26-12-2022, 04:39 PM
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रियाध, साउदी अरब
जिस समय मेरा हवाईजाहज अबुधाबी की धरती पर उतर रहा था उसी समय रियाध मे स्थित एक आलीशान कक्ष मे सात लोग बैठ कर किसी गहन मुद्दे पर चर्चा मे उलझे हुए थे। एक अलग सोफे पर हाल ही मे नियुक्त साउदी अरब की गद्दी का वारिस मोहम्मद सलमान बिन साउद बैठ कर उनकी बातें सुन रहा था। वह परेशान और थका सा लग रहा था। इस मीटिंग को चलते हुए पाँच घंटे से ज्यादा हो चुके थे लेकिन वह सात लोग किसी भी नतीजे तक नहीं पहुँच पा रहे थे। एकाएक वह गुस्से से बिफरते हुए बोला… बहुत हो गया। मैने आपकी बात सुन ली है और मै अब इस नतीजे पर पहुँचा हूँ कि आप सबका कार्यक्षेत्र अलग-अलग होगा लेकिन आप सभी मेरे द्वारा तय किए मक्सद को पूरा करेंगें। इसके लिए मै एक सिंडिकेट का गठन कर रहा हूँ। अगले कुछ दिनों मे मेरी सम्पति का कुछ भाग इसी सिंडिकेट के अकाऊन्ट मे जमा हो जाएगी। लगभग दो बिलियन पाउन्ड स्टर्लिंग इसके अकाउन्ट मे होगे जिसको आप जैसे मर्जी खर्च कर सकते है। अब से यह अल बश्र सिंडिकेट के नाम से जाना जाएगा। आपको मेरे मक्सद को पूरा करने के लिए काम करना है। सातों व्यक्ति उसका तमतमाया हुआ चेहरा देख रहे थे। कुछ देर के बाद एक व्यक्ति बड़े अदब से बोला… हाईनेस आपके मक्सद को कामयाब करने के लिए पहले हमे मध्य-पूर्वी एशिया से अमरीका को हटाना की युक्ति खोजनी होगी। जब तक अमरीका यहाँ बैठा हुआ है तब तक हम अपने मक्सद मे कामयाब नहीं हो सकते। साउदी प्रिंस मोहम्मद सलमान बिन साउद अपनी जगह से उठते हुए बोला… जो करना है वह करो लेकिन बस ख्याल रहे कि हमारे मक्सद को हर हाल मे पूरा होना है। उसके खड़े होते ही सभी खड़े हो गये थे। शायद यह उनके लिए मीटिंग समाप्त होने का एक इशारा था। एक-एक करके सभी साउदी प्रिंस का हाथ चूम कर कक्ष से बाहर निकल गये। आखिर मे जिसे संचालन का काम सौंपा गया था वह व्यक्ति जैसे ही विदा लेने के लिए आगे बढ़ा प्रिंस ने उसको रोकते हुए कहा… तुम पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी डाली है। याद रहे कि उसके लिए कुछ भी करना पड़े तो करो लेकिन हमारा मक्सद पूरा होना चाहिए। बस ख्याल रहे कि इसकी खबर किसी को भी नहीं होनी चाहिए।…हुजूर आप बेफिक्र रहे। उसने झुक कर साउदी प्रिंस का हाथ चूमा और कक्ष से बाहर निकल गया।
युएन शांति सेना के मध्य-पूर्वी एशिया के मुख्यालय पहुँच कर मै सीधे जनरल मोर्गन के आफिस मे हाजिरी लगाने के लिए पहुँच गया था। जनरल मोर्गन की सेक्रेटरी सूजन हैलीवाल ने मुस्कुरा कर मेरा स्वागत किया… हैलो मेजर, जनरल आपका इंतजार कर रहे है। …सूजी, अब से एक्स-मेजर। मै एक सिविलियन हूँ। इतना बोल कर मै कमाडिंग आफीसर के कमरे मे चला गया। सेना की आदत आसानी से नहीं जाती। इसलिए घुसते ही मेरा हाथ सैल्यूट मारने के लिए खुद-ब-खुद उठ गया था। जनरल मोर्गन ने मुस्कुरा कर सैल्युट का जवाब दिया और फिर अपने पुराने अंदाज मे बोले… विश्राम मेजर। यह आदत अपने समय से जाएगी। अब तुम मेरे स्टाफ आफीसर नही बल्कि मेरे सुरक्षा सलाहकार हो।
जनरल की मेज एक फुट्बाल फ़ील्ड लग रही थी। ओकवुड की गहरे कत्थई रंग की मेज पर दो फोन सजे हुए थे। उनकी मेज के एक किनारे पर कुछ कागज और फाइले करीने से रखी हुई थी। उनकी कुर्सी के पीछे दीवार पर कुछ तस्वीरे और उनके रेजीमेन्ट का झंडा लगा हुआ था। मै इस कमरे मे पहले भी बहुत बार आ चुका था इसीलिए मै वहां पर पड़ी हुई हर चीज से वाकिफ था। जनरल मोर्गन ने बज़र देकर सूजन को इन्टरकाम पर कहा… मेजर की फाईल ले कर आओ। कुछ ही देर मे फाइल अपने हाथ मे लिए सूजन ने कमरे मे प्रवेश किया। …सारे पेपर्स तैयार है? …सर, कल ही सारे पेपर्स तैयार कर दिये गये थे। मेजर को पेपर्स पर सिर्फ साइन करने है। उसने वह फाइल मेरे सामने रख दी और मैने जल्दी से हर पेपर पर साइन करने आरंभ कर दिये। यह सब मैने पहले भी किया था। यह एक औपचारिकता थी जिसे सभी को नौकरी आरंभ करने से पहले पूरी करनी पड़ती है।
औपचारिकता समाप्त होने के बाद जनरल मोर्गन ने कहा… मेजर तुम्हारा पहला काम है कि सबसे पहले अमीरात के सातों प्रान्तों मे सबसे संवेदनशील जगहों की निशानदेही करो। उन अराजकवादी गुटों के बारे मे पूरी जानकारी एकत्रित करो जो इन हिस्सों मे कार्यरत है और हमारी शांति सेना के लिए आगे चल कर खतरनाक सबित हो सकते है। इन गुटों मे अपना नेटवर्क तैयार करो जिससे समय रहते ही हमे उनके हमले की जानकारी हो सके। यह काम इतना आसान नहीं है लेकिन मुझे तुम पर पूरा विश्वास है कि तुम इस काम को जरूर पूरा कर सकोगे। मै चुपचाप उनकी बाते सुनता रहा। …सर, इसका सारा खर्च कौन उठाएगा? जनरल मोर्गन एक पल के लिए चुप हो गये और मेरी ओर ध्यान से देख कर बोले… मै जानता था कि तुम मुझसे पहला प्रश्न यही करोगे। एक पल रुक कर फिर से बोले… मेजर इस काम के लिए अमीरात की सरकार ने अलग से बजट दिया है। तुम्हें जो सुविधा चाहिए वह मिलेगी लेकिन ध्यान रहे कि अब तुम सेना मे नहीं हो। इसीलिए तुम अपने पास हथियार नहीं रख सकते। अपनी सुरक्षा के लिए तुम सिर्फ एक पिस्तौल रख सकते हो परन्तु तुम्हारा सुरक्षा स्टाफ शांति सेना से होगा तो वह अत्याधुनिक हथियारों से लैस होंगें। अब कब से काम शुरू करने की सोच रहे हो? …सर, मै तो अभी से ही अपना काम शुरू करना चाहता हूँ। …गुड लक मेजर। मैने जल्दी से उठ कर एक बार फिर से कड़क सैल्युट मारा और अपनी एड़ियों पर खड़े हुए घूमा और बाहर निकल गया।
सूजन अपने आफिस मे मेरा इंतजार कर रही थी। …मेजर आपको उसी कमरे मे बैठना है जहाँ आप पहले बैठते थे। मै आपकी सेक्रेटरी से आपको यहीं मिला देती हूँ। सूजन ने इन्टरकाम पर किसी से कहा… आज मेजर ने रिपोर्ट किया है। मेरे कमरे मे आईए। इतना बोल कर उसने लाइन काट कर कहा… मेजर, आपके रहने के लिए एक नये फ्लेट का इंतजाम कर दिया गया है। आपकी सुरक्षा टीम कुछ ही देर मे आपको रिपोर्ट करेगी। वह कुछ और बोलने जा रही थी कि किसी ने दरवाजे पर दस्तक दी। …कम इन। दरवाजा धीरे से खुला और एक युवती ने प्रवेश किया। वह पश्चिमी वेशभूषा मे थी लेकिन फिर भी देखने मे बेहद संजीदा लग रही थी। …यह अन्टोनियो क्लारा है। आप इसे टोनी बुला सकते है। यह मेजर अली है। …हैलो टोनी। मै एक्स-मेजर हूँ। मेरा नाम अली मोहम्मद जान्जुआ है। आप मुझे अली के नाम से बुला सकती है। …कल से इसने आपके आफिस का चार्ज संभाल लिया है। मेजर आपको जिस चीज की जरूरत हो इसे बता दिजीएगा। …सूजन अब मै चलता हूँ। …मेजर, आपके लिए जनरल की ओर से निर्देश है कि आप रोज शाम को छ: बजे उनको ब्रीफ करेंगें। …ओके ब्युटीफुल, क्या मै अपने आफिस मे अब लौट सकता हूँ। मेरी बात सुन कर सूजन के चेहरे पर एक मुस्कान तैर गयी और फिर उसने जनरल की नकल के अंदाज मे कहा… मेजर, अब आप जा सकते है। मै और टोनी अपने आफिस की ओर चल दिये।
…सर, आपकी सुरक्षा टीम कुछ ही देर मे आपको रिपोर्ट करेगी। वह आपका इंतजार कर रहे है। मै उन्हें खबर कर देती हूँ। मेरा कमरा यथावत जैसा छोड़ कर गया था उसी हालात मे था। टोनी ने चार्ज लेते ही उसकी सफाई करा दी थी। मेरी मेज बिल्कुल साफ रखी हुई थी। मेरी कुर्सी के पीछे संयुक्त अरब अमीरात का बड़ा सा नक्शा दीवार पर लगा हुआ था। आते से ही टोनी अपने काम मे लग गयी और मै कुर्सी घुमा कर दीवार पर लगे हुए नक्शे का जायज़ा लेने मे वयस्त हो गया। मेरी निगाहें उन संवेदनशील हिस्सों को ढूँढने मे लगी हुई थी जहाँ भी आज तक छुट-पुट घटना घटी थी। …टोनी यहाँ आओ। पल भर मे वह मेरे सामने खड़ी हुई थी। …टोनी, संयुक्त अरब अमीरात के कुछ नक्शे चाहिए। उसका प्रबन्ध करो। रेकार्ड रूम से मुझे पिछले दो साल के सेना के आप्रेशन्स की लिस्ट और उसकी विस्तृत जानकारी ला कर दो। टोनी जल्दी-जल्दी मेरे निर्देश एक कागज पर नोट करने मे लग गयी थी। …मुझे एक बड़े स्क्रीन और प्रोजेक्टर की भी आवश्यकता है। इसका फौरन स्टोर के पास इन्डेन्ट भेज दो। मै अभी निर्देश दे रहा था कि तभी किसी ने दरवाजे पर दस्तक दी। टोनी फौरन दरवाजा खोल कर बोली… अन्दर आ जाईए।
…सर, यह आपकी सुरक्षा के लिए रिपोर्ट कर रहे है। एक-एक करके शांति सेना की युनीफार्म मे पाँच लोग मेरे कमरे मे एक लाइन बना कर सावधान खड़े हो गये। एक महिला और चार पुरुष थे। महिला को छोड़ कर सभी छ: फुट से उपर थे और चौड़ाई मे रगबी टीम के खिलाड़ी के भाँति लग रहे थे। …विश्राम। मेरा नाम अली मोहम्मद ज़ान्जुआ है। आप मुझे अली के नाम से बुला सकते है। सेना के अन्दांज़ मे सबसे पहले महिला सावधान की मुद्रा मे आयी और एक कदम आगे बढ़ कर बोली… जुलिआ फौनतेन, कारपोरल, मोटर ट्रान्सपोर्ट विन्ग। फ्रेन्च लिजन, सर। वह एक कदम पीछे हटी और एक बार फिर लाईन मे विश्राम हो कर खड़ी हो गयी। उसके साथ खड़ा हुआ दैत्य सा दिखने वाले ने वही किया और बोला… हेनरी पिनोशे, सार्जेन्ट, फ्रेन्च लीजन।
…टिमोथी मारीसन, सैनिक, फ्रेन्च लीजन।
…सेमुअल नगोलो, सैनिक, फ्रेन्च लीजन।
… इब्राहीम किन्ग, सैनिक, फ्रेन्च लीजन।
एक बार फिर से सभी एक लाइन मे विश्राम की मुद्रा मे खड़े हो गये थे। एक महिला, दो अश्वेत और दो श्वेत। सभी फ्राँस की सेना से आये थे। भारतीय सेना के पद अनुसार मेरी सुरक्षा मे एक हवलदार, एक लाँस नायक और तीन सैनिक थे। …बैठ जाईए। सभी सामने पड़ी हुई कुर्सियों पर सावधानी से बैठ गये। मैने टोनी को इशारा किया कि वह भी बैठ जाए। …आप लोग यहाँ मेरी सुरक्षा के लिए नियुक्त किए गये है परन्तु अबसे आप मेरे स्टाफ के सदस्य है। इसी लिए हम एक दूसरे को अच्छी तरह से समझ ले और अपने काम से पूरी तरह परिचित हो जाए। सभी चुप हो कर पूरी तन्मयता से मेरी बात सुनने मे लग गये। उनके साथ मैने तीन घंटे बिताए और उन्हें उनके काम के बारे मे जानकारी दी। मै तो चाहता था कि वह सादे कपड़ो मे मेरे साथ काम करे लेकिन मुझे सेना के नियमों का पता था कि वह इसकी इजाजत नहीं देते थे लेकिन उनके नामों को छोटा करने मे सफल हो गया था। जूली, हेनरी, टिम, सैम, किन्ग और टोनी मेरी टीम के पूरी तरह सदस्य बन चुके थे। …कल से रोज सवेरे आप लोग मेरे साथ वाले कमरे मे बैठेंगें। आप अपने हथियार वगैराह अपने कमरे मे रखने का इंतजाम कर ले। जूली आप एक हैवी मशीनगन से लैस बख्तरबंद जीप का इन्डेन्ट मेरे नाम से मोटर ट्राँसपोर्ट युनिट को कर दिजिए। इतना कह कर मैने उन्हे वापिस भेज दिया और टोनी को इशारा किया कि वह साथ वाला कमरा साफ करा कर इन पाँचो के बैठने का इंतजाम कर दे। अगले एक घंटे टोनी मेरे बताए हुए सामान के इंतजाम करने मे लग गयी और मै सामने दीवार पर लगे हुए नक्शे को देखने मे वयस्त हो गया था।
मेरी जानकारी के अनुसार वह सारी जगह जहाँ हमारी छोटी से छोटी मुठभेड़ अराजक तत्वों से हुई थी उन जगहों की निशानदेही सामने लगे हुए नक्शे पर करने बैठ गया। संयुक्त अरब अमीरात सात प्रान्तों का समूह है जिसमे अबू धाबी, अजमान, दुबई, फुजाईराह, रस अल-खैमाय, शारजाह और उम्म अल-क्युवैइन मुख्य प्रान्त है। अबू धाबी उनमे सबसे बड़ा प्रान्त है जो लगभग अमीरात का 70 प्रतिशत हिस्सा है।। उत्तर मे फारस की खाड़ी है, दक्षिण मे उसकी सीमा साउदी अरब और ओमान से जुड़ी हुई है। पूर्व में दुबई और पश्चिम मे कतार है। इसी कारण अबू धाबी मे शाँति सेना का मुख्यालय बनाया गया था। दुबई के पूर्व मे शारजाह और फिर अजमान प्रान्त एक दूसरे से जुड़े हुए है। इन प्रान्तों के दक्षिण मे फुजाईराह प्रान्त है जिसकी सीमा ओमान से लगी हुई है। इन दोंनों प्रान्तों के साथ जुड़ा हुआ उम्म अल-क्युवैइन प्रान्त है। रस अल-खैमाय पूर्व मे सबसे आखिरी प्रान्त है। अबू धाबी को छोड़ कर बाकी सभी प्रांतों की समस्या प्रशासनिक सीमाओं से आरम्भ होती है और उसी पर समाप्त होती है। इन प्रान्तों के अमीरों ने एक दूसरे के हिस्से को जोर जबरदस्ती से अपने कब्जे मे लिए बैठे हुए है। फुजाईराह की प्रांतीय सरकार दो अलग-अलग हिस्सों पर काबिज है। प्रशासनिक दृष्टि से शारजाह तीन अलग-अलग हिस्सों मे बँटा हुआ है। इन सबके बीच मे अन्य दो अमीरों का शासन है जो सारी खींचतान का कारण है। मैने सातों प्रान्तों मे बनी हुई चौकियों का निरीक्षण किया था जिसकी वजह से मै वहाँ के चप्पे-चप्पे से वाकिफ था।
साउदी अरब के साथ जुड़ी हुई अबू धाबी की सीमा पर हमारी दस चौकियाँ थी। यहाँ की चौकियाँ सिर्फ तेल की रिफाईनरी और तेल के कुँओं की सुरक्षा के लिए बनायी गयी थी। परन्तु अल कैदा के कारण पूरी सीमा एक टाइम बम्ब के भाँति सुलग रही थी। इस प्रान्त का सबसे संवेदनशील इलाका साउदी और कतार की सीमा के नजदीक रेतीले इलाके मे था। यहाँ पिछले एक साल से मध्य-पूर्वी एशिया से पलायन किये हुए शरणार्थी अस सीला नाम की जगह से कुछ मील दूर आ कर बस गये थे। यहाँ कुर्द, इराक़ी, इरानी, यमनी, सीरीयाई और न जाने और कितने देशों के लोगों ने अपने-अपने कैंम्प रेगिस्तान मे बना डाले थे। अबू धाबी की सरकार चाहते हुए भी इनका कुछ नहीं कर पा रही थी। अन्तरराष्टीय मानव अधिकार संस्था इनके बचाव मे सरकार के खिलाफ उतरा हुआ था। वैसे तो वहाँ पर सभी बेहाल जीवन जी रहे थे लेकिन पता नहीं इनके पास अत्याधुनिक हथियार कौन पहुँचा रहा था। आये दिन यहाँ पर कोई नया फसाद होता रहता था। कभी दो गुटों मे किसी छोटी सी बात पर मारामारी हो जाती थी या फिर सरकार के खिलाफ नया मोर्चा खुल जाता था। यहाँ के रहने वालों के लिए अपना गुस्सा निकालने के लिए बस दो ही साधन थे। वह कभी तेल की पाइपलाईन को बम्ब से उड़ाने की कोशिश करते या फिर रिफाईनरी मे आगजनी करने की कोशिश करते थे। अबू धाबी की सबसे महत्वपूर्ण रिफाईनरी रुवाई मे स्थित थी। यह रिफाईनरी उन कैम्पों के नजदीक थी इसीलिए वहाँ स्थित शांति सेना की चौकियाँ हमेशा रेड अलर्ट पर रहा करती थी। कैंप मे अराजकता की घटनाओं के कारण अबू धाबी की सिक्युरिटी भी इन कैम्पों की ओर जाने मे झिझकने लगी थी।
लगभग आठ महीने पहले यहाँ पर आईसिस नाम की दुर्दांत संस्था ने अपने पाँव जमाने शुरू कर दिये थे। मोसुल से आये हुए इराकी लोगों के कैम्प मे मेरे सैनिकों ने एक सर्च आप्रेशन मे चार कुख्यात आतंकवदियों को सीआईए की निशानदेही पर पकड़ा था। लगभग ऐसा ही मुझे इरानी कैंप के बारे मे पता चला था। वहाँ पर ईरान फ्रीडम पार्टी के कार्यकर्ता अपने लोगों मे धीरे-धीरे पाँव जमाने मे लगे हुए थे। जब तक मै रहा था तब तक उन्होंने किसी बड़े काम को अंजाम नहीं दिया था। अभी तक सिर्फ सुनने मे आया था कि वह आईसिस के खिलाफ गतिविधियों मे जरूर लिप्त थे। सबसे ज्यादा हमला पाइपलाइन पर करने वालों मे सिर्फ अल कैदा-अमीरात के नाम से काफी प्रचिलित था। इस संस्था से जुड़े हुए लोग सभी कैंम्पों मे रह रहे थे। पूरे इलाके मे इस गुट के साथ हमारे सैनिकों की आये दिन मुठभेड़ हुआ करती थी। ऐसे ही दर्जनों छोटे-छोटे गुट भी पिछले कुछ महीनों मे इस इलाके मे सक्रिय हो गये थे। कुछ महीने पहले मेरा सामना पहली बार अल नुसरा फ़्रंट के आतंकियों के साथ हुआ था। यह बाद मे पता चला था कि वह इस इलाके का जायज़ा लेने के लिए सर्च पार्टी के तौर पर आये थे परन्तु शांति सेना की नजरों से नहीं बच पाये थे।
मेरे सामने पश्चिमी अमीरात का नक्शा रखा हुआ था। मै अपने ध्यान मे डूबा हुआ था कि जब टोनी ने आ कर मेरा ध्यान अपनी ओर आकर्शित करते हुए कहा… सर, कल तक सारे रिकार्ड्स और मुठ्भेड़ की जानकारी मिल जाएगी। बाकी सामान के लिए इन्डेन्ट कर दिया है। इतना बोल के वह चुप हो गयी। मैने उसकी ओर देखा तो वह कुछ बोलने से झिझक रही थी। …कुछ और कहना है? …सर, पाँच बज गये है। मैने जल्दी से अपनी कलाई पर बँधी हुई घड़ी पर नजर डाली तो शाम के पाँच बज रहे थे। …अरे समय का पता ही नहीं चला। टोनी तुम जा सकती हो। मै अभी कुछ देर यहाँ बैठ कर काम करूँगा। टोनी ने कुछ नहीं कहा और चुपचाप वापिस कमरे से बाहर निकल गयी। मै एक बार फिर से नक्शे पर निगाहें जमा कर बैठ गया। दूसरा संवेदनशील इलाका दक्षिण दिशा मे था। मेरी नजर अपनी चौकी को ढूँढने मे जुट गयी थी। ओमान और साउदी अरब के जोड़ और अमीरात की सीमा पर लीवा पानी के स्त्रोत और उल्म अज़-ज़ुमुल के बीच का क्षेत्र सेना के लिए बहुत बड़ा सिरदर्द था। यहाँ बनी हुई चौकी हमेशा बाहरी लोगों के निशाने पर बनी रहती थी। इस इलाके मे हिज्बोल्लाह और हमस नाम के आतंकी संस्थाओं का बोलबाला था। वैसे तो हिज्बोल्लाह मूल रूप से लेबानान का आतंकी संगठन था लेकिन इस रेगिस्तानी क्षेत्र मे उन्होंने अपने ट्रेनिंग कैम्प जगह-जगह लगा रखे थे। फीलीस्तीन के आतंकवादी संगठन हमस ने भी इस क्षेत्र मे अपना दबदबा बना रखा था। अन्य जगहों पर आतंकी वारदात करके साउदी सीमा पार करके अमीरात मे घुस जाते थे। अमीरात के किसी भी प्रान्त मे वारदात करके ओमान का रुख कर लेते थे। इन्टेलीजेन्स को शक था कि अमीरात के गुटों को यही दोनो गुट हथियार पहुँचा रहे थे। तीन देशों की सीमा के कारण सबके उपर नजर रखना इतना आसान भी नहीं था।
रियाध, साउदी अरब
जिस समय मेरा हवाईजाहज अबुधाबी की धरती पर उतर रहा था उसी समय रियाध मे स्थित एक आलीशान कक्ष मे सात लोग बैठ कर किसी गहन मुद्दे पर चर्चा मे उलझे हुए थे। एक अलग सोफे पर हाल ही मे नियुक्त साउदी अरब की गद्दी का वारिस मोहम्मद सलमान बिन साउद बैठ कर उनकी बातें सुन रहा था। वह परेशान और थका सा लग रहा था। इस मीटिंग को चलते हुए पाँच घंटे से ज्यादा हो चुके थे लेकिन वह सात लोग किसी भी नतीजे तक नहीं पहुँच पा रहे थे। एकाएक वह गुस्से से बिफरते हुए बोला… बहुत हो गया। मैने आपकी बात सुन ली है और मै अब इस नतीजे पर पहुँचा हूँ कि आप सबका कार्यक्षेत्र अलग-अलग होगा लेकिन आप सभी मेरे द्वारा तय किए मक्सद को पूरा करेंगें। इसके लिए मै एक सिंडिकेट का गठन कर रहा हूँ। अगले कुछ दिनों मे मेरी सम्पति का कुछ भाग इसी सिंडिकेट के अकाऊन्ट मे जमा हो जाएगी। लगभग दो बिलियन पाउन्ड स्टर्लिंग इसके अकाउन्ट मे होगे जिसको आप जैसे मर्जी खर्च कर सकते है। अब से यह अल बश्र सिंडिकेट के नाम से जाना जाएगा। आपको मेरे मक्सद को पूरा करने के लिए काम करना है। सातों व्यक्ति उसका तमतमाया हुआ चेहरा देख रहे थे। कुछ देर के बाद एक व्यक्ति बड़े अदब से बोला… हाईनेस आपके मक्सद को कामयाब करने के लिए पहले हमे मध्य-पूर्वी एशिया से अमरीका को हटाना की युक्ति खोजनी होगी। जब तक अमरीका यहाँ बैठा हुआ है तब तक हम अपने मक्सद मे कामयाब नहीं हो सकते। साउदी प्रिंस मोहम्मद सलमान बिन साउद अपनी जगह से उठते हुए बोला… जो करना है वह करो लेकिन बस ख्याल रहे कि हमारे मक्सद को हर हाल मे पूरा होना है। उसके खड़े होते ही सभी खड़े हो गये थे। शायद यह उनके लिए मीटिंग समाप्त होने का एक इशारा था। एक-एक करके सभी साउदी प्रिंस का हाथ चूम कर कक्ष से बाहर निकल गये। आखिर मे जिसे संचालन का काम सौंपा गया था वह व्यक्ति जैसे ही विदा लेने के लिए आगे बढ़ा प्रिंस ने उसको रोकते हुए कहा… तुम पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी डाली है। याद रहे कि उसके लिए कुछ भी करना पड़े तो करो लेकिन हमारा मक्सद पूरा होना चाहिए। बस ख्याल रहे कि इसकी खबर किसी को भी नहीं होनी चाहिए।…हुजूर आप बेफिक्र रहे। उसने झुक कर साउदी प्रिंस का हाथ चूमा और कक्ष से बाहर निकल गया।
युएन शांति सेना के मध्य-पूर्वी एशिया के मुख्यालय पहुँच कर मै सीधे जनरल मोर्गन के आफिस मे हाजिरी लगाने के लिए पहुँच गया था। जनरल मोर्गन की सेक्रेटरी सूजन हैलीवाल ने मुस्कुरा कर मेरा स्वागत किया… हैलो मेजर, जनरल आपका इंतजार कर रहे है। …सूजी, अब से एक्स-मेजर। मै एक सिविलियन हूँ। इतना बोल कर मै कमाडिंग आफीसर के कमरे मे चला गया। सेना की आदत आसानी से नहीं जाती। इसलिए घुसते ही मेरा हाथ सैल्यूट मारने के लिए खुद-ब-खुद उठ गया था। जनरल मोर्गन ने मुस्कुरा कर सैल्युट का जवाब दिया और फिर अपने पुराने अंदाज मे बोले… विश्राम मेजर। यह आदत अपने समय से जाएगी। अब तुम मेरे स्टाफ आफीसर नही बल्कि मेरे सुरक्षा सलाहकार हो।
जनरल की मेज एक फुट्बाल फ़ील्ड लग रही थी। ओकवुड की गहरे कत्थई रंग की मेज पर दो फोन सजे हुए थे। उनकी मेज के एक किनारे पर कुछ कागज और फाइले करीने से रखी हुई थी। उनकी कुर्सी के पीछे दीवार पर कुछ तस्वीरे और उनके रेजीमेन्ट का झंडा लगा हुआ था। मै इस कमरे मे पहले भी बहुत बार आ चुका था इसीलिए मै वहां पर पड़ी हुई हर चीज से वाकिफ था। जनरल मोर्गन ने बज़र देकर सूजन को इन्टरकाम पर कहा… मेजर की फाईल ले कर आओ। कुछ ही देर मे फाइल अपने हाथ मे लिए सूजन ने कमरे मे प्रवेश किया। …सारे पेपर्स तैयार है? …सर, कल ही सारे पेपर्स तैयार कर दिये गये थे। मेजर को पेपर्स पर सिर्फ साइन करने है। उसने वह फाइल मेरे सामने रख दी और मैने जल्दी से हर पेपर पर साइन करने आरंभ कर दिये। यह सब मैने पहले भी किया था। यह एक औपचारिकता थी जिसे सभी को नौकरी आरंभ करने से पहले पूरी करनी पड़ती है।
औपचारिकता समाप्त होने के बाद जनरल मोर्गन ने कहा… मेजर तुम्हारा पहला काम है कि सबसे पहले अमीरात के सातों प्रान्तों मे सबसे संवेदनशील जगहों की निशानदेही करो। उन अराजकवादी गुटों के बारे मे पूरी जानकारी एकत्रित करो जो इन हिस्सों मे कार्यरत है और हमारी शांति सेना के लिए आगे चल कर खतरनाक सबित हो सकते है। इन गुटों मे अपना नेटवर्क तैयार करो जिससे समय रहते ही हमे उनके हमले की जानकारी हो सके। यह काम इतना आसान नहीं है लेकिन मुझे तुम पर पूरा विश्वास है कि तुम इस काम को जरूर पूरा कर सकोगे। मै चुपचाप उनकी बाते सुनता रहा। …सर, इसका सारा खर्च कौन उठाएगा? जनरल मोर्गन एक पल के लिए चुप हो गये और मेरी ओर ध्यान से देख कर बोले… मै जानता था कि तुम मुझसे पहला प्रश्न यही करोगे। एक पल रुक कर फिर से बोले… मेजर इस काम के लिए अमीरात की सरकार ने अलग से बजट दिया है। तुम्हें जो सुविधा चाहिए वह मिलेगी लेकिन ध्यान रहे कि अब तुम सेना मे नहीं हो। इसीलिए तुम अपने पास हथियार नहीं रख सकते। अपनी सुरक्षा के लिए तुम सिर्फ एक पिस्तौल रख सकते हो परन्तु तुम्हारा सुरक्षा स्टाफ शांति सेना से होगा तो वह अत्याधुनिक हथियारों से लैस होंगें। अब कब से काम शुरू करने की सोच रहे हो? …सर, मै तो अभी से ही अपना काम शुरू करना चाहता हूँ। …गुड लक मेजर। मैने जल्दी से उठ कर एक बार फिर से कड़क सैल्युट मारा और अपनी एड़ियों पर खड़े हुए घूमा और बाहर निकल गया।
सूजन अपने आफिस मे मेरा इंतजार कर रही थी। …मेजर आपको उसी कमरे मे बैठना है जहाँ आप पहले बैठते थे। मै आपकी सेक्रेटरी से आपको यहीं मिला देती हूँ। सूजन ने इन्टरकाम पर किसी से कहा… आज मेजर ने रिपोर्ट किया है। मेरे कमरे मे आईए। इतना बोल कर उसने लाइन काट कर कहा… मेजर, आपके रहने के लिए एक नये फ्लेट का इंतजाम कर दिया गया है। आपकी सुरक्षा टीम कुछ ही देर मे आपको रिपोर्ट करेगी। वह कुछ और बोलने जा रही थी कि किसी ने दरवाजे पर दस्तक दी। …कम इन। दरवाजा धीरे से खुला और एक युवती ने प्रवेश किया। वह पश्चिमी वेशभूषा मे थी लेकिन फिर भी देखने मे बेहद संजीदा लग रही थी। …यह अन्टोनियो क्लारा है। आप इसे टोनी बुला सकते है। यह मेजर अली है। …हैलो टोनी। मै एक्स-मेजर हूँ। मेरा नाम अली मोहम्मद जान्जुआ है। आप मुझे अली के नाम से बुला सकती है। …कल से इसने आपके आफिस का चार्ज संभाल लिया है। मेजर आपको जिस चीज की जरूरत हो इसे बता दिजीएगा। …सूजन अब मै चलता हूँ। …मेजर, आपके लिए जनरल की ओर से निर्देश है कि आप रोज शाम को छ: बजे उनको ब्रीफ करेंगें। …ओके ब्युटीफुल, क्या मै अपने आफिस मे अब लौट सकता हूँ। मेरी बात सुन कर सूजन के चेहरे पर एक मुस्कान तैर गयी और फिर उसने जनरल की नकल के अंदाज मे कहा… मेजर, अब आप जा सकते है। मै और टोनी अपने आफिस की ओर चल दिये।
…सर, आपकी सुरक्षा टीम कुछ ही देर मे आपको रिपोर्ट करेगी। वह आपका इंतजार कर रहे है। मै उन्हें खबर कर देती हूँ। मेरा कमरा यथावत जैसा छोड़ कर गया था उसी हालात मे था। टोनी ने चार्ज लेते ही उसकी सफाई करा दी थी। मेरी मेज बिल्कुल साफ रखी हुई थी। मेरी कुर्सी के पीछे संयुक्त अरब अमीरात का बड़ा सा नक्शा दीवार पर लगा हुआ था। आते से ही टोनी अपने काम मे लग गयी और मै कुर्सी घुमा कर दीवार पर लगे हुए नक्शे का जायज़ा लेने मे वयस्त हो गया। मेरी निगाहें उन संवेदनशील हिस्सों को ढूँढने मे लगी हुई थी जहाँ भी आज तक छुट-पुट घटना घटी थी। …टोनी यहाँ आओ। पल भर मे वह मेरे सामने खड़ी हुई थी। …टोनी, संयुक्त अरब अमीरात के कुछ नक्शे चाहिए। उसका प्रबन्ध करो। रेकार्ड रूम से मुझे पिछले दो साल के सेना के आप्रेशन्स की लिस्ट और उसकी विस्तृत जानकारी ला कर दो। टोनी जल्दी-जल्दी मेरे निर्देश एक कागज पर नोट करने मे लग गयी थी। …मुझे एक बड़े स्क्रीन और प्रोजेक्टर की भी आवश्यकता है। इसका फौरन स्टोर के पास इन्डेन्ट भेज दो। मै अभी निर्देश दे रहा था कि तभी किसी ने दरवाजे पर दस्तक दी। टोनी फौरन दरवाजा खोल कर बोली… अन्दर आ जाईए।
…सर, यह आपकी सुरक्षा के लिए रिपोर्ट कर रहे है। एक-एक करके शांति सेना की युनीफार्म मे पाँच लोग मेरे कमरे मे एक लाइन बना कर सावधान खड़े हो गये। एक महिला और चार पुरुष थे। महिला को छोड़ कर सभी छ: फुट से उपर थे और चौड़ाई मे रगबी टीम के खिलाड़ी के भाँति लग रहे थे। …विश्राम। मेरा नाम अली मोहम्मद ज़ान्जुआ है। आप मुझे अली के नाम से बुला सकते है। सेना के अन्दांज़ मे सबसे पहले महिला सावधान की मुद्रा मे आयी और एक कदम आगे बढ़ कर बोली… जुलिआ फौनतेन, कारपोरल, मोटर ट्रान्सपोर्ट विन्ग। फ्रेन्च लिजन, सर। वह एक कदम पीछे हटी और एक बार फिर लाईन मे विश्राम हो कर खड़ी हो गयी। उसके साथ खड़ा हुआ दैत्य सा दिखने वाले ने वही किया और बोला… हेनरी पिनोशे, सार्जेन्ट, फ्रेन्च लीजन।
…टिमोथी मारीसन, सैनिक, फ्रेन्च लीजन।
…सेमुअल नगोलो, सैनिक, फ्रेन्च लीजन।
… इब्राहीम किन्ग, सैनिक, फ्रेन्च लीजन।
एक बार फिर से सभी एक लाइन मे विश्राम की मुद्रा मे खड़े हो गये थे। एक महिला, दो अश्वेत और दो श्वेत। सभी फ्राँस की सेना से आये थे। भारतीय सेना के पद अनुसार मेरी सुरक्षा मे एक हवलदार, एक लाँस नायक और तीन सैनिक थे। …बैठ जाईए। सभी सामने पड़ी हुई कुर्सियों पर सावधानी से बैठ गये। मैने टोनी को इशारा किया कि वह भी बैठ जाए। …आप लोग यहाँ मेरी सुरक्षा के लिए नियुक्त किए गये है परन्तु अबसे आप मेरे स्टाफ के सदस्य है। इसी लिए हम एक दूसरे को अच्छी तरह से समझ ले और अपने काम से पूरी तरह परिचित हो जाए। सभी चुप हो कर पूरी तन्मयता से मेरी बात सुनने मे लग गये। उनके साथ मैने तीन घंटे बिताए और उन्हें उनके काम के बारे मे जानकारी दी। मै तो चाहता था कि वह सादे कपड़ो मे मेरे साथ काम करे लेकिन मुझे सेना के नियमों का पता था कि वह इसकी इजाजत नहीं देते थे लेकिन उनके नामों को छोटा करने मे सफल हो गया था। जूली, हेनरी, टिम, सैम, किन्ग और टोनी मेरी टीम के पूरी तरह सदस्य बन चुके थे। …कल से रोज सवेरे आप लोग मेरे साथ वाले कमरे मे बैठेंगें। आप अपने हथियार वगैराह अपने कमरे मे रखने का इंतजाम कर ले। जूली आप एक हैवी मशीनगन से लैस बख्तरबंद जीप का इन्डेन्ट मेरे नाम से मोटर ट्राँसपोर्ट युनिट को कर दिजिए। इतना कह कर मैने उन्हे वापिस भेज दिया और टोनी को इशारा किया कि वह साथ वाला कमरा साफ करा कर इन पाँचो के बैठने का इंतजाम कर दे। अगले एक घंटे टोनी मेरे बताए हुए सामान के इंतजाम करने मे लग गयी और मै सामने दीवार पर लगे हुए नक्शे को देखने मे वयस्त हो गया था।
मेरी जानकारी के अनुसार वह सारी जगह जहाँ हमारी छोटी से छोटी मुठभेड़ अराजक तत्वों से हुई थी उन जगहों की निशानदेही सामने लगे हुए नक्शे पर करने बैठ गया। संयुक्त अरब अमीरात सात प्रान्तों का समूह है जिसमे अबू धाबी, अजमान, दुबई, फुजाईराह, रस अल-खैमाय, शारजाह और उम्म अल-क्युवैइन मुख्य प्रान्त है। अबू धाबी उनमे सबसे बड़ा प्रान्त है जो लगभग अमीरात का 70 प्रतिशत हिस्सा है।। उत्तर मे फारस की खाड़ी है, दक्षिण मे उसकी सीमा साउदी अरब और ओमान से जुड़ी हुई है। पूर्व में दुबई और पश्चिम मे कतार है। इसी कारण अबू धाबी मे शाँति सेना का मुख्यालय बनाया गया था। दुबई के पूर्व मे शारजाह और फिर अजमान प्रान्त एक दूसरे से जुड़े हुए है। इन प्रान्तों के दक्षिण मे फुजाईराह प्रान्त है जिसकी सीमा ओमान से लगी हुई है। इन दोंनों प्रान्तों के साथ जुड़ा हुआ उम्म अल-क्युवैइन प्रान्त है। रस अल-खैमाय पूर्व मे सबसे आखिरी प्रान्त है। अबू धाबी को छोड़ कर बाकी सभी प्रांतों की समस्या प्रशासनिक सीमाओं से आरम्भ होती है और उसी पर समाप्त होती है। इन प्रान्तों के अमीरों ने एक दूसरे के हिस्से को जोर जबरदस्ती से अपने कब्जे मे लिए बैठे हुए है। फुजाईराह की प्रांतीय सरकार दो अलग-अलग हिस्सों पर काबिज है। प्रशासनिक दृष्टि से शारजाह तीन अलग-अलग हिस्सों मे बँटा हुआ है। इन सबके बीच मे अन्य दो अमीरों का शासन है जो सारी खींचतान का कारण है। मैने सातों प्रान्तों मे बनी हुई चौकियों का निरीक्षण किया था जिसकी वजह से मै वहाँ के चप्पे-चप्पे से वाकिफ था।
साउदी अरब के साथ जुड़ी हुई अबू धाबी की सीमा पर हमारी दस चौकियाँ थी। यहाँ की चौकियाँ सिर्फ तेल की रिफाईनरी और तेल के कुँओं की सुरक्षा के लिए बनायी गयी थी। परन्तु अल कैदा के कारण पूरी सीमा एक टाइम बम्ब के भाँति सुलग रही थी। इस प्रान्त का सबसे संवेदनशील इलाका साउदी और कतार की सीमा के नजदीक रेतीले इलाके मे था। यहाँ पिछले एक साल से मध्य-पूर्वी एशिया से पलायन किये हुए शरणार्थी अस सीला नाम की जगह से कुछ मील दूर आ कर बस गये थे। यहाँ कुर्द, इराक़ी, इरानी, यमनी, सीरीयाई और न जाने और कितने देशों के लोगों ने अपने-अपने कैंम्प रेगिस्तान मे बना डाले थे। अबू धाबी की सरकार चाहते हुए भी इनका कुछ नहीं कर पा रही थी। अन्तरराष्टीय मानव अधिकार संस्था इनके बचाव मे सरकार के खिलाफ उतरा हुआ था। वैसे तो वहाँ पर सभी बेहाल जीवन जी रहे थे लेकिन पता नहीं इनके पास अत्याधुनिक हथियार कौन पहुँचा रहा था। आये दिन यहाँ पर कोई नया फसाद होता रहता था। कभी दो गुटों मे किसी छोटी सी बात पर मारामारी हो जाती थी या फिर सरकार के खिलाफ नया मोर्चा खुल जाता था। यहाँ के रहने वालों के लिए अपना गुस्सा निकालने के लिए बस दो ही साधन थे। वह कभी तेल की पाइपलाईन को बम्ब से उड़ाने की कोशिश करते या फिर रिफाईनरी मे आगजनी करने की कोशिश करते थे। अबू धाबी की सबसे महत्वपूर्ण रिफाईनरी रुवाई मे स्थित थी। यह रिफाईनरी उन कैम्पों के नजदीक थी इसीलिए वहाँ स्थित शांति सेना की चौकियाँ हमेशा रेड अलर्ट पर रहा करती थी। कैंप मे अराजकता की घटनाओं के कारण अबू धाबी की सिक्युरिटी भी इन कैम्पों की ओर जाने मे झिझकने लगी थी।
लगभग आठ महीने पहले यहाँ पर आईसिस नाम की दुर्दांत संस्था ने अपने पाँव जमाने शुरू कर दिये थे। मोसुल से आये हुए इराकी लोगों के कैम्प मे मेरे सैनिकों ने एक सर्च आप्रेशन मे चार कुख्यात आतंकवदियों को सीआईए की निशानदेही पर पकड़ा था। लगभग ऐसा ही मुझे इरानी कैंप के बारे मे पता चला था। वहाँ पर ईरान फ्रीडम पार्टी के कार्यकर्ता अपने लोगों मे धीरे-धीरे पाँव जमाने मे लगे हुए थे। जब तक मै रहा था तब तक उन्होंने किसी बड़े काम को अंजाम नहीं दिया था। अभी तक सिर्फ सुनने मे आया था कि वह आईसिस के खिलाफ गतिविधियों मे जरूर लिप्त थे। सबसे ज्यादा हमला पाइपलाइन पर करने वालों मे सिर्फ अल कैदा-अमीरात के नाम से काफी प्रचिलित था। इस संस्था से जुड़े हुए लोग सभी कैंम्पों मे रह रहे थे। पूरे इलाके मे इस गुट के साथ हमारे सैनिकों की आये दिन मुठभेड़ हुआ करती थी। ऐसे ही दर्जनों छोटे-छोटे गुट भी पिछले कुछ महीनों मे इस इलाके मे सक्रिय हो गये थे। कुछ महीने पहले मेरा सामना पहली बार अल नुसरा फ़्रंट के आतंकियों के साथ हुआ था। यह बाद मे पता चला था कि वह इस इलाके का जायज़ा लेने के लिए सर्च पार्टी के तौर पर आये थे परन्तु शांति सेना की नजरों से नहीं बच पाये थे।
मेरे सामने पश्चिमी अमीरात का नक्शा रखा हुआ था। मै अपने ध्यान मे डूबा हुआ था कि जब टोनी ने आ कर मेरा ध्यान अपनी ओर आकर्शित करते हुए कहा… सर, कल तक सारे रिकार्ड्स और मुठ्भेड़ की जानकारी मिल जाएगी। बाकी सामान के लिए इन्डेन्ट कर दिया है। इतना बोल के वह चुप हो गयी। मैने उसकी ओर देखा तो वह कुछ बोलने से झिझक रही थी। …कुछ और कहना है? …सर, पाँच बज गये है। मैने जल्दी से अपनी कलाई पर बँधी हुई घड़ी पर नजर डाली तो शाम के पाँच बज रहे थे। …अरे समय का पता ही नहीं चला। टोनी तुम जा सकती हो। मै अभी कुछ देर यहाँ बैठ कर काम करूँगा। टोनी ने कुछ नहीं कहा और चुपचाप वापिस कमरे से बाहर निकल गयी। मै एक बार फिर से नक्शे पर निगाहें जमा कर बैठ गया। दूसरा संवेदनशील इलाका दक्षिण दिशा मे था। मेरी नजर अपनी चौकी को ढूँढने मे जुट गयी थी। ओमान और साउदी अरब के जोड़ और अमीरात की सीमा पर लीवा पानी के स्त्रोत और उल्म अज़-ज़ुमुल के बीच का क्षेत्र सेना के लिए बहुत बड़ा सिरदर्द था। यहाँ बनी हुई चौकी हमेशा बाहरी लोगों के निशाने पर बनी रहती थी। इस इलाके मे हिज्बोल्लाह और हमस नाम के आतंकी संस्थाओं का बोलबाला था। वैसे तो हिज्बोल्लाह मूल रूप से लेबानान का आतंकी संगठन था लेकिन इस रेगिस्तानी क्षेत्र मे उन्होंने अपने ट्रेनिंग कैम्प जगह-जगह लगा रखे थे। फीलीस्तीन के आतंकवादी संगठन हमस ने भी इस क्षेत्र मे अपना दबदबा बना रखा था। अन्य जगहों पर आतंकी वारदात करके साउदी सीमा पार करके अमीरात मे घुस जाते थे। अमीरात के किसी भी प्रान्त मे वारदात करके ओमान का रुख कर लेते थे। इन्टेलीजेन्स को शक था कि अमीरात के गुटों को यही दोनो गुट हथियार पहुँचा रहे थे। तीन देशों की सीमा के कारण सबके उपर नजर रखना इतना आसान भी नहीं था।