09-01-2023, 07:00 PM
(This post was last modified: 10-01-2023, 03:20 PM by rajusethzee. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
मेरे सामने टेबल पर ससुर जी का दारू का ग्लास बना रखा था.
मुझे प्यास लग रही थी और मेरा गला सूख रहा था.
मैंने झट से उनका पैग उठाया और एक ही सांस में हलक के नीचे उतार लिया.
ससुर जी ने ये देखा तो मुस्कुरा दिए.
मैं उनकी बांहों में अतृप्त यौवना सी मचल रही थी.
अब मेरे अन्दर भी शराब की मस्ती छाने लगी थी.
फिर उन्होंने मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया और बिस्तर पर खींच लिया.
बिस्तर पर ले जाकर उन्होंने तुरंत अपनी बनियान निकाल दी और मेरी साड़ी को भी अलग कर दिया.
एक झटके में वो मेरे ऊपर आ गए और मेरे चेहरे को जोर जोर से चूमने लगे.
हम दोनों ही बेहद उतावले हो गए थे और एक दूसरे को तेजी से चूम रहे थे.
कुछ देर बाद ससुर जी मेरे ब्लाउज के बटन खोलने लगे, लेकिन मेरे दूध के कसाव के कारण बटन खुल नहीं रहा था.
ससुर जी बेहद उतावले हो चुके थे और उन्होंने दोनों हाथों से ब्लाउज को पकड़ा और एक झटके में सामने से ब्लाउज फाड़ दिया, जिससे सारे बटन टूट गए.
अन्दर ब्रा नहीं होने के कारण मेरे दोनों दूध एक झटके में उछल कर उनके सामने तन गए.
मेरे बड़े बड़े तने हुए दूध देखकर ससुर जी जैसे पागल से हो गए.
उन्होंने मेरे मम्मों पर हमला बोल दिया और अपने दांतों से मेरे निप्पलों और स्तनों को बारी बारी से काटने लगे.
मेरे बड़े बड़े दूध पर वो जगह जगह काटे जा रहे थे और मैं मचलती जा रही थी- आआह हहआ आहह पापा जी आआ हह कैसे कर रहे हैं … आआ हह दर्द हो रहा है पापा जी … आऊऊच आआ आहह.
ससुर जी मेरे मम्मों को बिल्कुल निचोड़ रहे थे और मुझे काफी तकलीफ हो रही थी लेकिन मैं भी उस समय पूरे जोश से भरी हुई थी और अपनी शर्म को दूर करते हुए अपने आप को उनको सौंप चुकी थी.
वो दोनों हाथों से मसलते हुए दोनों मम्मों को बुरी तरह से चूम रहे थे.
फिर वो अपना एक हाथ नीचे ले जाकर मेरे पेटीकोट के अन्दर डालने लगे लेकिन मैंने उनका हाथ पकड़ लिया.
मुझे प्यास लग रही थी और मेरा गला सूख रहा था.
मैंने झट से उनका पैग उठाया और एक ही सांस में हलक के नीचे उतार लिया.
ससुर जी ने ये देखा तो मुस्कुरा दिए.
मैं उनकी बांहों में अतृप्त यौवना सी मचल रही थी.
अब मेरे अन्दर भी शराब की मस्ती छाने लगी थी.
फिर उन्होंने मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया और बिस्तर पर खींच लिया.
बिस्तर पर ले जाकर उन्होंने तुरंत अपनी बनियान निकाल दी और मेरी साड़ी को भी अलग कर दिया.
एक झटके में वो मेरे ऊपर आ गए और मेरे चेहरे को जोर जोर से चूमने लगे.
हम दोनों ही बेहद उतावले हो गए थे और एक दूसरे को तेजी से चूम रहे थे.
कुछ देर बाद ससुर जी मेरे ब्लाउज के बटन खोलने लगे, लेकिन मेरे दूध के कसाव के कारण बटन खुल नहीं रहा था.
ससुर जी बेहद उतावले हो चुके थे और उन्होंने दोनों हाथों से ब्लाउज को पकड़ा और एक झटके में सामने से ब्लाउज फाड़ दिया, जिससे सारे बटन टूट गए.
अन्दर ब्रा नहीं होने के कारण मेरे दोनों दूध एक झटके में उछल कर उनके सामने तन गए.
मेरे बड़े बड़े तने हुए दूध देखकर ससुर जी जैसे पागल से हो गए.
उन्होंने मेरे मम्मों पर हमला बोल दिया और अपने दांतों से मेरे निप्पलों और स्तनों को बारी बारी से काटने लगे.
मेरे बड़े बड़े दूध पर वो जगह जगह काटे जा रहे थे और मैं मचलती जा रही थी- आआह हहआ आहह पापा जी आआ हह कैसे कर रहे हैं … आआ हह दर्द हो रहा है पापा जी … आऊऊच आआ आहह.
ससुर जी मेरे मम्मों को बिल्कुल निचोड़ रहे थे और मुझे काफी तकलीफ हो रही थी लेकिन मैं भी उस समय पूरे जोश से भरी हुई थी और अपनी शर्म को दूर करते हुए अपने आप को उनको सौंप चुकी थी.
वो दोनों हाथों से मसलते हुए दोनों मम्मों को बुरी तरह से चूम रहे थे.
फिर वो अपना एक हाथ नीचे ले जाकर मेरे पेटीकोट के अन्दर डालने लगे लेकिन मैंने उनका हाथ पकड़ लिया.