04-01-2023, 11:37 PM
मैं और शिल्पी चुदाई के दो राउंड को पूरा कर के सोए ही थे कि नीरज के इस अचानक कॉल से नींद खुल गई।
मैंने नीरज का फोन उठाया और बोला - बोलिए नीरज जी
नीरज - राज साहब, आपका बहुत बहुत धन्यवाद
मैं - अरे किसलिए
नीरज - नीतू के साथ यह मौका देने के लिए
मै - मजा आया ना
नीरज - जी सर, बहुत। अब एक रिक्वेस्ट है आपसे
मैं - अरे हुक्म बोलिए, बताइए
नीरज - वों मुझे अभी घर जाना है, स्वाति के कई कॉल आ गए हैं
मैं - अभी
नीरज - हाँ, प्लीज
मैं - ठीक है
मैंने बाजू में नंगी सो रही शिल्पी से खुद को अलग किया। मेरा एक लोअर और टी शर्ट शिल्पी के कमरे में था उसे पहन लिया और छत पे गया। छत पर नीरज जिन कपड़ो में आया था वों पहन कर तैयार था और बगल में सोफे पर नीतू ब्रा और पैंटी में बैठी थी।
मैंने नीतू से कहा तू भी चल। नीतू इस हालत में कैसे जाती, वों सीधी सहमी मेरे सामने खड़ी हो गई। मुझे भी लगा इतनी रात में इसे सिर्फ ब्रा पैंटी में बाहर ले जाना ज्यादा रिस्की होगा। तभी मेरी नजर मंजु की एक छोटी सी नाईटी पर पड़ी जो हॉल में थी। मैंने उसे उठाया और नीतू की ओर फेकते हुए कहा - जल्दी से पहन ले इसे।
नीतू एक अच्छी बच्ची की तरह मेरी बात मानी और नाईटी पहन लिया। शार्ट नाईटी मंजु की थी और नीतू की हाइट मंजु से ज्यादा है इसलिए वों नाईटी किसी तरह उसकी कमर तक ही आ पा रही थी।
अब हम तीनों नीचे आ गए और गाड़ी में बैठ गए। मैं ड्राइव कर रहा था और नीरज मेरे साथ बैठा था। नीतू पीछे बैठी थी। नीरज को अभी घर पहुंचने की जल्दी थी इसलिए अभी उसका पूरा ठरकीपन गायब था। मैंने उससे मजे लेते हुए पूछा।
मैं - और नीरज जी मजा आया
नीरज तुरंत बोल पड़ा - अभी मजा छोड़ो, अब सज़ा मिलेगी
मैं समझ गया ये फट्टू इंसान अपनी बीबी से बहुत ज्यादा डरता है। मैंने कहा टेंशन ना लो, कुछ नहीं होगा।
अभी हम उसके घर के पास पहुंचे ही थे कि स्वाति छत की बालकनी में खड़ी दिखायी दी। स्वाति को दूर से देखते ही नीरज और डर गया और बोला - नीतू तुम नीचे बैठ जाओ, यदि स्वाति ने तुम्हे देख लिया तो आज प्रलय आ जाएगा।
मैने भी नीतू से नीचे छुप जाने को कहा और नीतू भी नीचे छुप गई। तब तक गाड़ी नीरज के घर के गेट तक पहुँच चुकी थी।
मैंने नीरज का फोन उठाया और बोला - बोलिए नीरज जी
नीरज - राज साहब, आपका बहुत बहुत धन्यवाद
मैं - अरे किसलिए
नीरज - नीतू के साथ यह मौका देने के लिए
मै - मजा आया ना
नीरज - जी सर, बहुत। अब एक रिक्वेस्ट है आपसे
मैं - अरे हुक्म बोलिए, बताइए
नीरज - वों मुझे अभी घर जाना है, स्वाति के कई कॉल आ गए हैं
मैं - अभी
नीरज - हाँ, प्लीज
मैं - ठीक है
मैंने बाजू में नंगी सो रही शिल्पी से खुद को अलग किया। मेरा एक लोअर और टी शर्ट शिल्पी के कमरे में था उसे पहन लिया और छत पे गया। छत पर नीरज जिन कपड़ो में आया था वों पहन कर तैयार था और बगल में सोफे पर नीतू ब्रा और पैंटी में बैठी थी।
मैंने नीतू से कहा तू भी चल। नीतू इस हालत में कैसे जाती, वों सीधी सहमी मेरे सामने खड़ी हो गई। मुझे भी लगा इतनी रात में इसे सिर्फ ब्रा पैंटी में बाहर ले जाना ज्यादा रिस्की होगा। तभी मेरी नजर मंजु की एक छोटी सी नाईटी पर पड़ी जो हॉल में थी। मैंने उसे उठाया और नीतू की ओर फेकते हुए कहा - जल्दी से पहन ले इसे।
नीतू एक अच्छी बच्ची की तरह मेरी बात मानी और नाईटी पहन लिया। शार्ट नाईटी मंजु की थी और नीतू की हाइट मंजु से ज्यादा है इसलिए वों नाईटी किसी तरह उसकी कमर तक ही आ पा रही थी।
अब हम तीनों नीचे आ गए और गाड़ी में बैठ गए। मैं ड्राइव कर रहा था और नीरज मेरे साथ बैठा था। नीतू पीछे बैठी थी। नीरज को अभी घर पहुंचने की जल्दी थी इसलिए अभी उसका पूरा ठरकीपन गायब था। मैंने उससे मजे लेते हुए पूछा।
मैं - और नीरज जी मजा आया
नीरज तुरंत बोल पड़ा - अभी मजा छोड़ो, अब सज़ा मिलेगी
मैं समझ गया ये फट्टू इंसान अपनी बीबी से बहुत ज्यादा डरता है। मैंने कहा टेंशन ना लो, कुछ नहीं होगा।
अभी हम उसके घर के पास पहुंचे ही थे कि स्वाति छत की बालकनी में खड़ी दिखायी दी। स्वाति को दूर से देखते ही नीरज और डर गया और बोला - नीतू तुम नीचे बैठ जाओ, यदि स्वाति ने तुम्हे देख लिया तो आज प्रलय आ जाएगा।
मैने भी नीतू से नीचे छुप जाने को कहा और नीतू भी नीचे छुप गई। तब तक गाड़ी नीरज के घर के गेट तक पहुँच चुकी थी।