29-01-2023, 11:35 AM
कॉलेज के दीनो से ही मैं लड़कियों से काफ़ी संकोच महसूस करता था | मैने कभी किसी लड़की से ज़्यादा बात नही की थी, तो मुझे समझ नही आ रहा था की इससे कैसे बात करूँ | फिर भी मैने सोचा की चलो ट्राइ करते है | अगले दिन ही न्यू एअर था तो मैने शुरुआत की हॅपी न्यू एअर मेसेज से, हालाँकि मैं कॉल करना चाहता था पर हिम्मत नही हुई | पहला मेसेज भी मैने अपने दोस्त के नंबर से ही किया | फिर मैने उसको अपने लोकल नंबर से मेसेज करना शुरू किया वो भी दोस्त के ही नाम से | उसने भी मुझे अपने कॉलेज का जान कर न्यू एअर विश किया | फिर नॉर्मल बातें शुरू हुई जैसे न्यू एअर पे क्या कर रही हो, इस एअर मे क्या करने वाली हो वग़ैरह वग़ैरह | अभी तक मैने उसे कॉल नही किया था क्यूंकी एक तो आवाज़ पकड़े जाने की डर थी दूसरी मेरे पास ज़्यादा बॅलेन्स नही थी| १२ बजे रात तक हमारी बात होती रही मेसेजस मे | ना मैने कॉल किया ना ही उसने | १२ बजे के बाद बस एक ही मेसेज किया न्यू एअर वाला क्यूँकी आपको भी मालूम होगा १ जन्वरी को टर्राफ काम नही करती | उसके बाद मैं और लोगो को विश करने मे लग गया |
अगले दिन २बजे के बाद मैने एक मेसेज किया ‘क्या कर रही हो’ ? कुछ घंटो के बाद रिप्लाइ आया ‘कुछ ख़ास नही’ |उसका घर वैसे कोलकाता था पर वो पुणे में ही किसी रिश्तेदार के पास रुकी हुई थी इसीलिए शायद वो बोर हो रही थी। फिर शाम को मैने अपने डॅडी के मोबाइल से उसे कॉल किया दोस्त के नाम से ही, वो मुझे नही पहचान पाई शायद उसने मेरे दोस्त से ज़्यादा बात नही की होगी | थोड़ी देर की इधर उधर की बात के बाद मैने उसे अपना असली नाम बताया और कहा की ” मैं आपका गाना सुनना चाहता था क्यूंकी मेरे दोस्त ने बताया की आप बहुत आच्छा गाती है”
ये बात सच भी थी मेरे दोस्त ने मुझे पहले ही कुछ कुछ बताया था उसके बारे मे | वैसे दोस्तो नाम से ही आपको मालूम हो गया होगा की वो बंगाली थी और बंगालीयो को गाना तो बचप्पन से ही सिखाया जाता है। इस तरह हमारी बात आगे बढ़ी, शायद मेरा अपने बारे में सच बताना उसे अच्छा लगा। उसी रात हमारी बात कम से कम 1.30 घंटे चली। 1जनुअरी होने के कारण फ़ोन बार बार डिसकनेक्ट हो रहा था, फिर भी उसने मुझे गाना सुनाया। वाकई उसकी आवाज़ अच्छी थी। मैंने भी उसके लिए एक गाना गया “चुरा लिया है तुमने जो दिल को “। इस तरह हमारी दोस्ती हो गयी।
अगले 5 दिन हमारी बहुत ज्यादा बात होने लगी। और ज्यादा बात करने के लिए मैंने उसे रिलायंस CDMA सेट लेने को कहा। मुझे याद है उस समय रिलायंस GSM नहीं था और रिलायंस CDMA में अनलिमिटेड फ्री 999 के पैक पे था। खैर मैंने भी एक रिलायंस सेट ले लिया। फिर क्या हम दिन रात फ़ोन पे ऑनलाइन रहते थे। दोस्तों मुझे मालुम है आपलोगों में ये बहुतो के साथ हुआ होगा।कामुकता के पाठको ये मेरी पहली कहानी है
अगले 20 दिन ऐसा ही बात चलता रहा। न मैंने उसे देखा था न ही उसने मुझे हालाँकि मुझे मालुम था की वो थोड़ी सांवली है लेकिन खूबसूरत है जैसा की मेरे दोस्त ने मुझे बताया था । मैंने अभी तक उसे प्रोपोज नहीं किया था। हालाँकि हम दोनों को दिल से मालुम था की “We are in LOVE ” क्यूंकि हमारे फीलिंग्स और थॉट्स काफी मिलते जुलते थे। दोस्तों ये प्यार तो ऐसी चीज़ है की अगर इकरार की पूरी उम्मीद हो फिर भी दिल कहने को डरता है।
25th जनवरी को बातो ही बातो में मैंने उसे पुछा की, “तुम सारा दिन मुझसे बात करती हो तुम्हारे दोस्त कुछ नहीं कहते क्या”??उसने थोड़े गुस्से से कहा “तुम्हे क्या पता वो क्या कहते है, तुम्हे इस से क्या फर्क पड़ता है वो क्या कह रहे है “??मैंने कहा “प्लीज बताओ वो क्या कह रहे है।”
उसने बताया “वो हमेशा ये पूछते है की तुम्हारा ये कैसा दोस्त है की तुम इससे दिन रात बात करती हो और दोस्तों के साथ ऐसा क्यूँ नहीं करती हो “।
मैं , “अनामिका तुम क्या चाहती हो ”
“मै नहीं जानती ”
फिर थोड़ी देर खामोशी। मैंने थोडा हकलाते हुए कहा , “अनामिका आई लव यू ,डू यू लव मी ?”
उसने पुछा, क्या??
मैंने फिर से थोडा जोर से कहा , “अनामिका डू यू लव मी ??आई लव यू ”
“यस यस यस ” उसने इतनी खुशी से कहा जैसे वो कब से इंतज़ार कर रही थी इन लम्हो का।
वो सारी रात हम सो नहीं पाए जैसे की हमारी सुहागरात हो। इस दिन से ही हम थोड़ी रोमांटिक बातें करने लगे। इस दिन मैंने जाना की फ़ोन पे कैसे किस लेते है और देते है। इसके बाद तो जैसे हम दोनों की दुनिया ही अलग हो गयी। अगले विक में मैंने उससे अपने फोटोज मेल करने को कहा। जब मैंने फोटोज देखा तो और भी दीवाना हो गया , बिपाशा बासु की तरह कोम्प्लेक्स्न था उसका। मैंने उसे अपने फोटोज नहीं भेजे थे फिर भी वो मिलने को बेताब थी, मैं तो था ही। अब तो हम बस मिलने का प्लान करने लगे।
इस बीच हम फ़ोन पर सेक्स चैट करने लगे थे। मैंने जाना की वो वर्जिन है मै भी वर्जिन था। पहली बार जब मैंने सेक्स चैट किया तो वो बहुत गरम हो गयी ,उस दिन वो कुछ भी ठीक से नहीं कर पायीं। उसने मुझे अगली बार ऐसा ना करने को कहा। लेकिन दोस्तों सेक्स ऐसा नशा है जो जब तक ‘तन और मन ‘ दोनों तक न पंहुचे सुकून नहीं मिलता। तन को रियल सुकून देना तो फ़ोन पे पॉसिबल नहीं था। हम और बेताब होते चले गए।कामुकता के पाठको ये मेरी पहली कहानी है
आप लोगों को मालूम होगा इंजिनियर एक्साम्स के फॉर्म्स दिसंबर से ही निकलने लगते है। मैंने अपने मई महीने के एक्साम्स के सेंटर पुणे में ही डाले ताकि हमारी मुलाकात भी हो जाए।
अगले दिन २बजे के बाद मैने एक मेसेज किया ‘क्या कर रही हो’ ? कुछ घंटो के बाद रिप्लाइ आया ‘कुछ ख़ास नही’ |उसका घर वैसे कोलकाता था पर वो पुणे में ही किसी रिश्तेदार के पास रुकी हुई थी इसीलिए शायद वो बोर हो रही थी। फिर शाम को मैने अपने डॅडी के मोबाइल से उसे कॉल किया दोस्त के नाम से ही, वो मुझे नही पहचान पाई शायद उसने मेरे दोस्त से ज़्यादा बात नही की होगी | थोड़ी देर की इधर उधर की बात के बाद मैने उसे अपना असली नाम बताया और कहा की ” मैं आपका गाना सुनना चाहता था क्यूंकी मेरे दोस्त ने बताया की आप बहुत आच्छा गाती है”
ये बात सच भी थी मेरे दोस्त ने मुझे पहले ही कुछ कुछ बताया था उसके बारे मे | वैसे दोस्तो नाम से ही आपको मालूम हो गया होगा की वो बंगाली थी और बंगालीयो को गाना तो बचप्पन से ही सिखाया जाता है। इस तरह हमारी बात आगे बढ़ी, शायद मेरा अपने बारे में सच बताना उसे अच्छा लगा। उसी रात हमारी बात कम से कम 1.30 घंटे चली। 1जनुअरी होने के कारण फ़ोन बार बार डिसकनेक्ट हो रहा था, फिर भी उसने मुझे गाना सुनाया। वाकई उसकी आवाज़ अच्छी थी। मैंने भी उसके लिए एक गाना गया “चुरा लिया है तुमने जो दिल को “। इस तरह हमारी दोस्ती हो गयी।
अगले 5 दिन हमारी बहुत ज्यादा बात होने लगी। और ज्यादा बात करने के लिए मैंने उसे रिलायंस CDMA सेट लेने को कहा। मुझे याद है उस समय रिलायंस GSM नहीं था और रिलायंस CDMA में अनलिमिटेड फ्री 999 के पैक पे था। खैर मैंने भी एक रिलायंस सेट ले लिया। फिर क्या हम दिन रात फ़ोन पे ऑनलाइन रहते थे। दोस्तों मुझे मालुम है आपलोगों में ये बहुतो के साथ हुआ होगा।कामुकता के पाठको ये मेरी पहली कहानी है
अगले 20 दिन ऐसा ही बात चलता रहा। न मैंने उसे देखा था न ही उसने मुझे हालाँकि मुझे मालुम था की वो थोड़ी सांवली है लेकिन खूबसूरत है जैसा की मेरे दोस्त ने मुझे बताया था । मैंने अभी तक उसे प्रोपोज नहीं किया था। हालाँकि हम दोनों को दिल से मालुम था की “We are in LOVE ” क्यूंकि हमारे फीलिंग्स और थॉट्स काफी मिलते जुलते थे। दोस्तों ये प्यार तो ऐसी चीज़ है की अगर इकरार की पूरी उम्मीद हो फिर भी दिल कहने को डरता है।
25th जनवरी को बातो ही बातो में मैंने उसे पुछा की, “तुम सारा दिन मुझसे बात करती हो तुम्हारे दोस्त कुछ नहीं कहते क्या”??उसने थोड़े गुस्से से कहा “तुम्हे क्या पता वो क्या कहते है, तुम्हे इस से क्या फर्क पड़ता है वो क्या कह रहे है “??मैंने कहा “प्लीज बताओ वो क्या कह रहे है।”
उसने बताया “वो हमेशा ये पूछते है की तुम्हारा ये कैसा दोस्त है की तुम इससे दिन रात बात करती हो और दोस्तों के साथ ऐसा क्यूँ नहीं करती हो “।
मैं , “अनामिका तुम क्या चाहती हो ”
“मै नहीं जानती ”
फिर थोड़ी देर खामोशी। मैंने थोडा हकलाते हुए कहा , “अनामिका आई लव यू ,डू यू लव मी ?”
उसने पुछा, क्या??
मैंने फिर से थोडा जोर से कहा , “अनामिका डू यू लव मी ??आई लव यू ”
“यस यस यस ” उसने इतनी खुशी से कहा जैसे वो कब से इंतज़ार कर रही थी इन लम्हो का।
वो सारी रात हम सो नहीं पाए जैसे की हमारी सुहागरात हो। इस दिन से ही हम थोड़ी रोमांटिक बातें करने लगे। इस दिन मैंने जाना की फ़ोन पे कैसे किस लेते है और देते है। इसके बाद तो जैसे हम दोनों की दुनिया ही अलग हो गयी। अगले विक में मैंने उससे अपने फोटोज मेल करने को कहा। जब मैंने फोटोज देखा तो और भी दीवाना हो गया , बिपाशा बासु की तरह कोम्प्लेक्स्न था उसका। मैंने उसे अपने फोटोज नहीं भेजे थे फिर भी वो मिलने को बेताब थी, मैं तो था ही। अब तो हम बस मिलने का प्लान करने लगे।
इस बीच हम फ़ोन पर सेक्स चैट करने लगे थे। मैंने जाना की वो वर्जिन है मै भी वर्जिन था। पहली बार जब मैंने सेक्स चैट किया तो वो बहुत गरम हो गयी ,उस दिन वो कुछ भी ठीक से नहीं कर पायीं। उसने मुझे अगली बार ऐसा ना करने को कहा। लेकिन दोस्तों सेक्स ऐसा नशा है जो जब तक ‘तन और मन ‘ दोनों तक न पंहुचे सुकून नहीं मिलता। तन को रियल सुकून देना तो फ़ोन पे पॉसिबल नहीं था। हम और बेताब होते चले गए।कामुकता के पाठको ये मेरी पहली कहानी है
आप लोगों को मालूम होगा इंजिनियर एक्साम्स के फॉर्म्स दिसंबर से ही निकलने लगते है। मैंने अपने मई महीने के एक्साम्स के सेंटर पुणे में ही डाले ताकि हमारी मुलाकात भी हो जाए।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.