26-12-2022, 04:05 PM
सपने ख्वाइश आसार होने की झलकिया दिखाई दे रहे थे। घर संसार के अलावा अपनी व्यक्तिगत निजी जिंदगी की चाहत वो मन वो इस्सा पूरी करने के लिए अब अपनी हदें पार कर रहा था । कितना खतरनाक हो सकता है अगर कोई तीसरा घर की मुर्गी खाय। क्या ये खयाल मेरे अंदर नही आ रही थी और क्या में नजर अंदाज कर रहा था । मगर मेरी वैशाली की चेहरे पर वो काम आनंद जब वो उत्तेजित होती थी तब वो देख कर मुझे जो सकून मिलता था ।
एक दिन में वैशाली से बोला " वैशू मेरी जान अब तो मान जाओ "
वैशाली थोड़ी गुस्सा दिखा के जवाब देती हे " फिर से आप उसी खजूर की पेड़ पे चढ़ने की कशिश कर रहे हे । कह देती हूं अगर इस बार आपने मुझे भटकाया और आपकी बहकाने से में अगर बहक गई तो बुरा होगा जो मर्जी करूंगी और आप कुछ नही कर पाएंगे "
" अरे मेरी वैशू । तुम समझती क्यू नही बस सिर्फ उस समय के लिए ही किसी और का सहारा लेना हे । बाकी जिंदगी तो जैसे चल रहा है वैसे ही चलेगा ना "
वैशाली कमर पर हाथ रख कर कहती हे " एक बात बताओ आप । ठीक हे एक बार के लिए में मान लिया आपकी बात । तो क्या उस समय के लिए आप मुझपे किसी को भी मेरे ऊपर चढ़ा देंगे । में क्या कोई कोठी की व्यश्या हूं जो हर किसी के साथ कंफर्टेबल हो जाऊं। अरे उस शख्स को में जानना चाहूंगा उससे दोस्ती कर उससे मिलके उसके पहले कंफर्टेबल होना पड़ेगा ना फिर अगर मुझे छुएगा तभी तो में कर पाऊंगी । मुझमें क्या स्वुईच लगा हे दबा दिया तो में ऑन हो गई । जिसके साथ एक बार दोस्ती हुई थी उसके साठ तो आपने मिलना ही बंद करवा दिया "
में गहरी सांस ले कर बोला " ओह तो तुम्हे एक्सी चाहिए "
" नही। कुछ ज्यादा ही पीछे पड़ गया था में भी उसे छोड़ना ही चाहती थी । अच्छा हुआ आप उसका नाम मत लो । और ये सब छोड़ दो आप । आइए खाना खा लीजिए "
" वैशू इदरीश को भी तो तुम अच्छे से जानती ही हो । क्या बुराई हे उसमे काला हे तो उसकी त्वचा गंदा हे ऐसा नही हे। "
" आप ना । चलो जाने दो आपको समझा के फायदा । खाना खाओ आप " वैशाली मेरी थाली में खाना पड़ोचने लगी ।
में मुस्कुराता हुआ मजाक में बोला " देखना एक उसकी 10 इंच लन्ड से तेरी बूर चुदवाऊंगा। "
वैशाली हस पड़ती हे " जुबान तो देखो आपकी । अपनी बीवी के बारे में ऐसी बाते करते हो "
तो ऐसे ही हमारा चोटी मोती जगरा चलता ही रहता था । उधर साला इदरीश भी वैशाली की खयाल अपने दिमाग से निकाल नही पा रहा था एक दिन मेरे मिल के कहता हे " है बॉस कुछ करिए । भाभीजी को माना लीजिए एक बार ",
वैसे तो में भी उसका खयाल भूल चुका था जब वैशाली को वो पसंद ही नही तो क्यू उसके बारे में सोचना । लेकिन जब इदरीश फिर एक बार मेरे पास आया तो मैंने भी फिर से सोचने लगा लेकिन कैसे ।
और सोचा कि ऐसे तो वैशाली कभी नही मानेगा तो में इदरीश से बोला की ", वोही पुराना तरकीब आजमाते हे"
तो इदरीश बोला " बगीरा ऐसे जबरदस्ती करना अच्छा नही लगता हे "
", तो इदरीश तू ही बता क्या किया जाए "
उसके चेहरे पर देख कर जाना की उसके पास भी कोई उपाय नहीं है। तो में बोला " काल संडे हे में वैशाली को किसी होटल में ले जाऊंगा तुम्हे एड्रेस और टाइम मैसेज कर दूंगा "
में घर जाता हूं और सारा प्लान बनाता हूं । अगले दिन शाम को में वैशाली से कहता हूं " वैशू आज हम होटल में रुकेंगे । पार्टी करेंगे "
" ठीक हे में बच्चो को तैयार होने कहती हूं "
" नही सिर्फ तुम और में । जाओ तैयार हो जाओ "
" ऐसे बच्चो को अकेला छोड़ के कोन पार्टी करने जाता हे "
" अरे वो छोटे थोरी हे। एक दिन रह लगा । जाओ तैयार हो जाओ "
वैशाली भी तैयार होने जाती हे में पहले से ही तैयार था और गाड़ी पर बैठ कर इंतजार कर रहा था । कुची देर में वैशाली पार्टी ड्रेस चमकीली भड़कीली पारदर्शी सारी ब्लाउज पहन के आई ।
हम होटल की तरफ बड़े और कुची देर में होटल पोहोच गए । होटल की पूरी चट्ट मैने बुक कर ली । जिसमे स्विमिंग पूल से ले कर शराब खाने तक सारे सौकिन पूरे करने के लिए इंतेजामात थी ।
वैशाली खाली चट्ट देख कर बोल " यहां तो कोई नही हे । मुझे लगा आपने छोटी मोटी गेडरिंग रखा हे"
में उसकी कमर पकड़ कर अपनी तरफ खीच कर उसकी रसीली होठों को चूस कर बोला " में क्या किसी छोटी मोटी गेडरिंग से कम हूं । जमाने में पेहेल वान में भी हुआ करता था मेरी मजूदगी में लोगो की भीड़ लगती थी । समझ लो आज भी भीड़ लगी हुई हे पर लोग आज अदृश्य है"
वैशाली मुस्कुरा के बोली " आपके इरादे नेक नहीं लग रहे हे । बता रही हूं अगर मेरे साथ कुछ गलत हुआ देखना आप "
" में आया था तुम्हारी मूड ठीक करने और तुमको येहा ले आया ताकि तुम फ्रेश फील करो और तुम । एक परिंदा भी नही हे ईहां "
तभी दो वेटर आ गए और दोनो ने एक बड़ा ट्रॉली टेबल पर ढेरो खाने की डिश ले कर आए थे । और उनको में मोती टिप दे कर बोलता हूं की हम खुद सर्व कर लेंगे । और वो दोनो चले जाते हे ।
वैशाली डिश की हर ढक्कन को उठा कर देखती हे और में तब तक दो ड्रिंक बना कर लाता हूं । वैशाली खुश हो कर कहती हे " वाओ। चाइनीज से लेकर इटालियन डिश तक 24 डिश । कभी सोचा नही था इस होटल में इतना कुछ मिलता हे "
" अरे वो लोग भी कौनसा अपने होटल में बनाया हे। एक दो के अलावा सारे किसी बाहर से इंपोर्ट कर के पड़ोस दिया हे । ठीक से देखो किसी ना किसी डिश में अपने होटल की नाम जरूर मिलेगा "
हम दोनो ड्रिंक्स के साथ खाना खाने लगे । वैशाली खुश थी । में मन में सोच रहा था की दो चार पेक इसे टिकना पड़ेगा। और बार बार सुइमिंग पूल की तरफ देख रहा था और सोच रहा था ये काला सांड मर तो नही गया पानी में कोई हल चल नही हो रहा हे । क्यू की इदरीश पानी में ही छुपा था ऑक्सीजन टैंक ले कर ।
एक दिन में वैशाली से बोला " वैशू मेरी जान अब तो मान जाओ "
वैशाली थोड़ी गुस्सा दिखा के जवाब देती हे " फिर से आप उसी खजूर की पेड़ पे चढ़ने की कशिश कर रहे हे । कह देती हूं अगर इस बार आपने मुझे भटकाया और आपकी बहकाने से में अगर बहक गई तो बुरा होगा जो मर्जी करूंगी और आप कुछ नही कर पाएंगे "
" अरे मेरी वैशू । तुम समझती क्यू नही बस सिर्फ उस समय के लिए ही किसी और का सहारा लेना हे । बाकी जिंदगी तो जैसे चल रहा है वैसे ही चलेगा ना "
वैशाली कमर पर हाथ रख कर कहती हे " एक बात बताओ आप । ठीक हे एक बार के लिए में मान लिया आपकी बात । तो क्या उस समय के लिए आप मुझपे किसी को भी मेरे ऊपर चढ़ा देंगे । में क्या कोई कोठी की व्यश्या हूं जो हर किसी के साथ कंफर्टेबल हो जाऊं। अरे उस शख्स को में जानना चाहूंगा उससे दोस्ती कर उससे मिलके उसके पहले कंफर्टेबल होना पड़ेगा ना फिर अगर मुझे छुएगा तभी तो में कर पाऊंगी । मुझमें क्या स्वुईच लगा हे दबा दिया तो में ऑन हो गई । जिसके साथ एक बार दोस्ती हुई थी उसके साठ तो आपने मिलना ही बंद करवा दिया "
में गहरी सांस ले कर बोला " ओह तो तुम्हे एक्सी चाहिए "
" नही। कुछ ज्यादा ही पीछे पड़ गया था में भी उसे छोड़ना ही चाहती थी । अच्छा हुआ आप उसका नाम मत लो । और ये सब छोड़ दो आप । आइए खाना खा लीजिए "
" वैशू इदरीश को भी तो तुम अच्छे से जानती ही हो । क्या बुराई हे उसमे काला हे तो उसकी त्वचा गंदा हे ऐसा नही हे। "
" आप ना । चलो जाने दो आपको समझा के फायदा । खाना खाओ आप " वैशाली मेरी थाली में खाना पड़ोचने लगी ।
में मुस्कुराता हुआ मजाक में बोला " देखना एक उसकी 10 इंच लन्ड से तेरी बूर चुदवाऊंगा। "
वैशाली हस पड़ती हे " जुबान तो देखो आपकी । अपनी बीवी के बारे में ऐसी बाते करते हो "
तो ऐसे ही हमारा चोटी मोती जगरा चलता ही रहता था । उधर साला इदरीश भी वैशाली की खयाल अपने दिमाग से निकाल नही पा रहा था एक दिन मेरे मिल के कहता हे " है बॉस कुछ करिए । भाभीजी को माना लीजिए एक बार ",
वैसे तो में भी उसका खयाल भूल चुका था जब वैशाली को वो पसंद ही नही तो क्यू उसके बारे में सोचना । लेकिन जब इदरीश फिर एक बार मेरे पास आया तो मैंने भी फिर से सोचने लगा लेकिन कैसे ।
और सोचा कि ऐसे तो वैशाली कभी नही मानेगा तो में इदरीश से बोला की ", वोही पुराना तरकीब आजमाते हे"
तो इदरीश बोला " बगीरा ऐसे जबरदस्ती करना अच्छा नही लगता हे "
", तो इदरीश तू ही बता क्या किया जाए "
उसके चेहरे पर देख कर जाना की उसके पास भी कोई उपाय नहीं है। तो में बोला " काल संडे हे में वैशाली को किसी होटल में ले जाऊंगा तुम्हे एड्रेस और टाइम मैसेज कर दूंगा "
में घर जाता हूं और सारा प्लान बनाता हूं । अगले दिन शाम को में वैशाली से कहता हूं " वैशू आज हम होटल में रुकेंगे । पार्टी करेंगे "
" ठीक हे में बच्चो को तैयार होने कहती हूं "
" नही सिर्फ तुम और में । जाओ तैयार हो जाओ "
" ऐसे बच्चो को अकेला छोड़ के कोन पार्टी करने जाता हे "
" अरे वो छोटे थोरी हे। एक दिन रह लगा । जाओ तैयार हो जाओ "
वैशाली भी तैयार होने जाती हे में पहले से ही तैयार था और गाड़ी पर बैठ कर इंतजार कर रहा था । कुची देर में वैशाली पार्टी ड्रेस चमकीली भड़कीली पारदर्शी सारी ब्लाउज पहन के आई ।
हम होटल की तरफ बड़े और कुची देर में होटल पोहोच गए । होटल की पूरी चट्ट मैने बुक कर ली । जिसमे स्विमिंग पूल से ले कर शराब खाने तक सारे सौकिन पूरे करने के लिए इंतेजामात थी ।
वैशाली खाली चट्ट देख कर बोल " यहां तो कोई नही हे । मुझे लगा आपने छोटी मोटी गेडरिंग रखा हे"
में उसकी कमर पकड़ कर अपनी तरफ खीच कर उसकी रसीली होठों को चूस कर बोला " में क्या किसी छोटी मोटी गेडरिंग से कम हूं । जमाने में पेहेल वान में भी हुआ करता था मेरी मजूदगी में लोगो की भीड़ लगती थी । समझ लो आज भी भीड़ लगी हुई हे पर लोग आज अदृश्य है"
वैशाली मुस्कुरा के बोली " आपके इरादे नेक नहीं लग रहे हे । बता रही हूं अगर मेरे साथ कुछ गलत हुआ देखना आप "
" में आया था तुम्हारी मूड ठीक करने और तुमको येहा ले आया ताकि तुम फ्रेश फील करो और तुम । एक परिंदा भी नही हे ईहां "
तभी दो वेटर आ गए और दोनो ने एक बड़ा ट्रॉली टेबल पर ढेरो खाने की डिश ले कर आए थे । और उनको में मोती टिप दे कर बोलता हूं की हम खुद सर्व कर लेंगे । और वो दोनो चले जाते हे ।
वैशाली डिश की हर ढक्कन को उठा कर देखती हे और में तब तक दो ड्रिंक बना कर लाता हूं । वैशाली खुश हो कर कहती हे " वाओ। चाइनीज से लेकर इटालियन डिश तक 24 डिश । कभी सोचा नही था इस होटल में इतना कुछ मिलता हे "
" अरे वो लोग भी कौनसा अपने होटल में बनाया हे। एक दो के अलावा सारे किसी बाहर से इंपोर्ट कर के पड़ोस दिया हे । ठीक से देखो किसी ना किसी डिश में अपने होटल की नाम जरूर मिलेगा "
हम दोनो ड्रिंक्स के साथ खाना खाने लगे । वैशाली खुश थी । में मन में सोच रहा था की दो चार पेक इसे टिकना पड़ेगा। और बार बार सुइमिंग पूल की तरफ देख रहा था और सोच रहा था ये काला सांड मर तो नही गया पानी में कोई हल चल नही हो रहा हे । क्यू की इदरीश पानी में ही छुपा था ऑक्सीजन टैंक ले कर ।