29-01-2023, 01:18 AM
दीदी मुंह की गर्मी और जीभ के मेरे लण्ड के टोपे पर किये जाने वाले खेलों से मैं बहुत उत्तेजित हो गया और मैंने दीदी को बालों से पकड़ कर उसको अपनी ओर धक्का देना शुरू कर दिया जिससे मेरा लण्ड पूरा का पूरा दीदी के मुंह में चला गया।
10 मिनट बाद मदहोशी में मैं झड़ गया और सारा वीर्य दीदी के मुंह में डाल दिया।
और मैंने देखा कि दीदी ने सारा वीर्य पी लिया।
मैं थक कर बैठ गया और दीदी से कहा- वाह दीदी! आपने तो एक बूंद भी गिरने नहीं दी।
दीदी- कैसे गिरने देती? इतने समय के बाद जो पी रही हूँ। और ऊपर से ये मेरे भाई का माल था। चल अब जैसे मैंने तुझे चूसा है तू भी मुझे चूस।
10 मिनट बाद मदहोशी में मैं झड़ गया और सारा वीर्य दीदी के मुंह में डाल दिया।
और मैंने देखा कि दीदी ने सारा वीर्य पी लिया।
मैं थक कर बैठ गया और दीदी से कहा- वाह दीदी! आपने तो एक बूंद भी गिरने नहीं दी।
दीदी- कैसे गिरने देती? इतने समय के बाद जो पी रही हूँ। और ऊपर से ये मेरे भाई का माल था। चल अब जैसे मैंने तुझे चूसा है तू भी मुझे चूस।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.