27-12-2022, 04:38 PM
सुबह की धूप तेज हो रही थी और आंख खुली । नींद से जागा आंखे मलते हुए उठा मुझे ऐसा लगा की में अपने घर के बिस्तर से उठा लेकिन सारों और देखा और पाया ये मेरा घर नही हे। रात की यादें ताजा हो गई वैशाली को अपने नजरो से ढूंढने लगा मगर उसे नही पाया अपने नजरो में । में उठा और अपने कपरे ढूंढने लगा मगर नही मिला । तभी चट्ट की चिड़ियों से वैशाली आई उसके हाथ में एक बैग था और वो अलग सारी में थी ।
वो मेरे पास चलती हुई आई और एक जोड़ी कपरे दे कर बोली " ये पहन लीजिए "
में उसके हाथ से कपरे ले कर पहनने लगा । पता था आज वो चुप नहीं रहेगी । वो मेरे शर्ट के बॉटम लगाती हुई बोली " एक आखरी सवाल आपसे । क्या आप दुबारा मेरे साथ रात की तरह हरकत करेंगे ?"
उसकी आखों में मैने झांका और में उसकी दिल की बात समझ गया । में समय ले कर बोला " कभी नही होगा । आज से में शराब छोड़ रहा हूं। मरते दम तक ये वादा निभाऊंगा "
वो बोली " अगर में आपको आज अभी के अभी छोड़ दूं तो "
उसकी बातों से मुझे दर लगना चाहिए पर मुझे दर नही लगा क्यू की में उसे अच्छे से जानता था और बोला ", तुम ऐसा नही कर पाओगि । तुम मुझे कभी छोड़ के नही जाओगी। मेरे बिना नही रह पाओगी "
वैशाली मुस्कुराई " हां सही कहा । पर कुछ तो आज से बदलेगा । आपने बदल दिया हमारे रिश्ते को । मुझे बदल दिया "
" क्या बदलना चाहती हो "
वैशाली मेरे छीने पर हाथ रख कर बोली " ओपेन मैरिज। कभी देर रात घर लौतू या कभी घर पर नही मिलूं तो आप मेरे से कोई सवाल नहीं करोगे । आप जान पाएंगे की में किसी के साथ सो के आई हूं मगर किसके साथ ये जानने की आप कशिश नही करेंगे । बस यही कुछ कायदे बदलेंगे बाकी जब में घर मिलूंगी आपसे आप अपनी बीवी ही पाओगे मुझे आपसे प्यार करूंगी आपका खयाल रखूंगी । "
में वैशाली की आखों में देखता रहा और बोला " अगर में किसी के साथ सोऊं तो ।"
" आपकी मर्जी । हमारा दिल हमेशा जुड़े रहेंगे पर जिस्म हम मन चाहे तरीके से जुड़ेंगे कौन किसकी जिस्म से जुड़े इसके बारे में ना आप ना में कोई सवाल उठाऊंगा "
" हम्मम । तो मेरी पेहेलवान खुद फैसला लेना सिख गई । ठीक हे बस इतना कहूंगा की जब भी तुम्हे लगे के की मेरी जरूरत की जरूरत हे तो बेशक बिना सोचे समझे मेरे पास आना । और खयाल रखना अपना बाहर सिर्फ भेड़िए ही मिलेंगे "
वैशाली मुस्कुराई " मेरी रुतबा आपकी वजह से है। इतना किसी की हिम्मत नही की बागिरा की बीवी का कोई शिकार करने की सोचे । शिकार तो अब में करूंगी "
" अच्छा । उम्मम्म ठीक हे वैसे आज कुछ ज्यादा ही हॉट लग रही हो । अगियां पिछिया ठीक हे "
वैशाली मुस्कुरा के बोली " मूतने बैठी तो नानी याद आई हगने बैठी तो नाना की याद आई । और हां इदरीश अब से मेरा कुत्ता बन के रहेगा । आपकी ऑर्डर अब उसपे नही चलेगी ।"
" ठीक हे । जैसी तुम्हारी मर्जी जहापना तुम हो अब तख्त पर तुम्हारा स्वागत । "
" हां हा हा । मुगलेआजम चले फिर बच्चे फोन कर रहे हे "
वैशाली को में घर ले के चलता हूं । घर पर बच्चे हमारा इंतजार कर रहे थे उनका रिपोर्ट कार्ड दिखाने के लिए दोनो बच्चे बेताब थे क्यू की रिजल्ट उम्दा था और अब दोनो बाहर पढ़ने जाना चाहते हे।
में अपने कमरे में बंद हो गया और शराब छोड़ कर चिगर की कश लेट हुए अपने अतीत पर खो गया।
समाप्त
वो मेरे पास चलती हुई आई और एक जोड़ी कपरे दे कर बोली " ये पहन लीजिए "
में उसके हाथ से कपरे ले कर पहनने लगा । पता था आज वो चुप नहीं रहेगी । वो मेरे शर्ट के बॉटम लगाती हुई बोली " एक आखरी सवाल आपसे । क्या आप दुबारा मेरे साथ रात की तरह हरकत करेंगे ?"
उसकी आखों में मैने झांका और में उसकी दिल की बात समझ गया । में समय ले कर बोला " कभी नही होगा । आज से में शराब छोड़ रहा हूं। मरते दम तक ये वादा निभाऊंगा "
वो बोली " अगर में आपको आज अभी के अभी छोड़ दूं तो "
उसकी बातों से मुझे दर लगना चाहिए पर मुझे दर नही लगा क्यू की में उसे अच्छे से जानता था और बोला ", तुम ऐसा नही कर पाओगि । तुम मुझे कभी छोड़ के नही जाओगी। मेरे बिना नही रह पाओगी "
वैशाली मुस्कुराई " हां सही कहा । पर कुछ तो आज से बदलेगा । आपने बदल दिया हमारे रिश्ते को । मुझे बदल दिया "
" क्या बदलना चाहती हो "
वैशाली मेरे छीने पर हाथ रख कर बोली " ओपेन मैरिज। कभी देर रात घर लौतू या कभी घर पर नही मिलूं तो आप मेरे से कोई सवाल नहीं करोगे । आप जान पाएंगे की में किसी के साथ सो के आई हूं मगर किसके साथ ये जानने की आप कशिश नही करेंगे । बस यही कुछ कायदे बदलेंगे बाकी जब में घर मिलूंगी आपसे आप अपनी बीवी ही पाओगे मुझे आपसे प्यार करूंगी आपका खयाल रखूंगी । "
में वैशाली की आखों में देखता रहा और बोला " अगर में किसी के साथ सोऊं तो ।"
" आपकी मर्जी । हमारा दिल हमेशा जुड़े रहेंगे पर जिस्म हम मन चाहे तरीके से जुड़ेंगे कौन किसकी जिस्म से जुड़े इसके बारे में ना आप ना में कोई सवाल उठाऊंगा "
" हम्मम । तो मेरी पेहेलवान खुद फैसला लेना सिख गई । ठीक हे बस इतना कहूंगा की जब भी तुम्हे लगे के की मेरी जरूरत की जरूरत हे तो बेशक बिना सोचे समझे मेरे पास आना । और खयाल रखना अपना बाहर सिर्फ भेड़िए ही मिलेंगे "
वैशाली मुस्कुराई " मेरी रुतबा आपकी वजह से है। इतना किसी की हिम्मत नही की बागिरा की बीवी का कोई शिकार करने की सोचे । शिकार तो अब में करूंगी "
" अच्छा । उम्मम्म ठीक हे वैसे आज कुछ ज्यादा ही हॉट लग रही हो । अगियां पिछिया ठीक हे "
वैशाली मुस्कुरा के बोली " मूतने बैठी तो नानी याद आई हगने बैठी तो नाना की याद आई । और हां इदरीश अब से मेरा कुत्ता बन के रहेगा । आपकी ऑर्डर अब उसपे नही चलेगी ।"
" ठीक हे । जैसी तुम्हारी मर्जी जहापना तुम हो अब तख्त पर तुम्हारा स्वागत । "
" हां हा हा । मुगलेआजम चले फिर बच्चे फोन कर रहे हे "
वैशाली को में घर ले के चलता हूं । घर पर बच्चे हमारा इंतजार कर रहे थे उनका रिपोर्ट कार्ड दिखाने के लिए दोनो बच्चे बेताब थे क्यू की रिजल्ट उम्दा था और अब दोनो बाहर पढ़ने जाना चाहते हे।
में अपने कमरे में बंद हो गया और शराब छोड़ कर चिगर की कश लेट हुए अपने अतीत पर खो गया।
समाप्त