28-01-2023, 09:14 PM
मेरा नाम आकाश पाटिल और में पुणे शहर में रहता हूँ, मेरी उम्र 25 साल और में दिखने में बहुत अच्छा लगता हूँ. मेरे परिवार में चार सदस्य है. में, मम्मी पापा और एक मेरी बड़ी बहन और में हमेशा अपनी बहन को दीदी कहकर बुलाता हूँ और इसके अलावा में उसे किसी और घर के नाम से नहीं पुकारता हूँ, हम दोनों भाई बहन की उम्र में सिर्फ दो साल का अंतर है. मैंने अभी पिछले साल अपनी इंजिनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद में अब एक मल्टिनेशनल कंपनी में नौकरी कर रहा हूँ और मेरी दीदी भी पिछले कुछ सालों से एक बहुत बड़ी प्राईवेट कम्पनी में नौकरी करती है.
दोस्तों मुझे शुरू से ही सेक्स कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और जिनको पढ़कर मुझे बहुत मज़ा आता है और मुझे बचपन से ही सेक्स करने में बहुत रूचि है. दोस्तों मेरे घर में तीन कमरे है, नीचे मम्मी, पापा का बेडरूम है और ऊपर मेरा और मेरी दीदी का. हमारे पूरे घर में सिर्फ दीदी के रूम में इंटरनेट था और में हमेशा सोचता रहता था कि क्या वो भी इंटरनेट पर कुछ ऐसा देखती होगी? तब मैंने एक प्लान बनाया कि में उनके लेपटॉप पर इंटरनेट की हिस्टरी चेक करूं, वो शायद गुरुवार का दिन था और दीदी के नौकरी के लिए निकलने के बाद में उसके कमरे में चला गया और में उनका लेपटॉप चालू करके इंटरनेट ब्राउज़िंग की हिस्टरी देखने लगा, लेकिन अफ़सोस मेरे देखने से पहले ही पूरी हिस्टरी डिलीट थी. इसका मतलब यह था कि दीदी ने अपने लेपटॉप पर नोट सेव इंटरनेट हिस्टरी किया हुआ था और मेरा वो पूरा दिन ऐसे ही चला गया था, मेरे हाथ कुछ ऐसा ख़ास नहीं लगा था.
फिर दूसरे दिन शुक्रवार को फिर मैंने लेपटॉप को चेक करने की कोशिश की, लेकिन उस दिन भी मुझे ब्राउज़िंग हिस्टरी में कुछ भी नहीं मिला और ना ही लेपटॉप में. फिर अचानक मुझे एक विचार आया जिससे मेरी तो पूरी जिंदगी ही बदल गई. मैंने ब्राउज़र की सेटिंग में दीदी का गूगल अकाउंट का पासवर्ड सेव था तो वो देखा. दीदी का गूगल लॉग इन करने के बाद में उसकी गूगल सर्च हिस्टरी देखने लगा और उसे देखने के बाद में तो जैसे बिल्कुल पागल ही हो गया. मैंने देखा कि मेरी दीदी बहुत सारा पोर्न देखती थी और और तब मैंने एक बात पर गौर किया कि दीदी ज़्यादातर सेक्स के बारे में सभी शनिवार रात को ही देखती है.
फिर मैंने लेपटॉप को बंद किया और मेरे रूम में आकर सोचने लगा कि आज शुक्रवार है और दीदी कल रात कुछ ना कुछ तो जरुर करेगी और अब मुझे वो कैसे भी देखना था. फिर मैंने एक प्लान बनाया, दीदी और मेरे रूम में हवा बाहर जाने के लिए एक छोटी सी खिड़की थी और आने वाले कल के बारे में सोच सोचकर मैंने शुक्रवार रात को दो बार अपना लंड हिलाया और फिर शनिवार को दीदी शाम को अपने ऑफिस से ठीक समय पर घर आ गई और रात को खाना खाने के बाद मैंने उसको पूछा.
में : दीदी क्यों तू रात को कितने बजे सोती है?
दीदी : क्यों रे तुझे लेपटॉप पर ऐसा क्या करना है?
में : वो मुझे रात को 12.30 के बाद तुम्हारे लेपटॉप पर इंटरनेट से कुछ काम करना था और वो मुझे मेरे एक दोस्त से चेटिंग करना था इसलिए.
फिर दीदी ने थोड़ा सोचकर बोला कि ठीक है में 12.30 तक अपना सभी काम ख़त्म करती हूँ और फिर तुम्हें एक मिस कॉल दे दूँगी. अब में अपने बेडरूम में आ गया और करीब 10-15 मिनट के बाद मैंने मेरे रूम की लाईट को बंद कर दिया और मैंने अपनी पढ़ाई करने की टेबल पर एक कुर्सी रखी और अब उस खिड़की से पास वाले कमरे के अंदर देखने लगा. मैंने देखा कि करीब 10.30 बजे दीदी ने अपने लेपटॉप को चालू किया और फिर उसने अपने कान में हेडफोन्स लगाए और अब वीडियो गाने देखने लगी. में अब बहुत परेशान हुआ जा रहा था और मन ही मन सोच रहा था कि क्या दीदी आज कुछ करेगी भी या नहीं?
तभी कुछ देर बाद दीदी ने अपने कानों से हेडफोन्स को बाहर निकाला और फिर कांच के सामने आ गई और वो अब एक एक करके अपने कपड़े उतारने लगी, मुझे वो सब कुछ एकदम साफ साफ दिख रहा था. दोस्तों अब मुझे अपनी आखों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि मेरी दीदी अब मेरे सामने उस हालत में नंगी खड़ी हुई थी. अब मेरा लंड वो सब देखकर धीरे धीरे झटके देकर खड़ा होने लगा था, उसने अब अपने पूरे कपड़े उतार दिए और अब वो कांच के सामने पेंटी में खड़ी हुई थी और उसके वो बड़े बड़े बूब्स देखने के बाद मेरे तो लंड से पानी निकलना शुरू हो गया.
फिर उसने कपबोर्ड में से एक शॉर्ट जो कि सिर्फ़ जांघो तक ही था और एक बिना बाँह की टी-शर्ट बाहर निकाली और उसे पहन लिया और फिर चलकर लेपटॉप की तरफ आ गई और उसमें कोई सेक्सी विडियो ढूंढने लगी और फिर दीदी ने एक लेस्बियन वीडियो लगाया और अपने कानों में दोबारा हेडफोन्स लगाकर उसे देखने लगी. दोस्तों मुझे तो वो सब देखकर मज़ा ही आ गया, क्योंकि अब ठीक मेरे सामने मेरी हॉट, सेक्सी बहन थी और में उस सीन को देख देखकर मज़े ले रहा था.
फिर कुछ देर बाद मेरी दीदी ने जोश में आकर अपनी चूत में ऊँगली करना शुरू कर दिया और थोड़ी देर के बाद दीदी ने अपने बूब्स को भी दबाना, मसलना शुरू किया. मैंने भी यह सब देखकर अपना लंड बाहर निकाला और हिलाने लगा. उसने दोनों पैर टेबल पर रखे और शॉर्ट और पेंटी को उतारा और अब वो अपनी चूत के साथ बहुत मज़े से खेलने लगी, वो अपने एक हाथ से अपने बूब्स दबा रही थी और अपने दूसरे हाथ से चूत को ज़ोर ज़ोर से रगड़ रही थी.
दोस्तों मुझे शुरू से ही सेक्स कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और जिनको पढ़कर मुझे बहुत मज़ा आता है और मुझे बचपन से ही सेक्स करने में बहुत रूचि है. दोस्तों मेरे घर में तीन कमरे है, नीचे मम्मी, पापा का बेडरूम है और ऊपर मेरा और मेरी दीदी का. हमारे पूरे घर में सिर्फ दीदी के रूम में इंटरनेट था और में हमेशा सोचता रहता था कि क्या वो भी इंटरनेट पर कुछ ऐसा देखती होगी? तब मैंने एक प्लान बनाया कि में उनके लेपटॉप पर इंटरनेट की हिस्टरी चेक करूं, वो शायद गुरुवार का दिन था और दीदी के नौकरी के लिए निकलने के बाद में उसके कमरे में चला गया और में उनका लेपटॉप चालू करके इंटरनेट ब्राउज़िंग की हिस्टरी देखने लगा, लेकिन अफ़सोस मेरे देखने से पहले ही पूरी हिस्टरी डिलीट थी. इसका मतलब यह था कि दीदी ने अपने लेपटॉप पर नोट सेव इंटरनेट हिस्टरी किया हुआ था और मेरा वो पूरा दिन ऐसे ही चला गया था, मेरे हाथ कुछ ऐसा ख़ास नहीं लगा था.
फिर दूसरे दिन शुक्रवार को फिर मैंने लेपटॉप को चेक करने की कोशिश की, लेकिन उस दिन भी मुझे ब्राउज़िंग हिस्टरी में कुछ भी नहीं मिला और ना ही लेपटॉप में. फिर अचानक मुझे एक विचार आया जिससे मेरी तो पूरी जिंदगी ही बदल गई. मैंने ब्राउज़र की सेटिंग में दीदी का गूगल अकाउंट का पासवर्ड सेव था तो वो देखा. दीदी का गूगल लॉग इन करने के बाद में उसकी गूगल सर्च हिस्टरी देखने लगा और उसे देखने के बाद में तो जैसे बिल्कुल पागल ही हो गया. मैंने देखा कि मेरी दीदी बहुत सारा पोर्न देखती थी और और तब मैंने एक बात पर गौर किया कि दीदी ज़्यादातर सेक्स के बारे में सभी शनिवार रात को ही देखती है.
फिर मैंने लेपटॉप को बंद किया और मेरे रूम में आकर सोचने लगा कि आज शुक्रवार है और दीदी कल रात कुछ ना कुछ तो जरुर करेगी और अब मुझे वो कैसे भी देखना था. फिर मैंने एक प्लान बनाया, दीदी और मेरे रूम में हवा बाहर जाने के लिए एक छोटी सी खिड़की थी और आने वाले कल के बारे में सोच सोचकर मैंने शुक्रवार रात को दो बार अपना लंड हिलाया और फिर शनिवार को दीदी शाम को अपने ऑफिस से ठीक समय पर घर आ गई और रात को खाना खाने के बाद मैंने उसको पूछा.
में : दीदी क्यों तू रात को कितने बजे सोती है?
दीदी : क्यों रे तुझे लेपटॉप पर ऐसा क्या करना है?
में : वो मुझे रात को 12.30 के बाद तुम्हारे लेपटॉप पर इंटरनेट से कुछ काम करना था और वो मुझे मेरे एक दोस्त से चेटिंग करना था इसलिए.
फिर दीदी ने थोड़ा सोचकर बोला कि ठीक है में 12.30 तक अपना सभी काम ख़त्म करती हूँ और फिर तुम्हें एक मिस कॉल दे दूँगी. अब में अपने बेडरूम में आ गया और करीब 10-15 मिनट के बाद मैंने मेरे रूम की लाईट को बंद कर दिया और मैंने अपनी पढ़ाई करने की टेबल पर एक कुर्सी रखी और अब उस खिड़की से पास वाले कमरे के अंदर देखने लगा. मैंने देखा कि करीब 10.30 बजे दीदी ने अपने लेपटॉप को चालू किया और फिर उसने अपने कान में हेडफोन्स लगाए और अब वीडियो गाने देखने लगी. में अब बहुत परेशान हुआ जा रहा था और मन ही मन सोच रहा था कि क्या दीदी आज कुछ करेगी भी या नहीं?
तभी कुछ देर बाद दीदी ने अपने कानों से हेडफोन्स को बाहर निकाला और फिर कांच के सामने आ गई और वो अब एक एक करके अपने कपड़े उतारने लगी, मुझे वो सब कुछ एकदम साफ साफ दिख रहा था. दोस्तों अब मुझे अपनी आखों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि मेरी दीदी अब मेरे सामने उस हालत में नंगी खड़ी हुई थी. अब मेरा लंड वो सब देखकर धीरे धीरे झटके देकर खड़ा होने लगा था, उसने अब अपने पूरे कपड़े उतार दिए और अब वो कांच के सामने पेंटी में खड़ी हुई थी और उसके वो बड़े बड़े बूब्स देखने के बाद मेरे तो लंड से पानी निकलना शुरू हो गया.
फिर उसने कपबोर्ड में से एक शॉर्ट जो कि सिर्फ़ जांघो तक ही था और एक बिना बाँह की टी-शर्ट बाहर निकाली और उसे पहन लिया और फिर चलकर लेपटॉप की तरफ आ गई और उसमें कोई सेक्सी विडियो ढूंढने लगी और फिर दीदी ने एक लेस्बियन वीडियो लगाया और अपने कानों में दोबारा हेडफोन्स लगाकर उसे देखने लगी. दोस्तों मुझे तो वो सब देखकर मज़ा ही आ गया, क्योंकि अब ठीक मेरे सामने मेरी हॉट, सेक्सी बहन थी और में उस सीन को देख देखकर मज़े ले रहा था.
फिर कुछ देर बाद मेरी दीदी ने जोश में आकर अपनी चूत में ऊँगली करना शुरू कर दिया और थोड़ी देर के बाद दीदी ने अपने बूब्स को भी दबाना, मसलना शुरू किया. मैंने भी यह सब देखकर अपना लंड बाहर निकाला और हिलाने लगा. उसने दोनों पैर टेबल पर रखे और शॉर्ट और पेंटी को उतारा और अब वो अपनी चूत के साथ बहुत मज़े से खेलने लगी, वो अपने एक हाथ से अपने बूब्स दबा रही थी और अपने दूसरे हाथ से चूत को ज़ोर ज़ोर से रगड़ रही थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.