10-01-2023, 09:50 AM
(This post was last modified: 10-01-2023, 03:59 PM by rajusethzee. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
फुल सेक्स विद फादर इन लॉ का मजा लिया मैंने! ससुर जी का लंड बहुत बड़ा था. इतना बड़ा लंड मैंने पहले कभी नहीं लिया था. मुझे अपनी प्यास बुझाने को लंड मिल गया था.
नमस्कार दोस्तो, सेक्स कहानी के अगले भाग में आप सभी पाठकों का नैना की तरफ से स्वागत है.
फुल सेक्स विद फादर इन लॉ कहानी के दूसरे भाग
बहूरानी की चूत में लंड घुसा दिया
में आपने पढ़ा कि मेरे और ससुर जी के बीच हमारी पहली चुदाई हो गई.
हालांकि ये चुदाई केवल दो मिनट की थी लेकिन मुझे यकीन था कि ससुर जी आगे अपना जलवा जरूर दिखाएंगे.
उनके लंड को देखकर ही मुझे अंदाजा लग गया था कि वो मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर सकते हैं.
तो दोस्तो, कहानी में आगे क्या हुआ, वो जानते हैं.
मैं और ससुर जी एक बार चुदाई करने के बाद बिस्तर पर लेटे हुए थे.
मैंने तो चादर ओढ़ रखी थी लेकिन ससुर जी ऐसे ही खुले में नंगे लेटे हुए थे.
जल्द ही उनका बड़ा सा लंड सिकुड़ कर बैठ गया.
ससुर जी का बदन पसीने से भीग चुका था और वो आंख बंद किए लेटे हुए थे.
मैं भी लेटी हुई पहली चुदाई के बारे में सोच रही थी.
हम दोनों के बीच आज से एक नए रिश्ते की शुरूआत हो गई थी लेकिन इस रिश्ते को हम दोनों ही किसी के सामने नहीं ला सकते थे.
मुझे खुशी इस बात की थी कि अब मुझे अपनी प्यास बुझाने के लिए घर पर ही एक लंड का सहारा मिल गया था.
भले ही वो मेरे ससुर हैं और मेरे बाप की उम्र के थे लेकिन हम दोनों ही एक दूसरे की प्यास बुझाने के लिए यह सब कर रहे थे.
मुझे इस बात का बिल्कुल भी पछतावा नहीं था क्योंकि अगर मैं बाहर किसी से चुदाई करवाती तो भी बदनामी होनी ही थी. इससे अच्छा है कि घर में ही मुझे अब सब कुछ मिल जाएगा.
यही सब सोचते हुए मैं ससुर जी के लंड की तरफ देख रही थी जो कि सिकुड़ गया था और उसका सुपारा बाहर निकला हुआ मेरी तरफ ही था.
इतने बड़े सुपारे को मैं पहली बार ही देख रही थी क्योंकि इतना बड़ा लंड और सुपारा न तो मेरे बॉयफ्रेंड का था और न ही मेरे पति का.
कुछ देर बाद मेरे ससुर जी ने अपनी आंख खोली और मेरी तरफ देखा.
मैंने शर्म से अपनी आंखें बंद कर लीं.
उन्होंने मुझसे कहा- नैना, तुम चिंता न करो, ये सब बात कभी किसी को पता नहीं चलेगी हम दोनों ही इस बात को गुप्त रखेंगे.
मैंने भी अपना सर हिलाकर सहमति जताई.
इसके बाद ससुर जी ने मेरे चादर को एक झटके में हटा दिया और मेरा हाथ पकड़कर मुझे अपने ऊपर खींच लिया.
इसके बाद तो हम दोनों फिर से गुत्थमगुत्था होने लगे.
कभी मैं ससुर जी के ऊपर आती, कभी वो मेरे ऊपर आते.
इस तरह हम दोनों ही बिस्तर पर पलटते रहे.
कुछ देर बाद हम दोनों रुके और मैं ससुर जी के ऊपर थी. मेरे बड़े बड़े दूध उनके सीने पर दबे हुए थे.
उन्होंने मेरे सर को नीचे किया और मेरे होंठों को चूमने लगे.
मैं भी उनका साथ देने लगी.
ससुर जी अपने दोनों हाथों से मेरे उभरे हुए चूतड़ों को सहलाते हुए दबा रहे थे.
फिर मेरे चूतड़ को फैलाकर अपनी एक उंगली को गांड के छेद पर रगड़ते हुए नीचे चूत तक ले जाते और उंगली को चूत में डाल देते.
नमस्कार दोस्तो, सेक्स कहानी के अगले भाग में आप सभी पाठकों का नैना की तरफ से स्वागत है.
फुल सेक्स विद फादर इन लॉ कहानी के दूसरे भाग
बहूरानी की चूत में लंड घुसा दिया
में आपने पढ़ा कि मेरे और ससुर जी के बीच हमारी पहली चुदाई हो गई.
हालांकि ये चुदाई केवल दो मिनट की थी लेकिन मुझे यकीन था कि ससुर जी आगे अपना जलवा जरूर दिखाएंगे.
उनके लंड को देखकर ही मुझे अंदाजा लग गया था कि वो मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर सकते हैं.
तो दोस्तो, कहानी में आगे क्या हुआ, वो जानते हैं.
मैं और ससुर जी एक बार चुदाई करने के बाद बिस्तर पर लेटे हुए थे.
मैंने तो चादर ओढ़ रखी थी लेकिन ससुर जी ऐसे ही खुले में नंगे लेटे हुए थे.
जल्द ही उनका बड़ा सा लंड सिकुड़ कर बैठ गया.
ससुर जी का बदन पसीने से भीग चुका था और वो आंख बंद किए लेटे हुए थे.
मैं भी लेटी हुई पहली चुदाई के बारे में सोच रही थी.
हम दोनों के बीच आज से एक नए रिश्ते की शुरूआत हो गई थी लेकिन इस रिश्ते को हम दोनों ही किसी के सामने नहीं ला सकते थे.
मुझे खुशी इस बात की थी कि अब मुझे अपनी प्यास बुझाने के लिए घर पर ही एक लंड का सहारा मिल गया था.
भले ही वो मेरे ससुर हैं और मेरे बाप की उम्र के थे लेकिन हम दोनों ही एक दूसरे की प्यास बुझाने के लिए यह सब कर रहे थे.
मुझे इस बात का बिल्कुल भी पछतावा नहीं था क्योंकि अगर मैं बाहर किसी से चुदाई करवाती तो भी बदनामी होनी ही थी. इससे अच्छा है कि घर में ही मुझे अब सब कुछ मिल जाएगा.
यही सब सोचते हुए मैं ससुर जी के लंड की तरफ देख रही थी जो कि सिकुड़ गया था और उसका सुपारा बाहर निकला हुआ मेरी तरफ ही था.
इतने बड़े सुपारे को मैं पहली बार ही देख रही थी क्योंकि इतना बड़ा लंड और सुपारा न तो मेरे बॉयफ्रेंड का था और न ही मेरे पति का.
कुछ देर बाद मेरे ससुर जी ने अपनी आंख खोली और मेरी तरफ देखा.
मैंने शर्म से अपनी आंखें बंद कर लीं.
उन्होंने मुझसे कहा- नैना, तुम चिंता न करो, ये सब बात कभी किसी को पता नहीं चलेगी हम दोनों ही इस बात को गुप्त रखेंगे.
मैंने भी अपना सर हिलाकर सहमति जताई.
इसके बाद ससुर जी ने मेरे चादर को एक झटके में हटा दिया और मेरा हाथ पकड़कर मुझे अपने ऊपर खींच लिया.
इसके बाद तो हम दोनों फिर से गुत्थमगुत्था होने लगे.
कभी मैं ससुर जी के ऊपर आती, कभी वो मेरे ऊपर आते.
इस तरह हम दोनों ही बिस्तर पर पलटते रहे.
कुछ देर बाद हम दोनों रुके और मैं ससुर जी के ऊपर थी. मेरे बड़े बड़े दूध उनके सीने पर दबे हुए थे.
उन्होंने मेरे सर को नीचे किया और मेरे होंठों को चूमने लगे.
मैं भी उनका साथ देने लगी.
ससुर जी अपने दोनों हाथों से मेरे उभरे हुए चूतड़ों को सहलाते हुए दबा रहे थे.
फिर मेरे चूतड़ को फैलाकर अपनी एक उंगली को गांड के छेद पर रगड़ते हुए नीचे चूत तक ले जाते और उंगली को चूत में डाल देते.