09-01-2023, 06:48 PM
(This post was last modified: 10-01-2023, 09:25 AM by rajusethzee. Edited 3 times in total. Edited 3 times in total.)
फिर में बिच वाले कमरे में चली गयी और मैंने अपनी साड़ी उतरी ब्लाउज पेटीकोट सब उतरा. पूरी नंगी हो के मैंने नई नेट वाली ब्रा और वाइट कलर की ही नेट पंतय निकल के पहनने लगी. पर ब्रा का हुक थोड़ा तीते था तो लगाने में दिलक़त हो रही थी. लेकिन मैंने लगा लिया. उसके बाद मैंने पंतय को पहना पंतय और ब्रा एकदम ठीक फिट आयी थी पर मुझे शर्म आ रही थी.मैंने इस तरह की ब्रा पंतय लाइफ में कभी नहीं पहनी थी. मैंने अपने को अलमारी वाले शीशे के सामने देखा तो मेरे निप्पल ब्रा से साफ़ दिख रहे थे. और पंतय भी इतनी हलकी थी की सब साफ़ साफ़ दिख रहा था. पर इस तरह अंकल के सामने जाने में मुझे शर्म आ रही थी. फिर मैंने अपना ब्लैक २बी२ ब्लाउज वापस पेहेन लिया और बैडरूम में चली गयी.मुझे देखते ही अंकल बोले ये क्या मंजू ब्लाउज क्यों पहना उतरो इसे.फिर मैंने वही बीएड के पास कड़ी हो के अपने ब्लाउज के सभी हुक खोल दिए और ब्लाउज को बीएड में फेक दिए. मैंने कहा अंकल कैसी लगी ब्रा पंतय?अंकल बीएड पर पेट के बल तक लगाए बैठे थे और में वही उनके पास कड़ी. उनके राइट में हमारा ड्रेसिंग टेबल था और में ड्रेसिंग टेबल के सामने कड़ी थी ब्रा पंतय में.अंकल ने पहले मुझे पूरा देखा फिर बोले लाजवाब मंजू मज़ा आ गया! ब्रा तो एकदम फिट आयी है तुम्हारे दूध के हिसाब से. फिर अंकल बोले की पीछे घूमो पंतय भी तो देखु सही से. अंकल ने मुझे पूरा आगे से पीछे देखा और बोले की पंतय तो और भी बढ़िया लग रही है तुम्हारे ऊपर. और पंतय भी एकदम फिर आ गयी है तुम्हारी हिप पर चिपक कर.पर मुझे इस तरह उनके सामने खड़ा रहना ाचा नहीं लग रहा था. एक तरह मेरी पंतय इतनी हलकी थी की ऐसा लग रहा था की मैंने कुछ पहना ही न हो निचे.फिर मैंने कहा पर पंतय बहोत हलकी है और पतली भी. मुझे ऐसा लग रहा है जैसे कुछ पहना नहीं हो.अंकल: हाँ सही कह रही हु मुझे भी देख के यही लग रहा है की बहोत हलकी है. क्युकी तुम्हारी छूट के बाल भी साफ़ दिख रहे है इसमें. शायद तुमने कई महीनो से बाल भी नहीं साफ़ किये क्यों?हाँ अंकल वो बस ऐसे ही क्रीम ख़तम हो गयी थी तो रह गया.अंकल: अरे तभी ले लेना चाहिए था न तुम्हे दुकान से आज.में तुरनत बोली: अंकल आप चिंता मत करो मैंने ले लिया है आपने शायद बिल बनते टाइम देखा नहीं. अब में बाल भी बना लुंगी.फिर अंकल बोले की तुम्हारी ब्रा से तो निप्पल भी साफ़ दिखा रहे है काळा काळा.ये सुन के में शर्मा गयी फिर मैंने बोलै अब में चेंज क्र लेती हु. फिर अंकल बोले अभी रुको तो में भी अंडरवियर पेहेन के दिखता हु इतने मैं से जो लाया हु.में वही पे अपनी साड़ी बना रही थी फिर अंकल भी कट वाली चड्डी पेहेन के आ गए कमरे में. उन्होंने सिर्फ चड्डी पहनी थी बाकी ऊपर नंगे थे पूरा.अंकल आ के बोले देखो मंजू.में बोली ठीक तो है आपको ठीक नहीं लगी?अंकल बोले ठीक तो है पर ये साइज में छोटी लग रही है.तभी अंकल अपने लुंड को चड्डी के ऊपर से लुंड को फिट करने लगे थे. में वही जमीन पर बैठ कर अपनी चुडिया उतर के रख रही थी. मैंने नोटिस किया की अंकल का लुंड अब टाइट हो गया था पर पूरा खड़ा नहीं हुई था. पर अंकल मेरे बगल में ऊपर ही खड़े थे और में निचे जमीन में बैठी थी.तो अंकल बस मेरे उभरे हुए दूध को ही देखे जा रहे थे ब्रा के ऊपर से. देखते देखते अंकल का लुंड चड्डी के ऊपर से लुंड का टोपा बहार दिखने लगा. अंकल बोले की की शायद साइज छोटा है कल बदल के अत हु.ये कहते अंकल ने अपने लुंड को चड्डी के अंदर करने लगे. पर तभी घर के टेलीफोन की घंटी बजी. फ़ोन पर अंकु के पापा थे वो बोले की का तो ख़तम हो गया है पर अभी बड़ी भाभी का दिन में कॉल आया था में बताना भूल गया था. वो बोल रही थी की आज एक रिस्तेदारी में जागरण से दूसरी सिटी में तो आज चलना है इसलिए तुम चलोगी क्या?फिर मैंने कहा नहीं मोनू को देखना है और में तो खाना बनाने जा रही थी. अंकल तुम्हारा वेट क्र रहे है मिलने के लिए. फिर अंकु के पापा बोले की ाचा अंकु से पूछो चलेगा. अंकु ने हाँ कर दी तो तो अंकु के पापा बोले की अंकु को तैयार कर दो और भाभी के साथ भेज दो. में भाभी अंकु और भाभी की फ्रेंड ही जा रहे है सुबह तक वापस आएंगे हम भाईसाहब से बात कराओ.फिर अंकु के पापा अंकल से बोले की भाईसाहब आज आप रुकिए वही आराम करिये. कल संडे है आराम से बात करेंगे आपसे. मीट बनाएंगे अभी आप खाना खाइये और बाते करिये और सामान ले आये आप लोग मार्किट से?अंकल ने जवाब दिए हाँ ले आये सामान में भी अजय ड्राइवर को बोल के वन को बोलता हु घर ले जाये कल ले आएगा. अंकु के पापा जी ठीक है फिर कल सुबह मुलाकात होगी आपसे नमस्ते. और मंजू से कहिये की अंकु को तैयार कर के भाभी के यहाँ भेज दो. क्युकी वो लोग इधर ही आएंगे मेरे ऑफिस के पास यही से चले जायेंगे हम.फिर मैंने अंकु को तैयार कर के भाभी के यहाँ भेज दिए और अपने ड्राविंग रूम का दरवाजा बंद कर लिया अंकल ने.३० मं बाद कॉल आयी की अंकु और भाभी मिल गए है हम निकल रहे है अब कल सुबह ही बात होगी. बिच बिच में कॉल कर लूंगा फ़ोन मिल गया किसी का तो.मैंने उन्हें बाई बोलै और फिर मोनू को दूध पिलाने के लिए वही बैठ गयी. और ऊपर से एक दुपट्टा ओढ़ लिया. इस बार मुझे दूध पिलाने में आसानी थी. मैंने बस अपनी लेफ्ट ब्रा को निचे किया और दूध पिलाने लगी.अंकल ने कहा की तुम आज खाना मत बनाओ में अजय से बोल के तुम्हारे लिए रोस्टेड चिकन और बिरयानी मंगवाता हु. और आज ठाणे फ़ोन कर के बोल देता हु की आज नहीं आऊंगा.मेरी बिना सुने अंकल ने अजय से बोल के चिकन आर्डर कर दिए बोल दिए की आना तो वन भी ले जाना. में खाना खा के सीधे ठाणे निकल जाऊंगा. अंकल ने यहाँ अजय से झूठ बोलै की वो ठाणे जायेंगे. जबकि उन्हें मेरा यहाँ ही रुकना था.थोड़ी देर में अजय खाना दे गया तो अंकल ही तैयार हो के ड्राइंगरूम से खाना ले ए. तभी अंकल ने खाना रख के बोलै की मंजू अब तुम कपडे बदल लो तब तक में नाहा लेता हु बहोत गर्मी हो रही है.फिर मैंने कहा अभी बदलूंगी में भी मोनू अब रोने लग गया है इस सुला लू फिर उठती हु. इतनी देर में अंकल नाहा के फिर आ गए और अंकल वही कट वाली ही चड्डी पहने हुए थे. मैंने उन्हें टोका की जब ये छोटी है साइज में तो क्यों पहने हो आप?अंकल बोले मंजू आदत डालूंगा तभी तो कम्फर्टेबले लगेगा न इसलिए पेहेन ली.इसके बाद में उठी और मोनू को बीएड के साइड में लिटाया वो अब सो चूका था. फिर मैंने मैक्सी पहनी और खाना लगाया फिर अंकल बोले एक पेग लगाने का मैं क्र रहा है.मैंने इन्हे इसकी की बोतल दी. उसके बाद अंकल चड्डी पहने ही लुंगी ऊपर से पेहेन की और बीएड में कोने पे तक लगा के बैठ गए. मैंने बीएड पे ही खाना लगया और अंकल अपना पेग लगाने में मस्त थे. और टीवी ले पुराने गाने हम दोनों में चला रखे थे.जब तक में तंदूरी चिकन और बिरयानी खा चुकी थी. अंकल ने १ पेग लगा लिया था. मैंने उन्हें मन क्र दिए की अब आप और नहीं लेंगे तो वो मान गए. फिर उन्होंने सिग निकली और पिने लगे. उसके बाद उन्होंने भी खाना खाया और वही बैठे बैठे हम दोनों बाते करने लगे और पुराने गाने चलने लगे फिर से.फिर मैंने खाने के प्लेट वगैरह किचन में रखने गयी. तब तक फ़ोन की रिंग फिर बजे रात में ९:३० बजे हुए थे. अंकु के पापा का फ़ोन था वो बोले हम पहुंच गए है और पूछा की भाईसाहब को खाना खिला दिए?मैंने कहा हाँ बहार से मंगवा लिया था अंकल ने ही. तो पापा बोले चलो ठीक है ाचा किया अब आराम करो सो जाओ बाई. मैंने बाई बोल के पहन रख दिए.फिर मैंने अंकल से कहा की अब में ब्रा पंतय पेहेन चेंज कर लेती हु और नाहा अति हु. तब अंकल ने बोलै अरे क्यों उतरनी आज वही पहनो कितनी तो अछि लग रही हो. और हाँ आना तो अब मैक्सी मत पेहेनना सोते टाइम पहनना.में फिर शर्मा के बाथरूम में चली गयी. और जल्दी से नाहा के बदन को पोछने लगी. मैंने अपनी छूट को अचे से तौलिया से पोछा उसके बाद पंतय पेहेन ली. फिर मैंने ब्रा पहनी इस बार मेरे से ब्रा का हुक लगने में दिक्कत हो रही थी.तभी अंकल बाथरूम के बगल में खड़े थे वो टॉयलेट में बाथरूम करने जा रहे थे. हमारा लाटेरिने बाथरूम अलग अलग था. तभी अंकल बोले क्या हुआ मंजू नाहा ली हो तो जाओ कमरे में.तो मैंने कहा अंकल ये इसका हुक नहीं लगा प् रही हु शायद मुद गयी है पीछे से ब्रा. अंकल बोले तुम कमरे में चलो में पेशाब कर के अत हु फिर देखता हु.अंकल जैसे ही कमरे में ए उन्होंने अपनी लुंगी एक तरह निकल के फेक दी और चड्डी में थे. फिर बोले लाओ हुक लगता हु. उस टाइम में बीएड में बैठी थी अपने दोनों दूध को ब्रा से छुपाये और ढकी हुई. अंकल ने मुझसे उठने को बोलै और खुद बीएड में पैर निचे कर के बैठ गए.में उनके सामने पीठ कर के कड़ी थी और अंकल मेरे ब्रा का हुक लगाने लगे. अंकल ने एक बार में ही हुक लगा दिए था. पर अंकल ने मुझे अपनी तरह घुमा के खड़ा किआ और बोले के बहोत अछि लग रही हो मंजू.मैंने कहा आप भी इस अंडरवियर में अचे लग रहे हो. अंकल और इसे ही पहनो आदत पद जाएगी और पास अचे से होती है इसमें गर्मी नहीं लगती. फिर अंकल ने बोलै की मंजू इस ब्रा से तो तुम्हारे दूध और निप्पल साफ़ लग रहे है. ये तुम शायद घर में ही पहनोगी लगता है.हाँ और नहीं तोह क्या अंकल पर इसका कपडा सच में बहोत ाचा है. दुकान वाले से कहना की इसी कपडे में बिना नेट वाली दे अगली बार.अंकल ने कहा देखु जरा इसका कपडा कैसा कहा है.अंकल ने मेरे दूध के ऊपर से ब्रा के कपडे तो मसल के देखा और बोले की ाचा सॉफ्ट कपडा है. उसके बाद उन्होंने अंदर निप्पल तक ऊँगली डालने की कोशिश करि.मैंने कहा अंकल ये क्या क्र रहे है आप…तो अंकल बोले कुछ नहीं में बस ऐसे ही देख रहा था की ब्रा कितनी लूसे है. और फिर मेरी पंतय का भी कपडा पकड़ के बोले की इसे भी देखि जरा कैसी है.फिर बोले की इसका कपडा तो ब्रा से हल्का है इसमें तुम्हारी छूट के बाल साफ़ साफ़ दिख रहे है. अगर बाल बना लोगी तो और भी ज्यादा अछि लगेगी ये पंतय तुम पे.मैंने कहा की हाँ अब जब टाइम मिलेगा तब करुँगी साफ़. अंकल ने भी अपने लुंड के तरफ कर के बोलै की मैंने भी कई महीनो से बाल नहीं बनाये है टाइम ही नहीं मिलता मुझे भी.में काफी देर से कड़ी हो के बात कर रही थी और मेरी पीठ पे खुजली शुरू हो गयी थी. मैंने कहा में जरा दवा खा लेती हु तो मैंने वही पे राखी दवा खाई और अपनी पीठ खुजाने लगी.ये देख के अंकल बोले की क्या हुआ कुछ दिक्कत हो रही है खुजाने में?तो मैंने कहा हाँ अंकु ही अक्सर खुजा देता है मेरी पीठ ये देखिये कैसे हो जाती है मेरे रशेस वाली खुजली.अंकल ने कहा तो लाओ खुजा देता हु इसमें कौन सी बड़ी बात है.फिर मैंने अंकल को पोंडा पाउडर उठा के दिए और कहा पीठ के लगाए. में उनके सामने पीठ कर के कड़ी थी और अंकल मेरे पावर लगा रहे थे. तभी अंकल ने कहा की अगर तुम्हे दिक्कत न हो तो हुक खोल के अचे से लगा दू?मैंने कहा जी अंकल खोल दीजिये. पर मैं ही मैं में घबरा रही थी की क्या ये सब सही है…तो बे कॉन्टिनोएड…
फिर मैने सोचा की मेरे अंकल ही तो है कुछ ग़लत नही होगा. इतने मे अंकल ने मेरा ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा को मे आगे से दूध के उपर से संभाले हुई थी और अंकल दोनो हाथो से मेरी पीठ पे पाउडर लगाए जा रहे थे. मेरी कमर तक पाउडर लगा रहे थे अंकल.
कभी दोनो हाथो को उपर ले जाते तो कभी नीचे. फिर अंकल ने कहा की अब तुम ब्रा को छ्चोड़ दो मंजू मे सही से पाउडर लगता हू. मे मॅन ही मॅन दर्र रही थी और एक तरफ भरोसा भी था अंकल पे. पर मैने अंकल की बात पे ध्यान नही दिया और ब्रा पहने रही.
पर अंकल ने मुझे खुद अपने तरफ घुमा के खड़ा कर दिया. और मेरे दोनो हाथो को मेरे दूध के उपर से हाथ कर नीचे कर दिया. जैसे ही मैने दोनो हाथ नीचे किए मेरी ब्रा खुद नीचे सरक गयी. बाकी अंकल ने खुद मेरे बदन से हाथ के बेड पे रख दी.
अब मेरे दोनो बड़े बड़े अंकल की नरज़ो के सामने थे और ताने हुए दूध लटक रहे थे. ये देख अंकल बोले की मंजू तुम सिर्फ़ ब्रा ही नही बिना ब्रा के भी कितनी अची एर सुंदर लगती हो.
फिर अंकल ने हाथ मे लगे हुए पावडर को ही मेरे दूध मे लगाना शुरू किया. अंकल मेरे निपल को घुमा के और दाना के देखने लगे. मे वही चुप छाप खड़ी रही नीचे नज़र झुका के. फिर मेरी नज़र अंकल मे लंड पे पड़ी मैने देखा की अंकल का लंड का टोपा चड्डी के उपर से बाहर आ गया था.
मैने कहा अंकल आपका लंड फिर बाहर आ गया है. अंकल ने कहा मंजू इतने आचे दूध देख के तो इसे बाहर आना ही था ना. मैने कहा अंकल अपने लंड को अंदर कर लीजिए प्लीज़.
अंकल ने कहा मंजू परेशन मत हो तुम.
मैने कहा अंकल आपको कंफर्टबल नही लग रहा है तो आप लूँगी या अपनी चड्डी पहें लीजिए. पर आपकी और अंकु के पापा की अंडरवेर का साइज़ तो एक ही है. फिर भी आपको टाइट क्यू पद रही है?
तभी अंकल ने हास के बोला और बैठे बैठे अपनी चड्डी उतार दी बोले की खुद देख लो अपनी आँखो से. मे तो अंकल का लंड देख के डांग रह गयी. मैने मॅन ही मॅन सोचा की जब उस दिन बाथरूण मे देखा था तब भी बड़ा था. पर अब तो कुछ और ही ज़्यादा बड़ा लग लग रहा है.
अब अंकल का लंड पूरा ताना हुआ था और अंकल का लंड पूरी तरह सलामी दे रहा था. मैने कहा अंकल आपका तो बहुर बड़ा लंड है और आपके भी बहोट बाल है आंटी तो दर गयी होगी.
अंकल मेरे दोनो निपल को मसल के बोले की हन मंजू वो तो है पर वो मेरे लंड की खूब मालिश करती थी एक टाइम पे तभी इसे ऐसा बनाया है. और पहले से ही मेरा काफ़ी बड़ा रहा है.
हन अंकल देख के ही ऐसा लग रहा है आपका इनसे भी बड़ा है और मोटा भी. फिर मेरी इस बात को सुन के अंकल हासणे लगे. और फिर मैने कहा की अंकल ये सही नही है जो हो रहा है. अंकल ने कहा कुछ नही होता मंजू मुझे तुम दोस्त मनती हो या अंकल?
जी दोस्त मनती हू पर आप बड़े है तो मेरे अंकल की हो लगे.
हन तो अगर दोस्त मानती हो तो दोस्ती मे कोई बाते छुपाई थोड़ी जाती है. इसलिए अब तुम ये सब सोचना बंद करो और जाओ जा के नारियल का तेल और उसमे कपूर डाल के ले आओ. मैने पूछा वो क्यू?
अंकल तो बोले की तुम्हारी पीठ की मालिश कर देता हू बहोट फ़र्क पड़ेगा इससे तुम्हारी खुजली मे. मैने कई बार माना काइया पर अंकल ने मेरी एक ना सुनी फिर मे नारियल का तेल और कपूर मिले के ले आई कटोरी मे.
फिर मुझे बेड पे उल्टे लेटने को बोला अंकल ने. मे वैसे ही उल्टा लेट गयी. अब अंकल ने तेल हाथ मे ले के मेरी पीठ पे डालना शुरू किया और पूरी पीठ मे लगाने लगे. मे उल्टा हो के हाथ को उपर कर के आराम से लेती थी. और मॅन ही मॅन सोच रही थी की मेरे पति ने कभी इस तरह मेरे लिए नही किया बिना कहे खुद से. मे रिलॅक्स हो के लेती रही और अंकल मेरी पीठ मे तेल लगते रहे.
उसके बाद वो मेरी कमर के नीचे पहुचे और मेरी गंद पे भी तेल लगाने लगे. पर पनटी की वजह से उन्हे दिक्कत हो रही थी. इसलिए उन्होने कहा की मे सीधे लेट जौ, मे पलट के सीधे लेट गयी. उसके बाद वो मेरे बगल मे आके बैठ गये और मेरे दूध पे तेल डालने लगे. मेरे दोनो निपल को दोनो उंगलियो से घूमने लगे.
मैने अपनी आँखे बंद कर ली और मॅन ही मॅन मज़े लेने लगी. अंकल ने पूछा क्या हुआ मंजू कैसा लग रहा है?
मैने कहा अंकल अछा लग रहा है बहोट.
अंकल ने पूरे तेल को मेरे दोनो दूध मे लगा के सूखा दिया था. मे असंखे बंद की हुई थी. तभी मुझे महसूस हुआ की अंकल ने मेरे रिघ्त वेल निपल को अपने मूह मे ले लिया और अपने होतो से उसे चूसने लगे.
मैने अपनी आँखे खोल के तुरंत कहा अंकल ये मत करिए घबराहट हो रही. तो अंकल बोले थोड़ी देर होगी बस. पर अंकल को नही पता था की मे भी उनसे अपने दूध चुस्वा के मज़े लेने लगी थी.
अब अंकल बरी बरी मेरे दोनो निपल को चूसने लगे और अपने थूक से मेरे निपल गीले कर दिए थे. फिर अंकल मेरे पेट तक पहुचे तेल लगने के लिए. फिर मेरी नाभि मे तेल डाल के भर दिया. क्यूकी मेरी नाभि कही बड़ी थी अंदर तक और मेरे लेट मे खूब सारा तेल लगाने लगे. तेल कभी इधर बहे तो कभी उधर.
फिर अंकल ने पनटी पनटी उतरनी चाही पर मैने अपने पैरो को सिकोड लिया था और माना करने लगी. मैने कहा अंकल नीचे नही लगवाना तेल.
अंकल ने पूछा क्यू?
तो मैने कहा बस नीचे नही अंकल प्लीज़ कुछ ब हो जाए.
पर अंकल ने विश्वास दिलाया की वो मेरे नीचे नही लगाएँगे तेल. अंकल बोले की तेल नही लगवाना है पर पनटी तो उतार दो. क्यूकी तेल से खराब हो रही थी.
फिर मैने अपनी टाँगे खोल दी और अंकल ने खुश हो के मेरी पनटी भी उतार दी. अंकल मेरे जाँघो मे तेल लगाने लगे. फिर अंकल ने जाँघो मे तेल लगते हुए बोला की तुम्हारी छूट कितनी अची है गोरी है शादी के बाद भी इतनी.
अंकल अपना हाथ बार बार मेरी छूट की तरफ ला रहे थे और हटा लेते. पर मुझे अंकल की आँखो मे दिख गया था की वो मेरी छूट पर भी तेल लगाना चाह रहे थे.
फिर मैने खुद ही कह दिया की अंकल अब लगा रहे है तो नीचे भी लगा ही दीजिए तेल. पर जैसा सोचा था वैसा बिल्कुल भी नही हुआ. अंकल ने मेरी छूट मे तेल नही लगाया.
बल्कि उन्होने मेरी टाँगे फैला के मेरी छूट को सूँघा और मेरी छूट की महक को महसूस किया. और बोले वा मुझ क्या छूट है तुम्हारी दिल खुश हो गया. बहोट अरसे बाद किसी की ऐसी छूट देखने को मिली. वरना हमेशा तुम्हारी आंटी की ही देखनी पड़ती और फिर हम दोनो हासणे लगे.
पर अंकल बोले इसमे मे तेल नही लगौँगा.
तो फिर क्या लगाओगे अंकल?
अंकल ने कहा खुद ही देख लो और मुझे बेड के साइड पे पेर नीचे रख के लिटाया. और फिर मेरे दोनो पैरो के बीच मे आ के बैठ गये और मेरी छूट के छेड़ को खोल के देखने लगे. फिर वो छूट के छेड़ पे अपनी जीभ लगा के चाटने लगे और पूछने लगे कैसा लग रहा है?
मैने दबी आवाज़ मे कहा अछा लग रहा है बहोट.
फिर अंकल रुके नही अपनी जीभ से खूब सारा थूक निकल के मेरी छूट पे गिरा दिया और छूट को चाटने लगे. अब मेरे भी मॅन मे यही चल रहा था की मेरी छूट चाटते रहे और अंकल मेरी छूट चाटते रहे. अपनी जीभ को मेरी छूट के अंदर जीभ डाल की जीभ को इधर उधर करने लगे.
ऐसा करते हुए उन्हे 10 मीं हो चुका था और इधर मेरी जान निकल निकल रही थी. मे सिसकिया ले रही थी और अपने मूह पे हाथ रख के मैने अंकल के सर को पकड़ के अपनी छूट मे लेना चाहा. पर वो पहले से ही छूट छत रहे थे.
उसके तुरंत कुछ देर बाद मे इकड़म से ढीली पद गयी. क्यूकी मेरी छूट का पानी निकल चुका था और मे तक चुकी थी. पर अंकल अभी भी मेरी छूट पे लगे रस को छत के ख़तम करने मे लगे हुए थे.
फिर 5 मीं बाद मैने अपनी आँखे खोली अंकल पेशाब कर के आ चुके थे. मैने कहा अंकल आपका लंड तो अभी भी ताना हुआ खड़ा है.
तो अंकल बोले की हन अब तुम भी तो मेरे लंड की मालिश करोगी. वैसे भी बहोट टाइम हो गया लंड की मालिश कराए.
मैने मॅन मे ही सोच लिया था आज कुछ ग़लत होने वाला है और हो के रहेगा.
फिर अंकल से मैने बेड पे लेटने को कहा और और वो भी सीधे हो के लेट गये. मे उनके पैरो के पास बैठी थी और उनका लंड मेरे सामने था. मैने अंकल के लंड को अपने हाथ मे ले के बोला की ये तो अंकु के पापा से सच मे बड़ा और मोटा है.
ये कह के मैने अंकल के लंड को सहलाना शुरू किया. अब मेरी भी छूट तड़प रही थी अंकल का लंड लेने को. इसलिए मे जल्दी जल्दी उंले लंड खड़ा कर रही थी.
बिना अंकल के कुछ कहे ही मैने उनका लंड अपने मूह मे ले लिया और खूब चूसने लगी. उनके लंड को कुलफी की तरह चारो तरफ से चाट रही थी और चाट चाट के गीला कर रही थी.
अब मेरे से भी नही रहा जा रहा था. मे भी लगातार लंड चूस रही थी. मेरे मूह मे पूरा लंड भी नही आ पा रहा था इतना बड़ा और मोटा जो था लंड.
फिर अंकल ने मुझसे कहा की मंजू अब रुक जाओ अब तुम्हे मुझे छोड़ना है, अब तुम बिस्तर पे लेट जाओ. मे बिस्तर पे लेट गयी और अंकल से कहा की अलमारी मे कॉंडम रखा है निकल लीजिए.
पर अंकल बोले अरे नही मेरी रानी ऐसी छूट को तो बिना कॉंडम के ही छोड़ा जाएगा. जब तक मे उन्हे ना बोलती उन्होने मेरी छूट के दरवाजे पर अपने लंड का सूपड़ा, मतलब तोड़ा रख दिया था और मेरी छूट मे डालने लग गये थे.
लंड इतना ताना हुआ था की मेरी छूट लंड लेने को तड़प रही थी. फिर अंकल ने लंड को धीरे धीरे कर के मेरी छूट मे डाल दिया. जब पूरा अंदर चला गया तो मेरी चीख निकल गयी.
अंकल बोले लगता है तेरे पति ने तेरी छूट आज तक आचे नही मारी.
ये कह के लंड को अंदर बाहर करने लग गये. लंड अब पूरी तरह से मेरी छूट मे समा गया था और लंड का पूरा मज़ा ले रही थी. सबसे अची बात मुझे ये लगी की वो लंड से अंदर ही अंदर रुक रुक झटके मार रहे थे. जिससे मुझे और भी मज़ा आ रहा था.
अंकल से मैने कहा और तेज़ छोड़िए तेज़ तेज़… अंकल लंड को तेज़ी के साथ छोड़ने लगे इतना तेज़ की बेड भी हिलने लगा. उसके तुरंत ही कुछ मिंटो मे अंकल का सारा पानी मेरी छूट मे ही छोड़ दिया.
मेरे बहोट कहने पर भी वो नही माने और अपने लंड का सफेद रस मेरी छूट के अंदर ही गिरा दिया. फिर अंकल मेरे उपर ऐसे ही लेते रहे कुछ देर तक और फिर बगल मे लेट के मुझे अपनी बाहो मे ले के सो गये.
तो बे कंटिन्यूड…
फिर मैने सोचा की मेरे अंकल ही तो है कुछ ग़लत नही होगा. इतने मे अंकल ने मेरा ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा को मे आगे से दूध के उपर से संभाले हुई थी और अंकल दोनो हाथो से मेरी पीठ पे पाउडर लगाए जा रहे थे. मेरी कमर तक पाउडर लगा रहे थे अंकल.
कभी दोनो हाथो को उपर ले जाते तो कभी नीचे. फिर अंकल ने कहा की अब तुम ब्रा को छ्चोड़ दो मंजू मे सही से पाउडर लगता हू. मे मॅन ही मॅन दर्र रही थी और एक तरफ भरोसा भी था अंकल पे. पर मैने अंकल की बात पे ध्यान नही दिया और ब्रा पहने रही.
पर अंकल ने मुझे खुद अपने तरफ घुमा के खड़ा कर दिया. और मेरे दोनो हाथो को मेरे दूध के उपर से हाथ कर नीचे कर दिया. जैसे ही मैने दोनो हाथ नीचे किए मेरी ब्रा खुद नीचे सरक गयी. बाकी अंकल ने खुद मेरे बदन से हाथ के बेड पे रख दी.
अब मेरे दोनो बड़े बड़े अंकल की नरज़ो के सामने थे और ताने हुए दूध लटक रहे थे. ये देख अंकल बोले की मंजू तुम सिर्फ़ ब्रा ही नही बिना ब्रा के भी कितनी अची एर सुंदर लगती हो.
फिर अंकल ने हाथ मे लगे हुए पावडर को ही मेरे दूध मे लगाना शुरू किया. अंकल मेरे निपल को घुमा के और दाना के देखने लगे. मे वही चुप छाप खड़ी रही नीचे नज़र झुका के. फिर मेरी नज़र अंकल मे लंड पे पड़ी मैने देखा की अंकल का लंड का टोपा चड्डी के उपर से बाहर आ गया था.
मैने कहा अंकल आपका लंड फिर बाहर आ गया है. अंकल ने कहा मंजू इतने आचे दूध देख के तो इसे बाहर आना ही था ना. मैने कहा अंकल अपने लंड को अंदर कर लीजिए प्लीज़.
अंकल ने कहा मंजू परेशन मत हो तुम.
मैने कहा अंकल आपको कंफर्टबल नही लग रहा है तो आप लूँगी या अपनी चड्डी पहें लीजिए. पर आपकी और अंकु के पापा की अंडरवेर का साइज़ तो एक ही है. फिर भी आपको टाइट क्यू पद रही है?
तभी अंकल ने हास के बोला और बैठे बैठे अपनी चड्डी उतार दी बोले की खुद देख लो अपनी आँखो से. मे तो अंकल का लंड देख के डांग रह गयी. मैने मॅन ही मॅन सोचा की जब उस दिन बाथरूण मे देखा था तब भी बड़ा था. पर अब तो कुछ और ही ज़्यादा बड़ा लग लग रहा है.
अब अंकल का लंड पूरा ताना हुआ था और अंकल का लंड पूरी तरह सलामी दे रहा था. मैने कहा अंकल आपका तो बहुर बड़ा लंड है और आपके भी बहोट बाल है आंटी तो दर गयी होगी.
अंकल मेरे दोनो निपल को मसल के बोले की हन मंजू वो तो है पर वो मेरे लंड की खूब मालिश करती थी एक टाइम पे तभी इसे ऐसा बनाया है. और पहले से ही मेरा काफ़ी बड़ा रहा है.
हन अंकल देख के ही ऐसा लग रहा है आपका इनसे भी बड़ा है और मोटा भी. फिर मेरी इस बात को सुन के अंकल हासणे लगे. और फिर मैने कहा की अंकल ये सही नही है जो हो रहा है. अंकल ने कहा कुछ नही होता मंजू मुझे तुम दोस्त मनती हो या अंकल?
जी दोस्त मनती हू पर आप बड़े है तो मेरे अंकल की हो लगे.
हन तो अगर दोस्त मानती हो तो दोस्ती मे कोई बाते छुपाई थोड़ी जाती है. इसलिए अब तुम ये सब सोचना बंद करो और जाओ जा के नारियल का तेल और उसमे कपूर डाल के ले आओ. मैने पूछा वो क्यू?
अंकल तो बोले की तुम्हारी पीठ की मालिश कर देता हू बहोट फ़र्क पड़ेगा इससे तुम्हारी खुजली मे. मैने कई बार माना काइया पर अंकल ने मेरी एक ना सुनी फिर मे नारियल का तेल और कपूर मिले के ले आई कटोरी मे.
फिर मुझे बेड पे उल्टे लेटने को बोला अंकल ने. मे वैसे ही उल्टा लेट गयी. अब अंकल ने तेल हाथ मे ले के मेरी पीठ पे डालना शुरू किया और पूरी पीठ मे लगाने लगे. मे उल्टा हो के हाथ को उपर कर के आराम से लेती थी. और मॅन ही मॅन सोच रही थी की मेरे पति ने कभी इस तरह मेरे लिए नही किया बिना कहे खुद से. मे रिलॅक्स हो के लेती रही और अंकल मेरी पीठ मे तेल लगते रहे.
उसके बाद वो मेरी कमर के नीचे पहुचे और मेरी गंद पे भी तेल लगाने लगे. पर पनटी की वजह से उन्हे दिक्कत हो रही थी. इसलिए उन्होने कहा की मे सीधे लेट जौ, मे पलट के सीधे लेट गयी. उसके बाद वो मेरे बगल मे आके बैठ गये और मेरे दूध पे तेल डालने लगे. मेरे दोनो निपल को दोनो उंगलियो से घूमने लगे.
मैने अपनी आँखे बंद कर ली और मॅन ही मॅन मज़े लेने लगी. अंकल ने पूछा क्या हुआ मंजू कैसा लग रहा है?
मैने कहा अंकल अछा लग रहा है बहोट.
अंकल ने पूरे तेल को मेरे दोनो दूध मे लगा के सूखा दिया था. मे असंखे बंद की हुई थी. तभी मुझे महसूस हुआ की अंकल ने मेरे रिघ्त वेल निपल को अपने मूह मे ले लिया और अपने होतो से उसे चूसने लगे.
मैने अपनी आँखे खोल के तुरंत कहा अंकल ये मत करिए घबराहट हो रही. तो अंकल बोले थोड़ी देर होगी बस. पर अंकल को नही पता था की मे भी उनसे अपने दूध चुस्वा के मज़े लेने लगी थी.
अब अंकल बरी बरी मेरे दोनो निपल को चूसने लगे और अपने थूक से मेरे निपल गीले कर दिए थे. फिर अंकल मेरे पेट तक पहुचे तेल लगने के लिए. फिर मेरी नाभि मे तेल डाल के भर दिया. क्यूकी मेरी नाभि कही बड़ी थी अंदर तक और मेरे लेट मे खूब सारा तेल लगाने लगे. तेल कभी इधर बहे तो कभी उधर.
फिर अंकल ने पनटी पनटी उतरनी चाही पर मैने अपने पैरो को सिकोड लिया था और माना करने लगी. मैने कहा अंकल नीचे नही लगवाना तेल.
अंकल ने पूछा क्यू?
तो मैने कहा बस नीचे नही अंकल प्लीज़ कुछ ब हो जाए.
पर अंकल ने विश्वास दिलाया की वो मेरे नीचे नही लगाएँगे तेल. अंकल बोले की तेल नही लगवाना है पर पनटी तो उतार दो. क्यूकी तेल से खराब हो रही थी.
फिर मैने अपनी टाँगे खोल दी और अंकल ने खुश हो के मेरी पनटी भी उतार दी. अंकल मेरे जाँघो मे तेल लगाने लगे. फिर अंकल ने जाँघो मे तेल लगते हुए बोला की तुम्हारी छूट कितनी अची है गोरी है शादी के बाद भी इतनी.
अंकल अपना हाथ बार बार मेरी छूट की तरफ ला रहे थे और हटा लेते. पर मुझे अंकल की आँखो मे दिख गया था की वो मेरी छूट पर भी तेल लगाना चाह रहे थे.
फिर मैने खुद ही कह दिया की अंकल अब लगा रहे है तो नीचे भी लगा ही दीजिए तेल. पर जैसा सोचा था वैसा बिल्कुल भी नही हुआ. अंकल ने मेरी छूट मे तेल नही लगाया.
बल्कि उन्होने मेरी टाँगे फैला के मेरी छूट को सूँघा और मेरी छूट की महक को महसूस किया. और बोले वा मुझ क्या छूट है तुम्हारी दिल खुश हो गया. बहोट अरसे बाद किसी की ऐसी छूट देखने को मिली. वरना हमेशा तुम्हारी आंटी की ही देखनी पड़ती और फिर हम दोनो हासणे लगे.
पर अंकल बोले इसमे मे तेल नही लगौँगा.
तो फिर क्या लगाओगे अंकल?
अंकल ने कहा खुद ही देख लो और मुझे बेड के साइड पे पेर नीचे रख के लिटाया. और फिर मेरे दोनो पैरो के बीच मे आ के बैठ गये और मेरी छूट के छेड़ को खोल के देखने लगे. फिर वो छूट के छेड़ पे अपनी जीभ लगा के चाटने लगे और पूछने लगे कैसा लग रहा है?
मैने दबी आवाज़ मे कहा अछा लग रहा है बहोट.
फिर अंकल रुके नही अपनी जीभ से खूब सारा थूक निकल के मेरी छूट पे गिरा दिया और छूट को चाटने लगे. अब मेरे भी मॅन मे यही चल रहा था की मेरी छूट चाटते रहे और अंकल मेरी छूट चाटते रहे. अपनी जीभ को मेरी छूट के अंदर जीभ डाल की जीभ को इधर उधर करने लगे.
ऐसा करते हुए उन्हे 10 मीं हो चुका था और इधर मेरी जान निकल निकल रही थी. मे सिसकिया ले रही थी और अपने मूह पे हाथ रख के मैने अंकल के सर को पकड़ के अपनी छूट मे लेना चाहा. पर वो पहले से ही छूट छत रहे थे.
उसके तुरंत कुछ देर बाद मे इकड़म से ढीली पद गयी. क्यूकी मेरी छूट का पानी निकल चुका था और मे तक चुकी थी. पर अंकल अभी भी मेरी छूट पे लगे रस को छत के ख़तम करने मे लगे हुए थे.
फिर 5 मीं बाद मैने अपनी आँखे खोली अंकल पेशाब कर के आ चुके थे. मैने कहा अंकल आपका लंड तो अभी भी ताना हुआ खड़ा है.
तो अंकल बोले की हन अब तुम भी तो मेरे लंड की मालिश करोगी. वैसे भी बहोट टाइम हो गया लंड की मालिश कराए.
मैने मॅन मे ही सोच लिया था आज कुछ ग़लत होने वाला है और हो के रहेगा.
फिर अंकल से मैने बेड पे लेटने को कहा और और वो भी सीधे हो के लेट गये. मे उनके पैरो के पास बैठी थी और उनका लंड मेरे सामने था. मैने अंकल के लंड को अपने हाथ मे ले के बोला की ये तो अंकु के पापा से सच मे बड़ा और मोटा है.
ये कह के मैने अंकल के लंड को सहलाना शुरू किया. अब मेरी भी छूट तड़प रही थी अंकल का लंड लेने को. इसलिए मे जल्दी जल्दी उंले लंड खड़ा कर रही थी.
बिना अंकल के कुछ कहे ही मैने उनका लंड अपने मूह मे ले लिया और खूब चूसने लगी. उनके लंड को कुलफी की तरह चारो तरफ से चाट रही थी और चाट चाट के गीला कर रही थी.
अब मेरे से भी नही रहा जा रहा था. मे भी लगातार लंड चूस रही थी. मेरे मूह मे पूरा लंड भी नही आ पा रहा था इतना बड़ा और मोटा जो था लंड.
फिर अंकल ने मुझसे कहा की मंजू अब रुक जाओ अब तुम्हे मुझे छोड़ना है, अब तुम बिस्तर पे लेट जाओ. मे बिस्तर पे लेट गयी और अंकल से कहा की अलमारी मे कॉंडम रखा है निकल लीजिए.
पर अंकल बोले अरे नही मेरी रानी ऐसी छूट को तो बिना कॉंडम के ही छोड़ा जाएगा. जब तक मे उन्हे ना बोलती उन्होने मेरी छूट के दरवाजे पर अपने लंड का सूपड़ा, मतलब तोड़ा रख दिया था और मेरी छूट मे डालने लग गये थे.
लंड इतना ताना हुआ था की मेरी छूट लंड लेने को तड़प रही थी. फिर अंकल ने लंड को धीरे धीरे कर के मेरी छूट मे डाल दिया. जब पूरा अंदर चला गया तो मेरी चीख निकल गयी.
अंकल बोले लगता है तेरे पति ने तेरी छूट आज तक आचे नही मारी.
ये कह के लंड को अंदर बाहर करने लग गये. लंड अब पूरी तरह से मेरी छूट मे समा गया था और लंड का पूरा मज़ा ले रही थी. सबसे अची बात मुझे ये लगी की वो लंड से अंदर ही अंदर रुक रुक झटके मार रहे थे. जिससे मुझे और भी मज़ा आ रहा था.
अंकल से मैने कहा और तेज़ छोड़िए तेज़ तेज़… अंकल लंड को तेज़ी के साथ छोड़ने लगे इतना तेज़ की बेड भी हिलने लगा. उसके तुरंत ही कुछ मिंटो मे अंकल का सारा पानी मेरी छूट मे ही छोड़ दिया.
मेरे बहोट कहने पर भी वो नही माने और अपने लंड का सफेद रस मेरी छूट के अंदर ही गिरा दिया. फिर अंकल मेरे उपर ऐसे ही लेते रहे कुछ देर तक और फिर बगल मे लेट के मुझे अपनी बाहो मे ले के सो गये.
तो बे कंटिन्यूड…