29-01-2023, 12:02 AM
यह बात 7 साल पहले की है जब में 21 साल का था और इंजिनियरिंग के आखरी साल में मेरा दाखिला हुआ था। में अपने कज़िन के घर पर रहकर पढ़ाई करता था क्योंकि मेरा घर गावं में था और वहां पर एक भी अच्छे कॉलेज कॉलेज नहीं थे। मेरे कज़िन के यहाँ सिर्फ़ वो और उनकी वाईफ प्रिया रहती थी।
मेरे भाई ने इंटरनेशनल मार्केटिंग में B.A. की हुई थी और वो अधिकतर समय घर से बाहर किसी ना किसी ट्यूर पर ही रहता था और मेरी भाभी को ज़्यादा वक़्त नहीं दे पाता था। मेरी भाभी फिर भी खुश थी और उन्होंने कभी किसी बात की शिकायत नहीं की.. जब भी मेरे भाई ट्यूर पर जाते थे तो में अपनी भाभी के कमरे में ही सोता था। क्योंकि अकेले में उनको बहुत डर लगता था।
यह बात अगस्त महीने की हैं जब बारिश का मौसम था और भैया को 15 दिनों के लिए आउट ऑफ कंट्री जाना था और फिर में, मेरी भाभी उनको एयरपोर्ट तक छोड़कर घर पर आए.. लेकिन भाभी बहुत उदास थी और घर पर आकर सीधे अपने कमरे में चली गई और अंदर से कमरा बंद कर लिया। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उनके दरवाजे को बजाया.. उन्होंने दरवाजा खोला। तो मैंने देखा तो उनकी आँखें लाल थी.. शायद वो रो रही थी।
में : भाभी आप रो क्यों रही हो?
भाभी : नहीं ऐसी कोई बात नहीं है बस मुझे आपके भैया की याद आ रही है तब तक मैंने अपनी भाभी को कभी ग़लत नज़र से नहीं देखा था.. लेकिन 21 साल की उम्र ही कुछ ऐसी होती है अपने आप पर काबू ही नहीं रहता। फिर मेरा लंड मुझे रात को बारिश की ठंडक में बहुत परेशान करने लगा और कभी भी खड़ा हो जाता। एक अजीब सी कशिश होती जो कि शब्दो में बताना बहुत मुश्किल है। फिर रात को भाभी ने कहा कि आओ रोहित सोने का टाईम हो गया।
में : भाभी मेरे सर में बहुत दर्द हो रहा है।
भाभी : क्यों क्या हो गया? ला ओ में दबा देती हूँ।
फिर मैंने बोला कि ठीक है भाभी और भाभी मेरा सर होले होले दबाने लगी.. मेरे और मेरी भाभी के बीच में एक बहुत अच्छे दोस्त का रिश्ता भी था और में भाभी के साथ हर एक बात शेयर करता था.. लेकिन अभी तक कभी सेक्स से सम्बंधित बातें शेयर नहीं की। भाभी ने मेरे सर में बाम लगाया और धीरे धीरे मेरा सर दर्द ठीक होने लगा और में बहुत अच्छा महसूस कर रहा था.. मैंने भाभी से कहा कि में अब पूरी तरह से ठीक हूँ और अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। तो भाभी ने मुझसे कहा कि रोहित पता नहीं मेरे पैर में कल शाम से हल्का हल्का दर्द हो रहा है।
में : भाभी यह तो ग़लत बात है आपने मुझे अभी तक बताया क्यों नहीं? में अभी आपके पैर दबा देता हूँ।
भाभी : नहीं नहीं रोहित.. ऐसा मत करो प्लीज़.. में तुमसे कैसे अपने पैर दबवा सकती हूँ? लेकिन में कहाँ सुनने वाला था.. में सरसों का तेल लेकर आया और भाभी के पैरों में लगाने लगा। दोस्तों मेरी भाभी का कलर बिल्कुल साफ था और उनकी लम्बाई 5.5 और वो 25 साल की थी। वो एकदम सेक्सी लगती थी और उनके बूब्स एकदम गोल थे। अगर वो मुझे पहले मिली होती तो में उन से शादी कर लेता। भाभी ने उस वक़्त गुलाबी कलर की मेक्सी पहनी हुई थी।
फिर मेरे बहुत कहने पर भाभी आखिकार मान गई और पैर दबवाने को मजबूर हो गई.. में तेल लेकर भाभी के पैरों पर लगाने लगा। तभी मुझे अचानक से पता नहीं क्या होने लगा और मेरा लंड हाफ पेंट में तनकर खड़ा हो गया.. मुझे पसीना आने लगा और दिल की धड़कन तेज हो गई और यह पहली बार था कि में अपनी भाभी को सेक्स की नज़र से देखने लगा था।
तभी अचानक से भाभी ने पूछा कि अब तो तू बड़ा हो गया है। तेरी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? तो में शरमा गया और बोला कि नहीं भाभी अभी तक तो कोई नहीं है और गर्लफ्रेंड की बात भाभी के मुहं से सुनकर मेरा लंड और ज़्यादा टाईट होने लगा और मैंने सोच लिया कि इस बात को आज कुछ ऐसी दिशा की तरफ मोड़ दूँ ताकि हमारे बीच और भी सेक्स की बातें हो सके। फिर में भाभी के पैर को दबाते हुए उन पर दबाव भी डाल रहा था और धीरे धीरे उनकी जांघो तक पहुंच गया था। भाभी की तरफ से कोई भी विरोध नहीं हो रहा था जिससे मेरा डर और खुल रहा था और में उनको अपने सेक्स प्लान में फंसा लेना चाहता था।
भाभी : क्यों भाई अब तक गर्लफ्रेंड क्यों नहीं? दिखने में तो ठीक ठाक हो फिर क्या समस्या है।
तो मैंने कहा कि भाभी कॉलेज में अगर किसी को पता चले कि मेरा किसी के साथ चक्कर है तो नाम खराब होगा और इसलिए मैंने किसी को प्रपोज़ नहीं किया। तभी भाभी अचानक से बोली कि मेरे करीब आओ.. तो में बहुत घबरा गया.. लेकिन फिर भी उनके करीब गया। उन्होंने मेरे सर पर किस किया और बोला कि मुझे तुम पर बहुत गर्व है रोहित में बहुत खुश हूँ कि मुझे तुम जैसा देवर मिला है।
में : में भी बहुत खुश हूँ भाभी आपको पाकर आप मेरी भाभी कम और एक दोस्त ज़्यादा हो और अब मेरा लंड मुझे ज़्यादा ही तंग कर रहा था और लंड इतना ज़्यादा खड़ा हो गया था कि मुझे डर लगने लगा कि कहीं भाभी उसे देख ना ले। तो मैंने भाभी से कहा कि में एक मिनट में वॉशरूम से आया.. लेकिन में बेड पर से जैसे ही उठा अचानक से में भाभी के ऊपर गिर गया और मेरा लंड उनके पेट से टकराया भाभी ने बड़ी बड़ी आँखों से मुझे देखा और देखती ही रह गई।
में फटाफट उठकर पेशाब करके वापस आया और भाभी के पैर दबाने लगा जैसे कि कुछ हुआ ही नहीं.. लेकिन भाभी में अब बहुत बदलाव दिख रहा था.. उनकी आवाज़ धीमी हो गई थी और उनकी छाती भी थोड़ी तेज ऊपर नीचे हो रही थी। में उनके पैर दबा रहा था.. लेकिन मेरा लंड एकदम तनकर खड़ा था। भाभी की नज़र नीचे थी और में समझ गया कि वो मेरे लंड को देख रही है। तभी थोड़ी देर की खामोशी के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि लगता है तुम अब बड़े हो गये हो और अपनी भाभी के साथ सब कुछ शेयर नहीं करते।
में : नहीं भाभी ऐसा तो कुछ नहीं है.. लेकिन आपको ऐसा क्यों लग रहा है?
भाभी : यह तुम्हारी पेंट के अंदर पहाड़ क्यों बना हुआ है?
तो में यह बात सुनकर बहुत चकित हो गया और मेरे मुहं से कुछ नहीं निकला और में सर नीचे झुकाते हुए उनके पैर को दबा रहा था।
में : भाभी प्लीज मुझे माफ़ कर दो।
भाभी : अरे इस में माफ़ी की क्या बात है यह सब इस उम्र में सभी के साथ होता है और यह सब सामान्य है।
में : बहुत बहुत धन्यवाद भाभी मुझे समझाने के लिए.. लेकिन भाभी अगर आप गुस्सा नहीं हो तो क्या में एक बात पूछूँ?
भाभी : तुम एक क्यों 100 बात पूछो?
में : भाभी आप और भैया क्या रोज़ सेक्स करते हो?
भाभी : नहीं रोहित में इतनी ख़ुशनसीब नहीं हूँ.. तुम्हारे भैया के लिए उनका काम ही ज़्यादा ज़रूरी है और वो वहां से बहुत थककर आते है और थोड़ी बहुत देर में सो जाते है।
फिर में उनकी यह बात सुनकर बहुत चकित हुआ और मैंने भाभी के पैर दबाना छोड़ दिया और उनके ही पास में आकर लेट गया।
में : भाभी क्या में आपको किस कर सकता हूँ?
तो भाभी ने मेरी तरफ देखा और कुछ जवाब नहीं दिया। वो सीधी अपने होठों को मेरे होठों के करीब लेकर आए और मेरे ऊपर वाले होंठ को चूसने लगी.. में हक्का बक्का रह गया था.. क्योंकि मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि किस करने की शुरुवात भाभी की तरफ से होगी। में संभला और में भी भाभी का साथ देना लगा और उनके होठों को काटने लगा। बारिश और बिजली की कड़कड़ाहट से मौसम ठंडा हो गया था और हम दोनों भी बहुत ज़्यादा कामुक हो गये थे।
फिर मैंने भाभी को झटका देकर हटाया और उनके ऊपर आ गया और उनके होठों को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.. भाभी ने मुझे इशारों से रोका और सिखाया कि कैसे आराम से किस करना चाहिए और हम दोनों एक दूसरे के होंठ करीब 5 मिनट तक चूस रहे थे। मुझे ऐसा लग रहा था कि में जन्नत में पहुंच गया हूँ और उनके होंठो को ऐसे चूस रहा था जैसे कि हम आईसक्रीम खा रहे हो और मेरा लंड इतना कड़क हो गया था कि उसमे बहुत दर्द होने लगा था। फिर भाभी ने मेरे होंठो को छोड़ा और मेरे निपल्स को काटने लगी और मेरी कमर में भी अपने नाख़ून का दबाव डालने लगी।
में इतना ज़्यादा उत्तेजित हो गया था कि मैंने उनकी मेक्सी को फाड़ दिया और उनके बूब्स देखकर तो जैसे पागल ही हो गया था.. काली कलर की ब्रा से उनके बूब्स ऐसे ढके हुए थे जैसे कि नई नवेली दुल्हन घूँघट में छुपकर रहती है। फिर मैंने उनकी ब्रा का हुक खोला और इतना पागल हो गया था कि मैंने उनके निपल्स को ज़ोर से काटा वो दर्द से चिल्लाने लगी और कहा कि प्लीज धीरे प्लीज़.. लेकिन में तो पागल हो गया था और उनके आग्रह का कोई असर अब मुझ पर होने वाला नहीं था। फिर में ज़ोर ज़ोर से उनके बूब्स को चूस रहा था और मेरी भाभी की आवाज़ आ रही थी आहह और ज़ोर से और ज़ोर से अह्ह्ह उफ्फ्फ ऐईईइ रोहित मेरे शरीर को अपने दातों से काटो।
तभी उनके मुहं से यह सुनकर में और पागल हो गया और उनके बूब्स को और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.. मेरी भाभी को अब बहुत मज़ा आ रहा था और उन्होंने मेरे सर पर हाथ फैरते हुए कहा कि रोहित तुम तो खिलाड़ी हो ऐसा लग रहा है कि तुम पूरी रात मेरे निपल्स को ज़ोर ज़ोर से चूसते रहो और अब में उनके बूब्स से हटा और उनकी हल्की हरी कलर की पेंटी को सूंघने लगा। फिर मैंने उनकी पेंटी के ऊपर से ही उनको अपने दातों से काटा और मेरी भाभी दर्द से चिल्लाने लगी और सिसकियाँ लेने लगी।
तभी मैंने एक झटके में उनकी पेंटी निकाली और उनकी चूत के आकार को देखने लगा.. चूत पर हल्के हल्के बाल थे और उसके होंठ गुलाबी कलर के थे। दोस्तों मैंने चूत रियल लाईफ में पहली बार देखी थी और इससे पहले ब्लू फिल्म में कई बार देखी थी और फिर मैंने ब्लूफिल्म्स की तरह उनकी चूत को चूसना शुरू किया और भाभी का चेहरा देखा.. भाभी अपनी दोनों आँखें बंद करके एक हाथ से अपने बूब्स को दबा रही थी और दूसरे हाथों से मेरे सर पर दबाव डालकर उनकी चूत की तरफ धकेल रही थी।
तो अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और में उनकी चूत को चूस रहा था और मैंने अपनी जीभ को उनकी चूत की गहराई में डाला तो उनकी चूत बहुत गरम हो चुकी थी और उनकी चूत के रस का स्वाद भी अच्छा था। मेरी भाभी पागल हो रही थी और वो बोली कि रोहित अब बर्दाश्त नहीं हो रहा.. प्लीज़ अपना लंड मेरी चूत में डाल दो। तभी उनके मुहं से लंड शब्द सुनकर मुझमें और जोश आ गया और में 69 पोज़िशन में आ गया। तो मैंने अपना लंड उनके मुहं में डाला और उनकी चूत को चूस रहा था.. मुझे लंड चुसवाते हुए बहुत मज़ा आ रहा था और भाभी को भी उनकी चूत चुसवाते हुए बहुत मस्ती आ रही थी।
हम 5 मिनट तक 69 पोज़िशन में एक दूसरे के प्राईवेट अंग को चूसते रहे.. लेकिन अब भाभी बेकाबू हो रही थी और मुझसे मदहोशी वाली आवाज़ में आग्रह करने लगी कि मुझे चोदो प्लीज़ मुझे चोदो। तो अब टाईम आ गया था उनकी चूत की प्यास बुझाने का.. मैंने उनको बिस्तर पर लेटाया और उनके कमर के नीचे एक तकिया लगाया और मैंने भाभी के कहने पर उनकी अलमारी से कंडोम निकाला। फिर भाभी ने कंडोम मेरे खड़े लंड पर चड़ाया और मुझे इशारा किया लंड को चूत के अंदर घुसाने का.. मेरा लंड बार बार स्लिप हो गया था। तो भाभी ने अपने हाथों से लंड को चूत के अंदर सेट किया और जैसे ही लंड चूत के अंदर घुसा तो उन्होंने मेरे सर के बाल ज़ोर से खींचे। अब वो पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी और उनके मुहं से अपने आप आवाज़े निकल रही थी आअहह अह्ह्ह आईई ज़ोर से तेज और तेज रोहित और तेज़ यह सब सुनकर में और ज़्यादा उत्तेजित हो रहा था और मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी।
मैंने भाभी के होठों को किस किया और एक हाथ से उनके बूब्स को भी दबा रहा था.. भाभी की आँखें बंद थी और होठों पर हल्की हल्की मुस्कान और अब उन्हें देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि मानो हम दोनों कश्मीर की वादियों में अपना हनिमून मना रहे हो। फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत से बाहर निकाला और उनको घुटनो के बल डोगी स्टाईल में बैठने को कहा और में उनके पीछे आया और वहां से लंड उनकी चूत में डाला। इस बार उनको और भी ज़्यादा मज़ा आ रहा था.. क्योंकि दबाव और लंड से चूत की रगड़ और भी ज़्यादा हो रही थी.. भाभी भी ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी। तभी अचानक भाभी की धड़कन तेज होने लगी और उन्होंने ज़ोर से बोला कि तेज.. तो में समझ गया कि उनकी चूत का रस निकलने वाला है और मैंने फटाफट उनको सीधा लेटाया और खुद बहुत तेजी से झटके देने लगा। हम दोनों अपने आखरी छोर पर पहुंच चुके थे और साथ साथ ही झड़ गए।
अब भाभी के चेहरे पर अलग ही ख़ुशी थी और वो मेरे बालों को सहलाने लगी.. उन्होंने मेरे गालों को किस किया और कहा कि में तुम से बहुत प्यार करती हूँ और फिर मैंने भी कहा कि भाभी में भी आपसे बहुत प्यार करता हूँ। दोस्तों वो रात मेरी और मेरी भाभी की सबसे सुहानी रात थी.. जिसे में कभी नहीं भूल पाऊँगा। फिर हमने उस रात दो बार और चुदाई की और ऐसे ही सो गए।
मेरे भाई ने इंटरनेशनल मार्केटिंग में B.A. की हुई थी और वो अधिकतर समय घर से बाहर किसी ना किसी ट्यूर पर ही रहता था और मेरी भाभी को ज़्यादा वक़्त नहीं दे पाता था। मेरी भाभी फिर भी खुश थी और उन्होंने कभी किसी बात की शिकायत नहीं की.. जब भी मेरे भाई ट्यूर पर जाते थे तो में अपनी भाभी के कमरे में ही सोता था। क्योंकि अकेले में उनको बहुत डर लगता था।
यह बात अगस्त महीने की हैं जब बारिश का मौसम था और भैया को 15 दिनों के लिए आउट ऑफ कंट्री जाना था और फिर में, मेरी भाभी उनको एयरपोर्ट तक छोड़कर घर पर आए.. लेकिन भाभी बहुत उदास थी और घर पर आकर सीधे अपने कमरे में चली गई और अंदर से कमरा बंद कर लिया। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उनके दरवाजे को बजाया.. उन्होंने दरवाजा खोला। तो मैंने देखा तो उनकी आँखें लाल थी.. शायद वो रो रही थी।
में : भाभी आप रो क्यों रही हो?
भाभी : नहीं ऐसी कोई बात नहीं है बस मुझे आपके भैया की याद आ रही है तब तक मैंने अपनी भाभी को कभी ग़लत नज़र से नहीं देखा था.. लेकिन 21 साल की उम्र ही कुछ ऐसी होती है अपने आप पर काबू ही नहीं रहता। फिर मेरा लंड मुझे रात को बारिश की ठंडक में बहुत परेशान करने लगा और कभी भी खड़ा हो जाता। एक अजीब सी कशिश होती जो कि शब्दो में बताना बहुत मुश्किल है। फिर रात को भाभी ने कहा कि आओ रोहित सोने का टाईम हो गया।
में : भाभी मेरे सर में बहुत दर्द हो रहा है।
भाभी : क्यों क्या हो गया? ला ओ में दबा देती हूँ।
फिर मैंने बोला कि ठीक है भाभी और भाभी मेरा सर होले होले दबाने लगी.. मेरे और मेरी भाभी के बीच में एक बहुत अच्छे दोस्त का रिश्ता भी था और में भाभी के साथ हर एक बात शेयर करता था.. लेकिन अभी तक कभी सेक्स से सम्बंधित बातें शेयर नहीं की। भाभी ने मेरे सर में बाम लगाया और धीरे धीरे मेरा सर दर्द ठीक होने लगा और में बहुत अच्छा महसूस कर रहा था.. मैंने भाभी से कहा कि में अब पूरी तरह से ठीक हूँ और अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। तो भाभी ने मुझसे कहा कि रोहित पता नहीं मेरे पैर में कल शाम से हल्का हल्का दर्द हो रहा है।
में : भाभी यह तो ग़लत बात है आपने मुझे अभी तक बताया क्यों नहीं? में अभी आपके पैर दबा देता हूँ।
भाभी : नहीं नहीं रोहित.. ऐसा मत करो प्लीज़.. में तुमसे कैसे अपने पैर दबवा सकती हूँ? लेकिन में कहाँ सुनने वाला था.. में सरसों का तेल लेकर आया और भाभी के पैरों में लगाने लगा। दोस्तों मेरी भाभी का कलर बिल्कुल साफ था और उनकी लम्बाई 5.5 और वो 25 साल की थी। वो एकदम सेक्सी लगती थी और उनके बूब्स एकदम गोल थे। अगर वो मुझे पहले मिली होती तो में उन से शादी कर लेता। भाभी ने उस वक़्त गुलाबी कलर की मेक्सी पहनी हुई थी।
फिर मेरे बहुत कहने पर भाभी आखिकार मान गई और पैर दबवाने को मजबूर हो गई.. में तेल लेकर भाभी के पैरों पर लगाने लगा। तभी मुझे अचानक से पता नहीं क्या होने लगा और मेरा लंड हाफ पेंट में तनकर खड़ा हो गया.. मुझे पसीना आने लगा और दिल की धड़कन तेज हो गई और यह पहली बार था कि में अपनी भाभी को सेक्स की नज़र से देखने लगा था।
तभी अचानक से भाभी ने पूछा कि अब तो तू बड़ा हो गया है। तेरी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? तो में शरमा गया और बोला कि नहीं भाभी अभी तक तो कोई नहीं है और गर्लफ्रेंड की बात भाभी के मुहं से सुनकर मेरा लंड और ज़्यादा टाईट होने लगा और मैंने सोच लिया कि इस बात को आज कुछ ऐसी दिशा की तरफ मोड़ दूँ ताकि हमारे बीच और भी सेक्स की बातें हो सके। फिर में भाभी के पैर को दबाते हुए उन पर दबाव भी डाल रहा था और धीरे धीरे उनकी जांघो तक पहुंच गया था। भाभी की तरफ से कोई भी विरोध नहीं हो रहा था जिससे मेरा डर और खुल रहा था और में उनको अपने सेक्स प्लान में फंसा लेना चाहता था।
भाभी : क्यों भाई अब तक गर्लफ्रेंड क्यों नहीं? दिखने में तो ठीक ठाक हो फिर क्या समस्या है।
तो मैंने कहा कि भाभी कॉलेज में अगर किसी को पता चले कि मेरा किसी के साथ चक्कर है तो नाम खराब होगा और इसलिए मैंने किसी को प्रपोज़ नहीं किया। तभी भाभी अचानक से बोली कि मेरे करीब आओ.. तो में बहुत घबरा गया.. लेकिन फिर भी उनके करीब गया। उन्होंने मेरे सर पर किस किया और बोला कि मुझे तुम पर बहुत गर्व है रोहित में बहुत खुश हूँ कि मुझे तुम जैसा देवर मिला है।
में : में भी बहुत खुश हूँ भाभी आपको पाकर आप मेरी भाभी कम और एक दोस्त ज़्यादा हो और अब मेरा लंड मुझे ज़्यादा ही तंग कर रहा था और लंड इतना ज़्यादा खड़ा हो गया था कि मुझे डर लगने लगा कि कहीं भाभी उसे देख ना ले। तो मैंने भाभी से कहा कि में एक मिनट में वॉशरूम से आया.. लेकिन में बेड पर से जैसे ही उठा अचानक से में भाभी के ऊपर गिर गया और मेरा लंड उनके पेट से टकराया भाभी ने बड़ी बड़ी आँखों से मुझे देखा और देखती ही रह गई।
में फटाफट उठकर पेशाब करके वापस आया और भाभी के पैर दबाने लगा जैसे कि कुछ हुआ ही नहीं.. लेकिन भाभी में अब बहुत बदलाव दिख रहा था.. उनकी आवाज़ धीमी हो गई थी और उनकी छाती भी थोड़ी तेज ऊपर नीचे हो रही थी। में उनके पैर दबा रहा था.. लेकिन मेरा लंड एकदम तनकर खड़ा था। भाभी की नज़र नीचे थी और में समझ गया कि वो मेरे लंड को देख रही है। तभी थोड़ी देर की खामोशी के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि लगता है तुम अब बड़े हो गये हो और अपनी भाभी के साथ सब कुछ शेयर नहीं करते।
में : नहीं भाभी ऐसा तो कुछ नहीं है.. लेकिन आपको ऐसा क्यों लग रहा है?
भाभी : यह तुम्हारी पेंट के अंदर पहाड़ क्यों बना हुआ है?
तो में यह बात सुनकर बहुत चकित हो गया और मेरे मुहं से कुछ नहीं निकला और में सर नीचे झुकाते हुए उनके पैर को दबा रहा था।
में : भाभी प्लीज मुझे माफ़ कर दो।
भाभी : अरे इस में माफ़ी की क्या बात है यह सब इस उम्र में सभी के साथ होता है और यह सब सामान्य है।
में : बहुत बहुत धन्यवाद भाभी मुझे समझाने के लिए.. लेकिन भाभी अगर आप गुस्सा नहीं हो तो क्या में एक बात पूछूँ?
भाभी : तुम एक क्यों 100 बात पूछो?
में : भाभी आप और भैया क्या रोज़ सेक्स करते हो?
भाभी : नहीं रोहित में इतनी ख़ुशनसीब नहीं हूँ.. तुम्हारे भैया के लिए उनका काम ही ज़्यादा ज़रूरी है और वो वहां से बहुत थककर आते है और थोड़ी बहुत देर में सो जाते है।
फिर में उनकी यह बात सुनकर बहुत चकित हुआ और मैंने भाभी के पैर दबाना छोड़ दिया और उनके ही पास में आकर लेट गया।
में : भाभी क्या में आपको किस कर सकता हूँ?
तो भाभी ने मेरी तरफ देखा और कुछ जवाब नहीं दिया। वो सीधी अपने होठों को मेरे होठों के करीब लेकर आए और मेरे ऊपर वाले होंठ को चूसने लगी.. में हक्का बक्का रह गया था.. क्योंकि मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि किस करने की शुरुवात भाभी की तरफ से होगी। में संभला और में भी भाभी का साथ देना लगा और उनके होठों को काटने लगा। बारिश और बिजली की कड़कड़ाहट से मौसम ठंडा हो गया था और हम दोनों भी बहुत ज़्यादा कामुक हो गये थे।
फिर मैंने भाभी को झटका देकर हटाया और उनके ऊपर आ गया और उनके होठों को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.. भाभी ने मुझे इशारों से रोका और सिखाया कि कैसे आराम से किस करना चाहिए और हम दोनों एक दूसरे के होंठ करीब 5 मिनट तक चूस रहे थे। मुझे ऐसा लग रहा था कि में जन्नत में पहुंच गया हूँ और उनके होंठो को ऐसे चूस रहा था जैसे कि हम आईसक्रीम खा रहे हो और मेरा लंड इतना कड़क हो गया था कि उसमे बहुत दर्द होने लगा था। फिर भाभी ने मेरे होंठो को छोड़ा और मेरे निपल्स को काटने लगी और मेरी कमर में भी अपने नाख़ून का दबाव डालने लगी।
में इतना ज़्यादा उत्तेजित हो गया था कि मैंने उनकी मेक्सी को फाड़ दिया और उनके बूब्स देखकर तो जैसे पागल ही हो गया था.. काली कलर की ब्रा से उनके बूब्स ऐसे ढके हुए थे जैसे कि नई नवेली दुल्हन घूँघट में छुपकर रहती है। फिर मैंने उनकी ब्रा का हुक खोला और इतना पागल हो गया था कि मैंने उनके निपल्स को ज़ोर से काटा वो दर्द से चिल्लाने लगी और कहा कि प्लीज धीरे प्लीज़.. लेकिन में तो पागल हो गया था और उनके आग्रह का कोई असर अब मुझ पर होने वाला नहीं था। फिर में ज़ोर ज़ोर से उनके बूब्स को चूस रहा था और मेरी भाभी की आवाज़ आ रही थी आहह और ज़ोर से और ज़ोर से अह्ह्ह उफ्फ्फ ऐईईइ रोहित मेरे शरीर को अपने दातों से काटो।
तभी उनके मुहं से यह सुनकर में और पागल हो गया और उनके बूब्स को और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.. मेरी भाभी को अब बहुत मज़ा आ रहा था और उन्होंने मेरे सर पर हाथ फैरते हुए कहा कि रोहित तुम तो खिलाड़ी हो ऐसा लग रहा है कि तुम पूरी रात मेरे निपल्स को ज़ोर ज़ोर से चूसते रहो और अब में उनके बूब्स से हटा और उनकी हल्की हरी कलर की पेंटी को सूंघने लगा। फिर मैंने उनकी पेंटी के ऊपर से ही उनको अपने दातों से काटा और मेरी भाभी दर्द से चिल्लाने लगी और सिसकियाँ लेने लगी।
तभी मैंने एक झटके में उनकी पेंटी निकाली और उनकी चूत के आकार को देखने लगा.. चूत पर हल्के हल्के बाल थे और उसके होंठ गुलाबी कलर के थे। दोस्तों मैंने चूत रियल लाईफ में पहली बार देखी थी और इससे पहले ब्लू फिल्म में कई बार देखी थी और फिर मैंने ब्लूफिल्म्स की तरह उनकी चूत को चूसना शुरू किया और भाभी का चेहरा देखा.. भाभी अपनी दोनों आँखें बंद करके एक हाथ से अपने बूब्स को दबा रही थी और दूसरे हाथों से मेरे सर पर दबाव डालकर उनकी चूत की तरफ धकेल रही थी।
तो अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और में उनकी चूत को चूस रहा था और मैंने अपनी जीभ को उनकी चूत की गहराई में डाला तो उनकी चूत बहुत गरम हो चुकी थी और उनकी चूत के रस का स्वाद भी अच्छा था। मेरी भाभी पागल हो रही थी और वो बोली कि रोहित अब बर्दाश्त नहीं हो रहा.. प्लीज़ अपना लंड मेरी चूत में डाल दो। तभी उनके मुहं से लंड शब्द सुनकर मुझमें और जोश आ गया और में 69 पोज़िशन में आ गया। तो मैंने अपना लंड उनके मुहं में डाला और उनकी चूत को चूस रहा था.. मुझे लंड चुसवाते हुए बहुत मज़ा आ रहा था और भाभी को भी उनकी चूत चुसवाते हुए बहुत मस्ती आ रही थी।
हम 5 मिनट तक 69 पोज़िशन में एक दूसरे के प्राईवेट अंग को चूसते रहे.. लेकिन अब भाभी बेकाबू हो रही थी और मुझसे मदहोशी वाली आवाज़ में आग्रह करने लगी कि मुझे चोदो प्लीज़ मुझे चोदो। तो अब टाईम आ गया था उनकी चूत की प्यास बुझाने का.. मैंने उनको बिस्तर पर लेटाया और उनके कमर के नीचे एक तकिया लगाया और मैंने भाभी के कहने पर उनकी अलमारी से कंडोम निकाला। फिर भाभी ने कंडोम मेरे खड़े लंड पर चड़ाया और मुझे इशारा किया लंड को चूत के अंदर घुसाने का.. मेरा लंड बार बार स्लिप हो गया था। तो भाभी ने अपने हाथों से लंड को चूत के अंदर सेट किया और जैसे ही लंड चूत के अंदर घुसा तो उन्होंने मेरे सर के बाल ज़ोर से खींचे। अब वो पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी और उनके मुहं से अपने आप आवाज़े निकल रही थी आअहह अह्ह्ह आईई ज़ोर से तेज और तेज रोहित और तेज़ यह सब सुनकर में और ज़्यादा उत्तेजित हो रहा था और मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी।
मैंने भाभी के होठों को किस किया और एक हाथ से उनके बूब्स को भी दबा रहा था.. भाभी की आँखें बंद थी और होठों पर हल्की हल्की मुस्कान और अब उन्हें देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि मानो हम दोनों कश्मीर की वादियों में अपना हनिमून मना रहे हो। फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत से बाहर निकाला और उनको घुटनो के बल डोगी स्टाईल में बैठने को कहा और में उनके पीछे आया और वहां से लंड उनकी चूत में डाला। इस बार उनको और भी ज़्यादा मज़ा आ रहा था.. क्योंकि दबाव और लंड से चूत की रगड़ और भी ज़्यादा हो रही थी.. भाभी भी ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी। तभी अचानक भाभी की धड़कन तेज होने लगी और उन्होंने ज़ोर से बोला कि तेज.. तो में समझ गया कि उनकी चूत का रस निकलने वाला है और मैंने फटाफट उनको सीधा लेटाया और खुद बहुत तेजी से झटके देने लगा। हम दोनों अपने आखरी छोर पर पहुंच चुके थे और साथ साथ ही झड़ गए।
अब भाभी के चेहरे पर अलग ही ख़ुशी थी और वो मेरे बालों को सहलाने लगी.. उन्होंने मेरे गालों को किस किया और कहा कि में तुम से बहुत प्यार करती हूँ और फिर मैंने भी कहा कि भाभी में भी आपसे बहुत प्यार करता हूँ। दोस्तों वो रात मेरी और मेरी भाभी की सबसे सुहानी रात थी.. जिसे में कभी नहीं भूल पाऊँगा। फिर हमने उस रात दो बार और चुदाई की और ऐसे ही सो गए।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.