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Adultery स्लीपर बस में मां के साथ एक सफर (complete)
#13
रोशन अंकल हरी झंडी दिखाते ही मम्मी की सर दोनो हाथों से पकड़ कर ताकतवर धक्के लगाने लगे । रोशन अंकल की मुंह से हेन्हह्ह हेन्हह्ह्ह कर के हाफने की आवाज निकलने लगे ।



मम्मी की आखों से आसू बेह आई लेकिन उसकी आखों में भी मस्ती कामुकता और रोशन अंकल के हर धक्के पर सर की ऊपर की धक्का खाती हुई " एन्ह्ह्ह । एन्ह्ह्ह ।एन्ह्ह्ह ।एन्ह्ह्ह । " कर के दबी दबी आवाज निकाल रही थी ।



में सोचने लगा की क्या चूदाई हे मन ही मन रोशन अंकल का फैन हो गया में ।



कुछ देर में रोशन अंकल थक हार कर रुक गए । मम्मी तुरंत बोली ", करते रहिए नाहहह । में आ रही हूं "



" गुड़िया मेरी तारीफ करो " रोशन अंकल जोश में आ गए । अगर औरत चाह रही है और वो थक जाए तो इससे बड़ा मर्दानगी की अपमान क्या हो सकता है । तो रोशन अंकल पूरे जोश में थे अब और हामुस हामूस कर धक्के लगाने लगे ।


मम्मी की चूत इतनी गीली थी की गीलेपन की आवाज गूंज उठी और मम्मी की सिसकारियां । मम्मी आनंद में सर पटक पटक के जवाब दे रही थी और अंकल को उकसा रही थी " हान्हह रोशन जी । हा ऐसे ही उह्ह्ह्ह्ह । रोशन जी आप
। आप आआह्ह । आप शेर हे उहहहह। करिए रोशन जी उफ्फ । आई लगी लगी । ओह  । निकल लीजिए ओह "



मम्मी एक दम से रो पड़ी । तो तुरंत राशन अंकल ने अपना लन्ड निकाल लिया और बोला " क्या हुआ गुड़िया "


मम्मी कराहती हुई मसलती हुई बोली " उफ्फ अंदर लग गई "



" ओह सॉरी गुड़िया । तुम कमर हिला रही थी तो वो में भी टेढ़ा हो गया था तो उसी से सक्कर में लग गई तुम्हे । सॉरी हा गुड़िया "


मम्मी काफी खुल चुकी थी और बोली " आप भी ना क्यू निकाल लिए करते रहते मेरा मूड चला गया "



" तुम ना गुड़िया अंदर से बोहोत चुदासी हो "

मम्मी शर्मा के बोली " 5 सालों से नही किया । आपने भड़का दिया हे। "


रोशन अंकल मुस्कुराते हुए फिर मम्मी को बाहों में भर के चोदने लगे और मम्मी भी मूड में आ गई और झाड़ गई और अंकल ने भी जैसे रोक रखा था ।वो भी झड़ गए और दोनो एक दूसरे से प्यार करने लगे चूम कर सेहला कर एक दूसरे की बदन को ।




और में बापाच बास से नीचे आया । जब बास ने हॉर्न बजाई तो में बास पर चढ़ गया । दोनो अपने कपरे पहने हुए बात कर रहे थे जब में केबिन में घुसा । और मेंने खाने का पैकेट दिया तो दोनो ने खाया ।




शाम तक हम हमारे मंजिल पोहौच गए । मम्मी और अंकल की आखों में पिछड़ने का गम साफ दिखाई दे रहा था। अंकल अपने ससुराल गए और हम अपनी यानी मम्मी की मायके ।



दोनो मामा मार काट पर उतर आए थे । मम्मी ने दोनो मामा को मुश्किल से संभाला । नाना नानी नही है दोनो मनाओ के बीच सुलाह करवाने और बटवारा करवाने में हमे 10 दिन लगे । और हम घर लौटे ।




घर लौट कर मेरी किस्मत सही में खुल गई । रोशन अंकल ने सही में वैसा ही किया मेरे बाबा से बात की नैना और मेरी शादी की । और हम दोनो की सगाई हो गए । पर मैंने फिर भी  रोशन अंकल से और एक चीज मांगा की हम अभी शादी नहीं कर सकते क्यू की पढ़ाई और नौकरी ये सब सेटल होने तीन चार लगने थे तो मैने रोशन अंकल से बात की हमारी कोर्ट में रेसिस्ट्री कर के रख दे । और रोशन अंकल ने वैसा ही किया । नैना और में खुश थे । अब हम बेफिक्र मिलना जुलना घूमना फिरना।  कभी कभी अंकल ko पता चल जाता था की मैं नैना के कमरे me हूं लेकिन वो नजर अंदाज कर देते थे । तो वेहर हाल में खुश था ।






समाप्त
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RE: स्लीपर बस में मां के साथ एक सफर (complete) - by Youngsters - 24-12-2022, 11:05 PM



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