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किरायेदार और मकान मालिक का परिवार
नीरज ने अपने ग्लास से ही नीतू को ड्रिंक पिलाना शुरू किया। नीतू पेटीकोट और ब्लाउज में नीरज की गोद में थी।

नीरज को मैंने इशारा किया और वों नीतू की होंठो को अपने होंठो से चूसने लगा। नीतू जो अब पूरे नशे में थी लेकिन अभी भी वों नीरज का साथ नहीं दे रही थी और थोड़ी कोशिश करने के बाद नीरज ने उसको किस करना रोक दिया।

फिर मैं उठा और नीतू को नीरज की गोद से अपनी ओर लाया। मैं नीतू को पकड़ कर हॉल में ही उसकी कमर पर हाथ रखा और उसके साथ डांस करने लगा। नीरज भी पीछे पीछे आया और हमारे साथ डांस करने लगा। डांस के दौरान कभी नीतू मेरी बाहों में और कभी नीरज के बाहों में होती। इस दौरान नीरज नीतू के बूब्स को जमकर मसलता और उसकी गांड की दरारों में पेटीकोट के ऊपर से ही लंड को घुसेड़ने की कोशिश करता। अब नीतू भी धीरे धीरे गर्म होने लगी। नीतू भी अब नशे में थी और नीरज का साथ दे रही थी। मैंने नीरज को कहा कि मैं अब जा रहा हूँ और तुम नीतू के साथ एन्जॉय करो। आज रात के लिए नीतू तुम्हारी अमानत है और नीरज जो शायद कुछ और ही सोच रहा था, मैं उससे आगे की सोच रहा था।

फिर मैं नीचे आया तो देखा मंजू हॉल में बैठी है और टीवी देख रही है। मुझे देखते ही मंजु ने नीतू और नीरज के बारे में पूछा तो मैंने कहा ऊपर है जा के देख ले। मंजु कुछ नहीं बोली। फिर मैंने अपने मोबाइल से सीसीटीवी कैमरा को कनेक्ट किया और मंजु को दिखाया।

नीरज नीतू को बेडरूम में ले गया था और उसके होंठो को पूरी ताकत से चूस रहा था। यह सब दिखाते हुए मैंने मंजु की गांड पर जोर से चिकोटी काटी और फिर मोबाइल से ऊपर की लाइव वीडियो को डिसकनेक्ट किया। सब कुछ ऊपर रिकॉर्ड हो रहा था जो मैं आराम से देखूंगा।

अब नीचे शिल्पी, मंजु और प्रीति थे। मंजु की चुदाई तो मैं लगातार कर रहा था और प्रीति को भी धीरे धीरे अपने हिसाब से तैयार कर रहा था लेकिन आजकल शिल्पी को मैं टाइम नहीं दे पा रहा था। मंजु और शिल्पी नहीं जानती थी मेरा दोनों के साथ चुदाई कार्यक्रम हो चुका है और उनदोनों को मैं एकसाथ कुछ कर भी नहीं पा रहा था। मन में कहीं ना कहीं डर था कहीं कुछ गड़बड़ ना हो जाए।

यह सब सोचते हुए मैं वाशरूम की ओर गया। मैंने देखा शिल्पी अपने कमरे में पढ़ रही है और मनीष अपने कमरे में सोया है। शिल्पी के कमरे में प्रीति नजर नहीं आयी। मैं वाशरूम से निकला तो मंजु के बेडरूम में देखा तो प्रीति उसमे सोई थी। मैं हॉल में आया और मंजु से बोला कि प्रीति को अपने साथ ही सुला और थोड़ा ओपन कर। मैंने कहा की तू भी जा के सो जा और मैं ऊपर जा रहा हूँ सोने।

ऊपर नीरज और नीतू का कार्यक्रम चल रहा था जिसमें मैं अभी अपनी एंट्री नहीं चाहता था लेकिन जैसे ही मैंने मंजू से कहा उसे लगा आज उसकी बहन दो लंड का स्वाद एक साथ लेगी। वो मन ही मन मुस्कुराई लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा और मैं छत पर जाने लगा।

मैं छत पर रेलिंग के सहारे थोड़ी देर खड़ा रहा और सोचने लगा कि क्या करू? मेरे दिमाग में कई सारे प्लान चल रहें थे। मैं सब कुछ अपने नियंत्रण में करना चाहता था और थोड़ी सी भी जल्दबाजी से बहुत गड़बड़ हो सकता था।
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RE: किरायेदार और मकान मालिक का परिवार - by raj4bestfun - 03-01-2023, 02:37 AM



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