29-01-2023, 03:48 PM
मेरा नाम साधना है। मैं उम्मीद करती हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये कुछ दिन पहले ही बात है। मैं उस दिन कॉलेज से देर से आई थी। देर के हो जाने के कारण मेरा भाई प्रदुम्मन बहुत नाराज था। “साधना! कहाँ थी तुम?? देर कैसे हो गयी??” उसने चिल्लाकर पूछा.
“मैं अपनी दोस्त के घर गयी थी पार्टी में” मैंने कहा तो प्रदुम्मन बहुत गुस्सा हो गया और मुझे मारने लगा। तो मैंने भी उसे हाथ से मारने लगी। हम दोनों भाई बहन जुडवा थे इसलिए हम दोनों बराबर थे और बहुत झगड़ा करते थे। फिर झगड़ा करते करते प्रदुम्मन का हाथ मेरे मम्मे में लग गया तो मुझे बहुत मजा आया।
फिर वो भी अपने कमरे में चला गया। शायद उसे कुछ पछतावा हो रहा था। अब धीरे धीरे मेरा अपने भाई से चुदवाने का मन करने लगा था। मुझे इस बात पर हैरानी भी होती थी की मैं कैसी बहन हूँ की अपने सगे भाई से चुदवाने के बारे में सोच रही हूँ। फिर कई दिन मैंने रात में सोते वक्त अपनी चूत में ऊँगली करके अपनी चूत की आग शांत कर ली।
धीरे धीरे मैं रोज अपने भाई के सामने छोटे कपड़े पहनने लग गयी। अब मैं घर में शॉर्ट्स पहनने लगी तो जांघ तक होते थे। और मैं उपर सिर्फ एक पतली ही कंधे खुले वाले टी शर्ट पहनती थी। धीरे धीरे मेरा अपने भाई से चुदवाने का दिल कर रहा था। कुछ दिनों बाद मेरे पापा और मम्मी एक शादी में शहर से बाहर चले गये थे।
मेरे और भाई प्रदुम्मन के एक्साम हो रहे थे। इसलिए हम लोगो को घर ही ही रुकना पड़ा। इसी बीच मैंने पूरा प्लान बना लिया। मैंने बहुत ही छोटे कपड़े पहने और सीढियों से फिसलने का नाटक किया और तेज तेज मैं रोने लगी। मेरा भाई प्रदुम्मन मुझसे झगड़ा बहुत करता था पर प्यार भी
“मैं अपनी दोस्त के घर गयी थी पार्टी में” मैंने कहा तो प्रदुम्मन बहुत गुस्सा हो गया और मुझे मारने लगा। तो मैंने भी उसे हाथ से मारने लगी। हम दोनों भाई बहन जुडवा थे इसलिए हम दोनों बराबर थे और बहुत झगड़ा करते थे। फिर झगड़ा करते करते प्रदुम्मन का हाथ मेरे मम्मे में लग गया तो मुझे बहुत मजा आया।
फिर वो भी अपने कमरे में चला गया। शायद उसे कुछ पछतावा हो रहा था। अब धीरे धीरे मेरा अपने भाई से चुदवाने का मन करने लगा था। मुझे इस बात पर हैरानी भी होती थी की मैं कैसी बहन हूँ की अपने सगे भाई से चुदवाने के बारे में सोच रही हूँ। फिर कई दिन मैंने रात में सोते वक्त अपनी चूत में ऊँगली करके अपनी चूत की आग शांत कर ली।
धीरे धीरे मैं रोज अपने भाई के सामने छोटे कपड़े पहनने लग गयी। अब मैं घर में शॉर्ट्स पहनने लगी तो जांघ तक होते थे। और मैं उपर सिर्फ एक पतली ही कंधे खुले वाले टी शर्ट पहनती थी। धीरे धीरे मेरा अपने भाई से चुदवाने का दिल कर रहा था। कुछ दिनों बाद मेरे पापा और मम्मी एक शादी में शहर से बाहर चले गये थे।
मेरे और भाई प्रदुम्मन के एक्साम हो रहे थे। इसलिए हम लोगो को घर ही ही रुकना पड़ा। इसी बीच मैंने पूरा प्लान बना लिया। मैंने बहुत ही छोटे कपड़े पहने और सीढियों से फिसलने का नाटक किया और तेज तेज मैं रोने लगी। मेरा भाई प्रदुम्मन मुझसे झगड़ा बहुत करता था पर प्यार भी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.