के ऊपर से पर मुझे ऐसा लग रहा था चादर के अंदर कुछ रोशनी आ रही है मैंने धीरे से अपना फ़ोन निकाल कर टाइम देखा 12:25 हो रहे थे फिर मुझे उत्सुकता हुई कि आखिर चादर के अंदर वो रोशनी कैसी अचानक मुझे समझ आया कि ये तो मोबाइल की रोशनी है वो शायद फ़ोन पर कुछ देख रही थी…… कमरे में कोई लाइट नही जल रही थी घुप्प अंधेरा था बस वही चादर के अंदर से आती हुई हल्की रोशनी थोड़े से हिस्से में फैली हुई थी मैं कुछ मिनट ऐसे ही लेटा बबिता की ओर देखता रहा और जब मेरी आँखें अंधेरे में देखने की अभ्यस्त हुई तो मुझे ऐसा लगा चादर के अंदर बबिता का हाथ हिल रहा है उसकी कमर के आसपास……

ये महसूस करते ही मेरा दिमाग और लंड एक्टिव हो गए और फिर मैं लेटे हुए एकदम आहिस्ते से सरकता हुआ बबिता के सर की ओर आ गया और सर उठा कर उस झीनी सी चादर के अंदर झांकने की कोशिश की थोड़ा गौर से देखने पर मुझे समझ आ गया कि बबिता उस मोबाइल पर पोर्न देख रही है स्क्रीन पर एक अफ्रीकी काली मोटी सी लड़की एकदम नंगी नजर आ रही थी और सामने बेड पर एक गोरा अंग्रेज बंधा हुआ था वो भी एकदम नंगा था….. काली लड़की बेड पर चढ़ गई और फिर अंग्रेज के मुह पर अपनी गांड़ और चूत रख कर रगड़ने लगी और वो अंग्रेज उसकी गांड़ और बुर को जीभ से रगड़ते हुए चाट रहा था ये देख कर मेरा लंड एकदम से पागल होने लगा चुदाई की थी पर ये सब एकदम नया था मेरे लिए पता नही क्यों उस गोरे अंग्रेज को ऐसे काली काली गांड़ चाटते देख कर मैं अजीब सी उत्तेजना महसूस कर रहा था और मुझे सुनीता याद आने लगी पिंकी याद आने लगी इन दोनों का रंग भी ऐसा ही था और मैं सोचने लगा इस बार गांव जा कर मैं भी उस चमारिन सुनीता की काली गांड़ और भोसड़ी चाटूँगा तभी एकदम से मुझे बबिता की गांड़ याद आ गयी आज शाम ही तो दर्शन किये थे उसके उफ्फ बबिता की गांड़ इन तीनो से सुनीता पिंकी और पोर्न वाली लड़की से शानदार थी पर वो क्यों मुझे अपनी गांड़ चाटने देगी वो तो बहन लगती है मेरी….. पोर्न देखते हुए बबिता और सुनीता की गांड़ के बारे में सोचते हुए मैं अपना लंड निकाल कर मुठियाने लगा था…… तभी अचानक बबिता के मुह से बेहद हल्की आवाज़ें निकलने लगी शायद वो चूत में उंगली कर रही थी एक बार तो मेरा मन हुआ कि मैं चढ़ जाऊं उस पर और चोद दूँ उसे पर फिर ये सोच कर कहीं उसके मन मे ऐसा कुछ न हो और कोई बवाल ना हो जाये मैंने अपना इरादा बदल दिया और फिर बबिता के मुह से तेज आह के साथ सिसकारी सी निकली इस आवाज़ को मैं पहचानता था सुनीता भी झड़ते हुए ऐसी ही आवाज़ें निकालती थी….. फिर बबिता एकदम शांत हो गयी वो भी झड़ चुकी थी और फिर मैं वापस चुपचाप सरकते हुए अपने बिस्तर पर आ गया लेकिन अब पेशाब का प्रेशर और बढ़ गया था तो मैं अनजान बन कर उठा और दरवाजा खोल कर बाहर निकल आया….. और चाचा के कमरे के बगल में बने हुए बाथरूम में घुस गया… और मूतने लगा पर मैंने दरवाज़े की कुंडी नही लगाई थी ये सोच के रात के एक बजे कौन आ रहा है और मैं अपना खड़ा गुलाबी 9 इंची लंड पकड़े आंखे बंद किये मूत रहा था…… तभी मेरी नजर सामने दीवार पर लगे शीशे पर पड़ी बाथरूम के बाहर कोई था और चुपके से दरवाज़े को जरा सा खोल कर अंदर झांक रहा था गौर से देखा तो ये बबिता ही थी उसे यूँ चुपके से झांकते देख कर मेरे लंड में हलचल हुई और मैं थोड़ा सा घूम गया दरवाज़े की ओर और अपना मस्त लौड़ा हिला हिला कर उसे दिखाते हुए मूतने लगा….. पूरे एक मिनट तक मूतने और बबिता को लंड दर्शन करवाने के बाद भी मैंने लंड अंदर करने की जगह उसे सहलाते हुए मुठियाना शुरू कर दिया….. और फिर एक और मिनट बीतने के बाद वो हुआ जिसकी मुझे उम्मीद ना थी एकदम से बाथरूम का दरवाजा खुला और बबिता अंदर आ गयी और फिर बड़ी हैरानी से मेरी ओर देख कर बोली अरे आप अंदर हो कम से कम दरवाजा तो बन्द कर लिया करो उसकी नजर एकटक मेरे लौड़े पर टिकी थी मैंने हड़बड़ाते हुए जल्दी से लंड को अंदर किया और बोला हाँ यार सॉरी गलती हो गयी मुझसे आइंदा से ध्यान रखूंगा और बाहर निकल गया पर मैं सिर्फ बाहर निकला और दरवाज़े को बाहर की ओर से भिड़ा लिया पर उतनी झिरी मैंने भी बाकी रखी कि अंदर देख सकू बहार्स कर मैंने साइड में हो कर दरवाज़े की झिरी से आंख लगा दी बबिता कुछ सेकेंड्स खड़ी कुछ सोचती रही फिर एकदम से अपनी पजामी नीचे सरका कर बैठ गयी इस टाइम उसने पैंटी नही पहनी थी उसकी काली काली झांट से भरी हुई बुर नंगी हो गयी थी फिर वो बैठ गयी और उसकी झांटो के बीच से एक तेज धार सीटी मारती हुई निकलने लगी और मैं उसे मूतते देख कर अपना लंड मसलने लगा मूतने के बाद वो जैसे ही खड़ी हुई मैं भाग कर कमरे में आ गया और अपने बिस्तर पर लेट गया, कुछ सेकेंड्स में वो भी अंदर आयी और उसने कमरे का दरवाजा अच्छी तरह बंद कर लिया मैं चुपचाप लेटा उसे देखने को कोशिश कर रहा था तभी वो मेरे बिस्तर के पास आई और बोली सॉरी भैया मुझे ऐसे नही घुसना चाहिए था बाथरूम में मैंने कहा कोई बात नही गलती मेरी थी मुझे दरवाजा बंद करना चाहिए था पर मुझे लगा रात के एक बजे कौन आएगा और एक मिनट का काम था तो मैं भी लापरवाह हो गया….. थोड़ा रुक कर मैंने कहा बबिता प्लीज किसी को बोलना मत ये बात वो थोड़ा सा हंस कर बोली अरे नही भैया आप भी प्लीज कुछ मत बोलना किसी को इस बारे में फिर वो बोली भैया आप ऊपर सो जाया करो न मुझे अच्छा नही लगता आप ऐसे जमीन पे पड़े रहते हो मैंने कहा पर तुम जमीन पर पड़ी रहो वो भी मुझे अच्छा नही लगेगा…., बबिता कुछ सोच कर बोली अच्छा ठीक है पर आज आप ऊपर सो जाइये कल से मैं हम दोनों का इंतजाम कर दूंगी ऊपर छत पर एक फोल्डिंग और पड़ा है लेकिन उसकी एक टांग टूटी है कल मैं उसे वेल्डिंग करवा लाऊंगी फिर हम दोनों को ही जमीन पर नही सोना पड़ेगा लेकिन आज के लिए आप मेरी बात मान लो आखिर मैं उठ कर उसके बिस्तर पर जा लेटा और वो मेरे बिस्तर पर आ गयी मैंने लेट कर कहा बबिता इस रूम में नाईट बल्ब नही है क्या बहोत अंधेरा है बोली लगा तो था फ्यूज हो गया अभय कुछ सुनता ही नही है कल मैं सब सही करती हूं फिर थोड़ी देर में वो सो गई पर मुझे मेरे लंड ने ना सोने दिया वो बस ठंडा होना चाह रहा था तभी मैंने तकिए को थोड़ा सा ऊपर करने के लिए खिसकाना चाहा तो मेरी उंगलियां किसी सख्त चीज से टकरायीं मैंने उसे बाहर निकाला तो वो वही फ़ोन था जिस पर बबिता पोर्न देख रही थी मैंने उसे धीरे से चादर के अंदर लेकर उसी तरह ऑन किया और चेक किया ( मैं गांव में भी अपने एक दो दोस्तों के फ़ोन पर पोर्न देख लेता था कभी कभी तो स्मार्ट फ़ोन का थोड़ा आईडिया था मुझे ) फ़ोन ऑन कर के मैंने ब्राउज़र खोला पर वहां हिस्ट्री में ऐसा कुछ नही मिला फिर मैंने चेक किया तो उस फ़ोन में सिम ही नही था बिना नेटवर्क का फ़ोन किस काम का फिर मैंने गैलेरी ओपन की और मेमोरी कार्ड में मुझे 4 फोल्डर दिखे उन्हें खोलते ही मैं एकदम से हैरान हो गया उन फ़ोल्डर्स में 100 से भी ज्यादा पोर्न वीडियो भरे पड़े थे और सब एक से एक शानदार…. हाँ एक बात जो मैंने गौर की ज्यादातर वीडियो में फीमेल ब्लैक ही थी और मेल गोरे चिट्टे उनमें अधिकतर वीडियोस में फीमेल मेल को डोमनेट कर रही थी और मर्दों को टार्चर करते हुए जलील करते हुए अपनी प्यास बुझा रही थी मैं फ़ोन चेक करते हुए एक बार फिर से तकिया एडजस्ट करने लगा पर इस बार मेरे हाथ मे कुछ और आ गया फ़ोन की रोशनी में मैंने चादर के अंदर देखा उफ्फ ये तो वही फ्लावर प्रिंट की पिंक पैंटी थी जिसे बबिता ने शाम को पहन रखा था ये देखते ही मेरा लंड झटके लेने लगा और पता नही कैसे किस भावना के वशीभूत हो कर मैं वो पेंटी अपने चेहरे पर फिराने लगा मैंने अगले दो घण्टे में कई सारे वीडियोस देखते हुए बबिता की पैंटी सूंघी चाटी उसकी पैंटी से मस्त तीखी सी स्मेल आ रही थी जिससे मेरा लंड हद से ज्यादा ही पागल होने लगा और मुझे लगा पैंटी सूंघ कर इतना मज़ा आ रहा है तो बाबिता की काली मोटी गांड़ में कितना मज़ा समाया होगा और मैं बबिता की कच्छी को अपने खूंटे जैसे लंड पर लपेट कर एक हार्डकोर पोर्न 3some वीडियो देखते हुए मुठ मारने लगा और आखिर में ढेर सारा गाढ़ा रस बबिता की पैंटी में टपका उसे लंड के पानी से भिगो कर मज़े में डूबा कब सो गया मुझे पता भी ना चला……, सुबह 7 बजे मेरी नींद खुली…., आंखे खुलने के कुछ पल बाद मुझे रात की सारी घटना याद आने लगी कैसे बबिता को पोर्न देख कर उंगली करते देख कर मैं गरम हुआ फिर बाथरूम में बबिता का मेरा लंड देखना और फिर मेरा उसके बिस्तर पर उसके फोन पर वो गंदे गंदे चुदाई के वीडियोस देख कर उसकी पहनी हुई पैंटी को सूंघ कर उसकी बुर की स्मेल महसूस करते हुए मुठ मार कर उसकी पैंटी में झड़ना……, पर एक मिनट उसके बाद तो मैं मस्ती में डूबा वैसे ही सो गया था लंड नंगा किये हुए उसकी पैंटी अपने लंड पर रखे हुए ही हे प्रभु ये क्या गलती कर बैठा मैं ना जाने अब क्या होगा किसी अनहोनी की आशंका से ग्रस्त हो कर मैं उठ कर बैठ गया मेरा लोअर एकदम सही से पहना हुआ था बबिता की पैंटी कही नजर नही आ रही थी मैंने एक बार लोअर के अंदर झांक कर देखा पैंटी वहां भी नही थी पूरा बिस्तर ढूंढ मारा लेकिन वो फ़ोन और पैंटी गायब…… धड़कते दिल के साथ मैं बिस्तर से उतर कर बाहर आया….. और देखा कि….
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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RE: चचेरी बहन बबिता ने ........................ - by neerathemall - 30-01-2023, 12:55 AM



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