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Adultery पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ नौजवान के कारनामे
पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे


VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 56

फूलों से प्राकृतिक शृंगार



तरुणी दीप्ति ने मेरे पूरे शरीर को भरपूर दृष्टि से देखा और उसकी निगाहें मेरे खड़े हुए लंड पर जम गयी और उसने बाहें फैला कर कहा-राजकुमार आप बहुत प्यारे हो। मुझे भी आप बहुत प्रिय हो । मेरे प्रियतम आ आओ और मुझे प्यार करो।

मैं उसे चूमते हुए बोला: मेरी प्रियतमा पहले तुम्हारा थोड़ा-सा शृंगार कर दू ।  बस थोड़ा सा इन्तजार करो  .  ये हमारा प्रथम मिलन है मैं इसे विशेष बनानां चाहता हूँ  ।

 डॉक्टर होने का जीवविज्ञान का छात्र होने के कारण मुझे कुछ प्राकृतिक सौंदर्य साधनो का ज्ञान था इसलिए  मैं एक बार फिर उस पास के जंगल में घुस गया और कुछ फल, लकडिया, पत्तिंया और ढेर सारे फूल, चुन लाया ।



[Image: FLOWER0.gif]
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मैंने सबसे पहले चंदन की लकड़ी घिस चंदन का लेप तरुणी के चेहरे छाती गर्दन, पीठ बाजुओं टांगो और नितम्बो पर मल दिया और हाथो पर मेहँदी की पत्तियों का रस मल दिया तो उसने भी चंदन का लेप मेरे पर मल दिया ।  कुदरती अनछुए पदार्थ थे इसलिए बहुत जल्द ही उन्होंने अपना असर दिखा दिया ।

फिर मैंने उसके गोरे गालो पर पलाश और लोध्र के फूलो को मसल कर गुलाबी रंग मल दिया, उसकी पलकों को पहाड़ो पर मिलने वाली एक वनस्पति जिसे मसलने पर काला पदार्थ मिलता है वह काला रंग उसकी पलकों पर लगा दिया और आग में शैलेय का काजल बनाया और उसे दीप्ति की सुंदर बड़ी आँखों में लगा दिया। गुलाबी, सफ़ेद, लाल, पीले ,केसरी कमल, चंपा, गुलाब, मोगरा, मोतिया और अन्य सभी तरह के फूलो को मसल कर उनका सुंगंधित रस उसकी चिकनी जांघो और सारे बदन पर मला तो उसका बदन और पूरा माहौल उन फूलो की शानदार सुगंध से महकने लगा। फिर मैंने दीप्ति के पैरो पर अलता के पेड़ो से निकाल कर लाया हुआ लाल रंग का रस मल के शोभायुक्त किया। सिर के बालो में सफ़ेद लाल पीले केसरी कमल, चंपा, गुलाब, मोगरा और मोतिया और अन्य सभी तरह के फूलो को गूंध कर फूल मालाये लगा दी और, पिंडलियों पर चुकंदर को मसल कर उसका लाल रस निकाल कर मसल दिया। उसके ओंठो पर चुकंदर का लाल रंग मल दिया ।


[Image: FLOWER1A.gif]

भीनी-भीनी मोगरे, गुलाब, और चमेली की फूल मालाएँ बना कर दीप्ति की तरुण और पतली कमर पर फूल माला बाँध दिया। पेडू पर पतली कमर और नाभि के नीचे गज़रे की यह लटकन बहुत खूबसूरत लग रही थी।

फिर मैंने गेंदे के फूलो की मालाओ को उसकी छाती पर ऐसे बाँधा जैसे उसने फूलो की चोली पहनी हुई हो और दो फूल मालाये उसकी बाजुओं में कमल की नाल के साथ बाजू बंद की तरह लपेट दिए और दो कमल की नाल के साथ फूल मालाये उसकी जांघो में भी बाँध दी।


[Image: FLOWER1B.jpg]

फिर कर उसके और एक फूलो का मुकुट बना कर उसके सर पर सजा कर उससे थोड़ा दूर हुआ और उसे भरपूर ऊपर से नीचे पूरे फूलो के शृंगार में देखा तो देखता ही रहा गया तरुण और सुंदर दीप्ति इस मनोरम फूलो के शृंगार से रमणीय हो, मानो वनदेवी का मूर्तिमान रूप हो ऐसे चमक उठी और मैं उसे खड़ा-खड़ा देखता रह गया और मेरे खड़े लंड ने उत्तेजित होकर एक ठुमका लगाया ।

वैसे तो आज के समय में बाज़ार में कॉस्मेटिक सौंदर्य प्रसाधनो की भरमार है पर प्राकृतिक फूलो और पत्तियों के रस के श्रृंगारित हो दीप्ति का रूप खिल उठा था और उसका अद्भुत प्राकृतिक तरुण सौंदर्य मेरे सामने प्रगट हुआ था कि मैं किंकर्तव्य मूढ़ की तरह अचंभित हो खड़ा उस कामदेवी को देखता रहा ।

उसने मुझे ऐसे देख आँखों से पुछा क्या हुआ? 

 तो मैं उसे तालाब के किनारे ले गया और उसे तालाब के शांत निर्मल जल में उसकी सुंदर रमणीय छवि दिखलाई। शांत निर्मल जल में अपनी छवि देख कर वह भी देखती ही रह गयी ।

वो लजाते हुए बोली हाय! ये मैं हूँ ! इतनी सुंदर इतनी  प्यारी !


[Image: FLOWER3.webp]

मैं चुपके से पीछे गया और बाकी बचे हुए मोगरे, गुलाब, कमल, चंपा, मोतिया, गैंदे और चमेली की सुगन्धित फूलो के फटा फट सेज सजा दी और एक माला उठायी तो दीप्ति पलटी और मुझे देख लजाते हुए मेरे पास आ गयी और मेरे हाथो से वह माला ले ली और मेरे गले में डाल दी मैंने भी दूसरी माला उठायी और उसके गले में डाल दी । मैंने उसे अपने गले में लगा लिया और फिर जो सेज मैंने सजाई थी वहाँ ले गया और उसे बिठा दिया ।

दीप्ति की आँखें एक नए रोमांच, कौतुक और भय से बंद होती जा रही थी। पता नहीं अब मैं उसके साथ  कैसे और क्या-क्या  करूँगा  और   सिकुड़ कर बैठ गई। और मेरे लम्बे लंड को उसने कनखियों से देखा और प्रेम मिलन के बारे में सोचा तो वो लजा गयी .  दीप्ति   बस एक नज़र भर ही मेरे को  देख पाई और फिर लाज के मारे अपनी मुंडी नीचे कर ली।

मैं बोला - आप ठीक से बैठ जाएँ!

आप बहुत सुंदर लग रही हो मैंने कहा  तो उसने मेरी और देखा  और मेरे  होंठों पर शरारती मुस्कान देख कर दीप्ति एक बार फिर से लजा गई और लाज के मारे कुछ बोलने की स्थिति में तो नहीं थी बस मुझे जगह देने के लिए थोड़ा सा और पीछे सरक गई। कई बार जब लाज से जो बात होंठ नहीं बोल पाते तो आँखें, अधर, पलकें, ऊँगलियाँ और देह के हर अंग बोल देते हैं। जब वो पीछे  सरकी तो मेरे अंग अंग में अनोखी सिहरन सी दौड़ गयी और हृदय की धड़कने तो जैसे बिना लगाम के घोड़े की तरह भागने लगी । उसने सरक कर मुझे पास बैठने का इशारा कर दिया था।


[Image: flower01.jpg]

मुझे याद था की मेरी सेक्स गुरु मिली जिसके बारे में आप मेरी कहानी अंतरंग हमसफ़र  में पढ़ सकते हैं उसने बताया था की स्त्री पुरुष के सच्चे यौन संबंधों का अर्थ मात्र दो शरीरों का मिलन नहीं बल्कि दो आत्माओं का भावनात्मक रूप से जुड़ना होता है।  प्रेम  में मिलन  के दौरान  सम्भोग या सेक्स अपनी भावनाओं को उजागर करने का बहुत अच्छा विकल्प या साधन होता है। ये वो साधन है जिससे हम अपने साथी को बता सकते हैं कि मैं तुमसे कितना प्यार करता हु।  यह क्रिया दोनों में परस्पर नजदीकी और गहरा प्रेम बढ़ाती है। ख़ास तौर पर प्रथम मिलन  को आनंदमय, मधुर और रोमांचकारी बनाना चाहिए , ताकि यही आनंद बार बार मिले इसके लिए दोनों हमेशा लालायित रहे ।

कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार
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RE: पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ नौजवान के कारनामे - by aamirhydkhan1 - 01-01-2023, 08:41 AM



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