10-01-2023, 09:57 AM
(This post was last modified: 10-01-2023, 04:54 PM by rajusethzee. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मैंने अपने गाउन को पूरी तरह से उतारा और पूरी तरह से नंगी हो गई.
ससुर जी ने भी अपनी लुंगी निकाल दी और पूरी तरह से नंगे होकर सोफे पर बैठ गए.
मैं उनके पास गई और अपनी दोनों टांगें फैलाकर उनके लंड को चूत पर लगा कर उस पर बैठ गई.
फचफचाता हुआ पूरा लंड मेरी चूत में समा गया.
मैं उनके गले में अपनी बांहें डालीं और लंड पर कूदने लगी.
ससुर जी मेरे एक दूध को मुँह में भर कर चूसने लगे.
कुछ देर बाद उन्होंने मुझे सोफे पर ही घोड़ी बना दिया और मेरे पीछे आकर मेरी धुंआधार चुदाई करने लगे.
जल्द ही मैं झड़ गई लेकिन वो अभी भी मुझे घोड़ी बनाये चोदे जा रहे थे.
फिर उन्होंने लंड बाहर निकाला और मेरी गांड के छेद में लंड डालने लगे लेकिन लंड अन्दर नहीं जा रहा था.
मैंने कहा- नहीं नहीं पापा जी, वहां मत डालो, वहां नहीं जाएगा.
‘जाएगा क्यों नहीं … जब छेद है तो पक्का जाएगा, तू बस देखती जा.’
‘अरे यार अभी नहीं, वहां से बाद में कर लेना न.’
‘क्यों पीछे से चालू नहीं है क्या?’
मैंने कहा- हां, मगर उधर से ज्यादा नहीं किया है.
मैं मना करती रही, पर ससुर जी नहीं माने और अपना थूक छेद में लगाकर लंड डालने लगे.
जैसे ही उनका सुपारा अन्दर गया उन्होंने एक बार में ही पूरा लंड अन्दर पेल दिया.
मुझे बहुत ज्यादा दर्द हुआ और मेरी चीख़ निकल गई.
उन्होंने मुझे जकड़ लिया और सोफे पर लेटा दिया.
कुछ देर में ही उन्होंने मेरी गांड की ज़ोर ज़ोर से चुदाई शुरू कर दी.
जल्द ही मुझे भी मजा आने लगा और उन्होंने मुझे फिर से घोड़ी बना दिया.
मेरे ससुर ने मेरी गांड की बहुत बुरी तरह से चुदाई की.
मैं चुत से फिर से झड़ गई और उन्हें रोकती रही लेकिन वो तब तक नहीं माने जब तक कि अपना पानी मेरी गांड में नहीं डाल दिया.
इस बार भी उन्होंने लगभग आधे घंटे तक मुझे चोदा था.
उसके बाद तो लगातार चार दिन तक हम दोनों के ऊपर बस चुदाई का भूत सवार था.
बिस्तर पर, बाथरूम में, रसोई में, सोफ़े पर. जहां जहां हमारा मन करता, हम लोग चुदाई करते रहे.
हम लोग दिन और रात मिलाकर 7 से 8 बार तक चुदाई करने लगे.
चार दिन के बाद ये सिलसिला थोड़ा कम हुआ और फिर केवल 2 या 3 बार ही चुदाई होती थी.
तीन महीने लॉक डाउन में हम दोनों अकेले रहे और दोनों ने ही फुल सेक्स, चुदाई का भरपूर मजा लिया.
उसके बाद मेरे पति और देवर आ गए और वो एक महीने तक साथ रहे.
उसके बाद मैं और ससुर जी फिर से अकेले हो गए और अब मैं रात में उनके साथ ही सोती हूँ.
लगभग दो सालों में ससुर जी ने मुझे इतना चोदा है कि जितना मेरे पति ने भी नहीं चोदा है.
एक बार मैं उनसे प्रग्नेंट भी हो गई थी, तब ससुर जी ने मुझे टेबलेट लाकर दी, जिससे सब ठीक हो गया.
अभी भी हम दोनों एक दूसरे की प्यास बुझाते हैं और किसी को कुछ पता नहीं है.
ससुर जी ने भी अपनी लुंगी निकाल दी और पूरी तरह से नंगे होकर सोफे पर बैठ गए.
मैं उनके पास गई और अपनी दोनों टांगें फैलाकर उनके लंड को चूत पर लगा कर उस पर बैठ गई.
फचफचाता हुआ पूरा लंड मेरी चूत में समा गया.
मैं उनके गले में अपनी बांहें डालीं और लंड पर कूदने लगी.
ससुर जी मेरे एक दूध को मुँह में भर कर चूसने लगे.
कुछ देर बाद उन्होंने मुझे सोफे पर ही घोड़ी बना दिया और मेरे पीछे आकर मेरी धुंआधार चुदाई करने लगे.
जल्द ही मैं झड़ गई लेकिन वो अभी भी मुझे घोड़ी बनाये चोदे जा रहे थे.
फिर उन्होंने लंड बाहर निकाला और मेरी गांड के छेद में लंड डालने लगे लेकिन लंड अन्दर नहीं जा रहा था.
मैंने कहा- नहीं नहीं पापा जी, वहां मत डालो, वहां नहीं जाएगा.
‘जाएगा क्यों नहीं … जब छेद है तो पक्का जाएगा, तू बस देखती जा.’
‘अरे यार अभी नहीं, वहां से बाद में कर लेना न.’
‘क्यों पीछे से चालू नहीं है क्या?’
मैंने कहा- हां, मगर उधर से ज्यादा नहीं किया है.
मैं मना करती रही, पर ससुर जी नहीं माने और अपना थूक छेद में लगाकर लंड डालने लगे.
जैसे ही उनका सुपारा अन्दर गया उन्होंने एक बार में ही पूरा लंड अन्दर पेल दिया.
मुझे बहुत ज्यादा दर्द हुआ और मेरी चीख़ निकल गई.
उन्होंने मुझे जकड़ लिया और सोफे पर लेटा दिया.
कुछ देर में ही उन्होंने मेरी गांड की ज़ोर ज़ोर से चुदाई शुरू कर दी.
जल्द ही मुझे भी मजा आने लगा और उन्होंने मुझे फिर से घोड़ी बना दिया.
मेरे ससुर ने मेरी गांड की बहुत बुरी तरह से चुदाई की.
मैं चुत से फिर से झड़ गई और उन्हें रोकती रही लेकिन वो तब तक नहीं माने जब तक कि अपना पानी मेरी गांड में नहीं डाल दिया.
इस बार भी उन्होंने लगभग आधे घंटे तक मुझे चोदा था.
उसके बाद तो लगातार चार दिन तक हम दोनों के ऊपर बस चुदाई का भूत सवार था.
बिस्तर पर, बाथरूम में, रसोई में, सोफ़े पर. जहां जहां हमारा मन करता, हम लोग चुदाई करते रहे.
हम लोग दिन और रात मिलाकर 7 से 8 बार तक चुदाई करने लगे.
चार दिन के बाद ये सिलसिला थोड़ा कम हुआ और फिर केवल 2 या 3 बार ही चुदाई होती थी.
तीन महीने लॉक डाउन में हम दोनों अकेले रहे और दोनों ने ही फुल सेक्स, चुदाई का भरपूर मजा लिया.
उसके बाद मेरे पति और देवर आ गए और वो एक महीने तक साथ रहे.
उसके बाद मैं और ससुर जी फिर से अकेले हो गए और अब मैं रात में उनके साथ ही सोती हूँ.
लगभग दो सालों में ससुर जी ने मुझे इतना चोदा है कि जितना मेरे पति ने भी नहीं चोदा है.
एक बार मैं उनसे प्रग्नेंट भी हो गई थी, तब ससुर जी ने मुझे टेबलेट लाकर दी, जिससे सब ठीक हो गया.
अभी भी हम दोनों एक दूसरे की प्यास बुझाते हैं और किसी को कुछ पता नहीं है.