28-01-2023, 07:41 PM
में : हाँ, में भी वहीं सोच रहा हूँ.
फिर जब में बेड से उठा तो रवीना मेरे सामने वहीं पर मुझसे 7/8 फीट की दूरी पर खड़ी थी और जैसे ही में उठा तो मेरा लंड बिल्कुल सीधा उसकी तरफ निशाना साधे खड़ा हुए था और लंड को देखकर वो हल्की सी मुस्कुराई और में एकदम से बाथरूम में चला गया और फिर उफ़फ्फ़ उसकी ब्रा, पेंटी वहीं पर लटकी हुई थी.
मैंने उसकी ब्रा, पेंटी को सूँघा और पता नहीं कब मेरा हाथ लंड पर चला गया और मैंने उसकी पेंटी को सूंघते सूंघते मुठ मारना शुरू कर दिया और जब मेरा वीर्य बाहर निकलने वाला था तभी रवीना की आवाज़ आई खाना आ गया है, जल्दी से बाहर आ जाओ मुझे बहुत भूख लगी है और में अब ज्यादा इतंजार नहीं कर सकती. फिर में तभी रुक गया और दो मिनट में मुहं हाथ धोकर बाहर आ गया और अब में भी अपना अंडरवियर वहीं पर छोड़ आया और सिर्फ़ लोवर पहनकर बाहर आ गया और मेरे बाहर आते ही.
रवीना : क्या बात है अंदर ऐसा क्या कर रहे थे? ज़्यादा गरम तो नहीं हो गए थे और फिर हंसने लगी.
में : ना ना नहीं, कुछ नहीं बस पानी गरम नहीं था और इसलिए बाहर आने में थोड़ा समय लग गया.
दोस्तों लेकिन वो बहुत समझदार थी, वो अब तक सब कुछ समझ चुकी थी और वो दोबारा मुझे देखकर मुस्कुराने लगी तो उसने मुझसे कहा.
रवीना : अच्छा चलो आ जाओ खाना खाते है.
में : अरे आप तो खा लेते जब आपको भूख लगी थी तो.
रवीना : अरे यार में हर रोज़ ही अकेली खाती हूँ किसी के साथ खाने का मौका कभी कभी मिलता है.
में : हाँ ठीक है.
फिर में भी अब बेड पर बैठ गया और हम दोनों ने एक एक रज़ाई ओढ़ ली और आमने सामने बैठकर खाने लगे. में तो खाना खाते खाते भी में उसको देख रहा था उसके बूब्स बड़े ही मुलायम आकर्षक दिख रहे थे और बहुत बड़े भी थे और मेरा लंड तो बस उसके रसीले गुलाबी होठों को छूने को तरस रहा था और में उसके बूब्स को देखते हुए उन्हे चूसने की बात सोच रहा था कि तभी वो बोली कि इनको देखने से तुम्हारा पेट नहीं भरेगा पहले आराम से खाना खा लो.
दोस्तों में उसके बूब्स में इतना खोया हुआ था कि मैंने तुरंत कह दिया कि अगर देखने से पेट नहीं भरेगा तो एक बार चूसने दो. इनका दूध पीकर मेरा पेट भर जाएगा. फिर मेरे मुहं से यह बात सुनते ही उसने मेरी तरफ बहुत गुस्से से देखा और खड़ी होकर वॉशरूम में चली गई और में अब और कुछ बोल ही नहीं पाया, लेकिन मुझे लगा कि यह तो अंदर जाकर शायद रोने लगी होगी. तभी वो कुल्ला करके वापस आ गई और मुझे गुस्से से देखते हुए ही बोली कि जल्दी से खाना खाओ मुझे अब सोना है और में भी चुपचाप बीच में ही खाना ऐसे ही छोड़कर उठ गया.
रवीना : अरे खाना तो पूरा खाओ, ऐसे नहीं उठते.
फिर मैंने उसके कहने पर एक और रोटी खाई और फिर से उठ गया और बर्तन टेबल पर रख दिए और कुल्ला करके वापस आ गया. फिर मैंने देखा कि वो बिस्तर में नहीं थी और जैसे ही में पीछे मुड़ा तो वो बिल्कुल मेरे सामने खड़ी हुई थी और मेरी आँखों में आँखें डालकर बोली कि अभी क्या कह रहा था चूसने दो? और फिर वो मेरे बाल पकड़ खींचने लगी और फिर बोली कि चूसेगा क्या इनको, बोल ना अब क्या हुआ? मैंने बोला नहीं नहीं आप तो बुरा मान गई, मेरा यह मतलब नहीं था.
फिर जब में बेड से उठा तो रवीना मेरे सामने वहीं पर मुझसे 7/8 फीट की दूरी पर खड़ी थी और जैसे ही में उठा तो मेरा लंड बिल्कुल सीधा उसकी तरफ निशाना साधे खड़ा हुए था और लंड को देखकर वो हल्की सी मुस्कुराई और में एकदम से बाथरूम में चला गया और फिर उफ़फ्फ़ उसकी ब्रा, पेंटी वहीं पर लटकी हुई थी.
मैंने उसकी ब्रा, पेंटी को सूँघा और पता नहीं कब मेरा हाथ लंड पर चला गया और मैंने उसकी पेंटी को सूंघते सूंघते मुठ मारना शुरू कर दिया और जब मेरा वीर्य बाहर निकलने वाला था तभी रवीना की आवाज़ आई खाना आ गया है, जल्दी से बाहर आ जाओ मुझे बहुत भूख लगी है और में अब ज्यादा इतंजार नहीं कर सकती. फिर में तभी रुक गया और दो मिनट में मुहं हाथ धोकर बाहर आ गया और अब में भी अपना अंडरवियर वहीं पर छोड़ आया और सिर्फ़ लोवर पहनकर बाहर आ गया और मेरे बाहर आते ही.
रवीना : क्या बात है अंदर ऐसा क्या कर रहे थे? ज़्यादा गरम तो नहीं हो गए थे और फिर हंसने लगी.
में : ना ना नहीं, कुछ नहीं बस पानी गरम नहीं था और इसलिए बाहर आने में थोड़ा समय लग गया.
दोस्तों लेकिन वो बहुत समझदार थी, वो अब तक सब कुछ समझ चुकी थी और वो दोबारा मुझे देखकर मुस्कुराने लगी तो उसने मुझसे कहा.
रवीना : अच्छा चलो आ जाओ खाना खाते है.
में : अरे आप तो खा लेते जब आपको भूख लगी थी तो.
रवीना : अरे यार में हर रोज़ ही अकेली खाती हूँ किसी के साथ खाने का मौका कभी कभी मिलता है.
में : हाँ ठीक है.
फिर में भी अब बेड पर बैठ गया और हम दोनों ने एक एक रज़ाई ओढ़ ली और आमने सामने बैठकर खाने लगे. में तो खाना खाते खाते भी में उसको देख रहा था उसके बूब्स बड़े ही मुलायम आकर्षक दिख रहे थे और बहुत बड़े भी थे और मेरा लंड तो बस उसके रसीले गुलाबी होठों को छूने को तरस रहा था और में उसके बूब्स को देखते हुए उन्हे चूसने की बात सोच रहा था कि तभी वो बोली कि इनको देखने से तुम्हारा पेट नहीं भरेगा पहले आराम से खाना खा लो.
दोस्तों में उसके बूब्स में इतना खोया हुआ था कि मैंने तुरंत कह दिया कि अगर देखने से पेट नहीं भरेगा तो एक बार चूसने दो. इनका दूध पीकर मेरा पेट भर जाएगा. फिर मेरे मुहं से यह बात सुनते ही उसने मेरी तरफ बहुत गुस्से से देखा और खड़ी होकर वॉशरूम में चली गई और में अब और कुछ बोल ही नहीं पाया, लेकिन मुझे लगा कि यह तो अंदर जाकर शायद रोने लगी होगी. तभी वो कुल्ला करके वापस आ गई और मुझे गुस्से से देखते हुए ही बोली कि जल्दी से खाना खाओ मुझे अब सोना है और में भी चुपचाप बीच में ही खाना ऐसे ही छोड़कर उठ गया.
रवीना : अरे खाना तो पूरा खाओ, ऐसे नहीं उठते.
फिर मैंने उसके कहने पर एक और रोटी खाई और फिर से उठ गया और बर्तन टेबल पर रख दिए और कुल्ला करके वापस आ गया. फिर मैंने देखा कि वो बिस्तर में नहीं थी और जैसे ही में पीछे मुड़ा तो वो बिल्कुल मेरे सामने खड़ी हुई थी और मेरी आँखों में आँखें डालकर बोली कि अभी क्या कह रहा था चूसने दो? और फिर वो मेरे बाल पकड़ खींचने लगी और फिर बोली कि चूसेगा क्या इनको, बोल ना अब क्या हुआ? मैंने बोला नहीं नहीं आप तो बुरा मान गई, मेरा यह मतलब नहीं था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.