28-01-2023, 07:35 PM
फिर कुछ देर हम चुप रहे और बाहर कोहरा बहुत हो गया था जिसकी वजह से अब मुझे रोड बड़ी मुश्किल से दिखाई दे रहा था और हम अभी पानीपत भी नहीं पहुंचे थे और कोहरे के कारण मुझे अपनी गाड़ी की स्पीड भी थोड़ी कम करनी पड़ी. तभी अचानक हमारे साथ से एक गाड़ी थोड़ी तेज़ स्पीड में निकली और हमने उस पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया, लेकिन उसी टाइम वो गाड़ी चलते चलते एकदम से उसके आगे चल रही गाड़ी से जा टकराई और यह देखकर मैंने अपनी गाड़ी को वहीं पर रोक लिया.
[url=https://hotsexstory.xyz/chudai-ka-khel-bhabhi-ke-sath-khela/bhabhi-sex/][/url]
रवीना : यह क्या हुआ?
में : शायद ज़्यादा कोहरे की वजह से सामने वाली गाड़ी में ठुक गई होगी.
रवीना : क्यों ऐसे तो हमारा भी आक्सिडेंट हो सकता है?
में : डर तो मुझे भी इसी बात का है हम एक बार पानीपत पहुंचकर फिर देखते है अगर कोहरा कम हुआ तो आगे चलेंगे, नहीं तो पानीपत किसी होटेल में रुक जाएँगे?
रवीना : क्या होटेल में वो भी एक पराए मर्द के साथ?
में : अरे यार अब आप बच्चों जैसी बातें कर रही हो और क्या में अभी भी पराया मर्द हूँ?
रवीना : और नहीं तो क्या, मर्द तो पराए ही हो.
में : हाँ ठीक है, अच्छा जी.
रवीना : में तो बस तुमसे मजाक कर रही थी.
में : हाँ यह हुई ना बात, अब चलें नहीं तो सब होटल बंद हो जाएँगे और हमे इस कार में ही रात गुज़ारनी पड़ेगी.
रवीना : ठीक है चलो ऐसा ही करेंगे, वैसे भी समय भी ज़्यादा हो गया है 10:30 हो गए है.
में : ठीक है जी, चलो चलते है.
मैंने फिर 20-30 की स्पीड पर गाड़ी चलानी शुरू कर दी. हम लगभग 30 मिनट में पानीपत पहुंचे और तब तक मेरे लंड का उसके बूब्स को देख देखकर बहुत बुरा हाल हो गया था और अब उसने चैन को बिल्कुल नीचे कर लिया था और मुझे बिल्कुल मस्त नजारा मिल रहा था और शायद उसने भी मेरी इस बात पर गौर किया, क्योंकि वो मेरा खड़ा लंड कई बार देख देखकर दूसरी तरफ मुहं करके मुस्कुरा रही थी.
[url=https://hotsexstory.xyz/chudai-ka-khel-bhabhi-ke-sath-khela/bhabhi-sex/][/url]
में : ओह धन्यवाद भगवान, हम पानीपत तो पहुंच गए और यहाँ पर शहर में कोहरा बहुत कम है.
रवीना : ओह मुझे तो बहुत नींद आने लगी है जल्दी से चलो कोई ठीक ठाक सा होटल ढूँढ लो और फिर हम वहां पर चलकर आराम करते है.
में : हाँ ठीक है.
फिर मैंने एक होटल में अपनी गाड़ी को मोड़ लिया और पार्किंग में खड़ा कर दिया. मैंने कहा कि फिर हमे दो कमरे लेने पड़ेंगे ना.
रवीना : अरे नहीं नहीं, दो नहीं एक ही ले लेंगे, तुम्हारा पेट्रोल का खर्चा भी तो हो रहा है और रूम का किराया में दे दूंगी और में नहीं चाहती कि तुम्हारा कोई खर्चा हो.
में : हाँ, लेकिन सोच लो एक पराए मर्द के साथ रात गुज़ारनी पड़ेगी और वो भी एक रूम में. फिर में हंसने लगा और मेरे साथ वो भी हंसी और अब हम होटल के अंदर पहुंचे और एक कमरा बुक किया और वहीं पर उन्हें हमारे खाने को कमरे में पहुंचाने के लिए कहा. हम रूम में पहुंचे और वो फ्रेश होने चली गई और जब वापस आई तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गई क्योंकि उसने अपनी ब्रा और पेंटी को उतार दिया और उसने सिर्फ़ वो पतला सा सलवार सूट पहना हुआ था, जिसकी वजह से उसके निप्पल उसके बिल्कुल टाईट सूट में बिल्कुल साफ चमक रहे थे, जिनको देखकर मेरे लंड की अब और भी ज्यादा हालत खराब थी.
रवीना : जाओ तुम भी फ्रेश हो जाओ तब तक खाना आ ज़ाएगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.