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मामी की लड़की
#2
मामा के २ लड़के और १ लड़की प्रिया थी. उसकी उम्र करीबन २३ साल थी. देखने में बहुत प्यारी और मासूम थी. लेकिन वो भी धीरे – धीरे जवान हो रही थी. मेरा गाज़ियाबाद जब जाना हुआ, जब मेरा एग्जाम था. विंटर का सीजन था. मामा के यहाँ ४ दिन का स्टे था मेरा. मामा के यहाँ पहुच कर सब लोगो से बातें भी हुई. प्रिया ने भी नमस्ते किया. मैंने उसे काफी दिनों बाद देखा था. तो बहुत प्यारी लग रही थी. वो मुझे देख कर बस मुस्कुरा दी. फिर शाम हो गयी. मैं उसके रूम में गया और हम लोगो में काफी बातें हुई. मैंने उसे कैरियर के बारे में बताया. वो भी ध्यान से सुन रही थी. फिर हम लोग खाना खाने चले गये. खाना खाने के बाद, मैं छत पर चले गया. मैं गाना गा रहा था और टहल रहा था. कुछ देर बाद प्रिया भी आ गयी.

प्रिया – बहुत अच्छा गाते है आप.

मैं – अरे नहीं.. बस ऐसे ही जब मन करता है. तो बस गुनगुना लेता हु.

प्रिया – सोना नहीं है क्या?

मैं – थोड़ी देर में सोऊंगा. बट तुम क्या कर रही हो यहाँ?

प्रिया – जैसे आपको नीद नहीं आ रही है. वैसे मुझे भी नीद नहीं आ रही है. फिर थोड़ी देर बातें करने के बाद, हम दोनों नीचे चले गये. मेरी नीद सुबह ८ बजे खुली और जैसे ही मैं नहाने के लिए बाथरूम जाने लगा, तो उसमे पहले से ही कोई था. थोड़ी देर बाद, प्रिया निकली नहा कर और मैं तो बस उसे देखता ही रह गया. बहुत ही खुबसूरत लग रही थी वो. गिले बाल थे, शम्पू की खुशबु आ रही थी. बहुत गोरी थी वो..

प्रिया – बहुत जल्दी उठ गये आप तो.

मैं – अरे, बस ऐसे ही नीद खुल गयी.

प्रिया – जाईये, नहा लीजिये. अभी पानी गरम है.

मैं बाथरूम के अन्दर गया और डोर लॉक कर लिया और १ मिनट बाद प्रिया बोली – भैया मेरे कपड़े अन्दर रह गये है. जरा दे दीजिये. मैंने इधर – उधर देखा. तो बस एक ब्लैक कलर की ब्रा और एक टीशर्ट ही पड़ी हुई थी.

मैंने पूछा – दो ही कपड़े है.

प्रिया – हाँ, ऊपर से दे दीजिये.

मैंने ब्रा जो ३२ साइज़ की थी ऊपर से दे दी. ब्रा किल में फस गयी. प्रिया निकालने लगी. बट उस से नहीं निकल रही थी. मैं बाहर आया और निकाल दिया. वो शरमा रही थी. ब्रा लेके तुरंत अन्दर भाग गयी. फिर दोपहर हुई और मैं प्रिया के रूम में गया और नार्मल बातें करते रहे. फिर शाम हुई और हम फिर से टेरेस पर थे और बातें कर रहे थे. अबकी बार बातें थोड़ी लम्बी थी और वहीँ गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड वाली बातें थी. फिर हम लोग नीचे जाकर सो गये. मैं अगले दिन भी ८ बजे सो कर उठ गया और नहाने के लिए गया. प्रिया फिर से बाथरूम में ही थी. वो बाहर आई और मैं उसे देखता ही रह गया. मैं बाथरूम के अन्दर गया. प्रिया ने नोक किया और कहा – कि अन्दर मेरे कपड़े रह गये है. मेरा दिमाग चला, कि रोज़ ये कपड़े क्यों छोड़ देती है अन्दर? अबकी ब्रा पर्पल ब्रा और ब्लैक पेंटी थी. मैंने कहा – अन्दर आ कर ले जाओ.

प्रिया – आप दे दो ना.

मैं – नहीं, खुद ही ले लो.

प्रिया अन्दर आई और जैसे ही कपड़े ले रही थी. मैंने पीछे से हाथ लगाया. उसने कपड़े लिए और तुरंत चली गयी बिना कुछ कहे. उस दिन मैं उसके रूम में भी नहीं गया और वो रात को टेरेस पर भी नहीं आई. फिर अगले दिन सेम चीज हुई. मैं बाथरूम में गया, उसने नोक किया और बोली – भैया, मेरे कपड़े रह गये है. मैंने कहा – आकर ले लो. मैं – आ जाओ. प्रिया अन्दर आ गयी और कपड़े ले लिए. लेकिन इस बार मैंने कुछ भी नहीं किया. वो कपड़े ले कर मेरी तरफ पीठ करक खड़ी हो गयी और कुछ भी नहीं बोली. मैंने २-३ बार प्रिया – प्रिया बोला. मेरी हिम्मत बढी. मैंने पीछे से उसे पकड़ लिया. वो कुछ भी नहीं बोली. मैंने उके गले पर किस किया. उसने कोई रेस्पोंस नहीं दिया. मैंने उसके हाथ से उसकी ब्रा पेंटी लेकर टांग दी और उसको अपनी तरफ पलट दिया और उसके गले पर किस कर दिया. वो अब भी आँखे बंद किये हुए थी. फिर मैंने उसके होठो को चुसना शुरू कर दिया. वो वो साथ नहीं दे रही थी.

फिर मैं ने उसकी टीशर्ट में हाथ डाल कर उसके बूब्स को दबाया. प्रिया – अहहह्हा अहहाह.. मैंने उसे दिवार से सटा दिया और उसके दूध मसलने लगा. इतने मुलायम दूध थे, बता नहीं सकता. बहुत मुलायम थे और मैं उनको दोनों हाथ में लेकर मसल रहा था. प्रिया सिर्फ आँखे बंद करके हलके से आवाज़े निकाल रही थी. फिर उसे भी जोश आया और उसने अपने होठ खोल कर मेरे होठो को चुसना शुरू कर दिया. क्या गजब थी वो.. बहुत ही अच्छे से चूस रही थी और होठो को पी रही थी. फिर मैंने प्रिया की टीशर्ट उतार दी. उसने ब्रा नहीं पहनी थी. मिल्की वाइट बूब्स थे उसके. मैंने प्रिया के दोनों हाथ पकडे और कस के होठो को पीने लगा. वो भी जवान थी और मेरा साथ दे रही थी अपनी जीभ घुमा – घुमा कर. फिर मैं उसके निप्पल चूसने लगा और दूध भी पिया. वो बहुत एक्साइट हो गयी थी और तेज – तेज सांसे ले रही थी. फिर मैंने प्रिया की स्कर्ट भी उतार दी. वो पूरी नंगी थी और बहुत गरम हो चुकी थी. फिर मैं नीचे बैठा और उसकी चूत में जीभ लगायी. बहुत अच्छी महक थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: मामी की लड़की - by neerathemall - 28-01-2023, 08:44 PM
RE: मामी की लड़की - by sri7869 - 22-03-2024, 09:07 AM



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