10-01-2023, 09:55 AM
(This post was last modified: 10-01-2023, 04:40 PM by rajusethzee. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
कुछ देर बाद ससुर जी ने मुझे बिस्तर से बाहर उतार कर मुझे खड़ी कर दिया और मेरे पीछे आ गए.
मेरी कमर को दोनों हाथ से थाम लिया और लंड मेरी गांड की तरफ से चूत में डाल कर जोर जोर से चोदने लगे.
मेरे सामने शीशा था जिसमे हमदोनो की चुदाई दिख रही थी मुझे ये देख के शर्म सी आगयी और हसने लगी ह्म्म्मम्म्म्म आआआह्ह्ह्हह्ह्ह्ह
मुझे खड़े होते नहीं बन रहा था क्योंकि उनके हर धक्के से मैं आगे की ओर चली जाती थी.
उन्होंने मुझे बुरी तरह से जकड़ लिया और अपनी पूरी ताकत से मुझे चोदने में लगे थे.
इस बीच मैं दूसरी बार भी झड़ गई और मेरी चूत का पानी फर्श पर गिरने लगा.
ससुर जी ने मुझे अपनी तरफ घुमाया और मेरा एक पैर उठाकर पलंग पर रख दिया और अब सामने से चूत में लंड डाल दिया.
मैं उनके गले में बांहें डालकर एक पैर पर खड़ी थी और वो मेरी गांड को थामे हुए जोर जोर से चोदने लगे.
बीच बीच में वो मेरी जांघ को सहला रहे थे और अपने सीने से मेरे दूध को दबाये जा रहे थे.
ससुर जी को मुझे चोदते हुए अभी तक आधा घंटा हो गया था और मैं दो बार झड़ गई थी लेकिन उनका पानी नहीं निकल रहा था.
मैं जानती थी कि ये लंबी रेस के घोड़े हैं और अब वो वैसा ही कर भी रहे थे.
उन्होंने इस पोजीशन में चोदते हुए मेरे गदराए जिस्म को निचोड़ लिया था. सारा बदन पसीने से भीग चुका था और मेरी हालत खराब हो गई थी.
फिर एकाएक ससुर जी ने अपनी रफ्तार काफी तेज कर दी और मेरे अन्दर ही झड़ गए.
उनके गर्म गर्म पानी के कारण मैं भी उसी समय झड़ गई.
ये मेरा झड़ने का तीसरा अवसर था.
इस धुंआधार चुदाई से हम दोनों ही बेहद बुरी तरह से थक गए थे और जल्द ही दोनों लोग नंगे बदन ही सो गए.
सुबह 8 बजे मेरी नींद खुली. उस वक्त भी हम दोनों नंगे एक दूसरे से लपटे हुए सो रहे थे.
मैं ससुर जी से अलग हुई और अपने कपड़े लेकर बाथरूम चली गई.
नहा धोकर हम दोनों ने चाय नाश्ता किया.
जब मैं रसोई में दोपहर का खाना बना रही थी, उस वक्त ससुर जी बाहर कमरे में बैठे हुए मुझे देख रहे थे.
मैं उस वक्त केवल गाउन पहने हुई थी.
अचानक से ससुर जी रसोई में आए और पीछे से मुझे जकड़ लिया और मेरे गाउन को कमर तक उठा लिया.
मैं दोनों हाथ से आटा गूंथ रही थी.
मैंने उनसे कहा- अभी नहीं, अभी ऐसा कुछ न कीजिए, पहले मुझे खाना बना लेने दीजिए.
बड़ी मिन्नतों के बाद उन्होंने मुझे छोड़ा, नहीं तो वो वहीं मुझे चोद देते.
खाना बनाने के बाद जब मैं रसोई से बाहर निकली, ससुर जी सोफे पर बैठे हुए लुंगी के ऊपर से ही अपना लंड सहला रहे थे.
उन्होंने मुझे देखा और इशारे से अपने पास बुलाया.
मैं समझ गई कि इनका फिर से मुझे चोदने का मन है
मेरी कमर को दोनों हाथ से थाम लिया और लंड मेरी गांड की तरफ से चूत में डाल कर जोर जोर से चोदने लगे.
मेरे सामने शीशा था जिसमे हमदोनो की चुदाई दिख रही थी मुझे ये देख के शर्म सी आगयी और हसने लगी ह्म्म्मम्म्म्म आआआह्ह्ह्हह्ह्ह्ह
मुझे खड़े होते नहीं बन रहा था क्योंकि उनके हर धक्के से मैं आगे की ओर चली जाती थी.
उन्होंने मुझे बुरी तरह से जकड़ लिया और अपनी पूरी ताकत से मुझे चोदने में लगे थे.
इस बीच मैं दूसरी बार भी झड़ गई और मेरी चूत का पानी फर्श पर गिरने लगा.
ससुर जी ने मुझे अपनी तरफ घुमाया और मेरा एक पैर उठाकर पलंग पर रख दिया और अब सामने से चूत में लंड डाल दिया.
मैं उनके गले में बांहें डालकर एक पैर पर खड़ी थी और वो मेरी गांड को थामे हुए जोर जोर से चोदने लगे.
बीच बीच में वो मेरी जांघ को सहला रहे थे और अपने सीने से मेरे दूध को दबाये जा रहे थे.
ससुर जी को मुझे चोदते हुए अभी तक आधा घंटा हो गया था और मैं दो बार झड़ गई थी लेकिन उनका पानी नहीं निकल रहा था.
मैं जानती थी कि ये लंबी रेस के घोड़े हैं और अब वो वैसा ही कर भी रहे थे.
उन्होंने इस पोजीशन में चोदते हुए मेरे गदराए जिस्म को निचोड़ लिया था. सारा बदन पसीने से भीग चुका था और मेरी हालत खराब हो गई थी.
फिर एकाएक ससुर जी ने अपनी रफ्तार काफी तेज कर दी और मेरे अन्दर ही झड़ गए.
उनके गर्म गर्म पानी के कारण मैं भी उसी समय झड़ गई.
ये मेरा झड़ने का तीसरा अवसर था.
इस धुंआधार चुदाई से हम दोनों ही बेहद बुरी तरह से थक गए थे और जल्द ही दोनों लोग नंगे बदन ही सो गए.
सुबह 8 बजे मेरी नींद खुली. उस वक्त भी हम दोनों नंगे एक दूसरे से लपटे हुए सो रहे थे.
मैं ससुर जी से अलग हुई और अपने कपड़े लेकर बाथरूम चली गई.
नहा धोकर हम दोनों ने चाय नाश्ता किया.
जब मैं रसोई में दोपहर का खाना बना रही थी, उस वक्त ससुर जी बाहर कमरे में बैठे हुए मुझे देख रहे थे.
मैं उस वक्त केवल गाउन पहने हुई थी.
अचानक से ससुर जी रसोई में आए और पीछे से मुझे जकड़ लिया और मेरे गाउन को कमर तक उठा लिया.
मैं दोनों हाथ से आटा गूंथ रही थी.
मैंने उनसे कहा- अभी नहीं, अभी ऐसा कुछ न कीजिए, पहले मुझे खाना बना लेने दीजिए.
बड़ी मिन्नतों के बाद उन्होंने मुझे छोड़ा, नहीं तो वो वहीं मुझे चोद देते.
खाना बनाने के बाद जब मैं रसोई से बाहर निकली, ससुर जी सोफे पर बैठे हुए लुंगी के ऊपर से ही अपना लंड सहला रहे थे.
उन्होंने मुझे देखा और इशारे से अपने पास बुलाया.
मैं समझ गई कि इनका फिर से मुझे चोदने का मन है