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Adultery साक्षी : जो तेरी इच्छा वही मेरी इच्छा.
#10
(सब से पहले तो SORRY बहुत दीनो तक अपडेट न देने के लिए. कुछ पर्सनल प्रॉब्लम में उलझा था. खैर  अब शुरू करते हे मेरे १८ वे बर्थडे से....... 

लगभग रत के १ बजने को आया था में बहोत खुश थी अब में क़ानूनी तौर पे एडल्ट बन चुकी थी. बहुत सारी गिफ्ट मिली थी. कपडे गहने केश जोरदार खाना महेमान लोग ऑलमोस्ट चले गए थे. घर मे सिर्फ मेरा परिवार ( माँ पापा और में) और सिन्हा अंकल का परिवार ( सिन्हा अंकल, आंटी रंजना और यस) इतने ही लोग बचे थे. अंकल आंटी मम्मी पापा एक टेबल पे बैठ के शराब पीते पीते कुछ डिस्कस कर रहे थे. में रंजना और इस एक कोने में बैठ के मेरे नए मोबाइल(जो सिन्हा अंकल  ने गिफ्ट दिया था. लगभग ५० हजार का मोबाईल था. जो यस और रंजना के पास भी नहीं था)  के फीचर्स समाज रहे थे. यस और रंजना के हाथ में भी वोडका मिक्स कोल्डड्रिक की बोतले थी और वो दोनों उसमे से चुस्किया मार  रहे थे. तभी सिन्हा अंकल  जोर से बोले और हमारा तीनो का ध्यान उनकी और आकर्षित हुवा।
"यार सम्पत ये सब तू मेरे पे छोड़ दे में साक्षी से बात करता हु. तुजे मुज पर भरोसा हे की नहीं?"
"पर सिन्हा यार अभी वो..." पापा की बात काटते हुये आंटी बोली "सम्पत, सिन्हा सही कह रहा है. अब वो १८ वर्ष खत्म क्र चुकी हे. अब वो स्वतंत्र जीवन जी सकती हे."
"तुम कुछ नहीं बोलोगी? पापा ने माँ से पूछा. 
"में क्या बोलू. सिन्हा और साधना का कहना भी ठीक है. और आपका मानना भी सही हे की स्वतंत्रता और स्वच्छंद के  फर्क साक्षी को मालूम हे कि नहीं वो पहले सोचना चाहिए."
"देख सम्पत हम चारो की इच्छा है न की साक्षी और यस की शादी हो. तो तुजे तकलीफ कहा हे. वो जैसी होगी हम बहु के रूप में उसे स्वीकारने को तैयार है. शादी अभी ३-४ वर्ष बाद रखेंगे."
"में वही समजा रहा हु सिन्हा. इन ३-४ वर्ष में कुछ उच्च नीच हो गयी तो..."
मेरी समझ में कुछ कुछ आ रहा कुछ कुछ नहीं. इधर रंजना और इस मंद मंद मुस्कुरा रहे थे. जैसे उन्हें पहेलेसे ही पता हो की क्या बात हो रही हे. शायद  उसी वजह से वो लोग मुझे अकेले इस कोने में ले के के आये थे.  इतने में सिन्हा अंकल ने आवाज लगाई "साक्षी बेटा जरा इधर आना तो... "
"जी अंकल  कहे के में भाग के उन के पास गयी. मेने स्काईब्लू कलर की घुटनो तक की फ्रॉक फेनी थी सिल्क मटीरियल में बनी वो फ्रॉक थोड़ी टाइट थी. उनके टेबल के पास जाकर मेने  कहा "बोलिये अंकल क्या कह रहे थे आप" मेने  देखा की पापा के चहेरे पे असमंजस के भाव थे. तो माँ निश्चिंत लग रही थी मानो सिन्हा अंकल जो बोल रहेथे या बोलने वाले थे उस बात पे उसका भरोसा हो. आंटी निर्लेप भाव से पापा को देख रहीथी मानो समजा रही हो की 'विश्वास रखो सब सही हो रहा हे' उधर रंजना और यस भी व्हीपे  आ  गए थे उनके कोल्ड ड्रिंक (वोडका वाले) शायद  खत्म हो चुके थे. हम जहा खड़े थे उस टेबल के पास आकर उन्होंने  कोल्डड्रिक की खाली बोतले रखी और मेरे माँ पापा का आधा भरा ग्लास उठाके  आराम से उसमे से शिप मरते हुवे खाली खुर्सी पे बेथ गए. अब सिर्फ में ही खड़ी थी. अंकल उठे और एक खाली खुर्सी खींच के मुझे अपने नजदीक बिठाया और कहा "देख साक्षी  अब आज से तू क़ानूनी तौर  पे एडल्ट हो गयी हे. अब तू जो मर्जी जैसे जीना चाहे जी सकती है. बस बेटा एक बात का ख्याल रखना की तेरे माँ-बाप की जो इज्जत है उसे हानि न पहुंचे. और ऐसा कोई काण्ड मत करना के तेरे होने वाले ससुराल वालो को कोई झटका लगे. में तुजे सीधे सीधे १ सवाल करता हु. तुजे यस जीवनसाथी के रूप में पसंद हे? मुझे मालूम हे कि आज कल के बच्चे १८ वर्ष से पहले ही सेक्स के बारे में बहुत  जानकारी रखते हैं. और तुझे में जितना समझता हु तेरे लिए यस फ्रेंड से ज्यादा बॉयफ्रेंड  हे. " (ओह माय गॉड. क्या  सिन्हा अंकल जादूगर हे. जो बात मेने माँ डेड आंटी अरे मेरी खास सहेली रंजना को नहीं बताई वो बात ये जानते हैं) में अबोल हो के खड़ी रह गयी और कभी माँ डेड को तो कभी यस की और देखने लगी वो मंद मंद मुस्कुराता हुवा आपने खाली ग्लास में स्कॉच डाल रहा था. 
"यस. इक ग्लास साक्षी के लिए भी भरना थोड़ा माइल्ड.आज पहेली बार पीयेगी. और रंजना में सब जनता हु. पार्टी में तूने चोरी छिपे ३ पेग ऑलरेडी मर लीये थे. बादमे कोल्ड ड्रिंक में वाइन  फिर अभी सरला का ग्लास ज्यादा मत पि अभी तेरी केपेसिटी नहीं है."
"सिन्हा इसलिए मैं कह रहा था. जैसे तुझे रंजना की फ़िक्र हे वैसे मुझे साक्षी की." पापा ने कहा. 
"तू चुप बैठ  सम्पत. दोस्त पर भरोसा रखा है तो ज्यादा मगज मत खपा. हां बेटा  साक्षी  तुझे सोचने के लिए वक्त चाहिए तो...."
"मुझे सोचने के लिए वक्त नहीं चाहिए अंकल. आज तो आप ने मुझे यस के रूपमे सारी दुनिया की खुशियां दे दी हे.पर मेरी एक शर्त है. में कभी आप को ससुरजी या आंटी को सासुमा नहीं कहुगी। औरहै सेक्स के बारे में आज कल के बच्चे १३-१४ वर्ष में ही इंटरनेट की बदौलत सबकुछ जानते हे तो में तो १८ वर्ष पूरा क्र चुकी हु और अब तक में सिर्फ यस को ३-४ बार फ्रेंच किस के आलावा कोई बात आगे नहीं बढ़ी हे. इस बात की बहस हो रही थी क्या पापा से" इतने में यस ने मेरे हाथ में स्कॉच का ग्लास थमा दिया. 
"नहीं बेटी बहस और बात की थी पर अब जब तू हमारी बहु बनने को तैयार है तो तुजसे कुछ नहीं छुपायेगा कोई ये तेरा बाप डरपोक हे. इसलिए घबरा रहा था. 
"पर सिन्हा...."
"चुप सम्पत. बहुत हो गया." सिन्हा अंकल ने अथॉरिटी से कहा और पापा चुप हो गये. और यस को इशारे से अपना ग्लास भरने को कहा उधर रंजना ने अंकल के मना करने पर भी अपने लिए स्कॉच भर ली थी और घूंट मार रही थी.  
"हा तो बेटी अब तुम प्रोटेक्टिव सेक्स क्रर सकती हो. यस  के साथ. और उसको कोई तकलीफ न हो तो किसी कभी साथ. तुजे सब छूट हे जैसे यस और रंजना को हे बीएस अपने जीवनसाथी की भावना और अपने घर  की इज्जत का ख्याल रखना" अंकल के यह शब्द सुन के तो मेरे होश ही उड़ गए. कभी माँ पापा या अंकल आंटी से ऐसी बात होती नहीं है. में अंकल की और देख के हिम्मत जुटाते बोली. "अंकल इस मामले में आप मुझे थोड़ा कंर्वेटिव मान सकते हो मुझे सरम आती हे माँ डेड के सामने यह बात करते हुवे. लेकिन आज उनके सामने उन्होंने और आप सबने मुझे आज़ादी दी हे तो कहती हु की मेरी वर्जिनिटी मेरे होनेवाले हस्बैंड यानिकी यस को मेरी और से गिफ्ट होगी अब चाहे शादी अभी या ५ वर्ष बाद अगर कोई हादसा या अघटित न हुवा तो उसे  में अक्षत मिलूगी. 
"हादसे से क्या मतलब हे." रंजना ने पूछ लिया.  
"बलात्कार रेप बाकि में अपनी मर्जी से कभी अपनी  वर्जिनिटी शादी से पहले नहीं ग्वाउंगी.: कहेके मेने इक ही ज़टके में पूरा स्कॉच पि लिया. यस ने उसमे पानी मिलाया था फिर भी में पहलीबार पि रही थी तो खासी आ गई. 
पर बेटा में यस की ऐसी कोई गेरेंटी नहीं दे सकता। १० दिनों में वो अमरीका जा रहा हे एम् बी ऐ  करने वो वहा २ साल अकेला रहेगा.वहा का माहौल नयी जवानी. मुझे नहीं लगता तुजे ऐसी भीष्म प्रतिज्ञा लेने की कोई जरूरत थी.क्यों यस सच कह रहा हु न में?" कहते हुवे अंकल ने मेरा ग्लास फिर से भर दिया. 
"पापा मुझे कोई एतराज नहीं हे. और साक्षी अगर में वहां बहक गया तो कोई मलाल मत रखना. पहले ही कह देता हु."
"अब वो बात जिस के में तेरे पापा से बहस कर रहा था." अंकल ने कहा और में सुनने को उत्सुक हो गयी पापा और माँ शांति से एक दूसरेको देखते हुवे शराब पि रहे थे. आंटी अपने पर्स मेसे आइना निकलकर अपना मेकअप चेक कर रही थी और रंजना और यस  कोई बात पे हसते हुवे  एक दूसरे को ताली दे रहेथे. 
"तूने इंटरनेट पे कभी स्वेपिंग के बारे में पढ़ा हे?" अंकलने पूछा और मेरा मुँह खुल्ला रह गया.
 "तू मेरे प्रश्न को समज की नहीं.सेक्स में जैसे नार्मल सेक्स होता हे. एक हस्बैंड वाइफ का या एक प्रेमी जोडे का इस के आलावा होता हे बलात्कार, या फिर  थ्रीसम या ग्रुप या एडल्टरी या स्वेप। इतना तो जानती हे न तू." अपनी भारी आवाज में अंकल ने कहा.
"हा जानती हु." मोम डेड के सामने मेने हिचकिचाते  कहा.
"तो अब ये भी जान ले  की हम लोग बरसो से स्वेप कर रहे हे यानी की में और तेरी माँ और तेरे पापा और तेरी आंटी इस के आलावा कभी कभी कोई स्पे। पार्टी में औरो के साथ भी." अंकल ने  कहा. और साथ में ही पापा ने भारी श्वाश छोड़ी. जो बात वो मुज़से छुपाना चाहते थे वो मेरे होने वाले ससुर ने कह दी थी  वो मुज़से नजर नहीं मिला रहे थे जैसे  मेरे गुनहगार हो माँ कभी मुझे तो कभी पापा को देख रही थी. सायद थोड़ी  नाखुश थी पापा से.की अब में जवान हो गयी हु घर में जो चल रहा हे वो जानना मेरा अधिकार हे. उधर आंटी का मेकप हो चूका था और वः मेरे पापा का हाथ अपने हाथ में लेके दिलासा दे रही थी. 
"देखो बेटी घर में चल रहा हे उसे जानने का तेरा अधिकार हे इस लिए तुझे बता दिया लेकिन एक बात हे. हम चार में से किसी को भी जज करने की कोशिस मत करना वो तेरा अधिकार नहीं हे और एक बात घर की बात घर में ही रहनी चाहिए तू इस बातकी चर्चा हम में से किसी से भी  कभी भी कर सकती हे रंजना और यस के साथ भी. चलो अब हम लोग सोने जा रहे हे. तेरी आंटी और माँ दोनो उतावली हो रहीहे." कह के वो उठे. और माँ का हाथ पकड़के ऊपर मास्टर बेडरूम  की और जाने लगे. तुरंत पापा भी उठे मेरे माथे पे हाथ फिराया जैसे बेटी को विदा करते वख्त बाप हाथ फिरता हे ऐसे. और आंटी का हाथ पकड़ के अंकल के पीछे पीछे दूसरे बेडरूम की और चल दिए. में उन लोगो को ऊपर जाते देखती रही. अचानक पीछे से यस और रंजना का अट्टहास्य  सुनाई दिया. "क्यों जानू  के सी रही. मेने बोलै था न की में आसानी से अपनी शादी के लिए सब को मना लगा. अब शर्त के मूताबिक आज तेरे बूब्स को चुसने देना पड़ेगा." यस बेशर्म होकर  अपनी ट्विन सिस्टर रंजना के सामने मेरे बूब्स चूसने की बात कर रहा था. 
"भैया आप घर आ रहे हो की सुहागरात मना के सुबह आओगे. " हिचकी ले के रंजनाने  कहा और यस की ग्लास में बची हुयी शराब अपने गले में उड़ेल दी. 
"तू जा रंजू. में आधे घंटे में आता हु.  यह हुशंन कि मलिका शर्त हार गयी हे तो इनाम लेलु." कह के यस में मुझे कमर से पकड़ा और अपना मुँह खोल के मेरे होठ दबा दिए. 
'ओके गाय स गुड़ नाइट एन्जॉय" कह के रंजना उठी और दरवाजे की और चल दी. लेकिन अधिक नशे की हालत में लड़खड़ाई और अचानक धम्म से गिर पड़ी  यह आवाज सुन के ऊपर के दोनों बेडरूम के दरवाजे खुले और सिन्हा आंकलकी भारी आवाज सुनाई दी. "अमजद जरा बेबी को उस के बेडरूम में पंहुचा दो बीचवाला गेट खुला हे."
"आया मालिक" कहते हुवे अमजद अपने सर्वेंट क्वार्टर से निकला और बिच वाला गेट खोने लगा. तो इधर रंजना अधिक नशे की वजह से फर्श पे बेहोश सी पड़ी थी. 
अब अमजद आ रहा हे मेरे घर में. बेबी यानि की रंजना को उसके बेडरूम में पहुंचने को. आगे क्या होगा पढ़िए अगले अपलोड में बहुत ही जल्दी. 
( यह अपलोड थोड़ा लम्बा हो गया हे. शायद बोरिंग भी लगे पर पात्रों का मनो:स्थिति समजने के लिए जरूरी था.)  
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RE: साक्षी : जो तेरी इच्छा वही मेरी इच्छा. - by Bhikhumumbai - 21-01-2023, 03:48 PM



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