28-12-2022, 02:50 AM
अगले दिन मां और में जिम गए हमने किसी तरह 20 हजार रुपए जुगाड़ कर ले गए थे । कादर भाई हमे देख के खुश हुए उसे लगा की हम पैसे ले कर आए थे । हमे अपने ऑफिस रूम पर बिठाया अच्छे से बात की ।
हमारे लिए साय मंगवाया । और बोला " तो लाइए काकी मेरा पैसा "
मां जिझक झिझक के पैसे को बांदिल उसके टेबल पर रख कर बोली " बेटा माफ करना में 20 हजार ही ला पाई । बाकी के अगले दो महीने में चुका दूंगी पक्का । हमपे एहसान कर दो"
मुझे लगा की कादर भाई फिर भड़केंगे लेकिन कादर भाई प्यार बात की ", कोई बात नही काकी । ", और फिर मेरी तरफ देख के बोला " जिशू तू काल से जिम ज्वाइन करना फिर से । में तेरे को फ्री में जिम वर्कआउट करने दूंगा । क्या है कि में भी इंसान हूं तुम्हारी हालत पे दया आ गई । काकी से भी बत्तीमीज़ी की उसके लिए माफी भी मांगना हे। एक काम कर काल से नही आज से वर्कआउट कर जा "
मा और में एक दूसरे को हैरानी से देखने लगे । कादर भाई फिर बोला " अरे जाओ में मजाक नही कर रहा । "
मां भी मुझे आखों की इशारे करती हे जाने को और में कुर्सी से उठ कर ऑफिस से बाहर चला जाता हूं । और नीचे की फ्लोर पर वर्कआउट करने जाता हूं । वोहा मुझे पुराने दोस्त मिले जो हम साथ में वर्कआउट करते थे । तो में भी खुश था और उन दोस्तो के साथ जिम में वर्कआउट करने लगा ।
करीब आधे घंटे बाद वो साय वाला लड़का मेरे पास आ कर मेरे करीब आ कर कहता हे " भैया तुम यहां पसीना बहा रहे हो और वाहा तुम्हारी मां के ऊपर कादर भाई पसीना बहा रहा हे "
में कुछ समझ नही पता हूं और पूछा " क्या मतलब हे तेरा "
" अरे भैया कादर भाई तुम्हारे मां के ऊपर चढ़ गया है "
जिस तरह से उसने बात को समझाया में समझ गया और में तुरंत ही दौर कर वाहा से ऊपर की मंजिल पर चला जाता हूं । और जा कर सीधे ऑफिस की दरवाजा खोलने की कशिश करता हूं लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था । में क्या करू क्या ना करूं पागल सा हो गया । तभी मुझे दिखा और याद आया की ऑफिस के लेफ्ट साइड की दीवार सीसे के पर पर्दा लगा हुआ है।
फिर भी में लेफ्ट साइड की तरफ जाता हूं और कोना ढूंढने लगा कही कुछ दिख जाए । और किनारे से थोरी बेपर्दा दरार मिल जाता है मुझे और अपनी आंखो से झांकने लगा ।
अंदर का नजारा देख कर मेरा खून खोल उठा और में और सीसे की दीवार पर हाथ मारता हूं । मारने की आहत कादर भाई को सुनाई दी थी और उसने मेरी और देखा और कुछ पल रुक एक कमीनेपन की मुस्कान दी मुझे ।
ऑफिस के अंदर एक छोटा सा बिस्तर था । इस बिस्तर पर मां पीठ के बल लेटी थी नीचे से बिल्कुल नंगी थी । टांगे उसकी खुली थी । नीले रंग की ब्लाउज उसकी छाती से ऊपर थी उसकी गोलाई दोनो चूची नंगे थे। कादर भाई मां की टांगो के बीच झुक कर खड़े खड़े मगर मां की कलाई पकड़ कर मां की चूत पर धक्के लगा रहा था । मां आंखे भींच रही थी मुंह खोल के चित्कार कर रही थी ।
मुझे बोहोत गुस्सा आ रहा था पर में कुछ कर भी नही सकता था । मुझे याद आया की सीसी टीवी पर सब रिकॉर्ड हो रहा होगा और मैने कुछ किया तो कादर भाई मेरी मां को बदनाम कर देंगे । में गुस्से में तिलमियाता हुआ देखता रहा । कादर भाई धक्के मारते मारते अपना कमर दबा दबा के मां की चूत पर अपना लौड़ा घुसा रहा था और मां बेचारी उसके दबाव पर मुंह खोल के चित्कार कर रही थी । पर अंदर से मुझे कुछ सुनाई नहीं दे रहे थे । और फिर कादर भाई मां की दोनो टांगे अपने कंधे पर उठा कर धक्के मारने लगते हे ।
मां मुंह दाई तरफ कर के दात पिछ के चित्कार करती हे । कादर भाई की दमदार धक्के पे सर उठा उठा कर पटकती है। कादर भाई हट्टा कट्टा मसलमेन था और मेरी मां मासूम प्यारी सी ।
कादर भाई मां को अपनी मर्जी चलाते हुए चोदे जा रहा था । में देख पा रहा था की कादर भाई का लौड़ा काफी बड़ा था । मां को तकलीफ हो रही थी । ऑफिस के अंदर की आवाज बाहर आती तो सायेद मां की चिकतार भी में सुन पता ।
मुझे नही पता कादर भाई मां को कबसे चोद रहा हे और मुझे खड़े खड़े देखते हुए कारों 15 मिनिट हो गया था और मुझे समय का ध्यान ही नही रहा गुस्से से मेरा खून खोल रहा था । पछतावा हो रहा था की जो भी हो रहा हे मेरे कारण हो रहा हे ।
तभी कादर भाई मां की चूत से लंद निकल कर मां की चूत के ऊपर अपना लौड़ा हिलाने लगता हे । मां सर उठा कर कादर भाई की हरकत को देखती हे । और मुझे लगा कादर भाई झाड़ जायेंगे । लेकिन नही उसने फिर अपना लौड़ा मां की चूत में घुसा दिया और मां सर उठा कर दात पिसती है।
कादर भाई फिर मां की टांगो को वैसे ही कंधे पर उठा के रखते हुए चोदता जाता हे । उसके दमदार धक्के मेरी मां की चूत में पर रहा था । मां अपना दोनो हाथ उठा कर कादर भाई धक्के को बर्दास्त करती रही । और कुची देर में कादर भाई मां की चूत से अपना लंद निकल लेता हे । और में हैरान होता हूं ये देख कर को मां की चूत से पिचकारी की तरह पानी निकल कर सीधा कादर भाई पेट पर निशाना मारती हे। मेरा दिमाग सकरा जाता हे की मां झाड़ गई । क्या सच में मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मां कादर भाई की दमदार चूदाई से झाड़ गई । मुझे लग रहा था की मां को बोहोत तकलीफ हो रही है वो बेबस और लाचार थी लेकिन मेरा विचार ही मां ने बदल दिया । कादर भाई फिर मां की चूत में लौड़ा घुसा कर मां के ऊपर अपना भव्य शरीर से और अपने मजबूत बाहों से मां को बाहों में भर कर चोदने लगा । मां सर पटक पटक मुंह भींच रही थी मानो उसे तकलीफ हो रही हे पर अगले ही पल अपनी जीव निकाल कर कादर भाई के मजबूत कंधे पर मुंह रगड़ने लगती है । कादर भाई भी मां गाल चाट कर मां की होठ चूसने लगा । मां दोनो हाथो से कादर भाई की चौड़ी पीठ पर सेहलाते हुए उसके कमर पर हाथ रख कर अपनी चूत की और दबाव देती । कादर भाई गांड उठा उठा के जोरो से धक्के मारने लगा । में और वाहा रुक नही पाया और में गुस्से में आसूं के सैलाव को काबू करते हुए जिम से निकल कर अपने घर की और बढ़ता हूं ।
हमारे लिए साय मंगवाया । और बोला " तो लाइए काकी मेरा पैसा "
मां जिझक झिझक के पैसे को बांदिल उसके टेबल पर रख कर बोली " बेटा माफ करना में 20 हजार ही ला पाई । बाकी के अगले दो महीने में चुका दूंगी पक्का । हमपे एहसान कर दो"
मुझे लगा की कादर भाई फिर भड़केंगे लेकिन कादर भाई प्यार बात की ", कोई बात नही काकी । ", और फिर मेरी तरफ देख के बोला " जिशू तू काल से जिम ज्वाइन करना फिर से । में तेरे को फ्री में जिम वर्कआउट करने दूंगा । क्या है कि में भी इंसान हूं तुम्हारी हालत पे दया आ गई । काकी से भी बत्तीमीज़ी की उसके लिए माफी भी मांगना हे। एक काम कर काल से नही आज से वर्कआउट कर जा "
मा और में एक दूसरे को हैरानी से देखने लगे । कादर भाई फिर बोला " अरे जाओ में मजाक नही कर रहा । "
मां भी मुझे आखों की इशारे करती हे जाने को और में कुर्सी से उठ कर ऑफिस से बाहर चला जाता हूं । और नीचे की फ्लोर पर वर्कआउट करने जाता हूं । वोहा मुझे पुराने दोस्त मिले जो हम साथ में वर्कआउट करते थे । तो में भी खुश था और उन दोस्तो के साथ जिम में वर्कआउट करने लगा ।
करीब आधे घंटे बाद वो साय वाला लड़का मेरे पास आ कर मेरे करीब आ कर कहता हे " भैया तुम यहां पसीना बहा रहे हो और वाहा तुम्हारी मां के ऊपर कादर भाई पसीना बहा रहा हे "
में कुछ समझ नही पता हूं और पूछा " क्या मतलब हे तेरा "
" अरे भैया कादर भाई तुम्हारे मां के ऊपर चढ़ गया है "
जिस तरह से उसने बात को समझाया में समझ गया और में तुरंत ही दौर कर वाहा से ऊपर की मंजिल पर चला जाता हूं । और जा कर सीधे ऑफिस की दरवाजा खोलने की कशिश करता हूं लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था । में क्या करू क्या ना करूं पागल सा हो गया । तभी मुझे दिखा और याद आया की ऑफिस के लेफ्ट साइड की दीवार सीसे के पर पर्दा लगा हुआ है।
फिर भी में लेफ्ट साइड की तरफ जाता हूं और कोना ढूंढने लगा कही कुछ दिख जाए । और किनारे से थोरी बेपर्दा दरार मिल जाता है मुझे और अपनी आंखो से झांकने लगा ।
अंदर का नजारा देख कर मेरा खून खोल उठा और में और सीसे की दीवार पर हाथ मारता हूं । मारने की आहत कादर भाई को सुनाई दी थी और उसने मेरी और देखा और कुछ पल रुक एक कमीनेपन की मुस्कान दी मुझे ।
ऑफिस के अंदर एक छोटा सा बिस्तर था । इस बिस्तर पर मां पीठ के बल लेटी थी नीचे से बिल्कुल नंगी थी । टांगे उसकी खुली थी । नीले रंग की ब्लाउज उसकी छाती से ऊपर थी उसकी गोलाई दोनो चूची नंगे थे। कादर भाई मां की टांगो के बीच झुक कर खड़े खड़े मगर मां की कलाई पकड़ कर मां की चूत पर धक्के लगा रहा था । मां आंखे भींच रही थी मुंह खोल के चित्कार कर रही थी ।
मुझे बोहोत गुस्सा आ रहा था पर में कुछ कर भी नही सकता था । मुझे याद आया की सीसी टीवी पर सब रिकॉर्ड हो रहा होगा और मैने कुछ किया तो कादर भाई मेरी मां को बदनाम कर देंगे । में गुस्से में तिलमियाता हुआ देखता रहा । कादर भाई धक्के मारते मारते अपना कमर दबा दबा के मां की चूत पर अपना लौड़ा घुसा रहा था और मां बेचारी उसके दबाव पर मुंह खोल के चित्कार कर रही थी । पर अंदर से मुझे कुछ सुनाई नहीं दे रहे थे । और फिर कादर भाई मां की दोनो टांगे अपने कंधे पर उठा कर धक्के मारने लगते हे ।
मां मुंह दाई तरफ कर के दात पिछ के चित्कार करती हे । कादर भाई की दमदार धक्के पे सर उठा उठा कर पटकती है। कादर भाई हट्टा कट्टा मसलमेन था और मेरी मां मासूम प्यारी सी ।
कादर भाई मां को अपनी मर्जी चलाते हुए चोदे जा रहा था । में देख पा रहा था की कादर भाई का लौड़ा काफी बड़ा था । मां को तकलीफ हो रही थी । ऑफिस के अंदर की आवाज बाहर आती तो सायेद मां की चिकतार भी में सुन पता ।
मुझे नही पता कादर भाई मां को कबसे चोद रहा हे और मुझे खड़े खड़े देखते हुए कारों 15 मिनिट हो गया था और मुझे समय का ध्यान ही नही रहा गुस्से से मेरा खून खोल रहा था । पछतावा हो रहा था की जो भी हो रहा हे मेरे कारण हो रहा हे ।
तभी कादर भाई मां की चूत से लंद निकल कर मां की चूत के ऊपर अपना लौड़ा हिलाने लगता हे । मां सर उठा कर कादर भाई की हरकत को देखती हे । और मुझे लगा कादर भाई झाड़ जायेंगे । लेकिन नही उसने फिर अपना लौड़ा मां की चूत में घुसा दिया और मां सर उठा कर दात पिसती है।
कादर भाई फिर मां की टांगो को वैसे ही कंधे पर उठा के रखते हुए चोदता जाता हे । उसके दमदार धक्के मेरी मां की चूत में पर रहा था । मां अपना दोनो हाथ उठा कर कादर भाई धक्के को बर्दास्त करती रही । और कुची देर में कादर भाई मां की चूत से अपना लंद निकल लेता हे । और में हैरान होता हूं ये देख कर को मां की चूत से पिचकारी की तरह पानी निकल कर सीधा कादर भाई पेट पर निशाना मारती हे। मेरा दिमाग सकरा जाता हे की मां झाड़ गई । क्या सच में मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मां कादर भाई की दमदार चूदाई से झाड़ गई । मुझे लग रहा था की मां को बोहोत तकलीफ हो रही है वो बेबस और लाचार थी लेकिन मेरा विचार ही मां ने बदल दिया । कादर भाई फिर मां की चूत में लौड़ा घुसा कर मां के ऊपर अपना भव्य शरीर से और अपने मजबूत बाहों से मां को बाहों में भर कर चोदने लगा । मां सर पटक पटक मुंह भींच रही थी मानो उसे तकलीफ हो रही हे पर अगले ही पल अपनी जीव निकाल कर कादर भाई के मजबूत कंधे पर मुंह रगड़ने लगती है । कादर भाई भी मां गाल चाट कर मां की होठ चूसने लगा । मां दोनो हाथो से कादर भाई की चौड़ी पीठ पर सेहलाते हुए उसके कमर पर हाथ रख कर अपनी चूत की और दबाव देती । कादर भाई गांड उठा उठा के जोरो से धक्के मारने लगा । में और वाहा रुक नही पाया और में गुस्से में आसूं के सैलाव को काबू करते हुए जिम से निकल कर अपने घर की और बढ़ता हूं ।